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Incest अर्जुन एक महायोद्धा (इंसेक्ट ,मैजिक+रोमेंस+एडल्ट्री फाइट )

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  • Total voters
    13

parkas

Well-Known Member
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हा मैं कह रहा था के जो होता है अच्छे के लिए होता है ऐसा ही कुछ यहां भी था इनका ना पहचानना मेरे लिए फायदेमंद था इसी के सहारे में इस दुर्मुखा तक पहुंच सकता था । कहते है ना इतना शक्तिशाली कवच भी अगर टूट जाए और फिर राजा के साथ पूरी पुरुष जाति खत्म हो जाए तो जरूर षड्यंत्र घर का भेदी ही रच रहा है खैर ये तो मेरा अनुमान था अब देखते क्या होता है ।

इधर मैं और वेताली बैठे हुए थे और वेताली मुझे देख रही थी और मैं ध्यान में था तभी मुझे बाबा की आवाज आई पुत्र कभी कभी जो हम सोचते है वैसा भी होता है जरूरी नही की हमारा सोचा हुआ हर बार गलत हो
में कुकी बोलता उससे पहले ही बाबा ने कनेक्शन काट दिया काफी देर ध्यान में रह कर मैंने अपने अंदर की ऊर्जा को कई गुना बड़ा दिया था वैसे भी डेली ध्यान करने से मै अपनी बहुत सी शक्तियां जाग्रत कर चुका था और अपने पंच तत्वों की शक्तियां भी में जाग्रत कर चुका था अब मुझे अपनी कुंडली शक्तियों को जाग्रत करना था वो आज रात जाग्रत हो जाएंगी ये मुझे पता चल चुका था

जब में ध्यान से उठा तो वेताली मुझे ही देख रही थी मैं भी मुस्कराते हुए उसे देखने लगा और बोला

अर्जुन "> क्या बात है डार्लिंग आज तो ऐसे देख रही हो जैसे खा ही जाओगी

वेताली "> ऐसा कुछ भी नही है पता नही क्यों आपको देखने का मन कर रहा था इसलिए देख रही थी ये कहते हुए उसने अपनी नजरें झुका लीं जिससे मेरे होठों पर मुस्कान आ गई फिर में बोला

अर्जुन "> अच्छा तुम्हे शर्म भी आती है क्या ये कहते हुए मेने उसके होठों को अपने होठों में कैद कर लिया


में बहुत ही आराम से उसके होठों को चूस रहा था थोड़ी ही देर में वो भी मेरा साथ देने लगी काफी देर बाद जब हम दोनो की सांसे उखड़ने लगीं तो हम दोनो अलग हो गए और वेताली मेरे लगे लगी रही काफी देर जब हम दोनो की सांसे दुरुस्त हुई तो में एक पेड़ का टेक लेकर बैठ गया और वेताल मेरी सीने पर सर रख कर लेट गई काफी देर हम ऐसे ही लेटे रहे ।

फिर मेने सोचा क्यों न दुर्मुखा को एक झटका दिया जाए वैसे चलिए आपको दुर्मुखा की थोड़ी और डिटेल्स देते हैं ।

दुर्मुखा की पत्नी का नाम सुरिका हैं बहुत ही क्रूर और निर्दई है दया भाव नाम कोई चीज उसके अंदर नहीं है अपनी हवस में हर समय जलती है क्योंकिं दुर्मूखा तो बाहर मुंह मारता रहता है ।

दुर्मुखा और सुरीका की तीन बेटियां और दो बेटे हैं दोनो बेटे बड़े हैं सबसे बड़ा बेटा है सैतन सुर और दूसरा है नीलासुर ये भी अपने बाप और भाई की तरफ उनके नक्शे कदम पर चलता है ।

इससे छोटी है सुरमिका ये भी अपनी मां की तरफ है जिसे चाहें मौत के घाट उतार सकती है चूदाई नहीं की है इसने अभी तक क्योंकि जो भी इसके पास गंदी नियत से आयेएगा उसकी सारी शक्तिय इसकी हो जाएंगी ।
मनुष्यो को छोड़ कर सब के लिए ये एक श्राप ही है क्योंकि एक मामूली मनुष्य असुर कन्या की हवस शांत नही कर सकता है ।और यही इनकी सबसे बड़ी भूल थी ।


