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Shaandar Mast Lajwab Hot Kamuk Garma garam UpdateUPDATE 025
अतीत के पन्ने :06
: अह्ह्ह्ह्ह नानी उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह कितना मस्त चूस्ती हो आप आह्ह्ह्ह उम्मम ( मै अपनी नानी के गले तक लंड ले जा रहा था )
मुंह की लार से पूरा लंड गिला हो चुका था और नानी सिसकारियां ले रही थी उनकी आंखों हवस उतर चुकी थी
: उम्मम बेटा अब डाल दे रहा नहीं जाता ( नानी मेरा लंड हाथों के सहलाते हुए बोली )
फिर वो बिस्तर पर अपनी घुटनों के बल होकर झुक गई और अपनी गाड़ को हवा में उठाया
उफ्फ नानी के पहाड़ जैसे चूतड़ भोसड़े सहित मेरे आगे थी , रसाती चूत को देख कर मै पागल हो गया और अपना मुंह नानी के बुर में दे दिया
नानी के बुर और गाड़ से गजब की खुशबू आ रही थी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा अह्ह्ह्ह्ह कितना गिला करेगा अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न
मैने मुंह में लार बटोरी और नानी के गाड़ के छेद पर थूकते हुए जीभ चला दी , नानी मचल उठी
मैने उनके चूतड़ पंजों से फाड़ते हुए अपना मुंह उनकी गाड़ की कसी सकरी दरारों में से दिया । जीभ को उनकी गाड़ के छल्ले पर घुमाते हुए चाटने लगा
नानी पूरी तरह से छटक रही थी नीचे हाथ ले जाकर अपनी बुर मसल रही थी ।
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह्ह्ह पेल न नानी को उम्मम चोदेगा नहीं अह्ह्ह्ह देख कितनी बह रही है बुर मेरी अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
मै उठा और खड़े होकर : नानी गाड़ में डालू
: तू मुझे पागल करके ही मानेगा न ( नानी पूरी सिहर कर बोली ) अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह डाल दे कही भी बस घुसा दे अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
मै नानी की खुमारी देखकर पागल हो गया और अपने लंड पर थूक लगाते हुए नानी की गाड़ के चिकनी सुराख पर टोपा सेट करते हुए गच्चाक से लंड उतार दिया
पूरे आठ इंच लंड मेरा नानी की गाड़ में धंसता चला गया , नानी के चूतड़ मुझे वापस धकेलने लगी तो मैं और हमच कर लंड को उनकी गाड़ में पेला, एक इंच और अंदर
: अह्ह्ह्ह दादा मर गई रे अह्ह्ह्ह्ह हरामी पेट में घुसाएगा क्या अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेटा उम्मम
मै नानी के पहाड़ जैसे चूतड़ों पर चढ़ कर हचक हचक कर पेले जा रहा था , नानी की गाड़ आज और भी ज्यादा बड़ी और मुलायम लग रही थी जितनी ताकत मै लगाता वो दुगनी रफ्तार से मुझे पीछे धकेल देती और मै वापस और ताकत से लंड को उनकी लचीली गाड़ में पेलता
अह्ह्ह्ह्ह नानी फक्क यूं अह्ह्ह्ह्ह सीईईई कितनी रसीली और नरम गाड़ है तुम्हारी लगता है खूब चुदवाती थी उम्मम , नानू ने खूब फाड़ा है अह्ह्ह्ह नानी उम्मम
: अह्ह्ह्ह हा बेटा बहुत पसंद थी तेरे नाना को तभी तो मेरी गाड़ का तरबूजा बना दिया अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही उम्मम पेलता रहा तेरा लंड एकदम उन्हीं के जैसे है कसा और बड़ा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम आ रहा है उम्ममम
: अह्ह्ह्ह नानी मेरा भी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
मै भी नानी की गाड़ के झड़ने लगा और उनके ऊपर ही लेट कर सो गया ।
अलार्म बजा और मेरी नींद खुली तो मै अपने आप को कपड़ो में पाया
लंड एकदम उफानाया हुआ कड़क , घड़ी के देखा तो 8 बज रहे थे ।
नानी उठ चुकी थी ।
मै भी उठा और जैसे ही पीछे हाते में देखा सुबह सुबह दिल खुश हो गया
नानी आज सिर्फ सलवार में खड़ी थी ।
बड़ी चौड़ी गाड़ और नंगी पीठ देखते ही लंड एकदम सलामी देने लगा।
नानी अगर पीछे हाते में दिन में ऐसे थी बेफिक्र मतलब दिलावर मामू नहीं होंगे घर पर
मै भी धीरे धीरे उनके करीब गया और पीछे से उनकी नंगी झूलती चुचियों को एक साथ पकड़ लिया
: अह्ह्ह्ह शानू छोड़ पागल क्या कर रहा है कोई देख लेगा
