Alok
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Bhai aap Jaisa bhi likh rahe ho bohot acha likh rahe ho.माफ करना भाई लेकिन में हर किसी को खुश तो नही कर सकता किसी को कुछ पसंद आता है तो किसी को कुछ में कोशिश करता हु सभी को साथ लेकर चलने की लेकिन किसी न किसी का दिल दुख ही जाता है एम सॉरी मेने आपको निराश किया लेकिन में ऐसे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता हु ।
Bohot Hi uttam. Awesome update with Great Writing Skills .अपडेट 42
और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।
किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।
मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।
महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।
महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।
में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।
अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।
इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।
वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।
मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।
समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।
काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।
कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।
इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।
चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।
अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।
मुझे देखते ही बोली
वेताली "> आप कहीं गए थे क्या
अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।
धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।
इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था
जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।
आज के लिए इतना ही ।
Bahot behtareen shaandaar update bhaiअपडेट 41
मुझे कुछ भी नही पता तुम क्या करोगे क्या नही लेकिन मुझे वो फॉर्मूला किसी भी कीमत पर चाहिए ।
ये बात मंत्री दीनदयाल ने अपने खास आदमी के कान में बोली थी जिसे मीटिंग में बैठा कोई भी व्यक्ति सुन नहीं सकता था ।
दिलावर "> सिर क्या हम इस बारे में बाद में बार नही कर सकते आपकी मीटिंग मिस हो गई तो सब कुछ हाथ से चला जायेगा ।
दीनदयाल "> हसते हुए , ही ही ही इसलिए तुम मेरे खास आदमी हो ।
दीनदयाल "> हा तो जेंटलमैन आप लोगो ने जो मीटिंग रखवाई उसका कोई खास रीजन है ।
एलेक्स "> हा दीनदयाल जी इसका खास कारण है इस बार हम इंडिया में ऐसा धमाका करेंगे की दुनिया की कोई ताकत इस इंडिया को बचा नहीं सकेगी ।
दीनदयाल"> क्या मतलब एलेक्स क्या करने वाले हो तुम और तुम्हारा प्लान क्या है शायद तुम भूल रहे हो इंडिया की बेस्ट एजेंसी को जिसने किसी को भी सफल नहीं होने दिया और हम दो बार पहले ही कोशिश कर चुके है एक या दो ब्लास्ट से ज्यादा हम कुछ नही कर पाए है इन दो अटैक में केवल 150 या 200 के लगभग लोग ही मरे हैं उससे ज्यादा नहीं तो अब तुम क्या करोगे जिससे तुम इंडिया को बरबाद कर सको ।
महमूद जो काफी देर से इन दोनो की बाते सुन रहा था ।
महमूद अलसाफी "> हम लोग कुछ भी कर सकते है जब तक रॉ का चीफ है हम कुछ भी नही कर सकते हैं क्योंकि उसने भले ही अपने बहुत से एजेंट को दिए हों लेकिन उसने न तो हिम्मत हारी है और ना ही उसने आज तक इस नामाकुल देश को ज्यादा नुकसान होने दिया है ।
उसकी बात सुन कर एलेक्स हसने लगता है ।
ही ही ही हा हा हा हा
तुम्हे सच में ऐसा लगता है के वो सिंह हमे रोक पायेगा इस बार मेरे वार इतना घातक होगा की दुनिया के नक्शे से इस भारत का nameo निशान मिट जायेगा ।
हा हा हा हा अब देखता हु कैसे बचाएगा ये सिंह अपने देश को और खुद को
दीनदयाल ">। तुम इतने को कॉन्फिडेंट से बोल रहे हो तो जरूर तुम्हारे दिमाग में कुछ खिचड़ी पक रही है ।