इस बात को बो जानती थी इसलिए इन तीनों ने ये वरदान प्राप्त किया था बहुत ही सोच समझ कर बहुत से असुरों को अपनी हवस के जाल में फंसा कर उनकी शक्तियां छीन ली थी ।
यही कारण था के उनके भाई उनसे दूर रहते थे चोदना तो वो भी इन तीनों को चाहते थे कितनी बिना उनकी मर्जी के नही कर सकते थे।

अगर उसकी मर्जी से वो लोग उनकी चूदाई करते तो अजेय बन जाते किंतु वो किसी को भी नहीं बकसती नहीं थी जो भी उसके संपर्क मे आता चाहे कितना भी शक्ति शाली कोई भी हो कभी बच नही सका था ।


आज k liye Etna hi











Nice and awesome update....
 
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Rohit875

Member
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सुरीका अष्टिका और रूदाली इनका था है ये जितनी दिखने में खूबसूरत है उतनी ही ज्यादा खतरनाक भी हैं । सुरिका की हाइट लगभग 7 फूट .5 इंच thi 42 गांड़ 30 की कमर और 42 के ही चूचे एक दम ठोस थे।

अष्टिका भी दिखने में उसके जैसे ही थीं बस उसकी हाइट थोड़ी कम थी उसका फिगर बिलकुल सुरीका के जैसा था ।

रूदाली दिखने में उन दोनो से भी ज्यादा सुंदर थी बस उसकी हाइट और फिगर इन दोनो से कम था जहां उन दोनो का नसीला फिगर था तो उसका कत्ल करने लायक था

38 की गांड़ 30 की कमर और 36 से के चूचे इतना मस्त फिगर है की देखते ही लन्ड खड़ा हो जाए । बेचारे कितनों के ही असुरों के लन्ड काट दिया गए थे । नीला सुर लगभग 10 फूट का था दिखने हट्टा कट्टा था उसने भी कई वरदान प्राप्त किए थे । शैतान सुर अपने भाई की तरह ही था जितना ताकत वर शैतान सुर था उतना ही नीला सुर भी था बस उसका बस दिमाग अपने भाई से तेज चलता था ।

Y सब बातें मुझे अभी पता नही थी इसलिए में अपने पहले कदम के लिए बहुत सोच समझ कर फैसला लेने बाला था एक गलत कदम और असुरो को फिर s पृथ्वी पर भेज देगा ।

****** ***"""**"""""""” ********†*
**†***********""""""********"""***


इधर में और वेताली लेटे हुए थे । की एक सेविका हमारे पास आई और बोली

सेविका "> महारानी ने आपको याद किया है ।

ठीक है आप चलिए हम लोग आते है । फिर में वेताली से बोला


अर्जुन "> हम तो कक्ष में थे न तो यहां क्यों लेकर आई तुम मुझे

वेताली "> काफी समय से ही में खुले आसमान के नीचे कुछ समय आपके साथ बिताना चाहती थी ।

में उसे मुस्करा कर देखने लगा फिर हम लोग रूम से बाहर निकले (सेविका के आने से पहले हम लोग रूम में आ गए थे ।) जब हम लोग महारानी के पास पहुंचे तो पहली बार मेने दोनो मां बेटी को ध्यान से देखा था क्या सुंदरता थी उन दोनो की देखते ही को गया था में तो फिर वेताल ने मुझे होश में लाया ।

महारानी "> हा तो आप हमे अब बताइए आप कोन है और यहां क्या कर रहे हैं


अर्जुन "> महारानी हम लोग असुर जाति से हैं ये तो आप जान ही गई हैं हम लोग बस ऐसे ही घूमते रहते है बस कुछ समय के लिए आसरा चाहिए था इसलिए यहां आए हैं ।

महारानी "> ठीक है आप यहां रुक सकते है बस कुछ भी गलत मत कीजिएगा की जिससे हमारा भरोसा एक बार फिर टूट जाए और हम किसी पर भरोसा ना कर सकें ।

अर्जुन "> जी महारानी जैसा आप चाहेंगी बैसा ही होगा । हम आपके भरोसे को टूटने नहीं देंगे ।

फिर हम सभी से मिल कर वापस अपने रूम में आ गए ।

वेताली "> स्वामी क्या आप भी बही सोच रहे हैं जो में सोच रही हु

अर्जुन "> हा वेताल कुछ तो ऐसा छुपा हुआ है यहां जो हमें दिखाई नही दे रहा है फिलहाल उससे भ्रम में रहने दो हम उसके ही खेल में उससे मत देंगे ।

