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Superb updateUPDATE 9
शहर में सरला देवी के घर में सुबह के 12 बजे रामू आता है आते ही...
रामू – (सरला देवी से) काकी कितने बजे चलना है हमें...
सरला देवी – बहुत जल्दी आ गए रामू...
रामू – काकी अपने कहा था चलने को लेकिन वक्त का पता नहीं था...
सरला देवी – (मुस्कुरा के) हा रामू मुझे वक्त बताने का ध्यान ही नहीं रहा हमें 3 बजे निकलना है बाकी सब यहां से शाम 5 बजे निकलेंगे गांव के लिए...
ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी सुमन आती है...
सुमन – (सरला देवी से) मा तैयारी सबकी हो गई है...
सरला देवी – ठीक है और मैने को समझाया था याद है ना...
सुमन – (सिर झुका के) जी मा मैने बच्चों को भी समझा दिया है...
सरला देवी – अच्छी बात है (रामू से) तुम यही पे आराम करो वक्त होने पर तैयार हो जाना तुम...
रामू – जी काकी...
बोल के सरला देवी चली गई जबकि रीना अपने कमरे से बाहर आ रही थी तो उसने सरला और सुमन की बात सुन ली लेकिन समझ नहीं पाई तो सुमन के पास आके...
रीना (साहिल की ताई याने बड़ी मां) – (सुमन से) क्या बात है सुमन ये मा क्या बोल रही थी और कौन सी बात याद करने को बोल गई तुझे और तू चुप क्यों हो गई अचानक से...
सुमन – (पिछले दिन की बात बता के) इसीलिए दीदी...
रीना – (मू बना के) तू ज्यादा मत सोच सुमन उस कातिल के बारे में वो तो वैसे ही घटिया इंसान है...
सुमन – (गुस्से में) दीदी...
रीना – अब उस कातिल के लिए इतना गुस्सा किस लिए सुमन भूल मत उसने कैसे ससुर जी (प्रताप सिंह) को मारा था याद है या भूल गई वो रात अगर अभी भी याद नहीं आए तो सामने दीवार पर वो छेद देख ले आज भी उसमें वो गोली पड़ी हुई है जो उस कातिल ने अपने दादा जी को मारी थी अब ज्यादा मत सोच तू उस कातिल के बारे में तैयारी कर शादी में चलने की...
बोल के रीना चली गई जबकि सुमन वही खड़ी उस दीवार को देखती रही जिसमें छेद था उसे देख उसकी आंख से आंसू आ गए ये नजारा अपने कमरे के दरवाजे से सरला देख के मुस्कुरा रही थी जबकि इस तरफ सुबह के वक्त गांव में धीरेन्द्र की हवेली में साहिल सपना देख रहा होता है सपने में वो एक सुंदर सी लड़की के साथ बात कर रहा होता है...
SAPNE ME
साहिल – (लड़की से) तुम्हारी पायल की झंकार कितनी मधुर है परी जैसे ये पायल की झंकार ना हो के मेरे दिल की धड़कन हो...
सही समझ रहे है इस वक्त साहिल जो सपना देख रहा था वो आरव और परी का बीते हुए कल का वाक्य है...
परी – (मुस्कुरा के) ये पायल भी आपका दिया तोहफा है मेरे लिए...
तभी आरव मुस्कुराने लगता है लेकिन तभी साहिल की आंख खुल जाती है जिसे कमल ने जगाया था...
साहिल – (उठते ही गुस्से में कमल से) क्या भोसडीके तुझे और कोई काम नहीं है क्या कितना अच्छा सपना देख रहा था मै तूने जगा दिया...
जल्दी बाजी में साहिल बोल तो देता है और ध्यान नहीं देता कि कमरे में निधि और सविता भी है तभी साहिल के नजर सविता और निधि पे जाती है जो हस्ते हुए साहिल को देख रहे थे उन्हें हंसता देख...
साहिल – आप दोनों यहां पर इतनी सुबह...
सविता – हम तो कल रात से यही है साहिल...
साहिल – (रात की बात याद करके) I M Sorry मेरी वजह से आपको भी तकलीफ हुई...
सविता – ऐसी कोई बात नहीं है साहिल बस तुम्हे उस हालत में देख हमें भी अच्छा नहीं लग रहा था और तुम्हारी चिंता हो रही थी इसीलिए हम तीनों यही सो गए कल रात में...
तभी निधि बात बदलते हुए...
निधि – वो सब छोड़ो ये बताओ क्या सपना देख रहे थे तुम...
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) छोड़ो ना बुआ उस बात को...
निधि – (साहिल को इस तरह से मुस्कुराता देख) ओह हो अब तो नहीं छोड़ने वाली हूँ मै बता तो क्या सपना देखा तूने कौन थी सपने में तेरे...
साहिल – (मुस्कुरा के) पता नहीं बुआ वो कौन थी उसका चेहरा सही से नहीं देख पाया लेकिन जब मैं उसके साथ था तो एक अजीब सा सुकून मिल रहा था दिल को मेरे लग रहा था बस बैठा रहूं हर वक्त उसके साथ बाते करता रहूं मै...
सविता – (मुस्कुरा के) अरे वाह क्या बात है साहिल तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले मै समझती थी कि तुम लड़कियों पे ध्यान नहीं देते हो जबकि स्कूल की कई लड़कियां तुमपे मरती थी लेकिन यहां तो बात ही अलग हो रही है क्यों साहिल अच्छा क्या नाम था उसका...
साहिल – उसका नाम परी था...
कमल जो इतनी देर से बाते सुन रहा था बोला...
कमल – (हस्ते हुए) लो कर लो बात अब इस महाशय के सपने में परी आने लगी अभी भी धरती में रह के परी के सपने मत देखा कर इंसानों के सपने देखा कर...
साहिल – तुझे बड़ी जलन हो रही है मेरे सपने से बे क्यों तुझे नहीं मिली क्या आज तक...
सविता – मिलेगी कहा से तुम दोनों को बॉडी बनाने से फुर्सत तो मिल जाय बस एक हम ही पागल है यहां जो सामने चल के कितनी बार इन्विटेशन दिए जा रहे थे कितने दिनों से तब जा के मेहरबान हुए ये (कमल के सिर में तपली मार के)...
कमल – हा तो आप ही तो बोल रही थी मुझे की निधि और साहिल मजे ले रहे है तुम क्यों नहीं लेते हो इसीलिए मैने आपको बोला था...
सविता – (कमल के गाल पे हाथ फेर के) हाय क्या करे यार ये जवानी संभाले नहीं संभलती है इसीलिए तो तुझे लाइन दे रही थी....
कमल – (मुस्कुर के) तो मजा भी आया ना सविता डार्लिंग भूल गई क्या वो रात...
निधि – अच्छा अच्छा बहुत हो गया तुम दोनों का चलो जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ...
सविता – (कमल से) क्यों चले तैयार होने साथ में तैयार होते है उस दिन की तरह...
निधि – (चौक के सविता से) दिमाग खराब है तेरा क्या बोले जा रही है घर में सब लोग है यार अगले हफ्ते शादी है मेरी...
सविता – तू तो ऐसे बोल रही है जैसे बड़ी दूध की धुली हो तुझे भी मजे करने थे और तुमने करे भी मजे साहिल के साथ वैसे भी अभी सुबह के 6 बज रहे है कौन सा कोई काम मिल गया है करने को तू भी मजे कर साहिल के साथ मै जाती हूं तेरे कमरे में (कमल से) चलो कमल ज्यादा देर बैठोगे यहां तो ये मैडम (निधि) इलेक्चर देना शुरू कर देगी...
बोल के सविता हाथ पकड़ को कमल को निधि के बने कमरे में ले जाके दरवाजा लाक कर दिया उनके जाने के बाद...
निधि – (मुस्कुरा के साहिल से) क्यों क्या इरादा है वक्त भी है और दस्तूर भी...
साहिल – (मुस्कुरा के) इरादा तो नेक है मेरा अपने बताओ आप बुआ जी...
निधि – (साहिल के गले लग के) अब तो बुआ मत बोल मुझे बस निधि बोला करो तुम अच्छा लगता है तेरे मू से अपना नाम सुन के...
ओल के साहिल को चूमने लगी थी होंठ पर लेकिन साहिल ने गाल आगे कर दिया तब...
साहिल – हम्ममम पहले की बात अलग थी लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ बुआ मै दादा जी का विश्वास नहीं तोड़ सकता हूँ सालों बाद जाना है परिवार कैसा होता है उसका प्यार कैसा होता है...
निधि – तो रह जा यही पर हमेशा के लिए...
साहिल – ये हक सिर्फ दादी है वो जो चाहेगी जहां चाहेगी मैं वही जाऊंगा...
निधि – हा जानती हु मै तुझे एक बात बतानी है साहिल...
साहिल – क्या...
निधि – परसो शाम को राघव भइया से मै बात कर रही थी तब उन्होंने बताया कि जब पिता जी तुझे शादी का न्योता देने आने वाले थे तेरे पास उससे पहले पिता जी तेरे दादी के पास गए थे उनके घर पर वहां पर उन्होंने न्योता दिया सबको उसके बाद पिता जी तेरी दादी तेरे बड़े पाप राजेश और तेरे छोटे पापा धीरज ये लोग आपस में बाते कर रहे थे तब तेरे बड़े पाप राजेश और छोटे पापा धीरज इन दोनों ने तुझे हमेशा के लिए घर लाने की बात कही है पिता जी से...
साहिल – ओह और क्या वजह है उनके इस फैसले का...
निधि – तुम तो जानते हो साहिल तेरे बड़े पाप राजेश का बेटा दिमागी रूप से कैसा है शरीर से बड़ा हो गया लेकिन अकल से आज भी बच्चा है वो और उस घर में तेरे इलावा कोई बेटा नहीं किसी का...
साहिल – मतलब वंश आगे बढ़ाने के लिए ही मुझे वापस बुलाने की तैयारी हो रही है यही ना...
निधि – साहिल और कितना तड़पाओगे अपने आप को तुम...
