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Incest अनोखा करवाचौथ

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bahut badhiya mod hai ye kahani ka.................

anup ne ab tak jo kuchh bhi barbad kiya tha..............sahil aur ruby milkar pahle use samhaleinge

idhar lima ka ek hafte ka samajh nahin aa raha .....kyo time liya .........kya honewala hai..........shayad kuchh bahut bura
aur uska boss kaun hai.............ye bhi tabhi pata chalega

priya aur niraj kya kareinge

aur sabse bada shak....................... ye shanta bai mujhe sirf naukrani nahin lag rahi............jaisa sahil sochta hai
iska aur anup ka rishta bhi..............samne jo dikhta hai...........usse kuchh alag lag raha hai mujhe
ye mohra bhi ho sakti hai kisi ka...............balki ye khiladi lag rahi hai jo bisat par mohre rakhkar sara khel khel rahi hai
paisa iska maksad nahin..................koi aur wajah hai..............shayad koi badla

anup jitna kamina dikh raha hai....................usse jyada bevkoof lag raha hai mujhe...........har kisi ke hath ka mohra ban jata hai
aksar gussail log aise hi hote hain..............unke gusse ka fayda dusre log uthate hain

agla update jaldi dena
shanta bai par mujhe bhi shak hua jab lima ne kaha ki uska boss kaun hai ye jaankar shocked ho jaoge ,,kyunki abhi anup aur rubi ka koi rishtedar nahi aaya kahani me ..aur shanta baar baar apne beti ko khojne ki baat ruby se hi puchhti hai ?..
 

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रूबी साहिल को खाना देने के बाद अपने योगा सेंटर पहुंच गई और लोगो को उसने योग कराया। उसके बाद वो आराम से अपने ऑफिस में बैठ गई और उसके ठीक सामने लीमा पड़ी हुई थी।

रूबी:" अच्छा लीमा एक बात बताओ तुम तो खुद एक औरत हो, फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया कि तुमने अनूप को नामर्द बना दिया।

लीमा ने उसकी तरफ देखा और बोली:"

" अनूप को उसके कर्मों की सज़ा मिली हैं। जब उसने मुझे काम पर रखा तो उसने शुरू से ही मुझे गंदी नजर से देखना शुरू किया और धीरे धीरे उसने मुझे पैसा देना शुरु किया और मैं पैसे के लालच में उसकी तरफ झुकती चली गई।

रूबी:" वो सब तो ठीक हैं लेकिन उसे नामर्द क्यों बनाया ? ये बताओ मुझे तुम।

लीमा के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

"एक एक करके सब बता रही हूं ना इसलिए ध्यान से सुनती रहो। एक दिन उसने मुझे ऑफिस से जुड़ा हुआ कमरा दिखाया और मुझे जबरदस्ती दारू पिला दी और मैं बहक गई और हमारे बीच में सेक्स हो गया। वैसे वो तुमसे बहुत नाराज़ रहता था। जब देखो तुम्हे गाली देता रहता था, बोलता था कि तुमने उसकी ज़िन्दगी खराब कर दी।

रूबी ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और बोली:"

" ऐसा तो कुछ नहीं था, वो दारू बहुत पीता था और अय्यासी में रहता था इसलिए मैंने उसे समझाया शायद यही बात उसे बुरी लग गई।

लीमा:" जो भी हो मुझे इससे क्या, उस दिन जो हुआ मेरी गलती थी लेकिन उसके बाद उसने मुझे जबरदस्ती सेक्स करना शुरू कर दिया और मैं कुछ नहीं कर पाई क्योंकि मैं मजबूर थी। लेकिन मै अपना बदला लेना चाहती थी इसलिए मैंने धीरे धीरे उसका साथ दिया और उसको दवा देनी शुरू कर दी। और उसके बाद क्या हुआ तुम जानती ही हो।

रूबी:" लेकिन इसमें मेरी गलती क्या थी ? तुमने मुझे उस सुख से वंचित कर दिया जो दुनिया की हर औरत के लिए अदभुत होता हैं लीमा।

लीमा:" मैंने तुम्हे नहीं उसे सजा दी थी, बाद उसका असर तुम पर भी अा गया।

रूबी:" अच्छा एक बात बताओ तुम नीरज को जानती हो क्या ?

