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sunoanuj

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अगला भाग भी जल्दी से पोस्ट करना मित्र !
 
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very very ...................................................................................................................................................nice
 
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insotter

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गतांक से आगे
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सुबह जब हम लोग उठे , तो मैने मम्मी से पूछा मम्मी चलो थोड़ा घूमने चलते हैं, हम लोग होटल से तैयार होकर निकलने ही वाले थे कि अचानक मेरा फोन बजा और फोन पर जब मैने बात की तो मुझे ठंड में भी पसीने आने लगे , बात ये थी कि डेयरी में आग लग गई थी और मेरा एक आदमी काफी जल गया था और एक दो जानवर भी काफी जल गए थे ,मैने मम्मी को ये सब बाते बताई तो उन्होंने घूमने का प्लान कैंसिल कर दिया और घर वापस चलने के लिए कहा , मै भी यही चाह रहा था , फिर हमने अपने बैग पैक किए और नैनीताल से टैक्सी को और घर तक के लिए बुक कर ली,मै जल्दी से जल्दी घर जाना चाहता था ,खैर लगभग 3 घंटे बाद हम लोग अपने घर वापस आ गए टैक्सी को मैने सीधे डेयरी तक की जगह पर छोड़ने के लिए कहा और वहां छोड़ने के बाद उसका पेमेंट किया और वह हमे छोड़कर चला गया ।
मैने डेयरी के अंदर जाकर देखा तो वाकई में बहुत ज्यादा आग लगी होगी सुबह के समय ,मैने पूछा कि जिसके चोट लगी है वह कहां है , तो लोगों ने बताया को इसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया है ।
मैं मम्मी को घर छोड़कर गाड़ी लेकर उसे देखने अस्पताल चला गया , वहां देखा तो उसके सभी घरवाले मौजूद थे , मुझे देखकर सब पहचान तो गए कि मै ही डेयरी का मालिक हूं ,फिर मैने उनसे पूछा कि रवि कहां है ,तो उन्होंने बताया कि आईसीयू में है , मैने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका लेफ्ट साइड का शरीर ज्यादा जल गया है ,मैने डॉक्टर से पूछा कि ये कब तक ठीक हो जाएंगे।
डॉक्टर _ लगभग डेढ़ से ढाई महीने या इससे भी ज्यादा का टाइम लग सकता है
उसके बाद मै डॉक्टर से कुछ जरूरी बातें करके बाहर निकल आया ।
बाहर मुझे देखकर उसके बीबी और बच्चे की आँखें आंसुओं से भरी पड़ी थी , शायद रोने का मन कर रहा था पर रोने के बाद आंखे इतनी ज्यादा सूज गई थी कि आंखों में नमी के अलावा कुछ नहीं था ,मैने बच्चे को अपने पास बुलाया और कहा बेटा चिंता मत करो तुम्हारे पापा मेरे यहां काम करते हैं जब तक वे ठीक नहीं हो जाते हैं मै और हम सब मिलकर उनकी देखभाल करेंगे ।बच्चा इतना सुनते ही पापा पापा कहकर रोने लगा , मुझे अभी अफसोस हो रहा था कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए ।
चूंकि रवि दूसरे गांव का था वहां का प्रधान भी वही पर मौजूद था , मेरे पास आकर बोला_ डेयरी आपकी है,
मैने कहा _ हां जी ,
प्रधान _ ये इतनी सुबह आग कैसे लग गई , और आप कहां थे ?
मै_ प्रधान जी मै तो खुद , मम्मी के साथ एक रिश्तेदार के यहां गया था दावत में (जानबुझकर मैने नैनीताल वाली बात को छिपा दिया, कही ये कहे तुम मजे कर रहे थे ,यहां आग लगी पड़ी थी)
