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    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    खाना खाते वक्त रविकुमार ने सुरज से कहा कि आज रात की तुम्हे खेतों में पानी देने जाना है में आज दिनभर बैलगाड़ी चलाकर थक गया हूँ नहीं तो में ही चला जाता ( दरअसल रविकुमार को रात भर अपनी बीवी की चूदाई करके अपनी थकान मिटानी थी,,, इसी वजह से वह सुरज को जाने के लिए बोला,,)सुरज जो आज रात भर अपनी मौसी...
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    दूसरी तरफ सुरज दोपहर के समय अपने घर पहुंचा तो उसे बड़े जोरों की भूख लगी हुई थी,,,,,,,घर पर उसकी मामी और मौसी दोनों थी उसकी मामी अपने कमरे में आराम कर रही थी,,, और उसकी मौसी खाना खा रही थी,,, अपनी मौसी को खाना खाते हुए देखकर सुरज बोला,,,)क्या मौसी अकेले अकेले खा रही हो मुझे तो बुला ली...
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    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    रात भर की जबरदस्त घमासान चुदाई के बाद संभोग के प्रकरण के शुरुआती दौर से गुजर रही मंजू अपने भतीजे के लिए उनके जबरजस्त प्रहार को तो जेल गई थी लेकिन उसकी चाल में बदलाव आ गया था वह हल्के हल्के लंगड़ा कर चल रही थी झाड़ू लगाते समय,,,, वह धीरे-धीरे अपना पांव रख रही थी यह देख कर उसकी भाभी बोली,,,।...
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    धीरे-धीरे रात गहराने लगी खाना खाकर रूपाली और उसका पति रविकुमार अपने कमरे में चले गए,,, मंजू और सुरज दोनों बाहर बैठे हुए थे,,,, दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि अभी दोनों की प्यास बुझी नहीं थी अभी तो सिर्फ एक ही रात बीती थी अभी तो शुरुआत थी सुरज को मालूम था कि आज भी उसे मौसी की बुर चोदने...
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    कजरी के अरमान मचल रहे हैं उसे अपनी जवानी पर अपनी खूबसूरती पर अपनी खूबसूरत बदन पर पूरा विश्वास था कि वह अपनी खूबसूरती यौवन के जाल मे सुरज को पूरी तरह से फंसा लेगी ,,वह सुरज को अपनी हुस्न का जादू दिखा कर उसे अपने आकर्षण में बांध लेना चाहती थी और उसे पूरी तरह से विश्वास था कि वह जैसा चाहती है वैसा...
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    कजरी बला की खूबसूरत औरत थी,,, कामुकता उसके बदन के हर एक अंग से टपकती रहती थी,,, एकदम गोरी चिकनी मांसल देह वाले बदन का हर एक कटाव मर्दों के टांगों के बीच की हालत खराब कर दे इस तरह से बनी हुई थी,,, नितंबों का घेराव गजब का आकर्षण बांधा हुआ था,,, कसी हुई साड़ी में उसके गोलाकार नितंब बेहद आकर्षक लगते...
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    रात भर की कामुकता से भरी हुई अद्भुत संभोग क्रीडा से थक कर दोनों गहरी नींद में सो गए और सुबह जब नींद के लिए तो दोनों एकदम से हड़बड़ा गए क्योंकि काफी समय हो गया था इसलिए रूपाली दरवाजे को खटखटा रही थी,,,। दरवाजा खटखटाने की आवाज से कब दोनों की नींद खुली तो दोनों अपनी अपनी स्थिति से वाकिफ होते ही...
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    लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, कमरे के अंदर सुरज बिना कपड़ों के एकदम नंगा खड़ा था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,, ठीक उसके सामने जवानी से भरपूर मंजू खड़ी थी कमर के,,, उपर पूरी तरह से नंगी,,, जिसे देख कर ही सुरज के मुंह में पानी आ रहा था,,,,, मंजू को इस हाल...
  9. D

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    बेहद अद्भुत और अतुल नजारा था जिसके बारे में कभी सुरज ने हीं और ना ही कभी मंजू ने कल्पना की थी,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्मामी चला जा रहा था,,,गर्मी का महीना चल रहा है लोग अपने अपने घरों में चैन की नींद सो रहे थे,,, लेकिन रविकुमार के घर में उसके परिवार में किसी को भी नींद नहीं आ रही थी एक कमरे...
  10. D

