ronny aaa
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आज साहिल के मन में रूबी के लिए बहुत ज्यादा नफरत हो गई थी। वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और कमरे से बाहर निकलने लगा तभी उसकी नजर रूबी पर पड़ी जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी। रूबी के मासूम से चेहरे के पीछे इतनी गन्दी औरत छुपी हुई हैं उसे आज पता चला। आज उसे अपनी मा का खुबसुरत चेहरा दुनिया का सबसे बदसूरत चेहरा लग रहा था।
साहिल रूबी को नफरत से देखते हुए घर से बाहर निकल गया और अनूप के ऑफिस में पहुंच गया और अनूप के पैर छुए तो लीमा इतना सुंदर गबरू जवान देखकर बहुत खुश हुई और बोली:"
" अनूप सर ये कौन हैं ?
अनूप:" ये मेरा इकलौता बेटा हैं साहिल, और साहिल ये मेरी पर्सनल सेक्रेट्री हैं लीमा।
साहिल:" बड़ी हुई आपसे मैडम मुझे, अच्छा पापा वो आप मुझे कार के लिए बोल रहे थे।
अनूप:" अरे हां बेटा, बस गाड़ी ले ली हैं मैंने, कुछ कागज कम हैं जो अगले आधे घंटे में अा जायेंगे।
साहिल खुश हो गया और बोला:"
" लीमा मैडम आपको पता हैं मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं , लव यू पापा
साहिल अपने बाप के गले लग गया और अनूप ने भी उसे गले से लगा लिया।
अनूप:" तुम भी सबसे अच्छे बेटे हो साहिल, अच्छा मुझे काम हैं मैं चलता हूं एक घंटे बाद अा जाऊंगा। तुम गाड़ी लेकर घर चले जाना थोड़ी देर बाद।
साहिल:" ठीक हैं पापा, मैं यहीं रुक जाता हूं तब तक। गाड़ी के कागज आते ही मैैं भी निकल जाऊंगा।
अनूप:' अरे लीमा तुम साहिल का ध्यान रखना कि इसे कोई परेशानी ना हो।
लीमा खुश हो गई क्योंकि वो तो कब से चाह रही थी उसे साहिल से अकेले में बात करने का मौका मिले इसलिए बोली:"
" आप चिंता ना करे सर, मैं ध्यान रखेगी इनका।
अनूप ने अपना बैग उठाकर चला गया और प्रिया बाहर बैठी हुई ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी। अनूप के जाते ही लीमा बोली:"
" कैसा लगा आपको ऑफिस साहिल जी ?
साहिल:" अरे मैडम आप मुझे जी कहकर मत बुलाए मैं तो आपसे उम्र में भी छोटा हूं।
लीमा उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" अरे आप इस कंपनी के अगले मालिक हैं तो मुझे आपकी इज्जत करनी ही होगी क्योंकि अब आगे चलकर मुझे आपकी पर्सनल सेक्रेट्री बनना हैं।
साहिल के होंठो पर हल्की सी हंसी अा गई और बोला:"
" लीमा जी मुझे अगर इंप्रेस करना हट तो आपको स्माइल के साथ साथ काम पर ध्यान देना होगा क्योंकि काम मेरे लिए सबसे पहले हैं।
लीमा:" बिल्कुल सर, काम के लिए ही तो हम सब लोग यहां आते हैं, वो तो सबसे ज्यादा जरूरी है। अच्छा बताए क्या लेंगे आप ?
साहिल:" फिलहाल तो कुछ नहीं, अच्छा बताए आपके घर में कौन कौन हैं , कहां रहती हैं आप ?
लीमा को उसकी हालत एक पल के लिए पतली होती नजर आईं क्योंकि ये सवाल तो उससे आज तक अनूप ने भी नहीं पूछे थे। लीमा बोली:"
" जी मैं अकेली रहती हूं, पति ने मुझे छोड़कर दूसरी शादी कर ली तब से बस अकेली ही रहती हूं, अशोक नगर में।
साहिल:" ओह बड़ी दुख भरी कहानी हैं आपकी , आपके पति ने दूसरी शादी क्यों करी ?
लीमा ऐसे ही बहाना बनाते हुए बोली:" वो बहुत ज्यादा शराब पीते थे तो मैंने उन्हें मना करती थी एक दिन मैंने कहा मुझे छोड़ दो या शराब तो उहोंने मुझे छोड़ दिया बस।
साहिल:" ओह ये तो बहुत गलत हुआ, क्या नाम था आपके पति का ?
