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Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी सम्मानित नागरिकों को सुचित किया जा रहा है
परसों देर रात आपके भाई का चार लोगों ने जबरन पकड़ कर
तिलक कर दिया है , तबसे घर से बाहर आना जाना नहीं हो पा रहा है
मक्खियों के जैसे कजिन्स और कजिंसीया पूरा दिन आगे पीछे भिनभिना रही है , मोबाइल खोलने तक की फुरसत नहीं हो पा रही है । ऐसे में अपडेट न लिख पा रहा हु और जो है उसे पोस्ट करने की फुरसत नहीं है ।
अभी भी पाखाने के बाहर दरवाजा पीटा जा रहा है , हगने भी नहीं दे रहे है
घुइयां के बीज सारे:buttkick:

अत: आप सभी बंधुओ से निरोध है कि अगर इधर दो चार रोज में अपडेट देने में सक्षम रहा तो जरूर मिल जाएगा
अन्यथा क्षमा प्रार्थी रहूंगा ।
सारी कहानी
फेरे और सुहागरात के बाद ही बढ़ेगी ।


आपके बधाईयों की प्रतीक्षा रहेगी
सुहागरात के लिए चियरअप जरूर करिएगा 🙏
आपका बड़े लौड़े वाला छोटा भाई
DREAMBOY40
 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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गुलाबी चाय


: अरे शानू बेटा तुम ??? ( दरवाजा खोलते हुए मुझे सामने देखकर सिराज की अम्मी बोली और मेरी नजर हाल में सीढ़ियों से फुर्ती से उतरती अलीना पर थी । जमीला ने गर्दन घुमा कर उसकी ओर देखा तो अलीना नजरे चुराने लगी )
: सिराज भी आया है क्या ( जमीला ने गर्दन बाहर कर देखा और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी )
: जी नहीं , वो आज साइट विजिट करने गया है और मुझे आज ऑफिस में काम नहीं था तो सोचा आपसे मिलता चलूं (मैने बातें घुमाने की पूरी कोशिश की मगर जमीला समझ चुकी थी )
: मेरे हाल तो एकदम अच्छे है लग रहा है शायद किसी और की तबियत बिगड़ी हुई है ( जमीला मुस्कुराते हुए अलीना को देखा जो नजरे चुराते हुए मुस्कुरा रही थी )

: अरे अलीना बेटा , शानू को नाश्ता करवाओ मै तबतक नहा लेती हूं, ( ये बोलकर जमीला अपने बड़े से चूतड़ एक ढीली नाइटी में मटकाती हुई अपने कमरे की ओर चली गई)
मै उनके हिलकोरे खाते चूतड़ों को एक टक निहार रहा था इतने में अलीना मेरे करीब आ चुकी थी

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: उस रात यही वाली थी क्या ( अलीना का इशारा जमीला के काटन की नाइटी पर था जो वो पहने हुए थी )
: ऊहू .... ब्लैक साटिन ( बोलते हुए मै मुस्कुराया )

: वैसे गुलाबी चाय पियोगे या फिर ब्लैक कॉफी ( अलीना ने दोहरे शब्दों में ऑफर किया और मेरी नजर उसकी गुलाबी टॉप पर थी जिसमें उसके निप्पल हार्ड होकर टीशर्ट फाड़ने को आतुर दिख रहे थे )
: तुम्हारे हाथों की कुछ भी चलेगी ( मै अलीना को बोलकर जमीला को उसके कमरे से बाथरूम की ओर जाते देखने लगा उनके कपड़ो के नीचे से गुलाबी रंग की ब्रा लटकी हुई थी। उसे देखते ही पल भर में कुछ यादें जहन में ताजा सी हो गई


: मै नहाने जा रही हु , ये कपड़े तू वाशिंग मशीन में डाल देना ( अम्मी ने फरमाया )
: जी अम्मी लेकिन ये आपकी सलवार रंग छोड़ती है न , इसको भी डालनी है क्या
: हा डाल दे और वाशिंग मशीन में जो हल्के रंग के कपड़े होंगे उन्हें बाहर बाल्टी में अलग करके चला देना ( अम्मी बाथरूम में घुसकर कड़ी लगाते हुए बोली )
मै सारे कपड़े लेकर जीने के नीचे रखे वाशिंग मशीन के पास पहुंचा , एक दो मेरे शर्ट के अलावा अम्मी के कपड़ो में लिपटी हुई मुझे एक गुलाबी पैंटी ब्रा का सेट मिला ।

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मैने उसे बाहर निकाला और बाथरूम की ओर देखा । वहा से टोटी की आवाज आ रही थी मै मेरे हाथ में अम्मी के मुलायम ब्रा और पेंटी को भरने लगा । अम्मी की पहनी हुई ब्रा और पैंटी का स्पर्श मुझे पागल कर रहा था और मेरा लंड एकदम से फड़फड़ाने लगा।


: इसे अभी काबू में रखो ( अलीना ने पेंट में उठे तम्बू को दबाते हुए मेरे पास नाश्ते की ट्रे रखते हुए बोली )

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: सीईईई अह्ह्ह्ह्ह अब बर्दाश्त नहीं होता ( मैने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसको अपनी ओर खींचा और उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ लिए । मेरे हाथ उसके लोवर के ऊपर से उसके कूल्हे मसलने लगे और वो भी पूरे जोश में मेरे लिप्स चूसने लगी )
: नहीं रुका जाता तो चले जाओ न , अम्मी मना थोड़ी न करेंगी ( वो मेरे पैंटी के ऊपर से मेरे अकड़े सुपाड़े को मुठ्ठी में भरते हुए बोली और मेरी आंखे उलटने लगी )
: चलो न देखते है कैसे नहाती है अम्मी ( मेरी आंखो में एक चमक सी उठी और वो हसने लगी ... मैने दो बार और उसे मनाया लेकिन उसने मना कर दिया )
: मै अभी आया ( ये बोलकर मै बाथरूम की ओर चला गया)
पानी की आवाज तेज थी उधर वाशिंग मशीन भी शुरू हो चुका था

मैने लपक कर किचन से एक स्टूल खींच लाया और बाथरूम के बाहर लगा कर खड़ा हो गया , मगर अभी भी बाथरूम का रोशनदान ऊंचा था ।
जेब टटोल कर मोबाईल निकाला और फ्लैश ऑफ करके वीडियो कैमरा की रिकॉर्डिंग चालू कर दी ।
दिल के जज्बात भीतर से उफान पर थे और लंड पूरी बगावत पर , मोबाइल ने आज चीजे काफी आसान कर दी थी मगर दिल में डर था कि कही अम्मी दरवाजा न खोल दे इसीलिए कुछ 20-25 सेकेंड के बाद मै नीचे उतर आया और किचन में स्टूल रख कर मोबाइल चालू कर अपना लंड लोवर में मसलने लगा : अह्ह्ह्ह अम्मी कितनी बड़ी गाड़ है आपकी सीईईईईईआईआई अअह्ह्ह्हह

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मोबाइल में अम्मी बाथरूम में शावर ले रही थी और बालों से शैम्पू रिस कर पूरे बदन पर फेल रहा था और जब झाग अम्मी के गाड़ के दरारों में जाने लगा तो अम्मी उंगली डाल कर अपनी गाड़ साफ करने लगी जिसे देख कर मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था ।