वेताली "> अब आ क्या करने वाले है स्वामी ये बात उसने मेरे गले में बाहें डालते हुए बोला था ।

में उसे उसकी कमर से पकड़ कर अपने से चिपका लिया और सोचने लगा की क्या करना चाहिए ।

अगर दुर्मुखा को ख़त्म करना है तो पहले उसके श्रोत को खत्म करना होगा उसके लिए मुझे उसके राज्य में कोई ऐसा भेजना होगा जो बिना गड़बड़ किए वहां की जानकारी मुझे दे सके ।

इसलिए मेने अपने मन में आत्मभाजन के मंत्र को पढ़ने लगा पहले जब मेने। इसका अभियाश किया था तब में केवल अपने आत्मा के भाग कर सकता था किंतु अपनी पंचतत्वों की शक्ति और कुंडलनी जाग्रत करने के बाद में बिना अपनी आत्मा के भाग किए एक नए शरीर का निर्माण कर सकता था जिसमे मेरी जैसी ही शक्तियां होंगी उसका खुदका दिमाग होगा ।
यही सब सोच कर मेने एक नए शरीर का निर्माण कर दिया कुछ ही देर में एक मानव मेरे सामने खड़ा था

प्रणाम देव मेरे लिए क्या आज्ञा है मालिक

अर्जुन "> देखो पहले तो तुम मुझे ये मालिक बोलना बंद कर दो मेरा नाम अर्जुन है हम दोस्त है हा जब में तुम्हे याद करूंगा तुम मेरे अंदर से बाहर आ जाओगे ।

जैसे आपकी इच्छा अर्जुन

अर्जुन "> हा अब ठीक है अब तुम्हारा नाम क्या रखा जाए सोचने लगा तभी वेतली बोली

Vetali "> स्वामी आप इसका निर्माण क्यों कर रहे है आप उन सब का उपयोग भी तो कर सके है जो आपको आपकी परीक्षा के दौरान मिले थे ।

अर्जुन "> हा में जनता हु किंतु में किसी की भी जान खतरे में नहीं डालना चाहता हु ।

वेताली "> ठीक है स्वामी जैसी आपकी इच्छा ।

अर्जुन "> हा तो तुम्हारा नाम है रोनी है ठीक है ।

रॉनी "> ठीक है भाई मुझे क्या करना होगा।

अर्जुन अभी के लिए तुम जाओ और जाकर दुर्मुखा और उसके परिवार पर नजर रखो ठीक है और कुछ भी हो जाए तुम सामने नहीं आओगे समझ गए ।


रॉनी "> ठीक है समझ गया भाई ये बोलते हुए वो चला गया ।

इधर असुर गुरु अपने यज्ञ में लीन थे काफी समय हो चुका था उनको यज्ञ करते हुए ।

दुर्मुखा "> गुरुदेव और कितना समय लगेगा मुझसे और बर्दास्त नही होता है में उससे अपना प्रतिशोध लेना चाहता हूं इस बार में उससे हराकर ही रहूंगा ।

असुरा "> इतना शीघ्रता मत करो वरना सब खेल बिगड़ जायेगा जो भी करना सोच समझ कर करना है

दुर्मुखा "> आप इतनी देर से यज्ञ में आहुति दे रहे है क्या लाभ इसका अभी तक कुछ भी पता नही चल आया है उसके बारे मैं ।

आसुरा "> नहीं ये नहीं हो सकता है ऐसा कैसे हो सकता है हा आखिर कैसे कोन सी शक्ति है जो मुझे उस तक पहुंचने नही दे रही है कुछ तो अजीब है वरना मेरी तंत्र विद्या को काटना किसी के लिए भी आसान नही है।

दुर्मुखा "> क्या हुआ गुरुदेव आप इतना भयभीत क्यों हो रहे है ऐसा क्या देख लिया आपने ।

आसुरा "> जिसकी रक्षा स्वंम काल कर रहा हो उसे मरना इतना आसान नहीं हैं । मेरी तंत्र विद्या को किसी ने बीच में ही रोक दिया है कौन है जो रत्न ताकतवर है ।

रोहित बैठा कुछ सोच रहा था के छोटी उसके ऊपर चढ़ गई और बोली भाई आप क्या सोच रहे हो मुझे भी बताइए ना

