अनजाने रिश्ते--6
"तुम पहली बीवी होगी जो खुले आम पति को गन्दू कहती हो" मैने पीछे से धक्का लगते कहा
"आउच" वह दर्द से चिहुन्क उठी "आहिस्ता , धीरे धीरे आराम से" वह बोली
"टाइम नही है जल्दी निबताओ" मैने कहा "देखो अलार्म बजने लगा सुबह के 7:30 बज रहे हैं"
"बस एक शॉट और" वह मिन्नत करते बोली
"ओके डार्लिंग" मैने कहा
शिखा की मखमल जैसी गांद को छोड़ कर जाने को जी नही कर रहा था लेकिन अब ड्यूटी पर जाना था.
तीन चार बार धक्कम पेल होने के बाद शिखा बोली "ओक पॅकप"
मैने उसकी गंद से लंड निकालते कहा "पॅकप ? खुद को क्या बॉलीवुड हीरोईन समझती हो?"
"और क्या? वरना तुम कितनी शादी शुदा लड़कियों के पीछे लंड हिलाते घूमते थे?" उसने भाव खाते कहा
"एक्सक्यूस मी तुम आई थी मेरे पास" मैने चादर से अपना लॉडा पोंछते कहा "वो महाभारत की कहानी का प्रिंट आउट निकालने"
उसने मुँह बिचका कर कहा "मैं तो उस दिन प्रिंट आउट निकालने आई थी तुम्हारे पास , तुमने तो मेरे भीतर की रंडी मेरे सामने निकाल कर रख दी"
"तो? तुमको प्रिंट आउट निकलना था तो प्रिंट आउट निकालती मेरे डेस्कटॉप मे हिडन फोल्डर खोलने की क्या ज़रूरत थी?" मैने चड्डी पहनते कहा
"मुझे जिग्यासा हुई थी" उसने चादर समेटते हुए कहा
"क्या हुई थी?" मैने पूछा
"जिग्यासा बाबा" उसने जवाब दिया "क्यूरीयासिटी" उसने मेरे हाथ से अपना गाऊँ खींचते कहा
"तुम इंग्लीश मीडियम में पढ़े लड़कों को तो मैं प्रणाम करती हूँ" उसने हाथ जोड़ कर प्रणाम करते कहा
"हरामी साली नखरा करती है" मैने कहते हुए उसकी हाथ अलग किए तो उसने दांतो तले जीभ दबाई
"तुम लड़कियों को नंगी लड़कियाँ देखने की क्या क्यूरीयासिटी है?" मैने उसके हाथों को मरोड़ते हुए पूछा
"क्यूरीयासिटी लड़की को देखने की नही , उन पर चढ़ने वाले लड़को को देखने की होती है" उसने एकदम से मुझे दीवार की तरफ धकेलते हुए कहा ,और मेरी नंगी छाती चूमने लगी
"अभी तक जिग्यासा शांत नही हुई तुम्हारी?" मैने उसका माथा चूमते कहा
"अभी कहाँ ? 4 दिन तक मुझे भूखे रह कर दिन काटने हैं" वह बोली
"आईई" मैं दर्द से चीख उठा उसने मेरी छाती पर काट खाया
"हा हा हा." वा हंसते बोली "अब पता चला? तुम जब मेरे मम्मे काटते हो मुझे ऐसे ही दर्द होता है"
"तुम्हारी जहाँ तहाँ काटने की आदत से मैं परेशान हूँ" अपनी छाती सहलाते मैं बोला
"आह अमन" उसने कहा और लॉड पर ज़ोर से थप्पड़ मारा
"आईई आहह" मैं दर्द से चीख उठा , वार ज़ोर का था "क्यों मारा मुझे?" मैने दर्द से बिलबिलाते पूछा
"तुम्हारे लॉड पे मच्छर बैठा था , एक मच्छर आदमी को...." उसने डाइयलोग मरते कहा