लीमा को कुछ समझ नहीं आया तो उसने एक नाम ऐसे ही ले दिया और बोली:"
" जी नीरज नाम था उनका, लेकिन वो एक नंबर के मतलबी हर नीच किस्म के इंसान हैं।
नीरज नाम सुनते ही साहिल के दिमाग में तेज धमाका हुआ और उसे कहानी वाला नीरज याद अा गया जिसका रूबी के साथ चक्कर चल रहा था। ये साला नीरज नाम के सारे ही आदमी खराब होते हैं।
तभी गेट पर नॉक हुआ तो प्रिया अंदर अाई और बोली:"
" साहिल सर आपका ही नाम हैं क्या ? वो आपके नाम से गाड़ी के कागज आए हैं।
प्रिया एक बेहद खूबसूरत लड़की थी जिसे साहिल अब पहले भी देख चुका था और उसकी खूबसूरती का कायल था इसलिए खुश होते हुए बोला::"
" जी मैडम मेरा ही नाम साहिल हैं, आप का नाम क्या हैं?
प्रिया:" मेरा नाम प्रिया हैं और यहां रिसेप्शन पर काम करती हूं।
साहिल:" जी बहुत खूबसूरत नाम हैं आपका बिल्कुल आपकी तरह, अच्छा दीजिए मुझे आप गाड़ी के कागज।
साहिल प्रिया के साथ बाहर अा गया तो लीमा को बहुत बुरा लगा क्योंकि वो साहिल को अपने जला में फंसाना चाहती थी इसलिए वो भी उसके साथ साथ ही बाहर अा गई। साहिल ने गाड़ी देखी तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई कि अब उसके पास भी अपनी गाड़ी होगी।
साहिल ने गाड़ी का एक चक्कर अंदर ही पार्किंग में लगाया और फिर प्रिया से बोला:"
" आप कहां रहती हैं प्रिया जी ? छुट्टी का टाइम तो गया है चलिए मैं आपको छोड़ दूंगा।
लीमा ने एक बार नफरत से प्रिया की तरफ देखा और उसके कुछ बोलने से पहले ही बोल पड़ी :"
" वो प्रिया आज कुछ नए ऑर्डर आए हैं तुम एक काम करो आज उनकी फाइल बनाकर थोड़ी लेट निकल जाना, मुझे आज कुछ जरूरी काम हैं अगर आपको बुरा ना लगे तो आप मुझे छोड़ दीजिए प्लीज़।
प्रिया को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन लीमा की चाल के आगे उसकी एक न चली और अंदर ऑफिस में चली गई। लीमा गाड़ी के अंदर बैठ गई और साहिल चल पड़ा। रास्ते में लीमा बार बार उस पर डोरे डाल रही थी और अब साहिल भी उसकी तरफ स्माइल कर रहा था क्योंकि एक जानता था कि लीमा के सहारे ही वो नीरज तक पहुंच सकता था। लीमा उसे फसाना चाह रही थी जबकि उसे क्या पता कि साहिल उसे अपने जाल में फसा रहा हैं।
खैर जल्दी ही अशोक नगर के बाहर ही लीमा उतर गई और साहिल को एक कातिल मुस्कान दी तो साहिल ने भी स्माइल करते हुए गाड़ी हाईवे पर दौड़ा दी।
दूसरी तरफ ऑफिस में प्रिया ने जल्दी जल्दी काम खत्म किया और जैसे ही जाने लगी तो उसे देखा कि आज अनूप का ऑफिस खुला हुआ हैं क्योंकि लीमा गलती से ऑफिस खुला छोड़ गई थी तो वो ऑफिस बंद करने के लिए अंदर घुस गई। आमतौर पर वो अंदर नहीं आती थी और लीमा ही ऑफिस बंद करती थी लेकिन आज जलन के कारण लीमा से चूक हो गई। प्रिया ऑफिस को ध्यान से देख रही थी और ये जानने की कोशिश कर रही थी कि अनूप ऑफिस में आकर कहां गायब हो गया था।
प्रिया ऑफिस से अटेच बाथरूम में घुस गई और तभी उसकी नज़र एक शीशे पर पड़ी जो कुछ अजीब तरह का लग रहा था तो उसने शीशे को ध्यान से देखा तो उसके पीछे एक स्विच लगा हुआ था और प्रिया ने जैसी ही स्विच ऑन किया तो बाथरूम की दीवार अपने आप एक तरफ सरक गई उसे सामने एक शानदार बेडरूम नजर आया। प्रिया की आंखे चमक उठी, ओह तो इसका मतलब अनूप साहब सुबह यहां छुपे होंगे इसलिए रूबी मैडम को नजर नहीं आए होंगे। लेकिन ऑफिस में इतने बड़े और शानदार बेडरूम का क्या काम ? क्या आराम करने के लिए होगा, नहीं जरूर अनूप यहां पर रंगरेलिया मनाता होगा।
प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और रूबी का नंबर मिला दिया। फोन की आवाज़ सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने देखा कि प्रिया का कॉल हैं तो वो समझ गई कि जरूर कोई जरूरी बात होगी इसलिए बोली:".
" हान प्रिया बोलो?
प्रिया:" मैडम मुझे सब पता चल गया हैं कि ऑफिस से अनूप साहब कहां गायब हुए थे ? वो वो मैडम ..