मै वापिस लालच में बाथरूम की ओर बढ़ा कि सामने अम्मी ने दरवाजा खोल दिया और मैने झट से मोबाईल जेब में डाल दिया
: अरे बेटा , क्या हुआ फ्रेश होना है क्या ( सिराज की अम्मी एक काटन की नाइटी में मेरे आगे खड़ी थी उनके बालों में तौलिया लगा हुआ था और पूरी छाती गहरे गले वाली नाइटी से झलक रही थी )
: मै तो आपके साथ नहाने आ रहा था ( मैने धीरे से बड़बड़ा कर उनको आंख मारी )
: धत्त बदमाश कही का , बाहर तेरी हीरोइन है चुपचाप पेशाब करके आजा । अगर रात रुकेगा तो कुछ हो सकता है ( सिराज की अम्मी ने मुस्कुरा कर देखते हुए अपने बड़े बड़े मटके हिलाती हुई अपने कमरे की ओर चली गई । )

वही बाहर आने पर अलीना की हसी नहीं रुक रही थी
: यार इतनी जल्दी कौन नहाता है ( मै सफाई देते हुए बोला)
: उस रोज भी वो नहा कर आई थी न कमरे में ( अलीना ने मेरी यादें करते हुए बोली )
: हम्म्म शायद ? ( मै मुस्कुरा )
: शानू बेटा देखना हाल में मोबाईल है क्या ( सिराज की अम्मी ने आवाज दी )
: जाओ मोबाईल के बहाने इसकी थोड़ी सेवा करवा लेना , मै इंतजार कर रही हु ऊपर ( अलीना ने मेरे कड़े लंड को एक बार फिर से पेंट के ऊपर से मसला और मै जमीला का मोबाइल सोफे से उठा कर उनके कमरे की ओर बढ़ गया )

: जी अम्मी ये लो ( अम्मी को मोबाइल देते हुए मै बोला )
: बेटा वो कपड़े वाशिंग मशीन ने निकाल कर छत पर डाल आ और बाकी दूसरे कपडे मशीन में डाल कर चला दे ( अम्मी अपने बाल फोड़ती हुई बोली और मोबाइल मेरे हाथ से ले लिया)
मै वाशिंग मशीन से कपड़े निकाल कर बाल्टी में रखने लगा और मशीन चालू कर धुले हुए कपड़े लेकर ऊपर जाने लगा । सीढ़िया चढ़ते हुए मुझे महसूस हुआ कि अम्मी ने एक बार कमरे से बाहर आकर मेरी ओर देखा था और जैसे ही मैं घुमा वो कमरे में घुसती हुई मुझे नजर आई।
मैने बाल्टी वही रास्ते में छोड़ कर दबे पाव सीढ़िया सरकता हुआ नीचे आया और कमरे पास खड़ा होकर आवाजे सुनने लगा

: हा बाबा वो भी भेज रही हु , आपको तो बड़ी जल्दी रहती है
: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हे नंगी देखने के लिए मेरी बेताबी का अंदाजा भी नहीं लगा सकती हो
अम्मी अब्बू को अपनी नंगी तस्वीरों की स्नैप भेज रही थी ये सोच कर ही मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा लेकिन अगले ही पल मेरे अरमानों पर पानी फिर गया
: हो गया
: ओके मेरी जान अब गैलरी से सारी फोटो डिलीट कर दो , शानू के हाथ न लगे ( बहिनचोद मेरी जान हलक में , अलग अम्मी ने गैलरी खोली तो उनकी नहाने वाली वीडियो उनके हाथ लग जाएगी । मेरी सांसे धक धक होने लगी , मन ही मन खुदा से आज तक जीवन भर की गई सभी अच्छाइयों के बदले एक पाप से बचाने की भीख मांगने लगा )
: हा गया , वो कैमरा वाला पूरा फोल्डर ही डिलीट कर दिया , अब खुश ( अम्मी तुनक कर बोली )
: तुम खफा न हो बेगम , ये सब शानू के भले के लिए ही है और इससे उसके और हमारे बीच के रिश्तों में दूरी आयेगी । तुम समझो न
: हा हा समझ गई मेरे साजन , आप मुझे कही भी बेपर्दा होने नहीं देंगे , अब मै तैयार हो जाऊं ( अम्मी इतरा कर बोली )
: हा हो लो न मेरी जान , बस तैयार होकर एक अच्छी से तस्वीर भेजना फूल वाली
: शानू से खिंचवानी पड़ेगी , चलेगा न ( अम्मी खिलखिलाई )
: बस कपड़े पहन कर खिंचवाना हाहाहाहाहा ( अब्बू ठहाका लगाकर हंसे)
: धत्त गंदे कही के रखो ( अम्मी लजा कर फोन रख दी और मै भी ऊपर चला गया कपड़े डालने )



: उह्ह्ह्ह छोड़ न बदमाश कही का अह्ह्ह्ह कैसे मसल रहा है उम्मम्म बेटा रहने दे
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी आपको देखने के बाद अब रहा ही नहीं जाता इसीलिए तो आपके पास चला आया ( मैने जमीला की मोटी मोटी चूचियां नाइटी के ऊपर से मसलता हुआ बोला )
: चल झूठा कही , मुझे सब पता है तू अपनी हीरोइन के लिए आया है , साफ साफ बोल क्यों नहीं देता उससे कि तू भी उसे चाहता है ।किइईईतनीईई प्यारी बच्ची है उम्मम्म बेटा मान जा न रात में प्लीज ओह्ह्ह्ह ( मेरे पंजे अब ऊपर से नाइटी में घुस कर जमीला ने ब्रा के ऊपर से उसके चूचों को मसल रहे थे । )
: प्यारी तो आप भी हो न अम्मी और कितनी प्यारी आपकी दूध की ये टंकिया है और सबसे प्यारे होठ आपके ( मैने झुक कर जमीला के मोटे होठों को चूस लिया वो पूरी तरह भीतर से सिहर उठी )
: अपने होठों को जरा इसपर सजाओ न ( मैने उनका हाथ अपने पेंट के ऊपर से कड़क लंड पर रखा , जैसे उसकी गर्मी हथेली से उनके ठंडे जिस्म में उतरने लगी और वो एकदम से सिहर उठी )
: अरे मेरे पगलू मेरे होठों ने कब इंकार किया है इससे , आज मौका उसके होठों की हामी लेले जा ( जमीला ने बड़ी अदा से मेरे लंड और चेहरे को सहलाते हुए बोली )
: लेकिन कोई रिश्क तो नहीं होगा न , मतलब कोई आ गया तो ( मैने उनके सामने नाटक किया)
: मै हु न , कोई नहीं आएगा
: थैंक यू अम्मी ( मैने झुक कर उनके बूब्स मसलते हुए उनके लिप्स को चूसा और कमरे से निकल गया )
: बावरा कही का , प्यार करता है लेकिन मानता नहीं हीहीहीही ( कमरे से निकलते हुए अम्मी की आवाजें मेरे कानो में पड़ी और मैं मुस्कुराता हुआ तेजी से ऊपर चला गया ।)
बाथरूम से शावर की आवाज आ रही थी और मै तबतक अलीना के कमरे का जायजा लेता हुआ बिस्तर पर लेट गया और मोबाइल देखने लगा ।

: हाय जानेमन ( अलीना ने बड़ी अदा से इतराते हुए कहा और उसको ब्लैक ट्रांसपैरेंस नाइटी में देख कर मेरी आंखे चमक उठी और मै बिस्तर से उठने को हुआ