"बस बस.. जाओ जा कर कॉफी बना मैं नहा कर आता हूँ...कॅब कभी भी आ सकती है" मैं बाथरूम जाते बोला
"नही अमन" उसने पीछे से मुझे पकड़ते बोला "मच्छर तुम्हारे लॉड को काट रहा था...मेरे होते हुए कोई और तुम्हारे लॉड पर कटे मुझे ये मंज़ूर नही" उसने लॉड को अपने हाथों से सहलाते कहा
"बहुत हो गया अब देखो फोन वाइब्रट हो रहा है" मैने खुद को उस से छुड़ाते कहा
" मैं देखती हूँ तुम जा कर नहा लो" उसने कहा
उसने फोन रिसीव किया , कॅब ड्राइवर का फोन था "मेडम सर हैं ? एरपोर्ट ड्रॉप है" फोन से आवाज़ आई
"हाँ वह नहा रहे है रूको थोड़ी देर" उसने कहा
मैं जब तक तैयार हो कर आया वह डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा रही थी
"शिखा जो तुम्हे राजन के लिए करना चाहिए वह तुम मेरे लिए कर रही हो" मैने आमलेट खाते कहा
"तो? इस वक़्त तुम मेरे पति हो" उसने कॉफी पीते कहा
"पति? आर यू जोकिंग ? हमारी शादी कब हुई?" मैने पूछा
"ये अस्थाई विवाह है अमन " उसने कहा
"अस्थाई विवाह?" मैने पूछा
"हाँ बाबा ... संतान प्राप्ति के लिए तुमसे संबंध बना रही हूँ" उसने हंसते कहा
"अब ये हाइ लेवेल हिन्दी मत बोलो" मैने झुंझलाते कहा , फोन वापिस बजने लगा
"ये कमीना कॅब ड्राइवर..." मैने कहा
"क्यों बेचारे पर नाराज़ हो रहे हो?" उसने पूछा "मैने संतान वाली बात तुम्हे याद दिलाया इसलिए?" उसने कनखियों से कहा
"तुमसे में बाद में बात करता हूँ" मैने बॅग उठाते कहा "अब यहाँ आओ और मुझे गुड बाइ किस दो शिखा"
वह मेरे करीब आई और मैने उसके होठों पर अपने होंठ टिका दिए .
मैं नीचे आ कर कॅब में बैठा "चलो भाई जल्दी 08:30 से पहले रिपोर्ट करना है" मैने कहा
"जी साहब" ड्राइवर ने कहा और कॅब एरपोर्ट की ओर चल पड़ी.
गाड़ी के पहिए घूम रहे थे और मेरा मन मुझे अतीत की ओर ले गया.
मुझे याद आया की कैसे राजन हमेशा बाहरी लोगों के सामने शिखा को जलील करता था और कैसे शिखा अकेले में आँसू बहाया करती.
राजन को काम काज के आगे सोसाइटी में ज़यादा किसी से घुलता मिलता नही था , हालाँकि मेरे यहाँ कभी वीकेंड नाइट पर आ बैठता दरअसल हमारी दोस्ती "दारू" की वजह से हो गयी थी
"दारू" भी बड़ी गजब की चीज़ है दो अलग टेंप्रमेंट के आदमियों को दोस्त बना देती है और दारू पी कर लोग बाग खुल कर बात करते हैं.
शिखा को राजन का मेरे साथ बैठकर दारू पीना पसंद नही था , खास तौर से मेरे जैसे बॅच्लर्स के साथ.
उसके मुताबिक बॅच्लर्स निहायत ही गैर ज़िम्मेदार होते हैं और पड़ोस में रहने वाली लॅडीस के साथ फ्लर्ट करते हैं.
ऐसे ही एक दिन मैं ड्रॉयिंग रूम में बैठ कर शाम के वक़्त बियर पी रहा था , दरवाज़ा खुला हुआ था.