रूबी:" हा हा बोलो तुम जल्दी क्या हुआ ?
प्रिया:" मैडम मेरी नोकरी चली जाएगी अगर साहब को पता चला तो फिर मेरा क्या होगा ?
रूबी:" तुम बेफिक्र होकर बोलो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगी।
प्रिया को थोड़ा सुकून मिला और बोली:"
"वो मैडम यहां ऑफिस में एक बहुत बड़ा बेडरूम हैं, और मेक अप का सामान भी रखा हुआ हैं, आप खुद बाकी समझ सकती हैं।
रूबी समझ हुई कि घर की तरह अनूप ने ऑफिस में भी चुदाई घर बनाया हुआ हैं इसलिए वो उससे ठीक से बात नहीं करता।
रूबी:" प्रिया क्या वहां पर कोई कैमरा लग सकता है क्या ?
प्रिया:" लग तो जाएगा मैडम लेकिन फसने का खतरा होगा बहुत ज्यादा क्योंकि कैमरा पकड़ा जाएगा यहां आसानी से!
रूबी:" कोई बात नहीं, तुम उसकी चिंता मत करो,तुम अभी एक कैमरा लगा दो वहां पर और उसकी कंट्रोलिंग अपने पास रखना और मुझे भी सॉफ्टवेयर के द्वारा दे दो।
प्रिया ने अगले कुछ मिनट में ही एक कैमरा लगा दिया और उसे रिसेप्शन वाले पीसी से जोड़ दिया और और रूबी ने अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड किया सीसीटीवी कैमरा ऑन मोबाइल और बोली:"
" थैंक्स प्रिया तुम एक काम करो अब कुछ दिनों की छुट्टी ले लो और ऑफिस मत आना।
प्रिया:" लेकिन मैडम मेरी सैलरी का क्या होगा ?
रूबी:" प्रिया तुम उसकी चिंता मत करो, कल दोपहर के बाद मेरे घर अा जाना, मैं एड्रेस तुम्हे भेजती हूं।
इसके बाद रूबी ने फोन काट दिया और अपने घर का एड्रेस उसे भेज दिया। रूबी आज बहुत खुशी थी क्योंकि वो जानती थी कि कल से अनूप के उल्टे दिन शुरू हो जाएंगे।
रूबी घर के काम में लग गई और खाना बनाने लगी क्योंकि उसे अपने लिए तो खाना बनाना ही था। दूसरी तरफ साहिल खुशी से अपनी गाड़ी को घुमा रहा था और उसने अनूप को फोन किया :
" पापा कहां है आप ? मुझे बहुत भूख लगी हैं,
अनूप एक वक़्त नीरज के पास था और दोनो मिलकर रूबी को फसाने की कोशिश कर रहे थे। अनूप बोला:"
" बेटा मैं यहीं शहर मैं हू, तुम एक काम करो होटल मोहन आओ मैं भी पहुंच जाता हूं।
अनूप ने फोन काट दिया तो नीरज बोला:"
" अरे अनूप मुझे कब मिलवा रहे हो अपने बेटे से तुम?
अनूप:" सर जब आप कहे
नीरज:" तो आज ही बुला लीजिए आज वो हमारा मेहमान होगा।
अनूप ने साहिल को फोन करके नीरज का मकान नंबर दिया तो साहिल अपने बाप के दिए हुए पते पर जैसे ही आया तो नेम प्लेट देखकर उसे फिर से झटका लगा, उफ्फ यहां भी नीरज, है भगवान एक के बाद एक नीरज मिल रहे हैं मुझे आज।
साहिल ने गाड़ी खड़ी करी और अंदर घुस गया। घर क्या पूरा महल था, इतना बड़ा घर तो साहिल ने आज तक नहीं देखा था, टाइल्स इतने कीमती लगे हुए थे कि उनमें उसे अपना चेहरा साफ नजर आ रहा था।
साहिल को लगा कि पक्का ये ही वो नीरज होगा जिसके पैसे के चलते मम्मी इसकी तरफ झुक गई और ये पापा का दोस्त हैं तो पापा को कुछ पता ही नहीं चला। उफ्फ कितना नीच और गिरा हुआ दोस्त हैं ये नीरज?
तभी सामने से आते हुए नीरज और अनूप दिखाई दिए तो अनूप ने साहिल को नीरज के पैर छूने का इशारा किया तो साहिल ने मन ही मन उसे गाली निकालते हुए उसके पैर छू लिए।
साहिल ने नीरज को ध्यान से देखा कि उसके आधे सिर पर तो बाल ही नहीं थे, शक्ल भी कोई खास नहीं, काला रंग और सबसे बड़ी साहिल को उसका चरित्र इसके रंग से भी कहीं ज्यादा काला लगा।
नीरज:" आओ साहिल बेटा मेरे इस शानदार महल में आपका स्वागत है।
साहिल ने उसे एक फीकी सी स्माइल दी और बोला:
" सच में आपका घर किसी महल से कम नहीं है।
नीरज खुश हुआ कि साहिल पर उसकी दौलत का जादू चल रहा है और इससे उसके लिए आसानी होगी क्योंकि रूबी जल्दी टूट जाएगी।
नीरज:" वो तो हैं बेटा, लेकिन अब आज तुम मेरे मेहमान हो तो बताओ मैं क्या खिदमत करू तुम्हारी ?
