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Incest अनोखा करवाचौथ

aditya Hooda

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turning point update h bhai
sahil apni maa ko bahut hi accha smjhta tha
ab uske mn me maa bahut hi kharab ho gai h
dekhte h kb usko sach ka pta chlta h ki yeh sb uske dad ka kra dhra h sahil ko jldi ghr bapis lao aur usko is sbka pta chlna chahiye lgta h anoop kamyab ho rha h apni planning me dekhna hoga kaise sahil apne bap ko mat deta h
 

amita

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साहिल मेट्रो पकड़ कर अपने रूम पर अा गया और अपनी पढ़ाई में लग गया। थोड़ी देर बाद बाथरूम से आरव निकला और उसने साहिल को स्माइल दी तो साहिल को लगा कि अब इसका मूड उतना खराब नहीं है जितनी रात था।

साहिल:" क्या बात हैं भाई ? बड़े खुश नजर आ रहे हो आज ?

आरव उसके पास बैठ गया और बोला:"

" यार दिल्ली में एक नए " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर" का उद्घाटन हुआ है जिसके लिए किसी रूबी नाम की औरत को बुलाया गया था। औरत क्या यार माल थी, उसके सामने तो लड़कियां भी फैल थी भाई, सच में मेरा तो लंड खड़ा हो गया देख कर उसे।

साहिल को समझ ही नहीं आया कि वो क्या करे क्या कहे, कमीना मेरी मा के बारे में माल बोल रहा हैं, उसका मन तो किया कि आरव को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दे लेकिन साहिल के कुछ बोलने से पहले ही आरव फिर से बोला:"

" भाई तू सच कहता था कि रेखा कुछ नहीं हैं सच में भाई वो तो रूबी के सामने कबाड़ है, कूड़ा हैं फिटनेस और सेक्सी फिगर की देवी हैं यार रूबी, हाय क्या पतली कमर थी और गांड़ तो जैसे हाथ से खींच कर बाहर निकाली गई हो। उफ्फ मैं तो दीवाना हो गया उसका, बिल्कुल वैसी ही जैसी तू कहता था, क्या तू उसे जानता हैं क्या ?

साहिल की तो बोलती ही बंद हो गई और उसका गला सूखने लगा। आरव उसके सामने ही उसकी मा को माल बोल रहा था और हालत ऐसे थे कि वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था।

साहिल:" यार हमे किसी औरत के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए, मैं नहीं जानता उसे भाई।

आरव:" उसे औरत मत बोल भाई, बॉम्ब थी यार सेक्स बॉम्ब, इसकी तो पीठ पर सवार होकर गांड़ मारू अगर कभी मोका मिल जाए तो, उफ्फ पता नहीं कितने लोगो के लंड खड़े कर गई।

साहिल को अपनी मा के बारे में ऐसी बाते सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए बोला:

" छोड़ ना यार रेखा भाई भी वैसे कम नहीं हैं, और वो तो लाइन भी से रही है, चोद डाल साली को।

आरव नें बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के आगे ही अपने लंड को सहला दिया और बोला:"

" उफ्फ लंड कितना अकड़ रहा हैं रूबी के गांड़ के नाम पर, रेखा भाभी की गांड़ को अब रूबी समझकर ही मारूंगा।

साहिल ने उसे एक फीकी दी स्माइल दी और बाथरूम में चला गया। वो काफी देर तक सोचता रहा कि क्या सच में दिल्ली में लोग उसकी मा के नाम की मुठ मार रहे होंगे। पापा कितने किस्मत वाले हैं जी उन्हें इतनी सेक्सी और हॉट पत्नी मिली है।

दूसरी तरफ रूबी अपने घर करीब रात के 12 बजे अा गई और थके होने के कारण आराम से सो गई। अगले दिन सुबह उसकी आंख खुली तो अनूप ऑफिस जा चुका था और शांता घर की सफाई कर रही थी। आज उसे शांता कुछ उदास लग रही थी। उसकी आंखे नम थी और पैर भी धीरे धीरे उठ रहे थे।

रूबी अपने बेड से उठी और शांता के पैर छुए तो शांता जैसे बेहोश होते होते बची कि आज रूबी उसके पैर क्यों छू रही हैं।

रूबी:" मा मैं कल दिल्ली गई थी उद्घाटन करने के लिए, आपकी दुआ और आशीर्वाद से उहोंने मुझे नौकरी के लिए बोल दिया हैं, घर में कोई बड़ा नहीं हैं ना मेरी तो जो भी हैं आप हैं इसलिए मुझे आशीर्वाद दीजिए।

शांता की आंखो से आंसू टपक पड़े और उसने बोली:"

" ना बेटी ना, एक नौकरानी को इतनी इज्जत मत दे में यकीन ही ना कर पाऊं।

रूबी ने शांता के हाथ पकड़ लिए और बोली:"

" बस करो मा, आज के बाद अगर खुद को नौकरानी कहा तो मैं कभी आपसे बात नहीं करूंगी।

इतना कहकर रूबी ने शांता को गले लगा लिया और शांता उसे कसकर लिपट गई।

शांता:" लगता हैं जैसे मेरी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। मुझे कभी मत छोड़ना बेटी, आज मेरी बेटी को मरे 22 साल हो गए।

रूबी:" मा आपकी बेटी की मौत कैसे हुई थी ?

शांता:" बेटा वो खेलते खेलते नदी में गिरकर डूब गई थी और आज तक उसका कुछ पता नहीं चला, दूसरे जिले में जाकर उसकी लाश मिली थी। बुरी तरह से खराब हो गई थी।

इतना कहकर शांता फफक फफक कर रो पड़ी तो रूबी उसे दिलासा देने लगी और बोली:"

" बस मा मुझे देखो आपकी बेटी सपना वापिस लौट अाई हैं। अब कभी रोना नहीं, नहीं तो मेरा भी मरा हुआ मुंह देखोगी।

शांता के आंसू एकदम से सूख गए और उसने रूबी के मुंह पर हाथ रख दिया और बोली:"

" ना बेटी ना, ऐसे अशुभ बाते मत कर, भगवान करे तुझे मेरी उमर भी लग जाए।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं नहीं करूंगी कभी नहीं करूंगी। अच्छा मैं बाथरूम होकर आती हूं।

बाथरूम से आने के बाद रूबी जल्दी से तैयार होकर योगा सेंटर ये लिए निकल गई। जैसे ही वो सेंटर पहुंची तो सभी ने ताली बजाकर उसका स्वागत किया तो रूबी को हैरानी हुई तो उसने पूछा :_

" क्या हुआ आप सबको ? आज इतनी इज्जत किसलिए ?

