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अनंत युग: शक्ति का उदय
अध्याय 1: प्रारंभिक संकेत (भाग 1)
भूमिका:
भविष्य की एक झलक
साल 2099—एक नई दुनिया का उदय
साल 2099। यह वही युग था, जब विज्ञान और तकनीक ने सीमाओं को पार कर दिया था।जहाँ मानवता ने प्राकृतिक सीमाओं को लाँघ दिया था—मृत्यु को टालने के प्रयोग किए जा रहे थे, मानव मस्तिष्क को डिजिटल रूप में संग्रहीत करने की तकनीक पर शोध हो रहे थे, और मशीनों को भावनाएँ देने की कोशिश की जा रही थी।
पृथ्वी पर अब सिर्फ इंसानों का ही राज नहीं था, बल्कि बुद्धिमान मशीनें भी समाज का अभिन्न अंग बन चुकी थीं।
टेक्नोलॉजी और समाज
- हाइपरलूप और एंटी-ग्रेविटी ट्रांसपोर्ट:
- ज़मीन पर चलने वाली गाड़ियाँ पुराने ज़माने की बात हो गई थीं। अब शहरों के ऊपर चुंबकीय ट्रैफिक लेन तैरती थीं, और लोग एंटी-ग्रेविटी वाहन इस्तेमाल करते थे।
- नैनोबोट मेडिसिन: बीमारियाँ अब इतिहास बन चुकी थीं। नैनोबोट्स अब शरीर के भीतर जाकर बीमारियों को ठीक कर देते थे, यहाँ तक कि उम्र बढ़ाने के प्रयास भी चल रहे थे।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शासन: कई देशों में AI आधारित शासन प्रणाली लागू हो चुकी थी। इंसान अब नीतियाँ नहीं बनाते थे, बल्कि सुपर-इंटेलिजेंट AI यह निर्णय लेते थे कि कौन से नियम लागू करने चाहिए।
- स्पेस कॉलोनीज़: चंद्रमा और मंगल पर लाखों लोग बस चुके थे। वहाँ के शहर पृथ्वी की तुलना में ज्यादा उन्नत और व्यवस्थित थे।
रहस्यमयी घटनाएँ और छिपे हुए रहस्य
कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि इस तेज़ी से विकसित हो रही दुनिया के पीछे कुछ अनजाने ताकतें काम कर रही थीं।- अंतरिक्ष में अज्ञात ऊर्जा स्रोतों का बढ़ना।
- कुछ खास लोगों का अचानक गायब हो जाना।
- बड़े टेक्नोलॉजी कंपनियों का गुप्त शोध।
- दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहस्यमयी घटनाएँ।
लेकिन सवाल यह था—क्या सच में इंसान अकेला था?
नायक का परिचय: अरविंद शर्मा
एक साधारण युवक, असाधारण भविष्य
नई दिल्ली में स्थित नेशनल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (NTU) भारत की सबसे आधुनिक संस्थानों में से एक थी। यहाँ सिर्फ वही छात्र एडमिशन ले सकते थे, जो असाधारण प्रतिभाशाली होते थे।अरविंद शर्मा उन्हीं में से एक था।
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- 21 वर्षीय कंप्यूटर साइंस का विद्यार्थी।
- एक जीनियस कोडर, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में गहरी रुचि रखता था।
- उसके अंदर कुछ अलग था—कुछ ऐसा जो उसे भी समझ नहीं आता था।
बचपन से ही तकनीक का जुनून
अरविंद बचपन से ही अलग था।- 10 साल की उम्र में, उसने अपने पिता के लिए एक छोटा सा AI असिस्टेंट बनाया था।
- 15 साल की उम्र में, उसने पहला क्वांटम कोडिंग प्रोग्राम लिखा था, जिसे देखकर कॉलेज के प्रोफेसर भी चकित रह गए थे।
- उसे साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में गहरी दिलचस्पी थी।
परिवार और दोस्त
- उसके पिता रवि शर्मा, एक स्पेस टेक्नोलॉजी वैज्ञानिक थे, जो गुप्त प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे।
- माँ स्मिता शर्मा, एक बायोटेक्नोलॉजी प्रोफेसर थीं।
- छोटी बहन अनुष्का (17 वर्ष), जो विज्ञान में असाधारण रुचि रखती थी।
- रितेश नायर: एक रोबोटिक्स इंजीनियरिंग स्टूडेंट, जिसे ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जुनून था।
- नीलम बक्शी: बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा, जिसे नैनोटेक्नोलॉजी और ह्यूमन एनहांसमेंट प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी थी।
- विवेक गुप्ता: इलेक्ट्रॉनिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग का विशेषज्ञ।
रहस्यमयी घटना: प्रारंभिक संकेत
अरविंद के अजीब सपने
पिछले कुछ महीनों से, अरविंद को अजीब सपने आ रहे थे। ये सपने इतने वास्तविक लगते कि जब वह जागता, तो कुछ पलों तक उसे यकीन ही नहीं होता कि वह सचमुच अपने कमरे में है।एक अज्ञात शहर...