साहिल:" जी कुछ नहीं बस आपसे बात करके अच्छा लगा मुझे। अब रात हो रही हैं तो मुझे लगता है कि मुझे अब घर चलना चाहिए। फिर कभी मैं आऊंगा आपके पास।
साहिल खड़ा हुआ तो अनूप भी ना चाहते हुए खड़ा गई गया और दोनो बाप बेटे घर की तरफ चल पड़े। अनूप ने ड्राइवर को बोला कि गाड़ी घर छोड़ दे और वो साहिल के साथ ही उसकी कार में बैठ गया। साहिल ने गाड़ी दौड़ा दी और एक होटल में दोनो बाप बेटे ने खाना खाया और उसके बाद घर की तरफ चल पड़े।
साहिल:" पापा आप नीरज साहब को कब से जानते हो?
अनूप को एक पल के लिए तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन अगले ही पल बोला:"
" बेटा हम तो पिछले दस साल से साथ में ही काम कर रहे हैं। क्यों क्या हुआ ?
साहिल:" हुआ तो कुछ नहीं पापा, बस मुझे ये आदमी कुछ ठीक नहीं लगा।
अनूप ने गौर से साहिल की तरफ देखा तो साहिल के चेहरे पर एक गजब का आत्म विश्वास था और अनूप को लगा कि कहीं का कहीं कुछ तो गड़बड़ है या फिर उसका बेटा सचमुच बड़ा हो गया है।
अनूप:" मुझे तो कभी ऐसा नहीं लगा बेटा, लेकिन अगर फिर भी तुम कहते तो मैं ध्यान रखूंगा।
साहिल को कुछ सुकून मिला और बारी थी उस सवाल की जिसे सुनकर अनूप के कान में बम फट गया।
साहिल:" पापा मैंने देखा हैं कि हमारे घर के एक तरफ बड़ी बड़ी दीवारें हैं बाबा लेकिन वहां किसी का मकान नहीं बना हुआ और ना ही आज मैंने वहां किसी को आते जाते हुए देखा हैं।
अनूप के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ उभर आए क्योंकि वो इतना तो समझ गया था कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं जो साहिल ऐसे बात कर रहा है। क्या इसने चुदाई लोक देख लिया है या सिर्फ बड़ी बड़ी दीवारों की वजह से ऐसा पूछ रहा है।
शायद दीवारों कि वजह से ही क्योंकि उसके बारे में मेरे और रूबी के सिवा कोई और नहीं जानता, मैंने बताया नहीं और रूबी कभी भी अपने बेटे को ये सब नहीं बताएगी।
अनूप:" बेटा मुझे नहीं पता कि वो सब क्या हैं ? शायद पहले वहां कोई फैक्ट्री रही हो।
साहिल समझ हुआ कि अगर उसके बाप को नहीं पता तो जरूर उसकी मा वहां रंगरेलियां मनाती हैं जब अनूप बाहर होता हैं, और जरूर नीरज घर पर आता हैं।
साहिल:" अच्छा पापा एक बात और बताओ आप मुझे , जैसे नीरज आपके दोस्त हैं तो क्या वो हमारे घर नहीं आते हैं ?
अनूप:" बहुत कम आते हैं बेटा, क्योंकि तेरी मम्मी को पसंद नहीं कि बाहर का कोई भी आदमी घर के अंदर ज्यादा आए। लेकिन तू ये सब क्यों पूछ रहा हैं आज ?
साहिल: बस ऐसे ही पापा, मैं सोच रहा था कि आपके दोस्त हैं तो घर तो आते ही होंगे।
अनूप को आज हैरानी हो रही थी कि उसका बेटा अजीब अजीब बाते कर रहा है, पता नहीं क्या हो गया हैं इसको। दूसरी तरफ साहिल समझ गया था कि उसकी मम्मी जरूरत से ज्यादा तेज हैं, अपने पति के दोस्त पर ही कब्जा जमा लिया हैं और पति के सामने पाक साफ बनती हैं। सच में मम्मी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक हैं। घर में पापा के जाने के बाद शांता बस रह जाती हैं तो मम्मी शायद इसलिए ही एक नौकरानी को इतनी इज्जत देती हैं ताकि वो उसके राज छुपा कर रख सके।
थोड़ी देर के बाद दोनो बाप बेटे घर पहुंच गए।
Ye to pura pasa hi ulat gya bhai ab kya hoga besabri se intjaar hai next update kaआज साहिल के मन में रूबी के लिए बहुत ज्यादा नफरत हो गई थी। वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और कमरे से बाहर निकलने लगा तभी उसकी नजर रूबी पर पड़ी जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी। रूबी के मासूम से चेहरे के पीछे इतनी गन्दी औरत छुपी हुई हैं उसे आज पता चला। आज उसे अपनी मा का खुबसुरत चेहरा दुनिया का सबसे बदसूरत चेहरा लग रहा था।
साहिल रूबी को नफरत से देखते हुए घर से बाहर निकल गया और अनूप के ऑफिस में पहुंच गया और अनूप के पैर छुए तो लीमा इतना सुंदर गबरू जवान देखकर बहुत खुश हुई और बोली:"
" अनूप सर ये कौन हैं ?