रोहित "> कुछ नहीं तुम अभी बच्ची हो अभी नहीं समझोगी

उसकी बात सुन कर छोटी तुनक गई और बोली ठीक है में छोटी हु अगर छोटी होती तो आपका इतना बड़ा nhi लिया होता अपने अंदर y बोल कर बो गुस्से में जाने लगी ।

उसे जाता हुआ देख कर रोहित ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और उसकी कमर को कस लिया और बोला

रोहित "> अरे वाह क्या बात है मेरी शेरनी को गुस्सा भी आता है क्या

उसकी बात सुनकर छोटी ने अपना मुंह दुसरी तरफ फेर लिया

रोहित "> अगर गुस्सा करेगी प्यार नहीं करूंगा सोच ले वैसे छोड़ में कल कॉलेज रुचि को प्रपोज करूंगा

इतना सुनते ही छोटी बिफर गई और दे दना दन मुक्के रोहित को पड़ने लगे और बोली

छोटी "> कर के दिखाना उस चुड़ैल के बाल पकड़ नहीं मारा तो में भी अपने भाई की जान नहीं और उससे पहले में आपको मारूंगी फिर उस चुड़ैल को और बाद में खुद को

रोहित "> अरे अरे में तो मजाक कर रहा था रो क्यों रही है अच्छा रोना बंद कर रुचि नाम की कोई लड़की नही है । ये बोलते हुए उसने छोटी का चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होठों को पकड़ कर किस करने लगा । चलो इनको छोड़ देतेभाई इनके हाल पर हम चलते है अर्जुन के घर


##&&# ####################

₹##########*****"*************

अभी शाम का समय था दोनो बहने कॉलेज से घर आ चुकी थी ।
अपने रूम लेती हुए कुछ सोच रही थी । दोनो एक फोटो लिए हुए पड़ी हुए थीं

स्वीटी >भाई आप कब आओगे कितना टाइम लगा दिया है आपने को गए हुए तीन हो चुके है और पता नही क्या सोच रही थी

यही हाल अंजली का था उसे अर्जुन के साथ लड़ना झगड़ना नोक झोंक करना एक दूसरे को परेशान करना यही सब याद आ रहा था ।

अर्जुन की मां भी थोड़ी सेड सभी ही ऐसे ही थे । अर्जुन के घर से जाने से घर सुना था सभी उससे मिस कर थे थे ।

इधर अर्जुन भी अपनी यादों में गुम था के बहा पर रॉनी आ गया वेताली सो चुकी थी ।

अर्जुन "> आ गया भाई तू कुछ पता चला उसके बारे में

रॉनी "> भाई पता तो बहुत कुछ चल गया है किंतु आपको अगर उससे मरना है तो उसकी बेटियो को अपनी तरफ करना होगा

अर्जुन "> मतलब क्या है तुम्हारा

रॉनी "> पहली बात तो ये की उसकी बीबी के सिवाय कोई नहीं जानता के उसे कैसा मारा जा सकता है और दूसरा उसके बेटे बहुत ही ज्यादा ताकत वर है उन्हे मरना भी आसान नही हैं तीसरा और मुख्य कारण है उसकी बेटियां जो सुंदरता के साथ साथ खतरनाक और काम की भी है उसे मारने के लिए उसकी बीबी को पटाना होगा

उसे चूदाई चाहिए लेकिन उसे आज तक उसके पति के सिवा कोई संतुष्ट नहीं कर पाया है इसलिए सब के सब मारे जा चुके है ।

हवस उसमे कूट कूट कर भरी हुई ।


उसकी बात सुन काट आंखे फाड़े में उसे देख रहा था ।

अर्जुन "> उसकी बेटियों का क्या रोल है इसमें

रॉनी "> उसकी बेटियां कोई साधारण नहीं हैं वरदान प्राप्त है उन्हे ।

अर्जुन "> कैसा वरदान और ये सब तुझे कैसे पता चला bi

Roni "> वो क्या है ना भाई मेने इंफॉर्मेशन निकालने के लिए उसके सेनापति की बेटी को पटा लिया है

अर्जुन "> तू तो बहुत चालू निकला बे वैसे वो तुझसे प्यार करती है या हवस है बी ।

रॉनी "> पता नही भाई अभी ।


अर्जुन ">


आज के लिए इतना ही














 