प्रधान_ पता नहीं अब क्या होगा इसके परिवार का , अकेला ही कमाने वाला था , अब बीबी और बच्चा रह गया है उसका क्या होगा।
मुझे प्रधान की बातों से अजीब सी चुभन महसूस हुई,
मै_ कुछ नहीं होगा प्रधान जी ,जब तक मै जिंदा हूं, मै इसके परिवार का ख्याल रखूंगा ,और साथ में रवि का भी जब तक वो ठीक नहीं हो जाता, समझे आप।
प्रधान_ बेटा , सब ऐसे ही कहते हैं, दो चार दिन बाद सब भूल जाते हैं,क्या कहा था?
मै_ प्रधान जी , आप उम्र में और तजुर्बे में मुझसे बेशक बड़े हैं लेकिन शायद विश्वास और कसौटी के मामले में आप मुझे भी नेतागिरी में तोल रहे हैं, साहब हम नेतागिरी नहीं करते , जो भी करते हैं, दिल से और सच्चे मन से करते है,जब एक बार कह दिया कि उसके परिवार और उसकी जिम्मेदारी मेरी है जब तक वो ठीक नहीं हो जाता , अगर आपको दिक्कत है तो एक स्टाम्प पेपर मंगवा लो मै लिखकर साइन कर देता हूं।
इतनी बात सुनकर प्रधान जी थोड़ा झेप गए और बोले ,ठीक है जब आप इतने लोगों के सामने कह रहे हो तो मान लेते हैं ।
मै_ और हां प्रधान जी , इसके इलाज में जो भी पैसा खर्च होगा ,सब मै लगाऊंगा , आपको चिंता करने को कोई जरूरत नहीं है।
इतना सब कुछ होने के बाद कई लोग वहां से घुसर पुसर करते हुए चले गया, प्रधान भी चला गया , मै वही दीवार से सटी हुई बेंच पर बैठ गया ।
अब अस्पताल में मै रवि के बीबी और बच्चा और उसका एक बुआ का लड़का और उसकी बुआ जी बचे थे , तभी उसकी बुआ मेरे पास आई और बोली बेटा_ रवि बहुत सीधा लड़का है वह कुछ खाता पिता भी नहीं है, और अपना काम ईमानदारी से करता है, भगवान उसे जल्दी से ठीक करे , उसका परिवार उसके बिना मर जाएगा ।
मै_ नहीं माता जी ,कुछ नहीं होगा उसे मै हूं न उसकी देखभाल के लिए ।
उसकी बुआ_ आप लोग बड़े आदमी हो बेटा, हम लोग गरीब हैं ,कही ऐसा न हो कि (उसकी बीबी की तरफ इशारा करते हुए) ये बेचारी , अगर उसको कुछ हो गया तो , इसका और इस बच्चे का क्या होगा ?कहकर रोने लगी।
मै_माता जी ,भाभी और इस बच्चे का ख्याल मै रखूंगा, और रवि का भी , मैं भी चाहता हूं कि रवि जल्दी से ठीक हो जाए ,वो मेरा सबसे पुराना काम करने वाला है, हालांकि मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ है काम शुरू किए हुए ।
उसकी बुआ_ ठीक है बेटा, अगर तुम सच में इन सबका ध्यान रखोगे तो मै भगवान से प्रार्थना करूंगी कि तुम्हे अपने काम में दिन रात तरक्की मिले, और ये बूढ़ी कर भी क्या सकती है।
फिर उसकी बुआ रवि की बीबी के पास गई और दोनों एक दूसरे से छूटकर रोने लगे ,फिर कुछ देर बाद दोनों शांत हुए ,तब उसकी बुआ ने उसकी बीबी से कुछ कहा कान में और कहने के बाद सीधे मेरे पास आ गई और बोली बेटा हम लोग जा रहे हैं ,हमारे घर में भी शादी है, अगर रवि ठीक होता तो बेचारा बच्चों को लेकर आता लेकिन शायद उनकी किस्मत में ये शादी नहीं है, खैर बेटा , इन सबका ध्यान रखना , कहकर वो लोग बाहर को जाने लगे तो रवि की बीबी भी खड़ी होकर उन्हें हॉस्पिटल के दरवाजे तक छोड़ने के लिए उठी ,मै भी खड़ा हो गया और उनके साथ अस्पताल के दरवाजे तक उन्हें छोड़ने आ गया , पर मन में एक बात थी जो अभी तक घूम रही थी कि ,डेयरी पर ज्यादा घास फूस भी नहीं रखा था , तो आग अंदर जानवरों तक कैसे पहुंची, और सबसे बड़ी बात आग लगी कैसे जबकि तीन आदमी हमेशा वही रहते हैं क्योंकि सुबह तीन चार बजे उन्हें उठना होता है, तो फिर आग कौन से टाइम लगी और मेरे पास फोन सुबह को लगभग 8 बजे आया था ।