साहिल – आपको लगता है ये मै कर रहा हूँ अपने साथ मै अपने आप को दर्द दे रहा हूँ नहीं बुआ ये सब उनलोगों का किया धारा है कातिल नाम दिया है उनलोगों ने मुझे जानती हो किसका कातिल मेरे दादा जी का कातिल बना दिया उनलोगों ने मुझे आप जानती हो मुझे जो अटैक आते है तो उसमें क्या होता है मेरे साथ अरे उनलोगों ने तो एक बार दादा जी को मरते देखा था जबकि मुझे आने वाले हर अटैक में अपने दादा जी को हर बार अपने सामने मरते देखता हूँ...
बोल के साहिल रोने लगता है जिसके बाद आगे बोलता है...
साहिल – हर बार मेरे साथ यही होता है मेरे हर अटैक में और मैं कुछ नहीं कर पाता बस डरा सहमा सा रहता हूँ...
निधि – किसने मारा था दादा जी को...
साहिल – पता नहीं लेकिन वो हर बार दादा जी को मारने के बाद अपनी बंदूक मुझपे तान देता है उसके बाद मै जाग जाता हु जाने कौन है वो बस एक साया दिखता है जिसका कोई चेहरा नहीं है (रोते हुए) मैं कातिल नहीं हूँ बुआ मै कातिल नहीं हूँ नहीं मारा मैने अपने दादा जी को...
निधि – (साहिल के आंसू पोछ के) रो मत साहिल मै हूँ न तेरे साथ...
साहिल – वो लोग जो चाहे कर ले मै कभी नहीं मानने वाला उनको अपना परिवार नफरत है मुझे उनलोगों से (कुछ सेकंड रुक के) आपसे एक बात कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे...
निधि – नहीं बिल्कुल नहीं तुम बोलो क्या बात है...
साहिल – क्या चाचा जी (राघव) को शारीरिक तौर पे कमजोरी है क्या...
निधि – क्या मतलब इस बात का...
साहिल – मेरा मतलब मरदाना कमजोरी से है...
निधि – पागल है क्या ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कुछ नहीं है...
साहिल – तो चाची खुश है चाचा जी के साथ शारीरिक तौर पर...
निधि – (साहिल की बात सुन के) एक बात बता आज तू ऐसी बाते क्यों कर रहा है...
तभी साहिल अपने गांव आने के बाद जो हुआ वो बताता है लेकिन कल वाली बात को छोड़ के...
निधि – (चौक के) क्या बोल रहे हो तुम साहिल ऐसा कुछ नहीं है...
साहिल – (हैरान होके) आपको पक्का यकीन है...
निधि – हा साहिल वो मेरी भाभी बाद में पहले मेरी पक्की दोस्त है वो और मुझसे कुछ नहीं छुपाती है कभी भी...
निधि की बात सुन साहिल कुछ सोचने लगता है जिसे देख...
निधि – देख साहिल अगर कोई बात हो तो बता दे मुझे क्या तुझे पता है कि रागिनी भाभी किसकी बहन है...
साहिल – किसकी बहन है वो...
निधि – तेरे बड़े पाप राजेश की बीवी मतलब तेरी बड़ी मां रीना की बहन....
साहिल – (बड़ी मां रीना का नाम सुन के) ओह हो तो ये बात है अब समझ में आई बात...
निधि – क्या समझ में बात आई मै कुछ समझी नहीं अभी...
साहिल – (अब साहिल ने निधि को बाकी बातों के बारे में बता दिया) कल रात में मुझे बोला उन्होंने इस भी बारे में किसी से बात ना करूं आपसे भी नहीं जबकि आपकी भाभी ने ये भी बोला है कि आपको सारी जानकारी है इस बारे में यहां तक आप भी उनका साथ दे रही हो...
निधि – ये तुम क्या बोल रहे हो साहिल...
साहिल – बुआ मेरा इस दुनिया में दादी और कमल के इलावा कोई नहीं है परिवार कहने के लिए मै उनकी कसम खा के बोलता हु जब से गांव में आया हु तब से ये हुआ है मेरे साथ...
निधि – (गुस्से में) अभी जाके खबर लेती हूँ मै इनकी...
साहिल – रुक जाओ बुआ अभी नहीं आज शाम को सभी लोग आने वाले है और अगर मैं सही हूँ तो जरूर आज शाम को कुछ बड़ा होने वाला है इस हवेली में जिसमें शिकार मेरा होगा...
निधि – अगर ऐसा है तो मै तेरे साथ हूँ आने दो उनको अगर कुछ भी गलत हुआ तेरे साथ तो मैं छोडूंगी नहीं किसी को...
साहिल – वैसे आप गुस्से में बहुत प्यारी लगती हु कसम से पहली बार गुस्से में देखा है आपको...
निधि – (हस्ते हुए) पागल हो तुम पूरे...
साहिल – एक बात बताओ जब आप जानते थे कि मै आपका भतीजा हूँ फिर भी आप मेरे साथ क्यों किया आपने...
निधि – (मुस्कुरा के) क्या किया कुछ भी तो नहीं...
साहिल – (मुस्कुरा के) बताओ ना बुआ प्लीज...
निधि – नहीं पहले तू मुझे मेरे नाम से बुलाएगा फिर बोलूंगी...
साहिल – ठीक है निधि अब तो बता दो ना...
निधि – कुछ खास नहीं बस तेरा ये भोला पन भा गया मुझे तेरी प्यार भरी अच्छी बातों में ऐसा खो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा जिस्म तेरी बाहों में आ गया लेकिन मुझे कोई अफसोस नहीं हुआ इस बात का कम से कम कही और बहकने से अच्छा तेरे साथ बहक गई मै...
साहिल – लेकिन आपकी तो शादी तय हो गई है ना फिर...
निधि – (हस्ते हुए) तुझे एक बात बताऊं पिछले हफ्ते तेरे साथ वक्त बिताने से पहले मेरा मंगेतर मिलने आया था मेरे कमरे में वहां हमने खूब एंजॉय किया साथ में जब मैने उसे बोला कि इस मजे के बाद अगर मैं पेट से हो गई तो तब वो बोला तो हो जाना 2 हफ्ते बाद शादी है अपनी कोई दिक्कत नहीं होगी (बोल के हंसने लगी) उसके बाद मैने पिल लेली थी क्योंकि मैने सोच लिया था बच्चा तो मुझे चाहिए बिल्कुल मेरे साहिल की तरह बस इसीलिए जाने से पहल तेरे साथ रही दो दिन मै...
साहिल – (बात समझ के) ओह तभी आप लास्ट टाइम बोल रही थी मुझे की मेरा प्यार साथ रहेगा हमेशा के लिए...
निधि – (मुस्कुरा के) काफी समझदार है गए हो तुम , चलो अब जल्दी से फ्रेश होके तैयार हो जाओ 2 घंटे हो गए हमें बात करते करते...
साहिल – अरे हा सच में आपके साथ वक्त का पता ही नहीं चला मुझे खेर निधि...
निधि – हा साहिल....
साहिल – प्लीज अभी ऐसा कुछ मत करना कही बात बिगड़े , ये हो सकता है शायद मेरा वहम हो और ऐसा कुछ भी ना हो...
निधि – तुम घबराओ मत मै ध्यान रखूंगी इस बात का बाकी शाम तक देखते है...
इस तरफ निधि और साहिल बातों में लगे थे जबकि दूसरी तरफ कमल लगा था सविता के साथ रासलीला करने में
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Tremendous updateUPDATE 10
दोपहर 3 बजे सरला देवी निकल चुकी थी शहर की हवेली से ड्राइवर रामू के साथ करीबन 2 घंटे बाद सरला देवी पहुंच गई अपने भाई धीरेन्द्र के गांव लेकिन अपने भाई के पास जाने के बजाय सरला देवी उसी गांव के घने जंगल की तरफ वही एक गुप्त रस्ते से होते हुए सरला देवी आती है रामू के साथ शिव मंदिर की तरफ (ये वही मंदिर है जहां रानी सुनंदा शुरुवात में आई थी सभी के साथ जहां बाबा जगन्नाथ मिले थे) गाड़ी रोक के सरला देवी गाड़ी से उतर के मंदिर में जाती है जहां इस वक्त जगन्नाथ बाबा शिव जी की मूर्ति के नीचे बैठे जाप कर रहे थे उन्हें देखते ही सरला देवी खुद ब खुद घुटनों के बल हो गई और रोने लगी सरला देवी के रोने की आवाज सुन जगन्नाथ बाबा की आंखे खुल गई उन्होंने पलट के देखा सरल देवी को अपने स्थान से खड़े हो गए तभी सरला देवी का ड्राइवर ने सरला देवी को रोता देख उसके पास जाने लगे तभी...
जगन्नाथ बाबा – (रामू को रोक के) रुक जाओ पुत्र रो लेने दो इन्हें कई सालों से दर्द को अपने दिल में दबाए हुए है रो लेने दो जी भर के आज इन्हें...
कुछ देर बाद जगन्नाथ बाबा ने सरला देवी को उठाया जिसके बाद...
सरला देवी – (सुबकते हुए) क्यों बाबा आखिर क्यों हुआ मेरे साथ ऐसा क्या कसूर था मेरा क्या कसूर था मेरे जिगर के टुकड़े का जो इतने सालों से झेल रहा है सजा को आखिर क्यों बाबा...
जगन्नाथ – कोशिश तो मैने बहुत की थी पुत्री ऐसा कुछ ना हो लेकिन विधि के विधान को कौन बदल सका जो मै कर सकता...
सरला देवी – बाबा उस मनहूस रात के बाद जैसे मेरा सब कुछ तबाह हो गया मेरी मांग का सिंदूर मुझसे छीन गया साथ ही मेरे पोते के माथे पे कलंक लग गया उसके दादा के नाम का बाबा और मै कुछ ना कर सकी बाबा...
जगन्नाथ – नहीं पुत्री तुमने बहुत कुछ किया अपने पोते के लिए जो मा बाप को करना चाहिए था लेकिन ये सौभाग्य तुम्हारे नसीब में था पुत्री इसीलिए ऐसा हुआ लेकिन अब वक्त आ गया है पुत्री तुमने जो किया है अपने पोते के खातिर उसका फल मिलेगा तुझे बस कुछ दिनों की बात और है पुत्री...
