ग़तांक से आगे ____________________________________
_____________________________________
सुबह सुबह जब मेरी आंख खुली तो मै मम्मी के कहने के अनुसार मै रोज जल्दी उठने के बारे में मै सोच रहा था ,लेकिन पेशाब करके दोबारा आकर बिस्तर पे लेट गया , समय करीब 5 बजे का होगा , जब आकर लेता तो देखा कि मम्मी ने अपने दोनों पैर फैला रखे है ,मैने सोचा लाओ मम्मी की बुर की हालत देख लेते हैं , फिर मैने लाइट ऑन की थोड़ा सा कम्बल मम्मी के पैर से हटाया देखा तो मम्मी की बुर की जगह पर बुर और लन्ड के पानी के दाग लगे हैं ,मैने देखने के बाद लाइट बंद कर दी और वापस आकर मम्मी के पास लेट गया ।फिर मैने मम्मी को आवाज दी , मम्मी मम्मी उठो न देखो 5 बज रहे हैं ,फिर मम्मी ने ऊंह हूं,करके मुझे पकड़ लिया और आधी नींद में बोली क्या करना है उठकर अभी बहुत टाइम है ,अभी थोड़ा सा और सो लो।
फिर मुझे पकड़कर लेट गई और अपनी टांग मेरे ऊपर रख दी ,मैने भी मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और उनके गालों को सूंघने लगा , क्या मस्त खुश्बू थी गालों की शायद रात की लिपिस्टिक की भी खुश्बू आ रही थी ।
मेरा मम्मी के गाल पर मुंह से सुंघना मम्मी को अच्छा लग रहा था ।
मम्मी भी अपने सर को हिला हिलाकर इधर उधर अपने गालों को सुंघा रहीं थी मुझे ,फिर मैने अपनी जीभ को हल्के से बाहर निकाला और मम्मी के गालों पर फिराने लगा ,इससे मम्मी ने मुझे और कसकर पकड़ लिया और मेरी जीभ पर अपने गाल को रगड़ने लगी मै भी पूरी मस्ती से मम्मी के गालों को चाट रहा था जैसे कोई कुत्ता चाटता है ।
फिर मम्मी ने कहा _ क्या खा ही जाओगे इन्हें ?
मैने मम्मी के कान के पास अपना मुंह ले जाकर कहा _ मन तो बहुत कर रहा है खाने का ,क्या करूं , आप ही बता दो ?
मम्मी ने लंबी सांस लेकर कहा _ मना नहीं कर रही हूँ पर इन्हें खाने से पेट भर जाएगा ये बताओ ?
मै_ तो फिर किससे पेट भरेगा ?
मम्मी _ इसके अलावा भी बहुत चीजे हैं खाने की ।
मै_ खाने की चीजें तो बहुत हैं पर मुझे अपनी मम्मी ही चाहिए ,खाने के लिए , आपकी हर चीज रस से भरी हुई है ,जहां भी जीभ लगा दो रस निकलने लगता है।
(इतना सुनते ही मम्मी ने अपनी कमर को मेरे लन्ड पर धकेल दिया और , आह ! करके बोली, सब खिला दूंगी धीरे धीरे चिंता मत करो)
मै_ मम्मी जब आप खिलाओगी तब मै भी आपको खिलाऊंगा ,जैसे आपने मुझे रबड़ी खिलाई थी, रबड़ी को तो आपने हाथ से खिलाया अब अगर आप कभी बनाओ तो मुझे बिना हाथ लगाए खिलाना ।
मम्मी _ बिना हाथ लगाए कैसे खिला सकती हूं,?
