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Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कहानी पर पाठकों की जितनी ट्रैफिक है उसके अनुपात में बहुत ही कम फीडबैक मिल रहा है ।
अगर कहानी पसंद नहीं आ रही है तो कृपया वो भी कमेंट करके बताए ।

इन दिनों मै बहुत दुविधा में हू । कहानी आगे लिखूं या छोड़ दूं।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Waaah jbrdast lajawaab update
Shanu ne to apni ammi ko nangi live dekh hi liya aur malish krke chhu bhi liya jise wo sirf mobile me dekha krta tha
Shurkriya dost
 

DREAMBOY40

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Shaandar mazedaar update bhai
Shukriya Bhai
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Super Update Bhai ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ Keep It Up Please complete this story fast ple request ❤️❤️❤️❤️❤️
Bahut bahut aabhar
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bahut. Lajwab update ..pura update ammi ke ird gird hi raha jisse isme chaar chand lag gaye

Ammi ko nanga dekh kar shanu ke aan machal gaye hai..ujhe laga tha sayad kuch mammi ke sath baat aage badegi par ammi ka update alag hi maza de gaya
Ab agle ka bahut siddat se intejar hai
Dhanywaad dost
 

Bulbul_Rani

Member
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UPDATE 016


बेकरार रातें



मै घर आ चुका था और जैसी मेरी योजना थी वैसा ही काम हो रहा था ।
शबनम की बौखलाहट साफ साफ नजर आ रही थी ।
15 से ज्यादा बार पीछे आधे घंटे में वो काल कर चुकी थी और मैने एक बार भी नहीं उठाया । व्हाट्सप और TEXT दोनो में भर भर के मैसेज आए हुए थे
जिसमें वो मुझे कोश रही थी और फोन उठाने की धमकियां भी मिल रही थीं आज की रात बहुत मजा आने वाला था ये तो तय था ।
मैने इस मजे को जायकेदार बनाने के लिए गैस पर चाय चढ़ा दी

इधर चाय उबल रही थी और भीतर से मै

इस डर से कि ये अम्मी या मामी का कोई ट्रैप तो नहीं कि वो दरवाजा लगाए और मै झांकने जाऊ और मामी मुझे दबोच लें
क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही वो अम्मी के आगे मेरी खबर लेने का बोल चुकी थी ।
जी में आ रहा था अभी चाय उतार कर कच्ची पक्की जैसी भी है लेकर कमरे ने घुस जाऊ, फिर अम्मी की फिकर सताती कि उन्हें पसंद नहीं आई तो समझ जाएंगी कि मैने जानबूझ कर किया है ।

समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं कि दरवाजा खुल ही गया ।
मैने लपक कर देखा
: हो गई चाय बेटा ( मामी ने मुझे किचन से झांकते देखकर बोली )
: जी मामी बस ला ही रहा हूं
मामी मुस्कुराते हुए कमरे में गई और हस्ती हुई अम्मी से फुसफुसाने लगी

: मुझे लग रहाहै कि झाक कर देख रहा था
: क्या बताऊं तू ही बता ( अम्मी की हल्की आवाज आई मै चाय का ट्रे लेकर दरवाजे तक आ गया था )
: अब मै बार बार आ नहीं पाऊंगी न और इसके अब्बू है नहीं तो इसकी ही मदद ले लेना । तेरा ही बेटा है थोड़ा सा बिगड़ा है लेकिन तेरी फिकर खूब करता है
: हा वो तो है ( अम्मी उदास लहजे ने बोली )

: चाय आ गई ( मै कमरे में दाखिल हुआ )
: अरे वाह खुशबू तो बड़ी अच्छी है , मै क्या कहती हु फरीदा , तू इसका निगाह मत करना
: क्यों ( अम्मी ने भौहें सिकोड़ते हुए कहा )
: तेरे यहां तो पहले से ही एक बहु है हिहिही

मामी मुझे छेड़ने का मेरा मजा लेने का एक भी मौका नहीं छोड़ती और मै भी लजा ही जाता
मगर अम्मी को हंसता देख कर राहत हो रही थी
कुछ देर बाद मामी निकल गई
और घर में सिर्फ हम मां बेटे ही रह गए
बड़े ही असमंजस की स्थिति लग रही थी ,
अम्मी की स्थिति में थोड़ा थोड़ा सुधार हो रहा था
: बेटा मटर वाली टोकरी लेते आ छील देती हु फिर खाना भी बनाना है
: अम्मी आप करो , मै करता हु न
: अरे ला बेटा बैठे बैठे क्या करूंगी अभी थोड़ा काम करूंगी तो आराम रहेगा
मैने उनकी बात नहीं टाली और मटर की टोकरी लेते आया
दोनों मां बेटे बिस्तर पर बैठे हुए मटर छिलने लगे ।
इतने में अब्बू का फोन आया

: कैसी हो मेरी जान ( अब्बू ने बड़ी दिलदारी से अम्मी ने पूछा और अम्मी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी । मै भी मुस्कुराने लगा )
: अच्छी हु, आराम है थोड़ा इंजेक्शन से बैठ उठ ले रही हूं और नगमा आई थी तो उसने मलहम भी लगाया उससे ज्यादा आराम है ( अम्मी ने नगमा मामी वाली बात अब्बू से करते हुए मुझे देखा , मै उनकी ओर ही चोर नजरो से देख रहा था )

मै समझ गया कि क्यों नगमा मामी ने दरवाजा लगाया था ।
: कोई बात नहीं रहा सहा रात में मै ठीक कर दूंगा ( अब्बू ने सिहर कर कहा और मै सन्न आंखो से अम्मी की ओर देखा )
मै उठा और बिना कुछ बोले अम्मी को एक नंबर का इशारा किया और कमरे से निकल गया
कमरे के बाहर आकर मैने बाथरूम का दरवाजा खोला मगर अंदर नहीं गया और वापस दिवाल से लग कर उनकी बातें सुनने लगा

: आप न बहुत बेसब्रे है , जो मुंह में आता है बोल जाते है । शानू सुन लेता तो ( अम्मी ने फोन स्पीकर से हटा कर अपने कान से लगा कर बोली )
अब अब्बू की आवाज नहीं आ रही थी
: कुछ नहीं , आपको कौन सा कमी है । बुला लो किसी को हूह ( अम्मी खीझ कर बोली )

मै समझ रहा था अब्बू रात के लिए अम्मी को तैयार कर रहे थे
: नहीं शानू के अब्बू आज कुछ नहीं ( अम्मी साफ साफ लहजे में बोली )
: ठीक है करना , फोन उठाऊंगी ही नहीं

अम्मी अब्बू की बातें सुनकर कर मुझे हसी आ रही थी और लंड भी हरकत कर रहा था
मै लपक कर बाथरूम में टोटी चालू कर हाथ धुला और वापस कमरे में आया , तबतक अम्मी फोन काट चुकी थी ।
: अम्मी सब्जी काट कर बिरयानी बना दूं
: तू बना लेगा ( अम्मी ने हस कर मेरी ओर देखा )
: हा क्यों , कोई शक
: ठीक है बना ले लेकिन कचरा मत करना और तेरी पढ़ाई हो गई
: वो कर लूंगा अम्मी आप टेंशन न लो ( मै चहक कर मोबाइल उठाते हुए बोला )
: अगर अच्छे नंबर नहीं आए तब बताऊंगी , टेंशन लेना है या नहीं ( अम्मी आंखे दिखाई और मै हंसता हुआ निकल गया )
: कमीना कही का ( अम्मी के आखिरी लफ्ज मेरे कानो में पड़े कमरे से निकलते हुए )

मैने मोबाइल पर रेसिपी लगाई और बनाने लगा । इधर रेसिपी चलती रही और रह रह मै मोबाइल भी खंगालता रहा कि कही से कुछ मिल जाए सुबह या फिर रात की कुछ झलकियां मगर सब एकदम सफाचट था ।

कुछ देर बाद अम्मी लड़खड़ाते हुए किचन तक आई
: अरे कुकर में बनाया होता जल्दी होता ( अम्मी अचानक से बोली और चौक गया )
: अरे बस हो गया मोबाइल से देख कर बना रहा हु न ( मैने पतीले का ढक्कन हटा कर मसाले की चलाते हुए बोला )
: तू और तेरी रेसिपी अह्ह्ह्ह ( अम्मी सिसकी )
: अभी आराम है अम्मी कुछ
: कहा आराम है चला नहीं जा रहा है लग रहा है सूजन भी आई है , तू बना मै आती हु फ्रेश होकर ( अम्मी दीवाल के सहारे होते हुए बाथरूम की ओर जाने लगी और मै वापस मोबाईल चेक करने लगा )

