साहिल घर के अंदर आया तो वो सबसे पहले प्रिया के कमरे में गया और देखा कि प्रिया अभी तक कमरे में बेहोश पड़ी हुई थी। साहिल ने एक बॉटल से पानी निकाला और पानी में कुछ छींटे उसके मुंह पर मारे तो धीरे धीरे प्रिया ने अपनी आंखे खोल दी और अपने आपको फिर से कमरे में बंद पाया तो उसे निराशा हुई।
उसने साहिल की तरफ देखा और बोली:"
" आखिर मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा हैं ? पहले तुमने ने मुझे बंद कर दिया था और इस बार मुझे अनूप उठा लाए। आखिर क्यों मेरे साथ तुम ऐसा कर रहे हो ?
साहिल :" तुम्हे तो सब पता हैं प्रिया कि तुम नीरज के साथ मिलकर मेरे परिवार को तबाह करने पर तुली हुई हो। बस इसलिए तुम्हे यहां फिर से लाया गया हैं।
प्रिया:" मैं माफी मांग चुकी हू और वादा करती हूं कि आगे से ऐसा नहीं करूंगी अब प्लीज़ छोड़ दो मुझे आप।
साहिल:" चिंता मत करो तुम्हे आज शाम तक छोड़ दूंगा, जहां मन करे चले जाना।
प्रिया खुश होती हुई बोली:"
" क्या सचमुच तुम मुझे छोड़ दोगे ना पक्का?
साहिल:" मैं झूठ नहीं बोलता, आज शाम को तुम्हे आजाद कर दिया जाएगा। अच्छा एक बात बताओ क्या तुम सच में शांता की बेटी हो ?
प्रिया:" नहीं, लेकिन पता नहीं वो क्यों मेरे पीछे पड़ी हुई है और बार बार बेटी बेटी करती रहती है ?
साहिल:' तो फिर तुम्हारे मा बाप कौन हैं ?
प्रिया:' पता नहीं मुझे, नीरज के घर में काम करने वाले हरी राम ने मुझे पाला था। मरने से पहले उन्होंने मुझे बताया कि मै उसकी बेटी नहीं हूं। इससे पहले कि वो मेरे मा बाप के बारे में बताता उसकी मौत हो चुकी थी।
साहिल:" ओह इसका मतलब तुम्हे अपने मा बाप का नहीं पता हैं कि कौन हैं।
प्रिया:" नहीं पता लेकिन नीरज के के यहां भी पल बढकर मैं बड़ी हुई इसलिए मैं उसकी हर बात मानती हू।
साहिल एक पल के लिए गहरी सोच में डूब गया और बोला:"
" चलो तुम आराम करो, मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए लाता हूं। ध्यान रखना अगर इस बार तुमने भागने की कोशिश करी तो तुम्हारी टांगे तोड़ दूंगा।
प्रिया साहिल की बात सुनकर सहम सी गई और साहिल कमरा बंद करके बाहर निकल गया।साहिल ने देखा कि अनूप तैयार हो गया था और शांता घर में सफाई कर रही थी। साहिल को डर था कि कहीं शांता फिर से प्रिया को ना भगा दे इसलिए उसने चाभी अपनी जेब में रख ली और बोला:"
" शांता अम्मा, आप कितना काम करेगी और जाओ आप आराम करो। मैं खुद घर का सारा काम कर लूंगा मम्मी के साथ।
शांता:" तुम क्या खुद सफाई करोगे बेटा ? तुम अच्छे नहीं लगोगे मैं ही कर देती हूं।
और शांता घर के काम में लग गई और साहिल ने अपनी नजर उस पर बनाए रखी। अनूप ऑफिस जाने लगा तो साहिल ने टेबल पर पड़ी गाड़ी की चाभी उठाई और उसकी तरफ बढ़ा दी और बोला:"
" आपकी गाड़ी आपको मुबारक हो पापा, मुझे नहीं चाहिए ये गाड़ी।
अनूप अपने बेटे के मुंह को हैरानी से देखता रह गया और बोला:"
" बेटा मैं जानता हूं कि रात मुझसे गलती हुई हैं और कितना जलील करोगे तुम मुझे ? अपने बाप पर हाथ भी उठा दिया तुमने।
साहिल:' बस करो , मुझसे तुमसे बात नहीं करनी, नहीं चाहिए आपका कुछ भी मुझ। मुझे खुद पर शर्म आती है कि तुम जैसा गिरा हुआ और घटिया आदमी मेरा बाप हैं।
साहिल ने गाड़ी की चाभी अनूप की जेब में डाल दी तो अनूप बुरी तरह से टूट गया और साहिल के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"
" बस कर बेटा, गलती हो गई मुझसे, माफ कर दे प्लीज़, आगे से मैं ध्यान रखूंगा।
अनूप की आंखे भर आई तो साहिल पिघल गया और बोला:"
" अगर आप अपने आपको सुधार लेंगे तो आपको ही फायदा होगा पापा। रही बात गाड़ी की तो मैं अब एक लेने वाला नहीं हूं।
अनूप ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल अपनी जिद पर अड़ गया तो अनूप ने मजबुर होंकर गाड़ी की चाभी अपनी जेब में रख ली और बैग उठा कर बाहर चला गया।
रूबी नाश्ता बना चुकी थी और अनूप को आवाज लगाई लेकिन बिना उसने पीछे मुड़कर देखा तक नहीं और चला गया।
शांता , रूबी और साहिल तीनो नाश्ता कर रहे थे।
शांता:" रूबी मेरी बेटी का कुछ पता चला क्या ?