लीमा के चेहरे के रंग एक पक के लिए बदल गए लेकिन अगले ही पल बोली:"

" मैं किसी नीरज नाम के लड़के को नहीं जानती हूं।

रूबी ने थोड़ी देर के लिए कुछ सोचा और बोली:'

" अच्छा प्रिया को तो जानती होगी जो तेरे साथ ही ऑफिस में काम करती थी।

लीमा ने प्रिया का नाम सुनते ही बहुत मुह बनाया और बोली:"

" प्रिया वो कमीनी एक नंबर की रण्डी हैं। पैसे के लिए अमीर आदमी के बिस्तर पर लेट जाती थी। वो एक टॉप क्लास कॉल गर्ल हैं। जॉब तो सिर्फ समाज में इज्जत के लिए करती थी।

रूबी:* क्या तुम जानती हो उसके सम्बन्ध किस किस के साथ थे ?

लीमा:" नहीं जानती, वो बहुत ही गंदी और घटिया लड़की हैं, मैं इतनी गिरी हुई नहीं हूं।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा हुई और बोली:"

" तू कितनी गिरी हुई हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं, सफार्इ देने की जरुरत नहीं हैं तुम्हे।

लीमा ने रूबी की गुस्से से देखा और अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया। रूबी समझ गई कि अब ये इससे ज्यादा कुछ नहीं बता पाएगी। रूबी ने उसे फिर से बेहोश किया और अपने घर की तरफ चल पड़ी।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने अपने दोस्त रवि मिश्रा को फोन किया और बोला:"

" हान रवि कैसे हो दोस्त ?

रवि एयरपोर्ट पर था और वो नहीं चाहता था कि वो ये ट्रिप मिस कर से क्योंकि वो जानता था कि नीरज उसे नहीं जाने देगा इसलिए बोला:"

" अच्छा हूं, आपने जी माल दिया था उससे ही सब काम हो रहा हैं। देखना सब कुछ इतना खराब बनेगा कि इस के बाद अनूप को कभी कोई काम नहीं मिलेगा।

नीरज:" बहुत बढ़िया रवि। शाबाश तुम पूरे काम का ध्यान खुद रखना।

रवि:" आप चिंता मत कीजिए सर। मैं हूं ना सब देखने के लिए।

नीरज ने खुशी के फोन काट दिया और उसने अनूप का मोबाइल नंबर मिला दिया जो साहिल के पास था। साहिल ने नीरज का नाम देखा और उसकी आंखो में गुस्सा साफ उभर आया और कॉल को रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया।

नीरज:' हान भाई अनूप जी क्या हाल हैं ? काम कैसा चल रहा हैं ?

साहिल:" अरे सर सब बहुत अच्छा हैं, काम बिल्कुल सही और तेजी से चल रहा है।

नीरज:" अच्छा है यार, बस इस टेंडर के बाद तेरी कंपनी ठीक से चल पड़ेगी। अच्छा यार मेरे काम का क्या हुआ ?

साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए बोला:"

" यार थोड़ा और सब्र कर लो, बस हो जाएगा आपका काम जल्दी ही।

" क्या यार कब तक सब्र करू, अब तो रात को नींद भी नहीं आती रूबी के बारे में सोचकर, बस एक रात के लिए उसे मेरी रानी बना से ना अनूप मैं तेरी ज़िन्दगी बना दूंगा।

नीरज की आवाज में बेचैनी साफ महसूस हुई और साहिल की आंखो में खून उतर आया लेकिन अपने आपको काबू करते हुए बोला:"

" मैं कर रहा हूं अपनी तरफ से कोशिश, जल्दी ही उसे मना लूंगा मैं, बस थोड़ा समय और।

नीरज:" आखिर कब तक थोड़ा थोड़ा समय करते रहेंगे तुम ? चार साल से ज्यादा हो गए तुम्हे, बस अनूप एक एक वीक और नहीं तो अपने आदमियों से उसे उठवा कर अपनी रण्डी बना लूंगा। समझे तुम।

नीरज की बाते सुनते ही साहिल की आंखो में खून उतर आया और उसके हाथो की मुट्ठियां भींच गई लेकिन फिर भी उसने खुद को संभाला और बोला:"

" ऐसा कुछ भी मत करना तुम, टेंडर पूरा होते ही तुम्हारा नाम हो जायेगा। ये अनूप का वादा हैं।

नीरज:" ठीक हैं बस एक हफ्ता, अच्छा तुम एक काम करो मेरे फार्म हाउस पर अा जाओ, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले हुए।

साहिल:" टेंडर के बीच में ही अा जाऊ क्या ? काम चल रहा हैं यहां ?

नीरज:" अरे वहां हमारा एक दोस्त हैं ना रवि मिश्रा वो सब देख लेगा। बहुत अच्छा आदमी हैं।

साहिल:" रवि सच में बहुत अच्छा आदमी हैं। ठीक हैं मैं आता हूं।

साहिल ने फोन काट दिया और सारी रिकॉर्डिंग रूबी को भेज दी और उसे कॉल किया

साहिल:" मम्मी मुझे नीरज ने बुलाया हैं इसलिए जाना होगा। हो सकता हैं रात को थोड़ा लेट हो जाऊ मैं आते आते।

रूबी:" क्या बेटा, वहां मत जाओ तुम, मुझे डर लगता है उससे, कहीं तुम्हे कुछ हो ना जाए,

साहिल:" मम्मी आप मत डरो, आपका बेटा सब कुछ ठीक कर देगा। अच्छा मैने आपको एक रिकॉर्डिंग भेजी हैं वो सुन लेना आप और समझ जाओगी कि मेरा वहां जाना क्यों ज्यादा जरूरी है मम्मी।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, लेकिन अपना ध्यान रखना तुम, खाना मैं तुम्हारे साथ ही खाऊंगी। जल्दी आना वापिस।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं जल्दी आने की पूरी कोशिश करूंगा।

इसके बाद साहिल ने फोन काट दिया और गाड़ी लेकर नीरज के घर की तरफ चल दिया। रास्ते में जाते हुए वो कुछ सोचता जा रहा था कि उसे वहां कैसे रहना हैं और क्या करना हैं।

जल्दी ही साहिल नीरज के फार्म हाउस पर अा गया। नीरज ने बाहर लॉन में कुछ चेयर और एक टेबल रखी हुई थी जिन पर महंगी विदेशी शराब, देशी शराब, बियर सब तरह का सस्ता महंगा नशा मौजूद था। मतलब मेहमान अपने हिसाब से कोई भी नशा कर सकता था।

अनूप को देखते ही नीरज खुशी से खड़ा हुआ और आगे बढ़ा लेकिन दारू के नशे के कारण उसके कदम लड़ खड़ा रहे थे और बोला:"

" आइए हमारे परम मित्र अनूप आपका इस गरीब के घर में स्वागत हैं।

साहिल धीरे धीरे चलता हुआ आगे बढ़ा और उससे हाथ मिलाया, साहिल का मन तो किया कि उसका हाथ उखाड़ दे लेकिन अभी शायद इसका समय नहीं आया था।

साहिल:" अरे ये तो आपका बड़प्पन हैं कि आप हमें मित्र कहते हैं। वरना मैं तो आपके सामने कुछ भी नहीं हु।