इधर मसाले भी भुन ही चुके थे और मैने चावल डाल कर ढक दिया ।
किचन स्लैब साफ कर रहा था कि अम्मी की आवाज आई और मै लपक कर तेजी से बाथरूम की ओर गया
: हा अम्मी क्या हुआ
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा उठा नहीं जा रहा है मुझसे ओह्ह्ह्ह अम्मी अह्ह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है ( बाथरूम से आवाज आई )
: अम्मी दरवाजा आपको ही खोलना पड़ेगा ( मै फ़िक्र में बोला )
: दरवाजा खुला ही है बेटा ,तू आजा
: आपने कपड़े पहन लिए है न ( मैने पूछा )
: कपड़े छोड़ बेटा तू आ अंदर पहले अह्ह्ह्ह्ह लग रहा है कमर में भी मोच आ गई है या खुदा अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई ( अम्मी पूरे दर्द में थी और मै भी दरवाजा खोलकर घुस गया )

अम्मी उकडू होकर सलवार खोलकर बैठे हुए थी और आगे झुक कर टोटी पकड़ कर झुकी हुई थी , पीछे से उनकी बड़ी सी गाड़ फैली हुई थी नंगी एकदम
मेरा लंड अलग बेचैन हो उठा और अम्मी की तकलीफ में देखकर मै अलग
मैने झुक कर अम्मी की कांख ने हाथ डाल कर उन्हें ऊपर खींचा
: अम्मी उठिए उह ( मैने ताकत लगाई और अम्मी भी टोटी पकड़ कर उठ रही थी कि टोटी का नाजिल खुल गया
तेज छरछराहट से पानी बाथरूम की टायल पर गिरने लगा और अम्मी की सलवार भीगने लगी
: हाय दैय्या ये क्या ( अम्मी परेशान होने लगी उठते है और मै लपक कर टोटी बंद की )
: आइए खड़े होईये ( मैने उन्हें खड़ा किया और वो डगमगाने लगी )
: पकड़े रहना बेटा , लग रहा है गिर जाऊंगी अह्ह्ह्ह ( अम्मी की सूट आगे और पीछे गिर गई थी लेकिन सलवार सरक कर दोनों पैरों की एड़ियों में जा चुकी थी और पूरी की पूरी गीली ।)
: अम्मी ये तो गीली हो गई है ( मै उनकी सलवार उठाने लगा )
: रुक जा बेटा निकाल देती हु इसे ( अम्मी ने बड़े सावधानी ने मुझे पकड़ कर बारी बारी से पैर उठाए और मैने दोनो एड़ियों से सलवार की मोहड़ी को निकाल कर सलवार पैंटी सहित बाथरूम की बाल्टी में रख दिया )
: आइए अम्मी ( मैने उनकी बाजू पकड़ कर उन्हें बाथरूम से बाहर लाने लगा )
: आइए आराम से ( अम्मी मेरे सहारे कहरती हुई बेजान सी बड़ी मुश्किल से एक एक कदम चल रही थी )
मै उन्हें कमरे तक ले गया और बिस्तर पर बिठाया

: अम्मी आपकी सलवार लाता हु
: अरे कपड़े छोड़ किचन से महक आ रही है उसको देख बेटा जल जाएगा ( अम्मी की बातें सुनते ही मै सरपट भागा)
: कहा था कुकर में रखना अह्ह्ह्ह अम्मीआईईईई मर गई रे ( भागते हुए अम्मी के दर्द भरे लफ्ज मेरे कानो में पड़े)

मै लपक कर पतीला उठाया और फटाफट चलाया , हल्का सा पेंद में पकड़ ही लिया और झट से गैस बुझाया ।
फिर वापस से पानी गर्म करने के लिए रख दिया अम्मी के लिए और सिंक से बर्तन साफ करने लगा ।
हाथ पोंछता हुआ मै कमरे ने दाखिल हुआ

: अम्मी खाना लगाआ....ऊऊ लाला ( मै अम्मी को आवाज देता हु कमरे ने आया तो देखा अम्मी एक ओर करवट होकर लेती है और पंखे ने उनकी सूट को ऊपर कर दिया और उनकी पूरी की पूरी गाड़ नंगी दिख रही थी ।


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अम्मी पहली बार ऐसे मेरे सामने थी उनकी बड़ी बड़ी मोटी गाड़ और उसकी आपस में चिपकी हुई दरार देख आकर लंड एकदम फड़फड़ाने लगा सुपाड़ा खुजाते हुए मै अम्मी की ओर बढ़ने लगा
जी में आ रहा था अभी जीभ लगा कर अम्मी के दरारे चाट लू लेकिन अम्मी की तबियत को देखकर मन भटक रहा था
चलते है मै अम्मी के पास गया और अच्छे से अम्मी की नंगी गाड़ देखा । वो गहरी नीद में थी , दर्द से परेशान होकर सो गई होगी शायद


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मैने धीरे से पहले उनका सूट उठा कर उनके गाड़ को ढक दिया और फिर एक पतली चादर उन्हें ओढ़ा दी कमर तक ।

: अम्मी उठिए ( मैने उनकी बाह पकड़ कर उन्हें हिलाया , सामने से सूट ने उनकी बड़ी बड़ी मोटी चूचियां बिस्तर पर लेती हुई थी ।)
: हा बेटा ( अम्मी चौंककर आंखे खोली )
: खाना बन गया है लाऊ
: बन गया ? अह्ह्ह्ह जरा मेरी सलवार देना ( अम्मी चौकी और जैसे ही उनकी नजर अपने देह पर पड़ी चादर पर गई वो शांत हो गई )
: देता हु लेकिन पहले आप खाना खा कर दवा खा लो फिर
: अच्छा ठीक है लेकर आ ( अम्मी सोई हुई आंखों से , चादर में ही घूम कर बैठती हुई मुस्कुरा कर बोली )

मै खुश होकर किचन में आया और एक थाली में सलाद , अचार , चटनी के साथ बिरयानी निकाल कर अच्छे से सजा कर ले गया

: टनटना, खाना आ गया ( मै खुश कर बोला )
: पागल कही का , इतना पसंद है तुझे खाना बनाना ( अम्मी हस्ती हुई बोली )
: आपके लिए हर काम करना पसंद है मेरी प्यारी अम्मी ( मै खाने की थाली बिस्तर पर अम्मी के आगे रखा )
: चल फेक मत अब , पानी नहीं लाया
: अभी लाया अम्मी ( मै तेजी से लपक कर किचन की ओर भागा )
: आराम से शानू, चोट लग जाएगी ( अम्मी फिक्र से बोली )
: हूऊह आ गया
: क्या आ गया , चम्मच कहा है ऐसे ही गर्म गर्म खायेगा ( अम्मी हस के बोली )
: ओहो ( मै कमर पकड़ कर खड़ा हो गया और फिर से वापस गया और चम्मच लेकर आ गया )
अम्मी ने फिर मुझे अपने हाथों से और मैने अम्मी को खाना खिलाया

उसके बाद मैने सारा बर्तन खुद धुला और पानी गर्म करके दवा ले कर अम्मी के पास आया
: अम्मी लो दवा खा लो और आराम करो
: कितना मेहनत कर रहा है मेरा बच्चा ( अम्मी चादर में ही बिस्तर से उठती हुई बोली , अभी तक मैने अम्मी को उनकी सलवार नहीं दी थी पहनने के लिए)
: हम्म्म लीजिए और आराम करिए , मै किताबें लेकर आता हु
: तू भी यही सोएगा क्या ? ( अम्मी ने पूछा )
: जैसा आप कहो , रात में आपको बाथरूम जाना हुआ या कोई जरूरत हुई इसीलिए मै बोला ( मै बहुत ही कैजुअली हो कहा )
: हा बेटा ठीक कह रहा है तू जा किताबें लेते आ , उफ्फफ हाय अल्लाह कितना टपक रहा है जबसे बाथरूम में बैठी हु
: अम्मी , आप कहो तो मलहम लगा दूं मै ( मै थोड़ा हिचक कर हिम्मत करके बोला )
: अरे नहीं बेटा मलहम नहीं , ऐसा कर कटोरी में सरसों का तेल गर्म कर ले उससे करेगा तो ज्यादा आराम मिलेगा
: जी अम्मी आप पेट के बल लेट जाओ मै आता हु