अनूप:" ये मेरा इकलौता बेटा हैं साहिल, और साहिल ये मेरी पर्सनल सेक्रेट्री हैं लीमा।
साहिल:" बड़ी हुई आपसे मैडम मुझे, अच्छा पापा वो आप मुझे कार के लिए बोल रहे थे।
अनूप:" अरे हां बेटा, बस गाड़ी ले ली हैं मैंने, कुछ कागज कम हैं जो अगले आधे घंटे में अा जायेंगे।
साहिल खुश हो गया और बोला:"
" लीमा मैडम आपको पता हैं मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं , लव यू पापा
साहिल अपने बाप के गले लग गया और अनूप ने भी उसे गले से लगा लिया।
अनूप:" तुम भी सबसे अच्छे बेटे हो साहिल, अच्छा मुझे काम हैं मैं चलता हूं एक घंटे बाद अा जाऊंगा। तुम गाड़ी लेकर घर चले जाना थोड़ी देर बाद।
साहिल:" ठीक हैं पापा, मैं यहीं रुक जाता हूं तब तक। गाड़ी के कागज आते ही मैैं भी निकल जाऊंगा।
अनूप:' अरे लीमा तुम साहिल का ध्यान रखना कि इसे कोई परेशानी ना हो।
लीमा खुश हो गई क्योंकि वो तो कब से चाह रही थी उसे साहिल से अकेले में बात करने का मौका मिले इसलिए बोली:"
" आप चिंता ना करे सर, मैं ध्यान रखेगी इनका।
अनूप ने अपना बैग उठाकर चला गया और प्रिया बाहर बैठी हुई ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी। अनूप के जाते ही लीमा बोली:"
" कैसा लगा आपको ऑफिस साहिल जी ?
साहिल:" अरे मैडम आप मुझे जी कहकर मत बुलाए मैं तो आपसे उम्र में भी छोटा हूं।
लीमा उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" अरे आप इस कंपनी के अगले मालिक हैं तो मुझे आपकी इज्जत करनी ही होगी क्योंकि अब आगे चलकर मुझे आपकी पर्सनल सेक्रेट्री बनना हैं।
साहिल के होंठो पर हल्की सी हंसी अा गई और बोला:"
" लीमा जी मुझे अगर इंप्रेस करना हट तो आपको स्माइल के साथ साथ काम पर ध्यान देना होगा क्योंकि काम मेरे लिए सबसे पहले हैं।
लीमा:" बिल्कुल सर, काम के लिए ही तो हम सब लोग यहां आते हैं, वो तो सबसे ज्यादा जरूरी है। अच्छा बताए क्या लेंगे आप ?
साहिल:" फिलहाल तो कुछ नहीं, अच्छा बताए आपके घर में कौन कौन हैं , कहां रहती हैं आप ?
लीमा को उसकी हालत एक पल के लिए पतली होती नजर आईं क्योंकि ये सवाल तो उससे आज तक अनूप ने भी नहीं पूछे थे। लीमा बोली:"
" जी मैं अकेली रहती हूं, पति ने मुझे छोड़कर दूसरी शादी कर ली तब से बस अकेली ही रहती हूं, अशोक नगर में।
साहिल:" ओह बड़ी दुख भरी कहानी हैं आपकी , आपके पति ने दूसरी शादी क्यों करी ?
लीमा ऐसे ही बहाना बनाते हुए बोली:" वो बहुत ज्यादा शराब पीते थे तो मैंने उन्हें मना करती थी एक दिन मैंने कहा मुझे छोड़ दो या शराब तो उहोंने मुझे छोड़ दिया बस।
साहिल:" ओह ये तो बहुत गलत हुआ, क्या नाम था आपके पति का ?