मै अपने मन में ये सब सोच ही रहा था कि रवि की बुआ और उसका भाई चले गए और उसकी बीबी भी उन्हें छोड़ने के बाद हॉस्पिटल के अंदर जाने लगी ,मै भी उनके पीछे हॉस्पिटल में अंदर जाने लगा, अचानक मेरी नजर उसकी बीबी के पिछवाड़े पर पड़ी, एकदम भरा हुआ पिछवाड़ा और मोटी मस्त गांड़ जो कि बाहर को निकली हुई थी और भरा हुआ गठीला जिस्म, क्या मस्त फिगर था ।

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मन में कुछ चलने लगा दिमाग में कुछ खैर वो दोनों लोग जाकर वही पड़ी हुई बेंच पर बैठ गए मै भी धीरे से उनके पास जाकर बैठ गया ।

कुछ देर सन्नाटे के बाद मैने उनसे पूछा _भाभी , आपके लिए खाने को कुछ के आऊं, बच्चे को भी भूख लगी होगी,मैने बच्चे से पूछा बेटा भूख लगी है, तो उसने हां में सर हिला दिया। लेकिन उसकी बीबी ने कोई जवाब नहीं दिया।
मै हॉस्पिटल के बाहर आकर बच्चे और उसकी बीबी के लिए कुछ खाने को लाया फिर अन्दर अस्पताल में आकर मैने कहा_ भाभी ,कुछ खा लो, ऐसे रहेगी तो कैसे चलेगा ,लो ये कुछ खाना है, बच्चे को भी खिला दो और आप भी खा लो।मैने खाना वही रखा और अपना फोन निकाल कर मम्मी से बातें करने लगा , मम्मी मुझसे सब बातें पूछ रही थी ,तभी मम्मी ने मुझसे कहा बेटा शाम के 4 बज रहे हैं ,खाना खाया कि नहीं ,न सुबह कुछ खाया था ,मैने कहा मम्मी कोई बात नहीं शाम को आकर खा लूंगा घर पर।
शायद ये खाने वाली बात रवि की बीबी ने सुन ली थी, लेकिन हां ये जरूर था वो खाना बच्चे को खिलने लगी ।
मैं उन दोनों के पास आया और कहा भाभी आप भी खा लो न , पूरा दिन हो गया है, मै डॉक्टर से मिलकर आता हूं ,(फिर मैने सोचा क्यों न इनको भी अपने साथ ही डॉक्टर से मिलने के चलूं) फिर मैने कहा भाभी आप एक काम करो आप खाना खा लो फिर हम लोग डॉक्टर से बात करने चलते हैं।
इतना सुनते ही उसकी बीबी ने भी धीरे धीरे खाना ,खाना स्टार्ट कर दिया और खाने लगी, तभी बोली_तुम भी खा लो खाना , मैने कहा _ भाभी आप खा लो मैं शाम को खा लूंगा ।
फिर उनके खाने के बाद मै उन्हें लेकर हॉस्पिटल में डॉक्टर से मिलने चलने लगा , और बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया।फिर हम लोग डॉक्टर के चैंबर में पहुंचे उन्होंने जमे बैठने को कहा ,हम लोग बैठ गए, और मुझसे बोले _ मरीज आपके कौन है?
मै_ थोड़ा सोचकर बोला, डॉक्टर साहब ,बड़े भाई हैं, ये भाभी हैं और ये उनका बेटा है।
डॉक्टर _ ये जले कैसे , आई मीन, ये आग कैसे लगी?
मै_ डॉक्टर साहब,पता नहीं हमारी डेयरी है, मै मम्मी के साथ एक रिश्तेदार की दावत में गया था कल ,जबकि डेयरी पर इनके साथ दो लोग और भी रहते हैं, पता नहीं कैसे आग लग गई, और जलने की बात ऐसी है इन्होंने जानवरों को बचाने के चक्कर में आग ने इन्हें पकड़ लिया इसलिए जल गए।
डॉक्टर _ ठीक है, आप इन पेपर पर साइन कर दीजिए ,कुछ स्पेशल परमीशन हैं जो आपसे चाहिए।
मै_ ठीक है डॉक्टर , फिर मैने पेपर पर साइन कर दिए और हम लोग डॉक्टर के चैंबर से बाहर आ गए ।
शायद भाभी को मेरा या व्यवहार ठीक लगा और वो मुझसे बोली , तुम घर चले जाओ , हम लोग हैं न यहां , खाना भी नहीं खाया है तुमने ।
मै_ भाभी , चला जाऊंगा कौन सा दूर है।
भाभी_ तुम चले जाओ हम दोनों यहीं सो जाएंगे , रात में कौन चीज की जरूरत पड़ेगी ?
मै_ भाभी अभी ठंड है यहां कैसे सोओगी,आप भी मेरे साथ घर पर चलो न ,यहां पर मै रुक जाऊंगा रात को , आप बच्चे को लेकर आराम से घर पर लेटना ।
भाभी_ कोई बात नहीं हम लोग यहीं सो जाएंगे ।
मैं _ ठीक है, मै शामो को आते समय ओढ़ने और बिछाने के लिए कुछ लेता आऊंगा और खाने के लिए भी कुछ ले आऊंगा ।मैने उनसे कहा भाभी ये मेरा मोबाइल नंबर है अगर किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझे फोन कर देना लेता आऊंगा, घर से , फिर मोबाइल नंबर की पर्ची उन्हें दी, तो उन्होंने कहा ,कि वो पड़ी लिखी नहीं है, तो मैने कहा आपके पास मोबाइल है, तो उन्होंने पाना कीपैड वाला फोन निकाला जो उनके ब्लाउज में रखा हुआ था , मोबाईल निकालते समय हल्के से दूधिया दूध की झलक मुझे देखने को मिल गयी ,शायद 36 के होंगे।


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फिर मैने अपना नंबर उनके फोन में सेव किया और उन्हें बताया कि ये नंबर मैने डायल कर दिया है और ये निशान बना दिया है ,जिस चीज की भी जरूरत हो मुझे फोन कर देना ।फिर उन्होंने हां में अपना सर हिलाया , और उसके बाद मै घर आ गया और मम्मी को सारी कहानी बताई,
तो मम्मी बोली_ बेटा उन दोनों को वहां क्यों छोड़ आए , घर के आते , पता है लोग उल्टी सीधी बातें करने लगेंगे की छोड़कर भाग आया , ।
मैने कहा _ मम्मी आप खाना बांध दो ,और सोने और बिछाने के लिए भी कुछ दे देना जिससे रात में ठंड न लगे , मैने उनसे बहुत कहा कि घर चलो मै यहां रुक जाता हूं पर वो लोग नहीं माने।
मम्मी _ ठीक है,
मै_ मम्मी जब तक आओ खाना बनाओ, मै डेयरी का हालचाल लेकर आता हूं।
फिर कहकर मै डेयरी पर गया और वहां पर सब थोड़ा ठीक ठाक कराया और वापस घर आ गया , तब तक मम्मी खाना बना चुकी थी और बिस्तर भी बांध चुकी थी मैं अन्दर कमरे में गया तभी मेरे फोन पर फोन आया हेलो हैलो
मै_ हेलो, कौन?
उधर से _ अरे तुम डेयरी वाले बोल रहे हो न ?
मै_ हां, आओ कौन?
उधर से _अरे हम अस्पताल से बोल रहे हैं,
मै समझ गया कि रवि की बीबी का ही फोन है मैने कहा
हां भाभी , बताएं ,क्या हुआ?
भाभी _ अरे ये लल्ला को रात को दूध पीने की आदत है ,ऊपरी दूध की, अगर थोड़ा दूध हो तो लेते आना ।
मै_ ठीक है भाभी ले आऊंगा और कोई चीज चाहिए तो बता दीजिए मै आ रहा हूं अस्पताल।
भाभी_ नहीं और कुछ नही,बस दूध पिएगा ले आना ।
फिर कहकर फोन काट दिया।
फिर मै सब सामान लेकर अस्पताल पहुंचा तो देखा उसकी बीबी वही पर पड़ी हुई बेंच पर लेटी हुई है और शायद नींद में है और बच्चा भी उसकी साड़ी के पल्लू में छुपा हुआ सो रहा है, जिससे उनका ब्लाउज पूरा नंगा है और दोनों दूध एकदम साफ दिखाई दे रहे हैं ,और दोनों दूधों के बीच की नाली भी साफ दिखाई दे रही थी,