सरला देवी – मै बस यही चाहती हूँ मेरी आंख बंद हो उससे पहले मेरे पोते वापस आ जाए अपने परिवार में शांति से ताकि उसे वो सब मिल सके जिसके लिए वो आज तक तरसता रहा है बाबा...
जगन्नाथ – ऐसा ही होगा पुत्री बस कुछ दिन में तेरे पोते का 21 वा जन्मदिन है उसके बाद शुरुवात होगी उसकी खुशी की जिसके लिए तूने इतनी तपस्या की है और साथ ही उस कार्य की जिसके लिए उसका जन्म हुआ है पुत्री बस तुझे उसका साथ देते रहना है जैसे अब तक देती रही हो ताकि जल्द से जल्द वो अपनी सभी शक्ति को प्राप्त कर सके जानती हो उसकी शक्ति कौन है...
सरला देवी – नहीं बाबा...
जगन्नाथ बाबा – (मुस्कुरा के) मै बताता हूं...
उसके बाद जगन्नाथ बाबा आगे की बात बताते है सरला देवी को जिसे सुन के वो चौक जाती है उसके बाद आगे की बात सुन के...
सरला देवी – मेरी आखिरी सास तक मै अपने पोते के साथ रहूंगी बाबा उसे उसकी शक्ति तक मै लेके जाऊंगी...
जगन्नाथ – अति उत्तम पुत्री जिस तरह से तूने कुछ समय से जहर से जहर को काटा है उसी तरह से तुझे इन कुछ दिनों में ऐसा ही कुछ करना होगा तभी तेरी सालों की तपस्या सफल होगी पुत्री...
सरला देवी – हा मै करूगी बाबा...
जगन्नाथ – ठीक है पुत्री अब आप प्रस्थान करे आपका पोता आपकी राह देख रहा है....
सरला देवी – जी बाबा अब मुझे कब आना होगा बाबा...
जब तेरी इच्छा हो पुत्री ये मंदिर शिव के सभी भक्तों के लिए है पुत्री बस अब मै वक्त आने पर आऊंगा खुद तेरे पास इंतजार करना...
सरला देवी – जी बाबा...
बोल के सरला देवी अपने ड्राइवर के साथ निकल गई अपने भाई धीरेन्द्र की हवेली पर लेकिन उसके कुछ समय पहले सुबह को क्या हुआ ये देख लीजिए आप सब...
सुबह साहिल और कमल तैयार होके नीचे हाल में आ गए जहां धीरेन्द्र अपनी पोती और निधि साथ उसकी सहेली सविता के साथ नाश्ते के लिए बैठे थे तभी साहिल और कमल आ गए आते ही...
धीरेन्द्र – (साहिल से) आ गए बेटा अब कैसे हो तुम...
साहिल – मै अच्छा हूँ दादा जी...
धीरेन्द्र – नींद तो आई ना तुम्हे अच्छे से बेटा...
साहिल – जी दादा जी अच्छी नींद आई और मै बिल्कुल ठीक हूँ दादा जी...
धीरेन्द्र – हम्ममम कल रात तुम्हे देख के एक पल मै डर गया था बेटा लेकिन अच्छा लगा तुम बिल्कुल ठीक हो खेर चलो नाश्ता कर लो जल्दी से मुझे जाना है अपनी बेटी रचना को लेने स्टेशन पर...
जिसके बाद सबने नाश्ता किया लेकिन इस वक्त साहिल बार बार किचेन की तरफ देख रहा था रागिनी चाची को जो उसे दिख नहीं रही थी जिसके बाद धीरेन्द्र नाश्ते के बाद चले गए तब...
निधि – (साहिल से) तो आज कहा जाने की सोच रहे हो तुम...
साहिल – मै सोच रहा आज भी गांव घूम लूं कल सिर्फ खेत देखा था...
निधि – अच्छी बात है एक काम करो दीदी के आने के बाद तुम दोनों चले जाना साथ में सविता को भी लें जाना वो भी घूम लेगी इस बहाने गांव...
काफी देर इंतजार के बाद हवेली के बाहर गाड़ी के रुकने की आवाज आई तभी निधि , सविता , साहिल और कमल गेट पर चले गए जहां धीरेन्द्र अपने हाथ में एक छोटे से बच्चे को अपनी गोद में लिए हुए थे साथ में उनकी बेटी रचना उसका पति और रचना की सास आ रहे थे हवेली के अन्दर आते ही...
रचना अपनी बहन निधि से गले लग के मिली साथ ही निधि अपने जीजा जी और उनकी सास से मिली तब...
धीरेन्द्र – (साहिल को देख अपनी बेटी रचना से) बेटी इसको पहचाना तुमने...
रचना – (साहिल को देख मुस्कुरा के) कौन है ये पिता जी...
धीरेन्द्र – बेटी ये मेरी बहन उनके पति का पोता साहिल है ये जब ये छोटा था तब तुम ही इसे गोद में लेके पूरे हवेली में घुमाया करती थी...
धीरेन्द्र की बात सुन रचना की हसी रुक गई फिर एक नजर साहिल को देखा...
रचना – हाय...
बोल के अपनी बहन के साथ चली गई सीढ़ियों से अपने कमरे में अपनी बेटी का ऐसा व्यवहार देख धीरेन्द्र उसके दामाद और उसकी सास को अच्छा नहीं लगा तभी...
साहिल – (धीरेन्द्र का चेहरा देख के) कोई बात नहीं दादा जी शायद बुआ थक गई होगी सफर से अच्छा दादा जी आज कोई काम मेरे लायक है...
धीरेन्द्र – नहीं बेटा अभी तो नहीं है कल से जरूरत पड़ेगी काम के लिए...
साहिल – ठीक है दादा जी क्या हम लोग आज गांव घूम आए....
धीरेन्द्र – हा बेटा घूम आओ गांव...
बात करके साहिल , कमल और सविता निकल गए गांव घूमने रस्ते में जाते समय...
कमल – (साहिल से) ये बुआ है तेरी और ये तरीका है अपने भतीजे से मिलने का उनका बड़ा अच्छा तरीका है उनका तो मन तो किया दे मारू एक तमाचा उसके गाल पर...
साहिल – जाने दे बे इस बारे में सोच के दिमाग की दही नहीं करनी है अपने को...
कमल – वो सब तो ठीक है लेकिन आज तू कार्ड क्यों लेके आया है शादी वाला अपने साथ किसको देना है...
साहिल – (मुस्कुरा के) है कोई उसके लिए लाया हूँ...
कमल – अच्छा कौन है वो और यहां कब मिला तू उससे...
साहिल – कल मिला था यार अच्छी लड़की है वो...
कमल – ओह हो पहली मुलाक़ात में अच्छी लड़की मिल गई तुझे क्या नाम है उसका...
साहिल – सेमेंथा नाम है उसका अच्छा सुन एक काम कर यार मेरा...
कमल – हा बोल ना...
साहिल – तू मैडम के साथ यही घूम मै उससे मिल के आता हु थोड़ी देर में...
कमल – क्यों बे मै चलूंगा तो क्या बुराई हो जाएगी बे...
साहिल – अबे समझा कर ना यार प्लीज जाने दे ना जल्दी आ जाऊंगा मैं...
कमल – चल ठीक है लेकिन जल्दी आना ज्यादा देर की तो मै आ जाऊंगा समझा...
साहिल – ठीक है मै जल्दी आता हु...
बोल के साहिल दौड़ के जंगल की तरफ चला गया अन्दर आते ही साहिल को सेमेंथा वही मिल गई जहा कल मिली थी साहिल को देख के...
सेमेंथा – आ गए आप मै आपका इंतजार कर रही थी...
साहिल – कैसे नहीं आता मैने कहा था ना आपको शादी का न्योता देने आऊंगा (कार्ड देते हुए) ये लीजिए शादी का कार्ड...
सेमेंथा – (कार्ड लेते हुए) शुक्रिया साहिल...
साहिल – एक बात पूछूं तुम इस जंगल में ही क्यों रहती हु गांव में सबके साथ क्यों नहीं...
सेमेंथा – गांव में कोई मुझे नहीं जानता है साहिल...
साहिल – (चौक के) ऐसा क्यों आप भी तो इस गांव में रहती हो ना फिर अलग क्यों...
सेमेंथा – क्यों की मुझे कोई नहीं देख सकता है साहिल...
साहिल – (हस्ते हुए) अच्छा मजाक करते हूँ आप...
साहिल को हंसता देख...
सेमेंथा – ये सच है साहिल शायद आपने मुझे अभी तक पहचाना नहीं है...
साहिल – भला मै आपको कैसे पहचानूं गा मै तो पहली बार मिला हु आपसे...
सेमेंथा – नहीं साहिल हम पहली बार नहीं मिले है इससे पहले भी मिल चुके है हम...
साहिल – लेकिन कब और मुझे याद क्यों नहीं है ये बात....
सेमेंथा – क्योंकि तब तुम छोटे थे...
साहिल – (हस्ते हुए) आप मजाक अच्छा कर लेते हो सेमेंथा मुझे सच में याद नहीं है इस बारे में की मै आपसे मिला था और गांव वाले आपको देख क्यों ही सकते अगर ऐसा है तो मै कैसे देख रहा हूँ आपको...
सेमेंथा – (सीरियस होते हुए) मै बताती हु आपको पूरी बात साहिल आज से कई साल पहले मै इस जंगल में आई थी अपने भाई के साथ यहां तभी घूमते घूमते उनसे अलग हो गई थी और तभी मेरा पैर में एक काटा लगा मुझे बहुत दर्द हो रहा था बहुत रो रही थी और तभी तुम आ गए मेरा रोना सुन के तुमने आते ही मेरे पैर से काटा निकाला बिल्कुल उसी तरह जैसे कल किया था और उसी तरह तुमने मेरे पैर पर अपना रुमाल बांध दिया जिसके बाद तुम तो चले गए कुछ समय बाद मेरा भाई आया मुझे लेके चला गया उसके बाद जब मैं अपने परिवार के पास पहुंची तब मेरे पिता जी ने मुझे गौर से देखा और उन्हें पता चल गया कि मै एक इंसान से मिली हूँ और उसने मुझे छू लिया है जिसके बाद मेरे पिता जी ने गुस्से में आके मुझे निकाल दिया घर से तब से मैं इस जंगल में रहने लगी...