नीरज:" अरे भाई ऐसा नहीं हैं, मेरा बड़प्पन नहीं सच कहूं तो ये सब रूबी के हुस्न का कमाल हैं जो उसने मुझे ऐसा करने पर मजबुर कर दिया। बैठो अनूप देखो यार मैंने तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक दारू का इंतजाम किया हैं मेरे भाई।

साहिल अनूप की बात सुनकर एक बात तो समझ गया कि नीरज रूबी की वजह से अनूप से दोस्ती किया हैं। साहिल बोला:"

" नहीं नीरज भाई, मैंने कसम खाई है कि जब तक टेंडर पूरा नहीं होगा मैं दारू नहीं पी सकता।

नीरज:' क्या यार अनूप बच्चो जैसी बात मत करो तुम, मै हूं ना सब देखने के लिए, फिर तुम परेशान मत हो।

साहिल:' लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मैं अपनी कसम तोड़ दू।

नीरज:" क्या यार, कैसे दोस्त हो तुम, कुछ तो मेरा साथ दो। बस एक छोटा पैग।

इतना कहकर नीरज ने रेड वाइन की बॉटल उठा लिया और पैग बनाने लगा तो साहिल समझ गया कि आज नीरज नहीं मानने वाला। इसलिए साहिल बोला:"

" अच्छा ठीक हैं लाओ पैग मैं बना देता हूं। लेकिन मैं थोड़ी ही पीऊंगा।

नीरज:" वाह ये हुई ना मर्दों वाली बात अनूप। दोनो पैग बड़े और बराबर होने चाहिए।

साहिल ने दो पैग बना दिए और दोनो ने चीयर्स किया और साहिल ने जैसे ही पहला घूंट भरा तो उसे कड़वा एहसास हुआ क्योंकि उसने आज तक दारू को हाथ नहीं लगाया था।

नीरज ने आंखे बंद करी एक ही सांस में पूरा पैग खाली कर दिया। साहिल ने मौके का फायदा उठाकर अपने पैग को घास में फेंक दिया।

साहिल ने इसके बाद तीन पैग और बनाए। लेकिन मौका देखते ही वो उधर इधर फेंक देता था लेकिन फिर भी अब तक उसने तीन घूंट दारू पी लिया था। ये एक अलग तरह की शराब थी जिसमे से बदबू तो बिल्कुल भी नहीं आती थी। बस हल्का हल्का मीठा मीठा नशा हो जाता था।

नीरज:" अनूप यार मेरी इच्छा पूरी करो तुम। मुझे रूबी चाहिए। हर दिन और ज्यादा सेक्सी और जवान नजर आती हैं।

साहिल:" करता हूं मैं कुछ। आप चिंता मत कीजिए।

नीरज की आंखे नशे के कारण बंद हो गई और वो वहीं सोफे पर गिर गया। साहिल ने उसे उठाया और अंदर लेकर चला गया और बेड पर लिटा दिया। बेड पर पहले से ही प्रिया बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी। शायद दिन में इसे नीरज ने जमकर चोदा था इसलिए उसके जिस्म पर लाल लाल निशान बन गए थे।

साहिल ने मन ही मन सोचा कि ये प्रिया भी किसी काम की नहीं निकली, इसे छोड़कर मैंने गलती कर दी। साहिल उस कमरे से बाहर निकल गया और तभी उसकी नज़र कमरे में लगी हुई एक तस्वीर पर पड़ी जिसमे एक बहुत छोटी लड़की थी और साहिल को लगा कि उसने इस लड़की को कहीं देखा हैं।

लेकिन कहां देखा हैं ये उसे याद नहीं आया। दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद भी उसे कुछ याद नहीं आया तो उसने फिलहाल घर जाने का विचार किया। साहिल ने अपनी गाड़ी निकाली और घर की तरफ चल दिया।

उधर घर में रूबी ने साहिल का फोन कटने के बाद वो रिकॉर्डिंग सुनी तो उसके होश उड़ गए। कमीना अनूप और इस नीरज की हिम्मत तो देखो कैसे खुलकर बोल रहा था।