मै फटाफट से किचन में एक कटोरी में सरसों का तेल गर्म किया और कटोरी गर्म थी उसको एक प्लेट में रख कर वापस आया
अम्मी पेट के बल होकर लेट गई थी लेकिन अभी भी उनके ऊपर चादर थी
: अम्मी चादर हटा दूं ( मैने आज्ञा लेना जरूरी समझा )
: अह हा बेटा हटा दे दाग लग जाएगा तेल का उसमें भी तो छूटेगा नहीं ( अम्मी लेटे हुए बोली )
:
मैने अम्मी के ऊपर से चादर खींचा और एक बार फिर अम्मी की गाड़ मेरे सामने नंगी हो गई
मैने सूट को हौले से पकड़ कर आधी पीठ तक किया
अम्मी की कसी हुई मोटी चौड़ी गाड़ और उसके उभार दरार देख कर लंड अकड़ने लगा । लोवर में तंबू बनने लगा था मेरे ।
मैने हाथ में तेल चिपुडा और अम्मी के लोवर बैक में तेल लगाने लगा
: अह्ह्ह्ह उफ्फ बहुत अच्छा लग रहा है उम्मम्म , अच्छे से और हल्के हाथ से करना बेटा
: जी अम्मी ( मै अम्मी की कमर की मालिश करता हुआ बोला )


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यकीन नहीं हो रहा था कि मै अम्मी के नरम नरम कूल्हों पर अपने हाथ घूमा रहा हूं
: हा बेटा थोड़ा नीचे की ओर चूतड़ की ओर भी कर दे अह्ह्ह्ह्ह हा हा वही उम्मम्म सीईईई कितना टपक रहा है अह्ह्ह्ह
: अभी आराम हो जाएगा अम्मी ( मैने अम्मी के चूतड़ और कूल्हे के किनारों पर उभरी हुई चर्बी को दोनो हाथों से भर भर कर सहला रहा था अह्ह्ह्ह्ह अम्मी की गाड़ कितनी मुलायम और भारी भारी थी , हाथों से गुदगुदी पूरे बदन में हरकत करती हुई फैल रही थी और लोवर में तंबू बना हुआ था ।
मै अम्मी के कूल्हे और कमर को दोनो हाथों से मसल कर उन्हें आराम दे रहा था , अम्मी की एड़ीया नीचे सटी हुई आपस में घिस रही थी
: अम्मी पैरों में भी कर दूं ( मैने पूछा )
: हम्म्म बेटा बहुत आराम मिला है , थोड़ा सा कर दे जांघों के भी ( अम्मी अपनी जांघों खोलती हुई बोली )
जांघें खुलते ही अम्मी की झाट भरी चूत के निचली फांके साफ साफ दिखने लगी , देखते ही हलक सूखने लगा मेरा और सुपाड़ा फुलने लगा
अब मै अम्मी के जांघों की ओर आ गया और तेल लेकर जांघों पर लगाते हुए उनकी मालिश करने लगा , मेरी नजर लगातार अम्मी की चूत के मोटी मोटी फ़ाको पर थी जैसे पाव रोटी के दो फॉक कर दिए हो ऐसे

मैने अपने हाथ सहलाते हु अम्मी के जांघों की जड़ तक ले जाता और वो सिहर उठती , जैसे ही मेरे पंजे जांघों से चूत की ओर जाते वो अपने दोनों पैर टाइट करने लगती , एडीया अकड़ जाती । साफ साफ नजर आ रहा था कि इससे अम्मी की कामोत्तेजना बढ़ रही थीं।
मैने दूसरी जांघ भी अच्छे से मालिश की और तबतक अम्मी के चूत से रस की बूंदे टपक पड़ी थी ।
लंड एकदम उफान पर था और अम्मी की टपकी हुई चूत देखकर जी कर रहा था अभी चढ़ कर पेल ही दूं ।

: हो गया बेटा ( अम्मी की आवाज आई)
: जी अम्मी ( मै बिस्तर से उतर गया और कटोरी हाथ में लेकर खड़ा हो गया )
मैने कटोरी टेबल पर रखी और चादर से फिर से अम्मी को ढक दिया

: बेटा सुन
: जी अम्मी कहिए
: वो मेरे बैग में दवा है देना तो
: अब किस चीज की दवा अम्मी
: अरे वो एक ट्यूब लगानी है
मैने लपक कर अम्मी के बैग से वो दवा निकाली और तेल की शीशी भी जो अम्मी अपने छातियों पर लगाती थी
: ये क्या ? (मैने अम्मी को दोनो दवाएं दिखा )
: बेटा वही है ला ( अम्मी उठने की कोशिश करने लगी )
: अरे अरे आप आराम करो न मै लगा दूंगा , कहा लगाना है ( मै उनके पास आ कर बोला )
: वो ... तू दे न मै लगा लूंगी ( अम्मी झिझक रही थी )
: अम्मी जिद मत करो बोलो कहा लगाना है ( मै हक जताया )
: वो मेरी छाती पर मालिश करनी है तेल से और निप्पल पर मलहम लगाना है ( अम्मी नजरे फेरते हुए बोली )
: वहां क्या हुआ
: सच में तुझे नहीं पता ( अम्मी ने गुस्से में घूरा और मै नजरे चुराने लगा )
: सॉरी
: बहुत बिगड़ गया है तू , ला मै लगा लूंगी ( अम्मी को पसंद नहीं आया शायद ये टॉपिक उठा तो )
: नहीं आप रहने दो लगा दूंगा मै , सॉरी न अम्मी ( मेरा मुंह एकदम से उतर गया )
: सॉरी न अम्मी ( अम्मी मुंह बना कर मुझे चिढ़ाते हुए बोली )
फिर वो उठ कर अपना सूट निकाल दी और अब वो मेरे आगे ब्रा में थी ।


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बड़ी बड़ी मोटी चूचियां जिन्हें मै न जाने कितनी बार छिप कर देख चुका था आज कितने सालों बाद मेरे सामने थी
अम्मी हाथ पीछे करके ब्रा खोलने लगी लेकिन वो खोल नहीं पा रही थी
: खड़ा क्या है खोल न ( अम्मी ने डांटा )
मै झट से अम्मी की ब्रा के हुक खोलने लगा लेकिन तेल की वजन वो बार उंगलियां सरक जा रही थी
: क्या हुआ भाई कितना टाइम ( अम्मी पीठ सीधा किए किए परेशान होकर बोली )
: बस अम्मी हो गया , हाथ में तेल की वजह से सरक रहा था हो गया ( मैने हुक खोल दिए और विश्वास से अम्मी के सामने खड़ा था मानो कोई जंग जीत ली हो )
अम्मी मुंह बनाते हुए मेरे आगे ही अपने कंधे से ब्रा उतारने लगी और अगले ही पल उनकी मोटी मोटी गदराई चूचिया झूल पड़ी।

तने हुए कड़क निप्पल देखकर मुंह में पानी आने लगा और अम्मी के डांट से लंड जो सिकुड़ रहा था वो फिर से हरकत करने लगा ।

यकीन नहीं हो रहा था कि अम्मी आज मेरे आगे पूरी की पूरी नंगी है , बस चादर ने उनकी कमर से नीचे ढक रखा था ।

अम्मी लेट गई और उनकी मोटी मोटी खरबूजे जैसे चूचियां सीने के दोनों ओर परस गई ।
: तेल लगाना है फिर मलहम समझा
: जी अम्मी ( मैने फटाफट से तेल की शीशी खोली और ड्रॉप अम्मी के चूचियों पर टपकाने लगा
: सीईईई बस बस ज्यादा नहीं ये तेल फैलता है ( अम्मी ने रोका )
मैने बिना कुछ बोले तेल की शीशी किनारे रखी और हल्के हल्के से उसे अम्मी के बाएं चूचे पर फैलाने लगा

अम्मी के चेहरे के भाव बिगड़ रहे थे और निप्पल पूरे तन चूचे थे , रह रह कर मेरी हथेली अम्मी के निप्पल को घिस दे रही थी जिससे अम्मी सिहर कर बिलबिला उठी
: सीईईईई आराम से बेटा उम्मम हलके हाथ से हा ऐसे ही


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मैने अम्मी ने चूचे दोनो हाथों से सहलाये कर उनकी गोल गोल मालिश कर रहा था मानो उनका दूध निकाल रहा हु ,
वही नीचे लोवर में मेरा लंड पूरा लोहे की रोड जैसे अकड़ आकर तना हुआ था मानो फाड़ कर बाहर आ जाएगा
गले से थूक गटक गटक कर जबड़ा दर्द होने लगा और मेरे हाथ अम्मी के दुसरे चूचे पर चलने
अब मुझे अम्मी की ओर झुकना पड़ रहा था और मेरा भाले जैसा लंड अब उनकी कांख के पास टच हो रहा था ।
वो भी उसके स्पर्श में अंजान नहीं थी । मगर लिजाह बस कुछ बोल नहीं रही थी और मै भी उस चीज का मजा ले रहा था , अम्मी कांख की गर्मी लोवर के अंदर मुझे मेरे सुपाड़े पर महसूस हो रही थी
मन तो कर रहा था कि अम्मी के गुदाज चर्बीदार कांख में पेल पेल कर झड़ जाऊ ,
कबसे मेरे सुपाड़े में कुलबुलाहट हो रही थी और मै उसे सहला नहीं सकता था ।
वही अम्मी की हालत कम खराब नहीं थी वो अपनी भीतर उठ रही कामवेदना के उफनाहट को बहुत मुश्किल से थामे हुए थी , होठ सिल कर आंखे बंद किए वो अपनी एडिया चादर में रगड़ रही थी