: मुझे पता है कोई नहीं देखेगा हीही , नहीं आप कपड़े पहने होते ( मै उनके सलवार के ऊपर से अपना लंड लोवर के अंदर से उनकी गाड़ के चुभोता हुआ बोला ) मेरे हाथ उनकी गुदाज मोटी चूचियो को मिस रहे थे ।
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई छोड़ न गंदा कही का जा पहले फ्रेश हो ले , पागल ( नानी मुझसे अलग होकर निकल गई और मै भी खुश होकर पाखाने में चला गया क्योंकि वैसे भी नानी कहा ही जाने वाली थी , नाश्ते के बाद एक राउंड लगभग रोज ही चल रहा था हम लोगों का और अब तो सुबह दुपहर रात मानो मेरी खुराक बंध गई थी पिछले दो हफ्तों से , नानी मुझसे जरूर चुदती थी । इन बीते दिनों में हमने खूब मस्ती की और काफी बातों को एकदूसरे से साझा किया , पक्की वाली दोस्ती हो गई थी हमारी ।
मै खाली किया और ब्रश लेकर बाहर आया , नानी अब सिर्फ पैंटी में नंगी बैठी कपड़े धूल रही थी ।
कपड़े धुलते हुए उनकी रसीली छातियां खूब झूल रही थी और मेरे मुंह में पानी आ रहा था
: यहां क्या कर रहा है बदमाश ( नानी मुस्कुरा आकर बोली )
: अपनी sexy नानी को निहार रहा हूं, उफ्फ कितना रसीला है आपका दूधू ( मै उनके आगे खड़ा होकर अपना लंड लोवर में मसलता हुआ बोला )
: धत्त गंदा , रोज तीन बार पिता है मन नहीं भरता तेरा
: ऊहू ( मै न में सर हिलाया )
नानी कपड़े निचोड़ कर साइड कर दी और अपने बदन पर पानी गिराने लगी
उनका पूरा रसीला गदराया जिस्म गिला होने लगा , उनकी रसीली चूत के फांके खूब टाइट और फ्रेश दिख रहे थे
नानी अपने जिस्म में साबुन मल रही थी
: आ तू भी नहा ले न
मै ब्रश घिसता हुआ ना में सर हिलाया
: तो क्या बस मुझे निहारेगा ( नानी मुस्कुरा कर बोली )
: हम्ममम ( मैने हुंकारी भरी और वो लजा गई )
नानी अपने जिस्म पर पानी डाल कर साफ करने लगी और फिर खड़ी होकर अपने पैर धुलने लगी तो मैं शरारत में उनके पीछे आ गया ।
झुकने की वजह से नानी की गाड़ फैल कर मेरे आगे थी , जांघों के बीच से झांकते चूत के फांके देख कर मेरी हालत खराब होने लगी , जी तो कर रहा था यही खुले में अभी चोद दूं
मूड बन भी गया था कि बाहर से किसी ने आवाज दी
: जा देख जल्दी कौन है, बरामदे में बिठा मै आती हूं ( नानी हड़बड़ा कर बोली )
मै भी लपक कर उधर चला गया और फिर उन्हें बरामदे में बिठाया ।
वो मुहल्ले की एक औरत थी , नानी के परिचय की । उनकी बातें चलती रही और मै नहाने चला गया ।
9 बज गए थे मगर वो औरत नहीं गई , नानी तो उसे पीछे रसोई में ले कर आ गई और खाना बनाते हुए बातें होने लगी ।
मेरी और लंड दोनो की भूख बढ़ रही थी , 11 बजने को आए और हम सबसे साथ ही खाना खाया ।
मै कमरे में बोर हो रहा था तो नानी के पास से उनका मोबाइल लेकर आ गया । उस में भी कुछ खास मनोरंजन नहीं थे। डाटा रिचार्ज नहीं था तो अलग ही बोरियत ।
मै बस टाइम पास करता रहा किसी तरह करीब साढ़े बारह बजे वो औरत गई और फिर नानी बर्तन साफ करने बैठ गई ।
मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा , मुझमें अलग ही खुन्नस थी आज ।
सुबह से नानी ने मुझे तड़पा कर रखा और फ्री हुई तो भी काम करने बैठ गई ।
मै लपक कर उनके पास गया और उनकी मोटी मोटी चूचियां सूट के बाहर निकाल कर वही हाते में ही नल के पास झुक कर चूसने मिजने लगा
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई शानू क्या कर रहा है यहां नहीं उम्मम , मै आती हु न बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी मना करती हुई सिहरने लगी )
मै बारी बारी से दोनों रसीली छातियां मुंह में भरने लगा और चूसने लगा
: कबसे तो आपको इशारे कर रहा हु आपको तो मेरी पड़ी ही नहीं ( खड़ी करके मै उनके सलवार का नाडा खोलने लगा
: अरे पागल है तू , दिलावर आ गया बेटा तो गजब हो जाएगा अह्ह्ह्ह ( नानी मुझे समझा रोक रही थी मगर मैने उनकी एक न सुनी और उनको घुमा दिया )
नानी की सलवार कच्ची सहित नीचे खींच कर अपना लंड मैने बाहर निकाल दिया और थोड़ा सा लार लगाकर सीधा उनके फटे हुए भोसड़े में उतार दिया
