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Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कहानी पर पाठकों की जितनी ट्रैफिक है उसके अनुपात में बहुत ही कम फीडबैक मिल रहा है ।
अगर कहानी पसंद नहीं आ रही है तो कृपया वो भी कमेंट करके बताए ।

इन दिनों मै बहुत दुविधा में हू । कहानी आगे लिखूं या छोड़ दूं।
 

TharkiPo

I'M BACK
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UPDATE 018

जन्नत की सैर

रात ढल रही थी और अम्मी अब पहले से बेहतर लग रही थी । खाना भी उन्होंने ही बनाया था ।
खाने के बाद मै अम्मी के कमरे से किताबें लेकर ऊपर जाने लगा

: कहा जा रहा है ( अम्मी ने टोका )
: जी ऊपर अपने कमरे में ( मै बोला )
: यही सो जा तू भी ( अम्मी बोली तो लेकिन तभी अब्बू का फोन आने लगा )
: अभी भी रुकूं या जाऊ ( मैने मुस्कुरा कर कहा )
: मार खायेगा तू ( अम्मी हस कर बोली ) वैसे भी मुझे तेरे अब्बू से कोई बात नहीं करनी है आज
: क्यों ? ( मैने पूछा )
: बस ऐसे ही , चल सो जा ( अम्मी ने बत्तियां बुझाई )

इधर फिर से फोन बजने लगा
: अम्मी उठा लो न
: तू नहीं जानता , इनकी आदत बिगड़ गई है फिर अभी ... ( अम्मी बोलते हुए चुप हो गई )
: तस्वीरें मागेंगे? ( मैने हिचक कर पूछा )
: हम्ममम
: तो भेज दो न , आप तो हमेशा भेजते ही हो न
: नहीं , तू दोपहर में सही कह रहा था , और मैने उसपे सोचा तो लगा कि इस बार वो आयेंगे पहले उनसे बात करूंगी कि क्यों चाहिए होती है उनको इतनी तस्वीरें।
: वो तो आप अभी भी पूछ लो ( मैने बड़े कैजुअली होकर कहा )
: तू नहीं जानता वो मुझे लपेटना जानते है , इसीलिए बात नहीं कर रही हूं ( अम्मी ने जवाब दिया )
: अम्मी ऐसे तो अब्बू जब साथ होंगे तो आप और भी कमजोर पड़ जाओगे ( मैंने थोड़ी सी बात छेड़ी)
अम्मी चुप रही और फिर फोन निकाल कर डायल करने लगी ।

फोन पर ..
: कहा बिजी थी जानेमन
: कही भी रहु आपको क्या ( अम्मी ने तुनक कर जवाब दिया और मै मुस्कुराने लगा )
: हाय हाय मेरी बेगम आज रुसवा है क्या ( अब्बू ने पुचकारा )
: हा हूं ( अम्मी ने भी नखरे दिखाए )
: दोपहर में गाड़ में नहीं डाला तो गुस्सा हो गई मेरी जान उम्मम ( अब्बू से एकदम से अपना अंदाज बदला और अम्मी ने हड़बड़ा कर फोन स्पीकर से हटाकर कान से लगा दिया और मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा )
अंधेरे में ये सोच कर कि दोपहर में अम्मी ने अब्बू से वीडियो काल पर मस्ती की , मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा और मै लंड सहलाने लगा लोवर के ऊपर से ।
: शर्म करो शानू के अब्बू , आप कभी भी शुरू हो जाते हो ( अम्मी ने मेरे सामने अब्बू को डांट लगाई )
: मेरी जान तेरी मोटी चौड़ी गाड़ के लिए बेशर्म होना पड़ेगा तभी तू उनका दीदार करवाती है , अह्ह्ह्ह्ह दिखा दे न फरीदा मेरी जान
: धत्त चुप रहो आप और फोन रखो ( अम्मी ने लाज से फोन काट दी और मैं मेरा मूसल थामे भीतर से खुश हो रहा था )

: सुना न कैसे दीवाने है तेरे अब्बू
: हीहिही हम्मम ( मै हंसा )
: इसीलिए फोन नहीं उठा रही थी ( अम्मी बोली लेकिन फिर से अब्बू का फोन आने लगा और मेरी हसी छूट गई )
: चुप कर तू कमीना कही का ( अम्मी ने शर्माते हुए मुझे डांटा)

अम्मी ने फिर से फोन उठाया ।
फोन पर ..
: हा कहिए
: क्या जान इतना भी क्या सताना , दिखा दो न , अच्छा फोटो ही भेज दो ( अब्बू सिहर कर बोले )
: करते क्या है आप मेरी इतनी सारी तस्वीरों का उम्मम पहले इसका जवाब दीजिए ( अम्मी ने ताव दिखा कर अब्बू से सवाल किया )
: अह्ह्ह्ह मेरी जान क्या बताऊं , कभी कभी तो जी चाहता है कि यहां कमरे में सारी दीवारें छत सब पर तेरी नंगी तस्वीरों से भर दूं और उनको अपने रस से नहलाऊ रोज अह्ह्ह्ह्ह तू नहीं जानती मै तेरे उन भड़कीले चूतड़ों का कितना दीवाना हु अह्ह्ह्ह फरीदा दिखा दे ना ( अब्बू की फैंटेसी के बारे में सोच कर ही लंड झटके खाने लगा और मै भी उस कमरे के बारे में कल्पनाएं करने लगा कि कितना कामुक माहौल होगा जब उस कमरे अम्मी को नंगी को उनके ऊपर मै अपने रस से उनको नहाऊंगा ओह्ह्ह्ह सोच कर लंड अकड़ गया )
: छीइइइ शानू के अब्बू आप बहुत गंदे हो ( अम्मी ने अब्बू की बातों को नकारा )
: अब तू जो समझे मै तो शादी के पहले ही तेरे नायब हिलते चूतड़ों का दीवाना हु और अब तो पल की दूरी सही नहीं जाती , बिना देखे नींद तक नहीं आती ओह्ह्ह्ह देख तेरे कसे मोटे मोटे चूतड़ के बारे में सोच कर मेरा लंड एकदम अकड़ गया है
: बस करिए शानू के अब्बू , अब सो जाइए बहुत हो गई आपकी दीवानी बातें , सब्बा खैर हम्ममम ( अम्मी ने अब्बू की बातें को इगनोर करती हुई बोली)
: अरे जान सुनो तो ( अब्बू बोलते रहे लेकिन अम्मी ने काल काट दिया )