Sandeep singh nirwan

Jindgi na milegi dobara....
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68,798
259
सुरीका अष्टिका और रूदाली इनका था है ये जितनी दिखने में खूबसूरत है उतनी ही ज्यादा खतरनाक भी हैं । सुरिका की हाइट लगभग 7 फूट .5 इंच thi 42 गांड़ 30 की कमर और 42 के ही चूचे एक दम ठोस थे।

अष्टिका भी दिखने में उसके जैसे ही थीं बस उसकी हाइट थोड़ी कम थी उसका फिगर बिलकुल सुरीका के जैसा था ।

रूदाली दिखने में उन दोनो से भी ज्यादा सुंदर थी बस उसकी हाइट और फिगर इन दोनो से कम था जहां उन दोनो का नसीला फिगर था तो उसका कत्ल करने लायक था

38 की गांड़ 30 की कमर और 36 से के चूचे इतना मस्त फिगर है की देखते ही लन्ड खड़ा हो जाए । बेचारे कितनों के ही असुरों के लन्ड काट दिया गए थे । नीला सुर लगभग 10 फूट का था दिखने हट्टा कट्टा था उसने भी कई वरदान प्राप्त किए थे । शैतान सुर अपने भाई की तरह ही था जितना ताकत वर शैतान सुर था उतना ही नीला सुर भी था बस उसका बस दिमाग अपने भाई से तेज चलता था ।

Y सब बातें मुझे अभी पता नही थी इसलिए में अपने पहले कदम के लिए बहुत सोच समझ कर फैसला लेने बाला था एक गलत कदम और असुरो को फिर s पृथ्वी पर भेज देगा ।

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इधर में और वेताली लेटे हुए थे । की एक सेविका हमारे पास आई और बोली

सेविका "> महारानी ने आपको याद किया है ।

ठीक है आप चलिए हम लोग आते है । फिर में वेताली से बोला


अर्जुन "> हम तो कक्ष में थे न तो यहां क्यों लेकर आई तुम मुझे

वेताली "> काफी समय से ही में खुले आसमान के नीचे कुछ समय आपके साथ बिताना चाहती थी ।

में उसे मुस्करा कर देखने लगा फिर हम लोग रूम से बाहर निकले (सेविका के आने से पहले हम लोग रूम में आ गए थे ।) जब हम लोग महारानी के पास पहुंचे तो पहली बार मेने दोनो मां बेटी को ध्यान से देखा था क्या सुंदरता थी उन दोनो की देखते ही को गया था में तो फिर वेताल ने मुझे होश में लाया ।

महारानी "> हा तो आप हमे अब बताइए आप कोन है और यहां क्या कर रहे हैं


अर्जुन "> महारानी हम लोग असुर जाति से हैं ये तो आप जान ही गई हैं हम लोग बस ऐसे ही घूमते रहते है बस कुछ समय के लिए आसरा चाहिए था इसलिए यहां आए हैं ।

महारानी "> ठीक है आप यहां रुक सकते है बस कुछ भी गलत मत कीजिएगा की जिससे हमारा भरोसा एक बार फिर टूट जाए और हम किसी पर भरोसा ना कर सकें ।

अर्जुन "> जी महारानी जैसा आप चाहेंगी बैसा ही होगा । हम आपके भरोसे को टूटने नहीं देंगे ।

फिर हम सभी से मिल कर वापस अपने रूम में आ गए ।

वेताली "> स्वामी क्या आप भी बही सोच रहे हैं जो में सोच रही हु

अर्जुन "> हा वेताल कुछ तो ऐसा छुपा हुआ है यहां जो हमें दिखाई नही दे रहा है फिलहाल उससे भ्रम में रहने दो हम उसके ही खेल में उससे मत देंगे ।

वेताली "> अब आ क्या करने वाले है स्वामी ये बात उसने मेरे गले में बाहें डालते हुए बोला था ।

में उसे उसकी कमर से पकड़ कर अपने से चिपका लिया और सोचने लगा की क्या करना चाहिए ।

अगर दुर्मुखा को ख़त्म करना है तो पहले उसके श्रोत को खत्म करना होगा उसके लिए मुझे उसके राज्य में कोई ऐसा भेजना होगा जो बिना गड़बड़ किए वहां की जानकारी मुझे दे सके ।