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह उम्मम आराम से अह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी मेरे सुपाड़े की चोट से बिलबिला उठी )
: कितनी नाटक करती हो नानी उम्मम जब कहता हु तो देती क्यों नहीं ( मै उनके चर्बीदार कूल्हे पकड़ कर झुकाए हुए करारे धक्के उनके चूत में मारते हुए बोला )
: अह्ह्ह्ह्ह दादा गलती हो गई उम्ममम अह्ह्ह्ह कितना सूखा सूखा पेल रहा है ahhhhhh गिला कर ले बेटा उम्ममम , अब कभी नहीं रोकूंगी तुझे अह्ह्ह्ह, मेरे पैर दर्द हो रहे अह्ह्ह्ह्ह
: मेरा भी लंड सुबह से आपको देख कर दर्द हो रहा है तो क्या करूं उम्मम साली रंडी चुदक्कड़ अह्ह्ह्ह्ह आज फाड़ दूंगा तेरी अह्ह्ह्ह ( मै नानी को झुकाए हुए फचर फचर पेले जा रहा था )
: अह्ह्ह्ह्ह कमीना अपनी नानी को रंडी बोलेगा उम्ममम तो कभी नहीं दूंगी तुझे समझा अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेटा आराम से अह्ह्ह्ह ( नानी ने मुझे धमकाया तो मैने धक्का और तेज किया )
: क्या बोली, नहीं देगी मुझे अपनी बुर उम्ममम फिर से बोली उम्मम ( मैने उनको घुटनों के बल करके नीचे से स्टासट पेलने लगा )
: अह्ह्ह्ह दूंगी न बेटा उम्मम मेरे राजा बेटा को क्यों मनाह करूऊऊऊऊंंंगीईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह मेरा शानू अह्ह्ह्ह्ह पेल बेटा रुकना मत अह्ह्ह्ह्ह चोद और तेज अह्ह्ह्ह
: किसको चोदूं हा बोलो न उम्मम , कौन हो आप मेरी हा, बोलो न ( मैने कबूलवाया )
: अपनी नानी को अह्ह्ह्ह उम्ममम अपनी sexy नानी को पेल बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ( नानी हांफते हुए बोली )
: अह्ह्ह्ह मेरी sexy नानी मेरी चुदक्कड़ नानी अह्ह्ह्ह्ह कितनी गर्म बुर है तुम्हारी अज्ज्ज इसको पेल पेल कर फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह्ह ( मै पूरा अकड़ कर गुराया और लंड को नानी के बुर की जड़ में ले जाने लगा )
: हा बेटा पेल और और उम्मम पेल अपनी चुदक्कड़ नानी को अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह झड़ रही हूं मै बेटा अह्ह्ह्ह
नानी का गर्म गर्म लावा मुझे मेरे सुपाड़े पर महसूस हो रहा था और मैं भी चरम पर था और नानी के बुर के जड़ में लंड ले जाकर रोक दिया
: अह्ह्ह्ह्ह नानी मेरी सेक्सी रंडी अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह
झड़ता रहा मै नानी की चूत में और हांफते हुए नानी के ऊपर ही गिर गया ।
: अह्ह्ह्ह कमीना कही का, रोज मुझे कुछ नया बना देता है , चल उठ अब ( नानी थोड़ी नाराज थोड़ी खुश होकर बोली )
: आपको देखते ही इतनी सारी तस्वीर उभर आती है जहन में तो क्या करूं हिहीहीही ( मैने अपनी दिल की बात जाहिर की )
: धत्त बदमाश कही का , उठ अब अह्ह्ह्ह्ह रब्बा तोड़ दिया मेरा घुटना उम्मम हाथ दे ( नानी कराह कर उठती हुई बोली )
फिर मै अपने कमरे में आगया और लेट गया , कुछ देर बाद नानी काम निपटा कर बिस्तर पर आ गई ।
और मै उनसे लिपट गया।
: फोन आया था तेरी अम्मी का , तीन रोज बाद वो वापस जा रही है घर ( नानी मुझसे लिपटी हुई बोली )
: कब आया था ? ( मै अचरज से बोला )
: अरे जब तू नहाने गया था तभी ( नानी ने कहा )
: फिर ? ( मै उलझा हुआ बोला )
: क्यों घर वापस नहीं जाना ? ( नानी ने मेरा मन टटोला )
मै चुप रहा और फिर नानी को कस कर हग कर लिया : आप भी चलो न मेरे साथ ।
: हा तो कौन सा मै तुझे अकेले भेज रही हूं साथ ही चलूंगी ( नानी ने मुझे अपनी ओर कसा)
: तो कल चले ? ( मै चहका )
: कल क्यों ? तेरी अम्मी तो 3 रोज बाद आएगी ? ( नानी ने सवाल किया )
: इसीलिए तो कह रहा हु कि घर में सिर्फ हम दोनो होंगे तो मस्ती करेंगे हिही ( मै खिलखिलाया )
: धत्त बदमाश कही का , पागल ( नानी लजाई और हसने लगी )
: चलो ना नानी प्लीज , अच्छा लगेगा मुझे वैसे भी यहां कौन है कुछ रोज मेरे साथ रहना न प्लीज ( मैने जिद दिखाई )
: अच्छा दादा ठीक है चलूंगी , खुश ?
