सुबह के 6 बज रहे है मम्मी रशोई घर में खाना बना रही थी,
![1652636129646 1652636129646](https://i.ibb.co/YLXsWnm/1652636129646.jpg)
पापा कब के तैयार हो चुके थे जाने के लिए,
और यह क्या मुझे उठाने के लिए मेरा भड़वा चाचा जगाने आया,
चाचा- यश बेटा उठ जा पापा तैयार हो गए जल्दी उठ और तू भी तैयार हो जा,
मैं- मन मे( ये साला हराम का जना सवेरे2 आ गया साला)
,
![1652636169117 1652636169117](https://i.ibb.co/2qJ2VXL/1652636169117.jpg)
कि तभी मां आ जाती हैं और चाचा तुरंत उठ कर बाहर चले जाते हैं और मां आज्ञा कर दी है कि चल यस उठ जा तेरे कॉलेज का टाइम हो गया है अबकी बार तुझे अच्छे से पढ़ाई करके अच्छा नौकरी या व्यापार करना है ।
और तेरे पापा से अपना भार सिर से उतार दे।
इतना प्रवचन करके मां चले गए
,
,
मैं उठ कर तैयार हो गया और खाने का मां को बोल दिया कि टिफिन में एक्स्ट्रा डाल दो मैं वही जाकर खा लूंगा।
फिर मा ने मेरा टिफिन पैक करके दे दिया
और हम पापा और मैं निकल गए,
उधर घर में केवल मां और चाचा ही रह गए क्योंकि चाचा सामान लेने के लिए कल ही खेत से घर आए थे।
और उनको आज सामान लेकर घर से निकलना था
मगर मां जब से रसोई में खाना बना रही थी और पापा को परोस रही थी मतलब खाना नहीं अपना जलवा परोस रही थी कुछ इस तरह,
हम शहर पहुंच गए थे पापा ने मुझे कॉलेज ड्रॉप किया और मैं कॉलेज के लिए निकल गया,
note############
{एक और बात तो दे दो भाइयों की यह स्टोरी सिरप मां और बेटे के ऊपर हैं इसलिए ज्यादा उधर उधर का मसाला नहीं}
डालूंगा धन्यवाद।
उधर घर में मां रसोई में खाना बना रही थी कि चाचा रसोई में घुस गए और मां से बात करने लगा
चाचा- भाभी क्यों नहीं आज आप भी खेत पर मेरे साथ चले क्योंकि फसल बो रहे हैं तो आपके हाथों से पहला बीज बो देंगे तो अच्छा ही होगा
माँ- नहीं देवर जी आज मैं नहीं आ सकती मगर कल वैसे भी रविवार हैं और यश की छुट्टी है इसलिए हम दोनों आ जाएंगे आज आप सामान लेकर निकल जाइए।
इतना बोलकर मां काम में लग गई और चाचा के दाल गल नहीं पाई और मुंह उठाकर सामान लेकर खेती और चल दिए।
इधर में अपने दोस्त के पास बैठकर बातें कर रहा था कि मैंने उससे बोला यार तेरे तो बहुत मजे हैं तेरे पास तो अभी से मोबाइल है यार मुझे तो मेरे पापा हाथ भी लगाने नहीं देते तू तो कम से कम दे दिया करो भोसड़ी के
इतने में वह बोला अबे यार मोबाइल की क्या बात करता है तेरे लिए तो जान भी हाजिर है चल ये पकड़ और आज और आज की रात तू ही देख ले कल सुबह आकर मुझे दे देना और इतना बोल कर वह उठ कर चला गया।
मैंने सोचा आज तो मजा क्यों ना आज थोड़ा जल्दी घर जाकर मजे लिए जाए कोई और मजे नहीं भाई मोबाइल चलाने के मजे बस गांव के लड़के के लिए यही काफी था
मैं स्टेशन जाकर बस में बैठ गया ।
मेरे पास दो और लड़के बैठे थे जो दिखने में कुछ ठीक नहीं लग रहे थे बात बात पर हंस रहे थे और आती-जाती महिलाओं को ताड़ रहे थे
उसमें से (1) एक बोला अबे यह जो बैठी है सामने वह तगड़ा माल है 40 के पार होगी
![1652636319569 1652636319569](https://i.ibb.co/2FNwprZ/1652636319569.jpg)
क्या बड़े बड़े मोटे मोटे फैले हुए गांड और बूबे हैं।
तभी दूसरा (2) हां यार सच में अगर एक रात के लिए मिल जाए तो मैं तो इसकी गांड में अपना मुंह डालें पड़ा रहूंगा और अपना लौड़ा उसके मुंह में फंसा कर ऐसे ही पड़ा रहूंगा।
तभी पहला (1) हां यार आंटियों के जलवे ही कुछ और हैं हमारे घर में ही ऐसे तगड़े माल भरे हैं मेरे भाई मगर हमने कभी ध्यान ही नहीं दिया।
तभी दूसरा (2) सच में भाई तू सही बोल रहा है मेरे घर में भी मेरी मां और बुआ बिल्कुल ऐसी है जिन्हें देखते ही मेरा लौड़ा हमेशा खड़ा रहता है पर क्या करूं यार उनके नाम की मुट्ठ मार के अपने लोड़े को शांत कर देता हूं
तभी पहला(1) हां भाई सच बोल रहा है मेरा भी यही हाल है मेरी मां ने मेरी नींद उड़ा रखी है वह तो घर में केवल ब्लाउज और घाघरा पहने ही सारा काम करती है जिससे मेरा बुरा हाल हो जाता है मगर क्या करूं मैंने तो कई बार उन्हें नंगी नहाते हुए भी देखा है और उनको देखते देखते पता नहीं कितनी बार अपना माल निकाल दिया है मगर उन्हें चोदने का जुगाड़ नहीं हो रहा है यार।
,
, कि तभी आवाज आती है कि बाबू उतर जाओ आपके स्टेशन आ गया
और मैं उठकर बस से उतर गया
उन दोनों की बातें सुनकर तो मैं एकदम सुन पड़ गया था
अभी मुझे घर जाने में 10 किलोमीटर का और फासला तय करना था
वहीं पर टांगे लगे हुए थे हमारे गांव जाने के लिए मैं तांगे में बैठ गया और चल दिए अपने घर की ओर
मतलब अपनी मां की कोख में अपने लोड़े को फ़साने की कोशिश में।