: बस्स बेटा रहने दे ( अम्मी हॉफ रही थी और उनके बेचैन चेहरे की हालत मै समझ रहा था , अम्मी ने भी गजब का संयम था , कबसे जांघों को आपस में रगड़ रही थी चादर में लेकिन एकबार भी हाथ नीचे नहीं ले गई )
: अब मलहम लगा दे
: जी अम्मी ( मैने अपने हाथ पोछे और फिर ट्यूब से मलहम उंगली में लेकर पहले बाएं निप्पल की टिप पर रखा )
: उह्ह्ह्ह सीईईईई ठंडा है ( अम्मी भीतर से थरथरा गई और मै मुस्कुराने लगा )
मैने उंगली को बड़े ही प्यार से अम्मी ने जामुन जैसे मोटे कड़क निप्पल पर उंगलियां घुमाई और काले घेरे के आस पास मलहम लगाने लगा

अम्मी गर्दन दूसरी ओर करके अपने होठ चबा रही थी , उनके दोनो हाथों ने बिस्तर को जकड़ रखा था और ऐडीया चादर में अकड़ रही थी
: उम्मम्म बस्स कर बेटा अह्ह्ह्ह ( अम्मी की सादे तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी और चूचियां उठ बैठ रही थी )
मैने दूसरे निप्पल पर भी ऐसे ही लगाया इस बार अम्मी पूरी तरह से तड़प उठी

: हो गया बेटा
: जी अम्मी
: ठीक है तू हाथ धूल कर अपने किताबें लेते आ जा
मै समझ गया कि मेरे कमरे से जाते ही अम्मी अपनी चूत मसलेगी ही और हुआ भी वही मैने जीने के पास जाकर रोशनदान से झांका
अम्मी ने अपने ऊपर से चादर हटा दी और तेजी से अपनी बुर ने उंगली करने लगी
उन्हें देखकर मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा , मैने भी लंड बाहर निकाल दिया
अम्मी उंगली करते हुए कभी दरवाजे पर तो कभी खिड़की पर देखती और फिर बिस्तर के हेडबोर्ड से सर टीका कर इत्मीनान में चूत में उंगली पेलने लगती
यकीन नहीं हो रहा था कि आज अम्मी को मैने गर्म कर दिया था , ऐसे में जब उनकी तबियत खराब है
लेकिन मैने भी सोच रखा था कि आज की रात अम्मी को भी तड़पाना ही है

इसलिए मैं जल्दी से किताबें लेकर तेजी से जीने से उतरा ताकि मेरी आहते अम्मी को मिल जाए और जब मैं कमरे में आया तो अम्मी चादर ओढ कर करवट लेकर लेती हुई थी ।

मै मन ही मन मुस्कुरा और अम्मी के चेहरे पर चिंता के भाव, जान रहा था कि
अम्मी अभी तक झड़ नहीं पाई थी वो अपनी जांघों को कसे हुए चूतड़ों को फैला कर चादर में लेती हुई थी ।
मै बिस्तर पर अम्मी के पीछे बैठ कर अपना प्रोजेक्ट लिखने लगा ।
धीरे धीरे अपना लंड सहलाते हुए और मेरी नजर बराबर अम्मी पर जमी हुई थी । रह रह कर अम्मी के हाथ में हरकत होती मै मुस्कुरा ।

मजा आ रहा था आज अम्मी को छेड़ कर , कितना सताया था उन्होंने कितनी बार थप्पड़ लगाया आज बदला तो बनता था ।
अभी कुछ देर ही हुए होंगे कि मोबाइल बजने लगा

: किसका फोन है शानू ( अम्मी घूम कर मेरी ओर देखी )
: अब्बू का ( मै अपने हसी की पिचकारी को मुंह ने ही फोड़ते हुए बोला )
अम्मी समझ गई मै क्यों हस रहा हु
: बजने दे उठाना मत ( अम्मी खीझ कर बोली )
: अम्मी बात कर लो न मै ऊपर चला जाता हूं ( मै मुस्कुरा कर उनकी ओर देखा और वो आंखे दिखाने लगी )
: मुझे नहीं करनी बात उनसे कुछ
: मै फोन उठा कर बोल दूं ( मै चहक बोला )
: नहीं दे मुझे ( अम्मी लपक कर उठी और उनके सिने से चादर हट गई )
एक बार फिर उनकी रसीली छातियां मेरे आगे नंगी झूलने लगी ।
वो फोन हाथ में ली और उठाते ही कान पर लगाया ।
: हम्म्म कहिए
: हम्म्म ठीक हूं
: हा शानू ने बनाया था
: बिरयानी जैसा कुछ था ( अम्मी ने मुझे देख कर जवाब दिया और दूसरे हाथ से चादर को अपने छातियों को ढके हुए थी । )
: नहीं सब्जी वाली थी, हम्मम जो भी हो

अम्मी लगातार अब्बू से बातें करती रही
: नहीं इतना भी ठीक नहीं हु
: आप ना शानू से भी ज्यादा बिगड़ गए हो ( अम्मी ने मेरी ओर देख कर कहा )
मैने भी चौक कर अम्मी की ओर देखा और इशारे से पूछा कि मैने क्या किया अब इसपर अम्मी ने ना में सर हिलाया और अब्बू से बातें करती रही
: नहीं मतलब नहीं , मै रख रही हु मुझे नीद आ रही है , बाय
: नहीं वो भी नहीं
: एक भी नहीं , अब आइएगा तो ही , बाय
: हुंह ( अम्मी ने तुनक कर फोन काट दिया )

मै समझ रहा था कि अब्बू अम्मी से किस्स मांग रहे होंगे आखिर और अम्मी मेरी वजह से कुछ बोल नहीं पाई
: तू भी अब सो जा चल , कल करना पढ़ाई
: जी अम्मी ( मै किताबें समेटने लगा और उठ कर उन्हें किनारे टेबल पर रख दिया )
: बत्ती बुझा दे सब और आजा मै मोबाइल दिखा रही हु ( अम्मी ने बोला और मै हाल किचन सब ओर की बत्तियां बुझा कर कमरे में आया

: अम्मी कपड़े दूं पहनोगे
: नहीं अब आ सोते है , कल देखती हु ( अम्मी ने जवाब दिया , फिर मैने कमरे की लाइट बुझाई और बिस्तर पर आ गया )
मै भी बिस्तर पर आ गया
पंखा चल रहा था और मै तकिया लगाकर लेटा हुआ था ।
लंड अपने उफान पर था और मैने लोअर से उसे बाहर निकाल रखा था।
हौले हौले सहलाते हुए मेरे जहन में अम्मी के बदन को सहलाने का ख्याल उमड़ रहा था , कैसे कैसे मेरे स्पर्श से अम्मी सिहर रही थी तड़प रही , वो ख्याल मन में आते ही लंड की नसे फड़क उठती ।
कमरे में घुप अंधेरा था , नाइट बल्ब भी नहीं जल रही थी , अम्मी मेरे बगल में चादर में लेटी हुई थी । हम दोनो चुप थे
तभी मेरे कानो में अम्मी की हल्की ही कुनमुनाहट आई , मै समझ गया अम्मी चूत सहला रही थी । अभी भी वो तड़प रही है ।

