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Thanks...सुगना का व्यक्तित्व सच में अनोखा है ...Thanks welcome to storyसरयू सिंह का समाचार जानकर दुख ही होगा... हाथ आई सोनी से छिटक कर दूर हो चुकी थी.. अब तो सरयू सिंह भगवान से क्या मांग रहे थे यह स्पष्ट न था।थैंक्स फॉर योर एनकोरेजिंग वर्ड्स
Thanks it was not the mile stone but to find readers like you...Thanks..थैंक्स sureयही देखना हैThanksThanksThanksThanksWith readers like u every thing is lossibleThanksथैंक्सशुक्रियाये क्या है भाई रक्त प्रदरथैंक्सThnaksThanksनाइस पिक्सवाहThanksमैं कौन होता...
भाग 114अगली सुबह सुगना और सोनू को जौनपुर जाना था…सुगना, सोनू और जौनपुर का वह घर जिसे सुगना को स्वयं अपने हाथों से सजाना था…. नियति अपनी व्यूह रचना में लग गई…अजब विडंबना थी। सोनू अपने इष्ट से सुगना को मांग रहा था और लाली सोनू को और सबकी प्यारी सुगना को और कुछ नहीं चाहिए था सिर्फ वह सोनू के...
आप सभी पाठकों को बहुत-बहुत धन्यवाद जिनके सतत सहयोग एवं प्रोत्साहन से यह कहानी अंजाम तक पहुंची है इसी खुशी में अगला अपडेट कल सुबह सुबह आ जाएगा जुड़े रहे और साथ बनाए रखें
Dhnyavaad par ऐसा कतई नहीं है। पाठक और उनकी प्रतिक्रियाएं कहानी की जान होती है सुगना की तरह..
इसी तरह अपने सुझाव देते रहें...धन्यबाद पर कोई तो था जो उसका ध्यान रख रहा था...Thanks
अब शरीर सिंह सोनी का इंतजार कर रहे हैं उन्हें पदमा और कजरी के चक्कर में न उलझाएंआप सभी पाठकों को कहानी से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद।सुगना की कुछ काल्पनिक तस्वीरें डालकर माहौल गरम रखिए करते रहिए धन्यवाद
धन्यवादधन्यवादThanksThanksअपडेट संख्या बढ़ाने और घटाने का मेरा कोई उद्देश्य नहीं है मुझे भी कभी-कभी इस कहानी को आगे बढ़ाना अच्छा लगता है और अपडेट पूरा होते ही उसे पोस्ट कर देता हूं ताकि आप जैसे पाठकों को आनंदित रख सकूं जुड़ने और जुड़े रहने के लिए धन्यवादThank youthank youthank you...
सोनू और सुगना का मिलन तपती प्यासी धरा पर पहली बारिश जैसा हो ऐसी मेरी कामना है। उस मिलन की सोंधी सोंधी खुशबू फिजा में एक नशा सा घोल दे....मन मयूर नाच उठे और..... आह..... सुगना की मादक कराह गूंज उठे
Thanksभाई अगला एपिसोड भी आ गया हैThanks for your words...i hope by the end of the story you will be able to understand पूर्वांचलीथैंक्सThanksसुगना और सोनू......बस यही कहूंगा।आह तनी धीरे से........आपको मेरी लिखी हुई लाइने पसंद आए धन्यवाद...
सच कह रहे हैं धमाल और बवाल साथ साथ ही चलते हैंThank uThank uआपको अपडेट पसंद आया धन्यवाद लाली का ख्याल जरूर रखा जाएगा परंतु अभी तो हर तरफ सुगना ही छाई हैSugna aur Sonu ka Milan और अब मैं स्वयं आतुर हूं उस दृश्य को प्रस्तुत करने के लिए परंतु इंतजार मुझे भी है और आप सब को भी।धन्यवाद खेल...
भाग 113यह महज संजोग था या नियति की चाल…उधर बनारस में रेडिएंट होटल के तीन कमरे सुगना और सरयू सिंह के परिवार के लिए सजाए जा रहे थे उनमें से एक वही कमरा था जिसमें सरयू सिंह ने बनारस महोत्सव के आखिरी दिन सुगना को जमकर चोदा था …. यह कमरा सुगना और उसके परिवार के लिए अहम होने वाला था…अब आगे…...
Thanks for your feedback sentSentThanksHow manu updates....please post few इमेजिनेशन इन डायरेक्ट मैसेज सो that I can write it in my own way...This is invitation to all.
Mitra पूरा नही पाया है...SentWelcome after long intervalWelcome and thanksआपने सही सोचा है सुगना सचमुच ऐसी ही होगीSone ki Aag abhi sulag rahi hai waqt aane per vah aur failegi aur tab ek majbut land se prachur Matra mein Nikal Raha virya uski Agni bujha payega dekhiae vah Sahyog kab...
Thanks .. सोनी ने यह तो एहसाह कर ही लिया कि सरयू सिंह की जांघों के बीच उभार कुछ ज्यादा ही था पर वास्तविक लंड की लंबाई और उसके असर का अंदाजा अभी उसे न था...समय आने पर सोनी की लालसा और बढ़ेगी तब सरयू सिंह का सपना का होगा...धीरज रखे और वर्तमान का आनन्द ले... भविष्य को उसके गर्भ में ही रहने दें ...