एक औरत:" मैडम आप कल दिल्ली गई थी उद्घाटन के लिए, हमने आपको टीवी पर लाइव देखा, बहुत खुशी हुई कि हम आप योगा सेंटर से जुड़े हुए हैं।

रूबी:" ओह मुझे नहीं पता था कि वो लाइव टीवी पर दिखाया जाएगा। खैर रमन जी ने इन्वाइट किया तो मैं अपनी पति की इजाज़त लेकर चली गई थी।

एक आदमी:" बहुत अच्छा किया मैडम आपने, लेकिन एक मेहरबानी और कर दीजिए कि हमें किसी दिन अपने पति से मिलवा दीजिए।

रूबी ने एक पल के लिए सोचा और अगले पल मुस्कुराते हुए बोली:_

" शनिवार या रविवार को मैं जरूर आपको अपनी पति से मिलवा दूंगी।

आदमी के चेहरे पर रौनक अा गई और दुआ देने लगा। उसके बाद रूबी ने सबको योगा के कुछ नए टिप्स दिए और करीब दो बजे अपने घर की तरफ लौट पड़ी। घर आकर उसने शांता के साथ खाना खाया और घर के काम में लग गई।

उधर अनूप ने साहिल को कार दिलाने का वादा तो कर दिया था ताकि वो उसकी तरफ झुक जाए लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि नई कार खरीद सके। लीमा आज ऑफिस नहीं अाई थी क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था।

दोपहर को ऑफिस में नीरज दाखिल हुआ और सीधे अनूप के ऑफिस में अा गया। अनूप उसे देखते ही हमेशा की तरह कुर्सी से खड़ा हो गया तो नीरज स्माइल करते हुए बोला:"

" कैसे हो अनूप जी आप ?

इतना कहकर नीरज अनूप की कुर्सी पर बैठ गया और एक टांग के उपर उठाकर अपनी दूसरी टांग रख ली। देखने से लग रहा था मानो ये कोई बहुत बड़े महाराज हैं।

अनूप किसी गुलाम की तरह अपने ही ऑफिस में सिर झुकाए हुए खड़ा था और बोला:"

" जी ठीक हूं मैं सर, आपने क्यों तकलीफ करी मुझे ही बुला लिया होता आपने।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और अपने आधे गंजे सिर पर हाथ फेरते हुए कहा:"

" तीन चार दिन से तेरी सूरत नहीं देखी थी इसलिए चला अाया कि मेरा दोस्त कैसा हैं ?

अनूप:" बस आपकी दया दे सब ठीक चल रहा हैं, वो आजकल नया बिजनेस शुरू करने जा रहा हूं तो थोड़ा व्यस्त था।

नीरज:" अरे छोड़ो बिजनेस को जब मैं जिंदा हूं तुम टेंशन मत लो, अच्छा ये बताओ रूबी कैसी हैं ?

अनूप के चेहरे पर एक पल के लिए शर्म उभरी लेकिन अगले ही पल गायब हो गई और बोला:"

" ठीक हैं लेकिन अभी उसी अकड़ और घमंड में रहती हैं। कोई समझौता नहीं।

नीरज:" अच्छा जो गोली मैने तुम्हे दी थी उसका क्या हुआ ?

इतना कहकर नीरज ने अपनी नजरे उसके चेहरे पर जमा दी तो अनूप की नजरे अपने आप शर्म से झुक गई और बोला:"

" मैंने उसकी सिरप में मिला दी थी और वो रोज पी रही हैं।

नीरज खुश होते हुए:_

" क्या करती हैं पीने के बाद ? क्या गर्म हो जाती हैं ?

अनूप:" पागलों जैसी हरकतें करती हैं, कल तो अपने आप ही मेरा लन्ड अकड़ लिया था, कभी चूत रगड़ती हैं तो कभी चूचियां। ।

अनूप इतना कहकर पूरी तरह से उदास हो गया क्योंकि कहीं का कहीं उसके मन में रूबी के लिए अभी भी एक लगाव बाकी था। नीरज उसकी हालत अच्छे से समझ रहा था इसलिए बोला:"

" बहुत सही जा रहे हो तुम अनूप, जल्दी ही देखन वो अपने जिस्म की आग के हाथो मजबुर हो जाएगी और फिर तुम आजादी से जी सकोगे। एक बार उसकी अकड़ खत्म हुई तो वो ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने सिर झुका कर रहेगी।

अनूप:" ये ही तो मैं भी चाहता हूं, अच्छा मुझे एक मदद चाहिए थी,

नीरज:" हान बोल ना अनूप क्या चाहिए ?

अनूप:" जब तक मेरा बेटा रूबी के साथ हैं तब तक वो आसानी से नहीं झुकेगी इसलिए उसे मैंने अपनी तरफ झुकाने के लिए एक कार देने का वादा किया हैं क्योंकि उसके रूबी के खिलाफ जाते ही रूबी की आधी हिम्मत टूट जाएगी।

नीरज बहुत ज्यादा शातिर खिलाड़ी था इसलिए सब कुछ समझ गया और बोला:"

" ठीक हैं मैं उसे एक नई कार लेकर दे दूंगा। लेकिन ये कार उसे तुम खुद देना ताकि वो तुम्हे ज्यादा सम्मान और इज्जत दे। तुम तो प्लानिंग करने में बहुत तेज निकले अनूप।

अनूप ने पहली बार अपनी गर्दन उठाई और नीरज की तरह देखा और बोला:"

" वो मेरा बेटा कल शाम को अा जाएगा दिल्ली से, परसो उसे मैं कर दिला दूंगा।

नीरज:" मैं कल ही गाड़ी के सब कागज तैयार करके गाड़ी भेज दूंगा अनूप लेकिन ध्यान रखना मुझे हर हाल में रूबी चाहिए। अगर मेरे साथ धोखा हुआ तो याद रखना मै जितना अच्छा हूं उससे कहीं ज्यादा बुरा हूं।

अनूप:" आप फिक्र ना करे, मैं आपको वचन देता हूं कि अब रूबी जरूर कमजोर पड़ जाएगी।

नीरज:" ठीक हैं मैं चलता हूं, आज लीमा नहीं दिखाई दे रही है क्या हुआ छुट्टी पर हैं क्या ?

अनूप:" हान उसे कुछ जरूरी काम था, इसलिए आज नहीं अाई, कल से अा जाएगी। कोई काम था क्या तुम्हे ?

नीरज: नहीं बस ऐसे ही पूछ रहा था क्योंकि आज दिखी नहीं।


इतना कहकर नीरज ने अनूप को जेब से कुछ किताबे निकाल कर दी और बोला:"

"एक काम करना, आज से रूबी से अलग सोना और ये किताबे उसके कमरे में रख देना ताकि उसकी नजर पड़े और वो पढ़े।फिर खेल का असली मजा आएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ा कर वो किताबे ले ली और बोला:"

" ठीक हैं मैं रख दूंगा।

नीरज:"चल ठीक हैं अनूप, मैं चलता हूं । कल तक। गाड़ी अा जाएगी।

इतना कहकर नीरज ऑफिस से चला गया तो अनूप ने किताबे खोली तो उसने काफी सारी चुदाई की कहानियां थी। अनूप ने जैसे ही एक कहानी को पढ़ना शुरू किया तो पता चला कि लड़की का नाम रूबी और उसने हीरो का नाम नीरज था जो रूबी की दमदार चुदाई करता हैं।

अनूप समझ गया कि नीरज ये सब रूबी को अपनी आई झुकाने के लिए कर रहा हैं इसलिए उसने चुपचाप किताबे अपने बैग में रख ली और दारू का पैग बनाने लगा। दारू पीने के बाद वो आराम से कुर्सी पर ही सो गया और करीब शाम को सात बजे उसकी आंख खुली तो वो अपना बैग उठाकर घर की तरफ चल पड़ा।

रूबी खाना बना चुकी थी और शांता बेचारी खाना खाकर नीचे अपने कमरे में चली गई थी। करीब आठ बजे के आस पास अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और उसने रूबी को स्माइल दी और बोला:'

" हो गया तुम्हारे जिम का उदघाटन? कैसा रहा सब कुछ ?

