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Fantasy अद्-भूत

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Update - 11

क्लास चल रहा था. क्लासमें जॉन और उसके दो दोस्त पास-पास बैठे थे. जॉनका खयाल बिलकुल क्लासमें नही था. वह बेचैन लग रहा था और अस्वस्थतासे क्लास खतम होने की राह देख रहा था. उसने एकबार पुरे क्लासपर अपनी नजर घुमाई, खासकर नॅन्सीकी तरफ देखा. लेकिन उसका कहा उसकी तरफ ध्यान था? वह तो अपनी नोट्स लेनेमे व्यस्त थी. कल रातका वाक्या याद कर जॉनको फिरसे अपराधी जैसा लगने लगा.

उस बेचारीको क्या लगा होगा ? ...

इतने सारे लोगोंके सामने और मेरीके सामने मैने ...

नही मैने ऐसा नही करना चाहिए था...

लेकिन जोभी हूवा वह गलतीसे हूवा...

मुझे क्या मालूम था की वह चोर ना होकर नॅन्सी थी...

नही मुझे उसकी माफी मांगना चाहिए...

लेकिन कल तो मैने उसकी माफी मांगनेका प्रयास किया था ..

तो उसने धडामसे गुस्सेसे दरवाजा बंद किया था...

नही मुझे वह जबतक माफ नही करती तबतक माफी मांगतेही रहना चाहिए...

उसके दिमागमें विचारोंका तुफान उमड पडा था. इतनेमें पिरियड बेल बजी. शायद ब्रेक हो गया था.

चलो यह अच्छा मौका है ...

उसे माफी मांगनेका ...

वह उठकर उसके पास जानेही वाला था इतनेमें वह लडकियोंकी भिडमें कही गुम होगई थी.

ब्रेककी वजहसे कॉलेजके गलियारेमें स्टूडंट्स की भिड जमा हो गई थी. छोटे छोटे समूह बनाकर गप्पे मारते हूए स्टूडंट्स सब तरफ फैल गए थे. और उस भिडसे रास्ता निकालते हूए जॉन और उसके दो दोस्त उस भिडमें नॅन्सीको ढूंढ रहे थे.

कहा गई?...

अभी तो लडकियोंकी भिडमें क्लाससे बाहर जाते हूए दिखी थी... .

वे तिनो इधर उधर देखते हूए उसे ढूंढनेकी कोशीश करने लगे. आखिर एक जगह कोनेमें उन्हे अपने दोस्तोंके साथ बाते करती हूइ नॅन्सी दिख गई.

''चलो मेरे साथ... '' जॉनने अपने दोस्तो से कहा.

'' हम किसलिए ... हम यही रुकते है ... तुम ही जावो.. '' उसके दोस्तोमेंसे एक बोला.

'' अबे... साथ तो चलो '' जॉन उनको लगभग पकडकर नॅन्सीके पास ले गया.

जब जॉन और उसके दोस्त उसके पास गए तब उसका खयाल इन लोगोंकी तरफ नही था. वह अपनी गप्पे मारनेमें मशगुल थी. नॅन्सीने गप्पे मारते हूए एक नजर उनपर डाली और उनकी तरफ ध्यान ना देते हूए अपनी बातोंमेही व्यस्त रही. जॉनने उसके और पास जाकर उसका ध्यान अपनी तरफ आकर्षीत करनेका प्रयास किया. लेकिन बार बार वह उनकी तरफ ध्यान ना देते हूए उन्हे टालनेका प्रयास कर रही थी. उधर उनसे काफी दूर ऍन्थोनी गलियारेसे जारहा था वह जॉनकी तरफ देखकर मुस्कुराया और उसने अपना अंगूठा दिखाकर उसे बेस्ट लक विश किया.

'' नॅन्सी ... आय ऍम सॉरी'' जॉनको इतने लडको लडकियोंकी भिडमें शर्मभी आ रही थी. फिरभी ढांढस बांधते हूए उसने कहा.

