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Incest अपनी शादीशुदा बेटी को मां बनाया

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अपडेट नंबर 30 आ गया है आप सभी पाठक उसका आनंद ले सकते हैं पेज नंबर 106 पर।

अपडेट किसी कारणवश देरी से देने के लिए आप सभी से क्षमा चाहते हैं प्रतीक्षा करने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।

🎢🚌
 
Last edited:

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
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भाग ३०
अभी तक आप लोगों ने पढ़ा की बाबा पूर्णिमा से कहते हैं की जल्दी से अपनी चूत की दर्शन कराव अब और बरदाश्त नही हो रहा है।

पूर्णिमा - अभी आपको उसका दर्शन नही मिलेगा इसलिए आपको बरदाश्त करना पड़ेगा।

बाबा - लेकिन क्यों••••••••••

पूर्णिमा - इसलिए की माहवारी चालू हो गया है इसलिए अभी दो दिन और इंतजार करना पड़ेगा।

यह बात सुनते ही उनको झटका सा लगता है मानो उनकी बेटी ने उनको खड़े लंड पर धोखा दे दिया हो और वह गुस्सा हो जाते हैं।
पूर्णिमा उनको मनाने की कोशिश करती है लेकिन वह मानने को तैयार नहीं होते लेकिन अब कर भी क्या सकते थे अपना मन मार के सो जाते हैं।

उधर आरती यह सब देखकर पहले आसचर्य और हैरान होती है फिर यह सोचकर खुश होती है कि आगर बाबा अपनी बेटी के साथ यह सब कर सकते हैं तो फिर मेरे बाबूजी क्यों नहीं कर सकते यह सब सोचते हुए वह सो जाति है।



फिर सुबह होती है सभी लोग अपना नीत क्रीया करने के बाद फिर सभी लोग चाय नाश्ता करते हैं फिर बाबा आरती को अपने कमरे में बुलाते हैं उसको सब समझाते हैं कि कैसे क्या करना है और कुछ जड़ी बूटी की दवा देते हैं दोनों को खाने के लिए और तेल देते हैं मालिश करने के लिए इसको कैसे इस्तेमाल करना है वह सब एक कागज में लिख देते हैं और कहते हैं कि यहां से जाने के बाद और कुछ जानना और पूछना हो तो फोन करके हमसे पूछ लेना।अब अपने पिताजी को भी अंदर बोलावो उनको भी समझा देता हूं फिर राजनाथ को अंदर बुलाती है तो राजनाथ अंदर आता है और पूछता जी बाबा जी हमारा काम हो गया ।

बाबा- हाँ आप लोगों का काम तो हमने कर दिया है अब आप लोगों को करना है और कैसे करना है यह सब हमने इसे समझा दिया है और कुछ दवाइयां भी दी है उसे कैसे इस्तेमाल करना है वह सब मैंने लिख दिया है और इस काम में आपको इसका साथ देना पड़ेगा अगर आप साथ नहीं देंगे तो काम अधूरा रह जाएगा इसलिए मैं आपसे पूछता हूं आप इसका साथ देंगे कि नहीं।

राजनाथ - क्यों नहीं मेरे लायक जो भी होगा वह मैं जरूर करूंगा अगर मेरे मदद करने से मेरी बेटी का घर बसता है तो मैं जरूर करूंगा।

बाबा - हमको आपसे यही उम्मीद थी कि आप जरूर अपनी बेटी की मदद करें क्योंकि सिर्फ आप ही उसकी मदद कर सकते हैं अरे आपका कर्तव्य भी बनता है क्या आप उसकी मदद करें।