रूबी:" बस ठीक ही रहा सब, रात अाई तो आप सोए हुए थे इसलिए नहीं उठाया मैंने।

अनूप:" मैं 11बजे तक तुम्हारा इंतजार करता रहा लेकिन तुम नहीं अाई। आगे से ध्यान रखना कि शरीफ घर की औरतें रात में घर देर से नहीं आती।

रूबी ने बिना कुछ बोले अपनी गर्दन स्वीकृति में झुका दी क्योंकि उससे बेहतर अनूप की शराफत को कौन जानता था लेकिन वो उससे बहस नहीं करना चाहती थी।

अनूप ने अपना बैग टेबल पर रखा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर अा गया और बोला:"

" अरे जल्दी से खाना लगाओ, बहुत तेज भूख लगी हैं मुझे।

रूबी किचेन में चली गई और जल्दी से खाना लगा दिया। उसके बाद दोनो के एक साथ खाना खाया और रूबी हैरान थी कि आजकल अनूप में कुछ बदलाव अा रहा है। उस बेचारी को क्या पता कि अनूप उसके साथ जो खेल खेल रहा हैं उसने वो बुरी तरह से फस जायेगी।

खाना खाने के बाद अनूप सोने के लिए चल गया। उसने अपने बैग से किताबे निकाली और आराम से साहिल के कमरे में तकिए के नीचे छुपा दिया। अनूप अच्छी तरह जानता था कि उसे रूबी को अपने पास नहीं सोने देने के लिए क्या करना हैं इसलिए उसने बहाना करते हुए अपने बेड पर लेटकर अपनी आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ रूबी बेचारी इन सब बातों से अनजान बरतन धो रही थी। अपना काम निपटा कर रूबी सोने के लिए अाई टी देखा कि अनूप जोर जोर से खर्राटे मार रहा है। अनूप को पहले ये बीमारी थी और रूबी को रात भर नींद नहीं आती थी इसलिए रूबी अलग सोती थी और अनूप का इलाज हुआ तब कहीं जाकर रूबी ने चैन की सांस ली।

लेकिन आज फिर से अनूप को तेज तेज खर्राटे मारते देखकर रूबी समझ गई कि फिर से इसे प्रोबलम हो रही है। उसने चुपचाप अपनी चादर उठाई और बाहर की तरफ चल दी ताकि वो आराम से साहिल के कमरे में सो सके।

जैसे ही वो गेट पर पहुंची तो उसने गुस्से से पलटकर अनूप को देखा जो आंखे बंद किए उसे रूबी को देख रहा था। रूबी ने मन ही मन उसे काफी सारी गालियां दी और जैसे ही वापिस पलटी ती उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी और उसने जल्दी से एक चम्मच सिरप पिया और सोने के लिए साहिल के कमरे में अा गई।

रूबी आराम से लेट गई लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी। सामने कमरे में साहिल की फ्रेम में एक बड़ी सी फोटो लगी हुई थी जिसे देखकर उसे अपने बेटे की याद आने लगी। रात के करीब 10 बज चुके थे और वो आमतौर को 9 बजे के बाद साहिल को कॉल नहीं करती थी।

धीरे धीरे दवाई अपना असर दिखाने लगी और रूबी बेचैनी से अपनी करवट बदलने लगीं। आज दिनी में हुई बाते उसकी आंखो के सामने से किसी सपने की तरह से गुजरने लगीं।

क्या करू यार ये योगा सेंटर वाले बार बार मेरे पति को देखने की मांग कर रहे हैं अगर मना करू तो कस्टमर भाग जाने का खतरा है लेकिन साहिल क्या ये सब कर पाएगा, वो क्या सोचेगा मेरे बारे में बस कुछ ग़लत ना सोच ले। मुझे एक साहिल से बात करनी चाहिए क्योंकि वो परसो घर अा जाएगा।

रूबी ने सोच कर साहिल का नंबर मिला दिया और साहिल ने फोन उठाया और बोला:"

"कैसी हो मम्मी आप ? सोई नहीं क्या आप, इतनी रात को फोन किया आज आपने ?

रूबी:" ठीक हूं बेटा बस नींद नहीं आ रही थी मुझे। सोचा तुमसे बात कर लू, बिज़ी तो नहीं थे कहीं। ?

साहिल:" अरे मम्मी अच्छा किया आपने, भला मै कहां बिज़ी हो सकता हूं !!

रूबी पर दवा का असर हो रहा था इसलिए थोड़ा सा मजाक करते हुए बोली:"

" मुझे लगा शायद किसी आंटी से बात कर रहा होगा तू, इसलिए बोला।

इतना कहकर रूबी जोर से हंस पड़ी तो साहिल बोला:"

" क्या मम्मी आपको को बहाना चाहिए मेरी टांग खींचने का, मुझे कोई आंटी पसंद नहीं है।

रूबी की आंखे दवा के कारण लाल हो गई थी और सांसे हल्की हल्की तेज होने लगी तो बोली:"

" आंटी नहीं तो फिर क्या पसंद हैं तुझे बेटा ?

साहिल:" मुझे बस मेरी मम्मी अच्छी लगती हैं, आपको बता हैं जब से आप गई हो यहां आपके चर्चे हैं दिल्ली में।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और उसने अपना एक हाथ दूसरे पैर पर चढ़ा दिया और बोली:"

" क्यों ऐसा क्या हो गया बेटा ?

साहिल:" अब मम्मी मैं आपको क्या बताऊं आपको बुरा लगेगा शायद।

रूबी ये जानने के लिए उत्सुक थी कि आखिर हुआ हैं इसलिए बोली:"

" नहीं लगेगा मुझे बुरा तो बोल ना क्या हुआ ? क्यों चर्चे हैं ?

साहिल:" वो मम्मी सारे लडके आज कल आपकी ही बात करते है यहां, आप तो सबकी ड्रीम गर्ल बन गई हैं।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" है भगवान ये आजकल के लड़के भी ना, तुझे कैसे पता चल ये सब ?

साहिल की सिट्टी पिट्टी गुम, क्या करे अब, मम्मी क्या सोचेगी। फिर कुछ सोचते हुए बोला:"

" मम्मी वो मैंने आपके बारे में लडको को बाते करते हुए सुना था।

रूबी को अपनी जवानी के दिन याद अा गए की किस तरह से लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे लेकिन उसने कभी किसी को ज्यादा भाव नहीं दिया। रूबी बोली:"

" क्या बाते कर रहे थे बेटा ?

साहिल:' कुछ नहीं मम्मी आपकी फिटनेस और फिगर के बारे में बोल रहे थे बस।

रूबी अब बेचैन हो रही थी क्योंकि वो जानना चाहती थी लड़के उसके बारे में क्या सोच रहे थे इसलिए बोली:"

" अच्छा क्या बाते कर रहे थे ?

साहिल:" मम्मी मै आपको किस बताऊं ये सब, शर्म आएगी और आप मुझे गलत समझेगी।

रूबी के करवटें बदलने के कारण तकिया नीचे गिर गया और रूबी जैसे ही तकिया उठाने के लिए झुकी तो उसकी नजर किताबो पर पड़ी तो अनूप चुपचाप रख गया था। रूबी ने किताब हाथ में उठा ली और बोली:"

'" क्या बोल रहे थे तुम ? मुझे ठीक से आवाज नहीं अाई ?