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: आहा उठना मत , मै आ रही थी ( उसने उंगली से इशारे करते हुए कहा और बिस्तर पर चढ़ गई )
उसकी नाइटी जांघों तक भी नहीं थी और उस पारदर्शी नाइटी के उसकी ब्लैक पैंटी साफ़ साफ़ झलक रही थी और उसकी वैक्स हुई लंबी चिकनी गोरी गोरी टांगे देख कर पैंट में मेरा लंड बगावत पर उतर गया था
मै अवाक होकर उसके उसके इस रूप को निहार रहा था और वो मेरे करीब खड़ी हो गई , रुका नहीं गया मुझसे और मैने हाथ बढ़ा कर उसकी जांघों को पर पंजे लगा दिए , इतना मुलायम और इतना फिसलन भरा अहसास हुआ मानो मेरा दिल जिगर सब कुछ आज पिघल ही जाएगा ।
उसकी जांघों को हाथों में भर कर उसके करीब आकर उसके जिस्म से आती खुशबू को नथुनों में भरते हुए मैने आंखे बंद कर उसके जांघों को चूमा और वो सिसक पड़ी ।
उसकी एडी सीधा मेरे तंबू पर थी और जींस के ऊपर से ही वो एड़ी से मेरे सुपाड़े को मसल रही थी
मेरे हाथ उसके चिकनी जांघों को सहला रहे थे चूम रहे थे ।

: उस रोज अम्मी ने ऐसे ही पहना था ना ( वो मुझे सताते हुए बोली और
मैंने उसकी ओर देख कर हा में सर हिलाते हुए उसके जांघों को चूमते हुए चूत की ओर बढ़ने लगा और वो मेरे सर को पकड़ कर सिसकने लगी
: अह्ह्ह्ह्ह बताओ न कैसे किया था ( वो कामोत्तेजना के नशे में तैरती हुई बोली )
मेरे पंजे अब उसके नंगे चूतड़ पर थे क्योंकि पैंटी तो उसके दरारों में कही छिपी हुई थी , मै उन्हें मसल रहा था सहला रहा था फैला रहा था और मेरे होठ उसके पैंटी के ऊपर से चूत के ऊपर रेंग रहे थे ।
: उम्मम बताओ न जान, क्या वो ऐसे तुम्हारी गोद में थी ( वो सरक कर नीचे आ गई और मेरे ऊपर बैठ गई )
मैने मुस्कुरा कर न में सर हिलाते हुए उसके कंधे को सहलाते हुए उसके हाथ पकड़ कर अपने चेहरे से लगाने लगा , उसके उंगलियों का स्पर्श मुझे भीतर से और जोशीला किए जा रह था । मेरा तन मन भीतर से चाह रहा था अलीना मुझे अपनी बाहों में कस ले मुझे हर तरह से छूए जैसे उसने मेरे मन को छू लिया था ।अलीना मेरे लंड पर स्वार थी और जींस के ऊपर से ही तम्बू पर अपनी चूत घिसने लगी थी , मगर घुमा फिरा कर सवाल वही था
: बताओ न मेरी जान ( मैंने उसे कस कर अपने करीब कर लिया और उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ दिए )
वो पूरी जोशीली होकर मेरे लिप्स पर टूट पड़ी और चूत को दुगरी रफ्तार से मेरे लंड पर घिसने लगी , मेरा लंड भीतर से फड़फड़ा रहा और अब मै उसे ज्यादा देर तक अंदर रख नहीं सकता था
मैने जींस के बटन खोल कर जिप नीचे कर दी और लंड बाहर , इससे पहले अलीना मेरे लंड को थामती मै उसको झटक कर बिस्तर पर लीटा दिया और उसको पीछे से करवट लेके पकड़ लिया
: उम्मम धत्त बदमाश मेरा माल मेरे हाथ में तो दो , तभी तुम बोलोगे ( वो मेरी बाहों में खिलखिलाते कसमाते हुए बोली )
: उह्ह्ह्ह ऐसे ही पकड़ने दो न ( मैने नाइटी के ऊपर से उसके नारियल से कड़क मोटे मोटे चूचों को दोनो पंजों में भरते हुए कहा और फड़कता लंड सीधा उसकी गाड़ के दरखतो में , पतली सी थांग वाली पैंटी भला मेरे नुकीले बांस की चोट को कैसे रोकती , दुबक कर उन्हीं दरारों में अड़स सी गई , सुपाड़ा उसके दरारों को चीरता हुआ आग उगलता अलीना के पिछली दरवाजे पर दस्तक दे रहा था और मेरे जीभ उसके चिकने कंधे और गर्दन पर रेंग रहे थे )
एड़िया उसके पंजों पर घिस कर गजब की गर्माहट पैदा कर रही थी , पूरे बदन में हल्की गुदगुदाहट सी हो रही थी , उसकी चिकनी जांघें और मुलायम चूतड मेरे जांघों की गोद में कसमसा रहे थे और लंड उन जांघों के बीच उसके सुराख पर जोर दिए जा रहा था ।
: उम्मम तो ऐसे ही शुरुआत हुई थी न ( वो लगभग समझ ही गई )
: हम्म्म ऐसे ही कुछ ( मैने उसके रेशमी बालों छिपे कानो को चूमते हुए बोला और वो पूरी सिहर उठी , उसके निप्पल की हार्डनेस मुझे मेरे हथेली में महसूस हो रही थी )
: तो क्या तुम भी बिस्तर में ऐसे नंगे थे और अम्मी भी
: ऊहू पहले तो मैने पेंट पहन रखा था मगर जब अम्मी कमरे में आई तो



: तुझे दिक्कत तो नहीं होगी न बेटा , कह तो मै हाल में सो जाऊंगी ( सिराज की अम्मी उस ब्लैक साटिन नाइटी में बेड के पास खड़ी खड़ी बोली और चादर के नीचे मेरा लंड एकदम से अकड़ा हुआ था , मेरी नजरें उनके बड़े बड़े रसीले मम्मों पर थी जिसके खजूर से निप्पल नाइटी में साफ साफ उभरे हुए थे और बड़े से कूल्हे पर नाइटी पूरी चुस्त कसी हुई थी । )
: नहीं अम्मी कोई दिक्कत नहीं होगी बहुत जगह है यहां, (मैने चादर हटाते हुए थोड़ा खसक कर उनको बिस्तर में आने का आमंत्रण दिया और उनकी नजर सीधा मेरे नंगे जांघों और बॉक्सर पर गई फिर वो मुस्कुराते हुए बिस्तर पर बैठ गई । )
उनके बड़े बड़े कूल्हे पूरे गद्दे में 5-6 इंच तक धंस चुके थे फिर भी पूरे बिस्तर पर फैले हुए थे , देखते ही मन में अजीब से बेताबी होने लगी , अंडरवियर में अलग ही तूफान उठा हुआ था ।
: बत्ती बुझा दूं या फिर ऐसे ही सोएगा तू ( वो कब घूम कर मुझे देखने लगी पता नहीं लगा मुझे और मेरी नज़रे उनके भड़कीले चूतड से हटकर उनसे मिली तो एक झिझक सी हुई मन में , जैसी आपकी मर्जी मुझे कोई दिक्कत नहीं है अगर बत्ती जल रही है तो )