मैं टीवी पर फुटबॉल का मॅच देख रहा था , की मैने दरवाज़े पेर राजन को खड़ा देखा
"अरे राजन जी , प्लीज़ कम" मैने कहा
"ओह अमन जी सॉरी.. आइ सॉ यू वाचिंग फुटबॉल मॅच" उसने मुस्कुराते कहा " सो आइ थॉट इफ़ आइ कॅन जाय्न यू"
"ओह शुवर राजन जी , प्लीज़ कम इन" मैने हंसते हुए कहा
"थॅंक यू" उसने कहा "लेट मी टेक अ वॉश आंड देन आइ विल जाय्न यू शॉर्ट्ली"
"शुवर राजन जी टेक युवर टाइम" मैने कहा
वह मूड कर फ्लॅट की ओर गया और बेल बजाई , मैने देखा उसकी पत्नी शिखा ने दरवाज़ा खोला और वह अंदर चली गयी
उसने अपने जूते उतार कर रॅक में रखे और दरवाज़ा खुला ही छोड़ कर अंदर गया
"अरे.. अरे... दरवाज़ा तो बंद करना था" अंदर से आती शिखा बोली
"रूको.. मुझे पड़ोस में जाना है" अंदर बाथरूम से राजन की आवाज़ आई
"अभी तो आएँ है अभी जाएँगे क्या?" शिखा परेशान होते बोली
"हाँ..पड़ोस में अमन के घर जा रहा हूँ फुटबॉल मॅच देखने" राजन से मुँह धोते कहा
"लेकिन आज गुरुवार है , हमे मंदिर जाना है" शिखा ने कहा
"तुम चली जाओ , मुझे मॅच देखना है" राजन मना करते बोला
"आज आपने मुझे वादा किया था कि मंदिर जाएँगे" शिखा उसे याद दिलाते बोली
"देखो मुझे मंदिर वंडिर में इंटेरेस्ट नही , तुम्हे है तो तुम चली जाओ" राजन नाराज़ होते बोला
उनके घर रोना धोना शुरू हो गया
मैने बियर की बॉटल खोली और घूँट लेते हुए मॅच देखने लगा हालाँकि मेरे कान उन्ही के घर की तरफ थे.
कुछ देर बाद राजन मेरे ड्रॉयिंग रूम में आते बोला "सॉरी , मुझे थोड़ी देर हो गयी आक्च्युयली वाइफ थोड़ी अपसेट हो गयी"
"इट्स ओके" मैने कहा "एनितिंग सीरीयस?"
"नो नो" वह बोला "शी गॉट अपसेट एज़ आइ चेंज्ड प्लान" वह हंसते बोला
"ओह आइ सी" मैने पॉपकॉर्न खाते बोला
"यॅ यू नो दीज़ वाइव्स" वह बोला
"ड्रिंक?" मैने उसके सामने बियर की बॉटल बढ़ाते कहा
उसने इधर उधर देखा दरवाज़ा खुला था वह बोला "लेट मी क्लोज़ डोर फर्स्ट" और दरवाज़े की तरफ बढ़ गया
"थॅंक्स फॉर ड्रिंक" उसने कहा और दांतो से बॉटल की सील तोड़ते कहा
"चियर्स" हमने बॉटल टकराई और सीप लिए
"यॅ... गोल" वह चीखा , मॅच में गोल हो गया था और हाफ टाइम हो गया था
"आप फुटबॉल काफ़ी एंजाय करते हैं राजन जी" मैने कहा
"हाँ आइ एंजाय अलॉट" उसने कहा
"आक्च्युयली मेरी वाइफ स्टुपिड टीवी सीरियल्स की वजह से मुझे मॅच देखने नही देती" उसने शिखा की शिकायत करते कहा
"आब्वियस्ली" मैने पॉपकॉर्न मुँह में डालते कहा "टीवी का रिमोट तो लॅडीस के हाथ में ही होता है"
"एग्ज़ॅक्ट्ली" उसने कहा और पॉपकॉर्न की ट्रे की तरफ हाथ बढ़ाया लेकिन वह ख़त्म हो गये थे
"आइ आम सॉरी पोप कॉर्न ख़त्म हो गये , मैं कुछ ऑर्डर करता हूँ" कहते हुए मैने फोन हाथ में लिए
"अरे अमन प्लीज़" उसने कहा की इतने में बेल बाजी
"लेट मी सी कौन आया है" मैं उठते बोला
"में देखता हूँ" उसने कहा और दरवाज़ा खोला
बाहर पंजाबी सूट में उसकी बीवी शिखा खड़ी थी , उसने उसके हाथ चाभी थमाते कहा "मैं मंदिर जा रही हूँ"
"सुनो बाहर से ज़रा पॉपकॉर्न , सॉल्टेड काजू और पीनिट्स ले आना" उसने हुकुम दिया "ये लो पैसे" उसने 1000 का नोट शिखा को दिया