साहिल:" वो मम्मी मैं कह रहा हूं कि मैं आपको कैसे बता सकता हूं, मुझे शर्म आएगी।

रूबी:" तू बता दे बेटा, मेरा बेटा हैं तू डर मत।

साहिल: ' बेटा हूं इसलिए तो डर रहा हूं।

साहिल के मुंह से जल्दी से निकल गया और रूबी को हैरानी हुई और किताब खोलते हुए बोली:"

" आजकल तो बहुत बिगड़ गया है साहिल, लगता है तू जरूर किसी आंटी के चक्कर में पड़ गया है।

रूबी को किताब में पहले नंगी फोटो नजर आने लगी जिसमे लड़की लंड चूस रही थी तो किसी में लड़का चूत चाट रहा था और लड़की की आंखे मजे से बंद थी। रूबी ये फोटो देख कर बहक गई और अपने जिस्म को सहलाने लगी, उसकी सांसे तेज हो गई थी जो साहिल को भी अब सुनाई पड़ रही थी।

साहिल:" नहीं मम्मी ऐसा नहीं हैं, मैं आपको कैसे यकीन दिलाऊ अब ?

रूबी के हाथ अपने आप उसकी चूचियों पर चले गए और उसके मुंह से हल्की से आह निकल पड़ी और बोली:"

" तू घर आजा इस बार तेरी अच्छे से खबर लूंगी मैं, बहुत हवा लगा गई हैं तुझे।

इतना कहकर रूबी ने आगे खोला तो एक कहानी अाई जिसका टाइटल था " प्यासी रूबी की चुदाई" ।।

ये पढ़कर तू रूबी को लगा जैसे ये कहानी उसकी अपनी ही हैं इसलिए वो कहानी पढ़ने लगी कि रूबी का पति बाहर गया था इसलिए चुदाई ना होने के कारण रूबी तड़प रही थी। तभी साहिल की आवाज उसके कानों में पड़ी और बोला:"

" मम्मी मैं बिगड़ा ही नहीं हूं जो आप सुधारने की बात कर रही हो।

रूबी को याद आया कि वो तो अपने बेटे से बात कर रही है इसलिए उसके एक हेड फोन लगा लिया और बोली:"

" बाते तो तू आजकल बड़ी बड़ी करता हैं, अच्छा वो लड़के क्या बोल रहे थे मेरे बारे में?

साहिल:" मम्मी वो आपके फिगर के बारे में बोल रहे थे कि अच्छा है बहुत ज्यादा। सब अपना अपना आइडिया लगा रहे थे।

रूबी ने एक बार अपनी चूचियों की तरफ देखा तो खुशी हुई मानो अपना खजाना देख रही हो और बोली:"

" क्या बोल रहे थे क्या आइडिया लगा रहे थे, अच्छा उस दिन तू मुझसे फिगर पूछ रहा था कहीं लडको का बहाना बना कर तुम तो नहीं पूछना चाहते।

साहिल का ऐसा कोई प्लान नहीं था लेकिन रूबी बहुत तेज थी इसलिए साहिल डरते हुए बोला:"

" नहीं आपकी कसम, ऐसा कुछ नहीं हैं।

रूबी:" अच्छा फिर तो ठीक है, वो तुम घर कब अा रहे हो?

साहिल:" परसो अा जाऊंगा मम्मी, क्या हुआ ?
रूबी:" तुझे अपना वादा याद हैं ना बेटा?

साहिल:_ कौन सा वादा मम्मी

रूबी बीच बीच में किताब पढ़ रही थी कि किस तरह से रूबी की प्यास बढ़ती जा रही थी। रूबी बोली:"

" वहीं कि तुम मेरे पति बनकर जाओगे योगा सेंटर ?

साहिल:" अच्छा मम्मी चलूंगा, लेकिन आप तो दिल्ली की आंटी से भी ज्यादा तेज निकली,

रूबी अपनी चूची दबाते हुए बोली:' कैसे साहिल मैंने ऐसा क्या कर दिया ?

साहिल:" वो तो मेरी उमर के लड़के पटाती हैं और आप अपने ही बेटे को अपना पति बनाना चाहती हो।

रूबी:" चुप कर बेशर्म, बहुत बोलता है तू, घर आजा तुझे अच्छे से ठीक करूंगी इस बार।

साहिल:" मम्मी एक मिनट होल्ड करो, आप अभी करता हूं।

साहिल को किसी के आने की आहट हुई तो उसने देखा कि आरव अंदर अा रहा था इसलिए वो उससे बात करने लगा और जल्दी से जल्दी छत पा जाना चाहता था ताकि आगे बात कर सके अपनी मा से।

दूसरी तरफ रूबी ने फोन होल्ड पर ही रहने दिया और किताब पढ़ने लगी। नीरज नाम के एक लड़के ने रूबी को सेट कर लिया और दोनो के बीच चक्कर चल पड़ा। रूबी को नीरज का नाम पढ़कर नीरज याद अा गया इसलिए उसके मन में नफरत सी उभर आई लेकिन जिस्म की आग के चलते खुद को कहानी पढ़ने से नहीं रोक पाई।

नीरज रूबी को अपने फार्म हाउस पर ले गया और उसके बाद उसने अपने दमदार लंड से रूबी की चूत की ऐसी चुदाई करी कि रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं थीं।

रूबी की चूत पूरी तरह से टपक रही थी इसलिए उसने अपनी नाइटी उतार फैंकी और एक उंगली से अपनी चूत सहलाने लगी। कहानी में नीरज रूबी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था वहीं रूबी के एक हाथ में किताब थी तो दूसरे से अपनी चूत को पेंटी के उपर से ही सहला रही थी। उसके मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रहीं।

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दूसरी तरफ आरव थोड़ी देर के बाद फिर से छत पर चला गया तो साहिल में फोन को कान से लगाया तो उसकी अपनी मा की मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई पड़ी तो साहिल को तो जैसे यकीन नहीं हुआ। रूबी के मुंह से निकलती हुई उह आह एसआईआई की मस्ती भरी आवाज सुनकर उसका लंड खड़ा हो गया और उसे वो रात याद अा गई जब उसने अपनी को मा को चुदाई लोक में देखा था। साहिल ने दरवाजा बंद किया और लंड को बाहर निकाल लिया और सहलाने लगा।

दूसरी तरफ रूबी पूरी तरह से आज बहक गई थी और उसने एक पेंटी को भी उतार दिय और और अपनी एक अंगुली चूत में घुसा दी और उसके मुंह से तेज मस्ती भरी आह निकल पड़ी। कहानी में जितनी जोर से नीरज रूबी की चूत मार रहा था रूबी उससे कहीं ज्यादा तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी।

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साहिल भी पूरी जोर जोर से अपना लंड हिला रहा था और उसे अपनी गांड़ के जिस्म की याद आ रही थी। तभी कहानी में रूबी की चूत झड़ गई तो रूबी ने जोर से उंगली को अपनी चूत में घुसा दिया और सिसकते हुए बोली:" आज नीरज तेरा लोला, उफ्फ मेरी चूत गई, मुझे कब चोदेगा घोड़ी बनाकर!