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फिर मैने आवाज दी भाभी भाभी!!
तभी अचानक वो उठी और बोलो आ गए ।मैने कहा हां भाभी ये लो पहले खाना खाओ और ये लो इसका दूध इसे कैसे पिलाओगी, बोतल से पियेगा या गिलास से ,वो बोली कि निपल वाली बैठक से पीता है वो घर रह गई ,कोई बात नहीं मै गिलास से पिला दूंगी।
मैने कहा आप खाना खाओ मै मेडिकल से बोतल लेकर आता हूं।फिर मै मेडिकल से जाकर बोतल लेकर आया और उसमें दूध भरकर बच्चे को उठाया और उसे पिलाने लगा वो नींद में ही बोतल से दूध पीने लगा ।
फिर खाना खाने के बाद मैने कहा भाभी घर पर सो जाती आप ।
भाभी_ कोई बात नहीं , यहीं पर सो जाऊंगी ,अगर उन्हें कोई जरूरत पड़ गई तो फिर दिक्कत होगी ।
मै_ अरे आप घर चलती मै यहां रुक जाता ।
भाभी_ कोई बात नहीं , हम लोग यही बिछाकर सो जाएंगे ।
फिर मैने एक जगह सही सी देखकर उनका बिस्तर करवाया और बच्चे को वही पर सुला दिया और उसे कंबल उदा दिया ।
उसके बाद मै वही पर एक कोने पर बैठ गया और उनसे बाते करने लगा , अब शायद वो भी हल्के हल्के मुझसे बातें करने में अपनी रूचि दिखाने लगी थी।
मै_भाभी, कितने साल हो गए आपकी शादी को?
भाभी_ 5 साल हो गए।
मै_ भाभी आपने पढ़ाई क्यों नहीं की?
भाभी_ हमारे गांव में घरवाले औरतों को बाहर तक जाने नहीं देते हैं तो पड़ने कैसे भेजते ,इसलिए पढ़ाई नहीं कर पाए।
इतना कहकर उन्होंने मुझसे कहा अरे अपने पैर अन्दर कम्बल में डाल लो ठंड है,फिर मैने हल्के से अपने पैर कम्बल के अंदर डाल लिए और बातें करने लगा ,बातों बातों में अचानक मेरा पर उनके पैर से टच होने लगा

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मैने भी जानबूझकर अपना पैर नहीं हटाया और उन्होंने ने भी कोई आपत्ति नहीं की, फिर मैने कहा भाभी नींद से लग रही है अब, साढ़े नौ बज गए हैं मैने कहा आप सो जाओ, मैं बैठा हूं यहां ।
भाभी_ अरे कोई बात नहीं, हम सो जाएंगे , तुम घर चले जाओ, घर पर कौन कौन है?
मै_ खाली मम्मी हैं अकेली और मै, पापा नहीं हैं, ।
भाभी_ शादी नहीं हुई है तुम्हारी?
मै_ नहीं भाभी अभी नहीं हुई है।
भाभी_ अरे तो तुम चले जाओ , घर पर मम्मी भी अकेली हैं, यहां पर मै हूं, तुम आराम से जाओ।
मै_ भाभी आप सो जाओ फिर मै चला जाऊंगा।
फिर वो लेट गई और अपना मुंह अपने बेटे की तरफ कर लिया जिससे उनकी गांड़ बाहर को निकल आई और मेरी तरफ हो गई , मै अपने पैर से उनके चूतड़ों का साइज नापने की कोशिश करने लगा , तभी हल्के से मेरा पैर उनके गांड़ पर लग गया,,और मुझे एक कसी हुई गांड़ और चूतड़ों का एहसास हुआ ,फिर कुछ देर और ऐसे ही अपने पैरों को गांड़ और चूतड़ों पर हल्के हल्के रगड़ते हुए मै भी वही उन लोगों के पास ही लेट गया


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मै घर पर मम्मी से कहकर आया था कि आज रात तो मै अस्पताल में ही रुकूंगा।
करीब 1 बजे के आस पास भाभी की आंख खुली होगी
Nice update bro 👍 👍
 