नॅन्सीने एक कॅजूअल नजर उसपर डाली.

जॉनकी गडबडी हूइ दशा देखकर उसके दोस्तोने अब सिच्यूएशन अपने हाथमे ली.

'' ऍक्च्यूअली हम एक चोरको पकडनेकी कोशीश कर रहे थे. '' एक दोस्तने कहा.

'' हां ना ... वह रोज होस्टेलमें चोरी कर रहा था. '' दुसरे दोस्त ने कहा.

जॉन अब अपनी गडबडीभरी दशासे काफी उभर गया था. उसने फिरसे हिम्मत कर अपनी रट जारी रखी, , '' नॅन्सी ... आय ऍम सॉरी ... आय रियली डीडन्ट मीन इट... मै तो उस चोरको पकडनेकी ... .''

जॉन हाथोके अलग अलग इशारोंसे अपने भाव व्यक्त करनेकी कोशीश कर रहा था. वह क्या बोल रहा था और क्या इशारे कर रहा था उसका उसकोही समझ नही आ रहा था. आखिर वह एक हाव-भावके पोजीशनमें रुका. जब वह रुका तब उसके खयालमें आया की, भलेही स्पर्ष ना कर रहे हो, लेकिन उसके दोनो हाथ फिरसे नॅन्सीके उरोजोंके आसपास थे. वह नॅन्सीकेभी खयालमें आया. उसने झटसे अपने हाथ पिछे खिंच लिए. उसने गुस्सेसे भरा एक कटाक्ष उसके उपर डाला और फिरसे एक जोरका चांटा उसके गालपर जडकर चिढकर बोली, '' बद्तमीज''

इसके पहलेकी जॉन फिरसे संभलकर कुछ बोले वह गुस्सेसे पैर पटकाती हूई वहांसे चली गई थी. जब वह होशमें आया वह दूर जा चूकी थी और जॉन अपना गाल सहलाते हूए वहां खडा था.


क्रमश:...
 
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Update - 12

शामका समय था. अपनी शॉपींगसे लदी हूई बॅग संभालती हूई नॅन्सी फुटपाथसे जा रही थी. वैसे अब खरीदनेका कुछ खास नही बचा था. सिर्फ एक-दो चिजे खरीदनेकी बची थी.

वह चिजे खरीद ली की फिर घरही वापस जाना है...

वह बची हूई एक-दो चिजे लेकर जब वापस जानेके लिए निकली तब लगभग अंधेरा होनेको आया था और रास्तेपरभी बहुत कम लोग बचे थे. चलते चलते नॅन्सीके अचानक खयालमें आया की बहुत देरसे कोई उसका पिछा कर रहा है. उसकी पिछे मुडकर देखनेकी हिम्मत नही बन रही थी. वह वैसेही चलती रही. फिरभी उसका पिछा जारी है इसका उसे एहसास हूवा. अब वह घबरा गई. पिछे मुडकर ना देखते हूए वह वैसेही जोरसे आगे चलने लगी.

इतनेमे उसे पिछेसे आवाज आया , '' नॅन्सी ''

वह एक पल रुकी और फिर चलने लगी.

पिछेसे फिरसे आवाज आया, '' नॅन्सी ...''.

आवाजके लहजेसे नही लग रहा था की पिछा करने वाले का कोई गलत इरादा हो. नॅन्सीने चलते चलतेही पिछे मुडकर देखा. पिछे जॉनको देखतेही वह रुक गई. उसके चेहरेपर परेशानीके भाव भाव दिखने लगे.

यह इधरभी ..

अबतो सर पटकनेकी नौबत आई है...

वह एक बडा फुलोंका गुलदस्ता लेकर उसके पास आ रहा था. वह देखकर तो उसे एक क्षण लगाभी की सचमुछ अपना सर पटक ले. वह जॉन उसके नजदिक आनेतक रुक गई.

'' क्यो तुम मेरा लगातार पिछा कर रहे हो ?'' नॅन्सी नाराजगी जताते हूए गुस्सेसे बोली.