इसके साथ ही रूबी की चूत झड़ती चली गई और उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई। दूसरी तरफ साहिल अपनी मा के मुंह से किसी गैर मर्द का नाम सुनकर हैरान और दुखी हुआ और उसका लंड अपने आप नीचे बैठ गया और सारी अकड़ जाती रही।

साहिल ने गुस्से से फोन काट दिया और मन ही मन रूबी को गाली देने लगा।
Fantastic
 

mahadev31

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anup rubi ko sex bhadkane wali dawai de raha hai ,, lagta hai shayad rubi niraj ke prati aakarshit ho rahi hai , ab sahil ne sun liya hai uska kya reaction hoga dekhte hai ... kya car milne ke baad sahil apne dad ki taraf ho jayega phir to rubi wakai toot jayegi ,, jab uska pati use niraj se chudvana chahta hai to rubi ko niraj ke alawa koi aur nahi milta kya ,hot to wo hai hi .......
 
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साहिल मेट्रो पकड़ कर अपने रूम पर अा गया और अपनी पढ़ाई में लग गया। थोड़ी देर बाद बाथरूम से आरव निकला और उसने साहिल को स्माइल दी तो साहिल को लगा कि अब इसका मूड उतना खराब नहीं है जितनी रात था।

साहिल:" क्या बात हैं भाई ? बड़े खुश नजर आ रहे हो आज ?

आरव उसके पास बैठ गया और बोला:"

" यार दिल्ली में एक नए " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर" का उद्घाटन हुआ है जिसके लिए किसी रूबी नाम की औरत को बुलाया गया था। औरत क्या यार माल थी, उसके सामने तो लड़कियां भी फैल थी भाई, सच में मेरा तो लंड खड़ा हो गया देख कर उसे।

साहिल को समझ ही नहीं आया कि वो क्या करे क्या कहे, कमीना मेरी मा के बारे में माल बोल रहा हैं, उसका मन तो किया कि आरव को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दे लेकिन साहिल के कुछ बोलने से पहले ही आरव फिर से बोला:"

" भाई तू सच कहता था कि रेखा कुछ नहीं हैं सच में भाई वो तो रूबी के सामने कबाड़ है, कूड़ा हैं फिटनेस और सेक्सी फिगर की देवी हैं यार रूबी, हाय क्या पतली कमर थी और गांड़ तो जैसे हाथ से खींच कर बाहर निकाली गई हो। उफ्फ मैं तो दीवाना हो गया उसका, बिल्कुल वैसी ही जैसी तू कहता था, क्या तू उसे जानता हैं क्या ?

साहिल की तो बोलती ही बंद हो गई और उसका गला सूखने लगा। आरव उसके सामने ही उसकी मा को माल बोल रहा था और हालत ऐसे थे कि वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था।

साहिल:" यार हमे किसी औरत के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए, मैं नहीं जानता उसे भाई।

आरव:" उसे औरत मत बोल भाई, बॉम्ब थी यार सेक्स बॉम्ब, इसकी तो पीठ पर सवार होकर गांड़ मारू अगर कभी मोका मिल जाए तो, उफ्फ पता नहीं कितने लोगो के लंड खड़े कर गई।

साहिल को अपनी मा के बारे में ऐसी बाते सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए बोला:

" छोड़ ना यार रेखा भाई भी वैसे कम नहीं हैं, और वो तो लाइन भी से रही है, चोद डाल साली को।

आरव नें बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के आगे ही अपने लंड को सहला दिया और बोला:"

" उफ्फ लंड कितना अकड़ रहा हैं रूबी के गांड़ के नाम पर, रेखा भाभी की गांड़ को अब रूबी समझकर ही मारूंगा।

साहिल ने उसे एक फीकी दी स्माइल दी और बाथरूम में चला गया। वो काफी देर तक सोचता रहा कि क्या सच में दिल्ली में लोग उसकी मा के नाम की मुठ मार रहे होंगे। पापा कितने किस्मत वाले हैं जी उन्हें इतनी सेक्सी और हॉट पत्नी मिली है।

दूसरी तरफ रूबी अपने घर करीब रात के 12 बजे अा गई और थके होने के कारण आराम से सो गई। अगले दिन सुबह उसकी आंख खुली तो अनूप ऑफिस जा चुका था और शांता घर की सफाई कर रही थी। आज उसे शांता कुछ उदास लग रही थी। उसकी आंखे नम थी और पैर भी धीरे धीरे उठ रहे थे।

रूबी अपने बेड से उठी और शांता के पैर छुए तो शांता जैसे बेहोश होते होते बची कि आज रूबी उसके पैर क्यों छू रही हैं।

रूबी:" मा मैं कल दिल्ली गई थी उद्घाटन करने के लिए, आपकी दुआ और आशीर्वाद से उहोंने मुझे नौकरी के लिए बोल दिया हैं, घर में कोई बड़ा नहीं हैं ना मेरी तो जो भी हैं आप हैं इसलिए मुझे आशीर्वाद दीजिए।

शांता की आंखो से आंसू टपक पड़े और उसने बोली:"

" ना बेटी ना, एक नौकरानी को इतनी इज्जत मत दे में यकीन ही ना कर पाऊं।

रूबी ने शांता के हाथ पकड़ लिए और बोली:"

" बस करो मा, आज के बाद अगर खुद को नौकरानी कहा तो मैं कभी आपसे बात नहीं करूंगी।

इतना कहकर रूबी ने शांता को गले लगा लिया और शांता उसे कसकर लिपट गई।

शांता:" लगता हैं जैसे मेरी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। मुझे कभी मत छोड़ना बेटी, आज मेरी बेटी को मरे 22 साल हो गए।

रूबी:" मा आपकी बेटी की मौत कैसे हुई थी ?

शांता:" बेटा वो खेलते खेलते नदी में गिरकर डूब गई थी और आज तक उसका कुछ पता नहीं चला, दूसरे जिले में जाकर उसकी लाश मिली थी। बुरी तरह से खराब हो गई थी।

इतना कहकर शांता फफक फफक कर रो पड़ी तो रूबी उसे दिलासा देने लगी और बोली:"

" बस मा मुझे देखो आपकी बेटी सपना वापिस लौट अाई हैं। अब कभी रोना नहीं, नहीं तो मेरा भी मरा हुआ मुंह देखोगी।

शांता के आंसू एकदम से सूख गए और उसने रूबी के मुंह पर हाथ रख दिया और बोली:"

" ना बेटी ना, ऐसे अशुभ बाते मत कर, भगवान करे तुझे मेरी उमर भी लग जाए।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं नहीं करूंगी कभी नहीं करूंगी। अच्छा मैं बाथरूम होकर आती हूं।

बाथरूम से आने के बाद रूबी जल्दी से तैयार होकर योगा सेंटर ये लिए निकल गई। जैसे ही वो सेंटर पहुंची तो सभी ने ताली बजाकर उसका स्वागत किया तो रूबी को हैरानी हुई तो उसने पूछा :_

" क्या हुआ आप सबको ? आज इतनी इज्जत किसलिए ?