कुछ देर तक चुप्पी रही और बीच बीच में अब्बू का काल आता तो अम्मी फोन काट देती ।
: अम्मी !!
: हम्म्म बोल ?
: भेज दो न तस्वीरें उनको आप , मै ऊपर जा रहा हूं
: नहीं , तू ऊपर नहीं जायेगा मै समझ रही हुं तेरी चालाकी, यही सो जा चुपचाप ( अम्मी ने डांट लगाई मुझे )
: अम्मी पक्का मै बाहर नहीं रहूंगा , अब्बू परेशान हो रहे है ( मैने उन्हें समझाया

: होने दे तेरे अब्बू को परेशान , तू क्यों हो रहा है परेशान चुप चाप सो जा
: अम्मी सॉरी , मुझे लगता है कि शायद आप मेरी वजह से अब्बू से बात नहीं कर रही है ( मै मासूम होकर बोला )
: ऐसा नहीं है बेटा , सच में इन दिनों उनकी आदत बिगड़ गई है
: अच्छा ठीक है , अभी फिलहाल एक फोटो भेज दो बाद में आए तो उनकी क्लास ले लेना आप हीहीहीही कबसे फोन पर फोन कर रहे है वो ।
: तू न तेरे अब्बू की ही साइड लेगा , कमीना कही का ( अम्मी खीझी और बत्ती जला दी )
: हीहीहीही ओके मै बाहर हु
: नहीं रुक और पीछे से मेरी फोटो निकाल दे ( अम्मी थोड़ा ठहर कर बोली )
: क्या मै ? अम्मी मै कैसे , अब्बू को क्या कहोगी कि कैसे निकाला तो ? ( सवाल मेरे जायज थे , मगर शायद एक औरत मर्दों से बेहतर उन्हें समझती है )
: तू उसकी फिक्र न कर , तेरे अब्बू को मै समझा लूंगी ( अम्मी खड़ी होकर सलवार के नाडे खोलने लगी )

अम्मी की इस हरकत से मै भीतर से कांपने लगा , लंड एकदम रॉड जैसा मोटा हो गया और सुपाड़ा पूरी तरह से लाल होकर फूलने लगा ,


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अम्मी ने अपना सूट ऊपर कर सलवार नीचे की , एक बार फिर अम्मी की बड़ी गाड़ मेरे आगे थी, पूरी गोल मटोल शेप और कसे कसे चिपके हुए चूतड़ , देखते ही गले से लार गटकने की नौबत आ है
सांसे पूरी उफान पर थी , अभी कल की बात थी कि अम्मी ने अपने सलवार मुझसे खुलवाए थे और आज अम्मी खुद मेरे आगे सलवार खोल कर मुझे ही तस्वीरें निकालने को कह रही थी ।
रहा नहीं जा रहा था ,लग रहा था पूरे बदन का खून मेरे लंड के इर्द गिर्द दौड़ रहा था
अजीब सी हड़बड़ाहट मची थी भीतर , सास उफना रही थी , लंड लोवर में ही पंप हो रहा था और सुपाड़े की गांठ पर जो कुलबुलाहट हो रही थी , मैने मुठ्ठी में भर कर मिजा तो लगा भलभला कर उगल ही देगा सब कुछ

एक तो अब्बू की गरम गर्म बातें उसपे से अम्मी की मोटी नंगी गाड़ ,
पिछले आधे घंटे से लंड अकड़ा हुआ था तो ये हाल जायज था ।

: बेटा अच्छी तो आ रही है न ( अम्मी ने गाड़ बाहर की ओर निकालकर कहा )
: जी ? जी अम्मी वो सूट ...( चूतड़ की ओर से सूट का किनारा अम्मी के कूल्हे ढके हुए था )
: रुक इसको निकाल देती हु (और अम्मी ने खड़े होकर अपने जिस्म से सूट निकाल दिया )
लंड की हालत और खराब , डर से मै मेरे सुपाड़े को हाथ नहीं लगाना चाह रहा था कब लावा फूट जाए , आड़ एकदम से भरे भरे महसूस हो रहे थे , नसे एकदम तनी हुई टपक रही थी अंदर से , पेडू में जोर पड़ रहा था


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अम्मी अब ब्रा में मेरे आगे खड़ी थी और नीचे से पूरी नंगी
आंखे फाड़ कर अम्मी की बेशर्मी मै निहार रहा था
: शानू !!
: जी अम्मी ( मेरी सांसे चढ़ने लगी थी , आंखो में नशा सा हो रहा था )
: निकाल न , देख क्या रहा है ( अम्मी ने मुस्कुरा कर कहा )
: जी वो ... ( मै अटक रहा था , अपने भीतर की कामवासना को खुल कर अम्मी से जाहिर करने में )
: ऊपर हो जाऊ ( अम्मी ने पूछा )
: हम्म्म ( क्या बोलता एकदम बदहवासी छाई थी मन में दिमाग काम करना बंद हो गया था )
मेरी अम्मी जिनके हसीन और गदराई हुस्न को कभी सपनो में तो कभी छिप कर देखा करता था आज अम्मी खुद ही दीदार करवा रही थी और तस्वीरें भी मुझसे ही निकलवा रही थी ।
अगले ही पल अम्मी घुटने के बल चढ़ती हुई बिस्तर पर आ गई


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अम्मी के बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ मेरे आगे थे , मोटी मोटी जांघें और उनके बीच कही झांकती झांटों की झाड़ियां

: अह्ह्ह्ह सीईईईईई अम्मीईइ ( रहा नहीं गया मै सिसक पड़ा )
: क्या हुआ
: अम्मी पेशाब लगी है करके आऊ ( मै अपना सुपाड़ा मुट्ठी में घिसते हुए कहा )
: बस एक फोटो निकाल दे तब जा ( अम्मी उसी हालत में झुके हुए बोली)
: अम्मी समझो जोर की लगी ( मै अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: बस एक और बेटा , मेरा राजा बेटा न फिर से मै ये सब नहीं कर पाऊंगी प्लीज बेटा
(और अगले ही पल अम्मी आगे पूरी झुक गई )
उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ हवा में साथ ही पिछे से अम्मी की चूत के फांके भी साफ साफ बिजिबल
अम्मी ने दोनों हाथ पीछे ले जाकर दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फाड़ने लगी
: बेटा बस ये वाला निकाल दे ( अम्मी अपने गाड़ फैलाते हुए बोली )


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मेरी आंखे सन्न रह गई और मेरे सबर का फब्बारा अम्मी के कसे हुए गाड़ के सुराख और फटे हुए भोसड़े को देख कर फूट पड़ा
: अह्ह्ह्ह अम्मीआईईईई अह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् कितनी सेक्सीईई हो आप उम्ममाअह ( मै लोवर में ही झड़ने लगा मेरा सुपाड़ा सारा का सारा माल बाहर उगलने लगा )