'' मुझपर एक एहसान करदो और भगवानके लिए मेरा पिछा करना छोड दो '' वह गुस्सेसे हाथ जोडते हूए, उसका पिछा छूडा लेनेके अविर्भावमें बोली.

गुस्सेसे वह पलट गई और फिरसे आगे पैर पटकती हूई चलने लगी. जॉनभी बिचमें थोडा फासला रखते हूए उसके पिछे पिछे चलने लगा.

जॉन फिरसे पिछा कर रहा है यह पता चलतेही वह गुस्सेसे रुक गई.

जॉनने अपनी हिम्मत बटोरकर वह फुलोंका गुलदस्ता उसके सामने पकडा और कहा, '' आय ऍम सॉरी...''

नॅन्सी गुस्सेसे तिलमिलाई. उसे क्या बोले कुछ सुझ नही रहा था. जॉनकोभी आगे क्या बोले कुछ समझ नही रहा था.

'' आय स्वीअर, आय मीन इट'' वह अपने गलेको हाथ लगाकर बोला.

नॅन्सी गुस्सेमेतो थी ही, उसने झटकेसे अपने चेहरेपर आ रही बालोंकी लटे एक तरफ हटाई. जॉनको लगा की वह फिरसे एक जोरदार तमाचा अपने गालपर जडने वाली है. डरके मारे अपनी आंखे बंद कर उसने झटसे अपना चेहरा पिछे हटाया.

उसकेभी यह खयालमें आया और वह अपनी हंसी रोक नही सकी. उसका वह डरा हूवा सहमा हूवा बच्चोके जैसा मासूम चेहरा देखकर वह खिलखिलाकर हंस पडी. उसका गुस्सा कबका रफ्फु चक्कर हो गया था. जॉनने आंखे खोलकर देखा. तबतक वह फिरसे रास्तेपर आगे चल पडी थी. थोडी देर चलनेके बाद एक मोडपर मुडनेसे पहले नॅन्सी रुक गई, उसने पिछे मुडकर जॉनकी तरफ देखा. एक नटखट मुस्कुराहटसे उसका चेहरा खिल गया था. गडबडाए हूए हालमें, संभ्रममे खडा जॉनभी उसकी तरफ देखकर मंद मंद मुस्कुराया. वह फिरसे आगे चलते हूए उस मोडपर मुडकर उसके नजरोंसे ओझल हो गई. भले ही वह उसके नजरोंसे ओझल हूई थी, फिरभी जॉन खडा होकर उधर मंत्रमुग्ध होकर देख रहा था. उसे रह रहकर उसकी वह नटखट मुस्कुराहट याद आ रही थी.

वह सचमुछ मुस्कुराई थी या मुझे वैसा आभास हूवा ....

नही नही आभास कैसे होगा ...

यह सच है की वहं मुस्कुराई थी ...

वह मुस्कुराई इसका मतलब उसने मुझे माफ किया ऐसा समझना चाहिए क्या? ...

हां वैसा समझनेमें कोई दिक्कत नही...

लेकिन उसका वह मुस्कुराना कोई मामूली मुस्कुराना नही था...

उसके उस मुस्कुराहटमें औरभी कुछ गुढ अर्थ छिपा हूवा था...

क्या था वह अर्थ?...

जॉन वह अर्थ समझनेकी कोशीश करने लगा. और जैसे जैसे वह अर्थ उसके समझमें आ रहा था उसकेभी चेहरेपर वही, वैसीही मुस्कुराहट फैलने लगी.


क्रमश:...
 
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Rohit1988

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Thanks bro
ase hi sath bne rahie

Bahut khubshoorat update hai
Bhai ji sath to rahega hamara but story shot mat likhna ye 200 + update to hone chahiye
 
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Bahut khubshoorat update hai
Bhai ji sath to rahega hamara but story shot mat likhna ye 200 + update to hone chahiye
Koshish kruga dost
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Hello Everyone :hello:
We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Xforum Staff.

 
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