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    पल-पल सुरज के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी,,, सुरज कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह से अपने मामा मामी के संभोग की क्रिया देखने को मिलती रहेगी,,,,। कुछ दिनों में ही सुरज का दिन बदलने लगा था उसके ख्याल बदलने लगे थे औरतों को देखने का नजरिया बदलने लगा था,,, यह सब जवानी के जोश का ही करामत...
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    सुरज का दिल जोरों से धड़क रहा था एक बार फिर उसे अपनी मामी और अपने मामा की चुदाई जो दीखने वाली थी,,,एक बार फिर से वहां अपने मामा का लंड अपनी मामी की बुर में अंदर बाहर होता हुआ देखने जा रहा था,,, खटिया पर सोते हुए अपनी मौसी की गांड पर हाथ रखने के ख्याल से ही उसका लंड खड़ा हो चुका था,,,, और कमरे के...
  12. D

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    रूपाली का काम में मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, जो कुछ भी हुआ था उसका अंदाजा भी रूपाली को बिल्कुल भी नहीं था अनजाने में ही आज उसने अपने आपको अपने ही भांजे के द्वारा उत्तेजना अवस्था में पाकर शर्म से पानी पानी हो रही थी उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि कुछ देर पहले जो कुछ भी हुआ था वह हकीकत था या...
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    सुरज ने अपनी आंखों से जो कुछ भी देखा था उसका गहरा प्रभाव उसके कोमल मन पर पड़ा था,,,, अब वह अपनी मामी को एक मां की तरह नहीं बल्कि एक औरत की तरह देखने लगा था,,, हर औरत को वह अपने अलग नजरिए से देख रहा था पहले औरतों को वहां इज्जत और सम्मान के नजरिए से देखता था हालांकि सम्मान अभी भी वह करता ही था...
  14. D

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    सुरज का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि कुछ ही देर में उसे उसकी मामी की खूबसूरत गांड के दर्शन जो होने वाले थे,,सुरज अपने अंदर अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रहा था इतना ज्यादा उत्तेजना तो उसे सुधियां काकी को चोदते समय भी नहीं महसूस हुआ था जितना कि सिर्फ अपनी मामी को नंगी देखकर वह महसूस कर रहा...
  15. D

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    रात को सभी ने खाना खाया और जलेबी का लुफ्त उठाया,, और सभी सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए,, रात को अचानक सुरज की नींद खुल गई लालटेन की रोशनी पूरे कमरे में उजाला दे रहा था सुरज उठकर पानी पिया और वापस खटिया पर बैठकर सोने ही वाला था कि उसका ध्यान उस दिन की बात पर चला गया जब उसकी नींद ऐसे ही...
  16. D

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    सुरज कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी जिंदगी में इस तरह से बहार आएगी,,, सुधियां काकी इस तरह से तन और मन से आत्मसमर्पण कर देगी इस बारे में उसे कभी अंदाजा नहीं था वह अपने मन में यह सोच रहा था कि उसके दोस्त लोग सही कह रहे थे कि सुधियां काकी उसका लंड लेना चाहती है,,, तभी तो उसे से हंस हंस कर बात...
  17. D

    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    सुधियां काकी का दिल जोरों से धड़क रहा था उन्हें इस बात का डर था कि कहीं उसकी बहू ने सब कुछ देख तो नहीं लिया लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था सुधियां काकी की बहू नीलम उसे ढूंढते हुए खेतों के बीच पहुंच तो गई थी लेकिन वह अपनी आंखों से ऐसा कुछ भी नहीं देखी थी जिससे उसके मन में शंका हो,,,,, अपनी बहू नीलम...
  18. D

    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    सुधियां काकी की हालत को देखकर सुरज को लग रहा था कि सुधियां काकी को बहुत दर्द कर रहा है और वैसे भी चींटी के काटने के दर्द से वह अनजान नहीं था वह अच्छे से जानता था कि जिस जगह पर चींटी काटती है तो थोड़ा उस जगह जलन भी करती है और सूज भी जाती है,,,। इसलिए सुरज को भी चिंता हो रही थी,,,, सुरज के मन में...
  19. D

    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    सुरज को ऐसे तो कोई भी काम नहीं था बस वह एक बहाना बनाया था सुधियां काकी से मिलने के लिए,,,, और उसका यह बहाना कामयाब भी हो चुका,,,,एक औरत से इस तरह से मिलने कि सुरज में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं होती थी,,, लेकिन जब से वहां सुधियां काकी के अंगों को अपनी जवान और उत्सुक आंखों से टटोला था और अपनी खूबसूरत...
  20. D

    Incest गांव की कहानी ( कॉपी )

    रविकुमार बैलगाड़ी को हांक कर सीधे रेलवे स्टेशन पर ही खड़ा हुआ,,,बेल गाड़ी पर बैठ कर आया था लेकिन फिर भी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि वह इस कदर अपनी बहन की मस्ताई चुचियों को प्यासी नजरों से देख रहा था,,,,रविकुमार अपने मन में सोच कर हैरान हो रहा था कि...
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