: क्या हुआ अम्मी अभी भी दर्द है क्या
: अह्ह्ह्ह्ह नहीं बेटा आराम है तू सो जा ( अम्मी की आवाज में मदहोशी खनक रही थी )
: अम्मी एक बात पूछूं
: हा बोल ( अम्मी के लहजे से साफ लगा कि उन्हें इतनी रात में मेरा सवाल करना पसंद नहीं आया क्योंकि वो पहले ही परेशान थी )
: नहीं , आप मारोगे ( मैने भी नखरे दिखाए )
: अब बोल भी दे , नहीं तो सच में मारूंगी
: नहीं पहले बोलो कि आप गुस्सा नहीं करोगे प्लीज फिर
: अच्छा ठीक है , नहीं करूंगी गुस्सा !! अब बोल ( अम्मी ने एक आह भरते हुए कहा )
: वो अब्बू अभी आपसे किस्स मांग रहे थे न हिहीही ( मै खिलखिला और लुढ़क कर बिस्तर के कोने चला गया क्योंकि जान रहा था कि अम्मी करेंगी जरूर )
: क्या बोला तू ? ( अम्मी गुस्से में गुर्राई ) कहा गया इधर आ कमीने बहुत बिगड़ गया है
: आपने बोला था गुस्सा नहीं करोगे , देखो नाराज हो रहे हो ( मै हंसते हुए बोला )
: बदमाश कही का , ऐसे सवाल करते है अपनी अम्मी से ( अम्मी नॉर्मल हुई तो मैं वापस अपनी जगह पर खसक आया
: सॉरी हीहीहीही , वैसे भी मै अब्बू से कम ही शरारती हु आपने ही तो कहा था ( मै खिलखिलाया )
: अरे दादा ये लड़का भी न , सो जा अब मुझे भी सोने दे
मै खिलखिला कर चुप हो गया , अम्मी से मसखरी करके लंड भी ठुमकने लगा ।
कुछ देर कि चुप्पी फिर
: अम्मी नीद नहीं आ रही है बातें करो न
: च् , अब इतनी रात में क्या बात करनी है शांति से सो नहीं पा रहा है ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
: अम्मी , आपको भी तो नीद नहीं आ रही है न
मेरी बातों से अम्मी एकदम चुप हो गई
: अम्मी अब्बू आपसे बहुत प्यार करते है न ?
: ये कैसा सवाल है ( अम्मी ने पूछा )
: बस ऐसे ही पूछ रहा हूं, अच्छा लगता है वो आपको इतना मानते है इतना प्यार करते है ( मैने मेरा दर्द छलकाया इस उम्मीद से कि अम्मी इमोशनली वीक हो जाए तभी बात आगे बढ़ सकती है )

: तू क्या सोच रहा सच सच बता ( अम्मी उखड़ सी गई )
: कुछ भी नहीं ( मैने जानबूझ कर अपना नाम सिरका ताकि अम्मी को लगे मै रो रहा हूं)
: शानू !!! बेटा क्या हो गया ,इधर आ ( अम्मी ने मेरे हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा)
मै करवट होकर उनके करीब हो गया और उन्होंने मुझे अपने सीने से लगा लिया
: क्या हो गया बेटा , तू रो क्यों रहा है
: नहीं अम्मी मै ठीक हूं, बस सोचता हु कि अब्बू मुझसे कभी प्यार से बात नहीं करते ना जाने क्या गलती किया हु मै ( मैने सुबकने का नाटक किया )
: नहीं बेटा ,ऐसा कुछ भी नहीं है वो तुझे मेरे जितना ही प्यार करते और वो तेरे वालिद है उनके प्यार जताने का तरीका ही ऐसा होता है थोड़ी सख्ती होती है । ( अम्मी मुझे सीने से लगाए मेरे सर को सहला रही थी )

: मुझे पता है वो क्यों नहीं अपनाते
: क्यों ( अम्मी बोली )
: आपको याद है न जब मैने उनका मोबाइल छुआ था शायद इसीलिए
: अरे नहीं बेटा , ऐसा कुछ नहीं है वो बात तो वो कबके भूल चुके है और मै भी । बस तू दुबारा से ऐसी गलती न करे इसीलिए वो थोड़े सख्त रहते । तू कही बहक न जाए ये सब गंदी आदतें है न बेटा ( अम्मी मुझे समझा रही थी और मै उनकी गुदाज चर्बीदार मोटी मोटी चूचियो में सर रखे हुए मस्त था चादर के ऊपर से ही । मेरे हाथ उनकी कमर पर थे ।

: हम्म्म सॉरी ( मैने सुबक कर कहा )
: लेकिन मैं तुझसे नाराज जरूर हूं
: क्यू ( मैने बड़े ही मासूम लहजे में बोला )
: तू क्यों ऐसी हरकते करता है , क्यों ताक झांक किए रहता है हमेशा मेरे कमरे में , तुझे अच्छा लगता है मुझे ऐसे देखना ( अम्मी ने सहज लहजे में बहुत ही गंभीर सवाल दाग दिए थे और मेरी जुबान सिल गई थी । )


भले ही मै अम्मी से थोड़ा क्लोज रहा हु लेकिन किसी बेटे के लिए अपने मा से ऐसे सवाल का क्या ही जवाब दे
: बोल न अब
: मुझे नहीं पता ( मै अम्मी की बाहों ने दुबक कर बोला , मानो उनसे ही बचने के लिए उनका ही आसरा ले रहा हूं)
: नहीं पता का क्या मतलब ?
: पता नहीं , बस अजीब सी उत्सुकता होती है और आप दोनों की बातें एकदम फिल्मों जैसी रोमांटिक लगती है मसाले वाली इसीलिए सुनना अच्छा लगता है
: पागल कही का ( अम्मी मेरे सरल जवाब से हस दी ) मेरा बच्चा ( मेरे माथा चूम लिया ।
: अम्मी मै भी आपसे बहुत प्यार करता हु , अब्बू से भी ज्यादा ( अम्मी की बाहों में दुबके हुए मैने हिम्मत कर आज अपने प्यार का इजहार कर ही दिया )
: अच्छा , अब्बू से भी ज्यादा
: हम्म्म
: पागल , चल सो जा ( अम्मी मुझे बाहों में ही कस ली )
: अम्मी !!
: हम्म्म बोल न ( अम्मी की बातों में मिठास घुल चुकी थी )
: आई लव यू
: धत्त पागल , सो जा अब
: अम्मी !!
: अब क्या ?
: आप शर्माते हुए बहुत अच्छे लगते हो
: अब मारूंगी तुझे, सो जा बोली न । पागल कही का बहुत बिगड़ गया है तू क्या क्या देखता रहता है मुझमें
: आप हो ही इतने प्यारे ( मैने उनकी कमर को कसते हुए बोला और उनसे चिपक ही गया एकदम )
: हा हा ठीक है , सो जा अब ( अम्मी जल्द से जल्द बात खत्म करना चाह रहे थी लेकिन मैं उनका ब्लश कर पाना महसूस कर पा रहा था कि कितना अच्छा महसूस हो रहा है उन्हें जब मैं उनकी तारीफ कर रहा हूं)

फिर मै वैसे ही चिपक कर सो गया l



जारी रहेगी



पाठकों से अनुरोध है अपडेट पढ़ कर अच्छी बुरी जैसी भी अनुभति रही हो उसको रिव्यू देकर साझा जरूर

Awesome hot massage seduction
 
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सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 17



अगली सुबह एक जोरदार अंगड़ाई के साथ मेरी आंख खुली , मै अम्मी की ओर पीठ किए खुद को पाया ।
एकाएक अम्मी का ध्यान आया और रात की बातें पल में भी जहन में उभर आई ।
जैसे ही मै अम्मी की ओर घुमा आंखे चमक उठी । सामने अम्मी मेरी ओर ही करवट लेकर सोई हुई थी ,


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उनके सिने से चादर हट गई थी और उनके दोनो बड़े बड़े रसीले मम्में भी बिस्तर पर लेटे हुए थे मगर उनकी मुनक्के जैसी भूरी मुलायम निप्पल खुली आंख की पुतलियों के जैसे मेरे ओर ही निहार रही थी

देखते ही जीभ लार टपकाने लगी और लंड अकड़ने लगा ।
रहा नहीं गया मुझसे मै घिसक कर अम्मी के करीब आया
कितना खूबसूरत चेहरा है अम्मी का , गुलाबी गुलाबी गाल और लाल भरे भरे होठ बड़ी आंखे , हर बार अम्मी मुझे दीवाना बना देती थी ।
पंखे की हवा से कुछ बाल उनके गाल पर आ गए थे
मैने उंगली से उन्हें हटाने लगा

: शानू , जग रही हूं मै ( अम्मी बोली )
: हीहीही गुड मॉर्निंग अम्मी
: क्या कर रहा था तू सुबह सुबह ( अम्मी ने चादर अपने सीने पर चढ़ाते हुए आंखे खोलकर बोली )

: वो बाल आपके गाल पर आ गए थे तो मै उन्हें पीछे कर रहा था
: क्यों वो कुछ बिगाड़ रहे थे मेरा? ( अम्मी ने सवाल किया )
: हम्म्म आपके गाल पर गुदगुदी कर रहे थे इसलिए
: धत्त बदमाश, उठ और मेरे कपड़े निकाल दे
: उम्मम क्या पहनोगे आप ( मै भी बैठ कर अगड़ाई लेते हुए कहा )
: अरे एक नाइटी निकाल दे आराम रहेगा उसमें और पानी गर्म रख दे नहाना है मुझे
: अभी आपकी तबियत कैसी है
: ठीक ही है ,( अम्मी उठ कर बैठ गई और पीछे से उनकी बड़ी सी गाड़ एक बार फिर से नंगी गई । )