इसलिए मेने अपने मन में आत्मभाजन के मंत्र को पढ़ने लगा पहले जब मेने। इसका अभियाश किया था तब में केवल अपने आत्मा के भाग कर सकता था किंतु अपनी पंचतत्वों की शक्ति और कुंडलनी जाग्रत करने के बाद में बिना अपनी आत्मा के भाग किए एक नए शरीर का निर्माण कर सकता था जिसमे मेरी जैसी ही शक्तियां होंगी उसका खुदका दिमाग होगा ।
यही सब सोच कर मेने एक नए शरीर का निर्माण कर दिया कुछ ही देर में एक मानव मेरे सामने खड़ा था

प्रणाम देव मेरे लिए क्या आज्ञा है मालिक

अर्जुन "> देखो पहले तो तुम मुझे ये मालिक बोलना बंद कर दो मेरा नाम अर्जुन है हम दोस्त है हा जब में तुम्हे याद करूंगा तुम मेरे अंदर से बाहर आ जाओगे ।

जैसे आपकी इच्छा अर्जुन

अर्जुन "> हा अब ठीक है अब तुम्हारा नाम क्या रखा जाए सोचने लगा तभी वेतली बोली

Vetali "> स्वामी आप इसका निर्माण क्यों कर रहे है आप उन सब का उपयोग भी तो कर सके है जो आपको आपकी परीक्षा के दौरान मिले थे ।

अर्जुन "> हा में जनता हु किंतु में किसी की भी जान खतरे में नहीं डालना चाहता हु ।

वेताली "> ठीक है स्वामी जैसी आपकी इच्छा ।

अर्जुन "> हा तो तुम्हारा नाम है रोनी है ठीक है ।

रॉनी "> ठीक है भाई मुझे क्या करना होगा।

अर्जुन अभी के लिए तुम जाओ और जाकर दुर्मुखा और उसके परिवार पर नजर रखो ठीक है और कुछ भी हो जाए तुम सामने नहीं आओगे समझ गए ।


रॉनी "> ठीक है समझ गया भाई ये बोलते हुए वो चला गया ।

इधर असुर गुरु अपने यज्ञ में लीन थे काफी समय हो चुका था उनको यज्ञ करते हुए ।

दुर्मुखा "> गुरुदेव और कितना समय लगेगा मुझसे और बर्दास्त नही होता है में उससे अपना प्रतिशोध लेना चाहता हूं इस बार में उससे हराकर ही रहूंगा ।

असुरा "> इतना शीघ्रता मत करो वरना सब खेल बिगड़ जायेगा जो भी करना सोच समझ कर करना है

दुर्मुखा "> आप इतनी देर से यज्ञ में आहुति दे रहे है क्या लाभ इसका अभी तक कुछ भी पता नही चल आया है उसके बारे मैं ।

आसुरा "> नहीं ये नहीं हो सकता है ऐसा कैसे हो सकता है हा आखिर कैसे कोन सी शक्ति है जो मुझे उस तक पहुंचने नही दे रही है कुछ तो अजीब है वरना मेरी तंत्र विद्या को काटना किसी के लिए भी आसान नही है।

दुर्मुखा "> क्या हुआ गुरुदेव आप इतना भयभीत क्यों हो रहे है ऐसा क्या देख लिया आपने ।

आसुरा "> जिसकी रक्षा स्वंम काल कर रहा हो उसे मरना इतना आसान नहीं हैं । मेरी तंत्र विद्या को किसी ने बीच में ही रोक दिया है कौन है जो रत्न ताकतवर है ।

रोहित बैठा कुछ सोच रहा था के छोटी उसके ऊपर चढ़ गई और बोली भाई आप क्या सोच रहे हो मुझे भी बताइए ना

रोहित "> कुछ नहीं तुम अभी बच्ची हो अभी नहीं समझोगी

उसकी बात सुन कर छोटी तुनक गई और बोली ठीक है में छोटी हु अगर छोटी होती तो आपका इतना बड़ा nhi लिया होता अपने अंदर y बोल कर बो गुस्से में जाने लगी ।

उसे जाता हुआ देख कर रोहित ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और उसकी कमर को कस लिया और बोला

रोहित "> अरे वाह क्या बात है मेरी शेरनी को गुस्सा भी आता है क्या

उसकी बात सुनकर छोटी ने अपना मुंह दुसरी तरफ फेर लिया

रोहित "> अगर गुस्सा करेगी प्यार नहीं करूंगा सोच ले वैसे छोड़ में कल कॉलेज रुचि को प्रपोज करूंगा