साहिल रूबी से पहले ही बोल उठा:" अभी नहीं लेकिन आप चिंता मत करो, मैं जल्दी ही उसका पता लगा लूंगा।
शांता चुप हो गई और नाश्ता करने के बाद चुपचाप बिना कुछ बोले नीचे अपने कमरे में चली गई।
साहिल:" मम्मी आप भी एक काम कीजिए आप अब योगा सेंटर के लिए तैयार हो जाए और अपने काम पर ध्यान दें। मैं घर पर ही रहूंगा और प्रिया से कुछ जरूरी सवाल करने है।
रूबी जाना तो नहीं चाहती थी लेकिन मजबूर थी क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि उसके ग्राहक नाराज हो जाए इसलिए तैयार होने लगी। साहिल एक प्लेट में नाश्ता लेकर प्रिया के पास आया और रात से भूखी प्रिया खाने पर टूट पड़ी।
साहिल:' तुम खाना खाओ और मैं थोडी देर बाद आता हूं।
प्रिया:" आप आज मुझे पक्का छोड़ दोगे ना शाम तक ?
साहिल ने एक बार प्रिया की तरफ देखते हुए उसे स्माइल दी और बाहर निकल गया। नीचे आकर साहिल हाल में बैठ गया तभी अंदर कमरे से रूबी आती हुई नजर आईं।
रूबी ने एक सुर्ख लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। होंठो पर लगी गहरे लाल रंग की लिपस्टिक उसे और ज्यादा कामुक बना रही थी। उसके हाथ में एक फाइल थी जिसमे उसने सेंटर का सभी हिसाब रखा हुआ था। वो धीरे धीरे चलती हुई साहिल के पास अा गई तभी उसकी साड़ी उसके पैर में फंस गई जिससे उसे एक तेज झटका लगा और उसकी फाइल हाथ से छूट कर गिर गई और साडी का पल्लू सरक गया।
साडी के इस नए स्टाइल के साथ सिर्फ ब्रा पहनी जा रही थी। इसलिए जैसे ही रूबी को झटका लगा उसकी सारी का पल्लू सरक गया और और उसकी गोल गोल चूचियां आधे से ज्यादा बाहर की तरफ छलक उठी। रूबी के मुंह से एक आह निकल पड़ी और साडी का पल्लू उठाने के लिए नीचे की तरफ झुकी तो उसकी चूचियां मानो बाहर निकलने के लिए बेताब नजर आईं और साहिल का मुंह खुला का खुला रह गया।
रूबी की नज़रे एक बार साहिल से जा टकराई और उसका चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया। रूबी जमीन पाए बैठ गई और अपनी फाइल उठाने लगी। रूबी बीच बीच में साहिल की तरफ देखती हुए अपनी फाइल उठा रही थी जबकि उसकी चूचिया अभी भी नंगी हो नजर अा रही थी।
साहिल भी उसकी हेल्प करने के लिए ठीक उसके सामने बैठ गया और उसकी मदद करने लगा।
साहिल उसकी चूचियों को देखते हुए बोला:"
" क्या हुआ आपको ? आप गिर कैसे गई ?