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बैठने की वजह से अम्मी की गाड़ और फेल जाती है और दरार भी चौड़ी हो जाती है । देखते ही लंड में सुरसुरी होने लगी
मैने आलमारी से नाइटी निकाल कर उन्हें दी
: ब्रा और पैंटी भी दु अम्मी
: अह्ह्ह्ह नहीं कौन पहनेगा उतारेगा बेटा , नहा कर पहन लूंगी यही
: ठीक है अम्मी मै गर्म करता हु ( मै कमरे से बाहर निकल आया अपना लंड सेट करता हुआ )

मै किचन में पानी गर्म कर रहा था कि अम्मी कमरे से बाहर निकली , एक तौलिया लपेटे हुए अपने भारी भरकम देह पर
देखते ही लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा
अम्मी के आधे से ज्यादा चूचे ऊपर निकले हुए थे और चूत से महज कुछ इंच ही नीचे तक जांघें ढकी थी और उनकी मोटी मोटी गदराई मांसल जांघें चलने पर उनकी चर्बी थिरक रही थी अह्ह्ह्ह लंड अकड़ गया

: अम्मी रहने दो कल नहा लेना ( मै उनको लड़खड़ा कर चलता देख भागता हुआ उनके पास आया )
: पूरा बदन तेल तेल हुआ है और महक रहा है , बिना नहाए इतनी गर्मी में मुझसे नहीं रहा जायेगा
: अच्छा ठीक है आइए
मैने उनकी बाजू पकड़ी और उन्हें बाथरूम तक ले गया

मेरा बाथरूम और पाखाने दोनो एक में ही थे , संजोग कि बात थी कि सालों पहले मरम्मत के टाइम अम्मी के कहने पर अब्बू ने वेस्टर्न टॉयलेट की सीट लगवाई थी ।
मै उन्हें बाथरूम में टॉयलेट सीट तक ले गया
: आप फ्रेश हो लो और फिर आवाज देना , मै पानी लेकर आ जाऊंगा
: ठीक हैं बेटा और दरवाजा लगा देना
: जी अम्मी
मैने बाथरूम का दरवाजा भिड़काया और किचन में आ गया
मैं भी अपना ब्रश करते हुए घर में झाड़ू करने लगा
कुछ देर में अम्मी फ्रेश हुई तो उन्होंने आवाज दी

: शानू बेटा आजा
मै अंदर गया तो अम्मी नंगी होकर उकुडू बैठी हुई थी टोटी में पानी गिर रहा था मैने बाल्टी में गर्म पानी मिलाया और बाथरूम से बाहर आ गया


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अम्मी अपने देह पर पानी गिरा कर नहाने लगी और मै उनके पीठ पीछे होकर देखने लगा

लंड एकदम रोड जैसा अकड़ गया था अम्मी के बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ों को देख कर , मै उन्हें लोवर के ऊपर से मसल रहा था और हाल में झाड़ू लगाने लगा ।

: शानू आजा बेटा ( अम्मी की आवाज आई
मै लपक कर बाथरूम में गया और अम्मी तबतक तौलिया लपेट चुकी थी ।
मै उन्हें कमरे तक ले आया
: अम्मी आप तैयार हो लो मै छत पर झाड़ू करके आता हु
: ठीक है बेटा

मै झट से हाल से झाड़ू उठाया और जीने से ऊपर जाने को हुआ ही था कि कमरे में मोबाईल रिंग होने लगी ।
मोबाइल रिंग की आवाज कानो में पड़ते ही मै रुक गया
इतनी सुबह भला किसका ही फोन हो सकता था सिवाय अब्बू के

अब्बू के फोन से ही मेरी बेचैनी बढ़ने लगती थी मै धीरे से नीचे आया और खिड़की के पास खड़ा हो गया

: हम्मम अभी जस्ट नहाई हु
: रुको वीडियो कॉल करता हु ( अब्बू की आवाज आई)
: नहीई रुकिए ( अम्मी बोलना चाह रही थी मगर अब्बू ने काल काट दिया )

अगले ही पल व्हाट्सअप पर वीडियो काल आने लगा
अम्मी ने काल पिक किया
: आपको जरा भी चैन नहीं है न ( अम्मी बहुत खिल कर अब्बू से बातें कर रही थी )
: तुम्हारे बिना चैन कहा से होगा मेरी जान , सारी रात तुम्हारे रसदार गुलाबी चूत को याद करता रहा
: धत्त गंदे सुबह सुबह ही शुरू हो गए ( अम्मी लजाई और मुस्कुराई )
: ओहो मेरी जान टॉवल में उम्मम दिखा दो न
: उम्हू ( अम्मी ने ना में सर हिलाया ) सच कहू तो अम्मी अब्बू से बातें करते हुए एकदम अलग ही दिखती थी , उनके गुलाबी गाल और भी गुलाबी हो जाते थे और क्या ब्लश करती थी वो जब अब्बू छेड़ते थे उफ्फ लंड एकदम फड़फड़ाने लगता उनका रोमांस देखकर
: प्लीज न मेरी जान , कल से तड़प रहा हु तुम्हारी एक झलक पाने को
: मै भी तड़प ही रही हु न मेरी जान आपके लिए, कल संडे था और आपकी यादों में मै .... छोड़ो आपको क्या आप तो बस अपनी नौकरी करो हूह ( अम्मी इतराई )
: बस जैसी ही ये आडिट खत्म हुई मै आ जाऊंगा मेरी जान , प्लीज दिखा दो न ( अब्बू ने रिक्वेस्ट की )
: क्या देखोगे मेरे राजा ( अम्मी ने सिसक कर कहा और मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा )
: सब कुछ ( अब्बू भी तड़प कर बोले )
: सब कुछ !!! ( अम्मी ने बैंक कैमरा करके आइने के आगे खड़ी हो गई और तौलिया खोलने लगी )
: हा मेरी जान सब कुछ
अम्मी ने तौलिया खोल दिया लेकिन आगे से अब छिपा रखा था और पीछे से उनकी बड़ी सी गाड़ नंगी हो गई थी

अम्मी की गाड़ देखकर मै हिलाने से खुद को रोक नहीं सका और लंड बाहर निकाल दिया
: उम्ममाअह दिखाओ न मेरी जान
: क्या देखोगे मेरे राजा
: तुम्हारी मोटी मोटी चूचियां और गाड़
अगले ही पल अम्मी ने तौलिया गिरा दिया


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उफ्फ क्या कयामत ढा रही थी अम्मी आइने के आगे अपने जिस्म को झटके देकर अपने मोटे मोटे मम्मे हिला रही थी
: देख लो मेरे राजा कैसी है
: अह्ह्ह्ह जानू , नेटवर्क की वजह से अच्छे से नहीं दिख रहा है फोटो भेजो न अच्छी सी
: धत्त एक तो मुझे तड़पाते हो और डिमांड अलग है आपके ( अम्मी उखड़ी थोड़ी सी )
: प्लीज न जान , आज तुम्हे देख कर हिला कर जाऊंगा ऑफिस प्लीज न मेरी जान मान जाओ
: ठीक है भेजती हूं

फिर अम्मी ने फोन कट किए और


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अपनी टांगे उठा कर चूचियों सहित अपने झांटों से भरी चूत की तस्वीर क्लिक की और मोबाइल पर भेज ही रही थी कि उनकी नजर खिड़की के पास मेरे ओर पड़ी
मै झट से वहां से सरक रहा था
: शानू क्या कर रहा है वहां, मै जान रही तू है वही इधर आ

मेरी हालत खराब थी , आज तो सरेआम चोरी पकड़ी गई थी मेरी लोवर में लंड पूरा तंबू बनाए हुए था ।
अम्मी की नजर मेरे लोवर पर थी तो कभी मेरे ओर

मै डरता हुआ कमरे में आया


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अम्मी तौलिया से अपने आगे लपेट चुकी थी और उसे अपने चूचियों में खोस रही थी ।
: क्या कर रहा था वहां, झाड़ू लग गया तेरा ( अम्मी ने गुस्से में बोली )
: जी , जी अम्मी , सॉरी ( मै अपना गाल झुका रहा था कि कही फिर एक चांटा न पड़े )
: कितनी बार कहूं तुझे छिप कर बातें न सुना कर मेरी समझ नहीं आता तुझे ( अम्मी गुर्राई )
: सॉरी अम्मी
: अगली बार ऐसा किया न तो मुंह तोड़ दूंगी तेरा ( अम्मी हाथ उठाने को हुई मगर रुक गई )
: सॉरी ( मै बाहर निकलने लगा )
: कहा जा रहा है अब ( अम्मी झल्लाई )
: वो नाश्ता बनाने ( मै उदास होकर बोला )
: अभी रहने दे , जरा मेरे कमर में मालिश कर दे फिर करना ( अम्मी एकदम से शांत हो गई और लड़खड़ाते हुए बिस्तर तक गई और फिर तौलिया उतार दिया )