मै उनसे लिपट कर : बहुत ज्यादा
फिर क्या अगले रोज के सफर के लिए हमारी तैयारिया होने लगी ।
सारी पैकिंग हो गई थी और मै भी नहा धोकर तैयार हो गया ।
मेरी नजर नानी पर , आज बुरखे में वो गजब की खिली हुई दिख रही थी , उनका बुरका आज उनके चौड़े कूल्हे पेट से कुछ ज्यादा ही चिपक रहा था आम तौर पर ऐसा नहीं होता था ।
तभी नानी एक झोला उठाने के उठी और मुझे बुरखे में उसके बड़े चौड़े चूतड़ पर पैंटी उभरी हुई नजर आई
: ओह्ह्ह बहनचोद नानी ने अंदर आज कुछ नहीं पहना ( मै अपना लंड सहलाते हुए बडबड़ाया)
: शानू जल्दी आ बेटा बस निकल जाएगी , आ जा ( नानी ने मुझे आवाज दी मै कमरे में ही रहा )
नानी मुझे आवाज देते हुए कमरे आई और मैने उन्हें पीछे से दबोच लिया
: अह्ह्ह्ह्ह शानू क्या कर रहा है उम्मम छोड़ बेटा उम्मम ( नानी कसमसाने लगी और मै उनके हाथ बांधे हुए पीछे से अपने पैंट में बने तंबू से उनकी गाड़ में ठोकने लगा )
: उम्मम नानी कितनी सेक्सी हो आप , निकलने से पहले करते है न एक बार अह्ह्ह्ह्ह प्लीज ( मै उनका बुरका उठाने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा लेट हो जाएगा उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्मम मान जा न ( नानी सिसकते हुए गुजारिश की मगर मैने एक न सुनी और अपना लंड बाहर निकाल लिया )
नानी का बुरका उठा कर आगे से सीधा उनकी पैंटी के ऊपर से अपना लंड उनकी बुर पर कोचना शुरू कर दिया , नानी तड़पने लगी
मैने उनका बुरका उपर उठाएं हुए उनकी ब्रा के ऊपर से उनकी बड़ी बड़ी मोटी चूचियां मसलने लगा
: अह्ह्ह्ह बदमाश मानेगा नहीं न उम्मम अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम ( नानी मेरे सर को पकड़ कर अपने सीने पर चिपका कर मेरे सर सहलाने लगी और नीचे मेरा लंड अकड़ा हुआ उनकी जांघों के बीच से उनकी बुर के फांके पर आगे पीछे हो रहा था ।
मैने उन्हें घुमाया और बिस्तर पर झुका दिया
: अह्ह्ह्ह्ह नानी कितनी सेक्सी पैंटी है आपकी उम्मम ( मै झुक कर उनकी बड़ी सी गाड़ को सहलाते हुए उनके गाड़ को सूंघने लगा )
मेरे लंड को थामे हुए मै लगातार उसको हिला रहा और नानी के थुलथुले चूतड़ पर पंजे मार रहा था
: अह्ह्ह्ह अम्मी उफ्फ मार क्यों रहा है आह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह बेटा मत कर न दुख रहा है
मैने अपना नुकीला सुपाड़ा लार से गिला किया और नानी की पैंटी खींच कर जांघों तक करते हुए चूत में लंड उतार दिया
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम बेटा अह्ह्ह्ह्ह कितना टाइट है आह्ह्ह्ह
: उम्मम नानी आपको देख कर मै पागल हो जाता हु उम्मम कितनी गर्म चूत है आपकी अह्ह्ह्ह बिना पेले कैसे जाता अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू नानी मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह
मैं उनके बड़े भड़कीले चूतड को पकड़े हुए सटासट उनकी रसीली चूत में लंड पेले जा रहा था
: अह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल ओह्ह्ह चोद ले अपनी रंडी नानी को आह्ह्ह्ह मुझे भी बहुत पसंद अपने बेटे से पिलवाना अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा और तेज अह्ह्ह्ह ऐसे ही अह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह्ह नानी कितनी चुदक्कड़ हो बिना कपड़े के बुरका पहन कर चल रही थी उम्ममम ( मै करारे झटके देकर नानी को पेलता हुआ बोला )
: हा बेटा गर्मी बहुत लग रही थी और बेटी के ससुराल बिना पर्दे के जा नहीं सकती थी अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा चोद मुझे अह्ह्ह्ह
: अह्ह्ह्ह नानी ऐसे जाओगे और अब्बू देख लेंगे तो आपको खड़े खड़े ऐसे ही पेल देंगे
: अह्ह्ह्ह कमीना मुझे कितना तंग करेगा , पता नहीं मेरा अक्कू कब पेलेगा मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: अह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी देखो न आपका अक्कू चोद रहा आपको आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मेरे रंडी फूफी लेलो अपने अक्कू का लंड अह्ह्ह्ह तुम्हारी गाड़ देखकर मै पागल हो जाता हूं
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म हा बेटा पेल और तेज ओह्ह्ह तुझसे चुदवाने के लिए ही तो चल रही हु अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
नानी के मुंह से अब्बू से चुदवाने की बात सुनकर मैं एकदम फड़फड़ाने लगा मेरे लंड की नसे पंप होने लगी
