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“1”
51 साल की कज़री घोड़ी बनी हुईं थी और मोटा सब यही बुलाते थे उसको कज़री के छोटे छोटे नितंबो को पकड़ कर आगे पीछे धकियाते हुए उसको चोद रहा था।
“आह ऐसे ही आह! “ कज़री उसके पतले और छोटे से लण्ड लण्ड का अपमान ही होगा। लुल्ली को सिर्फ़ भगनासा पर टकराते ही बोली
पर वो भी जानती थी मोटा उसकी गर्मी शान्त ही नहीं कर पाएगा और हुआ भी यही, दस बारह धक्के ही लगा पाया और पिचकारियाँ मार कर लेट गया।
कजरी ने अपना पेटिकोट नीचे किया और ऐसे ही वीर्य से सनी हुई चूत लेकर आँगन में आकर पसर गयी। उसकी गर्मी कभी शान्त ही नहीं हुई थी। स्खलन कैसा होता है इसका स्वाद उसने चखा ही नहीं था। वो तो बस दूसरी औरतों से सिर्फ़ सुनती आयी थी।
मोटा ने ना ही कभी उसके कपड़े निकाल कर उसके बदन से खेला ना ही स्तन को छुआ और योनिरस का रसपान भी किया जाता होगा उसको पता ही नहीं था।
कज़री मन मार कर सो गयी
लेकिन अब इस उमर में कजरी की क़िस्मत बदलने वाली थी।
कज़री 51 साल की दुबली पतली गोरा रंग, सपाट पेट चर्बी का नाम निशान नहीं। ऊँचाई ५ फुट ४ इंच, सुडोल तने हुए स्तन गुलाबी निप्पल और उस पर रोम रहित चिकना बदन वही दूसरी तरफ़ मोटा थुलथुला शरीर, बेडोल काला भूसंद। किन हालात में इन दोनो की शादी हो गयी, खैर अब यही कजरी की क़िस्मत थी।
जो मेरे आने से बदलने वाली थी
51 साल की कज़री घोड़ी बनी हुईं थी और मोटा सब यही बुलाते थे उसको कज़री के छोटे छोटे नितंबो को पकड़ कर आगे पीछे धकियाते हुए उसको चोद रहा था।
“आह ऐसे ही आह! “ कज़री उसके पतले और छोटे से लण्ड लण्ड का अपमान ही होगा। लुल्ली को सिर्फ़ भगनासा पर टकराते ही बोली
पर वो भी जानती थी मोटा उसकी गर्मी शान्त ही नहीं कर पाएगा और हुआ भी यही, दस बारह धक्के ही लगा पाया और पिचकारियाँ मार कर लेट गया।
कजरी ने अपना पेटिकोट नीचे किया और ऐसे ही वीर्य से सनी हुई चूत लेकर आँगन में आकर पसर गयी। उसकी गर्मी कभी शान्त ही नहीं हुई थी। स्खलन कैसा होता है इसका स्वाद उसने चखा ही नहीं था। वो तो बस दूसरी औरतों से सिर्फ़ सुनती आयी थी।
मोटा ने ना ही कभी उसके कपड़े निकाल कर उसके बदन से खेला ना ही स्तन को छुआ और योनिरस का रसपान भी किया जाता होगा उसको पता ही नहीं था।
कज़री मन मार कर सो गयी
लेकिन अब इस उमर में कजरी की क़िस्मत बदलने वाली थी।
कज़री 51 साल की दुबली पतली गोरा रंग, सपाट पेट चर्बी का नाम निशान नहीं। ऊँचाई ५ फुट ४ इंच, सुडोल तने हुए स्तन गुलाबी निप्पल और उस पर रोम रहित चिकना बदन वही दूसरी तरफ़ मोटा थुलथुला शरीर, बेडोल काला भूसंद। किन हालात में इन दोनो की शादी हो गयी, खैर अब यही कजरी की क़िस्मत थी।
जो मेरे आने से बदलने वाली थी