"ठीक है" कह कर वह अपनी चुन्नी संभालते हुए नीचे गयी
"अमन मैने कुछ चखना मँगवाया है" उसने मेरी ओर मूड कर कहा
"अरे राजन जी मेरे पास कुछ नमकीन है अपने क्यों तकलीफ़ की" मैने कहा
"इट्स ओक यार" वह बोला "अब मॅच का माहौल है रत 10 बजे दूसरा मॅच है , इफ़ यू डॉन'त माइंड"
"अरे राजन जी प्लीज़...मैं भी फुटबॉल का शौकीन हूँ"
रात के 8 बाज चुके थे डोर बेल बाजी राजन ने दरवाज़ा खोला उसकी बीवी शिखा चखना ले आई थी
"तुम घर जाओ में बाद में आता हूँ" उसने समान लेते कहा
"खाना तो खा लीजिए" उसने कहा
"खाना तुमने बना लिया क्या?" उसने सवाल किया
"सुबह का है , गर्म कर देती हूँ" उसने कहा
"तुम ही खाओ , सुबह का खाना" उसने नाराज़ होते कहा
"मैं सब्जी बना देती हूँ.. थोड़ा रुकिये" उसने राजन को मनाते कहा
"ठीक है जब खाना रेडी हो जाए मुझे आवाज़ दे देना , मैं यहीं मॅच देख रहा हूँ" उसने कहा
"ठीक है" शिखा बोली और दरवाज़ा खोल कर अपने घर चली गयी.
"ये सला राजन तो हरामी है , इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़ कर ये चूतिया मॅच देख रहा है" मैने सोचा
राजन मेरे सामने बैठते हुए बोला "सॉरी अमन , ये बीवियाँ भी यू नो ज़रा भी प्राइवसी नही देती"
"आइ कॅन अंडरस्टॅंड" मैने मुस्कुराते कहा
"क्या बीवियाँ इतनी पस्सेसिव होती हैं?" मैने पूछा
उसने मेरी और देखा "आइ आम सॉरी राजन" मैने बात को समहालते कहा
"अरे डॉन'त बी फॉर्मल" उसने हंसते कहा "शादी के बाद तो बीवी जीना हराम कर देती है"
"हा हा हा" मैने हंसते हुए कहा की मेरे फोन की रिंग बाजी
"एक्सकूज़ मी" मैने कहा और फोन ले कर गॅलरी में आ गया
मैने फोन पर बात करते हुए देखा , साइड के गॅलरी में शिखा भी फोन पर किसी से बात कर रही थी,
मैने देखा उसकी साइड ही चाँदनी खिली थी , पूनम का चाँद आसमान में अपनी चाँदनी बिखेर रहा था.
मैं कान दे कर उसकी बातें सुनने लगा
"हां मा , मैं मंदिर जा कर आई ..नही राजन नही आए वो टीवी पर मॅच देख रहे थे...मा उनको क्या पता गुरु पूर्णिमा
के बारे में"
वह शायद अपनी मा से बात कर रही थी
"हाँ मा मैं नवमी की दिन उपवास करूँगी और रात में राजन के साथ...."
उसने मुझे बाल्कनी में उसकी ओर देखते हुए पाया , वह अंदर चली गयी
"शिट साला " मैं अपने आप से बोला "उसको देखने का चान्स चला गया"
मैं वापस ड्रॉयिंग रूम में आया , राजन चखने का पॅकेट खोल चुका था . मुझे गॅलरी से ड्रॉयिंग रूम में आते देख राजन बोला
"अरे अमन जी आइए सुअरेज़ ने क्या गोल किया है मज़ा आ गया"
"आज तो जर्मनी की हालत पतली लगती है"
"देखते हैं अभी तो 10 मिनिट बाकी हैं" राजन ने टीवी देखते कहा
मॅच अब एकदम रोचक मोड़ पर आ चुका था कि बत्ती गुल हो गयी
"शीट" हम दोनो एकसाथ चिल्ला उठे. एक तो लाइट चली गयी और शिखा को ताकने का चान्स जाने की वजेह से मेरा मूड खराब हो गया था , मैं अपनी किस्मत को कोस रहा था की अंधेरे में चौखट पर मुझे कोई खड़ा दिखाई दिया.
"खाना बन गया है , चलिए" ये शिखा थी अपने पति राजन को बुला रही थी.