एक औरत:" मैडम आप कल दिल्ली गई थी उद्घाटन के लिए, हमने आपको टीवी पर लाइव देखा, बहुत खुशी हुई कि हम आप योगा सेंटर से जुड़े हुए हैं।

रूबी:" ओह मुझे नहीं पता था कि वो लाइव टीवी पर दिखाया जाएगा। खैर रमन जी ने इन्वाइट किया तो मैं अपनी पति की इजाज़त लेकर चली गई थी।

एक आदमी:" बहुत अच्छा किया मैडम आपने, लेकिन एक मेहरबानी और कर दीजिए कि हमें किसी दिन अपने पति से मिलवा दीजिए।

रूबी ने एक पल के लिए सोचा और अगले पल मुस्कुराते हुए बोली:_

" शनिवार या रविवार को मैं जरूर आपको अपनी पति से मिलवा दूंगी।

आदमी के चेहरे पर रौनक अा गई और दुआ देने लगा। उसके बाद रूबी ने सबको योगा के कुछ नए टिप्स दिए और करीब दो बजे अपने घर की तरफ लौट पड़ी। घर आकर उसने शांता के साथ खाना खाया और घर के काम में लग गई।

उधर अनूप ने साहिल को कार दिलाने का वादा तो कर दिया था ताकि वो उसकी तरफ झुक जाए लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि नई कार खरीद सके। लीमा आज ऑफिस नहीं अाई थी क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था।

दोपहर को ऑफिस में नीरज दाखिल हुआ और सीधे अनूप के ऑफिस में अा गया। अनूप उसे देखते ही हमेशा की तरह कुर्सी से खड़ा हो गया तो नीरज स्माइल करते हुए बोला:"

" कैसे हो अनूप जी आप ?

इतना कहकर नीरज अनूप की कुर्सी पर बैठ गया और एक टांग के उपर उठाकर अपनी दूसरी टांग रख ली। देखने से लग रहा था मानो ये कोई बहुत बड़े महाराज हैं।

अनूप किसी गुलाम की तरह अपने ही ऑफिस में सिर झुकाए हुए खड़ा था और बोला:"

" जी ठीक हूं मैं सर, आपने क्यों तकलीफ करी मुझे ही बुला लिया होता आपने।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और अपने आधे गंजे सिर पर हाथ फेरते हुए कहा:"

" तीन चार दिन से तेरी सूरत नहीं देखी थी इसलिए चला अाया कि मेरा दोस्त कैसा हैं ?

अनूप:" बस आपकी दया दे सब ठीक चल रहा हैं, वो आजकल नया बिजनेस शुरू करने जा रहा हूं तो थोड़ा व्यस्त था।

नीरज:" अरे छोड़ो बिजनेस को जब मैं जिंदा हूं तुम टेंशन मत लो, अच्छा ये बताओ रूबी कैसी हैं ?

अनूप के चेहरे पर एक पल के लिए शर्म उभरी लेकिन अगले ही पल गायब हो गई और बोला:"

" ठीक हैं लेकिन अभी उसी अकड़ और घमंड में रहती हैं। कोई समझौता नहीं।

नीरज:" अच्छा जो गोली मैने तुम्हे दी थी उसका क्या हुआ ?

इतना कहकर नीरज ने अपनी नजरे उसके चेहरे पर जमा दी तो अनूप की नजरे अपने आप शर्म से झुक गई और बोला:"

" मैंने उसकी सिरप में मिला दी थी और वो रोज पी रही हैं।

नीरज खुश होते हुए:_

" क्या करती हैं पीने के बाद ? क्या गर्म हो जाती हैं ?

अनूप:" पागलों जैसी हरकतें करती हैं, कल तो अपने आप ही मेरा लन्ड अकड़ लिया था, कभी चूत रगड़ती हैं तो कभी चूचियां। ।

अनूप इतना कहकर पूरी तरह से उदास हो गया क्योंकि कहीं का कहीं उसके मन में रूबी के लिए अभी भी एक लगाव बाकी था। नीरज उसकी हालत अच्छे से समझ रहा था इसलिए बोला:"

" बहुत सही जा रहे हो तुम अनूप, जल्दी ही देखन वो अपने जिस्म की आग के हाथो मजबुर हो जाएगी और फिर तुम आजादी से जी सकोगे। एक बार उसकी अकड़ खत्म हुई तो वो ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने सिर झुका कर रहेगी।

अनूप:" ये ही तो मैं भी चाहता हूं, अच्छा मुझे एक मदद चाहिए थी,

नीरज:" हान बोल ना अनूप क्या चाहिए ?

अनूप:" जब तक मेरा बेटा रूबी के साथ हैं तब तक वो आसानी से नहीं झुकेगी इसलिए उसे मैंने अपनी तरफ झुकाने के लिए एक कार देने का वादा किया हैं क्योंकि उसके रूबी के खिलाफ जाते ही रूबी की आधी हिम्मत टूट जाएगी।

नीरज बहुत ज्यादा शातिर खिलाड़ी था इसलिए सब कुछ समझ गया और बोला:"

" ठीक हैं मैं उसे एक नई कार लेकर दे दूंगा। लेकिन ये कार उसे तुम खुद देना ताकि वो तुम्हे ज्यादा सम्मान और इज्जत दे। तुम तो प्लानिंग करने में बहुत तेज निकले अनूप।

अनूप ने पहली बार अपनी गर्दन उठाई और नीरज की तरह देखा और बोला:"

" वो मेरा बेटा कल शाम को अा जाएगा दिल्ली से, परसो उसे मैं कर दिला दूंगा।

नीरज:" मैं कल ही गाड़ी के सब कागज तैयार करके गाड़ी भेज दूंगा अनूप लेकिन ध्यान रखना मुझे हर हाल में रूबी चाहिए। अगर मेरे साथ धोखा हुआ तो याद रखना मै जितना अच्छा हूं उससे कहीं ज्यादा बुरा हूं।

अनूप:" आप फिक्र ना करे, मैं आपको वचन देता हूं कि अब रूबी जरूर कमजोर पड़ जाएगी।

नीरज:" ठीक हैं मैं चलता हूं, आज लीमा नहीं दिखाई दे रही है क्या हुआ छुट्टी पर हैं क्या ?

अनूप:" हान उसे कुछ जरूरी काम था, इसलिए आज नहीं अाई, कल से अा जाएगी। कोई काम था क्या तुम्हे ?

नीरज: नहीं बस ऐसे ही पूछ रहा था क्योंकि आज दिखी नहीं।


इतना कहकर नीरज ने अनूप को जेब से कुछ किताबे निकाल कर दी और बोला:"

"एक काम करना, आज से रूबी से अलग सोना और ये किताबे उसके कमरे में रख देना ताकि उसकी नजर पड़े और वो पढ़े।फिर खेल का असली मजा आएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ा कर वो किताबे ले ली और बोला:"

" ठीक हैं मैं रख दूंगा।

नीरज:"चल ठीक हैं अनूप, मैं चलता हूं । कल तक। गाड़ी अा जाएगी।

इतना कहकर नीरज ऑफिस से चला गया तो अनूप ने किताबे खोली तो उसने काफी सारी चुदाई की कहानियां थी। अनूप ने जैसे ही एक कहानी को पढ़ना शुरू किया तो पता चला कि लड़की का नाम रूबी और उसने हीरो का नाम नीरज था जो रूबी की दमदार चुदाई करता हैं।

अनूप समझ गया कि नीरज ये सब रूबी को अपनी आई झुकाने के लिए कर रहा हैं इसलिए उसने चुपचाप किताबे अपने बैग में रख ली और दारू का पैग बनाने लगा। दारू पीने के बाद वो आराम से कुर्सी पर ही सो गया और करीब शाम को सात बजे उसकी आंख खुली तो वो अपना बैग उठाकर घर की तरफ चल पड़ा।

रूबी खाना बना चुकी थी और शांता बेचारी खाना खाकर नीचे अपने कमरे में चली गई थी। करीब आठ बजे के आस पास अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और उसने रूबी को स्माइल दी और बोला:'

" हो गया तुम्हारे जिम का उदघाटन? कैसा रहा सब कुछ ?