मेरी आंखे फेल गई अम्मी की नंगी गाड़ को फिर से देखकर , इस बार अम्मी पूरी की पूरी नंगी थी मेरे सामने और लंड पूरा अकड़ा हुआ था ।

अम्मी बिस्तर पर चढ़ कर पेट के बल लेट गई , अह्ह्ह्ह्ह क्या कयामत लग रही थी अम्मी ,


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मोटी मोटी जांघें और पहाड़ जैसी उठी हुई गाड़ और गहरी दरारें लंड एकदम रोड हो गया था
मैने मलहम ट्यूब से निकाला और अम्मी के कूल्हे और कमर पर लगा कर मलने लगा
नहाने के बाद अम्मी के चूतड़ों के काफी नरमी आ गई थी , हाथ सरक रहे थे और उनके बदन से आती खुशबू मुझे मदहोश कर देती थी ।
सामने अम्मी मोबाईल पर अब्बू को मेरे सामने ही तस्वीरें भेज रही थी , डिस्प्ले पर जो तस्वीर दिख रही थी उसे देख कर मेरा लंड रसाने लगा था ।


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: अम्मी गुस्सा मत होना लेकिन एक बात पूछूं
: हम्ममम बोल
: आप फिर गुस्सा हो रहे हो
: अच्छा ठीक है बोल नहीं हो रही गुस्सा
: वो आपको कभी अब्बू पर शक नहीं होता , वो बार बार आपसे तस्वीरें और वीडियो मांगते है ऐसी वाली ( मै अम्मी के कूल्हे सहलाता हुआ बोला )
अम्मी एक दम से शांत हो गई और कुछ देर बाद
: तू अपने काम से काम रख और तुझे क्यों लगता है कि इनसब का गलत यूज करेंगे उम्मम्म
: पता नहीं बस ऐसे ही मन में आया था ( मैं ज्यादा न बोल कर चुप रहा )

: हो गया , ऊपर भी कर दूं ( मैने खड़े होकर कहा )
: नहीं मै कर लूंगी तू जा नहा ले पहले
: जी ठीक है अम्मी ( फिर मै कमरे से निकल कर नहाने चला गया )



नहाने के बाद मै सीधा ऑफिस के लिए निकल गया
जान रहा था कि आज शबनम नाम की शोला मेरे ऊपर भड़केगी इसीलिए ऑफिस पहुंचने से पहले ही उसको एक GOOD MORNING का मैसेज तो बनता ही था ।

मैसेज डिलीवर क्या हुआ
उसका गुस्सा दुगनी तेजी से रिपोंड किया
: Mil gaya time tumhe , kaha the ab tak , kitne fone massege kiye ( वो पूरी भड़की हुई थी मै जानता था )
: bas 5 min me tumhare paas hi aa raha hu jitna man kare daant lena ( मैने भी लिख कर भेज दिया और बाइक से निकल गया )

जेब में मोबाइल वाइब्रेट होता रहा और मैने चेक नहीं किया । जानता था वही उसके ड्रामे लिख कर भेजे होंगे कि मुझे ऑफिस में बात नहीं करनी वगैरह ।
गाड़ी पार्किंग में लगाई तो ऊपर छत से वो मुझे ही देख रही थी , लिहाजन मैने मोबाइल खोलकर मैसेज पढ़े

: office mein koi baat nahi karni hai mujhe ( उसका मैसेज आया था , आज कोई रिक्वेस्ट नहीं सीधा ऑर्डर सुनाया था मैडम ने )

मैने बिना रिप्लाई के ऊपर आ गया



रेशमा मैम भी आज लेट ही आने वाली थी उनका टैक्स्ट मिल चुका था ।
: woow yaar sexy lag rahi ho ( मैने उसको मैसेज किया और मुस्कुराया )
: bola na baat mat karo mujse ( उसने रूठने जैसा मुंह बनाया )
: sorry yaar , mobile me kuch dikkt aa gyi thi isiliye baat nhi kar paaya ( मैने लपेटा उसको )
: hmmm thik hai , fir nahi baat karungi tumse gande ho tum gande ( एकदम से उसके हाव भाव बदल गए और वो इतराने लगी )
: achcha ji maine kya kiya ( मैने जानबूझ कर टॉपिक खोला )
: bhul gaye kal maim ke cabin mein kya kiya mere saath ( वो घूर रही थी मुझे अपने टेबल से )
मै उसका मैसेज पढ़ कर मुस्कुराते हुए टाइप करने लगा
: kal tum ekdm bomb lag rhi thi yaar to raha nhi gaya mujhse
उसने मैसेज पढ़ कर मुझे घुरा और मैने मुस्कुराते हुए अपने टेबल को सेट करने लगा
तभी फिर उसका मैसेज बीप हुआ
: chup raho gande kahi ke , tumne mera faayda uthaaya hai
मै मैसेज पढ़ कर उसकी ओर देखा तो इमोजी के जैसे अपने एक्सप्रेसन पल पल में हर मैसेज के साथ बदल रही थी ।
: yaar tum khud itni wajandaar do , tumhara fayda bhi to wajandaar hoga , maine kaise utha sakata hu itni wajan wali chiz 😁
हंसते हुए मैने उसकी बातों का मजाक बनाया और जैसे ही वो मैसेज पढ़ी उसके चेहरे पर हसी आ ही गई ।

: Good, aise hi hasti raha karo ( मैने आगे मैसेज किया और वो पढ़ आके टाइप करने लगी )
: kyo?
: sexy lagati ho yaar hanste hue 😉 ( मैने रिप्लाई किया )
अब वो मुझे फिर से घूर रही थी


खैर फिर मै भी कामों में बिजी हो गया और वो भी
बीच बीच में टाइम मिलता तो उसको छेड़ता। कुछ देर में फाइल लेकर मेरे टेबल के पास आई

: ये लो सर ने दिया है, इनका अकाउंट देख लो
: तुम अपना कब दिखाओगी
: मार खाओगे तुम गंदे कही के ( वो बातो में लगी रही )
: यार समझो न मेरी फिलिंग को , तुम्हे देख कर लगता है कि सिर्फ मुझे ही तंग करने के लिए ऐसे ड्रेस में आई हो
: चुप करो यार , ( वो फाइल पर झुक कर लिख रही थी और कुर्ती में उसकी गाड़ बाहर निकल आई थी )
: शबनम तुम घर चली जाओ प्लीज
: क्यों क्या हुआ
: कुछ नहीं जाने दो , तुम जाओ मेरे पास से

वो वहां से निकल गई और मैसेज करने लगी
: kya hua tumne aise kyu kaha , ghar chali jaao ??
: Mujhse raha nhi ja raha hai to kya karu .. tumhe dekhata hu to tadap uthta hu aur... ( मैने बेबस बेचैन भाव लाकर उसकी ओर देखा )
: aur kya ?? ( वो भी मदहोश नजरों से सवाल कर रही थी )
: tum piche se bawal lg rahi ho aur isse meri pant tight ho rahi hai
वो मैसेज पढ़ी और उसकी हसी छूट गई
: Ganda ( छोटी सी गाली दी उसने )
: sach kah raha hu , kaho to photo bheju , ruko bhejta hu

फिर मैंने झट से अपने पैंट में उभरे हुए रोड जैसे लंड की तस्वीर निकाली और उसको व्हाट्सएप कर दिया


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वो मैसेज देख कर आंखे फैला कर पहले मुझे देखा और फिर मुंह छिपा कर शर्माते हुए हसने लगी

: Tum bahut gande ho chhiiii ( उसका मैसेज आया )
: ab kya karu tum ho hi itni sexy , leggings me itna kahar dhaa rahi ho bina leggings ke kaise lagogi wo soch kar iska ye haal hai ( थोड़ा लंबा मैसेज किया मैने )
वो मैसेज पढ़ कर आंखे महीन कर मुझे घूरने लगी
: Ab tum ye sb baatein karna band karoge, mujhe Sharm a rahi hai ( वो रिप्लाई की )
: mujhe to nahi aa rahi hai
: pagal ho tum ( वो मैसेज की )