: मुझे भी बत्ती जला कर ही सोने की आदत है और देर रात नहा कर सोने की भी ( सिराज की अम्मी ने सफाई देते हुए बोली मगर मैं समझ गया था)
: तो फिर आप नहाई क्यों नहीं ( मैने शरारती मुस्कुराहट से सवाल किया और वो अपने होठ सिलते हुए मुस्कुरा दी )
: बहुत बिगड़ गया है तू , तू देख रहा था न कमरे में मुझे ये जानते हुए भी कि मैने कुछ नहीं पहना था तब ( वो मेरी ओर करवट लेकर बोली और उनकी मोटी मोटी चूचियां भी नाइटी की ओट बिस्तर पर लेट गई और मेरी नज़रे सीधा उनपे ही थी )
: सॉरी अम्मी वो मै वापस जा रहा था पता नहीं कुछ याद आया वही पूछने आपके पास आया था मगर आपको देख कर भूल गया
: क्या , धत्त बदमाश, ऐसा क्या था जो भूल गया ( वो नजरे फेरते हुए लजाते हुए बोली )
: पता नहीं अम्मी , बस आपको वैसे देखा तो दिमाग ही काम करना बंद हो गया था , सॉरी ( मै अपना चेहरा उदास करता हुआ बोला )
: चल ठीक है हो जाता है , सो जा अब ( वो मेरे गाल छूती हुई बोली और मैने उनके स्पर्श पाते ही आंखे बंद कर ली पूरे बदन में एक सनसनी फैल गई )
कुछ देर की चुप्पी और मुझसे रहा नही गया
: चचा की याद आ रही थी न आपको
: क्या मतलब ?
: वो सोफे के पास ..... ( मै बोलते हुए रुक गया और सिराज की अम्मी समझ गई सीधा मेरे मुंह पर हाथ रख दिया ताकि एक भी शब्द आगे न बोल सकू)
: चुप पागल कही का, तुझे ऐसा क्यों लगा , वो मैने खाने के लिए निकाले थे आजकल मै डाइट पर हु न ( वो मुंह फेरते हुए बोली , मगर उनके गालों के गुलाबीपन कमरे की रोशनी में साफ साफ झलक रहे थे और उन्हें फंसता देख मै चादर में अपना लंड अंडरवियर के ऊपर मिज रहा था )
: डाइट के साथ नारियल का तेल ?
: अब चुप हो जा भाई , क्यों मुझे शर्मिंदा कर रहा है । सबकी अपनी अपनी जरूरतें है और ऐसा नहीं है कि सिराज के अब्बू मुझे प्यार नहीं करते , घर में अकेली थी तो .... ( वो बोलते हुए मेरी ओर पीठ कर ली और उनकी बड़ी सी गाड़ मेरे आगे निकल आई, जिसे देख कर मेरा लंड पूरा हरकत में आ गया
: वैसे मुझे ऐसा ही कुछ सूझता है अक्सर जब मैं कमरे पर होता हु , इसमें शर्माने जैसा क्या है ? अगर आपको बुरा लगा तो सॉरी ( मै थोड़ा आगे बढ़ कर उनके करीब हुआ )
: इसलिए तो कह रही हु शादी कर ले न अलीना से ( सिराज की अम्मी मुझे जवाब देने के लिए हल्का सा गर्दन फेरते हुए मेरी ओर घूमी और उन्हें भनक भी नहीं थी मै उनके एकदम पीछे सरक कर आ गया था और वो एकदम से मुझसे चिपक सी गई )
: क्यू शादी करने से क्या आपकी जरूरत कम हो गई जो मेरी हो जाएंगी ( मै अब उनके पीछे से बोला और मेरा लंड उनकी कूल्हे के पास पंप हो रहा था जिसकी कठोरता वो साफ साफ महसूस कर पा रही थी , मगर उन्होंने जरा भी इसके लिए मुझे रोक या टोका नहीं )
: धत्त बदमाश, तू न बहुत बिगड़ गया है ( वो सामने दीवाल की ओर देखते हुए बोली )
: आप बात मत बदलो , पहले जवाब दो ( मै उनको पीछे से पकड़ते हुए बोला , मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी अबतक क्योंकि सिराज की अम्मी ने अब तक जरा भी मेरे किसी भी बात या हरकत का विरोध नहीं किया था एक चुप्पी भरी सहमति नजर आ रही थी )
: हा तू सही है , जरूरतें भला किसकी कम हुई है और मुझे ये भी पता है कि ये तेरी जरूरत ही है जो मेरे पीछे ठोकर मार रहा है ( सिराज की अम्मी अब थोड़ा खुलना शुरू हुई और उनकी बातों से मेरा लंड और फैलने लगा )
: एक आप ही तो अम्मी जो मुझे और मेरी जरूरतों को समझती हो ( मै उनसे एकदम चिपक गया और लंड को टोपा अंडरवियर के नीचे से अब उसकी नाइटी को फाड़ता हुआ उनकी गाड़ की कसी दरारों में धंसने लगा )

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: अब मार खायेगा तू , दूर हट बदमाश कही का ( सिराज की अम्मी अपने गाड़ को मेरे लंड पर धकेलती हुई मुझे दूर करती हुई हसी और मैने उनको और कसके पकड़े हुए पीछे से हग कर लिया)
: रहने दो न अम्मी अच्छा लग रहा है ऐसे , जैसे लग रहा है अपनी अम्मी के साथ सोया हु ( अभी भी मेरा सुपाड़ा उनकी गाड़ की दरारों में घुसा हुआ फूल रहा था )
: ऐसे ही तंग करता है क्या तू अपनी अम्मी को , चल अब सो जा ( सिराज की अम्मी करवट होकर चादर ढक कर सोने लगी और मैं कुछ देर तक उनसे चिपका रहा , मेरा लंड उनके गुदाज मुलायम चूतड के स्पर्श से और अकड़ने लगा था और मेरे हाथ उनकी नाइटी के ऊपर से चादर के नीचे धीरे धीरे उनकी मोटी गदराई चूचियो की ओर बढ़ रहे थे । उनकी गहराती सांसे साफ बता रही थी वो जाग रही है और मेरे एक एक स्टेप को महसूस कर रही है )
: ऊहू क्या कर रहा है तू ( सिराज की अम्मी ने चादर हटाते कर घूम कर देखा मेरा लंड एकदम उफनाया हुआ पूरा लाल बौराया हुआ उनके सामने और आंखे फाड़ कर वो उसका साइज निहार रही थी )
: अच्छा ठीक है कर ले लेकिन ऊपर ऊपर से , अन्दर नहीं ( मै कुछ सफाई देता इसके पहले ही ये बोलकर वो अपनी नाइटी ऊपर कर वापस करवट होकर चादर ओढ कर लेट गई )

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मै भी खुशी से उनको पीछे से पकड़ लिया और इस बार मेरा मोटा सुपाड़ा सीधा उनकी जांघों के बीच से चीरता हुआ चूत के फाकों में ।


: अह्ह्ह्ह्ह ( वो सिसकी )
मैने हल्के से टांगे उठाई और लंड को हौले से उसकी गीली चूत में सरका दिया और चादर के नीचे से उसकी चूत में लंड देने लगा

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: ओह्ह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह तुम्हारी बातों ने तो मुझे गिला कर दिया उन्ह्ह्ह सीईईईई अह्ह्ह्ह फक मीईईईई ओह्ह्ह ( अलीना मेरे लंड को अपनी गीली बुर में महसूस करती हुई चीख रही थी और मै चादर के नीचे से उसकी चूत में तेजी से लंड पेलने लगा )