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मै हर झटके के साथ मै हवा में उड़ता रहा बंद किए आंखो के अम्मी के पहाड़ जैसे गाड़ की छवि को बसाए
और फिर ऐसा सुस्त पड़ा कि कुछ पल तक मुझे होश ही नहीं रहा ।
अम्मी की गालियां और गुस्से भरी बकबक कानो में आ रही थी , वो मुझे पकड़ कर हिला रही थी , मगर मै तो अपने ख्यालों में कही खोया हुआ था मानो जन्नत की सैर कर रहा था , मेरी अम्मी के नंगे जिस्म पर पारियों जैसे पर उग आए थे और वो नंगी ही मेरे आगे नाच रही थी खुले आसमान में और मै उन्हें निहार रहा था बस निहार रहा था ।

*********************************

रात के 11 बजने को हो रहे थे
अलीना से बातें करके मै सोने जा रहा था कि शबनम का मैसेज आया

: kaha ho , ghar waps aa gaye ??

उसका मैसेज देखकर मैने उसको फोन मिला दिया

फोन पर ....
: हाय
: कहा हो ( वो बोली )
: यहीं हु यार इतनी रात में जाने नहीं दिया मैम ने ( मै थोड़ा खीझ कर बोला )
: जाने नहीं दिया या तुम्हारा ही मन नहीं था जाने का हूह ( वो तुनक कर बोली , जैसे मेरी प्रेमिका हो )
: अरे यार मैम है ऐसा नहीं सोचते उनके बारे में ( मैने थोड़ा सा छेड़ा फिर से उसे )
: अच्छा , तो क्या मेरे बारे ने सोचने का लाइसेंस बनवाए हो ( वो थोड़ी खीझ कर बोली )
: यार तुम्हे सोच कर ही नीचे पंप होने लगता है अह्ह्ह्ह दिखा दो न ( मै सिहर कर बोला )
: धत्त गंदा , जाओ मैम का देखो हूह ( वो इतराई )
मैने झट से मोबाईल से अपने खड़े लंड को हिलाते हुए सेल्फी निकाली और उसको भेज दिया बातें करते हुए ही
: सच में झूठ नहीं कर रहा , देखो भेजा हु कुछ


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: छीइईईई गंदा, तुम नंगे हो क्या कमरे में ( वो तस्वीर देखकर भिनक कर बोली )
: यार मैम के नाइटी में गाड़ मटका मटका कर हालत खराब कर दी है , वो तो तरसा रही है तुम तो ना तसराओ न शबनम प्लीज भेजो न लेगी उतार कर
: ऊहू , शानू प्लीज ऐसी बाते मत करो उम्मम्म ( वो सिहर उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बस एक वीडियो लेगी उतार कर प्लीज , बस एकबार मान जाओ न । नहीं तो सारी रात मुझे नीद नहीं आएगी
: तुम बहुत गंदे हो शानू ( वो थोड़ा थोड़ा रास्ते पर आ रही थी
: प्लीज न शबनम बस एक बार अह्ह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म
: उम्मम्म शानू नहीं मुझसे नहीं हो पाएगा ( उसकी चढ़ती सांसे मै महसूस कर रहा था )
: प्लीज न प्लीज
: ओके, बस एक ही
: हम्म्म जल्दी
फोन कट गया और मै वेट करने लगा

4 मिनट बाद एक वीडियो आई पूरे डेढ़ मिनट की
वीडियो देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
शबनम ने लेगी उतार कर सुबह वाली कुर्ती में थी और उसकी नरम नरम चूतड़ पर ब्लैक लेस वाली पैंटी थी एकदम चुस्त और टाइट वो कैमरे के आगे अपने गाड़ घुमा घुमा कर दिखा रही थी और सिसक कर थी


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: यू वांट इट बेबी उम्मम ( वीडियो में शबनम के अल्फ़ाज़ जब वो अपने चूतड़ पर पंजे जड़ रही थी )
ओह्ह्ह यस्स बेबी आई वांट इट ( शबनम की भेजी हुई वीडियो देखकर मै लंड हिलाते हुए बोला और देखते ही देखते शबनम ने वीडियो में कुर्ती भी निकाल दी )


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मैचिंग ब्लैक लेस वाली ब्रा पैंटी में उसका जिस्म एकदम कसा कसा और भरा भरा था , उसके नारंगी जैसे चूचे खूब चुस्त और टाइट नजर आ रहे थे और पतली कमर देख कर लंड सलामी दिए जा रहा था ।
वीडियो खत्म होने को थी कि फिर से शबनम का काल आने लगा

फोन पर ...
: कर लिए न मन की , अब खुश ( वो इठलाई )
: अह्ह्ह्ह शब्बू शब्बू उम्मम क्या पटाखा हो तुम यार उम्मम लंड बैठ ही नहीं रहा है सीईईईई अह्ह्ह्ह क्या करूं इसका आजाओ न ( मै कामवासना में लिप्त होकर उससे बोला )
: शानू तुम भी मुझे बेचैन कर देते और तुम्हारा वो ... अह्ह्ह्ह मुझे भी मिलना है तुमसे
: आजाओ न मेरे पास कल रूम पर मेरे ओह्ह्ह्ह ( मै अपना लंड मसल कर बोला )
: नहीं नहीं उधर तो मामू ड्यूटी के लिए जाते है कही और मिले ( शबनम ने चहकपने में कहा और मै समझ गया कि जरूर वो अपना अड्डा बताएगी इससे पहले मै ही अपना दाव चल दू)
: मेरा रूम बहुत ही सेफ है शब्बू , तुम बुरखा डाल लेना न ( मैने उसे सजेस्ट किया )
: अरे बुरखे में निकलऊंगी तो घर पर लोग सवाल करेंगे ( वो परेशान होकर बोली जैसे कितने जवाब तैयार हो उसके पास मगर मैने भी अपना इरादा तय कर रखा था )
: ओहो यार बुर्का बैग में रख लेना और किसी रेस्तरां में चल कर पहन लेना , देखो अब कोई बहाना नहीं, प्लीज मान जाओ न
: तुम यार ( शबनम उलझी हुई थी )
: प्लीज यार भरोसा तो रखो , अब और नहीं रहा जायेगा मुझसे
: ठीक है , लेकिन कहा मिलेंगे हम लोग ।
: जहां तुम्हे कंफर्टेबल लगे ( मैने उसे रिलैक्स किया ताकि उसे शक न हो )