हम बातें कर रहे थे कि रेशमा मैम आ गई और मै उनकी ही राह निहार रहा था , फिर मै कल के काम और मैम के साथ ऑफिस काम जानबूझ कर एकदम भीड़ गया ।
इस बीच शबनम फ्री टाइम में मैसेज करती रही लेकिन मैने कोई जवाब नहीं दिया , उसको तड़पाना मेरी पहली प्रीओरटी थी । मै चाहता था कि वो मुझे रेशमा मैम के साथ व्यस्त देखकर जलन महसूस करे और तड़पे ।
हुआ भी वही मैने उसको एकदम से सिरे से नकार दिया , टेबल पर काम करते हुए कई बार वो मुझे इशारे से मैसेज चेक करने को कहती मै टाल देता हाथ में में फाइल और अपने बाए तरफ मैम के केबिन की ओर इशारा कर
वो जल जाती पूरी जब उसे मेरी अटेंशन नहीं मिल पाती ।
शाम हुई और मै घर के लिए निकल गया ।

घर पहुंचते ही शबनम का काल आया
मैने बड़े ही विश्वास से फोन पिक किया ।

: हाय कैसी हो
: हाय के बच्चे , मैम के आते ही भूल गए मुझे , नहीं तो कितनी बातें थी करने को ( वो भड़क उठी मुझपे)
: सॉरी यार वो कल मैंम आई नहीं थी तो उनको फाइल दिखाने थे कुछ करेक्शन भी करने थे
: हूह तुम सारे लड़के न एक जैसे होते हो , मतलबी
: और कौन लड़कों से तुम बात करती हो यार , कितने बॉयफ्रेंड है तुम्हारे ( मैने उसका मूड हल्का करने के लिए मजाक किया )
: तुम कम हो किसी लड़कों के ग्रुप से , कितने किरदार है तुम्हारे , तुम्हे मै कितना सीधा भोला समझती थीं और तुम छीई कैसे बेशर्म की तरफ फोटो भेज दिए तुम
: अब दोस्त से अपनी फीलिंग क्यू छिपाना , तुम्हे देखकर मेरा दिल बैचेन हुआ तो क्या करूं और तुम भी परेशान करती हो मुझे
: मैने क्या किया
: क्या किया, सारा दिन मेरे टेबल के आगे पीछे लटके झटके देकर जाती हो , ना चाहते हुए भी बन्दे की नजर उन गोल मटोल खरबूजों पर चले जाए

: छीइइइ गंदा , कैसा कैसा नाम देते हो ( वो भिनकी)
: चलो नाम ही ले लेते है , हा तो मै कह रहा था कि तुम्हारे सुन्दर गोल मटोल चूतड़ न ....
: धत्त गंदे हो तुम गंदे ,
: अब क्या हुआ उसको यही कहते है न और दूसरा क्या बोलूं
: तुम्हे मुझसे सिर्फ मेरे बम्स दिखते और कुछ नहीं ( उसने सवाल किया )
: दिखता तो है लेकिन तुम उसको दुपट्टे से छिपा कर रखती हो तो क्या करूं ( मैं उसे छेड़ा )
: शानू ... तुम न .. ( वो खीझी )
: प्लीज यार दिखा दो ना एक बार दुपट्टा हटा कर , कितना तरसता हु उसके दीदार के लिए अह्ह्ह्ह्ह
: शानू प्लीज न ऐसी बातें न करो ( वो अब बेचैन हो रही थी मगर इतनी नहीं कि तस्वीरें भेज ही दे , उसकी चतुराई मै समझ रहा था )

मै समझ गया ये ऐसे लाइन पर नहीं आएगी
अह्ह्ह्ह्ह शबनम रुको रेशमा मैम का फोन आ रहा है मै काल करता हु तुमको
बीच में ही मैंने फोन काट दिया और फिर अपनी जान अलीना से फोन पर बातें करने लगा ।
आधे घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका था और इस बीच शबनम दो बार मुझे फोन कर चुकी थी लेकिन मैं अलीना के साथ बातें करने में लगा था ।
तो उसने व्हाट्सअप पर मैसेज करने शुरू कर दिए
: Tumahri baaten khatam nahi hui abhi
: bas yaar 5 min ( मैने रिप्लाई किया )
: ok

और 10 मिनट बीत गए वो फिर से काल की मेरा मोबाइल बिजी चल रहा था । फिर से उसने व्हाट्सअप पर मैसेज किया
: kya baatein ho rahi hai yaar itni lambi
: reshma maim mujhe dinner ke liye bula rahi hai ( मैंने जानबूझ कर उससे झूठ बोला ताकि वो बेचैन हो उठे )
: tum kya kahati ho mujhe jana chahiye ( मैने उससे पूछा )
: mana karungi to nahi jaoge ( उसका मैसेज आया )
: wo jo kaha hai wo bhejo to nahi jaaunga pkka
: Ganda ( उसका रिप्लाई आया )

फिर कुछ ही एक तस्वीर आई जिसमें उसका फेस नहीं दिख रहा था लेकिन कुर्ती वही थी जो आज वो पहन के आई थी ।


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अह्ह्ह्ह क्या मस्त गोरे चूचे थे उसके नारंगी से कड़क , कुर्ती के बटन खोलकर उसने सेल्फी भेजी थी

मैने उसकी फोटो पर हार्ट का रिएक्शन देकर उसको फौरन काल किया
: वाह यार अंदर से तुम तो और भी गोरी हो हिही
: धत्त गंदे ( वो लजाई )
: पूरा मुजस्सिमा कब खोल रही हो उम्मम
: शानू प्लीज , ऐसी बातें न करो मुझे अजीब लगता है । कितना छेड़ते हो तुम ( वो उलझे हुए स्वर में बोली )
: ठीक है फिर मैं मैम को बोल देता हु कि आ रहा हु मै
: नहीं ( वो चौकी )
: क्या हुआ ?
: तुम मुझसे सिम्पल सीधी सी बातें नहीं कर सकते क्या
: तुम्हे देखकर ही बातें curvy हो जाती है और वो सीधा हो जाता है ( मैने फिर से उसको लपेटा )
: ऊहू मम्मा क्या करूं मैं इस लड़के का
: दिखा दो न उतार के , आंटी भी बोल रही है
: धत्त वो कब बोली ( वो इतरा कर बोली )
: अरे अभी मुझसे बोली कि शानू बेटा मांग ले शबनम मना नहीं करेगी ( मैने बोलते बोलते हस दिया )
: छीइई पगलू , कैसे बोल लेते हो और इनसब में मेरी अम्मी को भी लेकर आ गए ( थोड़ा बनती हुई वो बोली )
: मै कहा तू लेकर आई थी और पूछ रही थी क्या करूं इस लड़के का !!
: क्या यार तुम भी , कितना घुमाते हो बातों को ( वो हस्ती हुई बोली )
: और तुम जो मेरे आगे पीछे अपने चूतड़ घुमाती हो उसका क्या , मै बाते भी न घुमाओ
: ओह गॉड ईईईई ( वो पूरी तरह से इरिटेट थी और मै भी उसका सबर आंक रहा था कि कितना वो मुझे झेल सकती थी )

: यार ये मैम फिर से फोन कर रही है रुको मैं बात करता हु
: शानू रुको न ... ( वो अपनी बात कहती इससे पहले मैने उसे होल्ड पर रख दिया )
दो मिनट बाद भी वो लाइन पर थी मैने काल रिज्यूम किया ।

: यार समझ नहीं आ रहा है मैम इतना इन्सिस्ट क्यों कर रही है
: तो सीधा मना कर दो न कि नहीं आ सकते ( वो पूरी पोजेसिव होकर बोली)
: यार ऐसे कैसे मना कर दु , कितनी हेल्पफुल है मेरे लिए । नहीं तो आहूजा को जानती ही हो कितना पीछे रहता है मेरे
: वो आहूजा तुम्हे तंग करता है क्या ( वो एकदम से ऐक्शन में आ गई )
मै समझ गया कि वो किस बात इतनी गर्म है और कौन सी शक्तिया उसे इतना एग्रेसिव कर रही थी ।
: अरे माता हमला नहीं बोलना है उसपे , बॉस है , थोड़ा टेढ़ा रहेगा ही न
: मै तो बस पूछ रही थी (एक पल ने वो मासूम हो गई)
: बस वही सब सोच रहा हु और मैने उनको हा भी कह दिया है , सॉरी यार
: कोई बात नहीं , बस तुम थोड़ा अपना ख्याल रखना । ये मैम के इरादे सही नहीं लगते कही फसा न दे तुम्हे
: हा ठीक है यार थैंक्यू ,, बाय

शबनम की चालाकी की दाद देनी पड़ेगी , उसको लपेटना इतना भी आसान नहीं होने वाला था ।
फिर मैने भी अपनी हेल्पफुल मैम को फोन कर ही लिया हाल चाल के लिए


जारी रहेगी
 
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