और जैसे ही मेरी नजर कमरे के दरवाजे के पास गई मै एकदम से रुक गया , एक परछाई थी वह जो मेरी नजर उस ओर पाते ही वहां से सरक गई थी ।



जारी रहेगी
Shaandar jabardast super hot erotic update 🔥🔥🔥🔥
 
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Motaland2468

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UPDATE 008


गुलाबी चाय


: अरे शानू बेटा तुम ??? ( दरवाजा खोलते हुए मुझे सामने देखकर सिराज की अम्मी बोली और मेरी नजर हाल में सीढ़ियों से फुर्ती से उतरती अलीना पर थी । जमीला ने गर्दन घुमा कर उसकी ओर देखा तो अलीना नजरे चुराने लगी )
: सिराज भी आया है क्या ( जमीला ने गर्दन बाहर कर देखा और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी )
: जी नहीं , वो आज साइट विजिट करने गया है और मुझे आज ऑफिस में काम नहीं था तो सोचा आपसे मिलता चलूं (मैने बातें घुमाने की पूरी कोशिश की मगर जमीला समझ चुकी थी )
: मेरे हाल तो एकदम अच्छे है लग रहा है शायद किसी और की तबियत बिगड़ी हुई है ( जमीला मुस्कुराते हुए अलीना को देखा जो नजरे चुराते हुए मुस्कुरा रही थी )

: अरे अलीना बेटा , शानू को नाश्ता करवाओ मै तबतक नहा लेती हूं, ( ये बोलकर जमीला अपने बड़े से चूतड़ एक ढीली नाइटी में मटकाती हुई अपने कमरे की ओर चली गई)
मै उनके हिलकोरे खाते चूतड़ों को एक टक निहार रहा था इतने में अलीना मेरे करीब आ चुकी थी

20220211-142319

: उस रात यही वाली थी क्या ( अलीना का इशारा जमीला के काटन की नाइटी पर था जो वो पहने हुए थी )
: ऊहू .... ब्लैक साटिन ( बोलते हुए मै मुस्कुराया )

: वैसे गुलाबी चाय पियोगे या फिर ब्लैक कॉफी ( अलीना ने दोहरे शब्दों में ऑफर किया और मेरी नजर उसकी गुलाबी टॉप पर थी जिसमें उसके निप्पल हार्ड होकर टीशर्ट फाड़ने को आतुर दिख रहे थे )
: तुम्हारे हाथों की कुछ भी चलेगी ( मै अलीना को बोलकर जमीला को उसके कमरे से बाथरूम की ओर जाते देखने लगा उनके कपड़ो के नीचे से गुलाबी रंग की ब्रा लटकी हुई थी। उसे देखते ही पल भर में कुछ यादें जहन में ताजा सी हो गई


: मै नहाने जा रही हु , ये कपड़े तू वाशिंग मशीन में डाल देना ( अम्मी ने फरमाया )
: जी अम्मी लेकिन ये आपकी सलवार रंग छोड़ती है न , इसको भी डालनी है क्या
: हा डाल दे और वाशिंग मशीन में जो हल्के रंग के कपड़े होंगे उन्हें बाहर बाल्टी में अलग करके चला देना ( अम्मी बाथरूम में घुसकर कड़ी लगाते हुए बोली )
मै सारे कपड़े लेकर जीने के नीचे रखे वाशिंग मशीन के पास पहुंचा , एक दो मेरे शर्ट के अलावा अम्मी के कपड़ो में लिपटी हुई मुझे एक गुलाबी पैंटी ब्रा का सेट मिला ।

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मैने उसे बाहर निकाला और बाथरूम की ओर देखा । वहा से टोटी की आवाज आ रही थी मै मेरे हाथ में अम्मी के मुलायम ब्रा और पेंटी को भरने लगा । अम्मी की पहनी हुई ब्रा और पैंटी का स्पर्श मुझे पागल कर रहा था और मेरा लंड एकदम से फड़फड़ाने लगा।


: इसे अभी काबू में रखो ( अलीना ने पेंट में उठे तम्बू को दबाते हुए मेरे पास नाश्ते की ट्रे रखते हुए बोली )

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: सीईईई अह्ह्ह्ह्ह अब बर्दाश्त नहीं होता ( मैने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसको अपनी ओर खींचा और उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ लिए । मेरे हाथ उसके लोवर के ऊपर से उसके कूल्हे मसलने लगे और वो भी पूरे जोश में मेरे लिप्स चूसने लगी )
: नहीं रुका जाता तो चले जाओ न , अम्मी मना थोड़ी न करेंगी ( वो मेरे पैंटी के ऊपर से मेरे अकड़े सुपाड़े को मुठ्ठी में भरते हुए बोली और मेरी आंखे उलटने लगी )
: चलो न देखते है कैसे नहाती है अम्मी ( मेरी आंखो में एक चमक सी उठी और वो हसने लगी ... मैने दो बार और उसे मनाया लेकिन उसने मना कर दिया )
: मै अभी आया ( ये बोलकर मै बाथरूम की ओर चला गया)
पानी की आवाज तेज थी उधर वाशिंग मशीन भी शुरू हो चुका था

मैने लपक कर किचन से एक स्टूल खींच लाया और बाथरूम के बाहर लगा कर खड़ा हो गया , मगर अभी भी बाथरूम का रोशनदान ऊंचा था ।
जेब टटोल कर मोबाईल निकाला और फ्लैश ऑफ करके वीडियो कैमरा की रिकॉर्डिंग चालू कर दी ।
दिल के जज्बात भीतर से उफान पर थे और लंड पूरी बगावत पर , मोबाइल ने आज चीजे काफी आसान कर दी थी मगर दिल में डर था कि कही अम्मी दरवाजा न खोल दे इसीलिए कुछ 20-25 सेकेंड के बाद मै नीचे उतर आया और किचन में स्टूल रख कर मोबाइल चालू कर अपना लंड लोवर में मसलने लगा : अह्ह्ह्ह अम्मी कितनी बड़ी गाड़ है आपकी सीईईईईईआईआई अअह्ह्ह्हह

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मोबाइल में अम्मी बाथरूम में शावर ले रही थी और बालों से शैम्पू रिस कर पूरे बदन पर फेल रहा था और जब झाग अम्मी के गाड़ के दरारों में जाने लगा तो अम्मी उंगली डाल कर अपनी गाड़ साफ करने लगी जिसे देख कर मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था ।


मै वापिस लालच में बाथरूम की ओर बढ़ा कि सामने अम्मी ने दरवाजा खोल दिया और मैने झट से मोबाईल जेब में डाल दिया
: अरे बेटा , क्या हुआ फ्रेश होना है क्या ( सिराज की अम्मी एक काटन की नाइटी में मेरे आगे खड़ी थी उनके बालों में तौलिया लगा हुआ था और पूरी छाती गहरे गले वाली नाइटी से झलक रही थी )
: मै तो आपके साथ नहाने आ रहा था ( मैने धीरे से बड़बड़ा कर उनको आंख मारी )
: धत्त बदमाश कही का , बाहर तेरी हीरोइन है चुपचाप पेशाब करके आजा । अगर रात रुकेगा तो कुछ हो सकता है ( सिराज की अम्मी ने मुस्कुरा कर देखते हुए अपने बड़े बड़े मटके हिलाती हुई अपने कमरे की ओर चली गई । )