: उम्मम तो फैंटम रेस्तरां में मिले ( शबनम ने तपाक से जवाब दिया )
: वहां ? वहां तो ड्रिंक वगैरह भी होती है न , रिस्की नहीं है ( मैने थोड़ा बात को गंभीरता से लिया क्योंकि मैं जानता था फैंटम रेस्तरां के बारे में , कई बार सिराज के साथ जा चुका था और आहूजा का भी फेवरेट बार उसी में था । वहां के रेस्तरां में जमकर अय्याशी डांस क्लब और खाना पीना होता था । मगर शबनम जैसी लड़की जो समाज की नजरो ने इतनी सीधी और सरल है उसका वहां से नाता होना ताज्जुब की बात थी )
: अरे ड्रिंक होता है इसलिए तो उधर जाना है क्योंकि वो रेस्तरां मेरे मामू को बिल्कुल पसंद नहीं तो वहां कोई डर नहीं है इसीलिए ( वो खुश होकर बोली )
: ओह्ह्ह्ह फिर ठीक है ( मैने उसकी बातों पर सहमति दिखाई क्योंकि उसकी सभी बातें काटना मुनासिब भी नहीं था )
उसके बाद फिर हम दोनो थोड़ी बातें करके सो गए


********************************

अगली सुबह मेरी आंख खुली अजीब सी सुस्ती थी बदन में अड़ाई ली तो लंड एकदम फ़नफ़नाया हुआ , पता चला जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं ।
चौक कर बगल में देखा तो अम्मी बेसुध सोई हुई थी नंगी
अम्मी ने अपना बदन भी नहीं ढक रखा था , उनके बड़े बड़े रसीले मम्में चोंच उठाए मुझे ही देख रहे थे ।


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नजर पड़ते ही होठ रसाने लगे मेरे और लंड पूरा लोहे के जैसे

नीचे देख तो एक पैंटी जो अम्मी के चूतड़ों के कही खो गई थी बस कमर के पास ही नजर आ रही थी और उनकी विशाल गोरी गाड़ देखकर सिहर उठा मै
रात की यादें ताजा हो गई थी
उलझन भी थी कि रात में अम्मी की तस्वीरें निकालने के बाद मै एकदम से झड़ने लगा था और फिर पता नहीं क्या हुआ मुझे एकदम से याद नहीं था ।

घड़ी देखा तो अभी 5 बजने में भी समय था ।

रह रह कर अम्मी का नंगा कामुक बदन मुझे कामोत्तेजित किए जा रहा था , मगर हैरान करने वाली बात थी कि अम्मी ने क्या रात में मेरे कपड़े उतारे तो क्या अम्मी ने मेरे लंड को साफ भी किया होगा
कैसे हाथों से है फिर अपने होठों से
सोच कर ही लंड फौलादी हुआ जा रहा था
मैं हौले से बिस्तर से उतरा और अपना अंडर बाथरूम से लेकर आया
लंड अभी भी कड़क था , अम्मी के गुलगुले चूतड़ मुझे ललचा रहे थे , भोर की बेला में हार्मोन पिक पर थे रहा नहीं गया मुझसे और मै अम्मी के पास पहुंचा
उनके नंगे मखमली बदन पर हाथ फिराने लगा , और फिर कूल्हे छुते हुए लंड सहलाने लगा ।


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: उह्ह्ह्ह अम्मीईइ अह्ह्ह्ह्ह कितनी मुलायम गाड़ है आपकी , उम्मम कितनी मोटी और सेक्सी है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है पेल दु आपको उम्मम्म अमीजीईई
रह रह कर आंखे बंद कर अम्मी के मुलायम विशाल चूतड़ को महसूस कर अम्मी की रात की बातें याद कर रहा था
कैसे अम्मी धीरे धीरे खुद को मेरे आगे नंगी किए जा रही और कैसे धीरे धीरे अम्मी का पिछवाड़ा बढ़ता जा रहा था
अम्मी की मोटी मोटी जांघें और उनसे झांकती चूत के बार में ख्याल आते ही मेरे तन बदन में सनसनी फैल गई मै जोरो से अपना लंड भींचने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी अम्मीईई आह्ह्ह्ह खोलो न रात के जैसे अपनी गाड़ उठाओ न ओह्ह्ह फैला दो हा हा यस्स अम्मीईई हा अम्मीईई खोल दो ( मेरी कल्पनाओं में अम्मी की वो छवियां चल रही थी जब अम्मी बिस्तर पर झुक कर अपने पहाड़ जैसे चूतड़ फैला रही थी )

: ओह्ह्ह्ह गॉड अमीजीईईई अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म


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मै चिंघाड़ते हुए जोरो से लंड हिलाने और एक बार फिर मेरे सबर का फब्बारा फूटा और एक के बाद एक पिचकारिया अम्मी के बड़े भड़कीले चूतड पर जाती रही जाती रही
जबतक मै झड़ कर शांत नहीं हो गया

: शानू , कुत्ते ये क्या किया ( अम्मी जोर से गरजी )


जारी रहेगी
Behatreen update bhai, ammi ke pahadon ke darshan bhi ho gaye aur subah subah apana jharna bhi Baha diya shaanu ne, ab sirf ghoda daudana rah gaya hai,
Lagw Raho
 

Enjoywuth

Well-Known Member
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Bahut maza mache ...kya jabardast update

Beta bhi ammi aur abu ke rangraliyan main thoda dheere dheere samil ho raha hai aur ammi bhi sayad apne Jajabaaton ke aage majboor ho rahi hai ..uske pati door door se hi isme aag bhar rahe hai

Kya kare bechari phir uski shalei aakar bhi kuch garam kar deti hogi

Agala update ka bahut siddat se intejar hai bhai

Ek baat hai jo log pad kar comment kar rahe hai unko jo log padh kar comment nahi kar rahe hai, saja nahi milni chaiye ..unhe toh updates milte rahana chaiye
 

Motaland2468

Well-Known Member
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UPDATE 018

जन्नत की सैर

रात ढल रही थी और अम्मी अब पहले से बेहतर लग रही थी । खाना भी उन्होंने ही बनाया था ।
खाने के बाद मै अम्मी के कमरे से किताबें लेकर ऊपर जाने लगा

: कहा जा रहा है ( अम्मी ने टोका )
: जी ऊपर अपने कमरे में ( मै बोला )
: यही सो जा तू भी ( अम्मी बोली तो लेकिन तभी अब्बू का फोन आने लगा )
: अभी भी रुकूं या जाऊ ( मैने मुस्कुरा कर कहा )
: मार खायेगा तू ( अम्मी हस कर बोली ) वैसे भी मुझे तेरे अब्बू से कोई बात नहीं करनी है आज
: क्यों ? ( मैने पूछा )
: बस ऐसे ही , चल सो जा ( अम्मी ने बत्तियां बुझाई )