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सुबह जब हम लोग उठे , तो मैने मम्मी से पूछा मम्मी चलो थोड़ा घूमने चलते हैं, हम लोग होटल से तैयार होकर निकलने ही वाले थे कि अचानक मेरा फोन बजा और फोन पर जब मैने बात की तो मुझे ठंड में भी पसीने आने लगे , बात ये थी कि डेयरी में आग लग गई थी और मेरा एक आदमी काफी जल गया था और एक दो जानवर भी काफी जल गए थे ,मैने मम्मी को ये सब बाते बताई तो उन्होंने घूमने का प्लान कैंसिल कर दिया और घर वापस चलने के लिए कहा , मै भी यही चाह रहा था , फिर हमने अपने बैग पैक किए और नैनीताल से टैक्सी को और घर तक के लिए बुक कर ली,मै जल्दी से जल्दी घर जाना चाहता था ,खैर लगभग 3 घंटे बाद हम लोग अपने घर वापस आ गए टैक्सी को मैने सीधे डेयरी तक की जगह पर छोड़ने के लिए कहा और वहां छोड़ने के बाद उसका पेमेंट किया और वह हमे छोड़कर चला गया ।
मैने डेयरी के अंदर जाकर देखा तो वाकई में बहुत ज्यादा आग लगी होगी सुबह के समय ,मैने पूछा कि जिसके चोट लगी है वह कहां है , तो लोगों ने बताया को इसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया है ।
मैं मम्मी को घर छोड़कर गाड़ी लेकर उसे देखने अस्पताल चला गया , वहां देखा तो उसके सभी घरवाले मौजूद थे , मुझे देखकर सब पहचान तो गए कि मै ही डेयरी का मालिक हूं ,फिर मैने उनसे पूछा कि रवि कहां है ,तो उन्होंने बताया कि आईसीयू में है , मैने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका लेफ्ट साइड का शरीर ज्यादा जल गया है ,मैने डॉक्टर से पूछा कि ये कब तक ठीक हो जाएंगे।
डॉक्टर _ लगभग डेढ़ से ढाई महीने या इससे भी ज्यादा का टाइम लग सकता है
उसके बाद मै डॉक्टर से कुछ जरूरी बातें करके बाहर निकल आया ।
बाहर मुझे देखकर उसके बीबी और बच्चे की आँखें आंसुओं से भरी पड़ी थी , शायद रोने का मन कर रहा था पर रोने के बाद आंखे इतनी ज्यादा सूज गई थी कि आंखों में नमी के अलावा कुछ नहीं था ,मैने बच्चे को अपने पास बुलाया और कहा बेटा चिंता मत करो तुम्हारे पापा मेरे यहां काम करते हैं जब तक वे ठीक नहीं हो जाते हैं मै और हम सब मिलकर उनकी देखभाल करेंगे ।बच्चा इतना सुनते ही पापा पापा कहकर रोने लगा , मुझे अभी अफसोस हो रहा था कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए ।
चूंकि रवि दूसरे गांव का था वहां का प्रधान भी वही पर मौजूद था , मेरे पास आकर बोला_ डेयरी आपकी है,
मैने कहा _ हां जी ,
प्रधान _ ये इतनी सुबह आग कैसे लग गई , और आप कहां थे ?
मै_ प्रधान जी मै तो खुद , मम्मी के साथ एक रिश्तेदार के यहां गया था दावत में (जानबुझकर मैने नैनीताल वाली बात को छिपा दिया, कही ये कहे तुम मजे कर रहे थे ,यहां आग लगी पड़ी थी)
प्रधान_ पता नहीं अब क्या होगा इसके परिवार का , अकेला ही कमाने वाला था , अब बीबी और बच्चा रह गया है उसका क्या होगा।
मुझे प्रधान की बातों से अजीब सी चुभन महसूस हुई,
मै_ कुछ नहीं होगा प्रधान जी ,जब तक मै जिंदा हूं, मै इसके परिवार का ख्याल रखूंगा ,और साथ में रवि का भी जब तक वो ठीक नहीं हो जाता, समझे आप।
प्रधान_ बेटा , सब ऐसे ही कहते हैं, दो चार दिन बाद सब भूल जाते हैं,क्या कहा था?
मै_ प्रधान जी , आप उम्र में और तजुर्बे में मुझसे बेशक बड़े हैं लेकिन शायद विश्वास और कसौटी के मामले में आप मुझे भी नेतागिरी में तोल रहे हैं, साहब हम नेतागिरी नहीं करते , जो भी करते हैं, दिल से और सच्चे मन से करते है,जब एक बार कह दिया कि उसके परिवार और उसकी जिम्मेदारी मेरी है जब तक वो ठीक नहीं हो जाता , अगर आपको दिक्कत है तो एक स्टाम्प पेपर मंगवा लो मै लिखकर साइन कर देता हूं।
इतनी बात सुनकर प्रधान जी थोड़ा झेप गए और बोले ,ठीक है जब आप इतने लोगों के सामने कह रहे हो तो मान लेते हैं ।
मै_ और हां प्रधान जी , इसके इलाज में जो भी पैसा खर्च होगा ,सब मै लगाऊंगा , आपको चिंता करने को कोई जरूरत नहीं है।
इतना सब कुछ होने के बाद कई लोग वहां से घुसर पुसर करते हुए चले गया, प्रधान भी चला गया , मै वही दीवार से सटी हुई बेंच पर बैठ गया ।
अब अस्पताल में मै रवि के बीबी और बच्चा और उसका एक बुआ का लड़का और उसकी बुआ जी बचे थे , तभी उसकी बुआ मेरे पास आई और बोली बेटा_ रवि बहुत सीधा लड़का है वह कुछ खाता पिता भी नहीं है, और अपना काम ईमानदारी से करता है, भगवान उसे जल्दी से ठीक करे , उसका परिवार उसके बिना मर जाएगा ।
मै_ नहीं माता जी ,कुछ नहीं होगा उसे मै हूं न उसकी देखभाल के लिए ।
उसकी बुआ_ आप लोग बड़े आदमी हो बेटा, हम लोग गरीब हैं ,कही ऐसा न हो कि (उसकी बीबी की तरफ इशारा करते हुए) ये बेचारी , अगर उसको कुछ हो गया तो , इसका और इस बच्चे का क्या होगा ?कहकर रोने लगी।
मै_माता जी ,भाभी और इस बच्चे का ख्याल मै रखूंगा, और रवि का भी , मैं भी चाहता हूं कि रवि जल्दी से ठीक हो जाए ,वो मेरा सबसे पुराना काम करने वाला है, हालांकि मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ है काम शुरू किए हुए ।
उसकी बुआ_ ठीक है बेटा, अगर तुम सच में इन सबका ध्यान रखोगे तो मै भगवान से प्रार्थना करूंगी कि तुम्हे अपने काम में दिन रात तरक्की मिले, और ये बूढ़ी कर भी क्या सकती है।
फिर उसकी बुआ रवि की बीबी के पास गई और दोनों एक दूसरे से छूटकर रोने लगे ,फिर कुछ देर बाद दोनों शांत हुए ,तब उसकी बुआ ने उसकी बीबी से कुछ कहा कान में और कहने के बाद सीधे मेरे पास आ गई और बोली बेटा हम लोग जा रहे हैं ,हमारे घर में भी शादी है, अगर रवि ठीक होता तो बेचारा बच्चों को लेकर आता लेकिन शायद उनकी किस्मत में ये शादी नहीं है, खैर बेटा , इन सबका ध्यान रखना , कहकर वो लोग बाहर को जाने लगे तो रवि की बीबी भी खड़ी होकर उन्हें हॉस्पिटल के दरवाजे तक छोड़ने के लिए उठी ,मै भी खड़ा हो गया और उनके साथ अस्पताल के दरवाजे तक उन्हें छोड़ने आ गया , पर मन में एक बात थी जो अभी तक घूम रही थी कि ,डेयरी पर ज्यादा घास फूस भी नहीं रखा था , तो आग अंदर जानवरों तक कैसे पहुंची, और सबसे बड़ी बात आग लगी कैसे जबकि तीन आदमी हमेशा वही रहते हैं क्योंकि सुबह तीन चार बजे उन्हें उठना होता है, तो फिर आग कौन से टाइम लगी और मेरे पास फोन सुबह को लगभग 8 बजे आया था ।