वही बाहर आने पर अलीना की हसी नहीं रुक रही थी
: यार इतनी जल्दी कौन नहाता है ( मै सफाई देते हुए बोला)
: उस रोज भी वो नहा कर आई थी न कमरे में ( अलीना ने मेरी यादें करते हुए बोली )
: हम्म्म शायद ? ( मै मुस्कुरा )
: शानू बेटा देखना हाल में मोबाईल है क्या ( सिराज की अम्मी ने आवाज दी )
: जाओ मोबाईल के बहाने इसकी थोड़ी सेवा करवा लेना , मै इंतजार कर रही हु ऊपर ( अलीना ने मेरे कड़े लंड को एक बार फिर से पेंट के ऊपर से मसला और मै जमीला का मोबाइल सोफे से उठा कर उनके कमरे की ओर बढ़ गया )

: जी अम्मी ये लो ( अम्मी को मोबाइल देते हुए मै बोला )
: बेटा वो कपड़े वाशिंग मशीन ने निकाल कर छत पर डाल आ और बाकी दूसरे कपडे मशीन में डाल कर चला दे ( अम्मी अपने बाल फोड़ती हुई बोली और मोबाइल मेरे हाथ से ले लिया)
मै वाशिंग मशीन से कपड़े निकाल कर बाल्टी में रखने लगा और मशीन चालू कर धुले हुए कपड़े लेकर ऊपर जाने लगा । सीढ़िया चढ़ते हुए मुझे महसूस हुआ कि अम्मी ने एक बार कमरे से बाहर आकर मेरी ओर देखा था और जैसे ही मैं घुमा वो कमरे में घुसती हुई मुझे नजर आई।
मैने बाल्टी वही रास्ते में छोड़ कर दबे पाव सीढ़िया सरकता हुआ नीचे आया और कमरे पास खड़ा होकर आवाजे सुनने लगा

: हा बाबा वो भी भेज रही हु , आपको तो बड़ी जल्दी रहती है
: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हे नंगी देखने के लिए मेरी बेताबी का अंदाजा भी नहीं लगा सकती हो
अम्मी अब्बू को अपनी नंगी तस्वीरों की स्नैप भेज रही थी ये सोच कर ही मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा लेकिन अगले ही पल मेरे अरमानों पर पानी फिर गया
: हो गया
: ओके मेरी जान अब गैलरी से सारी फोटो डिलीट कर दो , शानू के हाथ न लगे ( बहिनचोद मेरी जान हलक में , अलग अम्मी ने गैलरी खोली तो उनकी नहाने वाली वीडियो उनके हाथ लग जाएगी । मेरी सांसे धक धक होने लगी , मन ही मन खुदा से आज तक जीवन भर की गई सभी अच्छाइयों के बदले एक पाप से बचाने की भीख मांगने लगा )
: हा गया , वो कैमरा वाला पूरा फोल्डर ही डिलीट कर दिया , अब खुश ( अम्मी तुनक कर बोली )
: तुम खफा न हो बेगम , ये सब शानू के भले के लिए ही है और इससे उसके और हमारे बीच के रिश्तों में दूरी आयेगी । तुम समझो न
: हा हा समझ गई मेरे साजन , आप मुझे कही भी बेपर्दा होने नहीं देंगे , अब मै तैयार हो जाऊं ( अम्मी इतरा कर बोली )
: हा हो लो न मेरी जान , बस तैयार होकर एक अच्छी से तस्वीर भेजना फूल वाली
: शानू से खिंचवानी पड़ेगी , चलेगा न ( अम्मी खिलखिलाई )
: बस कपड़े पहन कर खिंचवाना हाहाहाहाहा ( अब्बू ठहाका लगाकर हंसे)
: धत्त गंदे कही के रखो ( अम्मी लजा कर फोन रख दी और मै भी ऊपर चला गया कपड़े डालने )



: उह्ह्ह्ह छोड़ न बदमाश कही का अह्ह्ह्ह कैसे मसल रहा है उम्मम्म बेटा रहने दे
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी आपको देखने के बाद अब रहा ही नहीं जाता इसीलिए तो आपके पास चला आया ( मैने जमीला की मोटी मोटी चूचियां नाइटी के ऊपर से मसलता हुआ बोला )
: चल झूठा कही , मुझे सब पता है तू अपनी हीरोइन के लिए आया है , साफ साफ बोल क्यों नहीं देता उससे कि तू भी उसे चाहता है ।किइईईतनीईई प्यारी बच्ची है उम्मम्म बेटा मान जा न रात में प्लीज ओह्ह्ह्ह ( मेरे पंजे अब ऊपर से नाइटी में घुस कर जमीला ने ब्रा के ऊपर से उसके चूचों को मसल रहे थे । )
: प्यारी तो आप भी हो न अम्मी और कितनी प्यारी आपकी दूध की ये टंकिया है और सबसे प्यारे होठ आपके ( मैने झुक कर जमीला के मोटे होठों को चूस लिया वो पूरी तरह भीतर से सिहर उठी )
: अपने होठों को जरा इसपर सजाओ न ( मैने उनका हाथ अपने पेंट के ऊपर से कड़क लंड पर रखा , जैसे उसकी गर्मी हथेली से उनके ठंडे जिस्म में उतरने लगी और वो एकदम से सिहर उठी )
: अरे मेरे पगलू मेरे होठों ने कब इंकार किया है इससे , आज मौका उसके होठों की हामी लेले जा ( जमीला ने बड़ी अदा से मेरे लंड और चेहरे को सहलाते हुए बोली )
: लेकिन कोई रिश्क तो नहीं होगा न , मतलब कोई आ गया तो ( मैने उनके सामने नाटक किया)
: मै हु न , कोई नहीं आएगा
: थैंक यू अम्मी ( मैने झुक कर उनके बूब्स मसलते हुए उनके लिप्स को चूसा और कमरे से निकल गया )
: बावरा कही का , प्यार करता है लेकिन मानता नहीं हीहीहीही ( कमरे से निकलते हुए अम्मी की आवाजें मेरे कानो में पड़ी और मैं मुस्कुराता हुआ तेजी से ऊपर चला गया ।)
बाथरूम से शावर की आवाज आ रही थी और मै तबतक अलीना के कमरे का जायजा लेता हुआ बिस्तर पर लेट गया और मोबाइल देखने लगा ।

: हाय जानेमन ( अलीना ने बड़ी अदा से इतराते हुए कहा और उसको ब्लैक ट्रांसपैरेंस नाइटी में देख कर मेरी आंखे चमक उठी और मै बिस्तर से उठने को हुआ