इतना सुनते ही छोटी बिफर गई और दे दना दन मुक्के रोहित को पड़ने लगे और बोली

छोटी "> कर के दिखाना उस चुड़ैल के बाल पकड़ नहीं मारा तो में भी अपने भाई की जान नहीं और उससे पहले में आपको मारूंगी फिर उस चुड़ैल को और बाद में खुद को

रोहित "> अरे अरे में तो मजाक कर रहा था रो क्यों रही है अच्छा रोना बंद कर रुचि नाम की कोई लड़की नही है । ये बोलते हुए उसने छोटी का चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होठों को पकड़ कर किस करने लगा । चलो इनको छोड़ देतेभाई इनके हाल पर हम चलते है अर्जुन के घर


##&&# ####################

₹##########*****"*************

अभी शाम का समय था दोनो बहने कॉलेज से घर आ चुकी थी ।
अपने रूम लेती हुए कुछ सोच रही थी । दोनो एक फोटो लिए हुए पड़ी हुए थीं

स्वीटी >भाई आप कब आओगे कितना टाइम लगा दिया है आपने को गए हुए तीन हो चुके है और पता नही क्या सोच रही थी

यही हाल अंजली का था उसे अर्जुन के साथ लड़ना झगड़ना नोक झोंक करना एक दूसरे को परेशान करना यही सब याद आ रहा था ।

अर्जुन की मां भी थोड़ी सेड सभी ही ऐसे ही थे । अर्जुन के घर से जाने से घर सुना था सभी उससे मिस कर थे थे ।

इधर अर्जुन भी अपनी यादों में गुम था के बहा पर रॉनी आ गया वेताली सो चुकी थी ।

अर्जुन "> आ गया भाई तू कुछ पता चला उसके बारे में

रॉनी "> भाई पता तो बहुत कुछ चल गया है किंतु आपको अगर उससे मरना है तो उसकी बेटियो को अपनी तरफ करना होगा

अर्जुन "> मतलब क्या है तुम्हारा

रॉनी "> पहली बात तो ये की उसकी बीबी के सिवाय कोई नहीं जानता के उसे कैसा मारा जा सकता है और दूसरा उसके बेटे बहुत ही ज्यादा ताकत वर है उन्हे मरना भी आसान नही हैं तीसरा और मुख्य कारण है उसकी बेटियां जो सुंदरता के साथ साथ खतरनाक और काम की भी है उसे मारने के लिए उसकी बीबी को पटाना होगा

उसे चूदाई चाहिए लेकिन उसे आज तक उसके पति के सिवा कोई संतुष्ट नहीं कर पाया है इसलिए सब के सब मारे जा चुके है ।

हवस उसमे कूट कूट कर भरी हुई ।


उसकी बात सुन काट आंखे फाड़े में उसे देख रहा था ।

अर्जुन "> उसकी बेटियों का क्या रोल है इसमें

रॉनी "> उसकी बेटियां कोई साधारण नहीं हैं वरदान प्राप्त है उन्हे ।

अर्जुन "> कैसा वरदान और ये सब तुझे कैसे पता चला bi

Roni "> वो क्या है ना भाई मेने इंफॉर्मेशन निकालने के लिए उसके सेनापति की बेटी को पटा लिया है

अर्जुन "> तू तो बहुत चालू निकला बे वैसे वो तुझसे प्यार करती है या हवस है बी ।

रॉनी "> पता नही भाई अभी ।


अर्जुन ">


आज के लिए इतना ही














Cool updatr bro..
 
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Smith_15

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Awesome👍👏
Update please
 

Mahakaal

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Awasome super update
 

Manojsharma

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Nice update bro
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bohot khoob . Kya likhte ho bhai ekdum jhakkas.
Ab dekhte hai garud lok me apna arjun kya khel khelta hai.
 
