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Thriller अधूरे रहस्य [A story of Neha & Vivaan]

Danny09

Staying Healthy, Happy and Horny!
Supreme
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Hello Everyone!

Main Danny hoon, aur aaj main apne new mystery thriller story ka thread shuru kar raha hoon. Is story ka naam hai "अधूरे रहस्य [A story of Neha & Vivaan]" , jo ek suspense aur romantic thriller hai. Aapko yeh kahani ek aise ladki, Neha ke baare mein milegi, jise ek din apne kisi anjaane rishtedaar se ek purana mahal virasat mein milta hai.

Jaise-jaise Neha mahal pahuchti hai, waisa-waisa use kuch ajeeb aur rahasyamayi cheezon ka samna hota hai. Ham dekhenge ki kaise Neha aur Vivaan milkar is mehal ke rahasya ko dhundenge.

Agar aapko mystery, romance aur suspense pasand hai, toh yeh kahani aapke liye hai. Main is thread mein chapters share karunga aur aap sabse feedback bhi chaahunga!

Kahani me sex scenes thode kam ho sakte hai, uske lie maaf kijiega. Mera maan na hai ki emotions dheere dheere hi grow hote hain aur mai apni story ko reality ke thoda kareeb rakhna chahta hu. Aasha karunga ki aapko mera ye tareeka pasand aaega.

Toh chaliye, yeh kahani ka pehla chapter shuru karte hain....
 

Danny09

Staying Healthy, Happy and Horny!
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CHAPTER - 1

गहरी रात थी, और आकाश में छाए घने काले बादलों ने चारों ओर अंधेरा फैला दिया था। हल्की-हल्की बारिश की बूँदें जैसे किसी मधुर संगीत की धुन बजा रही थीं। इस बीच, नेहा अपनी कार में बैठी एक पुराने, घने जंगल से होते हुए आगे बढ़ रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सा सुकून और उत्सुकता दोनों के भाव झलक रहे थे। आज वह उस महल की ओर जा रही थी जिसे उसने अब तक केवल कहानियों और परिवार की फुसफुसाहटों में ही सुना था। बचपन में उसकी दादी ने अक्सर इस महल के रहस्यों और इसके भीतर छुपे किस्सों की कहानियाँ सुनाई थीं। नेहा ने इन कहानियों में दिलचस्पी तो ली थी, पर कभी यकीन नहीं कर पाई कि उनमें सच्चाई भी हो सकती है।

यह महल, जो उसके परदादा ठाकुर प्रताप सिंह का बनवाया हुआ था, अब तक नेहा के परिवार का हिस्सा था, लेकिन समय के साथ इस जगह से सभी का लगाव कम हो गया था। लोग इसे प्राचीन और रहस्यमयी मानते थे, और कहा जाता था कि यहाँ रात को अजीबोगरीब आवाज़ें सुनाई देती हैं। नेहा को आज यह सब खुद महसूस करने का मौका मिल रहा था। उसकी मंजिल करीब थी, और उसका दिल तेजी से धड़क रहा था, मानो वह किसी रोमांचक रहस्य के दरवाजे पर खड़ी हो।



नेहा ने महल का बड़ा दरवाजा देखा, जो बरसों से बंद पड़ा था और उस पर जमी हुई धूल और बेलों ने इसे और भी डरावना बना दिया था। उसने दरवाजे को छुआ, और उस क्षण उसे एक अजीब सी सिहरन महसूस हुई, मानो यह दरवाजा उससे कुछ कहना चाह रहा हो। दरवाजे को धकेलते ही एक कड़ाके की आवाज हुई, और वह धीरे-धीरे खुल गया। अंदर का दृश्य उसे अजीब-सा लगा—सामने विशाल हॉल, ऊँची छत और दीवारों पर टंगी प्राचीन पेंटिंग्स थीं, जिन पर धूल की मोटी परत जमी थी।

महल के भीतर की खामोशी में उसे अपने दिल की धड़कनें साफ सुनाई दे रही थीं। हर कदम के साथ उसे अपने परदादा ठाकुर प्रताप सिंह की धुंधली छवि सामने आती दिख रही थी। कहा जाता है कि प्रताप सिंह एक साहसी और प्रभावशाली व्यक्ति थे, पर उनके जीवन में एक अधूरी प्रेम कहानी भी थी। इसी कारण से वे इस महल में अधिकतर अकेले रहते थे। उनके बारे में कुछ ऐसे किस्से मशहूर थे कि उनके दिल में छुपी इस पीड़ा ने उन्हें अपने ही बनाए इस महल में कैद कर दिया था। आज नेहा इस महल के उन्हीं अधूरे रहस्यों को समझने की कोशिश कर रही थी।