रूबी:" बस ठीक ही रहा सब, रात अाई तो आप सोए हुए थे इसलिए नहीं उठाया मैंने।

अनूप:" मैं 11बजे तक तुम्हारा इंतजार करता रहा लेकिन तुम नहीं अाई। आगे से ध्यान रखना कि शरीफ घर की औरतें रात में घर देर से नहीं आती।

रूबी ने बिना कुछ बोले अपनी गर्दन स्वीकृति में झुका दी क्योंकि उससे बेहतर अनूप की शराफत को कौन जानता था लेकिन वो उससे बहस नहीं करना चाहती थी।

अनूप ने अपना बैग टेबल पर रखा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर अा गया और बोला:"

" अरे जल्दी से खाना लगाओ, बहुत तेज भूख लगी हैं मुझे।

रूबी किचेन में चली गई और जल्दी से खाना लगा दिया। उसके बाद दोनो के एक साथ खाना खाया और रूबी हैरान थी कि आजकल अनूप में कुछ बदलाव अा रहा है। उस बेचारी को क्या पता कि अनूप उसके साथ जो खेल खेल रहा हैं उसने वो बुरी तरह से फस जायेगी।

खाना खाने के बाद अनूप सोने के लिए चल गया। उसने अपने बैग से किताबे निकाली और आराम से साहिल के कमरे में तकिए के नीचे छुपा दिया। अनूप अच्छी तरह जानता था कि उसे रूबी को अपने पास नहीं सोने देने के लिए क्या करना हैं इसलिए उसने बहाना करते हुए अपने बेड पर लेटकर अपनी आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ रूबी बेचारी इन सब बातों से अनजान बरतन धो रही थी। अपना काम निपटा कर रूबी सोने के लिए अाई टी देखा कि अनूप जोर जोर से खर्राटे मार रहा है। अनूप को पहले ये बीमारी थी और रूबी को रात भर नींद नहीं आती थी इसलिए रूबी अलग सोती थी और अनूप का इलाज हुआ तब कहीं जाकर रूबी ने चैन की सांस ली।

लेकिन आज फिर से अनूप को तेज तेज खर्राटे मारते देखकर रूबी समझ गई कि फिर से इसे प्रोबलम हो रही है। उसने चुपचाप अपनी चादर उठाई और बाहर की तरफ चल दी ताकि वो आराम से साहिल के कमरे में सो सके।

जैसे ही वो गेट पर पहुंची तो उसने गुस्से से पलटकर अनूप को देखा जो आंखे बंद किए उसे रूबी को देख रहा था। रूबी ने मन ही मन उसे काफी सारी गालियां दी और जैसे ही वापिस पलटी ती उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी और उसने जल्दी से एक चम्मच सिरप पिया और सोने के लिए साहिल के कमरे में अा गई।

रूबी आराम से लेट गई लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी। सामने कमरे में साहिल की फ्रेम में एक बड़ी सी फोटो लगी हुई थी जिसे देखकर उसे अपने बेटे की याद आने लगी। रात के करीब 10 बज चुके थे और वो आमतौर को 9 बजे के बाद साहिल को कॉल नहीं करती थी।

धीरे धीरे दवाई अपना असर दिखाने लगी और रूबी बेचैनी से अपनी करवट बदलने लगीं। आज दिनी में हुई बाते उसकी आंखो के सामने से किसी सपने की तरह से गुजरने लगीं।

क्या करू यार ये योगा सेंटर वाले बार बार मेरे पति को देखने की मांग कर रहे हैं अगर मना करू तो कस्टमर भाग जाने का खतरा है लेकिन साहिल क्या ये सब कर पाएगा, वो क्या सोचेगा मेरे बारे में बस कुछ ग़लत ना सोच ले। मुझे एक साहिल से बात करनी चाहिए क्योंकि वो परसो घर अा जाएगा।

रूबी ने सोच कर साहिल का नंबर मिला दिया और साहिल ने फोन उठाया और बोला:"

"कैसी हो मम्मी आप ? सोई नहीं क्या आप, इतनी रात को फोन किया आज आपने ?

रूबी:" ठीक हूं बेटा बस नींद नहीं आ रही थी मुझे। सोचा तुमसे बात कर लू, बिज़ी तो नहीं थे कहीं। ?

साहिल:" अरे मम्मी अच्छा किया आपने, भला मै कहां बिज़ी हो सकता हूं !!

रूबी पर दवा का असर हो रहा था इसलिए थोड़ा सा मजाक करते हुए बोली:"

" मुझे लगा शायद किसी आंटी से बात कर रहा होगा तू, इसलिए बोला।

इतना कहकर रूबी जोर से हंस पड़ी तो साहिल बोला:"

" क्या मम्मी आपको को बहाना चाहिए मेरी टांग खींचने का, मुझे कोई आंटी पसंद नहीं है।

रूबी की आंखे दवा के कारण लाल हो गई थी और सांसे हल्की हल्की तेज होने लगी तो बोली:"

" आंटी नहीं तो फिर क्या पसंद हैं तुझे बेटा ?

साहिल:" मुझे बस मेरी मम्मी अच्छी लगती हैं, आपको बता हैं जब से आप गई हो यहां आपके चर्चे हैं दिल्ली में।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और उसने अपना एक हाथ दूसरे पैर पर चढ़ा दिया और बोली:"

" क्यों ऐसा क्या हो गया बेटा ?

साहिल:" अब मम्मी मैं आपको क्या बताऊं आपको बुरा लगेगा शायद।

रूबी ये जानने के लिए उत्सुक थी कि आखिर हुआ हैं इसलिए बोली:"

" नहीं लगेगा मुझे बुरा तो बोल ना क्या हुआ ? क्यों चर्चे हैं ?

साहिल:" वो मम्मी सारे लडके आज कल आपकी ही बात करते है यहां, आप तो सबकी ड्रीम गर्ल बन गई हैं।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" है भगवान ये आजकल के लड़के भी ना, तुझे कैसे पता चल ये सब ?

साहिल की सिट्टी पिट्टी गुम, क्या करे अब, मम्मी क्या सोचेगी। फिर कुछ सोचते हुए बोला:"

" मम्मी वो मैंने आपके बारे में लडको को बाते करते हुए सुना था।

रूबी को अपनी जवानी के दिन याद अा गए की किस तरह से लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे लेकिन उसने कभी किसी को ज्यादा भाव नहीं दिया। रूबी बोली:"

" क्या बाते कर रहे थे बेटा ?

साहिल:' कुछ नहीं मम्मी आपकी फिटनेस और फिगर के बारे में बोल रहे थे बस।

रूबी अब बेचैन हो रही थी क्योंकि वो जानना चाहती थी लड़के उसके बारे में क्या सोच रहे थे इसलिए बोली:"

" अच्छा क्या बाते कर रहे थे ?

साहिल:" मम्मी मै आपको किस बताऊं ये सब, शर्म आएगी और आप मुझे गलत समझेगी।

रूबी के करवटें बदलने के कारण तकिया नीचे गिर गया और रूबी जैसे ही तकिया उठाने के लिए झुकी तो उसकी नजर किताबो पर पड़ी तो अनूप चुपचाप रख गया था। रूबी ने किताब हाथ में उठा ली और बोली:"

'" क्या बोल रहे थे तुम ? मुझे ठीक से आवाज नहीं अाई ?