उसके बाद दोनों बाप बेटी घर जाने के लिए वहां से निकल पड़ते हैं और पतले रास्ते से कुछ दूर चलकर मुख्य सड़क पर आते हैं और एक जगह पर बैठकर किसी गाड़ी का इंतजार करने लगते हैं तभी वहीं पर एक कुत्ता और कुत्तिया उसी रास्ते से चलते हुए आते हैं और बाप बेटी के सामने खड़े हो जाते हैं इसमें से कुत्ता देखने काफी हट्टा कट्टा और कुत्तिया दुबली पतली थी सायद अभी-अभी जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी इतने में ही कुत्ता जो था वह कुत्तिया की योनि को सुनने लगता है और चाटने लगता है यह देख कर दोनों बाप बेटी एक दूसरे की तरफ देखते हैं तो आरती अपने आप से नजर मिलते ही वह शर्मा जाती है और दूसरी तरफ अपनी नजरें कर लेती है और राजनाथ को भी यह देखकर थोड़ा अजीब लगता है लेकिन उसे अच्छा भी लगता है और वह तिरछी नजरों से दोनों को देख रहा होता है और आरती भी तिरछी नजरों से उन दोनों को देखने की कोशिश करती है कि क्या कर रहे इतने में कुत्ता दो-तीन बार उसकी उसकी योनि को सुंघता और चाटता है फिर अपना गुलाबी लंड निकालकर उसके ऊपर चढ़ जाता है और उसकी योनि मे घुसाने की कोशिश करने लगता है लेकिन वह घूस नही पाता फिर वह उतर जाता है और फिर से उसकी योनि को सुंघने और चाटने लगता है और एक बार फिर से उसके उपर चढ़ जाता है और घुसाने की कोशिश करने लगता है और इस बार वह अपनी मेहनत में सफल हो जाता है और अपना मोटा गुलाबी लंड उसकी टाईट योनि मे घुसा देता है लंड घुसते ही कुत्तीया चिल्लाने लगती है कांय कांय कांय कांय•••••••••••
फिर दोनों बाप बेटी उन दोनों को देखने लगते हैं और देखते हैं कि दोनों कुत्ता और कुत्तिया एक दूसरे से जुड़ चूके हैं क्योंकि कुत्ता का लंड कुत्तीया की योनि में फंस चुका था यह देखकर आरती को बहुत शर्म आती है और फिर अपने आप की तरफ देखती है तो फिर से दोनों बाप बेटी की नजर एक दूसरे से मिल जाती है और आरती शर्मा के फिर से अपना मुंह दूसरे तरफ कर लेती है राजनाथ यह देखकर मन ही मन मुस्कुराता है और कुत्ता कुतिया की तरफ देखते हुए कहता है कि शायद पहली बार है इसका इसलिए इतना चिल्ला रही है तो आरती भी दूसरी तरफ मुंह किए हुए मुस्कुराती और कहती आपको कैसे पता की पहली बार है

राजनाथ - उसके चिल्लाने से पता चल रहा है की पहली बार है यह तो तुम्हें भी मालूम होगा कि जब पहली बार में कितना दर्द होता है।

आरती- मुस्कुराते हुए मुझे तो मालूम नहीं है कि दर्द होता है कि नहीं शायद आपको इस बारे में ज्यादा मालूम है।

राजनाथ - क्यों जब तुम्हारे साथ ऐसा पहली बार हुआ था तो क्या उस वक़्त दर्द नहीं हुआ था

आरती - नहीं मेरे साथ ए सब नहीं हुआ था।

राजनाथ - ठीक है अगर नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं लेकिन ऐसा तो हर लड़की के साथ होता है जिसकी शादी होती है


राजनाथ- कुछ देर चुप रहने के बाद मेहनत का फल बेचारे को मिल ही गया।

आरती- अच्छा ऐसा क्या मेहनत किया उस बेचारे ने जो आप उसे बेचारा बोल रहे हैं ।

राजनाथ - अरे देखा नही उसने अपना सामान अंदर घुसाने के लिए कितनी बार कोशिश की तब जाकर उसको सफलता मिली।

आरती- आह हाहा हाहा बहुत मेहनत की उस बेचारे ने ।और उस बेचारी को जो इतनी तकलीफ हुई और हो रही उसके लिए आपके मूह से एक शब्द नहीं नीकला आखीर मर्द तो मर्द ही होते हैं उनको औरत की तकलीफ थोड़ी नजर आएगी।

राजनाथ - अरे नहीं मेरा कहने का मतलब ऐसा नहीं था ।

आरती- आपका कहने का मतलब क्या था वो मैं अच्छे से समझती हूँ आप मर्दों को सिर्फ मजे लेने से मतलब रहता है औरत पर तरस खाना तो दूर हर मर्द औरत को तड़पाना अपनी शान समझता है जब तक औरत चीखे चीलाये नहीं तब तक उनको मजा नहीं आता।

