हमारे शाहरुख सर ने कहा था कि किसी चीज को पुरी शिद्दत से चाहो तो पुरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश मे लग जाती है ।
इस कहानी के हीरो ने भी बड़ी शिद्दत से फरीदा मैम को चाहा था और इस शिद्दत का फल मिलना शुरू हो गया है । लेकिन प्रमुख बात यह है कि हीरो को यह फल किश्त बाई किश्त मिल रहा है । एकमुश्त नही मिल रहा है ।
एकमुश्त पुरी तरह निर्भर करता है मैडम फरीदा मैम पर ।
इधर वर्तमान मे शबनम मैडम के साथ भी हीरो का पैचअप , लगता है कि हो गया है । शबनम अब हीरो के रंग मे पुरी तरह रंग चुकी है । बस , बिस्तर तोड़ने की कसर बाकी है ।
एक बार फिर से पास्ट और वर्तमान का बेहतरीन सामंजस्य बैठाया है आपने । सिडक्सन प्रभावी और स्लो रूप मे है । संवाद सिचुएशन के अनुकूल और उत्तेजक है ।
पिक्चर और विडिओ क्लिप के बारे मे क्या ही कहा जाए !
कभी लगता है इन पिक्चर और विडिओ को ध्यान मे रखकर स्टोरी गढ़ा गया है , कभी प्रतित होता है स्टोरी को ध्यान मे रखकर पिक्चर और विडिओ बनाया गया है ।
यह वाकई मे अविश्वसनीय है ।
बहुत बहुत ही शानदार अपडेट भाई ।
रीडर्स की परवाह किए वगैर आप अपना काम करते रहिए । ऐसी बहुत सारी स्टोरी है जहां तीन चार से ज्यादा रीडर्स नही है लेकिन राइटर इसकी चिंता किए वगैर अपना कमिटमेंट पुरा करते जा रहा है । ऐसी कई स्टोरी पर , ऐसे कई थ्रीड पर मै स्वयं मौजूद हूं ।
और आप तो वैसे भी काफी सुलझे हुए इंसान हो । आप की लेखनी अन्य राइटर्स से अलग पहचान बनाती है ।