: ओह्ह्ह्ह गॉड नानी सच में चुदवाओगी आप अब्बू से अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह
: हा बेटा तुझे दिखाऊंगी भी अह्ह्ह्ह जब मेरा अक्कू मुझे चोदेगा अह्ह्ह्ह बोल देखेगा न अह्ह्ह्ह उम्मम बोल न बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू नानी मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह जरूर देखूंगा अह्ह्ह्ह्ह यही तो चाहता हु मै अह्ह्ह्ह नानी आ रहा है मेरा पागल कर देते हो आप मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् नानी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सूऊऊ उम्मम
मै नानी की चूत में ही झड़ने लगा और सुस्त होकर उनके ऊपर ही भीर पड़ा ।
कुछ देर बाद मै और नानी बस में थे और एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। नानी के लिए बड़ी बात थी कहा अम्मी ने मुझे यहां सुधारने के लिए भेजा था और मैने उन्हें ही बिगाड़ दिया था ।
बीते दो हफ्ते में धीरे धीरे हमने काफी सारी फैंटेसी गढ़ ली थीं मगर इनसब में सबसे बढ़ कर था कि नानी अब अब्बू से खुद चुदने वाली थी । इस चीज से मै बहुत कामोत्तेजक हुआ जा रहा था ।
आने वाला सफर आज बहुत लम्बा लग रहा था मुझे जल्द से जल्द घर पहुंचना था
मगर नानी के ये रास्ते जल्द ही कट गए और हम मेरे घर आ चुके थे ।
जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रियाओ का इंतजार रहेगा ।
Lajawaab update bhaiUPDATE 025
अतीत के पन्ने :06
: अह्ह्ह्ह्ह नानी उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह कितना मस्त चूस्ती हो आप आह्ह्ह्ह उम्मम ( मै अपनी नानी के गले तक लंड ले जा रहा था )
मुंह की लार से पूरा लंड गिला हो चुका था और नानी सिसकारियां ले रही थी उनकी आंखों हवस उतर चुकी थी
: उम्मम बेटा अब डाल दे रहा नहीं जाता ( नानी मेरा लंड हाथों के सहलाते हुए बोली )
फिर वो बिस्तर पर अपनी घुटनों के बल होकर झुक गई और अपनी गाड़ को हवा में उठाया
उफ्फ नानी के पहाड़ जैसे चूतड़ भोसड़े सहित मेरे आगे थी , रसाती चूत को देख कर मै पागल हो गया और अपना मुंह नानी के बुर में दे दिया
नानी के बुर और गाड़ से गजब की खुशबू आ रही थी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा अह्ह्ह्ह्ह कितना गिला करेगा अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न
मैने मुंह में लार बटोरी और नानी के गाड़ के छेद पर थूकते हुए जीभ चला दी , नानी मचल उठी
मैने उनके चूतड़ पंजों से फाड़ते हुए अपना मुंह उनकी गाड़ की कसी सकरी दरारों में से दिया । जीभ को उनकी गाड़ के छल्ले पर घुमाते हुए चाटने लगा
नानी पूरी तरह से छटक रही थी नीचे हाथ ले जाकर अपनी बुर मसल रही थी ।
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह्ह्ह पेल न नानी को उम्मम चोदेगा नहीं अह्ह्ह्ह देख कितनी बह रही है बुर मेरी अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
मै उठा और खड़े होकर : नानी गाड़ में डालू
: तू मुझे पागल करके ही मानेगा न ( नानी पूरी सिहर कर बोली ) अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह डाल दे कही भी बस घुसा दे अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
मै नानी की खुमारी देखकर पागल हो गया और अपने लंड पर थूक लगाते हुए नानी की गाड़ के चिकनी सुराख पर टोपा सेट करते हुए गच्चाक से लंड उतार दिया
पूरे आठ इंच लंड मेरा नानी की गाड़ में धंसता चला गया , नानी के चूतड़ मुझे वापस धकेलने लगी तो मैं और हमच कर लंड को उनकी गाड़ में पेला, एक इंच और अंदर
: अह्ह्ह्ह दादा मर गई रे अह्ह्ह्ह्ह हरामी पेट में घुसाएगा क्या अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेटा उम्मम
मै नानी के पहाड़ जैसे चूतड़ों पर चढ़ कर हचक हचक कर पेले जा रहा था , नानी की गाड़ आज और भी ज्यादा बड़ी और मुलायम लग रही थी जितनी ताकत मै लगाता वो दुगनी रफ्तार से मुझे पीछे धकेल देती और मै वापस और ताकत से लंड को उनकी लचीली गाड़ में पेलता
अह्ह्ह्ह्ह नानी फक्क यूं अह्ह्ह्ह्ह सीईईई कितनी रसीली और नरम गाड़ है तुम्हारी लगता है खूब चुदवाती थी उम्मम , नानू ने खूब फाड़ा है अह्ह्ह्ह नानी उम्मम
: अह्ह्ह्ह हा बेटा बहुत पसंद थी तेरे नाना को तभी तो मेरी गाड़ का तरबूजा बना दिया अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही उम्मम पेलता रहा तेरा लंड एकदम उन्हीं के जैसे है कसा और बड़ा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम आ रहा है उम्ममम