हा एक बात और है जब तक हम लोगो को इंडियन आर्मी के सीक्रेट डॉक्यूमेंट नही मिल जाते तक कोई कुछ नहीं करेगा ।
दिलावर "@> सिर टाइम हो चुका है हमे जाना होगा ।
दीनदयाल "> रुको अभी टाइम है ।
महमूद मेने जो कनसानमेंट मंगवाया था वो तुम ले या नही ।
महमूद "> ऐसा कभी नही हो सकता है की माल को डिलेवरी न हो ।
आपका मंगवाया हुआ सारा माल इन पेटियों में है और हम पेमेंट एक्स्ट्रा चाहिए आप जानते ही है की बॉर्डर पर करके माल लाना कितना मुस्किल है ।
दीनदयाल "> हंसते हुए हा हम जानते है तभी तो वैसे अपने साथियों से भी पूछ लेना चाहिए इस बारे में ।
हा तो पटेल ,रितेश और बाकी सभी तुम लोग क्या कहते हो ।
रितेश "> पेमेंट एक्स्ट्रा देने कोई प्राब्लम नही हैं लेकिन अगर डबल क्रॉस किया तो जानते हो न अंजाम क्या होगा ।
महमूद "> जानता हु की इस धंधे में कोई रिस्ता या नाता नहीं होता है ।
और आप चिंता मत कीजिए ऐसा कभी
नही होगा हम आपका भरोसा नही तोड़ेंगे आप इस बात की चिंता मत कीजिए ।
दीनदयाल "> गुड हमे तुमसे यही उमीद् थी ये लो अपना पेमेंट और आज की मीटिंग खत्म ।
थोड़ी ही देर बाद सभी यहां से निकल जाते है अब यहां पर सिर्फ दीनदयाल और दिलावर ही थे ।
दिलावर "> सर 100 लड़कियों का क्नसिनमेंट अभी पूरा नहीं हुआ है उसमे से कुछ लड़कियां निकल कर भाग गई हैं गलती से ये कहते हुए अपना सर झुका लेता है
उसकी बात सुनकर दिलावर एक थप्पड़ उसके गाल पर रसीद कर देता ।
दीनदयाल "> मधरचोद तुझे पता है ना अगर वो लड़किया मीडिया तक पहुंच गई तो क्या होगा मेरे साथ साथ तू भी मरेगा समझा जाकर ढूंढ उन बहन की लौड़ी को कितनी भागी हैं ।
दिलावर"> सर वो पांच लड़किया भाग गई हैं कल रात गलती है शटर लॉक करना भूल गए थे और में दूसरे काम से सिटी से बाहर गया हुआ था इसलिए ये सब हो गया ।
दीनदयाल "> चल कोई बात नही बस इतना ध्यान रखना वो लड़किया पुलिस या मीडिया तक नही जा आई चाहिए समझा जितना जल्दी हो सके ढूंढ उन कुत्तियो को में ही उनकी सील तोडूंगा अब तो यहां भागने का क्या अंजाम होता है वो दिखाऊंगा उन सब को ।
दिलावर "> ओके सर जैसा आप कहते है वैसा ही होगा।
ये बोल कर दिलावर और दीनदयाल वहां अपने घर की तरफ निकल जाते है ।
चलो काफी देर हो गई देखते है महारानी अभी तक सजी या नहीं ।
लोकेशन दुरमुखा सुर प्लेस >
महारानी "> कौन हो तुम यहां के तो नही लगते हो ।
उनकी बात सुनकर मुझे लगा कहीं ये मुझे पहचान न ले ।
जब मेने उसके चेहरे को ध्यान से देखा तो मुझे उसके चेहरे बिलकुल भी ऐसा नहीं लगा के उसने मुझे पहचान लिया है ।
फिर में बोला
अर्जुन "> जो महारानी वो क्या है की में एक राहगीर हु और घूमता फिरता रहता हु ।
आज एक वृक्ष के नीचे आराम कर रहा था तो कुछ सेविकाएं आई और मुझे यहां लेकर आ गई ।
मेरी बात सुन कर उसके चेहरे पर एक सैतानी मुस्कान आ गई जिसे उसने छिपाना चाहा किंतु छिपा ना सकी ।
महारानी "> तुम जानते हो यहां क्यों लाए गए हो ।
अर्जुन "> जी नहीं महारानी उन सेविकाओं ने बताया था की यहां कोई प्रतियोगिता होने वाली है किंतु यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं है।
महारानी "> देखो में कोई कुछ भी घुमा फिरा कर बात नहीं करूंगी
मेने आज तक न जाने कितने ही पुरुषों को बंधक बनाकर यहां बुलवाया किंतु आज तक कोई भी मेरे सामने आज तक कोई भी पूर्ण रूप से संभोग के लिए तैयार नहीं हुआ मेरे सामने आते ही उसका लिंग खड़ा होना बंद कर देता है जिसके कारण न जाने कितने को मार चुकी हूं में अगर। तुम भी उनकी तरह निकले तो तुम भी उनकी तरह ही मरे जाओगे समझ गए ।
में उसकी बात सुन कर ही हैंग हो गया था मेने सोचा नहीं इतनी जल्दी ये सब हो जायेगा में शोक हो गया था ।
महारानी "> कहां खो गए तुम
ये बात उसने मुझे हिलाते हुए कही थी
अर्जुन "> जे जी समझ गया किंतु में अपनी प्रियतमा के अतिरिक्त किसी के साथ नहीं कर सकता हु ।
मेरी बात सुन कर एक दम से गुस्से में आ गई और बोली