मै अपने मन में ये सब सोच ही रहा था कि रवि की बुआ और उसका भाई चले गए और उसकी बीबी भी उन्हें छोड़ने के बाद हॉस्पिटल के अंदर जाने लगी ,मै भी उनके पीछे हॉस्पिटल में अंदर जाने लगा, अचानक मेरी नजर उसकी बीबी के पिछवाड़े पर पड़ी, एकदम भरा हुआ पिछवाड़ा और मोटी मस्त गांड़ जो कि बाहर को निकली हुई थी और भरा हुआ गठीला जिस्म, क्या मस्त फिगर था ।

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मन में कुछ चलने लगा दिमाग में कुछ खैर वो दोनों लोग जाकर वही पड़ी हुई बेंच पर बैठ गए मै भी धीरे से उनके पास जाकर बैठ गया ।

कुछ देर सन्नाटे के बाद मैने उनसे पूछा _भाभी , आपके लिए खाने को कुछ के आऊं, बच्चे को भी भूख लगी होगी,मैने बच्चे से पूछा बेटा भूख लगी है, तो उसने हां में सर हिला दिया। लेकिन उसकी बीबी ने कोई जवाब नहीं दिया।
मै हॉस्पिटल के बाहर आकर बच्चे और उसकी बीबी के लिए कुछ खाने को लाया फिर अन्दर अस्पताल में आकर मैने कहा_ भाभी ,कुछ खा लो, ऐसे रहेगी तो कैसे चलेगा ,लो ये कुछ खाना है, बच्चे को भी खिला दो और आप भी खा लो।मैने खाना वही रखा और अपना फोन निकाल कर मम्मी से बातें करने लगा , मम्मी मुझसे सब बातें पूछ रही थी ,तभी मम्मी ने मुझसे कहा बेटा शाम के 4 बज रहे हैं ,खाना खाया कि नहीं ,न सुबह कुछ खाया था ,मैने कहा मम्मी कोई बात नहीं शाम को आकर खा लूंगा घर पर।
शायद ये खाने वाली बात रवि की बीबी ने सुन ली थी, लेकिन हां ये जरूर था वो खाना बच्चे को खिलने लगी ।
मैं उन दोनों के पास आया और कहा भाभी आप भी खा लो न , पूरा दिन हो गया है, मै डॉक्टर से मिलकर आता हूं ,(फिर मैने सोचा क्यों न इनको भी अपने साथ ही डॉक्टर से मिलने के चलूं) फिर मैने कहा भाभी आप एक काम करो आप खाना खा लो फिर हम लोग डॉक्टर से बात करने चलते हैं।
इतना सुनते ही उसकी बीबी ने भी धीरे धीरे खाना ,खाना स्टार्ट कर दिया और खाने लगी, तभी बोली_तुम भी खा लो खाना , मैने कहा _ भाभी आप खा लो मैं शाम को खा लूंगा ।
फिर उनके खाने के बाद मै उन्हें लेकर हॉस्पिटल में डॉक्टर से मिलने चलने लगा , और बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया।फिर हम लोग डॉक्टर के चैंबर में पहुंचे उन्होंने जमे बैठने को कहा ,हम लोग बैठ गए, और मुझसे बोले _ मरीज आपके कौन है?
मै_ थोड़ा सोचकर बोला, डॉक्टर साहब ,बड़े भाई हैं, ये भाभी हैं और ये उनका बेटा है।
डॉक्टर _ ये जले कैसे , आई मीन, ये आग कैसे लगी?
मै_ डॉक्टर साहब,पता नहीं हमारी डेयरी है, मै मम्मी के साथ एक रिश्तेदार की दावत में गया था कल ,जबकि डेयरी पर इनके साथ दो लोग और भी रहते हैं, पता नहीं कैसे आग लग गई, और जलने की बात ऐसी है इन्होंने जानवरों को बचाने के चक्कर में आग ने इन्हें पकड़ लिया इसलिए जल गए।
डॉक्टर _ ठीक है, आप इन पेपर पर साइन कर दीजिए ,कुछ स्पेशल परमीशन हैं जो आपसे चाहिए।
मै_ ठीक है डॉक्टर , फिर मैने पेपर पर साइन कर दिए और हम लोग डॉक्टर के चैंबर से बाहर आ गए ।