साहिल – (सेमेंथा की सारी बात सुन के) मुझे समझ नहीं आई बात मेरे छूने की वजह से तुम्हारे पिता जी ने तुम्हे निकल दिया घर से इसका क्या मतलब हुआ समेंथा...
सेमेंथा – मै धरती से नहीं हूँ साहिल मै परी लोक की परी हूँ...
साहिल – (बात सुन जोर से हस्ते हुए)तुम परी
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साहिल को इस तरह हंसता देख एक पल सेमेंथा को भी हसी आ गई और तभी सेमेंथा अपने परी रूप में आ गई जिसे देख साहिल की हसी रुक गई तब....
साहिल – (अपनी हसी रोक के हैरानी से) तुम तो सच में परी हो समेंथा...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हा साहिल में सच में परी ही हूँ परी लोक पे रहने वाली लेकिन अब धरती पर रहती हु....
साहिल – लेकिन ऐसा क्यों सेमेंथा....
सेमेंथा – साहिल हमारे यहां नियम है कि हम इंसानों के सामने ना आने का पर ना ही उन्हें खुद को छूने देने का और जिसने भी ये नियम का उल्लंघन किया उसे परी लोक से निकाल दिया जाता है बस वही मेरे साथ हुआ अनजाने में मै तुमसे मिली बस यही मेरी गलती थी जिसकी सजा मुझे मिली हमेशा के लिए धरती लोक में रहने की....
साहिल – लेकिन जब तुम धरती में रह रही हो तो बाकी लोगों से मिल सकती थी ना फिर तुम...
सेमेंथा – (बीच में) क्योंकि मैं परी लोक की राजा की बेटी हूँ इसीलिए मुझे मेरी शक्ति के साथ निकाल दिया गया था परी लोक से आजीवन अकेला रहने के लिए जाने कितने साल तक मै अकेले रहती आई हूँ यहां पर (अपनी आंख में आसू लिए) अपने घर की याद में हर रात मै रोती थी अकेले लेकिन एक दिन मेरी मां मेरे सपने में आई सपने में कहा कि एक दिन वो लड़क फिर आएगा तेरे पास उसके आने से तेरा अकेला पन दूर हो जाएगा हमेशा के लिए सिर्फ उसके चाहने से ही तू नजर में आएगी सबके , तब से मैं सिर्फ तुम्हारी राह देख रही हूँ साहिल...
बोल के रोने लगती है सेमेंथा उसे रोता देख...(लेकिन इस बीच सेमेंथा ने साहिल को जगन्नाथ बाबा की बात नहीं बताई जैसे वो भी सेमेंथा को देख सकते है ऐसा क्यों है आगे पता चलेगा जल्द ही)
साहिल – (सेमेंथा के आसू अपने हाथ से पोछ के) मुझे माफ कर दो सेमेंथा अनजाने में मेरी एक गलती की तुम्हे इतनी बड़ी सजा मिलेगी मुझे नहीं पता था मुझे माफ कर दो सेमेंथा....
सेमेंथा – नहीं साहिल उस वक्त मुझे भी नहीं पता था इस सब नियमों के बारे में अपने बचपने में मै बहुत शरारती जो थी शायद यही मेरी सबसे बड़ी गलती साबित हुई....
साहिल – अच्छा अब ये बताओ मै तुम्हारे लिए ऐसा क्या कर सकता हूँ सेमेंथा जिससे तुम फिर से अपने घर जा सको...
सेमेंथा – साहिल मै कभी नहीं जा सकती अपने घर पर मेरा प्रवेश निषेद कर दिया गया है परी लोक में सदा के लिए मै चाह के भी वहा नहीं जा सकती...
साहिल –(कुछ सोच के) क्या तुम मेरे साथ रहोगी अगर तुम चाहो तो....
सेमेंथा – क्या तुम्हे कोई एतराज तो नहीं होगा इस बात से...
साहिल – अरे मुझे क्यों एतराज होगा इस बात से भला , चलो ठीक है तुम मेरे साथ चलो...
सेमेंथा – लेकिन साहिल....
साहिल – अब क्या हुआ तुम्हे....
सेमेंथा – तुम्हारे इलावा मुझे ना कोई देख सकता है और ना ही सुन सकता है...
साहिल – ओह ये बात तो मै भूल गया था यार अब....
सेमेंथा – लेकिन तुम चाहो तो मुझे सब देख , सुन सकते है अगर तुम चाहोगे तो ऐसा होगा...
साहिल – (कुछ देर सोचता है जिसके बाद) अगर ऐसा है तो ठीक है तुम मेरे साथ चलो मै जब बोलूं तब तुम सामने आना सबके ठीक है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) ठीक है....
साहिल – तो चलो आज मै तुम्हे अपने दोस्त अपने भाई से मिलवाता हूँ...
सेमेंथा – वही जो कल तुम्हारे साथ था...
साहिल – हा वही लेकिन जब मैं कहूं तब आना सामने उसके...
बोल के साहिल अपने साथ सेमेंथा को लेके निकल गया जंगल से कमल की तरफ कुछ देर में दोनों कमल के पास आ गए जो सविता के साथ झील के किनारे टहल रहे थे उनको देख...
साहिल – क्या हो रहा है बे...
कमल – आ गया तू मुझे लगा ढूंढने जाना पड़ेगा तुझे जंगल में...
सविता – बड़ी जल्दी आ गए तुम...
साहिल – (मुस्कुराते हुए) क्यों सुबह का काम अधूरा रह गया था क्या दोनों का...
साहिल की बात सुन सविता शर्मा गई वही...
कमल – अबे जरा देख के बात बोला कर बे अकेले नहीं है हम लोग यहां पर...
साहिल – अच्छा तो कौन है यहां हम तीनों के इलावा बता तो वैसे भी सुबह तो बहुत तेजी से जा रहा था तू सविता मैडम के साथ कमरे में...
कमल – चल बे अब ज्यादा मत बोल तू भी कुछ कम नहीं है समझा सब जनता हूँ मै...
सेमेंथा तीनों की बाते सुन मुस्कुरा रही थी वही ये दोनों एक दूसरे की खिंचाई करने में लगे हुए थे तभी कमल और साहिल की नजर गई झील किनारे रोड पे जहां तीन गाड़िया तेजी से जारही थी उनमें बैठे शख्स को देख साहिल की हसी जैसे गायब सी हो गई साहिल को देख कमल ने साहिल के कंधे पे हाथ रखा...
कमल – लगता है हमें चलना चाहिए साहिल तेरे परिवार के बाकी लोग भी आ गए है...
साहिल – (बिना कमल की तरफ देखे) दादी और तेरे सिवा मेरा कोई परिवार नहीं है...
बोल के साहिल जाने लगा साथ ही कमल , सेमेंथा और सविता भी जाने लगे लेकिन सविता को साहिल की परिवार वाली बात कुछ अजीब लगी तब...
सविता – (कमल से) क्या बात है कमल ये साहिल इतना सीरियस क्यों हो गया और ऐसा क्यों कहा कि दादी और तेरे सिवा परिवार नहीं है इसका आखिर क्या बात है कमल...
कमल – (सविता को साहिल के परिवार की बात बताता है जिसके बाद) इसीलिए साहिल इतने सालों से अलग रहता आया है मेरे साथ बस दादी ही है जो साहिल से मिलने आती रहती है बाकी कोई नहीं...
सविता – ओह ये तो गलत हुआ साहिल के साथ...
कमल – जाने अब क्या होने वाला है हवेली में मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है...
साहिल – जाने दे वो सब जो होगा देखा जाएगा वैसे भी अब मुझे किसी का डर नहीं है...
बोल के जाने लगे हवेली जबकि इनकी सारी बातों को सेमेंथा गौर से सुन रही थी जाते हुए रस्ते भर में सेमेंथा सिर्फ साहिल को देखे जा रही थी जाने क्या चल रहा था उसके मन में....
जबकि ये लोग इस बात से अंजान की हवेली में एक नया धमाका इंतजार कर रहा है इनका....
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जारी रहेगा![]()
Very beautiful updateUPDATE 11
धीरेन्द्र की हवेली में आज उसकी बहन का पूरा परिवार आ गया था जहां सभी का हसी खुशी फूल माला से स्वागत किया जा रहा था जहां धीरेन्द्र उसका बेटा राघव एक एक करके के घर लोगो को माला पहना रहे थे जिसमें राजेश (बड़े पाप) , रनवीर (पापा) , धीरज (चाचा) , सुमंत सिंह (फूफा) और हेमंत (फूफा) सबका स्वागत के साथ हवेली के अन्दर आ गए सभी इस वक्त सभी एक दूसरे से हस के बाते कर रहे थे वहीं निधि और रचना अपनी तीनों भाभी रीना (बड़ी मां) , सुमन (मा) , सुनैना (चाची) से गले लग के स्वागत किया साथ ही सरला की दोनों बेटियां अमृता और सुनीता से गले लग के स्वागत किया जिसके बाद उन सभी की बेटियों से मिली इसके साथ सोनम , पूनम , खुशी , अवनी , कविता , शिवानी , सुरभि , शबनम और पायल ये लोग आपस में मिल के बाते करने लगे साथ ही राघव की छोटी बेटी को गोद उठा के मस्ती करने लगे...
सोनम – (शिवानी , सुरभि , शबनम और पायल से) कैसी हो तुम सब बड़े दिनों बाद मिलना हुआ यार अपना....
पूनम – हा यार कितने बदल गए हो यार तुम सब....
कविता – आप सब को याद नहीं आती थी क्या हमारी जो इतने दिनों तक मिलने तक ना आए और ना काल किया...