"तुम चलो मैं आता हूँ" राजन ने कहा , शिखा जाने को मूडी "अरे अमन जी आप भी आइए ना" राजन ने कहा
"नो थॅंक्स राजन जी..में कुछ ऑर्डर कर लूँगा आप तकलीफ़ ना कीजिए" मैने कहा
"नो वे अमन जी...आज तो आपको हमारे घर चलना ही होगा" राजन ने इन्सिस्ट किया तो मैं राज़ी हो गया.
हम उनके घर पंहुचे , में ड्रॉयिंग रूम में बैठा मग से बियर पी रहा था`, राजन् ने बियर उसके घर ले चलने के लिए कहा था हालाँकि शिखा को यह बात पसंद नही आई.
राजन मेरे सामने आ बैठा और हममे इधर उधर की बातें हो रही थी , खाना लगने में थोड़ा टाइम था कि राजन को किसी का फोन आया वह फोन रिसीव करने गॅलरी गया.
शिखा इतने में सूप ले आई और बोल मेरे सामने रखा
"ये कहाँ गये?" उसने पूछा
"उन्हे फोन आया था" मैने जवाब दिया
"मैं अभी आती हूँ " कहकर वो जाने को मूडी की इतने में राजन वापस आया
"मैं आपको ढूँढरही थी कहाँ गये थे" उसने राजन से पूछा
"ऑफीस से फोन आया था , ख़ान को फाइल देनी है मैं ऑफीस में में देना भूल गया" राजन ने जूते पहनते कहा
"खाना खा कर जाइए , खाना रेडी है" शिखा ने उसे कहा
"नही ज़रा अर्जेंट है मैं ख़ान को फाइल दे कर आता हूँ" राजन ने कहा "अमन जी प्लीज़ डॉन'त माइंड मैं अभी 15 मिनिट में आया" राजन ने मुझसे कहा और चला गया
शिखा उसको यूँ जाते हुए देखती रही , उसकी आँखों में आँसू भर आए.
"एनी प्राब्लम?" मैने बियर पीते कहा "शिखा जी?"
वह मेरी ओर मूड कर बोली "नतिंग" उसने मेरे हाथ में बियर का मग देखा और गुस्से से बोली
"यह ब्राह्मण का घर है यहाँ यह सब नही चलेगा"
"ओह आइ अम सॉरी" मैने माफी माँगते हुए कहा "लेकिन मुझे तो आप के पति ही लेकर आए और वह भी तो पी रहे थे" मैने मग टेबल पर रखते कहा
"वो सब मैं नही जानती , वो आपके यहाँ पी रहे थे आप जाने , यहाँ में रोज पूजा पाठ करती हूँ ये सब नही चलेगा"
उसने मुझे सुनाते कहा
"ओक शिखा जी अब चलूँगा" इतनी बेइज़्ज़ती के बाद अब वहाँ मुझे रुकने की इच्छा नही थी
"खाना खा कर जाइएएगा" शिखा ने कहा
"नो थॅंक्स , मैं तो आना ही नही छ्च रहा था आपके पति ने ज़ोर दिया" मैने उसको जवाब दिया
"देखिए" उसने कहा "आपको समझना चाहिए की आपका मेरे पति के साथ उतना बैठना मुझे पसंद नही"
"क्यों?" मैने हैरत से पूछा
"आप उन्हे गंदी आदतें लगा रहे हैं" उसने कहा
"राजन क्या इतना मासूम है जो अपना भला बुरा ना जनता हो?" मैने पूछा
"आप उन्हे शराब की लत क्यों लगा रहे हैं?" उसने बात को बदलते कहा
"वो खुद शराब पीने घर आया था मेरे" मैने कहा
"ग़लत वो सिर्फ़ मॅच देखने आए थे शराब अपनी पिलाई" उसने कहा
"मॅच सिर्फ़ बहाना था असल में उसको शराब ही पीने थी" मैने तर्क लाढ़ाया
"आप कहना क्या चाहते हैं?" उसने ज़रा गुस्से से पूछा
"यही की आपके पति शराब पीते हैं , मच्योर हैं अपना भला बुरा समझते हैं और मैं उन्हे कोई बुरी आदत नही लगा रहा" मैं एक सांस में कह गया
"फिर वो आपके यहाँ क्यों पड़े रहते हैं वीकेंड में?" उसने सवाल पूछा
"ये बात आप अपने पति से कीजिए , अगर वो आपको टाइम नही देते ये मेरा क्न्सर्न नही देते" मैने उसको सुनाया
"हन जाहिर है...आप जैसे बॅच्लर्स के क्या कन्सर्न्स हैं ये मुझे मालूम है" वो गुस्से से फुफ्कर्ती बोली
"वॉट दो योउ मीन?" मैने तेज आवाज़ में पूछा