जैसे ही नेहा ने महल के गलियारों में कदम रखा, उसे ऐसा लगा मानो यह जगह उसे अपनी ओर खींच रही हो। यह महल न केवल एक इमारत था, बल्कि यहाँ की हर दीवार, हर कोना उस गहरी, अनकही कहानी का हिस्सा था जो अब तक किसी ने नहीं सुनी थी। वह इस महल के इतिहास को जानने के लिए बेचैन थी, और यह बेचैनी उसे लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही थी।

नेहा का दिल अब भी अजीब सी उम्मीदों और सवालों से भरा था। क्या इस महल में वाकई कुछ ऐसा था जिसे उसके परिवार ने छुपा रखा था? क्या इस महल के बंद दरवाजों के पीछे छुपी कहानियाँ सच थीं? नेहा के मन में कई सवाल थे, और इन सवालों का जवाब पाने के लिए वह हर उस बंद दरवाजे को खोलने के लिए उत्सुक थी जो अब तक इस महल की दीवारों में कैद था।

महल का प्रवेश द्वार, जिसे दशकों से कोई नहीं खोले था, अब धीरे-धीरे खुल चुका था, और नेहा के सामने वह विशाल इमारत खड़ी थी, जो अपने अतीत की कहानियाँ कहने के लिए तैयार थी। महल, जो कभी अपनी भव्यता और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था, अब एक शहरी खंडहर में बदल चुका था, लेकिन उसके अंदर की हवा में अभी भी एक रहस्यमयी आकर्षण था। दीवारों पर जमी धूल, टूटे-फूटे फर्श, और गहरी खामोशी यह साबित कर रहे थे कि समय ने इस जगह को अपने गहरे प्रभाव में लिया था, लेकिन इसके भीतर छुपी आत्माएँ अभी भी जागरूक थीं।

महल का आर्किटेक्चर विशेष रूप से आकर्षक था। उसकी विशाल दीवारें, ऊँची छतें, और हर कोने में फैला हुआ दरिया-सा सन्नाटा उसे एक और ही दुनिया का हिस्सा बना रहे थे। भीतर कदम रखते ही एक अजीब सी गूंज, जैसे किसी ने बहुत समय पहले चुपके से कुछ कहा हो, नेहा के कानों में पड़ी। दीवारों पर लटकी प्राचीन तस्वीरें, जो अक्सर अदृश्य धुंध से ढकी हुई थीं, जैसे खामोश तरीके से अपनी कहानियाँ बयां कर रही थीं।

यह महल रॉयल्टी का प्रतीक था, जिसे ठाकुर प्रताप सिंह ने खुद अपने हाथों से बनवाया था। महल के हर कमरे, गलियारे और कक्षों में एक विलक्षण शैली थी। पूरे महल में एक ही जैसे प्राचीन पत्थर और लकड़ी के काम का उपयोग किया गया था, जो समय की कसौटी पर खरी नहीं उतरी थी, लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता बरकरार थी। महल की आंतरिक सजावट बेहद भव्य थी, लेकिन अब उसे धीरे-धीरे टूटते हुए देखा जा सकता था।

महल के प्रवेश द्वार से बाएं तरफ एक बहुत बड़ा हॉल था, जहाँ विशाल झूमर टंगा था, जो अब ज्यादातर बत्तियाँ बुझा चुका था। झूमर के नीचे एक प्राचीन लाल कालीन बिछा हुआ था, जिसे समय के साथ हल्का गहरा धुंधला हो चुका था। वहीं से महल के भीतर की दिशा का पता चलता था – एक और रास्ता ऊँचाई की ओर जाता था, जो एक कंगनी की तरह महल की दूसरी मंजिल की ओर ले जाता था। यह मंजिल कभी परिवार के प्रमुख सदस्यों के लिए थी, लेकिन अब वह भी खाली और सुनसान दिखती थी।