मै_ सब खिला सकती हो ,मैने तो सुना है औरतें बिना हाथ लगाए आदमी को दूध पिला सकती हैं ,तो रबड़ी क्यों नहीं खिला सकती।
मम्मी को शायद मेरी बात समझ में आ गई और बोली हां बात तो सही है तुम्हारी ,कोई नहीं जिस दिन बनाऊंगी उस दिन बिना हाथ लगाए ही खिलाऊंगी लेकिन उस दिन तुम खा नहीं पाओगे सिर्फ चाट सकते हो
मै_ कोई बात नहीं मम्मी मै चाटने के लिए तैयार हूं ,आप जैसे भी चटवाए।
मम्मी ने इतना सुनते ही मुझे कस के पकड़ा और में गालों पर किस कि बरसात शुरू कर दी मै भी कहां पीछे रहने वाला था मैने भी मम्मी के गालों पर और कभी कभी होठ पर किस करनी शुरू कर दी ।
फिर करीब 15 मिनट बाद मम्मी उठने के लिए हुई तो मैने उन्हें पकड़ कर कहा अभी कहां जा रही हो थोड़ी देर और रुक जाओ न, इस पर मम्मी बोली पूरे दिन रात तुम्हारे साथ रहती हूं और तुम्हारे ही साथ सोती हूं ,अभी घर का काम काज कर लेने दो बाकी का बाद में करना जो करना हो।
मै_ बाकी का आप करने ही कहां देती हो ?
मम्मी _ मेरे आंखों में देखकर बोली, मैने मन कब किया है बाकी का काम करने के लिया ,जब मन हो तब कर लेना ,मै हमेशा तुम्हारे लिए तैयार हूं ।
मैने मम्मी के होठों पर हल्के से किस किया और दोनों हाथों से हल्के से उनके दूधो को दबा दिया , फिर मम्मी उठकर अपने घर की साफ सफाई में लग गई।
(मम्मी झाड़ू लगाते हुए , अपनी मोटी गांड़ को दिखाते हुए)
(मम्मी पोछा लगते हुए कमरे में)

फिर आधे घंटे तक मै ऐसे की मम्मी को कम करते करते देखकर अपने लन्ड को सहलाने लगा ,कभी उनके दोनों दूध देखता कभी उनकी मोटी मस्त गांड़ जो झुकने पर दिखाई देती, जब भी मम्मी उठती तो उनकी सलवार और सूट उनकी गांड़ को दरार में घुस जाता ।
ये सब देखकर मै अपने लन्ड को बहुत मस्ती में हिला रहा था कम्बल के अंदर ,मुझे ये तक पता नहीं रहा कि मै हिला किसको देख कर रहा हूं ,और मेरा कंबल है कहां , मतलब कंबल कब ऊपर से हट गया पता ही नहीं चला और मैं लगातार अपने लन्ड को हाथ में लेकर आंख बंद किए हुए मम्मी के बारे में सोचकर अपने लन्ड को सहलाए जा रहा था ।

मम्मी पता नहीं ये सब कबसे देख रही थी , और मैं अपनी मस्ती में खोया हुआ था ।
फिर मम्मी को लगा जैसे कि मेरा निकलने वाला है क्योंकि मेरे हाथों की स्पीड तेज होने लगी थी ,तभी मम्मी ने मुझे आवाज दी और मैं चौक कर उठा ,देखा तो मेरा कंबल अलग पड़ा है और मेरा लन्ड मेरे हाथ में है ,मैने उसी वक्त मम्मी को आवाज दी हां मम्मी,क्या हुआ ?
मम्मी _ हुआ कुछ नहीं ,अगर फ्री हो गए हो तो बाहर आ जाओ , कमरे से ।
मै_ हां मम्मी आ रहा हूं ।।
फिर मै कमरे से बाहर आया ,तो मम्मी बाहर बरामदे में खड़ी थी और मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी, कभी कभी वो मेरे लैंड के ऊपर भी नजर डाल देती थी ,पर मै तो जैसे अंजान था मुझे लगा मम्मी को क्या पता मैने क्या किया है?