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: आहा उठना मत , मै आ रही थी ( उसने उंगली से इशारे करते हुए कहा और बिस्तर पर चढ़ गई )
उसकी नाइटी जांघों तक भी नहीं थी और उस पारदर्शी नाइटी के उसकी ब्लैक पैंटी साफ़ साफ़ झलक रही थी और उसकी वैक्स हुई लंबी चिकनी गोरी गोरी टांगे देख कर पैंट में मेरा लंड बगावत पर उतर गया था
मै अवाक होकर उसके उसके इस रूप को निहार रहा था और वो मेरे करीब खड़ी हो गई , रुका नहीं गया मुझसे और मैने हाथ बढ़ा कर उसकी जांघों को पर पंजे लगा दिए , इतना मुलायम और इतना फिसलन भरा अहसास हुआ मानो मेरा दिल जिगर सब कुछ आज पिघल ही जाएगा ।
उसकी जांघों को हाथों में भर कर उसके करीब आकर उसके जिस्म से आती खुशबू को नथुनों में भरते हुए मैने आंखे बंद कर उसके जांघों को चूमा और वो सिसक पड़ी ।
उसकी एडी सीधा मेरे तंबू पर थी और जींस के ऊपर से ही वो एड़ी से मेरे सुपाड़े को मसल रही थी
मेरे हाथ उसके चिकनी जांघों को सहला रहे थे चूम रहे थे ।

: उस रोज अम्मी ने ऐसे ही पहना था ना ( वो मुझे सताते हुए बोली और
मैंने उसकी ओर देख कर हा में सर हिलाते हुए उसके जांघों को चूमते हुए चूत की ओर बढ़ने लगा और वो मेरे सर को पकड़ कर सिसकने लगी
: अह्ह्ह्ह्ह बताओ न कैसे किया था ( वो कामोत्तेजना के नशे में तैरती हुई बोली )
मेरे पंजे अब उसके नंगे चूतड़ पर थे क्योंकि पैंटी तो उसके दरारों में कही छिपी हुई थी , मै उन्हें मसल रहा था सहला रहा था फैला रहा था और मेरे होठ उसके पैंटी के ऊपर से चूत के ऊपर रेंग रहे थे ।
: उम्मम बताओ न जान, क्या वो ऐसे तुम्हारी गोद में थी ( वो सरक कर नीचे आ गई और मेरे ऊपर बैठ गई )
मैने मुस्कुरा कर न में सर हिलाते हुए उसके कंधे को सहलाते हुए उसके हाथ पकड़ कर अपने चेहरे से लगाने लगा , उसके उंगलियों का स्पर्श मुझे भीतर से और जोशीला किए जा रह था । मेरा तन मन भीतर से चाह रहा था अलीना मुझे अपनी बाहों में कस ले मुझे हर तरह से छूए जैसे उसने मेरे मन को छू लिया था ।अलीना मेरे लंड पर स्वार थी और जींस के ऊपर से ही तम्बू पर अपनी चूत घिसने लगी थी , मगर घुमा फिरा कर सवाल वही था
: बताओ न मेरी जान ( मैंने उसे कस कर अपने करीब कर लिया और उसके लिप्स से अपने लिप्स जोड़ दिए )
वो पूरी जोशीली होकर मेरे लिप्स पर टूट पड़ी और चूत को दुगरी रफ्तार से मेरे लंड पर घिसने लगी , मेरा लंड भीतर से फड़फड़ा रहा और अब मै उसे ज्यादा देर तक अंदर रख नहीं सकता था
मैने जींस के बटन खोल कर जिप नीचे कर दी और लंड बाहर , इससे पहले अलीना मेरे लंड को थामती मै उसको झटक कर बिस्तर पर लीटा दिया और उसको पीछे से करवट लेके पकड़ लिया
: उम्मम धत्त बदमाश मेरा माल मेरे हाथ में तो दो , तभी तुम बोलोगे ( वो मेरी बाहों में खिलखिलाते कसमाते हुए बोली )
: उह्ह्ह्ह ऐसे ही पकड़ने दो न ( मैने नाइटी के ऊपर से उसके नारियल से कड़क मोटे मोटे चूचों को दोनो पंजों में भरते हुए कहा और फड़कता लंड सीधा उसकी गाड़ के दरखतो में , पतली सी थांग वाली पैंटी भला मेरे नुकीले बांस की चोट को कैसे रोकती , दुबक कर उन्हीं दरारों में अड़स सी गई , सुपाड़ा उसके दरारों को चीरता हुआ आग उगलता अलीना के पिछली दरवाजे पर दस्तक दे रहा था और मेरे जीभ उसके चिकने कंधे और गर्दन पर रेंग रहे थे )
एड़िया उसके पंजों पर घिस कर गजब की गर्माहट पैदा कर रही थी , पूरे बदन में हल्की गुदगुदाहट सी हो रही थी , उसकी चिकनी जांघें और मुलायम चूतड मेरे जांघों की गोद में कसमसा रहे थे और लंड उन जांघों के बीच उसके सुराख पर जोर दिए जा रहा था ।
: उम्मम तो ऐसे ही शुरुआत हुई थी न ( वो लगभग समझ ही गई )
: हम्म्म ऐसे ही कुछ ( मैने उसके रेशमी बालों छिपे कानो को चूमते हुए बोला और वो पूरी सिहर उठी , उसके निप्पल की हार्डनेस मुझे मेरे हथेली में महसूस हो रही थी )
: तो क्या तुम भी बिस्तर में ऐसे नंगे थे और अम्मी भी
: ऊहू पहले तो मैने पेंट पहन रखा था मगर जब अम्मी कमरे में आई तो



: तुझे दिक्कत तो नहीं होगी न बेटा , कह तो मै हाल में सो जाऊंगी ( सिराज की अम्मी उस ब्लैक साटिन नाइटी में बेड के पास खड़ी खड़ी बोली और चादर के नीचे मेरा लंड एकदम से अकड़ा हुआ था , मेरी नजरें उनके बड़े बड़े रसीले मम्मों पर थी जिसके खजूर से निप्पल नाइटी में साफ साफ उभरे हुए थे और बड़े से कूल्हे पर नाइटी पूरी चुस्त कसी हुई थी । )
: नहीं अम्मी कोई दिक्कत नहीं होगी बहुत जगह है यहां, (मैने चादर हटाते हुए थोड़ा खसक कर उनको बिस्तर में आने का आमंत्रण दिया और उनकी नजर सीधा मेरे नंगे जांघों और बॉक्सर पर गई फिर वो मुस्कुराते हुए बिस्तर पर बैठ गई । )
उनके बड़े बड़े कूल्हे पूरे गद्दे में 5-6 इंच तक धंस चुके थे फिर भी पूरे बिस्तर पर फैले हुए थे , देखते ही मन में अजीब से बेताबी होने लगी , अंडरवियर में अलग ही तूफान उठा हुआ था ।
: बत्ती बुझा दूं या फिर ऐसे ही सोएगा तू ( वो कब घूम कर मुझे देखने लगी पता नहीं लगा मुझे और मेरी नज़रे उनके भड़कीले चूतड से हटकर उनसे मिली तो एक झिझक सी हुई मन में , जैसी आपकी मर्जी मुझे कोई दिक्कत नहीं है अगर बत्ती जल रही है तो )