"योउ अरे होमे सेक्षुयल" उसने कहा "आप जैसे बचलोर्स राजन जैसे शादीशुदा लोगों की जिंदगी खराब करते हैं" उसने कहना जारी रखा "क्या मैं नही जानती की आप अंडरवेर पहने रत दिन हमारी खिड़की की तरफ क्या देखते हैं? मैने राजन को आपको इशारे करते भी देखा है"
"तो आपने अपने पति राजन से यह जानना ज़रूरी नही समझा की बात क्या है?" मैने कहा
"उनसे क्या पूछना है , उन्होने मुझसे साफ कह दिया है की उनका ओरियेंटेशन होमो है" उसने रोते कहा
यह सुन कर मेरा दिमाग़ तेज़ी से दौड़ने लगा "ये समझती है की मैं और राजन गे कपल हैं , और इसलिए ये मुझसे इतनी अपसेट रहती है... इसको यह भी मालूम है की मैं इनकी घर के तरफ ताकता हूँ ये समझती है मैं इसके पति को देखता हूँ जबकि मैं तो इसकी झलक पाने के लिए यह सब करता हूँ" मैने सोचा और हँसने लगा
शिखा मेरे यूँ हँसने पे भड़क गयी "क्या पागलो की तरह हँसे जा रहे हैं"
"हा हा हा.. राजन सही कहता था , तुमने उसके दिमाग़ को शॉट लगाया हुआ है" मैं मुश्किल से हँसी कंट्रोल करते बोला
"अमन स्टॉप इट" वह चिल्लई "बे सीरीयस"
"योउ अरे ओवर रैक्टिंग शिखा" मैने कहा "तुम जो समझ रही हो वैसा कुछ नही है"
"अब तो तुम यह कहोगे ही" शिखा गुस्से से बोली
"मैं प्रूव कर सकता हूँ" मैने मुस्कुराते कहा
"कैसे? टेल मे" शिखा का मुँह गुस्से से तमतमा उठा था
"मैं पूछती हूँ कैसे? कैसे यकीन कर लून की तुम गे नही हो?" वा चीखते बोली
"यूँ ऐसे" कहते हुए मैं उसकी ओर बढ़ा और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
मैं बेतहाशा उसको चूम रहा था , वा अचानक हुए इस हमले से हैरान थी मैं उसके होठों , गालों , आँखों और चेहरे पर अपने प्यार की मुहर लगा रहा था की अचानक उसने मेरे कान पर काट खाया
"आइईई" मैं दर्द से चिल्ला उठा और मेरे बाएँ गाल पर उसका झन्नाटे दर झापड़ पड़ा
"बदतमीज़" वो गुस्से से बोली
"सॉरी शिखा मेरे पास इसके अलावा प्रूव करना का कोई रास्ता नही था"मैं बेशर्मी से हंसते बोला
"मैं दरअसल तुम्हारी झलक पाने के लिए तुम्हारे घर की ओर देखता था , तुम समझी की तुम्हारे पति में मैं इंट्रेस्टेड हूँ"
"ग़लती मेरी थी मुझे समझना चाहिए था" शिखा गुस्से से बड़बड़ा रही थी "आने दो इनको तुम्हारी असलियत इनको बतौँगी"
"ऐसी ग़लती करने की सोचना भी मत शिखा" मैने उसको धमकाते कहा " वरना मैं राजन को सब बता दूँगा की तुम उस के बारे में क्या सोचती हो"
उसका चेहरा सफेद पद गया
"और फिर तुम जानती हो वा तुम्हारी कितनी पिटाई करेगा" मैने कहा "हन मैं जनता हूँ जब तुम उसके साथ इंटिमेट होती हो तो उसका रिक्षन क्या रहता है"
"जॅलील इंसान" वा मुझे नोचने आगे बढ़ी
"टेक इट ईज़ी शिखा डार्लिंग" मैने उसके हाथ पकड़े और उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके कानो के पास मुँह ले जा कर धीरे धीरे हल्के से उसके कान चाटने लगा
"प्राब्लम तुम्हारे पति में है , वो गे है ये तुम भी जानती हो , इसलिए वा तुम्हारे साथ सेक्स नही करता यही तुम्हारे ज़रूरत से ज़्यादा पूजा पाठ करने की वजह है"
"आह नही" वह कसमसाते बोली
"झूठ , और यही तुम्हारे अग्रेशन की वजह है की तुम्हारे पति की पॉल मेरे सामने खुल गयी" मैने कहा
"नही अया अमन मुझे छोड़ो" शिखा दर्द से कराहती बोली
इतने में लाइट आ गयी मैने उसको छोड़ दिया , वह किचन में भाग की डरवज़े की बेल बाजी , मैने दरवाज़ा खोला राजन बाहर खड़ा था
"सॉरी अमन मुझे ज़रा देर हो गयी"
"नो इश्यूस राजन जी" मैने कहा
"अपने खाना नही खाया?" उसने कहा "शिखा?"