: अह्ह्ह्ह नानी मेरा भी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
मै भी नानी की गाड़ के झड़ने लगा और उनके ऊपर ही लेट कर सो गया ।
अलार्म बजा और मेरी नींद खुली तो मै अपने आप को कपड़ो में पाया
लंड एकदम उफानाया हुआ कड़क , घड़ी के देखा तो 8 बज रहे थे ।
नानी उठ चुकी थी ।
मै भी उठा और जैसे ही पीछे हाते में देखा सुबह सुबह दिल खुश हो गया
नानी आज सिर्फ सलवार में खड़ी थी ।
बड़ी चौड़ी गाड़ और नंगी पीठ देखते ही लंड एकदम सलामी देने लगा।
नानी अगर पीछे हाते में दिन में ऐसे थी बेफिक्र मतलब दिलावर मामू नहीं होंगे घर पर
मै भी धीरे धीरे उनके करीब गया और पीछे से उनकी नंगी झूलती चुचियों को एक साथ पकड़ लिया
: अह्ह्ह्ह शानू छोड़ पागल क्या कर रहा है कोई देख लेगा
: मुझे पता है कोई नहीं देखेगा हीही , नहीं आप कपड़े पहने होते ( मै उनके सलवार के ऊपर से अपना लंड लोवर के अंदर से उनकी गाड़ के चुभोता हुआ बोला ) मेरे हाथ उनकी गुदाज मोटी चूचियो को मिस रहे थे ।
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई छोड़ न गंदा कही का जा पहले फ्रेश हो ले , पागल ( नानी मुझसे अलग होकर निकल गई और मै भी खुश होकर पाखाने में चला गया क्योंकि वैसे भी नानी कहा ही जाने वाली थी , नाश्ते के बाद एक राउंड लगभग रोज ही चल रहा था हम लोगों का और अब तो सुबह दुपहर रात मानो मेरी खुराक बंध गई थी पिछले दो हफ्तों से , नानी मुझसे जरूर चुदती थी । इन बीते दिनों में हमने खूब मस्ती की और काफी बातों को एकदूसरे से साझा किया , पक्की वाली दोस्ती हो गई थी हमारी ।
मै खाली किया और ब्रश लेकर बाहर आया , नानी अब सिर्फ पैंटी में नंगी बैठी कपड़े धूल रही थी ।
कपड़े धुलते हुए उनकी रसीली छातियां खूब झूल रही थी और मेरे मुंह में पानी आ रहा था
: यहां क्या कर रहा है बदमाश ( नानी मुस्कुरा आकर बोली )
: अपनी sexy नानी को निहार रहा हूं, उफ्फ कितना रसीला है आपका दूधू ( मै उनके आगे खड़ा होकर अपना लंड लोवर में मसलता हुआ बोला )
: धत्त गंदा , रोज तीन बार पिता है मन नहीं भरता तेरा
: ऊहू ( मै न में सर हिलाया )
नानी कपड़े निचोड़ कर साइड कर दी और अपने बदन पर पानी गिराने लगी
उनका पूरा रसीला गदराया जिस्म गिला होने लगा , उनकी रसीली चूत के फांके खूब टाइट और फ्रेश दिख रहे थे
नानी अपने जिस्म में साबुन मल रही थी
: आ तू भी नहा ले न
मै ब्रश घिसता हुआ ना में सर हिलाया
: तो क्या बस मुझे निहारेगा ( नानी मुस्कुरा कर बोली )
: हम्ममम ( मैने हुंकारी भरी और वो लजा गई )
नानी अपने जिस्म पर पानी डाल कर साफ करने लगी और फिर खड़ी होकर अपने पैर धुलने लगी तो मैं शरारत में उनके पीछे आ गया ।
झुकने की वजह से नानी की गाड़ फैल कर मेरे आगे थी , जांघों के बीच से झांकते चूत के फांके देख कर मेरी हालत खराब होने लगी , जी तो कर रहा था यही खुले में अभी चोद दूं
मूड बन भी गया था कि बाहर से किसी ने आवाज दी
: जा देख जल्दी कौन है, बरामदे में बिठा मै आती हूं ( नानी हड़बड़ा कर बोली )
मै भी लपक कर उधर चला गया और फिर उन्हें बरामदे में बिठाया ।
वो मुहल्ले की एक औरत थी , नानी के परिचय की । उनकी बातें चलती रही और मै नहाने चला गया ।
9 बज गए थे मगर वो औरत नहीं गई , नानी तो उसे पीछे रसोई में ले कर आ गई और खाना बनाते हुए बातें होने लगी ।
मेरी और लंड दोनो की भूख बढ़ रही थी , 11 बजने को आए और हम सबसे साथ ही खाना खाया ।
मै कमरे में बोर हो रहा था तो नानी के पास से उनका मोबाइल लेकर आ गया । उस में भी कुछ खास मनोरंजन नहीं थे। डाटा रिचार्ज नहीं था तो अलग ही बोरियत ।
मै बस टाइम पास करता रहा किसी तरह करीब साढ़े बारह बजे वो औरत गई और फिर नानी बर्तन साफ करने बैठ गई ।
मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा , मुझमें अलग ही खुन्नस थी आज ।
सुबह से नानी ने मुझे तड़पा कर रखा और फ्री हुई तो भी काम करने बैठ गई ।
मै लपक कर उनके पास गया और उनकी मोटी मोटी चूचियां सूट के बाहर निकाल कर वही हाते में ही नल के पास झुक कर चूसने मिजने लगा
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई शानू क्या कर रहा है यहां नहीं उम्मम , मै आती हु न बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी मना करती हुई सिहरने लगी )