इधर फिर से फोन बजने लगा
: अम्मी उठा लो न
: तू नहीं जानता , इनकी आदत बिगड़ गई है फिर अभी ... ( अम्मी बोलते हुए चुप हो गई )
: तस्वीरें मागेंगे? ( मैने हिचक कर पूछा )
: हम्ममम
: तो भेज दो न , आप तो हमेशा भेजते ही हो न
: नहीं , तू दोपहर में सही कह रहा था , और मैने उसपे सोचा तो लगा कि इस बार वो आयेंगे पहले उनसे बात करूंगी कि क्यों चाहिए होती है उनको इतनी तस्वीरें।
: वो तो आप अभी भी पूछ लो ( मैने बड़े कैजुअली होकर कहा )
: तू नहीं जानता वो मुझे लपेटना जानते है , इसीलिए बात नहीं कर रही हूं ( अम्मी ने जवाब दिया )
: अम्मी ऐसे तो अब्बू जब साथ होंगे तो आप और भी कमजोर पड़ जाओगे ( मैंने थोड़ी सी बात छेड़ी)
अम्मी चुप रही और फिर फोन निकाल कर डायल करने लगी ।

फोन पर ..
: कहा बिजी थी जानेमन
: कही भी रहु आपको क्या ( अम्मी ने तुनक कर जवाब दिया और मै मुस्कुराने लगा )
: हाय हाय मेरी बेगम आज रुसवा है क्या ( अब्बू ने पुचकारा )
: हा हूं ( अम्मी ने भी नखरे दिखाए )
: दोपहर में गाड़ में नहीं डाला तो गुस्सा हो गई मेरी जान उम्मम ( अब्बू से एकदम से अपना अंदाज बदला और अम्मी ने हड़बड़ा कर फोन स्पीकर से हटाकर कान से लगा दिया और मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा )
अंधेरे में ये सोच कर कि दोपहर में अम्मी ने अब्बू से वीडियो काल पर मस्ती की , मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा और मै लंड सहलाने लगा लोवर के ऊपर से ।
: शर्म करो शानू के अब्बू , आप कभी भी शुरू हो जाते हो ( अम्मी ने मेरे सामने अब्बू को डांट लगाई )
: मेरी जान तेरी मोटी चौड़ी गाड़ के लिए बेशर्म होना पड़ेगा तभी तू उनका दीदार करवाती है , अह्ह्ह्ह्ह दिखा दे न फरीदा मेरी जान
: धत्त चुप रहो आप और फोन रखो ( अम्मी ने लाज से फोन काट दी और मैं मेरा मूसल थामे भीतर से खुश हो रहा था )

: सुना न कैसे दीवाने है तेरे अब्बू
: हीहिही हम्मम ( मै हंसा )
: इसीलिए फोन नहीं उठा रही थी ( अम्मी बोली लेकिन फिर से अब्बू का फोन आने लगा और मेरी हसी छूट गई )
: चुप कर तू कमीना कही का ( अम्मी ने शर्माते हुए मुझे डांटा)

अम्मी ने फिर से फोन उठाया ।
फोन पर ..
: हा कहिए
: क्या जान इतना भी क्या सताना , दिखा दो न , अच्छा फोटो ही भेज दो ( अब्बू सिहर कर बोले )
: करते क्या है आप मेरी इतनी सारी तस्वीरों का उम्मम पहले इसका जवाब दीजिए ( अम्मी ने ताव दिखा कर अब्बू से सवाल किया )
: अह्ह्ह्ह मेरी जान क्या बताऊं , कभी कभी तो जी चाहता है कि यहां कमरे में सारी दीवारें छत सब पर तेरी नंगी तस्वीरों से भर दूं और उनको अपने रस से नहलाऊ रोज अह्ह्ह्ह्ह तू नहीं जानती मै तेरे उन भड़कीले चूतड़ों का कितना दीवाना हु अह्ह्ह्ह फरीदा दिखा दे ना ( अब्बू की फैंटेसी के बारे में सोच कर ही लंड झटके खाने लगा और मै भी उस कमरे के बारे में कल्पनाएं करने लगा कि कितना कामुक माहौल होगा जब उस कमरे अम्मी को नंगी को उनके ऊपर मै अपने रस से उनको नहाऊंगा ओह्ह्ह्ह सोच कर लंड अकड़ गया )
: छीइइइ शानू के अब्बू आप बहुत गंदे हो ( अम्मी ने अब्बू की बातों को नकारा )
: अब तू जो समझे मै तो शादी के पहले ही तेरे नायब हिलते चूतड़ों का दीवाना हु और अब तो पल की दूरी सही नहीं जाती , बिना देखे नींद तक नहीं आती ओह्ह्ह्ह देख तेरे कसे मोटे मोटे चूतड़ के बारे में सोच कर मेरा लंड एकदम अकड़ गया है
: बस करिए शानू के अब्बू , अब सो जाइए बहुत हो गई आपकी दीवानी बातें , सब्बा खैर हम्ममम ( अम्मी ने अब्बू की बातें को इगनोर करती हुई बोली)
: अरे जान सुनो तो ( अब्बू बोलते रहे लेकिन अम्मी ने काल काट दिया )


कुछ देर तक चुप्पी रही और बीच बीच में अब्बू का काल आता तो अम्मी फोन काट देती ।
: अम्मी !!
: हम्म्म बोल ?
: भेज दो न तस्वीरें उनको आप , मै ऊपर जा रहा हूं
: नहीं , तू ऊपर नहीं जायेगा मै समझ रही हुं तेरी चालाकी, यही सो जा चुपचाप ( अम्मी ने डांट लगाई मुझे )
: अम्मी पक्का मै बाहर नहीं रहूंगा , अब्बू परेशान हो रहे है ( मैने उन्हें समझाया

: होने दे तेरे अब्बू को परेशान , तू क्यों हो रहा है परेशान चुप चाप सो जा
: अम्मी सॉरी , मुझे लगता है कि शायद आप मेरी वजह से अब्बू से बात नहीं कर रही है ( मै मासूम होकर बोला )
: ऐसा नहीं है बेटा , सच में इन दिनों उनकी आदत बिगड़ गई है
: अच्छा ठीक है , अभी फिलहाल एक फोटो भेज दो बाद में आए तो उनकी क्लास ले लेना आप हीहीहीही कबसे फोन पर फोन कर रहे है वो ।
: तू न तेरे अब्बू की ही साइड लेगा , कमीना कही का ( अम्मी खीझी और बत्ती जला दी )
: हीहीहीही ओके मै बाहर हु
: नहीं रुक और पीछे से मेरी फोटो निकाल दे ( अम्मी थोड़ा ठहर कर बोली )
: क्या मै ? अम्मी मै कैसे , अब्बू को क्या कहोगी कि कैसे निकाला तो ? ( सवाल मेरे जायज थे , मगर शायद एक औरत मर्दों से बेहतर उन्हें समझती है )
: तू उसकी फिक्र न कर , तेरे अब्बू को मै समझा लूंगी ( अम्मी खड़ी होकर सलवार के नाडे खोलने लगी )