"जी नही हम आपकी राह देख रहे थे"
"ओह गुड" उसने कहा , शिखा अपनी सदी संभालते हुए बोली "अरे आप आ गये मैं खाना लगती हूँ"
हमने खाने के टेबल पर इधर उधर की बातें की, इधर शिखा टीवी देखने चली गयी
"रूको स्पोर्ट्स चॅनेल लगाओ" राजन ने कुर्सी पर बैठे कहा
"मुझे महाभारत देखना है" शिखा ने कहा
"नही मॅच आ रहा है" राजन ने कहा
"शिखा जी आप मेरे घर जा कर टीवी लगा लीजिए , आप हमारी चिंता ना कीजिए हमे कुछ चाहिए होगा तो बुला लेंगे"
मैने कहा
"हन शिखा अमन जी के घर जा कर देख लो जो तुम्हे देखना है , हमे यहाँ अकेले छोड़ दो" राजन ने कहा
शिखा समझ गयी की उसका पति मूड में आ गया है , अभी उस से बहस करना का कोई फयडा नही था नही तो उसके साथ मार पीट हो जाती , वह चुपचाप उठ कर मेरे घर चली गयी.
इधर हमारा खाना ख़त्म हुआ और हम टीवी पर मॅच देखने लगे , राजन कहीं से ओल्ड मॉंक की बॉटल ले आया
"अरे? भाभिजी कह रही थी उनको घर में आपका शराब पीना मंजूर नहीं" मैने कहा
" अछा ऐसा कहा उसने?" राजन कुछ सोचते हुए बोला "और क्या कहा उसने?"
"कुछ नही बस इधर उधर की बातें"
"लाइए मैं पेग बनता हूँ" मैने कहा और वा बताने लगा
"मेरी और शिखा की लाइफ में ज़रा टेन्षन है , वह बड़ी पोज़ेसिव है"
"अछा?" मैने पेग बनाते हुए उसकी बातें सुन रहा था
"हन , वह समझती नही की मेरा भी फिरेंड सर्कल हो सकता है"
"ये तो कामन बात है शादी के बाद बीवी चाहती है की उसका पति उसको टाइम दे" मैने बात बनाते कहा
इस बीच उसके पेग में मैने नींद की गोली मिला दी क्यूंकी मैं समझ रहा था की शायद वा मुझे अपने गे सेक्स के लिए अप्रोच कर रहा है.
"नही इसकी बात ज़रा अलग है , ऑर्तोडॉक्स फॅमिली को बिलॉंग करती है" उसने पेग हाथ में ले कर कहा
"और उसकी अपनी सोच है" अमन कह रहा था
"चियर्स" हमने ग्लास टकराए
"छोड़िए राजन साहब भूल जाइए , ड्रिंक का मज़ा लीजिए" मैने कहा
एक तो ओल्ड मॉंक और उपर से नींद की गोली , दोनो ने अपना असर दिखाया और वा वहीं सोफे पर ढेर हो गया
"बच गये आज तो" मैने खुद से कहा और घर आ गया.