लीमा को कुछ समझ नहीं आया तो उसने एक नाम ऐसे ही ले दिया और बोली:"
" जी नीरज नाम था उनका, लेकिन वो एक नंबर के मतलबी हर नीच किस्म के इंसान हैं।
नीरज नाम सुनते ही साहिल के दिमाग में तेज धमाका हुआ और उसे कहानी वाला नीरज याद अा गया जिसका रूबी के साथ चक्कर चल रहा था। ये साला नीरज नाम के सारे ही आदमी खराब होते हैं।
तभी गेट पर नॉक हुआ तो प्रिया अंदर अाई और बोली:"
" साहिल सर आपका ही नाम हैं क्या ? वो आपके नाम से गाड़ी के कागज आए हैं।
प्रिया एक बेहद खूबसूरत लड़की थी जिसे साहिल अब पहले भी देख चुका था और उसकी खूबसूरती का कायल था इसलिए खुश होते हुए बोला::"
" जी मैडम मेरा ही नाम साहिल हैं, आप का नाम क्या हैं?
प्रिया:" मेरा नाम प्रिया हैं और यहां रिसेप्शन पर काम करती हूं।
साहिल:" जी बहुत खूबसूरत नाम हैं आपका बिल्कुल आपकी तरह, अच्छा दीजिए मुझे आप गाड़ी के कागज।
साहिल प्रिया के साथ बाहर अा गया तो लीमा को बहुत बुरा लगा क्योंकि वो साहिल को अपने जला में फंसाना चाहती थी इसलिए वो भी उसके साथ साथ ही बाहर अा गई। साहिल ने गाड़ी देखी तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई कि अब उसके पास भी अपनी गाड़ी होगी।
साहिल ने गाड़ी का एक चक्कर अंदर ही पार्किंग में लगाया और फिर प्रिया से बोला:"
" आप कहां रहती हैं प्रिया जी ? छुट्टी का टाइम तो गया है चलिए मैं आपको छोड़ दूंगा।
लीमा ने एक बार नफरत से प्रिया की तरफ देखा और उसके कुछ बोलने से पहले ही बोल पड़ी :"
" वो प्रिया आज कुछ नए ऑर्डर आए हैं तुम एक काम करो आज उनकी फाइल बनाकर थोड़ी लेट निकल जाना, मुझे आज कुछ जरूरी काम हैं अगर आपको बुरा ना लगे तो आप मुझे छोड़ दीजिए प्लीज़।
प्रिया को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन लीमा की चाल के आगे उसकी एक न चली और अंदर ऑफिस में चली गई। लीमा गाड़ी के अंदर बैठ गई और साहिल चल पड़ा। रास्ते में लीमा बार बार उस पर डोरे डाल रही थी और अब साहिल भी उसकी तरफ स्माइल कर रहा था क्योंकि एक जानता था कि लीमा के सहारे ही वो नीरज तक पहुंच सकता था। लीमा उसे फसाना चाह रही थी जबकि उसे क्या पता कि साहिल उसे अपने जाल में फसा रहा हैं।
खैर जल्दी ही अशोक नगर के बाहर ही लीमा उतर गई और साहिल को एक कातिल मुस्कान दी तो साहिल ने भी स्माइल करते हुए गाड़ी हाईवे पर दौड़ा दी।
दूसरी तरफ ऑफिस में प्रिया ने जल्दी जल्दी काम खत्म किया और जैसे ही जाने लगी तो उसे देखा कि आज अनूप का ऑफिस खुला हुआ हैं क्योंकि लीमा गलती से ऑफिस खुला छोड़ गई थी तो वो ऑफिस बंद करने के लिए अंदर घुस गई। आमतौर पर वो अंदर नहीं आती थी और लीमा ही ऑफिस बंद करती थी लेकिन आज जलन के कारण लीमा से चूक हो गई। प्रिया ऑफिस को ध्यान से देख रही थी और ये जानने की कोशिश कर रही थी कि अनूप ऑफिस में आकर कहां गायब हो गया था।
प्रिया ऑफिस से अटेच बाथरूम में घुस गई और तभी उसकी नज़र एक शीशे पर पड़ी जो कुछ अजीब तरह का लग रहा था तो उसने शीशे को ध्यान से देखा तो उसके पीछे एक स्विच लगा हुआ था और प्रिया ने जैसी ही स्विच ऑन किया तो बाथरूम की दीवार अपने आप एक तरफ सरक गई उसे सामने एक शानदार बेडरूम नजर आया। प्रिया की आंखे चमक उठी, ओह तो इसका मतलब अनूप साहब सुबह यहां छुपे होंगे इसलिए रूबी मैडम को नजर नहीं आए होंगे। लेकिन ऑफिस में इतने बड़े और शानदार बेडरूम का क्या काम ? क्या आराम करने के लिए होगा, नहीं जरूर अनूप यहां पर रंगरेलिया मनाता होगा।
प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और रूबी का नंबर मिला दिया। फोन की आवाज़ सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने देखा कि प्रिया का कॉल हैं तो वो समझ गई कि जरूर कोई जरूरी बात होगी इसलिए बोली:".
" हान प्रिया बोलो?