मै बारी बारी से दोनों रसीली छातियां मुंह में भरने लगा और चूसने लगा
: कबसे तो आपको इशारे कर रहा हु आपको तो मेरी पड़ी ही नहीं ( खड़ी करके मै उनके सलवार का नाडा खोलने लगा
: अरे पागल है तू , दिलावर आ गया बेटा तो गजब हो जाएगा अह्ह्ह्ह ( नानी मुझे समझा रोक रही थी मगर मैने उनकी एक न सुनी और उनको घुमा दिया )
नानी की सलवार कच्ची सहित नीचे खींच कर अपना लंड मैने बाहर निकाल दिया और थोड़ा सा लार लगाकर सीधा उनके फटे हुए भोसड़े में उतार दिया
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह उम्मम आराम से अह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी मेरे सुपाड़े की चोट से बिलबिला उठी )
: कितनी नाटक करती हो नानी उम्मम जब कहता हु तो देती क्यों नहीं ( मै उनके चर्बीदार कूल्हे पकड़ कर झुकाए हुए करारे धक्के उनके चूत में मारते हुए बोला )
: अह्ह्ह्ह्ह दादा गलती हो गई उम्ममम अह्ह्ह्ह कितना सूखा सूखा पेल रहा है ahhhhhh गिला कर ले बेटा उम्ममम , अब कभी नहीं रोकूंगी तुझे अह्ह्ह्ह, मेरे पैर दर्द हो रहे अह्ह्ह्ह्ह
: मेरा भी लंड सुबह से आपको देख कर दर्द हो रहा है तो क्या करूं उम्मम साली रंडी चुदक्कड़ अह्ह्ह्ह्ह आज फाड़ दूंगा तेरी अह्ह्ह्ह ( मै नानी को झुकाए हुए फचर फचर पेले जा रहा था )
: अह्ह्ह्ह्ह कमीना अपनी नानी को रंडी बोलेगा उम्ममम तो कभी नहीं दूंगी तुझे समझा अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेटा आराम से अह्ह्ह्ह ( नानी ने मुझे धमकाया तो मैने धक्का और तेज किया )
: क्या बोली, नहीं देगी मुझे अपनी बुर उम्ममम फिर से बोली उम्मम ( मैने उनको घुटनों के बल करके नीचे से स्टासट पेलने लगा )
: अह्ह्ह्ह दूंगी न बेटा उम्मम मेरे राजा बेटा को क्यों मनाह करूऊऊऊऊंंंगीईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह मेरा शानू अह्ह्ह्ह्ह पेल बेटा रुकना मत अह्ह्ह्ह्ह चोद और तेज अह्ह्ह्ह
: किसको चोदूं हा बोलो न उम्मम , कौन हो आप मेरी हा, बोलो न ( मैने कबूलवाया )
: अपनी नानी को अह्ह्ह्ह उम्ममम अपनी sexy नानी को पेल बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ( नानी हांफते हुए बोली )
: अह्ह्ह्ह मेरी sexy नानी मेरी चुदक्कड़ नानी अह्ह्ह्ह्ह कितनी गर्म बुर है तुम्हारी अज्ज्ज इसको पेल पेल कर फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह्ह ( मै पूरा अकड़ कर गुराया और लंड को नानी के बुर की जड़ में ले जाने लगा )
: हा बेटा पेल और और उम्मम पेल अपनी चुदक्कड़ नानी को अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह झड़ रही हूं मै बेटा अह्ह्ह्ह
नानी का गर्म गर्म लावा मुझे मेरे सुपाड़े पर महसूस हो रहा था और मैं भी चरम पर था और नानी के बुर के जड़ में लंड ले जाकर रोक दिया
: अह्ह्ह्ह्ह नानी मेरी सेक्सी रंडी अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह
झड़ता रहा मै नानी की चूत में और हांफते हुए नानी के ऊपर ही गिर गया ।
: अह्ह्ह्ह कमीना कही का, रोज मुझे कुछ नया बना देता है , चल उठ अब ( नानी थोड़ी नाराज थोड़ी खुश होकर बोली )
: आपको देखते ही इतनी सारी तस्वीर उभर आती है जहन में तो क्या करूं हिहीहीही ( मैने अपनी दिल की बात जाहिर की )
: धत्त बदमाश कही का , उठ अब अह्ह्ह्ह्ह रब्बा तोड़ दिया मेरा घुटना उम्मम हाथ दे ( नानी कराह कर उठती हुई बोली )
फिर मै अपने कमरे में आगया और लेट गया , कुछ देर बाद नानी काम निपटा कर बिस्तर पर आ गई ।
और मै उनसे लिपट गया।
: फोन आया था तेरी अम्मी का , तीन रोज बाद वो वापस जा रही है घर ( नानी मुझसे लिपटी हुई बोली )
: कब आया था ? ( मै अचरज से बोला )
: अरे जब तू नहाने गया था तभी ( नानी ने कहा )
: फिर ? ( मै उलझा हुआ बोला )
: क्यों घर वापस नहीं जाना ? ( नानी ने मेरा मन टटोला )
मै चुप रहा और फिर नानी को कस कर हग कर लिया : आप भी चलो न मेरे साथ ।
: हा तो कौन सा मै तुझे अकेले भेज रही हूं साथ ही चलूंगी ( नानी ने मुझे अपनी ओर कसा)
: तो कल चले ? ( मै चहका )
: कल क्यों ? तेरी अम्मी तो 3 रोज बाद आएगी ? ( नानी ने सवाल किया )
: इसीलिए तो कह रहा हु कि घर में सिर्फ हम दोनो होंगे तो मस्ती करेंगे हिही ( मै खिलखिलाया )
: धत्त बदमाश कही का , पागल ( नानी लजाई और हसने लगी )
: चलो ना नानी प्लीज , अच्छा लगेगा मुझे वैसे भी यहां कौन है कुछ रोज मेरे साथ रहना न प्लीज ( मैने जिद दिखाई )
: अच्छा दादा ठीक है चलूंगी , खुश ?