खुशी और अवनी एक साथ – (हस्ते हुए) बड़े लोगों की बड़ी बाते होती है दीदी....
शिवानी – अरे नहीं यार ऐसी बात नहीं है पढ़ाई का इतना प्रेशर रहता है इसीलिए टाइम नहीं मिल पाया यार...
सुरभि – और वैसे भी यार मुझे तो बहुत खुशी हो रही है यहां आके आज कितने सालों बाद यहां आई हुई मै...
पायल – हा दीदी लास्ट टाइम जब आए थे हम तब वो कमीना कातिल भी था यहां पर उसके बाद से आना नहीं हुआ अपना....
शबनम – हा यार उस कातिल की वजह से मा का मन नहीं होता था कही जाने का बस मार्केट भी मुश्किल से जाती थी हमारे साथ ये तो शादी थी इसीलिए यहां आ पाए हम सब....
सोनम – तो मतलब तब से आप सब आए नहीं क्या यहां पर...
शिवानी – हा यार ये सब उस कातिल के कारण हुआ यार...
पूनम – (हस्ते हुए) जाने दो ना यार क्यों उस कातिल के बारे में बात करके अपना मन खराब करे हम...
पायल – अच्छा मैने सुना वो भी यही आया हुआ है क्या सच है ये....
सोनम – हा वो यही आया हुआ है शायद दादा ने उसकी औकात देख के उसको काम करने के लिए बुलाया है पड़ा होगा वो कुत्ता कही कोने में मुफ्त की रोटी तोड़ते हुए...
शबनम – चुप करो यार उसके बारे में बात मत करो तुम सब अगर मा ने सुन लिया तो क्लास लगा देगी सबकी...
पूनम – ऐसा क्यों बोल रही है तू...
शिवानी – पता नहीं यार जब भी उस कातिल के बारे में बात होती थी तो मा गुस्सा करती थी हम पे बोलती थी एक शब्द अगर बोला उसके लिए तो जान ले लूंगी सबकी...
सोनम – ऐसा क्यों बोलती थी बुआ भला...
शिवानी – पता नहीं यार मा के गुस्सा देख हिम्मत नहीं होती थी पूछने की...
पूनम – (कविता से जो इतनी देर से चुप बैठी थी) तुझे क्या हुआ कविता तू शांत क्यों बैठी है आज...
खुशी – हा दीदी जाने क्या बात है अभी तो बाते कर रही थी और अभी तो चुप हो गई क्या हुआ कविता दीदी...
कविता – (जो अपनी सोच में थी) कुछ नहीं बस आप सब की बाते सुन रही थी....
शिवानी – देख कविता मानते है तेरा भाई है वो लेकिन इसमें तेरी क्या गलती है यार जो किया उसने किया इसमें तेरा कोई कुसूर नहीं है समझी तू मत सोचा कर उस कातिल के बारे में देख सब तेरे साथ है अगर हमारे दिल में ऐसा कुछ होता तो क्या हम बात करते एक दूसरे से...
सोनम – हा कविता तू बिना वजह अपने आप को उस कातिल से कंपेयर मत कर तू हमारी बहन है तेरा उस कातिल से कोई मतलब नहीं है मरने दे उसे जहां मर रहा है वो दिखे ही ना वो हमें तो ज्यादा अच्छा होगा उसके लिए....
इतनी देर से ये लोग हवेली के दरवाजे में खड़े होके एक दूसरे से बाते कर रहे थे इस बात से अंजान हवेली के अन्दर गेट के एक तरफ होके दादी चुप चाप सारी बाते सुन रही है इन सबकी जबकि गेट के बाहर की तरफ कमल , साहिल और सविता भी एक तरफ होके इनकी बाते सुन रहे थे तब....
कमल – (साहिल से धीरे से) यकीन नहीं होता यार बड़े तो बड़े साथ मे उनके बच्चे भी छोडूंगा नहीं इनको...
बोल के कमल आगे जाता उससे पहले...
साहिल – (कमल का हाथ पकड़ के) जाने दे भाई क्या मतलब पड़ा है अपने को उनसे...
जबकि सारी लड़कियां बाते करते करते अन्दर चली गई तभी इनके सामने दादी आ गई जिन्हें देख सारी लड़कियों की बोलती बंद हो गई तब...
दादी – (सभी लड़कियों को देख) बहुत बड़े हो गए हो तुम सब और बाते उससे भी बड़ी यही संस्कार मिले है तुम सब को...
लड़कियां कुछ बोलने जा रही थी तभी...
दादी – (तभी साहिल पर नजर पड़ते ही लड़कियों को हाथ आगे दिखा के उनको बोलने से रोकते हुए) कमरे में जाओ अपने सभी...
बोल के दादी वहा से हट गई तब सभी लड़किया आगे जाके सीडीओ से ऊपर जाने लगी तभी बच्ची कविता की गोद उतर के भाग के हवेली के दरवाजे से आते हुए साहिल की गोद में चली गई ये नजारा देख....
पूनम – (साहिल को देख के) वाओ क्या बंदा है यार...
सोनम – (साहिल को देख) कितना हैंडसम है ये कौन है ये यार...
जिसके बाद सभी ने देखा साहिल की तरफ...
शिवानी – पता नहीं यार लेकिन मस्त लग रहा है ये बन्दा तो...
सुरभि – क्या तो पर्सनालिटी है इसकी मन तो करता है बॉयफ्रेंड बना लू इसे कौन है यार ये जानते हो तुम लोग...
खुशी – पता नहीं दीदी मैने आज पहली बार देखा है इसे...
जबकि कविता इन सब से अलग खड़ी साहिल को एक तक देखे जा रही थी जो राघव की बेटी के साथ बाते कर रहा था हस्ते हुए तभी वहां दादी आ गई उनको देख साहिल ने उनके पैर छुआ गले लग गया जिसके बाद साहिल हस्ते हुए आगे बढ़ाने लगा सभी लड़कियों के पास से इग्नोर करते हुए अपने कमरे में चला गया कमरे में आते ही साहिल ने देखा दरवाजा खुला पड़ा है कमरे का जिसपे ध्यान ना देके बाथरूम में चला गया तभी एक चीख गूंजी जिसे सुन हवेली के सब लोग साहिल के कमरे की तरफ आ गए आते ही सबने चाटो कि आवाज सुनी जो साहिल को पड़े थे...
औरत – कुत्ते कमीने घटिया इंसान तू गिरा हुआ था ये पता था लेकिन इतना गिरा हुआ होगा पता नहीं था हरामजादे...
जी हा ये कोई और नहीं बल्कि रीना थी साहिल की बड़ी मां मतलब ताई जी क्योंकि साहिल को बाथरूम जाना था लेकिन उसे पता नहीं था कि बाथरूम में कोई है और वो कोई और नहीं रीना थी जो बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ के नंगी होके शॉवर ले रही थी तभी सब साहिल के कमरे में आ गए आते है...
राजेश (बड़े पाप) – (अपनी बीवी रीना से) क्या हुआ रीना...
रीना – (गुस्से में) पूछिए इस नीच इंसान से क्या करने आया था ये यहां पर जब मैं नहा रही थी...
राजेश – (रीना की बात सुन गुस्से में साहिल से) तुम इतने गिरे हुए बन गए हो सोचा नहीं था मैने...
बोल के चाटा मारा साहिल के गाल पर जबकि साहिल तो अचानक से हुए इन सब बातों से शॉक हो गया था उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है उसके कमरे से रीना आई कैसे तब...
राजेश – मैने सोचा कि तुझे घर लेके आयेगे हम लेकिन तूने साबित कर दिया तू किसी लायक नहीं है...
तभी इन बाते के बीच रणवीर आ गया आते ही साहिल के गाल में चाटा मार के...
रनवीर – कुत्ते शर्म आती है मुझे तुझे अपना बेटा कहते हुए तू एक नंबर का...
कमल – (बीच में आके चिल्ला के) बस बहुत हो गया अब एक शब्द नहीं मेरे भाई के खिलाफ...
रणवीर – वर्ना क्या बोल क्या करेगा तू...
साहिल – (अब जो सम्भल चुका था कमल के कंधे पे हाथ रख के) रुक तू अब मुझे बात करने दे (रनवीर के सामने जाके) क्या बोल रहे है आप मुझसे बात करो कमल से नहीं...
रनवीर – तुझ जैसे दो टके के लौंडे से बात करना अपनी बेइज्जती समझता हूँ...
साहिल – तो सामने किस लिए खड़े हो आप जाओ फिर (राजेश से) क्या बोल रहे थे आप मुझे घर लाने के लिए किस खुशी में वो भी बता दो आप लेकिन बाद में ये सब पहले जरा असली बात पे आता हु मै (रीना से) हा तो आप क्या बोल रही थी तमीज नहीं है अच्छा तो अपनी तमीज बताइए आप कितनी है आपमें कमरे का दरवाजा भी खुला साथ में बाथरूम का दरवाजा भी खुला जहां आप नंगी होके नहा रही है कौन करता है ऐसा बताओ जरा मुझे लेकिन ये सब तो बाद में पहले तो आप ये बताए आप इस कमरे में कर क्या रही है ये कमरा तो मुझे दिया गया है और आप इसमें कैसे आ गई...
रीना – बाते तो बहुत जल्दी पलटने में माहिर हो गए हो तुम लेकिन हरकत से उससे भी ज्यादा नीच हो तुम (राजेश से) 2 दिन पहले मेरी बहन ने रोते हुए मुझे बताया था इस (साहिल) की नीच हरकत के बारे में...
बोलते बोलते साहिल को अचानक से चाटा मारके...
रीना – ये कमीना मेरी बहन को अपनी मर्दानगी दिखाने वाला था (साहिल से) क्यों यही बोला था तूने मेरी बहन को (राजेश से) मेरी बहन ने रोते हुए मुझे सब बता दिया इस कमीने की करतूत के बारे में इसका सबूत भी है उसके पास...
बोल के रोने लगती है रीना जिसे देख राजेश गुस्से में...
राजेश – (जेब से अपना फोन निकाल के) बहुत हो गया अब पुलिस आएगी वहीं सबक सिखाएगी इसे अच्छे से...