राजनाथ - तुमसे जीत पाना बहुत मुश्किल है।

आरती- यह कोई हार जीत वाली बात नही है जो सच है वही मैने बोली है ।

राजनाथ - मुस्कुराता हैं और कहता है की तुम्हारी एक बात बिल्कुल सही है।

आरती- कौन सी बात, ••••••••••

राजनाथ - वही की जब तक औरत cheekhe chillaye नही तब तक मर्द को मजा नहीं आता है।

आरती- उसकी तरफ देखते हुए बोली अब आई ना असली बात ज़ुबान पे।

राजनाथ - अरे मैं अपनी बात थोड़ी कर रहा हूं मैं तो दूसरे मर्दों की बात कह रहा हूँ।

आरती - हाँ हाँ आप अपने बारे में नहीं दूसरे मर्दों के बारे में कह रहे हैं आप दूसरे मर्दों के जैसे थोड़ही हैं आप तो सीधे साधे साधु महात्मा हैं । फिर धीरे से मुस्कराते हुए कहती है कितने सीधे साधे हैं यह तो जब टाईम आएगा तभी पता चलेगा ना अभी मैं आपको थोड़ी कुछ बोलूगीं।

राजनाथ - क्या टाइम आएगा तब पता चलेगा मैं कुछ समझा नहीं••••••••••••

आरती- अभी आपको समझ में नहीं आएगा जब टाइम आएगा तब ठीक समझ जाइएगा ।

राजनाथ - उसकी बात समझ जाता है और मन ही मन मुस्कराने लगता है।

उधर कुत्ता और कुत्तिया दोनों आपस में जुड़े हुए थे और मुंह खोलकर दोनों हाफ रहे थे और कुत्तिया अपने आप को छुड़ाने के लिए बहुत कोशिश कर रही थी और छटपटा रही थी लेकिन शायद उसको मालूम नहीं था कि उसको इससे इतनी जल्दी छुटकारा नहीं मिलने वाला है इसी तरह 15-20 मिनट गुजर गए तब जाकर कुत्ते का लंड कुत्तीय की चूत से बाहर निकला जो अभी भी काफी बड़ा और मोटा दिख रहा था एकदम गुलाबी रंग जैसा चमक रहा था और उस्से पानी भी टपक रहा था उधर कुत्तिया की योनि में मोटा लंड घुसने की वजह से काफी फूल गया था और उसके अंदर से भी वीर्य का मीश्रण लार बनकर चु रहा था। राजनाथ यह सब देख रहा था फिर वह आरती के तरफ देखता है तो आरती भी कुत्ता और कुत्तीया को ही देख रही थी तभी राजनाथ कहता है की इनका काम तो हो गया अब हमारा काम कब होगा पता नहीं यह दो अर्थी बात राजनाथ ने जान बुझ कर बोला वह

यह बात सुनते ही आरती चौंक जाती है और हैरानी भरी नजरों से उसके तरफ देखती है तो। राजनाथ समझ जाता है और बात को संभालते हुए बोलता है अरे मैं गाडी के बारे मे कह रहा था कि पता नहीं अब हमारी गाडी कब आएगी। राजनाथ ने जान बुझ कर दो अर्थी वाला बात बोला था यह जानने के लिए की आरती समझती है कि नहीं राजनाथ मन ही मन बहुत खुश होता कि आरती मेरी बात को समझ गई।

तभी यात्री वाली गाड़ी वहां आ जाती है और दोनों बाप बेटी उसमें चढ़ने लगते हैं तो देखते हैं कि गाडी के अंदर काफी भीड़ है और कहीं बैठने की जगह नहीं है



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Mast update hai.
 

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भाय तुमने बिल्कुल सही कही तुम्हारी मां तुम्हारे नाना की मालिश कर रही होगी और तुम्हारे नाना ने बोला होगा की बेटी मैं भी तुम्हारी मालिश कर देता हूं और मालिश करते-करते तुम्हारी मां की चुदाई कर दी होगी फिर वह गर्भवती हो गई होगी और वह फिर तुमको जन्म दी होगी और अब तुम वही बात यहां आकर हमें बता रहे हो क्या सच कहा ना हमने
भाई जिल्लत सहने से बढ़िया, story end की post कर दे नाराज तो सभी है ही तु और कर रहा है।
 
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