महल का माहौल थोड़ा रहस्यमयी था, जैसे यहाँ हर समय कुछ न कुछ हो रहा हो, लेकिन वह दिखाई नहीं देता। हर कमरे में एक अजीब सी खामोशी थी, लेकिन साथ ही एक हल्की सी सर्द हवा भी चल रही थी, जो कभी-कभी कानों में कोई मंत्र जैसी आवाज़ों को महसूस करवा देती थी। दीवारों पर उकेरी गई प्राचीन मूर्तियाँ और चित्रकला के दृश्य जैसे किसी अतीत की गहरी दास्तान को बयां कर रहे थे। महल में हर जगह पर पुरानी किताबें और दस्तावेज बिखरे पड़े थे, जिन्हें वर्षों से कोई नहीं छुआ था। ये किताबें उन राजसी समयों की गवाह थीं, जब यह महल धूमधाम से भरा हुआ था और यहाँ पर हर दिन महल के परिवार की बैठकें होती थीं।

महल के एक कोने में एक पुराने मंदिर का गेट था, जिसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित थी। यह मंदिर कभी ठाकुर प्रताप सिंह के परिवार की पूजा का केंद्र था, लेकिन अब उसमें भी वही मौन था जो महल के बाकी हिस्सों में था। पूजा की घंटियाँ कभी-कभी हवा के झोंके से बजतीं और एक रहस्यमयी शोर पैदा कर देतीं। यह शोर सुनकर ऐसा लगता था जैसे मंदिर के अंदर कोई उपस्थित हो, जो अतीत के किसी राज़ को जानता हो।

महल के भीतर की हवा में एक ताजगी भी थी, जो उस सर्द और गहरी खामोशी को तोड़ने की कोशिश कर रही थी। जैसे कोई नया बदलाव आने वाला हो। नेहा को महसूस हुआ कि वह जितनी बार इस महल में कदम रख रही थी, उतनी ही बार यह महल उसे खुद में समेटने की कोशिश कर रहा था। कुछ ऐसा था इस जगह में, जो उसे खींच रहा था, जैसे यह महल उसे खुद अपने इतिहास की गहरी कहानियाँ सुनाने का एक मौका दे रहा हो।

यह महल अब सिर्फ एक इमारत नहीं थी, बल्कि यह एक जीवित इतिहास बन चुका था, जो अपनी पिछली पीढ़ियों की जटिलताओं और दुखों को महसूस करवा रहा था। और अब, नेहा यहाँ थी, इस रहस्य को जानने के लिए, और इसके भीतर छुपे गहरे राज़ को सुलझाने के लिए।

जैसे ही नेहा महल के विशाल हॉल में दाखिल हुई, उसकी नजर सामने खड़े एक अनजान व्यक्ति पर पड़ी। वह व्यक्ति ऊँचा, गठीला और शांत स्वभाव का था, जिसकी आँखों में एक गहरी रहस्यमयी चमक थी। उसकी आँखें नेहा पर टिकी थीं, जैसे वह उसे पहले से ही जानता हो। उस शख्स का व्यक्तित्व किसी रहस्य से भरा हुआ था। उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी, लेकिन उसकी आँखों में एक ऐसी गहराई थी जो नेहा को बेचैन कर रही थी। यह शख्स था विवान।

विवान के बारे में नेहा ने पहले कभी नहीं सुना था। यह रहस्यमयी व्यक्ति अचानक महल में कहाँ से आया? नेहा के मन में सवाल उमड़ने लगे, लेकिन उसने खुद को संयमित रखा और विवान से परिचय करवाने का निश्चय किया।



जैसे ही उसने पास जाकर बातचीत शुरू की, विवान ने बड़े ही सहजता से कहा, "मुझे मालूम था कि तुम यहाँ आओगी, नेहा। तुम्हारे परिवार और मेरे परिवार की कहानियाँ एक-दूसरे से अलग नहीं हैं।"
यह सुनकर नेहा हैरान रह गई। विवान के शब्दों में एक अजीब सी गूंज थी, जैसे वह महल का कोई पहरेदार हो जो वर्षों से यहाँ किसी का इंतजार कर रहा हो। नेहा को महसूस हुआ कि विवान का यहाँ होना महज एक संयोग नहीं था; शायद उसके और इस महल के बीच कोई गहरा संबंध था।

विवान के परिवार की कहानी भी रहस्य और विवादों से भरी हुई थी। उसके दादा, हरेंद्र सिंह, इस महल के एकमात्र रखवाले थे और ठाकुर प्रताप सिंह के सबसे करीबी लोगों में से एक थे। हरेंद्र सिंह और प्रताप सिंह के बीच न केवल एक मालिक और नौकर का संबंध था, बल्कि एक गहरी मित्रता थी। लेकिन इस दोस्ती के पीछे एक अनकहा रहस्य भी छुपा था।
कहा जाता है कि ठाकुर प्रताप सिंह की पत्नी, रानी देविका, एक बहुत ही खूबसूरत और अद्भुत महिला थीं। लेकिन उनके और हरेंद्र सिंह के बीच एक गहरा लगाव भी था, जिसे समाज ने कभी नहीं समझा। लोगों के बीच यह चर्चा थी कि रानी देविका और हरेंद्र सिंह के बीच एक ऐसा बंधन था जो किसी के लिए समझना आसान नहीं था। लेकिन इसे कभी भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया। यह संबंध एक अनकही प्रेम कहानी की तरह था, जिसे कभी खुलकर नहीं जीया गया।