धीरेन्द्र – (गुस्से में चिल्ला के) अपना फोन अपनी जेब में रख लो राजेश ये शहर नहीं मेरा घर है और इस घर में आज तक पुलिस ने कदम नहीं रखा और ना आज रखेगी...
रनवीर – (धीरेन्द्र से) बुलाने दीजिए पुलिस को मामा जी ताकि इसे (साहिल) इसकी असली औकात पता चल जाय शहर में रहते हुए बहुत नीच बन गया है ये...
तभी पीछे से एक हाथ आया जो साहिल के गाल में पढ़ने जा रहा था और ये हाथ था सुमन का तभी उसे किसी ने रोक दिया...
निधि – (सुमन से) बस भाभी अब किसी ने भी हाथ उठाया साहिल पर तो मै भूल जाऊंगी सबसे रिश्ते नाते...
रीना – ये तू क्या कर रही है निधि इस नीच इंसान के लिए तू सबसे दुश्मनी कर रही है...
निधि – (गुस्से में) साहिल कैसा है ये आप सबसे ज्यादा अच्छे से जानती हु मै बड़ी भाभी 5 साल से पढ़ा रही हूँ मै साहिल को जबकि आप सब तो 5 मिनिट के लिए भी मिलने नहीं आए साहिल से अरे मिलना तो छोड़ो हाल चाल जाने तक नहीं जाना आपने और आज उसी पर हाथ छोड़ा जा रहा है (सुमन से) और आप भाभी आप तो मा हो अपने भी हु जाने दीजिए भाभी मै भी किस्से बात कर रही हूँ जिसे अपनो से ज्यादा दूसरों पर यकीन हो (रीना से) वैसे बड़ी भाभी आप यहां क्या कर रही है इस कमरे में ये तो साहिल का कमरा है आप कैसे यहां आई...
तभी...
साहिल – (मुस्कुरा के अपना हाथ निधि के कंधे पे रख के) शांत हो जाइए बुआ आप इस वक्त असली बात ये नहीं की ये मेरे कमरे में कैसे आई है असली बात ये है के इन्होंने सबूत की बात की है जरा देखूं तो उस सबूत को (रीना से) सबूत के बिना पर अपने इल्जाम लगाया है मुझपे कहा है वो सबूत...
रीना – दिखाऊंगी सबको दिखाऊंगी में वो सबूत...
धीरेन्द्र – ठीक है दस मिनिट में सब हाल में आ जाओ वहीं सबके सामने सबूत देखेंगे हम सब...
साहिल – उसके बाद आएगा एक और सबूत मेरे बेगुनाह होने का जिसको दिखाने वाला खुद आएगा आपके सामने (रीना से) चाटा मारा है ना मुझे आपने अब इस चाटे कि गूंज मै सुनाऊंगा आपको जिसे आप कभी भूल नहीं पाओगे...
साहिल निकलने लगा कमरे से तभी दरवाजे पे खड़ी अपनी मां सुमन और अपनी बहन कविता को देख एक पल रुक गया जिसके बाद साहिल ने उनके बगल में खड़ी दादी का हाथ पकड़ के सीढ़ियों से नीचे जाने लगा उसके पीछे पीछे कमल भी आने लगा साथ में सेमेंथा जिसे कोई देख नहीं सकता था जबकि पीछे से साहिल के कमरे से सब लोग अपने कमरे में जाने लगे तब हाल में...
साहिल – (कमल से) तेरा काम का क्या हुआ...
कमल – वो तो मैने कल रात ही कर दिया था यार बाकी का थोड़ी देर पहले अब कोई दिक्कत नहीं होगी तुझे तगड़ा सबूत है अपने पास...
दादी – (जो इतनी देर से बाते सुन रही थी लेकिन समझ कुछ नहीं आ रहा था उनके) किस बारे में बात कर रहे हो तुम दोनों और (साहिल से) ये सब क्या हो रहा है मुझे बुलाना ही नहीं चाहिए था तुझे पता होता ये सब होगा तो...
साहिल – (मुस्कुरा के) अरे मेरी प्यारी दादी मा आप क्यों इतना सेंटी हो रही हो कुछ नहीं होगा मुझे देखना आपका बेटा क्या करता है इनके साथ बस देखती जाना आप आपको सब पता चल जाएगा...
तभी राघव भी आ गया हाल में चुप चाप खड़ा था एक जगह जिसे देख दादी एक पल के लिए डर गई तभी एक एक करके सभी हाल में इक्कठे होने लगे जिसमें रनवीर भी शामिल था लेकिन तभी उसके फोन में किसी का कॉल आने लगा उसे उठा के बात करने लगा तब...
रनवीर – (धीरेन्द्र से) मामा जी एक अर्जेंट काम आ गया है मुझे जाना होगा फैक्ट्री में वापस जल्द ही काम निपटा के आऊंगा...
बोल के साहिल को घूर के जाने लगा उसके जाते ही रीना अपने हाथ में लैपटॉप लेके आई धीरेन्द्र के पास जिसे देख....
साहिल – अरे वाह लैपटॉप भी लाए हो आप (हस्ते हुए) शादी में आए हो या बिजनेस करने जो लैपटॉप लाना पड़ा आपको...
बोल के साहिल और कमल हसने लगे तभी दादी ने आंख दिखाई दोनों को जिसे देख चुप हो गए दोनों तब...
रीना – (धीरेन्द्र से) इसमें वीडियो है जिसे आपकी बहू रागिनी ने रिकॉर्ड किया था...
बोल के वीडियो चला दिया जिसमें रसोई में जो हुआ उसकी रिकॉर्डिंग थी जिसमें साहिल ने मर्दानगी वाली बात बोली थी जिसे बोल के वो चला गया तभी फिर से वापस आके रागिनी को जबरदस्ती गले लगा के बोला...
साहिल – चुप चाप वो कर जो बोलता हु मै वर्ना तेरी बेटी के साथ क्या होगा सोच भी नहीं सकती है तू...
जिसके बाद अचानक से बीच में दादा जी की आवाज आई जिसमें वो साहिल को बुला रहे है जिसके बाद साहिल चला गया वहां से...
इसके साथ वीडियो बंद हो गई तभी...
साहिल – (हस्ते हुए धीरेन्द्र से) दादा जी आपने बताया नहीं कि आपके घर में कैमरे लगे हुए है वो भी इतनी हाइ लेवल के जिसमें आवाज तक रिकॉर्ड हो जाती है...
बोल के साहिल और कमल फिर से हंसने लगे जबकि बाकी सभी का वीडियो देख के खून खोल रहा था तभी राघव की बहन पीछे से आके साहिल को एक चाटा मारा...
रचना – थू है तुझ जैसे इंसान पे अच्छा हुआ जो तुझे घर से निकाल दिया गया तू इस लायक ही नहीं है कि तुझे परिवार मिले वर्ना तू उन्हें भी अपनी हवस का शिकार बनाने लग जाता अब निकलजा मेरे घर से तेरे जैसे गटर छाप...
राघव – (बीच में चिल्ला के) बस बहुत बोल लिया तुमने रचना और बहुत सुन लिया मैने...
बोल के चलते हुए आगे आने लगे साथ अपनी बेल्ट खोलने लगे तभी चट चट की आवाजे आने लगी इसके साथ ही रागिनी की चीख गूंज रही थी दर्द भरी लेकिन राघव बिना रुके बस मारे जा रहा था रागिनी को और गालियां दिए जा रहा था साथ में तभी बीच में रीना आके रोकने लगी...
रीना – (राघव से) दिमाग तो नहीं खराब हो गया है तुम्हारा अपनी बीवी पे हाथ उठा रहे हो तुम वो भी इस गंदी नाली के कीड़े के लिए...
इतना बोलना था कि एक पड़ा चाटा रीना के गाल पे जिसे राघव ने मारा था...
राघव – चुप कर साली कूतीया तुम दोनों बहनों से ज्यादा गिरा हुआ इंसान मैने अपनी जिंदगी में नहीं देखा...
राजेश – (गुस्से में राघव से) तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी को गली देने उसपे हाथ उठाने की...
राघव – बड़े भइया इन्होंने जो किया है ना अगर आपको पता होता तो आप वही करते जो मै कर रहा हूँ...
राजेश – क्या मतलब है तेरा...
राघव – मतलब साफ है बड़े भईया इस सारे खेल का रचयिता कोई और नहीं आपकी बीवी है जिसने अपनी बहन रागिनी को ये सब करने को कहा साहिल को फसाने के लिए जानते है क्यों...
राजेश – (हैरानी से) क्यों...
राघव – आपको याद है जब पिता जी आपके घर आए थे शादी का न्योता देने तब आपने ही कहा था कि साहिल को अपने घर में वापस लाने के लिए बस ये बात आपकी बीवी ने सुन ली थी और उसी दिन आपकी बीवी ने रागिनी को कॉल करके इस खेल की तैयारी की अरे मुझे तो पता भी नहीं चलता इन सब बातों का लेकिन कल रात मै खेतों से होते हुए हवेली वापस आ रहा था पीछे के रस्ते से तभी रसोई की खिड़की से मैने कुछ आवाजे सुनी पास आके देखा तो पता चला रागिनी किसी से फोन पे बात कर रही थी...
रागिनी – (कॉल पे) दीदी आधा काम हो गया है मैने रिकॉर्डिंग कर ली है आपको भेज रही हूँ बाकी की रिकॉर्डिंग करके भेजती हूँ दीदी अब साहिल कभी आपके घर नहीं आ पाएगा...