रूबी उसकी नजरे अपनी चूचियों पर महसूस करते ही लाल हो गई और बोली:"
" आह बेटा साडी का पल्लू फंस गया था। अब सब ठीक है।
इतना कहते हुए रूबी खड़ी हो गई और फाइल हाथ में लेकर बोली:"
" अच्छा बेटा मैं अब सेंटर जाऊ क्या ?
इतना कहकर रूबी ने अपनी चूचियों पर पल्लू डाल दिया। साहिल को निराशा हुई लेकिन वो कर भी क्या सकता था। तभी उसके दिमाग में एक विचार अाया और बोला:"
" मम्मी आप एक बार मुझे ठीक से घूम कर दिखाओ कहीं ऐसा ना हो बाहर आपका पल्लू फिर से फंस जाए।
रूबी को अपने बेटे की बात ठीक लगी और उसने फाइल को साइड में रख दिया और अपनी साडी को घुमा घुमा कर साहिल को दिखाने लगी। रूबी की गांड़ आज बेहद कामुक तरीके से मटक रही थी मानो वो कामुक डांस कर रही हो।
रूबी अपने होंठो को गोल गोल घुमाते हुए बोली:"
" ठीक से देख लो बेटा सब ठीक हैं ना ?
साहिल ये नजारा देखकर अपनी मम्मी की अदाओं पर मर मिटा और बोला:"
" हान मम्मी सब ठीक हैं आप बेहद खूबसूरत रही हैं इस साड़ी में, सच में मम्मी आपका फिगर कमाल का है।
अपनी तारीफ़ सुनकर रूबी बेहद खुश हुई और एक बार फिर से उसने जान बूझकर अपनी साड़ी का पल्लू सरका दिया तो साहिल की आंखे फिर से चमक उठी और वो फिर से रूबी की चूचियां देखने लगा। रूबी को अब अच्छे से समझ आया कि उसका बेटा उसे किस नजर से देख रहा था। स्माइल करते हुए अपनी साडी का पल्लू ठीक करने लगी और बीच बीच में साहिल को स्माइल भी दे रही थी।
रूबी:" अच्छा बेटा अगर सब ठीक हो तो मैं सेंटर चली जाऊं क्या ?
साहिल:" हान मम्मी आप चली जाओ, अब ठीक है।
रूबी ने साहिल को बाय किया और बाहर की तरफ चल पड़ी। रूबी जान बूझकर अपनी गांड़ को बेहद कामुक तरीके से मटका रही थी। साहिल बिना पलके झपकाए अपनी मा की मटकती हुई गांड़ को देख रहा था।
रूबी जैसे ही दरवाजे पर पहुंची तो उसने पीछे मुडकर देखा और साहिल को अपनी गांड़ घूरते हुए पाया तो साहिल को एक कामुक स्माइल दी और बाहर की तरफ निकल गई। साहिल समझ गया था कि उसकी मा उसे गांड़ देखते हुए पकड़ चुकी हैं लेकिन इसने डांटने के बजाय स्माइल दी। उफ्फ काजीनुम्मी भी तक मुझे पसंद नहीं कर रही हैं।
साहिल रूबी के जाते ही प्रिया के कमरे में अा गया और बोला:"
" प्रिया तुमसे मैं आखिरी बार पूछ रहा हूं कि लीमा कौन हैं ? वो कहां रहती हैं और क्यों तबाह करना चाहती हैं वो हमे? वो किसके लिए काम करती हैं ?
प्रिया ने साहिल की आंखो में देखा और बोली:"
" देखो मुझे सच में लीमा के बारे में कुछ नहीं पता हैं। मैं नहीं जानती वो कौन है और क्यों ऐसा कर रही हैं ?