: मुझे भी बत्ती जला कर ही सोने की आदत है और देर रात नहा कर सोने की भी ( सिराज की अम्मी ने सफाई देते हुए बोली मगर मैं समझ गया था)
: तो फिर आप नहाई क्यों नहीं ( मैने शरारती मुस्कुराहट से सवाल किया और वो अपने होठ सिलते हुए मुस्कुरा दी )
: बहुत बिगड़ गया है तू , तू देख रहा था न कमरे में मुझे ये जानते हुए भी कि मैने कुछ नहीं पहना था तब ( वो मेरी ओर करवट लेकर बोली और उनकी मोटी मोटी चूचियां भी नाइटी की ओट बिस्तर पर लेट गई और मेरी नज़रे सीधा उनपे ही थी )
: सॉरी अम्मी वो मै वापस जा रहा था पता नहीं कुछ याद आया वही पूछने आपके पास आया था मगर आपको देख कर भूल गया
: क्या , धत्त बदमाश, ऐसा क्या था जो भूल गया ( वो नजरे फेरते हुए लजाते हुए बोली )
: पता नहीं अम्मी , बस आपको वैसे देखा तो दिमाग ही काम करना बंद हो गया था , सॉरी ( मै अपना चेहरा उदास करता हुआ बोला )
: चल ठीक है हो जाता है , सो जा अब ( वो मेरे गाल छूती हुई बोली और मैने उनके स्पर्श पाते ही आंखे बंद कर ली पूरे बदन में एक सनसनी फैल गई )
कुछ देर की चुप्पी और मुझसे रहा नही गया
: चचा की याद आ रही थी न आपको
: क्या मतलब ?
: वो सोफे के पास ..... ( मै बोलते हुए रुक गया और सिराज की अम्मी समझ गई सीधा मेरे मुंह पर हाथ रख दिया ताकि एक भी शब्द आगे न बोल सकू)
: चुप पागल कही का, तुझे ऐसा क्यों लगा , वो मैने खाने के लिए निकाले थे आजकल मै डाइट पर हु न ( वो मुंह फेरते हुए बोली , मगर उनके गालों के गुलाबीपन कमरे की रोशनी में साफ साफ झलक रहे थे और उन्हें फंसता देख मै चादर में अपना लंड अंडरवियर के ऊपर मिज रहा था )
: डाइट के साथ नारियल का तेल ?
: अब चुप हो जा भाई , क्यों मुझे शर्मिंदा कर रहा है । सबकी अपनी अपनी जरूरतें है और ऐसा नहीं है कि सिराज के अब्बू मुझे प्यार नहीं करते , घर में अकेली थी तो .... ( वो बोलते हुए मेरी ओर पीठ कर ली और उनकी बड़ी सी गाड़ मेरे आगे निकल आई, जिसे देख कर मेरा लंड पूरा हरकत में आ गया
: वैसे मुझे ऐसा ही कुछ सूझता है अक्सर जब मैं कमरे पर होता हु , इसमें शर्माने जैसा क्या है ? अगर आपको बुरा लगा तो सॉरी ( मै थोड़ा आगे बढ़ कर उनके करीब हुआ )
: इसलिए तो कह रही हु शादी कर ले न अलीना से ( सिराज की अम्मी मुझे जवाब देने के लिए हल्का सा गर्दन फेरते हुए मेरी ओर घूमी और उन्हें भनक भी नहीं थी मै उनके एकदम पीछे सरक कर आ गया था और वो एकदम से मुझसे चिपक सी गई )
: क्यू शादी करने से क्या आपकी जरूरत कम हो गई जो मेरी हो जाएंगी ( मै अब उनके पीछे से बोला और मेरा लंड उनकी कूल्हे के पास पंप हो रहा था जिसकी कठोरता वो साफ साफ महसूस कर पा रही थी , मगर उन्होंने जरा भी इसके लिए मुझे रोक या टोका नहीं )
: धत्त बदमाश, तू न बहुत बिगड़ गया है ( वो सामने दीवाल की ओर देखते हुए बोली )
: आप बात मत बदलो , पहले जवाब दो ( मै उनको पीछे से पकड़ते हुए बोला , मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी अबतक क्योंकि सिराज की अम्मी ने अब तक जरा भी मेरे किसी भी बात या हरकत का विरोध नहीं किया था एक चुप्पी भरी सहमति नजर आ रही थी )
: हा तू सही है , जरूरतें भला किसकी कम हुई है और मुझे ये भी पता है कि ये तेरी जरूरत ही है जो मेरे पीछे ठोकर मार रहा है ( सिराज की अम्मी अब थोड़ा खुलना शुरू हुई और उनकी बातों से मेरा लंड और फैलने लगा )
: एक आप ही तो अम्मी जो मुझे और मेरी जरूरतों को समझती हो ( मै उनसे एकदम चिपक गया और लंड को टोपा अंडरवियर के नीचे से अब उसकी नाइटी को फाड़ता हुआ उनकी गाड़ की कसी दरारों में धंसने लगा )

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: अब मार खायेगा तू , दूर हट बदमाश कही का ( सिराज की अम्मी अपने गाड़ को मेरे लंड पर धकेलती हुई मुझे दूर करती हुई हसी और मैने उनको और कसके पकड़े हुए पीछे से हग कर लिया)
: रहने दो न अम्मी अच्छा लग रहा है ऐसे , जैसे लग रहा है अपनी अम्मी के साथ सोया हु ( अभी भी मेरा सुपाड़ा उनकी गाड़ की दरारों में घुसा हुआ फूल रहा था )
: ऐसे ही तंग करता है क्या तू अपनी अम्मी को , चल अब सो जा ( सिराज की अम्मी करवट होकर चादर ढक कर सोने लगी और मैं कुछ देर तक उनसे चिपका रहा , मेरा लंड उनके गुदाज मुलायम चूतड के स्पर्श से और अकड़ने लगा था और मेरे हाथ उनकी नाइटी के ऊपर से चादर के नीचे धीरे धीरे उनकी मोटी गदराई चूचियो की ओर बढ़ रहे थे । उनकी गहराती सांसे साफ बता रही थी वो जाग रही है और मेरे एक एक स्टेप को महसूस कर रही है )
: ऊहू क्या कर रहा है तू ( सिराज की अम्मी ने चादर हटाते कर घूम कर देखा मेरा लंड एकदम उफनाया हुआ पूरा लाल बौराया हुआ उनके सामने और आंखे फाड़ कर वो उसका साइज निहार रही थी )
: अच्छा ठीक है कर ले लेकिन ऊपर ऊपर से , अन्दर नहीं ( मै कुछ सफाई देता इसके पहले ही ये बोलकर वो अपनी नाइटी ऊपर कर वापस करवट होकर चादर ओढ कर लेट गई )

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मै भी खुशी से उनको पीछे से पकड़ लिया और इस बार मेरा मोटा सुपाड़ा सीधा उनकी जांघों के बीच से चीरता हुआ चूत के फाकों में ।


: अह्ह्ह्ह्ह ( वो सिसकी )
मैने हल्के से टांगे उठाई और लंड को हौले से उसकी गीली चूत में सरका दिया और चादर के नीचे से उसकी चूत में लंड देने लगा

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: ओह्ह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह तुम्हारी बातों ने तो मुझे गिला कर दिया उन्ह्ह्ह सीईईईई अह्ह्ह्ह फक मीईईईई ओह्ह्ह ( अलीना मेरे लंड को अपनी गीली बुर में महसूस करती हुई चीख रही थी और मै चादर के नीचे से उसकी चूत में तेजी से लंड पेलने लगा )

और जैसे ही मेरी नजर कमरे के दरवाजे के पास गई मै एकदम से रुक गया , एक परछाई थी वह जो मेरी नजर उस ओर पाते ही वहां से सरक गई थी ।



जारी रहेगी
Zabardast update bhai
 
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Enjoywuth

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Bahut jamela hai bhai. Jab ammi ko sochte hue padte hai toh Jamila wala scene aajata hai aur ab Jamila ke andar ghusta hai toh anila mze le rahi hoti hai
 
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