रानी देविका की मृत्यु के बाद यह महल और भी ज्यादा रहस्यमयी हो गया। ऐसा कहा जाता है कि उनकी आत्मा अब भी इस महल में भटकती है, और उनके प्रेम के अवशेष महल की दीवारों में कहीं गहरे समाए हुए हैं। हरेंद्र सिंह ने अपनी पूरी जिंदगी इस महल की देखभाल में बिता दी, मानो वह रानी देविका की यादों का पहरेदार हो।
विवान ने अपने दादा से ये कहानियाँ सुनी थीं, और इन्हीं कहानियों में उसकी परवरिश हुई थी। वह जानता था कि उसके परिवार पर लगे बदनामी के धब्बे का कारण रानी देविका और हरेंद्र सिंह का रिश्ता था। गाँव वाले उनके परिवार को शक की निगाहों से देखते थे और कहते थे कि विवान का परिवार इसी ‘पाप’ की सजा भुगत रहा है।

लेकिन, इन बातों के बावजूद, विवान के मन में नेहा के परिवार के प्रति गहरी नाराजगी थी। उसे लगता था कि उसके परिवार के दर्द और बदनामी का कारण ठाकुर परिवार ही था। फिर भी, इस नाराजगी के पीछे एक आकर्षण भी था, जो उसे नेहा की ओर खींचता था।

"तुमसे कुछ पूछना चाहता हूँ, नेहा," विवान ने धीरे से कहा, "क्या तुम्हें यह महल अजनबी लगता है?"

नेहा चौंकी, "क्या मतलब?"

"क्या तुम महसूस कर रही हो, जैसे इस महल में कोई तुम्हारे साथ है?" विवान ने एक ठंडी मुस्कान के साथ पूछा। "क्या तुम महसूस कर रही हो कि इस महल के क़दमों के नीचे कुछ दबा हुआ है, कुछ ऐसा जिसे हम दोनों को खोजने का मौका नहीं मिला?"

नेहा ने यह सब समझने की कोशिश की, लेकिन विवान के शब्दों में एक गहरी छुपी हुई चेतावनी थी। उसे महसूस हुआ कि वह कुछ ऐसा जानने के करीब आ रही थी, जो उसके और उसके परिवार के इतिहास से जुड़ा हुआ था।

और फिर, विवान ने एक कदम पीछे हटते हुए कहा, "लेकिन सब रहस्य कभी उजागर नहीं होते, नेहा। कुछ राज़ हमेशा दबी रहती हैं, क्योंकि उन्हें उजागर करने का खामियाजा बहुत बड़ा हो सकता है।"

यह सुनकर नेहा के मन में हलचल मच गई। क्या विवान जानता था कि इस महल के भीतर कुछ ऐसा छिपा है जो उसके परिवार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है? क्या वह सच में इस रहस्य को जानने के लिए तैयार थी?

विवान ने महल की ओर इशारा किया, और नेहा की आँखों में सवालों की एक और लहर दौड़ गई। "क्या तुम तैयार हो, नेहा? क्या तुम वो सच जानने के लिए तैयार हो, जो तुम्हारी परंपराओं और परिवार के इतिहास के नीचे दबा हुआ है?"

महल की गहरी खामोशी ने अब एक अलग रूप ले लिया था, और नेहा को महसूस हुआ कि वह किसी रहस्यमयी सफर की शुरुआत में खड़ी थी, जहाँ हर कदम उसे अपने अतीत और परिवार की दबी हुई सच्चाई की ओर ले जाएगा।

Aaj ke lie bas itna hi. I would be waiting for feedback to proceed with the second chapter. I've planned this story for 100 updates, but let's see how you readers respond to my writing!
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
18,174
36,218
259
अच्छी बुनी है कहानी अपने, लेकिन कुछ हड़बड़ी में लगती है, क्योंकि न नेहा से परिचय हुआ, न विवान से।

महल तो दूर की बात है। बाकी नेहा ने क्या सुना इस महल के बारे में वो भी क्लियर नहीं किया आपने।

थोड़ा विस्तार दे कहानी के बेस को तो और अच्छा लगेगा।
 

Danny09

Staying Healthy, Happy and Horny!
Supreme
77
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अच्छी बुनी है कहानी अपने, लेकिन कुछ हड़बड़ी में लगती है, क्योंकि न नेहा से परिचय हुआ, न विवान से।

महल तो दूर की बात है। बाकी नेहा ने क्या सुना इस महल के बारे में वो भी क्लियर नहीं किया आपने।

थोड़ा विस्तार दे कहानी के बेस को तो और अच्छा लगेगा।
Welcome to the story and thank you for giving the first feedback!