महारानी "> तुम इसका अंजाम जानते हो ये कहते हुए उसकी आंखे गुस्से में लाल हो गई ।
फिर में बोला
अर्जुन "> शायद आप भूल रही हैं कि आप बेसक असुर हो किंतु आपके पास भी दिल है आपको जो प्यार से मिल सकता है वो कभी जोर जबरदस्ती से नहीं मिल सकता है
बाकी आपकी मर्जी मेरा काम आपको समझाना था ।
आप अपनी हवस तो दूर कर लेंगी किंतु प्रेम कभी भी नहीं पा सकेंगी ।
आज के लिए इतना बाकी अगले एपिसोड में
दोस्तो आप लोगों का रिस्पोंस बहुत कम आ रहा है जिसकी एक वजह ये भी है के में अपडेट nhi दे रहा हु । बिना रिस्पोंस के कहानी लिखने में मजा नहीं आता मेरा भी टाइम वेस्ट होता है ।
Badhiya shaandaar update bhaiअपडेट 42
और रही बात सेक्स करने की आपके साथ में करने के लिए तैयार हु लेकिन आप फिर कभी मेरा साथ नही पा सकेंगी में जानता हुआ आप मुझे पसंद करने लगीं है जब से में आया हु ।
किंतु आप शायद मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं है रही बात जो आपके मन में चल रहा है तो में किसी।एक का नही हु और में छह कर भी ऐसा नहीं कर सकता हु में ही जनता हु अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांटना कितना मुस्किल होता है में आपकी भावनाओं को समझता हु किंतु में ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता ।
मेरी बात सुनते हुए उसके चेहरे के भाव और देखने का तरीका हर पल बदल रहा था फिर जैसे ही मेरी बात खत्म हुए वो बोली ।
महारानी "> हमें नहीं पता तुम कौन हो किंतु आज पहली बार ऐसा लगा जैसे कोई अपना मिला हो तुम्हारी बाते मानने को हम पता नहीं क्यों मजबूर हो रहे हैहुम चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रहे है ।
महारानी "> हा हम तुम्हे पसंद करने लगे है ना जाने क्यों आज हमारा दिमाग साथ बिलकुल नहीं दे रहा है हम जो करना चाहते है उसे चाह कर भी नहीं कर पा रहे है ।
में बहुत देर तक उसकी बाते सुनता रहा फिर मुझे समय का खयाल आया ।
अर्जुन "> अब मुझे जाना होगा महारानी जी आप कल।अच्छे से सोच लीजिए और उन सभी को जाने दीजिएगा अगर अपने ऐसा किया तो मुझे बहुत खुशी होगी बाकी आपकी मर्जी है।
इतना बोल कर में वहां से गायब हो गया क्योंकि में नहीं चाहता था कि किसी को भी मेरे बारे में कुछ भी पता चले ।
वहां से गायब होने के बाद में उसी रूम में आ गया जहां पर वेताली और में रुके थे महल में अब समय था सभी से ठीक से मिलने का ।
मेने देखा तो वेताली अभी भी सोई हुई थी ।
समय देखा तो अभी अभी बहुत टाइम था इसलिए सोचा थोड़ा टहल लिया जाए इसलिए में बहां से निकल कर चल दिया गरुण लोक का भ्रमण करने के लिए ।
काफी बड़ा था गरुण लोक लेकिन उस महा युद्ध के बाद उसमे एक वीराना सा छा गया था ।
कितना सुंदर था लेकिन कहते है ना जैसे बिना पानी के तालाब का कोई महत्व नहीं वैसे ही बिना प्रजा के इस गरुण लोक का कोई महत्व नहीं था ।
इतने अच्छे लोग को ऐसा श्राप ही क्यों मिलता है ।
चलो जो भी हो जो नियति में लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता ये तो लाइफ का एक कड़वा सच है।
अब शाम के 4 बज चुके थे इसलिए में वेताली के उठने से पहले अपने कमरे में आ गया और उसके सर पर हाथ फिरा कर उसे गहरी नीद से बाहर ले आया ।
मुझे देखते ही बोली
वेताली "> आप कहीं गए थे क्या
अर्जुन ">हा जिस काम के लिए आए है उसकी शुरुआत करने के लिए हमें यहां से जल्दी जाना होगा अपना काम खत्म करके में आगे कुछ बोलने बाला था की वेताली ने मुझे एक दम से पकड़ लिया और मेरे होठों को अपने होठों की कैद में ले लिए में एक दम से हुए हमले से ऐसे खड़ा था जैसे कोई सपना हो ।
धीरे धीरे मेने भी रिस्पोंस देना सुरु कर दिया बहुत मुलायम होठ थे ।
इधर हम अपने मजे में मस्त थे और उधर दुर्मुखासुर को किसी शक्ति का महल में होने का आभास हो चुका था
जिस कारण वो अपनी साधना के में बैठे ही अपने पुत्र को इस बात की जान करी दे दी के कोई दूसरी शक्ति महल में घुस चुकी है उससे डूंडो।
आज के लिए इतना ही ।