साहिल ना होता तो मैं अब तक शायद नीरज की हवस का शिकार हो गई होती।

रूबी के मन में नीरज के लिए नफरत तो थी लेकिन आज जब उसने रण्डी बनाने वाली बात बोली तो उसने रूबी ने मन को झकझोर कर रख दिया। उस कुत्ते की इतनी हिम्मत सिर्फ अनूप के चुटियापे की वजह से हैं। अब अपने कर्मो की सजा भुगत रहा हैं कमीना।

लेकिन मैं इस नीरज को नहीं छोडूंगी। इसे दिखा दूंगी कि मैं अपने उपर गंदी नजर डालने वालों का क्या हाल करती हूं। जब तक साहिल हैं नीरज तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सच में मेरा कितना ध्यान रखता है और सिर्फ मुझे बचाने के लिए ही उसने अनूप बनकर अपनी जान को खतरे में डाल दिया हैं। सच में मेरा बेटा बहुत अच्छा है।

रूबी ये सब सोचते हुए खड़ी हुई और घर के काम में लग गई। धीरे धीरे उसने खाना बना दिया और शांता भी आकर उसकी मदद करने लगी।

शांता:" रूबी मेरी बेटी सपना का कुछ पता चला क्या ?

रूबी:" मा हम ढूंढ रहे हैं आप चिंता मत कीजिए मिल जाएगी।

शांता फिर से उदास हो गई और बोली:"

" साहिल बाबा भी कल से घर नहीं है, क्या एक वापिस दिल्ली चला गया क्या ?

रूबी:" हान पढ़ाई का कुछ काम था इसलिए चला गया था। हो सकता है आज रात में ही वो वापिस अा जाएं।

शांता:" हान ठीक हैं, बेटा अगर घर में रहे तो घर अच्छा लगता है नहीं तो खाली घर काटने के लिए दौड़ता हैं।

रूबी:" हान मम्मी, अच्छा आप खाना खा लो और जाकर आराम करो। रात बहुत हो गई है।

शांता ने खाना खाया और चुपचाप घर के बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने खाना लिया और अनूप को खिलाने के लिए चल पड़ी। उसने तहखाने को खोला और अनूप को खाना दिया तो अनूप उसे देखते ही रों पड़ा। उसका रंग हल्का पीला पड़ गया था और आंखे लाल हो रही थी।

अनूप:" रूबी तुम तो मेरी मदद करो, मुझे यहां से निकाल दो नहीं तो यहां मेरा दम घुटता हैं।

रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग चला दी। अनूप ने सारी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुनी और बोला:"

" रूबी ये मैं नहीं हूं, कोई और हैं जिससे नीरज ऐसी बाते कर रहा हैं। ये सब मुझे फसाने की कोशिश है कोई।

रूबी ने जोरदार थप्पड़ अनूप के गाल पर जड़ दिया और बोली:"

" हरामजादे मैं जानती हूं कि ये तुम नहीं हो लेकिन तुम्हारी वजह से उसकी इतनी हिम्मत हुई जो वो इतनी बाते कर रहा हैं।

अनूप के गाल पर थप्पड़ लगते ही उसकी आंखे भर आई और बोला:"

" मुझे बस एक बार यहां से बाहर निकाल दो फिर उस कुत्ते नीरज को तुम्हारे क़दमों में ना झुका दिया तो कहना।

रूबी:" उसकी अब कोई जरुरत नहीं है, मेरा बेटा अभी ज़िंदा हैं अनूप। वो तुम्हारे साथ नीरज का भी भी वो हाल करेगा कि उसकी रूह तक कांप जायेगी।