- दूर तक फैला हुआ धुंध से ढका एक शहर।
- गगनचुंबी इमारतें, जो किसी अज्ञात ऊर्जा से जगमगा रही थीं।
- आकाश में तैरते हुए विशाल प्लेटफार्म, जहाँ रोबोटिक प्रहरी गश्त लगा रहे थे।
- सड़कें, जो चमकते हुए प्लाज्मा ट्रैक्स से बनी थीं।
रहस्यमयी आकृतियाँ...
- कुछ छायाएँ, जो इंसान से मिलती-जुलती थीं, पर उनकी आँखों से नीली रोशनी निकल रही थी।
- काले चोगे पहने हुए अज्ञात योद्धा, जिनके हाथों में ऊर्जा तलवारें थीं।
- विशालकाय गोलाकार संरचनाएँ, जिनके चारों ओर बिजली की लहरें दौड़ रही थीं।
एक पुकार…
कभी-कभी उसे ऐसा लगता जैसे कोई उसे पुकार रहा हो।"अरविंद..."
उस आवाज़ में कुछ था… एक अजीब गूंज, जैसे कोई बहुत दूर से बोल रहा हो।
"तुम्हारा समय आ गया है..."
अरविंद अचानक जाग जाता। उसका शरीर पसीने से भीगा होता, दिल तेज़ी से धड़क रहा होता।
"यह महज़ एक सपना है... या कुछ और?"
क्वांटम क्लास और चेतावनी
सुबह 10:00 बजे -
नेशनल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी,
लेक्चर हॉल 309 no. room
"साइंस एक सीमाहीन आकाश है, पर कुछ सीमाएँ ऐसी हैं, जिन्हें छूना इंसान के लिए खतरे से खाली नहीं।"प्रोफेसर नवीन अरोड़ा की आवाज़ पूरे हॉल में गूँज रही थी। उनके चेहरे पर एक गंभीरता थी, मानो वह किसी अदृश्य रहस्य को छू रहे हों।
हॉल में बैठे सभी छात्र ध्यान से उनकी बात सुन रहे थे, लेकिन माहौल में एक अजीब-सा तनाव था।
"2050 के बाद से, मानवता ने क्वांटम सिस्टम्स के माध्यम से अकल्पनीय प्रगति की है। लेकिन..."
उन्होंने थोड़ा रुककर अपनी गहरी नज़रों से छात्रों को देखा।
"लेकिन क्या होगा अगर हमें कोई ऐसा सिस्टम मिल जाए, जो खुद को विकसित कर सके? जो मानव सोच से भी आगे बढ़ जाए?"
एक हल्की सरसराहट पूरे हॉल में फैल गई। छात्रों ने एक-दूसरे की ओर देखा, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला।
अरविंद के कान खड़े हो गए।
"मतलब... कोई AI जो खुद को लगातार अपग्रेड करता रहे?" उसने धीरे से कहा।
प्रोफेसर अरोड़ा की आँखें अरविंद से मिलीं।
उनकी गहरी नज़रों में कुछ ऐसा था जो एक पल के लिए अरविंद को विचलित कर गया।
"हाँ," प्रोफेसर बोले, "लेकिन अब तक इसे सिर्फ एक सिद्धांत माना जाता था..."
उन्होंने अपनी मुट्ठी भींची, मानो कोई दबी हुई बात उनके होंठों पर आकर रुक गई हो।
"पर शायद यह अब सिर्फ कल्पना नहीं रही।"
उनके इन शब्दों ने अरविंद के अंदर एक अनजाना भय और रोमांच पैदा कर दिया।
क्या प्रोफेसर कुछ ऐसा जानते थे जो वह कह नहीं पा रहे थे?