साहिल:" वो मम्मी मैं कह रहा हूं कि मैं आपको कैसे बता सकता हूं, मुझे शर्म आएगी।

रूबी:" तू बता दे बेटा, मेरा बेटा हैं तू डर मत।

साहिल: ' बेटा हूं इसलिए तो डर रहा हूं।

साहिल के मुंह से जल्दी से निकल गया और रूबी को हैरानी हुई और किताब खोलते हुए बोली:"

" आजकल तो बहुत बिगड़ गया है साहिल, लगता है तू जरूर किसी आंटी के चक्कर में पड़ गया है।

रूबी को किताब में पहले नंगी फोटो नजर आने लगी जिसमे लड़की लंड चूस रही थी तो किसी में लड़का चूत चाट रहा था और लड़की की आंखे मजे से बंद थी। रूबी ये फोटो देख कर बहक गई और अपने जिस्म को सहलाने लगी, उसकी सांसे तेज हो गई थी जो साहिल को भी अब सुनाई पड़ रही थी।

साहिल:" नहीं मम्मी ऐसा नहीं हैं, मैं आपको कैसे यकीन दिलाऊ अब ?

रूबी के हाथ अपने आप उसकी चूचियों पर चले गए और उसके मुंह से हल्की से आह निकल पड़ी और बोली:"

" तू घर आजा इस बार तेरी अच्छे से खबर लूंगी मैं, बहुत हवा लगा गई हैं तुझे।

इतना कहकर रूबी ने आगे खोला तो एक कहानी अाई जिसका टाइटल था " प्यासी रूबी की चुदाई" ।।

ये पढ़कर तू रूबी को लगा जैसे ये कहानी उसकी अपनी ही हैं इसलिए वो कहानी पढ़ने लगी कि रूबी का पति बाहर गया था इसलिए चुदाई ना होने के कारण रूबी तड़प रही थी। तभी साहिल की आवाज उसके कानों में पड़ी और बोला:"

" मम्मी मैं बिगड़ा ही नहीं हूं जो आप सुधारने की बात कर रही हो।

रूबी को याद आया कि वो तो अपने बेटे से बात कर रही है इसलिए उसके एक हेड फोन लगा लिया और बोली:"

" बाते तो तू आजकल बड़ी बड़ी करता हैं, अच्छा वो लड़के क्या बोल रहे थे मेरे बारे में?

साहिल:" मम्मी वो आपके फिगर के बारे में बोल रहे थे कि अच्छा है बहुत ज्यादा। सब अपना अपना आइडिया लगा रहे थे।

रूबी ने एक बार अपनी चूचियों की तरफ देखा तो खुशी हुई मानो अपना खजाना देख रही हो और बोली:"

" क्या बोल रहे थे क्या आइडिया लगा रहे थे, अच्छा उस दिन तू मुझसे फिगर पूछ रहा था कहीं लडको का बहाना बना कर तुम तो नहीं पूछना चाहते।

साहिल का ऐसा कोई प्लान नहीं था लेकिन रूबी बहुत तेज थी इसलिए साहिल डरते हुए बोला:"

" नहीं आपकी कसम, ऐसा कुछ नहीं हैं।

रूबी:" अच्छा फिर तो ठीक है, वो तुम घर कब अा रहे हो?

साहिल:" परसो अा जाऊंगा मम्मी, क्या हुआ ?
रूबी:" तुझे अपना वादा याद हैं ना बेटा?

साहिल:_ कौन सा वादा मम्मी

रूबी बीच बीच में किताब पढ़ रही थी कि किस तरह से रूबी की प्यास बढ़ती जा रही थी। रूबी बोली:"

" वहीं कि तुम मेरे पति बनकर जाओगे योगा सेंटर ?

साहिल:" अच्छा मम्मी चलूंगा, लेकिन आप तो दिल्ली की आंटी से भी ज्यादा तेज निकली,

रूबी अपनी चूची दबाते हुए बोली:' कैसे साहिल मैंने ऐसा क्या कर दिया ?

साहिल:" वो तो मेरी उमर के लड़के पटाती हैं और आप अपने ही बेटे को अपना पति बनाना चाहती हो।

रूबी:" चुप कर बेशर्म, बहुत बोलता है तू, घर आजा तुझे अच्छे से ठीक करूंगी इस बार।

साहिल:" मम्मी एक मिनट होल्ड करो, आप अभी करता हूं।

साहिल को किसी के आने की आहट हुई तो उसने देखा कि आरव अंदर अा रहा था इसलिए वो उससे बात करने लगा और जल्दी से जल्दी छत पा जाना चाहता था ताकि आगे बात कर सके अपनी मा से।

दूसरी तरफ रूबी ने फोन होल्ड पर ही रहने दिया और किताब पढ़ने लगी। नीरज नाम के एक लड़के ने रूबी को सेट कर लिया और दोनो के बीच चक्कर चल पड़ा। रूबी को नीरज का नाम पढ़कर नीरज याद अा गया इसलिए उसके मन में नफरत सी उभर आई लेकिन जिस्म की आग के चलते खुद को कहानी पढ़ने से नहीं रोक पाई।

नीरज रूबी को अपने फार्म हाउस पर ले गया और उसके बाद उसने अपने दमदार लंड से रूबी की चूत की ऐसी चुदाई करी कि रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं थीं।

रूबी की चूत पूरी तरह से टपक रही थी इसलिए उसने अपनी नाइटी उतार फैंकी और एक उंगली से अपनी चूत सहलाने लगी। कहानी में नीरज रूबी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था वहीं रूबी के एक हाथ में किताब थी तो दूसरे से अपनी चूत को पेंटी के उपर से ही सहला रही थी। उसके मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रहीं।

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दूसरी तरफ आरव थोड़ी देर के बाद फिर से छत पर चला गया तो साहिल में फोन को कान से लगाया तो उसकी अपनी मा की मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई पड़ी तो साहिल को तो जैसे यकीन नहीं हुआ। रूबी के मुंह से निकलती हुई उह आह एसआईआई की मस्ती भरी आवाज सुनकर उसका लंड खड़ा हो गया और उसे वो रात याद अा गई जब उसने अपनी को मा को चुदाई लोक में देखा था। साहिल ने दरवाजा बंद किया और लंड को बाहर निकाल लिया और सहलाने लगा।

दूसरी तरफ रूबी पूरी तरह से आज बहक गई थी और उसने एक पेंटी को भी उतार दिय और और अपनी एक अंगुली चूत में घुसा दी और उसके मुंह से तेज मस्ती भरी आह निकल पड़ी। कहानी में जितनी जोर से नीरज रूबी की चूत मार रहा था रूबी उससे कहीं ज्यादा तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी।

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साहिल भी पूरी जोर जोर से अपना लंड हिला रहा था और उसे अपनी गांड़ के जिस्म की याद आ रही थी। तभी कहानी में रूबी की चूत झड़ गई तो रूबी ने जोर से उंगली को अपनी चूत में घुसा दिया और सिसकते हुए बोली:" आज नीरज तेरा लोला, उफ्फ मेरी चूत गई, मुझे कब चोदेगा घोड़ी बनाकर!

इसके साथ ही रूबी की चूत झड़ती चली गई और उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई। दूसरी तरफ साहिल अपनी मा के मुंह से किसी गैर मर्द का नाम सुनकर हैरान और दुखी हुआ और उसका लंड अपने आप नीचे बैठ गया और सारी अकड़ जाती रही।

साहिल ने गुस्से से फोन काट दिया और मन ही मन रूबी को गाली देने लगा।
बढ़िया.... बहुत बढ़िया ।
 
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