अनूप:" रूबी प्लीज़ मुझे यहां से निकाल दो तुम। अनूप ने अपने दोनो हाथ जोड़ दिए लेकिन रूबी ने उसकी एक नहीं सुनी और गेट बंद करके बाहर अा गई।
रूबी ने टाइम देखा तो रात के 10 बज गए थे और साहिल अभी तक नहीं आया था इसलिए उसे अपने बेटे की चिंता हुई कि कहीं वो किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और अनूप का नंबर मिला दिया। साहिल रास्ते में था और जैसे ही उसने रूबी का कॉल देखा तो उठाया और बोला:"

" हान मम्मी मैं रास्ते में हूं बस, थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगा। आप खाना गर्म कर लीजिए।

रूबी:" ठीक हैं बेटा अा जाओ। मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही थी। मैं करती हूं खाना गरम।

रूबी ने फोन काट दिया और साहिल ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी लेकिन वो ज्यादा तेज नहीं चला पा रहा था क्योंकि उसे अभी हल्का हल्का सुरूर हो रहा था।


वहीं रूबी अपने कमरे में गई और उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने एक घूंट पी लिया क्योंकि कई दिन से वो इसे पीना भूल गई थी। रूबी ने बॉटल को वापिस रखा और रसोई में घुस गई खाना गरम करने लग गई।

रूबी की परेशानी साहिल से बात होने के बाद खतम हो गई थी इसलिए अब वो खुशी खुशी काम कर रही थी। जल्दी ही डोरबेल बजी और रूबी ने दरवाजा खोल दिया तो सामने एक पल के लिए तो वो अनूप को देखकर डर गई कि ये बाहर कैसे अा गया लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि ये तो साहिल हैं जो अनूप बना हुआ हैं।

साहिल ने रूबी को देखा और स्माइल करते हुए बोला:"

" मम्मी डरो मत, मैं अनूप नहीं बल्कि आपका आधा पति साहिल हूं।

रूबी ने उसे देखा और उसके गले लग गई। साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में कस लिया और जोर से भींच दिया। रूबी को पता नहीं कैसे एहसास हो गया कि साहिल आज कुछ बदला बदला सा लग रहा हैं।

रूबी:" क्या हुआ बेटा,आज तुम कुछ अजीब से लग रहे हो, आंखे देखो कितनी लाल हो गई है।

साहिल समझ गया कि रूबी को पता चल गया कि उसने दारू पी हैं इसलिए मुंह नीचे करते हुए बोला:"

" मम्मी वो मुझे नीरज में साथ मजबूरी में थोड़ी दारू पीनी पड़ गई। शायद उसका ही असर हो।

रूबी ने साहिल की बात पूरी होने से पहले ही एक जोरदार थप्पड़ उसके मुंह पर जड़ दिया और बोली:"

" बस उसकी ही कमी रह गई थी, तू भी अपने बाप की लाइन पर चल पड़ा है।

रूबी ने गुस्से से उसे देखा और रूबी की आंखे छलक उठी। साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि ये अचानक क्या हुआ। रूबी गुस्से से बोली:"

" तू तो बोलता था कि तू मुझे ज़िन्दगी की हर खुशी देगा, मेरी ज़िन्दगी को फिर से खुशियों से भर देगा और तू आज ये सब कर रहा हैं ? मुझे कोई बात नहीं करनी तुमसे।

रूबी पलटी और अपने कमरे में रोती हुई चली गई। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि उससे गलती कहां हुई है। वो पीछे पीछे गया लेकिन रूबी ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था।

साहिल:" मम्मी पहले मेरी बात तो सुनो आप, प्लीज़ दरवाजा खोलो।

रूबी:" मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी साहिल, मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।

साहिल:" मम्मी आपकी कसम मैनें अपनी मर्जी से नहीं पी, अनूप दारू पीता रहा है इसलिए उसने मुझे अनूप समझकर जबरदस्ती पिला दी। मैने बहुत थोड़ी सी पी , ज्यादा पीता तो घर तक कैसे आता और अगर नहीं पीता तो उसे शक हो जाता ।