साहिल ध्यान से उसके चहरे को देख रहा था और उसे वहां सच्चाई नजर आईं। साहिल उठा और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया तो प्रिया डर गई और बोली:"
" साहिल मेरे साथ कुछ ग़लत मत करना तुम, प्लीज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं।
साहिल:" तुझे बहुत शौक हैं दूसरे की वीडियो बनाने का, चल आज मैं तेरी वीडियो बनाउंगा।
प्रिया डर के मारे थर थर कांप उठी और साहिल के पैरो से लिपट गई और बोली:'
" नहीं मुझे माफ कर दो, आज के बाद मैं ऐसा कुछ भी नहीं करुंगी।प्लीज़ मुझे जाने दो।
साहिल ने अलमारी खोलकर उसमे से एक तेजाब की बॉटल निकाल ली और बोला:"
" प्रिया अगली एक मिनट के बाद अगर तुम्हारे शरीर पर एक भी कपड़ा रहा तो तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को इतना बदसूरत बना दूंगा कि अपनी शक्ल देखते हुए भी डरोगी तुम।
प्रिया थर थर कांप उठी। उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और सिसकते हुए बोली:"
" मुझे मत बर्बाद करना, प्लीज़ मुझे जाने दो मैं कसम खाती हूं आज के बाद आपको शहर में भी नजर नहीं आऊंगी।
साहिल ने बॉटल का ढक्कन खोल दिया और बोला:"
" अब सिर्फ 50 सेकंड बचे। अपना टाइम खराब मत करो तुम,
इतना कहकर साहिल ने थोड़ा सा तेजाब फर्श पर गिरा दिया तो फर्श पर उबाल सा अा गया और फर्श काला पड़ने लगा। प्रिया को कुछ समझ नहीं आया तो वो रोने लगी और अपनी जीन्स और टॉप को देखते ही देखते उतार दिया। प्रिया की आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे।
साहिल:" अब जल्दी से ब्रा पेंटी भी उतार दो बस 20 सेकंड बचे है तुम्हारे पास।
इतना कहकर साहिल उसके बेहद करीब पहुंच गया तो प्रिया ने डर के मारे आंखे बंद कर ली और अपनी ब्रा पेंटी को उतार दिया। साहिल ने अब तेजाब की बॉटल को एक तरफ रख दिया और जेब से मोबाइल निकली कर प्रिया की वीडियो बनाने लगा।
प्रिया रोने लगी तो साहिल आगे बढ़ा और प्रिया ने अपने टांगो को बंद करते हुए अपने दोनो हाथों को अपनी चूचियों पर रखते हुए इन्हें छुपा लिया। साहिल ने जेब से रुमाल निकाला और उसके आंसू साफ किए और बोला:"
" आंसू नहीं मुझे तुम्हारे चेहरे पर स्माइल चाहिए मानो तुम अपनी मर्जी से वीडियो बनवा रही हो ?
प्रिया:" मैं बर्बाद हो जाऊंगी, मत करो मेरे साथ ऐसा तुम प्लीज़।
साहिल:" मुझे तुम्हारी फालतू बकवास नहीं सुननी हैं। जैसे मैं कह रहा हूं बस वैसे करो।
प्रिया के पास कोई और रास्ता नहीं था। आखिर में साहिल ने अपने तरीके से उसकी वीडियो को सूट कर लिया और फिर बोला:'
" तुम अपने कपड़े पहन कर बाहर आ जाओ , नीचे हूं मैं। कुछ बात करनी हैं तुमसे।
साहिल नीचे आकर हॉल में बैठ गया। पीछे पीछे ही प्रिया भी अा गई जो बेहद बुरी तरह से टूटी हुई नजर आ रही थी। साहिल ने उसे बैठने का इशारा किया तो वो सामने सोफे पर बैठ गई और साहिल बोला:'
" हान तो मिस प्रिया मुझे बोलने की जरुरत नहीं होनी चाहिए कि अगर तुमने मेरे हिसाब से काम नहीं किया तो मैं तुम्हारी वीडियो वायरल कर दूंगा।
प्रिया ने साहिल की तरफ देखा और बोली:"
" जैसे आप कहेगी मैं करूंगी आप प्लीज़ मेरी ज़िन्दगी बर्बाद मत करना। मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं।
साहिल:" देखो प्रिया ना तो मुझे तुम्हारे शरीर में कोई दिलचस्पी हैं और ना ही तुम्हे बदनाम करने में। तुम एक हालात की सताई हुए लड़की हो मुझे तुमसे हमदर्दी है नहीं तो मैं अब तक तुम्हारा रेप कर चुका होता।
प्रिया को साहिल की बातो में सच्चाई नजर अाई और बोली:"
" आज जैसा कहेंगे मैं करूंगी। बस बताए मुझे क्या करना है ?
साहिल:" मुझे ये सब पता करके बताओ कि आखिर क्यों नीरज हमारे पीछे पड़ा हुआ हैं? मेरे पापा उसकी इतनी बात क्यों मानते हो और लीमा किसके लिए काम करती हैं। ध्यान रखना अगर कोई भी चालाकी तो तुम्हारा क्या हाल होगा ?