जब मैने रागिनी की ये बाते सुनी तब मुझे समझ आया कि ये अपनी बड़ी बहन रीना से बात कर रही है लेकिन साहिल का नाम और घर में ना लाने वाली बात मै समझ नहीं पा रहा था कि आखिर बात क्या है लेकिन इससे पहले मै कुछ करता तभी रागिनी ने अपना मोबाइल एक तरफ रखा तब एक लड़का आया जिसे देख के मुझे ताजुब हुआ क्योंकि वो लड़का मेरे गांव का है लेकिन उसके कपड़े उसके बाल उसको इस लुक में देख के हैरान था एक पल के ले मुझे लगा साहिल है ये और तभी उसने रागिनी को गले लगाया बिल्कुल जैसा सबने इस वीडियो में देखा वही सब बोला गया लेकिन बात मेरे हजम नहीं हो रही थी रागिनी को इस तरह किसी के गले लगते देख गुस्सा मुझे बहुत आ रहा था तभी रागिनी ने उस लड़के के पीछे से अपना मोबाइल लेके कुछ बटन दबाए उसके बाद उस लड़के को पैसे दिए और वो लड़का वहां से चला गया कुछ देर बाद रागिनी ने अपने मोबाइल से रिकॉर्डेड भेजी अपनी बहन को और मुस्कुरा के वहां से चली गई काफी देर तक गुस्से की आग में मै जलता रहा उसी खिड़की के बाहर नीचे बैठ के जाने कितनी देर तक तब तक हवेली में अंधेरा हो गया था मै उठ के हवेली में जाने ही वाला था तभी मैने देखा कि रसोई की लाइट चालू हो गई और वहां पर मैने कमल को देखा जो दीवार के कोने में लगे कैमरे को उतार रहा था और तभी कमल खिड़की की तरफ आया वहा से भी कैमरा निकालने लगा तब कमल की नजर मुझपे पढ़ी तब...
राघव – ये सब क्या हो रहा है यहां पर कमल...
कमल – चाचू सब कुछ बताऊंगा आप अन्दर आइए...
मेरे अन्दर आते ही कमल ने मुझे सारी बाते बताना शुरू की जब से साहिल और कमल गांव आए तब से लेके कल रात तक जो हुआ सब बता दिया मुझे तब मुझे समझ आया इस खेल का लेकिन कमल ने मुझे चुप रहने को कहा था क्योंकि कमल का कहना था कि साहिल को लग रहा था कि ये शायद उसका वहम हो और शायद ऐसा कुछ ना हो तब मै कमल की बात मान के चुप रहा लेकिन उस वक्त कमल को नहीं पता था कि रसोई में जो हुआ मै देख चुका हु अपनी आंखों से और आज सुबह जब मै रागिनी के साथ बाजार गया था तब बीच में मैने रागिनी से बात की इधर उधर की इसी बीच मैने साहिल की बात छेड़ दी ये बोल के कि साहिल जब अपने घर जाएगा तब क्या होगा क्या रह पाएगा साहिल उस घर में जाने कैसा व्यवहार होगा उसके साथ उस घर में...
मै ये सब बाते बोल ही रहा था तभी रागिनी ने एक बात बोल दी जिसके बारे में सिर्फ मै और निधि जानते थे क्योंकि तब रागिनी बच्चे को सुलाने गई थी कमरे में तब ये बात पिता जी ने हम दोनों भाई बहन को बताई थी...
रागिनी – हा जब पिता जी गए थे न्योता देने तभी राजेश भैया ने बात कही थी साहिल को घर लाने की तब रीना दीदी ने चुपके से सुन ली थी बात तब मुझे बताया उन्होंने दो दिन पहले कॉल करके...
राघव – बस तब मुझे समझ आ गई पूरी बात क्योंकि जब ये बात हुई उसके अगले दिन ही साहिल आया था गांव में और ये सारी बात मै बिना सबूत के नहीं बोल रहा हूँ वीडियो है मेरे पास जो कमल ने अभी हवेली आते ही मुझे दे दी थी कल रात की...
बोल के राघव ने अपने मोबाइल से वीडियो दिखाने लगा सभी को....
जैसे ही वीडियो खत्म हुई तुरंत पूरे हॉल में एक चाटे कि आवाज गूंजी ये चाटा पड़ा था रीना को जिसे मारा था उसके पति सुरेश ने जिसके बाद...
सुरेश – (गुस्से में) नीच कमीनी इस हद तक तू गिर गई एक बच्चे के साथ इतना घिनौना खेल खेला तूने शर्म नहीं आई तुझे ऐसा करते हुए सिर्फ इसीलिए की मैने साहिल को वापस घर लाने का सोचा था बस...
बोल के चुप हो गया सुरेश तभी राघव अपने कमरे से बैग लेके आया आते ही...
राघव – (अपनी बीवी रागिनी से) ले तेरा सारा सामान और निकल जा मेरे घर से इसीवक्त मेरा वकील आएगा तेरे पास तलाक के कागज लेके दस्खत कर देना हमारा रिश्ता इसी वक्त से खत्म होता है...
इसके साथ नहीं की एक तेज चिल्लाने की आवाज आई रागिनी की जिसके बाद रागिनी वही जमीन में बेहोश हो गई जबकि रीना अपनी बहन को बेहोश होता देख उसे संभालने लगी और तभी...
सुरेश – (गुस्से में रीना से) तू भी अपनी तैयारी कर ले नागिन तलाक के कागजात पहुंच जाएंगे तेरे पास अब एक पल के लिए भी बर्दाश नहीं कर सकता हूँ तुझे अपने घर में...
इसके बाद रीना का अपनी बहन रागिनी से भी बुरा हाल हों गया असलियत सामने आते ही वैसे भी बोलने को बचा नहीं था रीना के पास ऊपर से सुरेश की कही तलाक की बात से रीना का शरीर कांपने लगा सिवाय आंख से आंसू निकालने के कुछ नहीं कर पा रही थी रीना उसी के साथ रीना की दोनों बेटियां सोनम और पूनम रोए जा रही थी तभी कमल ने साहिल के कंधे पे हाथ रखा जिसे साहिल ने देखा कमल की तरफ जो दादी को देख रहा था तब साहिल की नजर अपनी दादी की तरफ गई जिसकी आंख में आंसू थे जो सोनम और पूनम को देख रही थी तब साहिल की नजर गई सोनम और पूनम पर उनके साथ खड़ी सुमन और कविता पर जिनकी आंख में आंसू थे के तभी सुमन ने आंख में आंसू लिए साहिल को देखा दोनों की नजर आपस में एक दूसरे से मिली तभी ना जाने साहिल ने क्या सोचा और....
साहिल – (हाथ से ताली बजाने लगा तभी सबकी नजर साहिल पर गई जो ताली बजा रहा था तब) एक कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है आज बिल्कुल वही हो रहा है यहां पर आज से 12 साल पहले भी यही हुआ था जिसका शिकार हुआ था एक बच्चा और आज 12 साल बाद फिर से वही हो रहा है लेकिन इस बार शिकार 1 नहीं बल्कि 4 बच्चे होगे जिसमें पहले राघव चाचा की छोटी बेटी और मिस्टर सुरेश के 3 बच्चे है (सुरेश से) क्यों मिस्टर सुरेश सोचा है आपने की आपके इस फैसले से आपके तीनों बच्चों पर क्या असर पड़ेगा अरे आपकी दोनों बेटियां एक बार फिर भी सम्भल जाएगी लेकिन आपका बेटा उसका क्या वो बेचारा तो सिर्फ शरीर से बड़ा हुआ है लेकिन अकल से आज भी वो बच्चा है कैसे रहेगा वो अपनी मां के बिना सोचा है आपने वैसे सोचा तो अपने 12 साल पहले भी नहीं था इस बारे में (सुमन को देख) और बाकी किसी ने भी नहीं...
सुरेश – उस वक्त मै नहीं था साहिल सच में मै नहीं था उस वक्त...
साहिल – (मुस्कुरा के) अच्छा उस वक्त नहीं थे आप ना , उसके बाद कहा थे आप क्या किया था उसके बाद आपने याद है नहीं ना मै बताऊं कुछ नहीं किया था आपने उसके बाद भी लेकिन आज आप कर सकते हो लेकिन नहीं आज भी आप कुछ नहीं करना चाहते बस थोप दिया अपना फैसला अपने बच्चों के सिर पर (राघव से) और आप राघव चाचा आपने सोचा क्या असर पड़ेगा आपके इस फैसले से आपकी छोटी सी बेटी पर (तब अपनी मां सुमन को देखते हुए गुस्से में) जब बच्चा सो के उठेगा तब अपनी मा को ढूंढेगा तो क्या जवाब होगा आपका क्यों मिस सुमन जवाब है आपके पास जब बच्चे को भूख लगेगी तब मा को पुकारेगा तब कहा होगी वो मा जब खेलते वक्त उसे चोट लगेगी तब मा पुकारे गा वो तब कहा होगी उसकी मां और जब रात में सपने से डर के जागेगा तब मा पुकारे तब कहा होगी उसकी मां (गुस्से में अपनी मुट्ठी बंद कर चिल्ला के) है जवाब इसका आपके पास...
बोलते बोलते साहिल की गुस्से में आंखे लाल हो गई जिसे देख के कमल उसके पास आने लगा जैसे ही साहिल के पास आया कमल तभी साहिल के सामने खड़ी सुमन के आंख से आंसू तेजी से निकलने लगे थे तब सुमन ने साहिल के सामने हाथ जोड़ के उसके पैर में बैठने जा रही थी उसी वक्त कमल ने साहिल के कंधे पे हाथ रखा जिसके बाद साहिल गिरने लगा जिसे कमल ने सम्भाल लिया तभी...
दादी – (साहिल को गिरता देख चिल्ला के) साहिल...
जो इस वक्त कमल के गोद में बेहोश पड़ा था जिसे देख के कमल ने तुरंत साहिल को अपनी गोद में उठा के बगल के सोफे पे लेटा दिया तब...
सुमन – (साहिल को इस तरह देख) क्या हुआ साहिल को कमल क्या हुआ साहिल को...
कमल – साहिल को फिर से अटैक आया है...
दादी – फिर से का क्या मतलब...
कमल – गांव आने से 3 दिन पहले आया था गांव आने के बाद कल रात में आया था जब साहिल रसोई से निकला था चाची से बात करके गुस्से में और आज साहिल को इस महीने तीसरी बार अटैक आया है , दादी हमें यहां नहीं आना चाहिए था...
दादी – (चौक के) क्या तीसरी बार अटैक...