रूबी के दिमाग में साहिल की बात सुनकर धमाका सा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और तेजी से उठी और गेट खोलकर साहिल से लिपट गई और रोने लगी। सुबकते हुए रूबी बोली:"

" बेटा मुझे माफ़ कर दे, मुझसे गलती हो गई। असल में इसी दारू की वजह से मेरी ज़िन्दगी खराब हो गई। इसलिए मुझे लगा कि कहीं तुम भी अनूप के रास्ते पर ना चल पड़ो।

साहिल उसके आंसू साफ करते हुए बोला:'

" मम्मी आपको मुझ पे भरोसा करना चाहिए। आपका बेटा कभी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो आपको गलत लगे। आपकी खुशी में ही मेरी हर खुशी हैं।

रूबी ने अपनी नजर उठाई और बोली:" मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन हैं। जाओ तुम पहले नहाकर आओ ये अनूप की शक्ल देखकर मुझे तुमपे और ज्यादा गुस्सा अा जाएगा।

साहिल ने अपनी मम्मी कि तरफ देखा और बोला:"

" इतनी नफरत करती हो मुझसे आप ?

रूबी:" नहीं मेरे बच्चे तुमसे नहीं, बिल्कुल नहीं, सपने में भी नहीं, बस ये अनूप की शक्ल मुझे बिल्कुल पसंद नहीं। जाओ जल्दी तुम फिर खाना खाते हैं मुझे भूख लगी हैं बहुत।

साहिल बाथरूम में अंदर घुस गया और मल मल कर अच्छे से नहाने लगा ताकि सारे मेकअप धूल जाए। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और उसने शीशे में खुद को देखा तो उसे अपना अपना असली चेहरा नजर आया। साहिल ने टॉवल लिया और अपने जिस्म को साफ किया और एक शॉर्ट केप्री और टी शर्ट पहनकर बाहर अा गया।

साहिल के बाथरूम में घुसते ही रूबी भी उपर बने बाथरूम में चली गई। नहाते हुए रूबी सोच रही थी कि मैंने अपने बेटे के साथ बहुत गन्दा बर्ताव किया हैं। कहीं ऐसा ना हो वो मुझसे नाराज़ हो जाएं। अब मैं क्या करू कैसे अपने बेटे को समझाऊं। रूबी जानती थी साहिल उसे पसंद करता हैं और कहीं ना कहीं साहिल उसे अब खुद भी अच्छा लग रहा था। इसलिए रूबी के मन में एक विचार अाया और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। वो जल्दी से नहाकर बाहर निकली और अपने कमरे में चली गई और उसने कल रात वाली सुर्ख लाल ब्लाउस और पेटीकोट पहन लिया। उपर उसने जान बूझकर ब्रा नहीं पहनी और पेटीकोट को उसने नाभि के काफी नीचे बांध लिया। दवा का असर अब साफ दिख रहा था और रूबी ने हल्का सा मेकअप किया और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक से अपने होंठो को सजाने लगीं। उसने खुद को शीशे में देखा और बुरी तरह से शर्मा गई क्योंकि उसे एहसास हुआ कि वो ये सब अपने बेटे को रिझाने के लिए कर रही थी। उसके मन में जितनी उत्तजेना और रोमांच था उससे कहीं ज्यादा उसे शर्म महसूस हो रही थी। वो खुद से नजरे नहीं मिला पाई और उसकी आंखे लाल होने लगी और वो खुद ही बाहर की तरफ चल पड़ी। रूबी ने खाना टेबल पर लगाया और उसने देखा कि उसके झुकने से उसकी चूचियां अंदर ब्रा ना होने के कारण हिल रही थीं। वो कुछ करती उससे पहले ही बाथरूम का दरवाजा खुला और साहिल बाहर अा गया। जैसे ही उसकी नजर अपनी मा पड़ी तो साहिल सब कुछ भूल गया और पागलों की तरह अपनी मा को एकटक देखने लगा
 
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