प्रिया:" मैडम मुझे सब पता चल गया हैं कि ऑफिस से अनूप साहब कहां गायब हुए थे ? वो वो मैडम ..
रूबी:" हा हा बोलो तुम जल्दी क्या हुआ ?
प्रिया:" मैडम मेरी नोकरी चली जाएगी अगर साहब को पता चला तो फिर मेरा क्या होगा ?
रूबी:" तुम बेफिक्र होकर बोलो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगी।
प्रिया को थोड़ा सुकून मिला और बोली:"
"वो मैडम यहां ऑफिस में एक बहुत बड़ा बेडरूम हैं, और मेक अप का सामान भी रखा हुआ हैं, आप खुद बाकी समझ सकती हैं।
रूबी समझ हुई कि घर की तरह अनूप ने ऑफिस में भी चुदाई घर बनाया हुआ हैं इसलिए वो उससे ठीक से बात नहीं करता।
रूबी:" प्रिया क्या वहां पर कोई कैमरा लग सकता है क्या ?
प्रिया:" लग तो जाएगा मैडम लेकिन फसने का खतरा होगा बहुत ज्यादा क्योंकि कैमरा पकड़ा जाएगा यहां आसानी से!
रूबी:" कोई बात नहीं, तुम उसकी चिंता मत करो,तुम अभी एक कैमरा लगा दो वहां पर और उसकी कंट्रोलिंग अपने पास रखना और मुझे भी सॉफ्टवेयर के द्वारा दे दो।
प्रिया ने अगले कुछ मिनट में ही एक कैमरा लगा दिया और उसे रिसेप्शन वाले पीसी से जोड़ दिया और और रूबी ने अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड किया सीसीटीवी कैमरा ऑन मोबाइल और बोली:"
" थैंक्स प्रिया तुम एक काम करो अब कुछ दिनों की छुट्टी ले लो और ऑफिस मत आना।
प्रिया:" लेकिन मैडम मेरी सैलरी का क्या होगा ?
रूबी:" प्रिया तुम उसकी चिंता मत करो, कल दोपहर के बाद मेरे घर अा जाना, मैं एड्रेस तुम्हे भेजती हूं।
इसके बाद रूबी ने फोन काट दिया और अपने घर का एड्रेस उसे भेज दिया। रूबी आज बहुत खुशी थी क्योंकि वो जानती थी कि कल से अनूप के उल्टे दिन शुरू हो जाएंगे।
रूबी घर के काम में लग गई और खाना बनाने लगी क्योंकि उसे अपने लिए तो खाना बनाना ही था। दूसरी तरफ साहिल खुशी से अपनी गाड़ी को घुमा रहा था और उसने अनूप को फोन किया :
" पापा कहां है आप ? मुझे बहुत भूख लगी हैं,
अनूप एक वक़्त नीरज के पास था और दोनो मिलकर रूबी को फसाने की कोशिश कर रहे थे। अनूप बोला:"
" बेटा मैं यहीं शहर मैं हू, तुम एक काम करो होटल मोहन आओ मैं भी पहुंच जाता हूं।
अनूप ने फोन काट दिया तो नीरज बोला:"
" अरे अनूप मुझे कब मिलवा रहे हो अपने बेटे से तुम?
अनूप:" सर जब आप कहे
नीरज:" तो आज ही बुला लीजिए आज वो हमारा मेहमान होगा।
अनूप ने साहिल को फोन करके नीरज का मकान नंबर दिया तो साहिल अपने बाप के दिए हुए पते पर जैसे ही आया तो नेम प्लेट देखकर उसे फिर से झटका लगा, उफ्फ यहां भी नीरज, है भगवान एक के बाद एक नीरज मिल रहे हैं मुझे आज।
साहिल ने गाड़ी खड़ी करी और अंदर घुस गया। घर क्या पूरा महल था, इतना बड़ा घर तो साहिल ने आज तक नहीं देखा था, टाइल्स इतने कीमती लगे हुए थे कि उनमें उसे अपना चेहरा साफ नजर आ रहा था।
साहिल को लगा कि पक्का ये ही वो नीरज होगा जिसके पैसे के चलते मम्मी इसकी तरफ झुक गई और ये पापा का दोस्त हैं तो पापा को कुछ पता ही नहीं चला। उफ्फ कितना नीच और गिरा हुआ दोस्त हैं ये नीरज?
तभी सामने से आते हुए नीरज और अनूप दिखाई दिए तो अनूप ने साहिल को नीरज के पैर छूने का इशारा किया तो साहिल ने मन ही मन उसे गाली निकालते हुए उसके पैर छू लिए।
साहिल ने नीरज को ध्यान से देखा कि उसके आधे सिर पर तो बाल ही नहीं थे, शक्ल भी कोई खास नहीं, काला रंग और सबसे बड़ी साहिल को उसका चरित्र इसके रंग से भी कहीं ज्यादा काला लगा।
नीरज:" आओ साहिल बेटा मेरे इस शानदार महल में आपका स्वागत है।
साहिल ने उसे एक फीकी सी स्माइल दी और बोला:
" सच में आपका घर किसी महल से कम नहीं है।
नीरज खुश हुआ कि साहिल पर उसकी दौलत का जादू चल रहा है और इससे उसके लिए आसानी होगी क्योंकि रूबी जल्दी टूट जाएगी।
नीरज:" वो तो हैं बेटा, लेकिन अब आज तुम मेरे मेहमान हो तो बताओ मैं क्या खिदमत करू तुम्हारी ?