फिर मम्मी बोली अपनी सेहत का ख्याल रखा करो , थोड़ा बहुत बाहर भी घूम किया करो ,सुबह सुबह अच्छा लगता है ,फिर मैने अपने कपड़े पहने और घर से बाहर घूमने के लिए जाने लगा ।
_____________________________________________
#दूसरे अध्याय के कुछ पल#
_____________________________________________
जैसे ही मै घर से बाहर निकला तो देखा कि मेरी पड़ोस वाली मेरी मौसेरी बहन कह लो या भाभी कह लो ,लेकिन रिश्ते में तो पहले बहन ही है ,भाभी बाद में बनी , दरवाजे पर खड़ी थी जैसे मेरे आने के ही इंतजार कर रही हो ।
फिर मुझे देखकर थोड़ा मुस्कुराई बदले में मै भी हल्के से मुस्कुरा दिया ,आज पता नहीं कैसे उसने मुझसे कह ही दिया_कहां चल दिए सुबह सुबह।
मै_ बस सड़क को तरफ घूमने जा रहा हूं ।
बहन_ मुस्कुरा कर बोली , कभी कभी छत पर भी घूम किया करो।
मै_ मुस्कुरा के चला गया , मैने सोचा एक बार पीछे मुड़कर देखूं है या अंदर चली गई ,वही हुआ जो कई सोच रहा था , वो अब भी वही खड़ी थी शायद उसे पता था कि मैं उसे मुड़कर जरूर देखूंगा , फिर उसने हाथ से बाय का इशारा किया और अपने दोनों हाथों को मोड़कर अपने सर पर रख किया , उसका ये रूप देखकर एक बार को मेरे कदम ठहर गए फिर,मै मुस्कुरा के आगे बाद गया ।
आज पता नहीं वो मुझे इतनी सेक्सी दिख रही थी जैसे अभी चोदवाने को तैयार हो , बस कोई उसे जाकर चोद दे ।
मुझे भी ऐसा लग रहा था कि पहले तो वह बिल्कुम सदा सिंपल रहती थी जब से मैने गौर किया है तबसे उसने लगता है मेकअप करना स्टार्ट कर दिया हो, खैर मै घंटे भर के बाद घुमाकर अपने घर वापस आ गया।
__________________________________________________________________________________________
मै जाकर अपने कपड़े निकल कर नहाने को बाथरूम में चक गया ,जब नहा किया तो देखा आज मेरे नेकर और बनियान बाथरूम में नहीं हैं , मैने मम्मी से पूछा मम्मी मेरे नेकर बनियान कहां है?
मम्मी _ आज तो वो नहीं मिलेंगे , आज तुम वो पहनोगे जो मेरी मर्जी होगी ।
फिर मम्मी ने मुझे वही नेकर लाकर दिया जो ट्रांसपेरेंट वाला मैने खरीदा था , और वही ट्रांसपेरेंट वाली बनियान ।
और हल्के से मेरे गाल पर चिकोटी काट दी अपने हाथ से और मुस्कुरा कर वापस रसोई में चली गई ।
मै नेकर बनियान पहना और पहना कर सोचा मम्मी के पास चलते हैं फिर मै पहनकर मम्मी के पास आया ,और मम्मी से पूछा मम्मी कैसा लग रहा है ये वाला ।
मम्मी ने देखा मेरा पूरा लन्ड बाहर से लगभग 75% दिख रहा है, उसे देखकर बोली ,मुझे तो सुबह से ही अच्छा लग रहा है ,अब तो और ज्यादा अच्छा दिख रहा है मेरा बेटा।
मै_ (समझ गया आज मम्मी ने सुबह मेरा कांड देख लिया था) मम्मी मुझे भी ये पहनकर अच्छा फील हो रहा है ,ऐसा लग रहा है जैसे कोई कपड़ा नहीं पहने हूं, लेकिन मम्मी ऐसा न हो राम में ठंड लगे ।
मम्मी _अरे मम्मी के होते हुए ठंड मेरे बेटे को छू भी नहीं पाएगी , बिलकुल नहीं लगेगी ,
(फिर मम्मी ने नाश्ता लगाया और मै नाश्ता करके , मम्मी के गले लगकर अपने काम के लिए जाने लगा, और जब जाने को हुआ तभी याद आया कि मम्मी की ट्रांसपेरेंट नाइटी भी निकल के रखनी है जिसे आज मम्मी को पहनाना है शाम को ,फिर मैने मम्मी की नाइटी निकल के आलमारी से बाहर बेड पर रख दी और उसके बाद मै घर से निकलने लगा)
____________________________________________
घर से जैसे ही बाहर निकला मेरी पड़ोस वाली बहन नहा धोकर सज सवर कर मेरा इंतजार कर रही थी और हल्के हल्के मुझे देखकर मुस्कुराने लगी

मैने भी मन बना लिया कि अब मम्मी से पहले इसकी चढ़ाई करनी है , इसको पेलना है , बस फिर क्या था मैने भी धीरे धीरे डोरे डालना शुरू कर दिए ।
और उसे देखकर मुस्कुरा कर आगे चला गया।

____________________________________________