अम्मी की इस हरकत से मै भीतर से कांपने लगा , लंड एकदम रॉड जैसा मोटा हो गया और सुपाड़ा पूरी तरह से लाल होकर फूलने लगा ,


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अम्मी ने अपना सूट ऊपर कर सलवार नीचे की , एक बार फिर अम्मी की बड़ी गाड़ मेरे आगे थी, पूरी गोल मटोल शेप और कसे कसे चिपके हुए चूतड़ , देखते ही गले से लार गटकने की नौबत आ है
सांसे पूरी उफान पर थी , अभी कल की बात थी कि अम्मी ने अपने सलवार मुझसे खुलवाए थे और आज अम्मी खुद मेरे आगे सलवार खोल कर मुझे ही तस्वीरें निकालने को कह रही थी ।
रहा नहीं जा रहा था ,लग रहा था पूरे बदन का खून मेरे लंड के इर्द गिर्द दौड़ रहा था
अजीब सी हड़बड़ाहट मची थी भीतर , सास उफना रही थी , लंड लोवर में ही पंप हो रहा था और सुपाड़े की गांठ पर जो कुलबुलाहट हो रही थी , मैने मुठ्ठी में भर कर मिजा तो लगा भलभला कर उगल ही देगा सब कुछ

एक तो अब्बू की गरम गर्म बातें उसपे से अम्मी की मोटी नंगी गाड़ ,
पिछले आधे घंटे से लंड अकड़ा हुआ था तो ये हाल जायज था ।

: बेटा अच्छी तो आ रही है न ( अम्मी ने गाड़ बाहर की ओर निकालकर कहा )
: जी ? जी अम्मी वो सूट ...( चूतड़ की ओर से सूट का किनारा अम्मी के कूल्हे ढके हुए था )
: रुक इसको निकाल देती हु (और अम्मी ने खड़े होकर अपने जिस्म से सूट निकाल दिया )
लंड की हालत और खराब , डर से मै मेरे सुपाड़े को हाथ नहीं लगाना चाह रहा था कब लावा फूट जाए , आड़ एकदम से भरे भरे महसूस हो रहे थे , नसे एकदम तनी हुई टपक रही थी अंदर से , पेडू में जोर पड़ रहा था


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अम्मी अब ब्रा में मेरे आगे खड़ी थी और नीचे से पूरी नंगी
आंखे फाड़ कर अम्मी की बेशर्मी मै निहार रहा था
: शानू !!
: जी अम्मी ( मेरी सांसे चढ़ने लगी थी , आंखो में नशा सा हो रहा था )
: निकाल न , देख क्या रहा है ( अम्मी ने मुस्कुरा कर कहा )
: जी वो ... ( मै अटक रहा था , अपने भीतर की कामवासना को खुल कर अम्मी से जाहिर करने में )
: ऊपर हो जाऊ ( अम्मी ने पूछा )
: हम्म्म ( क्या बोलता एकदम बदहवासी छाई थी मन में दिमाग काम करना बंद हो गया था )
मेरी अम्मी जिनके हसीन और गदराई हुस्न को कभी सपनो में तो कभी छिप कर देखा करता था आज अम्मी खुद ही दीदार करवा रही थी और तस्वीरें भी मुझसे ही निकलवा रही थी ।
अगले ही पल अम्मी घुटने के बल चढ़ती हुई बिस्तर पर आ गई


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अम्मी के बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ मेरे आगे थे , मोटी मोटी जांघें और उनके बीच कही झांकती झांटों की झाड़ियां

: अह्ह्ह्ह सीईईईईई अम्मीईइ ( रहा नहीं गया मै सिसक पड़ा )
: क्या हुआ
: अम्मी पेशाब लगी है करके आऊ ( मै अपना सुपाड़ा मुट्ठी में घिसते हुए कहा )
: बस एक फोटो निकाल दे तब जा ( अम्मी उसी हालत में झुके हुए बोली)
: अम्मी समझो जोर की लगी ( मै अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: बस एक और बेटा , मेरा राजा बेटा न फिर से मै ये सब नहीं कर पाऊंगी प्लीज बेटा
(और अगले ही पल अम्मी आगे पूरी झुक गई )
उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ हवा में साथ ही पिछे से अम्मी की चूत के फांके भी साफ साफ बिजिबल
अम्मी ने दोनों हाथ पीछे ले जाकर दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फाड़ने लगी
: बेटा बस ये वाला निकाल दे ( अम्मी अपने गाड़ फैलाते हुए बोली )


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मेरी आंखे सन्न रह गई और मेरे सबर का फब्बारा अम्मी के कसे हुए गाड़ के सुराख और फटे हुए भोसड़े को देख कर फूट पड़ा
: अह्ह्ह्ह अम्मीआईईईई अह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् कितनी सेक्सीईई हो आप उम्ममाअह ( मै लोवर में ही झड़ने लगा मेरा सुपाड़ा सारा का सारा माल बाहर उगलने लगा )


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मै हर झटके के साथ मै हवा में उड़ता रहा बंद किए आंखो के अम्मी के पहाड़ जैसे गाड़ की छवि को बसाए
और फिर ऐसा सुस्त पड़ा कि कुछ पल तक मुझे होश ही नहीं रहा ।
अम्मी की गालियां और गुस्से भरी बकबक कानो में आ रही थी , वो मुझे पकड़ कर हिला रही थी , मगर मै तो अपने ख्यालों में कही खोया हुआ था मानो जन्नत की सैर कर रहा था , मेरी अम्मी के नंगे जिस्म पर पारियों जैसे पर उग आए थे और वो नंगी ही मेरे आगे नाच रही थी खुले आसमान में और मै उन्हें निहार रहा था बस निहार रहा था ।

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रात के 11 बजने को हो रहे थे
अलीना से बातें करके मै सोने जा रहा था कि शबनम का मैसेज आया

: kaha ho , ghar waps aa gaye ??