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The king

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हा मैं कह रहा था के जो होता है अच्छे के लिए होता है ऐसा ही कुछ यहां भी था इनका ना पहचानना मेरे लिए फायदेमंद था इसी के सहारे में इस दुर्मुखा तक पहुंच सकता था । कहते है ना इतना शक्तिशाली कवच भी अगर टूट जाए और फिर राजा के साथ पूरी पुरुष जाति खत्म हो जाए तो जरूर षड्यंत्र घर का भेदी ही रच रहा है खैर ये तो मेरा अनुमान था अब देखते क्या होता है ।

इधर मैं और वेताली बैठे हुए थे और वेताली मुझे देख रही थी और मैं ध्यान में था तभी मुझे बाबा की आवाज आई पुत्र कभी कभी जो हम सोचते है वैसा भी होता है जरूरी नही की हमारा सोचा हुआ हर बार गलत हो
में कुकी बोलता उससे पहले ही बाबा ने कनेक्शन काट दिया काफी देर ध्यान में रह कर मैंने अपने अंदर की ऊर्जा को कई गुना बड़ा दिया था वैसे भी डेली ध्यान करने से मै अपनी बहुत सी शक्तियां जाग्रत कर चुका था और अपने पंच तत्वों की शक्तियां भी में जाग्रत कर चुका था अब मुझे अपनी कुंडली शक्तियों को जाग्रत करना था वो आज रात जाग्रत हो जाएंगी ये मुझे पता चल चुका था

जब में ध्यान से उठा तो वेताली मुझे ही देख रही थी मैं भी मुस्कराते हुए उसे देखने लगा और बोला

अर्जुन "> क्या बात है डार्लिंग आज तो ऐसे देख रही हो जैसे खा ही जाओगी

वेताली "> ऐसा कुछ भी नही है पता नही क्यों आपको देखने का मन कर रहा था इसलिए देख रही थी ये कहते हुए उसने अपनी नजरें झुका लीं जिससे मेरे होठों पर मुस्कान आ गई फिर में बोला

अर्जुन "> अच्छा तुम्हे शर्म भी आती है क्या ये कहते हुए मेने उसके होठों को अपने होठों में कैद कर लिया


में बहुत ही आराम से उसके होठों को चूस रहा था थोड़ी ही देर में वो भी मेरा साथ देने लगी काफी देर बाद जब हम दोनो की सांसे उखड़ने लगीं तो हम दोनो अलग हो गए और वेताली मेरे लगे लगी रही काफी देर जब हम दोनो की सांसे दुरुस्त हुई तो में एक पेड़ का टेक लेकर बैठ गया और वेताल मेरी सीने पर सर रख कर लेट गई काफी देर हम ऐसे ही लेटे रहे ।

फिर मेने सोचा क्यों न दुर्मुखा को एक झटका दिया जाए वैसे चलिए आपको दुर्मुखा की थोड़ी और डिटेल्स देते हैं ।

दुर्मुखा की पत्नी का नाम सुरिका हैं बहुत ही क्रूर और निर्दई है दया भाव नाम कोई चीज उसके अंदर नहीं है अपनी हवस में हर समय जलती है क्योंकिं दुर्मूखा तो बाहर मुंह मारता रहता है ।

दुर्मुखा और सुरीका की तीन बेटियां और दो बेटे हैं दोनो बेटे बड़े हैं सबसे बड़ा बेटा है सैतन सुर और दूसरा है नीलासुर ये भी अपने बाप और भाई की तरफ उनके नक्शे कदम पर चलता है ।

इससे छोटी है सुरमिका ये भी अपनी मां की तरफ है जिसे चाहें मौत के घाट उतार सकती है चूदाई नहीं की है इसने अभी तक क्योंकि जो भी इसके पास गंदी नियत से आयेएगा उसकी सारी शक्तिय इसकी हो जाएंगी ।
मनुष्यो को छोड़ कर सब के लिए ये एक श्राप ही है क्योंकि एक मामूली मनुष्य असुर कन्या की हवस शांत नही कर सकता है ।और यही इनकी सबसे बड़ी भूल थी ।


इस बात को बो जानती थी इसलिए इन तीनों ने ये वरदान प्राप्त किया था बहुत ही सोच समझ कर बहुत से असुरों को अपनी हवस के जाल में फंसा कर उनकी शक्तियां छीन ली थी ।
यही कारण था के उनके भाई उनसे दूर रहते थे चोदना तो वो भी इन तीनों को चाहते थे कितनी बिना उनकी मर्जी के नही कर सकते थे।

अगर उसकी मर्जी से वो लोग उनकी चूदाई करते तो अजेय बन जाते किंतु वो किसी को भी नहीं बकसती नहीं थी जो भी उसके संपर्क मे आता चाहे कितना भी शक्ति शाली कोई भी हो कभी बच नही सका था ।


आज k liye Etna hi











Nice update bhai waiting for next update
 
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