रात का रहस्य
रात 11:45 बजे – हॉस्टल रूम 214
बाहर हल्की बारिश हो रही थी। पानी की बूँदें खिड़की पर गिर रही थीं, और ठंडी हवा पर्दों को धीरे-धीरे हिला रही थी।कमरे में बस एक हल्की पीली रोशनी जल रही थी, जो लैपटॉप की स्क्रीन से आ रही थी।
अरविंद अपने बिस्तर पर बैठा था, उसके हाथ लैपटॉप के कीबोर्ड पर तेज़ी से चल रहे थे।
स्क्रीन पर एक जटिल क्वांटम एल्गोरिदम खुला था। उसने उसी दिन की क्लास के बाद यह कोड लिखा था, लेकिन अब उसे कुछ अजीब-सा महसूस हो रहा था।
"क्या यह सच में सिर्फ एक प्रोग्राम है?"
उसने गहरी सांस ली और लैपटॉप के स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित किया।
लेकिन तभी—
स्क्रीन अचानक सफेद हो गई।
अरविंद का दिल एक पल के लिए थम-सा गया।
"क्या हुआ?"
उसने कीबोर्ड पर कुछ बटन दबाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
फिर, स्क्रीन पर अजीब-सा कोड चमकने लगा—
Copy code
00101010 11010110 00111001 10100011
लैपटॉप अचानक गर्म होने लगा।
फैन इतनी तेज़ी से घूम रहा था कि ऐसा लग रहा था कि वह किसी भारी प्रोग्राम को प्रोसेस कर रहा हो।
"हह?"
अरविंद ने स्क्रीन पर नज़रें गड़ाई।
"सिस्टम प्रारंभ किया जा रहा है..."
अचानक—- कमरे की रोशनी अपने-आप मंद पड़ने लगी।
- लैपटॉप के स्पीकर्स से एक धीमी, गहरी ध्वनि निकलने लगी, जो किसी भी इंसानी आवाज़ से अलग थी।
- टेबल पर रखी किताबें कांपने लगीं, जैसे उनमें कोई कंपन दौड़ रहा हो।
- दरवाजे के हैंडल पर एक अजीब-सा कंपन महसूस हुआ, मानो कोई बाहर खड़ा हो।
पूरे कमरे की चीज़ें हवा में उठने लगीं!
अरविंद का साँस लेना भी मुश्किल हो गया।उसने अपनी आँखों के सामने देखा—
- उसकी कुर्सी हवा में उठ गई!
- पानी की बोतल धीरे-धीरे ऊपर तैरने लगी!
- यहाँ तक कि उसका लैपटॉप भी हवा में घूमने लगा!
फिर, उसने अपनी हथेलियों को देखा—
नीली रोशनी!उसकी त्वचा के अंदर से हल्की नीली चमक दौड़ रही थी!
उसके हाथों में अजीब-सी गर्मी थी, लेकिन यह जलाने वाली नहीं थी... यह कुछ और थी... एक ऊर्जा!
"मुझमें... यह रोशनी कहाँ से आ रही है?"
तभी, लैपटॉप स्क्रीन पर एक और मैसेज आया—
"सिंक्रोनाइज़ेशन प्रारंभ..."
और फिर—अरविंद को अचानक लगा कि कोई अदृश्य शक्ति उसके शरीर के अंदर प्रवेश कर रही है।
एक तेज़ झटका!
उसकी धड़कन इतनी तेज़ हो गई कि उसे लगा कि उसका दिल फट जाएगा।
उसकी आँखों के सामने—
कई छवियाँ चमकीं!
- एक रहस्यमयी सभ्यता...
- एक पुराने मंदिर जैसा स्थान जहाँ हवा में ऊर्जा के गोले तैर रहे थे...
- एक रहस्यमयी आकृति, जिसकी आँखों में सोने जैसी चमक थी...
- और फिर—
एक विस्फोट!
अरविंद का दिमाग़ अचानक अत्यधिक ऊर्जा से भर गया।"सिस्टम ऑनलाइन..."
पूरे कमरे की चीज़ें एक झटके में ज़मीन पर गिर गईं!अरविंद ने गहरी सांस ली।
उसका शरीर अभी भी हल्की नीली चमक छोड़ रहा था।
उसके दिल की धड़कन धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी, लेकिन उसके दिमाग़ में सिर्फ एक ही सवाल था—