मै उनसे लिपट कर : बहुत ज्यादा
फिर क्या अगले रोज के सफर के लिए हमारी तैयारिया होने लगी ।
सारी पैकिंग हो गई थी और मै भी नहा धोकर तैयार हो गया ।
मेरी नजर नानी पर , आज बुरखे में वो गजब की खिली हुई दिख रही थी , उनका बुरका आज उनके चौड़े कूल्हे पेट से कुछ ज्यादा ही चिपक रहा था आम तौर पर ऐसा नहीं होता था ।
तभी नानी एक झोला उठाने के उठी और मुझे बुरखे में उसके बड़े चौड़े चूतड़ पर पैंटी उभरी हुई नजर आई
: ओह्ह्ह बहनचोद नानी ने अंदर आज कुछ नहीं पहना ( मै अपना लंड सहलाते हुए बडबड़ाया)
: शानू जल्दी आ बेटा बस निकल जाएगी , आ जा ( नानी ने मुझे आवाज दी मै कमरे में ही रहा )
नानी मुझे आवाज देते हुए कमरे आई और मैने उन्हें पीछे से दबोच लिया
: अह्ह्ह्ह्ह शानू क्या कर रहा है उम्मम छोड़ बेटा उम्मम ( नानी कसमसाने लगी और मै उनके हाथ बांधे हुए पीछे से अपने पैंट में बने तंबू से उनकी गाड़ में ठोकने लगा )
: उम्मम नानी कितनी सेक्सी हो आप , निकलने से पहले करते है न एक बार अह्ह्ह्ह्ह प्लीज ( मै उनका बुरका उठाने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा लेट हो जाएगा उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्मम मान जा न ( नानी सिसकते हुए गुजारिश की मगर मैने एक न सुनी और अपना लंड बाहर निकाल लिया )
नानी का बुरका उठा कर आगे से सीधा उनकी पैंटी के ऊपर से अपना लंड उनकी बुर पर कोचना शुरू कर दिया , नानी तड़पने लगी
मैने उनका बुरका उपर उठाएं हुए उनकी ब्रा के ऊपर से उनकी बड़ी बड़ी मोटी चूचियां मसलने लगा
: अह्ह्ह्ह बदमाश मानेगा नहीं न उम्मम अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम ( नानी मेरे सर को पकड़ कर अपने सीने पर चिपका कर मेरे सर सहलाने लगी और नीचे मेरा लंड अकड़ा हुआ उनकी जांघों के बीच से उनकी बुर के फांके पर आगे पीछे हो रहा था ।
मैने उन्हें घुमाया और बिस्तर पर झुका दिया
: अह्ह्ह्ह्ह नानी कितनी सेक्सी पैंटी है आपकी उम्मम ( मै झुक कर उनकी बड़ी सी गाड़ को सहलाते हुए उनके गाड़ को सूंघने लगा )
मेरे लंड को थामे हुए मै लगातार उसको हिला रहा और नानी के थुलथुले चूतड़ पर पंजे मार रहा था
: अह्ह्ह्ह अम्मी उफ्फ मार क्यों रहा है आह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह बेटा मत कर न दुख रहा है
मैने अपना नुकीला सुपाड़ा लार से गिला किया और नानी की पैंटी खींच कर जांघों तक करते हुए चूत में लंड उतार दिया
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम बेटा अह्ह्ह्ह्ह कितना टाइट है आह्ह्ह्ह
: उम्मम नानी आपको देख कर मै पागल हो जाता हु उम्मम कितनी गर्म चूत है आपकी अह्ह्ह्ह बिना पेले कैसे जाता अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू नानी मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह
मैं उनके बड़े भड़कीले चूतड को पकड़े हुए सटासट उनकी रसीली चूत में लंड पेले जा रहा था
: अह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल ओह्ह्ह चोद ले अपनी रंडी नानी को आह्ह्ह्ह मुझे भी बहुत पसंद अपने बेटे से पिलवाना अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा और तेज अह्ह्ह्ह ऐसे ही अह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह्ह नानी कितनी चुदक्कड़ हो बिना कपड़े के बुरका पहन कर चल रही थी उम्ममम ( मै करारे झटके देकर नानी को पेलता हुआ बोला )
: हा बेटा गर्मी बहुत लग रही थी और बेटी के ससुराल बिना पर्दे के जा नहीं सकती थी अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा चोद मुझे अह्ह्ह्ह
: अह्ह्ह्ह नानी ऐसे जाओगे और अब्बू देख लेंगे तो आपको खड़े खड़े ऐसे ही पेल देंगे
: अह्ह्ह्ह कमीना मुझे कितना तंग करेगा , पता नहीं मेरा अक्कू कब पेलेगा मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: अह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी देखो न आपका अक्कू चोद रहा आपको आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मेरे रंडी फूफी लेलो अपने अक्कू का लंड अह्ह्ह्ह तुम्हारी गाड़ देखकर मै पागल हो जाता हूं
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म हा बेटा पेल और तेज ओह्ह्ह तुझसे चुदवाने के लिए ही तो चल रही हु अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
नानी के मुंह से अब्बू से चुदवाने की बात सुनकर मैं एकदम फड़फड़ाने लगा मेरे लंड की नसे पंप होने लगी
: ओह्ह्ह्ह गॉड नानी सच में चुदवाओगी आप अब्बू से अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह
: हा बेटा तुझे दिखाऊंगी भी अह्ह्ह्ह जब मेरा अक्कू मुझे चोदेगा अह्ह्ह्ह बोल देखेगा न अह्ह्ह्ह उम्मम बोल न बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू नानी मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह जरूर देखूंगा अह्ह्ह्ह्ह यही तो चाहता हु मै अह्ह्ह्ह नानी आ रहा है मेरा पागल कर देते हो आप मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् नानी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सूऊऊ उम्मम
मै नानी की चूत में ही झड़ने लगा और सुस्त होकर उनके ऊपर ही भीर पड़ा ।
कुछ देर बाद मै और नानी बस में थे और एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। नानी के लिए बड़ी बात थी कहा अम्मी ने मुझे यहां सुधारने के लिए भेजा था और मैने उन्हें ही बिगाड़ दिया था ।
बीते दो हफ्ते में धीरे धीरे हमने काफी सारी फैंटेसी गढ़ ली थीं मगर इनसब में सबसे बढ़ कर था कि नानी अब अब्बू से खुद चुदने वाली थी । इस चीज से मै बहुत कामोत्तेजक हुआ जा रहा था ।
आने वाला सफर आज बहुत लम्बा लग रहा था मुझे जल्द से जल्द घर पहुंचना था
मगर नानी के ये रास्ते जल्द ही कट गए और हम मेरे घर आ चुके थे ।
जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रियाओ का इंतजार रहेगा ।