उसका मैसेज देखकर मैने उसको फोन मिला दिया

फोन पर ....
: हाय
: कहा हो ( वो बोली )
: यहीं हु यार इतनी रात में जाने नहीं दिया मैम ने ( मै थोड़ा खीझ कर बोला )
: जाने नहीं दिया या तुम्हारा ही मन नहीं था जाने का हूह ( वो तुनक कर बोली , जैसे मेरी प्रेमिका हो )
: अरे यार मैम है ऐसा नहीं सोचते उनके बारे में ( मैने थोड़ा सा छेड़ा फिर से उसे )
: अच्छा , तो क्या मेरे बारे ने सोचने का लाइसेंस बनवाए हो ( वो थोड़ी खीझ कर बोली )
: यार तुम्हे सोच कर ही नीचे पंप होने लगता है अह्ह्ह्ह दिखा दो न ( मै सिहर कर बोला )
: धत्त गंदा , जाओ मैम का देखो हूह ( वो इतराई )
मैने झट से मोबाईल से अपने खड़े लंड को हिलाते हुए सेल्फी निकाली और उसको भेज दिया बातें करते हुए ही
: सच में झूठ नहीं कर रहा , देखो भेजा हु कुछ


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: छीइईईई गंदा, तुम नंगे हो क्या कमरे में ( वो तस्वीर देखकर भिनक कर बोली )
: यार मैम के नाइटी में गाड़ मटका मटका कर हालत खराब कर दी है , वो तो तरसा रही है तुम तो ना तसराओ न शबनम प्लीज भेजो न लेगी उतार कर
: ऊहू , शानू प्लीज ऐसी बाते मत करो उम्मम्म ( वो सिहर उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बस एक वीडियो लेगी उतार कर प्लीज , बस एकबार मान जाओ न । नहीं तो सारी रात मुझे नीद नहीं आएगी
: तुम बहुत गंदे हो शानू ( वो थोड़ा थोड़ा रास्ते पर आ रही थी
: प्लीज न शबनम बस एक बार अह्ह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म
: उम्मम्म शानू नहीं मुझसे नहीं हो पाएगा ( उसकी चढ़ती सांसे मै महसूस कर रहा था )
: प्लीज न प्लीज
: ओके, बस एक ही
: हम्म्म जल्दी
फोन कट गया और मै वेट करने लगा

4 मिनट बाद एक वीडियो आई पूरे डेढ़ मिनट की
वीडियो देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
शबनम ने लेगी उतार कर सुबह वाली कुर्ती में थी और उसकी नरम नरम चूतड़ पर ब्लैक लेस वाली पैंटी थी एकदम चुस्त और टाइट वो कैमरे के आगे अपने गाड़ घुमा घुमा कर दिखा रही थी और सिसक कर थी


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: यू वांट इट बेबी उम्मम ( वीडियो में शबनम के अल्फ़ाज़ जब वो अपने चूतड़ पर पंजे जड़ रही थी )
ओह्ह्ह यस्स बेबी आई वांट इट ( शबनम की भेजी हुई वीडियो देखकर मै लंड हिलाते हुए बोला और देखते ही देखते शबनम ने वीडियो में कुर्ती भी निकाल दी )


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मैचिंग ब्लैक लेस वाली ब्रा पैंटी में उसका जिस्म एकदम कसा कसा और भरा भरा था , उसके नारंगी जैसे चूचे खूब चुस्त और टाइट नजर आ रहे थे और पतली कमर देख कर लंड सलामी दिए जा रहा था ।
वीडियो खत्म होने को थी कि फिर से शबनम का काल आने लगा

फोन पर ...
: कर लिए न मन की , अब खुश ( वो इठलाई )
: अह्ह्ह्ह शब्बू शब्बू उम्मम क्या पटाखा हो तुम यार उम्मम लंड बैठ ही नहीं रहा है सीईईईई अह्ह्ह्ह क्या करूं इसका आजाओ न ( मै कामवासना में लिप्त होकर उससे बोला )
: शानू तुम भी मुझे बेचैन कर देते और तुम्हारा वो ... अह्ह्ह्ह मुझे भी मिलना है तुमसे
: आजाओ न मेरे पास कल रूम पर मेरे ओह्ह्ह्ह ( मै अपना लंड मसल कर बोला )
: नहीं नहीं उधर तो मामू ड्यूटी के लिए जाते है कही और मिले ( शबनम ने चहकपने में कहा और मै समझ गया कि जरूर वो अपना अड्डा बताएगी इससे पहले मै ही अपना दाव चल दू)
: मेरा रूम बहुत ही सेफ है शब्बू , तुम बुरखा डाल लेना न ( मैने उसे सजेस्ट किया )
: अरे बुरखे में निकलऊंगी तो घर पर लोग सवाल करेंगे ( वो परेशान होकर बोली जैसे कितने जवाब तैयार हो उसके पास मगर मैने भी अपना इरादा तय कर रखा था )
: ओहो यार बुर्का बैग में रख लेना और किसी रेस्तरां में चल कर पहन लेना , देखो अब कोई बहाना नहीं, प्लीज मान जाओ न
: तुम यार ( शबनम उलझी हुई थी )
: प्लीज यार भरोसा तो रखो , अब और नहीं रहा जायेगा मुझसे
: ठीक है , लेकिन कहा मिलेंगे हम लोग ।
: जहां तुम्हे कंफर्टेबल लगे ( मैने उसे रिलैक्स किया ताकि उसे शक न हो )

: उम्मम तो फैंटम रेस्तरां में मिले ( शबनम ने तपाक से जवाब दिया )
: वहां ? वहां तो ड्रिंक वगैरह भी होती है न , रिस्की नहीं है ( मैने थोड़ा बात को गंभीरता से लिया क्योंकि मैं जानता था फैंटम रेस्तरां के बारे में , कई बार सिराज के साथ जा चुका था और आहूजा का भी फेवरेट बार उसी में था । वहां के रेस्तरां में जमकर अय्याशी डांस क्लब और खाना पीना होता था । मगर शबनम जैसी लड़की जो समाज की नजरो ने इतनी सीधी और सरल है उसका वहां से नाता होना ताज्जुब की बात थी )
: अरे ड्रिंक होता है इसलिए तो उधर जाना है क्योंकि वो रेस्तरां मेरे मामू को बिल्कुल पसंद नहीं तो वहां कोई डर नहीं है इसीलिए ( वो खुश होकर बोली )
: ओह्ह्ह्ह फिर ठीक है ( मैने उसकी बातों पर सहमति दिखाई क्योंकि उसकी सभी बातें काटना मुनासिब भी नहीं था )
उसके बाद फिर हम दोनो थोड़ी बातें करके सो गए