शायद भाभी को मेरा या व्यवहार ठीक लगा और वो मुझसे बोली , तुम घर चले जाओ , हम लोग हैं न यहां , खाना भी नहीं खाया है तुमने ।
मै_ भाभी , चला जाऊंगा कौन सा दूर है।
भाभी_ तुम चले जाओ हम दोनों यहीं सो जाएंगे , रात में कौन चीज की जरूरत पड़ेगी ?
मै_ भाभी अभी ठंड है यहां कैसे सोओगी,आप भी मेरे साथ घर पर चलो न ,यहां पर मै रुक जाऊंगा रात को , आप बच्चे को लेकर आराम से घर पर लेटना ।
भाभी_ कोई बात नहीं हम लोग यहीं सो जाएंगे ।
मैं _ ठीक है, मै शामो को आते समय ओढ़ने और बिछाने के लिए कुछ लेता आऊंगा और खाने के लिए भी कुछ ले आऊंगा ।मैने उनसे कहा भाभी ये मेरा मोबाइल नंबर है अगर किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझे फोन कर देना लेता आऊंगा, घर से , फिर मोबाइल नंबर की पर्ची उन्हें दी, तो उन्होंने कहा ,कि वो पड़ी लिखी नहीं है, तो मैने कहा आपके पास मोबाइल है, तो उन्होंने पाना कीपैड वाला फोन निकाला जो उनके ब्लाउज में रखा हुआ था , मोबाईल निकालते समय हल्के से दूधिया दूध की झलक मुझे देखने को मिल गयी ,शायद 36 के होंगे।


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फिर मैने अपना नंबर उनके फोन में सेव किया और उन्हें बताया कि ये नंबर मैने डायल कर दिया है और ये निशान बना दिया है ,जिस चीज की भी जरूरत हो मुझे फोन कर देना ।फिर उन्होंने हां में अपना सर हिलाया , और उसके बाद मै घर आ गया और मम्मी को सारी कहानी बताई,
तो मम्मी बोली_ बेटा उन दोनों को वहां क्यों छोड़ आए , घर के आते , पता है लोग उल्टी सीधी बातें करने लगेंगे की छोड़कर भाग आया , ।
मैने कहा _ मम्मी आप खाना बांध दो ,और सोने और बिछाने के लिए भी कुछ दे देना जिससे रात में ठंड न लगे , मैने उनसे बहुत कहा कि घर चलो मै यहां रुक जाता हूं पर वो लोग नहीं माने।
मम्मी _ ठीक है,
मै_ मम्मी जब तक आओ खाना बनाओ, मै डेयरी का हालचाल लेकर आता हूं।
फिर कहकर मै डेयरी पर गया और वहां पर सब थोड़ा ठीक ठाक कराया और वापस घर आ गया , तब तक मम्मी खाना बना चुकी थी और बिस्तर भी बांध चुकी थी मैं अन्दर कमरे में गया तभी मेरे फोन पर फोन आया हेलो हैलो
मै_ हेलो, कौन?
उधर से _ अरे तुम डेयरी वाले बोल रहे हो न ?
मै_ हां, आओ कौन?
उधर से _अरे हम अस्पताल से बोल रहे हैं,
मै समझ गया कि रवि की बीबी का ही फोन है मैने कहा
हां भाभी , बताएं ,क्या हुआ?
भाभी _ अरे ये लल्ला को रात को दूध पीने की आदत है ,ऊपरी दूध की, अगर थोड़ा दूध हो तो लेते आना ।
मै_ ठीक है भाभी ले आऊंगा और कोई चीज चाहिए तो बता दीजिए मै आ रहा हूं अस्पताल।
भाभी_ नहीं और कुछ नही,बस दूध पिएगा ले आना ।
फिर कहकर फोन काट दिया।
फिर मै सब सामान लेकर अस्पताल पहुंचा तो देखा उसकी बीबी वही पर पड़ी हुई बेंच पर लेटी हुई है और शायद नींद में है और बच्चा भी उसकी साड़ी के पल्लू में छुपा हुआ सो रहा है, जिससे उनका ब्लाउज पूरा नंगा है और दोनों दूध एकदम साफ दिखाई दे रहे हैं ,और दोनों दूधों के बीच की नाली भी साफ दिखाई दे रही थी,