प्रिया:" आप चिंता ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगी और जल्दी ही आपको सब कुछ बता दूंगी। बस आप प्लीज़ मुझे बदनाम मत करना।
साहिल:" नहीं करूंगा जब तक तुम मुझे मजबूर नहीं करोगी। ये एक मर्द की जुबान हैं। अब जहां तुम जाना चाहो जा सकती हो तुम आजाद हो। लेकिन मेरी बाते ध्यान रखना बस।
प्रिया उदास और बिल्कुल धीमे आवाज में बोली:"
" ठीक हैं सर मैं ध्यान रखेगी।लेकिन अगर मैं फस गई तो आपको मेरी मदद करनी होगी।
साहिल:" ठीक हैं अगर तुमने सच में मेरे साथ दिया तो मैैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा।
प्रिया के चेहरे पर पहली बार हल्की सी मुस्कान अाई और बोली:"
" ठीक हैं सर, मैं अब जा सकती हूं क्या ?
साहिल:" ठीक हैं तुम जाओ और होशियारी से अपना काम करना।ठीक हैं ।
प्रिया उसके बाद वहां से निकल गई और साहिल एक बार फिर से सोचने लगा क्या वो प्रिया को छोड़कर ठीक कर रहा हैं। साहिल ने अपने मन में ठान लिया कि अब जो भी होगा देखा जाएगा।
रूबी ने योगा सेंटर जाकर आज लोगो को योग कराया और उसके बाद अपने केबिन में आकर बैठ गई और पिछले दो दिन से होने वाली घटना के बारे में सोचने लगी। साहिल सच में उसके लिए बहुत कुछ कर रहा था। जिस तरह से साहिल ने अनूप को मार लगाई वो सब रूबी को बहुत अच्छा लगा था और फिर साहिल ने अनूप को कार वापिस देकर तो जैसे रूबी का सब कुछ ही जीत लिया था।
रूबी ने कुछ सोचकर आशा को फोन मिलाया और बोली:"
" हेल्लो आशा कैसे हो तुम ? जिम कैसा चल रहा है ?
आशा खुशी से चहकती हुई बोली:"
" धन्य भाग्य मेरे कि आपने मुझे कॉल किया, मैडम सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा हैं।
रूबी:" अच्छा ग्राहक अा रहे ही है ?
आशा:" अरे मैडम हम लोग रजिस्ट्रेशन करते करते खुशी से झूम रहे हैं। आपको पता है अब तक 3000 से ज्यादा लोग आ चुके हैं।
रूबी:" ये तो बहुत खुशी की बात हैं कि आपका काम अच्छे से सेट हो गया।
आशा:" ये सब कुछ आपकी मेहरबानी की वजह से हुआ हैं। मैैं तो आपको कॉल करने ही वाली थी मैडम आपने इतना कुछ किया और हम आपके लिए कुछ भी नहीं कर पाए। आप हमारी तरफ से वो एक छोटी सी भेंट होंडा सिटी गाड़ी स्वीकार कर लिजिएं"
आशा की बात खत्म होते ही रूबी का चेहरा खुशी से चमक उठा। दरसअल उसने आश को सिर्फ गाड़ी के लिए बोलने के लिए ही फोन किया था लेकिन अपने स्वाभिमान के चलते ऐसा नहीं बोल पा रही थी। वो अपने बेटे को कार गिफ्ट में देना चाहती थी और आशा ने खुद ही उसकी मुश्किल को आसान कर दिया।
आशा:" क्या सोचने लगी मैडम आप? प्लीज़ इस बार मना मत करना, मैं आपके घर के पते पर गाड़ी भेज रही हूं।
रूबी:"वैसे इसकी जरूरत तो नहीं थी लेकिन अगर आप नही मान रही हो तो ठीक हैं।
आशा:" ठीक है मैडम। अच्छा आपके लिए एक ऑफर था, लोग यहां आपसे जिम सीखने के लिए डिमांड कर रहे हैं। अगर आप शनिवार और रविवार सिर्फ दो दिन अा सके तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। आपके आने जाने का सारा खर्च और दिल्ली में जहां आप कहेगी आपको एक बंगला मिल जाएगा।
रूबी:" ठीक हैं मैं अपने परिवार में बात करके बता दूंगी आपको।
