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सर,
बहुत ही जबरदस्त अपडेट दिये है आज का।
तीन प्रेम जोडियो में से एक जोड़ी टूट गयी 💔
अब वीर अपने बाप के खिलाफ खुलकर लड़ेगा।
विश्व को अब सामने से साथ देने वाला साथी मिलेगा।
सेनापति जी अपने पिता होने का फर्ज अदा कर करे हैं।
लवली जी,
मध्यांतर भाग को प्रस्तुत किये काफी समय हो गया अब कहानी को आगे ले चलने का समय है। ज्यादा समयान्तर होने पर कुछ पाठक कम होने लगते है।
कृपया करके जल्द अपडेट के लिए आए आप।
लवली सर, नमस्कार
आपकी कहानी आह तनी धीरे से ....... दुखाता को फोरम द्वारा हटा दिया गया यह आप और हम पाठको के साथ बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
क्या आप अंतिम अपडेट के बाद कहानी का सारांश बताकर कहानी को कोई और नाम देकर शुरू नहीं कर सकते है?
अब सुगना को किसी तरह यह मालूम हो जाना चाहिए कि वो सरयू सिंह और पदमा की बेटी है और उसका भाई सोनू पदमा के पति और पदमा का बेटा। उनकी माँ एक है, पिता अलग
जिससे सुगना खुल कर सोनू पर अपना प्यार लुटा सके।
जौनपुर में सोनू सुगना के अद्भुत मिलान की राह हम सभी पाठकगण बेसब्री से कर रहें हैं बाक़ी नियति जाने क्या रच रही है।
उधर सोनी वापस अपने गांव आयी है बस वो किसी तरह सुगना के घर जाए कजरी/सरयू की सेवा करने और सरयू जी उसे मोटा केला खिला के वापस भेजें।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
वीर ने तो अपनी स्तिथि स्पष्ट कर दी, रूप का अबे वाले दिनों में पता चलेगा, शुभ्रा स्वयं और विक्रम को भी इसमें शामिल कर लेगी फिर तो राजा साहेब की लग गई
बहुत ही सुंदर
राजू से अपना जाल फेंका और चारा देख शिकार फंस गया उम्मीद है कि राजू को अपना पहला गांड चुदाई का अनुभव किसी उम्रदराज महिला से मिले फिर वो अपने बुआ की भी ले जमकर।
झूमरी से भी उसका प्रेम मिलाप आगे जाए अब