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फिर मैने आवाज दी भाभी भाभी!!
तभी अचानक वो उठी और बोलो आ गए ।मैने कहा हां भाभी ये लो पहले खाना खाओ और ये लो इसका दूध इसे कैसे पिलाओगी, बोतल से पियेगा या गिलास से ,वो बोली कि निपल वाली बैठक से पीता है वो घर रह गई ,कोई बात नहीं मै गिलास से पिला दूंगी।
मैने कहा आप खाना खाओ मै मेडिकल से बोतल लेकर आता हूं।फिर मै मेडिकल से जाकर बोतल लेकर आया और उसमें दूध भरकर बच्चे को उठाया और उसे पिलाने लगा वो नींद में ही बोतल से दूध पीने लगा ।
फिर खाना खाने के बाद मैने कहा भाभी घर पर सो जाती आप ।
भाभी_ कोई बात नहीं , यहीं पर सो जाऊंगी ,अगर उन्हें कोई जरूरत पड़ गई तो फिर दिक्कत होगी ।
मै_ अरे आप घर चलती मै यहां रुक जाता ।
भाभी_ कोई बात नहीं , हम लोग यही बिछाकर सो जाएंगे ।
फिर मैने एक जगह सही सी देखकर उनका बिस्तर करवाया और बच्चे को वही पर सुला दिया और उसे कंबल उदा दिया ।
उसके बाद मै वही पर एक कोने पर बैठ गया और उनसे बाते करने लगा , अब शायद वो भी हल्के हल्के मुझसे बातें करने में अपनी रूचि दिखाने लगी थी।
मै_भाभी, कितने साल हो गए आपकी शादी को?
भाभी_ 5 साल हो गए।
मै_ भाभी आपने पढ़ाई क्यों नहीं की?
भाभी_ हमारे गांव में घरवाले औरतों को बाहर तक जाने नहीं देते हैं तो पड़ने कैसे भेजते ,इसलिए पढ़ाई नहीं कर पाए।
इतना कहकर उन्होंने मुझसे कहा अरे अपने पैर अन्दर कम्बल में डाल लो ठंड है,फिर मैने हल्के से अपने पैर कम्बल के अंदर डाल लिए और बातें करने लगा ,बातों बातों में अचानक मेरा पर उनके पैर से टच होने लगा

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मैने भी जानबूझकर अपना पैर नहीं हटाया और उन्होंने ने भी कोई आपत्ति नहीं की, फिर मैने कहा भाभी नींद से लग रही है अब, साढ़े नौ बज गए हैं मैने कहा आप सो जाओ, मैं बैठा हूं यहां ।
भाभी_ अरे कोई बात नहीं, हम सो जाएंगे , तुम घर चले जाओ, घर पर कौन कौन है?
मै_ खाली मम्मी हैं अकेली और मै, पापा नहीं हैं, ।
भाभी_ शादी नहीं हुई है तुम्हारी?
मै_ नहीं भाभी अभी नहीं हुई है।
भाभी_ अरे तो तुम चले जाओ , घर पर मम्मी भी अकेली हैं, यहां पर मै हूं, तुम आराम से जाओ।
मै_ भाभी आप सो जाओ फिर मै चला जाऊंगा।
फिर वो लेट गई और अपना मुंह अपने बेटे की तरफ कर लिया जिससे उनकी गांड़ बाहर को निकल आई और मेरी तरफ हो गई , मै अपने पैर से उनके चूतड़ों का साइज नापने की कोशिश करने लगा , तभी हल्के से मेरा पैर उनके गांड़ पर लग गया,,और मुझे एक कसी हुई गांड़ और चूतड़ों का एहसास हुआ ,फिर कुछ देर और ऐसे ही अपने पैरों को गांड़ और चूतड़ों पर हल्के हल्के रगड़ते हुए मै भी वही उन लोगों के पास ही लेट गया


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मै घर पर मम्मी से कहकर आया था कि आज रात तो मै अस्पताल में ही रुकूंगा।
करीब 1 बजे के आस पास भाभी की आंख खुली होगी
बहुत ही शानदार लाजवाब और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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