आशा:" ठीक हैं मैडम। मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगी। और मुझे पूरी उम्मीद हैं कि आप मुझे निराश नहीं करोगी। बाय मैडम।
फोन कटने के बाद रूबी खुश हो गई कि आज वो अपने बेटे को कार गिफ्ट में दे देगी। सच में मेरे बेटे को कार देना मेरा फर्ज़ था क्योंकि रात जिस तरह से उसने अनूप की कार वापिस करी उसने मेरा दिल जीत लिया। रूबी उठी और ऑफिस बंद करने के बाद घर की तरफ चल पड़ी।
वहीं दूसरी तरफ लीमा होटल के एक कमरे में बंद होकर परेशान हो गई थी। ना कहीं अा रही थी और नहीं उसका मन कमरे में ही लग रहा था। सच पूछो तो उसे अब घुटन महसूस हो रही थी उसे लग रहा था मानो उसकी सारी आजादी छीन ली गई थी। वो आज भी उस मनहूस दिन को कोस रही थी जब उसके मा बाप बीमार लीमा के लिए इलाज के पैसे मांगने के लिए उसके बॉस के पास गए थे और उस कमीने ने उन्हें बंधक बना लिया।
लीमा का इलाज तो हुआ लेकिन उसके बदले में उसके मा बाप गिरवी रख लिए गए। लीमा मजबूर थी और इसलिए वो अपने बॉस का हर हुक्म मान रही थी। बस किसी तरह से एक बार मेरे मा बाप इसके चंगुल से निकल जाए फिर मैं इसका वो हाल करूंगी किट मेरे नाम से ही कांप उठेगा।
अनूप के साथ जो कुछ उसने किया उससे वो बहुत ज्यादा टूट गई थी और रूबी को देखने के बाद तो जैसे लीमा की रही सही हिम्मत भी जाती रही। उफ्फ मैंने एक औरत की सबसे बड़ी खुशी पर डाका डाला है।
भगवान एक दिन मुझे मेरे गुनाहों कि सजा जरूर देगा। ये सब सोचते सोचते आज फिर से लीमा की आंख भर आई और गहरी सोच में फिर से डूब गई।
अनूप बुरी तरह से बेइज्जत होकर घर से निकल गया। उसे समझ नहीं अा रहा था कि जो कुछ भी रात हुआ वो उसका जिम्मेदार किसे माने।
रूबी को तो वो जानता था कि वो उसके खिलाफ हैं लेकिन साहिल ने अपने बाप पर हाथ उठाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। मुझ पर हाथ उठा दिया और अब गाड़ी भी वापिस कर दी। ये सब इस कमीनी रूबी का ही किया धरा हैं। मैं इसे देख लूंगा।
अपने विचारों में डूबा हुआ अनूप ऑफिस पहुंच गया तो देखा कि बैंक वाले आए हुए थे। उन्हें देखते ही अनूप का मूड खराब हो गया पूरी तरह से।
अनूप:" अरे मैनेजर साहब आपने यहां आने की तफ्लीफ क्यों करी मुझे ही बुला लिया होता।
मैनेजर:" मेरे बुलाने से आप आते ही कहां हो श्रीमान जी ? लॉन क्यों नहीं भर रहे हो आप ?
अनूप:" बस सर कुछ ही दिन की बात हैं मुझे टेंडर मिल गया है, एक दो दिन में काम शुरू हो जाएगा। फिर सारा लॉन एक साथ फाइनल कर दूंगा।
मैनेजर:" आप पिछले छह महीनों से हमे गोली दे रहे हो, एक बार साफ साफ़ बोल दो तो हम कानून का सहारा ले लेंगे।
अनूप:" बस सिर्फ कुछ दिनों की मोहलत और दे दीजिए। फिर आपको शिकायत का मोका नहीं दूंगा।
मैनेजर:" लेकिन ध्यान रखना, ये आखिरी मौका होगा, उसके बाद सीधे कानून के हिसाब से होगा सब कुछ।
अनूप ने अपने दोनो हाथ बैंक मैनेजर के आगे जोड़ दिए और बोला:"
" आप निश्चिन्त रहे। मैं इस बार आपको निराश नहीं करूंगा।
अनूप की बात पूरी होते ही बैंक मैनेजर उठा और चला गया जबकि अनूप आज और ज्यादा दुखी हो गया। चारो तरफ से उस पर मुसीबत अा रही थी और ये तो बस एक नीरज ही था जो उसके साथ खड़ा हुआ था।