साहिल:" जी कुछ नहीं बस आपसे बात करके अच्छा लगा मुझे। अब रात हो रही हैं तो मुझे लगता है कि मुझे अब घर चलना चाहिए। फिर कभी मैं आऊंगा आपके पास।
साहिल खड़ा हुआ तो अनूप भी ना चाहते हुए खड़ा गई गया और दोनो बाप बेटे घर की तरफ चल पड़े। अनूप ने ड्राइवर को बोला कि गाड़ी घर छोड़ दे और वो साहिल के साथ ही उसकी कार में बैठ गया। साहिल ने गाड़ी दौड़ा दी और एक होटल में दोनो बाप बेटे ने खाना खाया और उसके बाद घर की तरफ चल पड़े।
साहिल:" पापा आप नीरज साहब को कब से जानते हो?
अनूप को एक पल के लिए तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन अगले ही पल बोला:"
" बेटा हम तो पिछले दस साल से साथ में ही काम कर रहे हैं। क्यों क्या हुआ ?
साहिल:" हुआ तो कुछ नहीं पापा, बस मुझे ये आदमी कुछ ठीक नहीं लगा।
अनूप ने गौर से साहिल की तरफ देखा तो साहिल के चेहरे पर एक गजब का आत्म विश्वास था और अनूप को लगा कि कहीं का कहीं कुछ तो गड़बड़ है या फिर उसका बेटा सचमुच बड़ा हो गया है।
अनूप:" मुझे तो कभी ऐसा नहीं लगा बेटा, लेकिन अगर फिर भी तुम कहते तो मैं ध्यान रखूंगा।
साहिल को कुछ सुकून मिला और बारी थी उस सवाल की जिसे सुनकर अनूप के कान में बम फट गया।
साहिल:" पापा मैंने देखा हैं कि हमारे घर के एक तरफ बड़ी बड़ी दीवारें हैं बाबा लेकिन वहां किसी का मकान नहीं बना हुआ और ना ही आज मैंने वहां किसी को आते जाते हुए देखा हैं।
अनूप के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ उभर आए क्योंकि वो इतना तो समझ गया था कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं जो साहिल ऐसे बात कर रहा है। क्या इसने चुदाई लोक देख लिया है या सिर्फ बड़ी बड़ी दीवारों की वजह से ऐसा पूछ रहा है।
शायद दीवारों कि वजह से ही क्योंकि उसके बारे में मेरे और रूबी के सिवा कोई और नहीं जानता, मैंने बताया नहीं और रूबी कभी भी अपने बेटे को ये सब नहीं बताएगी।
अनूप:" बेटा मुझे नहीं पता कि वो सब क्या हैं ? शायद पहले वहां कोई फैक्ट्री रही हो।
साहिल समझ हुआ कि अगर उसके बाप को नहीं पता तो जरूर उसकी मा वहां रंगरेलियां मनाती हैं जब अनूप बाहर होता हैं, और जरूर नीरज घर पर आता हैं।
साहिल:" अच्छा पापा एक बात और बताओ आप मुझे , जैसे नीरज आपके दोस्त हैं तो क्या वो हमारे घर नहीं आते हैं ?
अनूप:" बहुत कम आते हैं बेटा, क्योंकि तेरी मम्मी को पसंद नहीं कि बाहर का कोई भी आदमी घर के अंदर ज्यादा आए। लेकिन तू ये सब क्यों पूछ रहा हैं आज ?
साहिल: बस ऐसे ही पापा, मैं सोच रहा था कि आपके दोस्त हैं तो घर तो आते ही होंगे।
अनूप को आज हैरानी हो रही थी कि उसका बेटा अजीब अजीब बाते कर रहा है, पता नहीं क्या हो गया हैं इसको। दूसरी तरफ साहिल समझ गया था कि उसकी मम्मी जरूरत से ज्यादा तेज हैं, अपने पति के दोस्त पर ही कब्जा जमा लिया हैं और पति के सामने पाक साफ बनती हैं। सच में मम्मी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक हैं। घर में पापा के जाने के बाद शांता बस रह जाती हैं तो मम्मी शायद इसलिए ही एक नौकरानी को इतनी इज्जत देती हैं ताकि वो उसके राज छुपा कर रख सके।
थोड़ी देर के बाद दोनो बाप बेटे घर पहुंच गए।