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अगली सुबह मेरी आंख खुली अजीब सी सुस्ती थी बदन में अड़ाई ली तो लंड एकदम फ़नफ़नाया हुआ , पता चला जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं ।
चौक कर बगल में देखा तो अम्मी बेसुध सोई हुई थी नंगी
अम्मी ने अपना बदन भी नहीं ढक रखा था , उनके बड़े बड़े रसीले मम्में चोंच उठाए मुझे ही देख रहे थे ।


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नजर पड़ते ही होठ रसाने लगे मेरे और लंड पूरा लोहे के जैसे

नीचे देख तो एक पैंटी जो अम्मी के चूतड़ों के कही खो गई थी बस कमर के पास ही नजर आ रही थी और उनकी विशाल गोरी गाड़ देखकर सिहर उठा मै
रात की यादें ताजा हो गई थी
उलझन भी थी कि रात में अम्मी की तस्वीरें निकालने के बाद मै एकदम से झड़ने लगा था और फिर पता नहीं क्या हुआ मुझे एकदम से याद नहीं था ।

घड़ी देखा तो अभी 5 बजने में भी समय था ।

रह रह कर अम्मी का नंगा कामुक बदन मुझे कामोत्तेजित किए जा रहा था , मगर हैरान करने वाली बात थी कि अम्मी ने क्या रात में मेरे कपड़े उतारे तो क्या अम्मी ने मेरे लंड को साफ भी किया होगा
कैसे हाथों से है फिर अपने होठों से
सोच कर ही लंड फौलादी हुआ जा रहा था
मैं हौले से बिस्तर से उतरा और अपना अंडर बाथरूम से लेकर आया
लंड अभी भी कड़क था , अम्मी के गुलगुले चूतड़ मुझे ललचा रहे थे , भोर की बेला में हार्मोन पिक पर थे रहा नहीं गया मुझसे और मै अम्मी के पास पहुंचा
उनके नंगे मखमली बदन पर हाथ फिराने लगा , और फिर कूल्हे छुते हुए लंड सहलाने लगा ।


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: उह्ह्ह्ह अम्मीईइ अह्ह्ह्ह्ह कितनी मुलायम गाड़ है आपकी , उम्मम कितनी मोटी और सेक्सी है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है पेल दु आपको उम्मम्म अमीजीईई
रह रह कर आंखे बंद कर अम्मी के मुलायम विशाल चूतड़ को महसूस कर अम्मी की रात की बातें याद कर रहा था
कैसे अम्मी धीरे धीरे खुद को मेरे आगे नंगी किए जा रही और कैसे धीरे धीरे अम्मी का पिछवाड़ा बढ़ता जा रहा था
अम्मी की मोटी मोटी जांघें और उनसे झांकती चूत के बार में ख्याल आते ही मेरे तन बदन में सनसनी फैल गई मै जोरो से अपना लंड भींचने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी अम्मीईई आह्ह्ह्ह खोलो न रात के जैसे अपनी गाड़ उठाओ न ओह्ह्ह फैला दो हा हा यस्स अम्मीईई हा अम्मीईई खोल दो ( मेरी कल्पनाओं में अम्मी की वो छवियां चल रही थी जब अम्मी बिस्तर पर झुक कर अपने पहाड़ जैसे चूतड़ फैला रही थी )

: ओह्ह्ह्ह गॉड अमीजीईईई अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म


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मै चिंघाड़ते हुए जोरो से लंड हिलाने और एक बार फिर मेरे सबर का फब्बारा फूटा और एक के बाद एक पिचकारिया अम्मी के बड़े भड़कीले चूतड पर जाती रही जाती रही
जबतक मै झड़ कर शांत नहीं हो गया

: शानू , कुत्ते ये क्या किया ( अम्मी जोर से गरजी )


जारी रहेगी
Zabardast update bhai ab story speed pakd rahi hai
 
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हमारे शाहरुख सर ने कहा था कि किसी चीज को पुरी शिद्दत से चाहो तो पुरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश मे लग जाती है ।
इस कहानी के हीरो ने भी बड़ी शिद्दत से फरीदा मैम को चाहा था और इस शिद्दत का फल मिलना शुरू हो गया है । लेकिन प्रमुख बात यह है कि हीरो को यह फल किश्त बाई किश्त मिल रहा है । एकमुश्त नही मिल रहा है ।
एकमुश्त पुरी तरह निर्भर करता है मैडम फरीदा मैम पर ।

इधर वर्तमान मे शबनम मैडम के साथ भी हीरो का पैचअप , लगता है कि हो गया है । शबनम अब हीरो के रंग मे पुरी तरह रंग चुकी है । बस , बिस्तर तोड़ने की कसर बाकी है ।

एक बार फिर से पास्ट और वर्तमान का बेहतरीन सामंजस्य बैठाया है आपने । सिडक्सन प्रभावी और स्लो रूप मे है । संवाद सिचुएशन के अनुकूल और उत्तेजक है ।
पिक्चर और विडिओ क्लिप के बारे मे क्या ही कहा जाए !
कभी लगता है इन पिक्चर और विडिओ को ध्यान मे रखकर स्टोरी गढ़ा गया है , कभी प्रतित होता है स्टोरी को ध्यान मे रखकर पिक्चर और विडिओ बनाया गया है ।
यह वाकई मे अविश्वसनीय है ।

बहुत बहुत ही शानदार अपडेट भाई ।
रीडर्स की परवाह किए वगैर आप अपना काम करते रहिए । ऐसी बहुत सारी स्टोरी है जहां तीन चार से ज्यादा रीडर्स नही है लेकिन राइटर इसकी चिंता किए वगैर अपना कमिटमेंट पुरा करते जा रहा है । ऐसी कई स्टोरी पर , ऐसे कई थ्रीड पर मै स्वयं मौजूद हूं ।
और आप तो वैसे भी काफी सुलझे हुए इंसान हो । आप की लेखनी अन्य राइटर्स से अलग पहचान बनाती है ।
 

Vishalji1

I love women's @ll body part👅lick(peelover)
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Jab maa khud apni gand nangi karke bete ko dikhate hue kahe ek photo nikal de to beta ka to niklega hi apni maa ki moti gand aur bur dekh ke
 
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सपनों का सौदागर 😎
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मस्त अपडेट
शुक्रिया रेखा जी
मगर आप भी इन दिनों थोड़ी रूठी रूठी सी है
ना अपनी कहानी शुरू कर रही है
ना हमारी कहानी पढ़ रही है

आपके शब्दों के दर्शन मिले तो कहा मिले
आज भी बस हुंकारी भर कर निकल गई :D
 
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