यह अपडेट मेरे द्वारा केवल कैरेक्टर्स को इंट्रोड्यूस कर एक छोटा सा स्टोरी का बेस देने के लिए था जिस से पाठकों को यह पता चल सके कि कहानी किस बात के इर्द गिर्द चलेगी। अगले अपडेट में हम नेहा के बारे में, और उसके महल तक पहुंचने के बारे में जानेंगे।

आशा करता हूँ की अगले अपडेट में मैं आपकी शिकायतों को दूर कर पाऊंगा।

I hope you'll keep coming back, and provide your insights regulary to keep me check.
 

mistyvixen

Immersing in Extreme Ways (Bourne)
783
1,616
124
Nice start! I liked how descriptive the story is while most of the ones I've seen here have drama dialogues structure....anyone who can write in descriptive can really WRITE eg Riky007...

Now coming back to story...mujhe thoda yeh smjh nhi aaya ke Vivaan use haveli mein rheta tha aur kya Neha usse bachpan se nhi jaanti thi fir?

And if Vivaan is really the son of the Queen then Neha and V are blood relatives inherently so that would be entering the deep waters of Incest (seriously that would be so fun!)

Would be even better if you added characters introduction with a suitable images or real-life celebs for their role in the intro...

Let's see what new characters will surface in the story...because this story is definitely giving me "haunting hill" type of vibes.

Waiting to see what happens next...keep rocking dude💕✨
 
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Danny09

Staying Healthy, Happy and Horny!
Supreme
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Nice start! I liked how descriptive the story is while most of the ones I've seen here have drama dialogues structure....anyone who can write in descriptive can really WRITE eg Riky007...
Thanks so much! Glad you’re enjoying the descriptive approach—writing it this way is definitely an adventure.

Now coming back to story...mujhe thoda yeh smjh nhi aaya ke Vivaan use haveli mein rheta tha aur kya Neha usse bachpan se nhi jaanti thi fir?
About Vivaan and Neha’s past: they share a complicated history but haven’t actually known each other closely since childhood, which is part of the mystery that’ll unfold. Their past is more intricate than it might seem,

And if Vivaan is really the son of the Queen then Neha and V are blood relatives inherently so that would be entering the deep waters of Incest (seriously that would be so fun!)
As for Vivaan’s connection to the Queen… let’s just say there’s more under the surface. As the story deepens, I’ll be exploring those ‘deep waters’ (and yeah, possibly even some surprising family secrets 👀).
Would be even better if you added characters introduction with a suitable images or real-life celebs for their role in the intro...
Loved the character intro suggestion! Might add some real-life inspirations or images soon to help you visualize the cast better.

Let's see what new characters will surface in the story...because this story is definitely giving me "haunting hill" type of vibes.

Waiting to see what happens next...keep rocking dude💕✨
I’m working on bringing more characters and twists, so stay tuned for Update 2—promise it’ll be a wild ride! It might also give more clarity on the base of the story. Thanks again for following along and for the awesome support! 💕✨"
 
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Reactions: mistyvixen

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Nice start! I liked how descriptive the story is while most of the ones I've seen here have drama dialogues structure....anyone who can write in descriptive can really WRITE eg Riky007...
जर्रानवजी का शुक्रिया 🙏🏼

पर मेरे से बहुत ही ज्यादा बेहतरीन लेखक है यहां। मैं तो वैसे भी इंस्पायर हो कर लिखने वालों में से हैं।
 

mistyvixen

Immersing in Extreme Ways (Bourne)
783
1,616
124
जर्रानवजी का शुक्रिया 🙏🏼

पर मेरे से बहुत ही ज्यादा बेहतरीन लेखक है यहां। मैं तो वैसे भी इंस्पायर हो कर लिखने वालों में से हैं।
Par Neha naam se mujhe tumhare hi story yaad aaye :pepegenius:
 
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