बोल के साहिल के बगल में बैठ गई साहिल का हाथ पकड़ के तभी घर के बाकी लोग भी सोफे के चारों तरफ आ गए आते ही...
सुमन – कैसा अटैक साहिल को और कब से आ रहा है ये अटैक...
कमल –12 सालों से आता रहा है अटैक साहिल को इससे पहले लगातार आते थे लेकिन पिछले 5 सालों से महीने में एक बार आता था लेकिन अब फिर से लगातार आने लगे है...
सुमन – तो डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया...
दादी – (बीच में) क्यों पूछ रही हो तुम साहिल के बारे में सुमन 12 सालों से तो किसी ने जानने की कोशिश नहीं की साहिल के बारे में (लड़कियों को देख के) हा उसे नफरत करने और गाली जरूर दी सबने आवारा , गली का कुत्ता मुफ्त की रोटी तोड़ते वाला यही शब्द बोलते रहते है सब...
दादी की बात सुन खुशी , अवनी , शिवानी , शबनम , सुरभि , पायल और कविता के सिर नीचे हो गए शर्म के मारे दादी के सामने तब...
सुमन – (दादी की बात पे ध्यान न देके) आपको जो बोलना है बोल लीजिए मा लेकिन प्लीज बता दीजिए साहिल को अटैक क्यों आते है...
दादी – (सुमन को एक नजर देख के) थोड़ी देर में पता चल जाएगा तुम सबको क्यों आते है अटैक मेरे बच्चे को , जो पिछले 12 सालों से सजा भुगत रहा है बिना कुछ किए...
इन सब के बीच सेमेंथा जिसे कोई देख नहीं सकता था जो इतनी देर से सिर्फ देख रही इन नजारों को साहिल के बेहोश होने के बाद वो भी साहिल के पास आ गई आते ही उसने भी देखा साहिल बेहोश है तब सामंथा ने कुछ सोचा और साहिल के सिर पर हाथ रखा जैसे ही सामंथा ने साहिल के सिर पर हाथ रखा तभी सामंथा ने अपनी आंखे बंद की देखने लगी तब सामंथा को दिखा कि साहिल अपने दादा प्रताप के बगल में खड़ा था तभी एक तरफ से एक साया आता है जिसका चेहरा नहीं दिख रहा था वो गुस्से में कुछ बोलता है प्रताप से जो सेमेंथा को सुनाई नहीं देता और तभी वो साया जेब से बंदूक निकालता है और गोली चला देता है लेकिन इससे पहल वो गोली साहिल को लगती तभी प्रताप उसके सामने आ जाता है और गोली प्रताप के सीने से पार हो जाती है और प्रताप गिर जाता है लेकिन इससे पहले प्रताप गिरता जमीन पर जो गोली प्रताप का सीना पार करके निकली थी उसके साथ प्रताप की पीठ से खून के छीटे साहिल के चेहरे पे पड़ गए उसी वक्त साहिल के पैर जैसे जमीन में जम से गए एक बुत की तरह खड़ा रहा साहिल उसी जगह पर इसके साथ साहिल की आंख खुल गई और सामंथा को झटका लगा वो दूर हो गई...
साहिल – (होश में आके चिल्ला के) दादा जी उसने मार दिया दादा जी को मार दिया उसने वो मुझे मार देगा वो...
सोफे के चारों तरफ खड़े सभी घर वालों की आंखे बड़ी हो गई साहिल की ये हालत देख साथ उसकी बात सुन के उस पल सभी को जैसे एक झटका सा लगा इस बात से तब...
दादी – (साहिल को गले लगा के) कुछ नहीं बेटा कोई कुछ नहीं करेगा तुझे बेटा मै हूँ ना तेरे साथ कोई तुझे नहीं मरेगा...
बोल के साहिल को गले लगाए रही दादी जबकि साहिल बार बार लंबी सास लेके बस एक ही बात बोले जा रहा था...
साहिल – (डर से) उसने दादा जी को मार दिया वो मुझे भी मार देगा...
तब....
सुरेश – (हैरानी से दादी से) मा ये सब क्या है और साहिल ये सब क्या बोल रहा है...
दादी – (बीच में सुरेश को हाथ दिखा चुप रहने का इशारा करके) दूर रहो सब मेरे बच्चे से अपने बच्चे को संभालने के लिए किसी की जरूरत नहीं है मुझे 12 सालों से अकेले करती आ रही हूँ आगे भी मै सम्भाल लूंगी अपने बच्चे को किसी की झूठी तसली , प्यार की जरूरत नहीं है मेरे बच्चों को...
उसके बाद दादी की कही इन बातों से चाह के भी कोई कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर पाया...
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जारी रहेगा![]()
Kamal kar update fabulousUPDATE 12
इस वक्त धीरेन्द्र की हवेली में आज किसी ने खाना नहीं खाया था आज जो कुछ भी हुआ उसके बाद हर किसी की भूख जैसे मर सी गई थी साहिल को अटैक से होश में आने के बाद सरला देवी (दादी) ने साहिल को एक मां की तरह संभाला जैसा वो पिछले 12 सालों से करती आ रही थी। जिसके बाद कमल अपने साथ साहिल को ले गया कमरे में सोने के लिए लेकिन अटैक से होश में आते ही साहिल ने जो भी बोला उससे आज साहिल के पूरे परिवार वालों के दिमाग में एक सवाल घर कर गया था कि अगर साहिल ने नहीं मारा था प्रताप सिंह को तो किसने मारा था और साहिल पर इल्जाम कैसे आया और क्यों। उन सब के मन में ये बात पक्की हो गई थी कि हो ना हो इस बारे में सरला देवी जरूर जानती है तभी इतने सालों से साहिल का साथ दे रही है अब सवाल ये था कि सरला देवी क्यों छुपा रही है ये बात सभी घर वालों से। जबकि इस तरफ सबकी तरह शायद आज नींद तो साहिल की आंखों से कोसों दूर थीं। साहिल बेड में लेटा हुआ था कमल के साथ की तभी साहिल उठ कर अपने बैग से कुछ ढूंढने लगता है तब...
कमल –(सिगरेट का पैकेट देते हुए साहिल को) इसे ढूंढ रहा है ना ले...
सिगरेट का पैकेट लेके कमरे की बाल्कनी में चला गया सिगरेट पीने लगा उसे देख कमल भी पास आके सिगरेट पीने लगा इस बात से अंजान हवेली के ऊपर बने सभी कमरों की एक ही बाल्कनी है जहां साहिल के बगल वाले कमरा जो निधि का था जिसमें निधि के साथ कविता और सुमन थी नींद उनकी आंखों में नहीं थी वो भी इस वक्त बाल्कनी में खड़ी थी तभी उन्होंने साहिल को देखा जो कमरे से बाल्कनी में आके सिगरेट पीने लगा था बिना उनकी तरफ ध्यान दिए चाह के भी सुमन और कविता में हिम्मत नहीं हो रही थी साहिल के पास जाने की जबकि साहिल के कमरे के दूसरी तरफ के कमरे में सुनैना , सुनीता और अमृता थे ये तीनों भी बाल्कनी में खड़े थे इन्होंने भी साहिल को बाल्कनी में सिगरेट पीते देख रहे थे जबकि इस तरफ साहिल तो अंजान था इस बात से लेकिन कमल ने देख लिया था सभी को पर बोला कुछ नहीं तब...
साहिल – (सिगरेट पीते हुए कमल को बिना देखे) कल सुबह होते ही हम दोनों वापस निकल जाएंगे यहां से...
कमल – (बात सुन के) हम्ममम और दादी को क्या बोलेंगे...
साहिल – मै बाद में बात कर लूंगा दादी से....
कमल – दादी नाराज हो जाएगी यार...
साहिल – (बिना कमल की तरफ देखे) आज जो हुआ उसके बाद भी लगता है तुझे कल कुछ नहीं होगा , जाने और क्या क्या प्लान बना के आए होगे ये लोग मै नहीं चाहता मेरी वजह से शादी के माहोल में कोई दिक्कत आए उससे अच्छा निकल चलते है हम यहां से और दादी नाराज नहीं होगी समझ जाएगी बात को....
कमल – हम्ममम ठीक है जैसा तू बोले चलते है कल सुबह वापस....
साहिल –(सिगरेट फेक के) ठीक है चल बैग पैक करके सोते है...
बोल के दोनों निकल गए कमरे में जबकि साहिल की वापस जाने वाली बात सभी ने सुन ली थी जिसे सुन के....
निधि – (सुमन से) लीजिए भाभी सबकी मन मांगी मुराद पूरी होने वाली है कल सुबह चला जाएगा साहिल यहां से अब तो आप बहुत खुश होगी न...
बोल के निधि गुस्से में चली गई अपने बेड में सोने...
जबकि सुमन बिना निधि की बात पर ध्यान दिए तुरंत ही निकल गई निधि के कमरे से दादी के कमरे की तरफ जहां दादी अपने कमरे में बेड में बैठी हुई थी तभी सुमन अन्दर आ गई उसके साथ कविता भी आई जिसे देख...
दादी – (सुमन और कविता को देख) तुम दोनों इस वक्त क्या बात है....
सुमन –(रोते हुए दादी के पैर में गिर के) मुझे माफ कर दीजिए मा बहुत बड़ी गलती हो गई मुझसे पागल थी जो सबकुछ सामने होते हुए भी देख ना पाई मा माफ कर दीजिए मा मुझे...
बोल के रोती रही सुमन साथ में कविता एक जगह खड़ी रो रही थी तब...
दादी – (मुस्कुरा के) साहिल कल वापस जा रहा है ना इसीलिए तुम इतना परेशान हो रही हो....
सुमन – (रोते हुए दादी की तरफ देख हा में सिर हीला के) रोक लीजिए उसे मत जाने दीजिए उसे मा....
दादी – मै जानती हु साहिल को वो ऐसा ही करेगा लेकिन तुम क्यों परेशान हो रही है 12 सालों में तो तुमने सोचा नहीं फिर आज किस लिए क्योंकि आज जो हुआ उसमें साहिल गलत नहीं था इसीलिए या फिर उसे अटैक आने के बाद जो हुआ इसीलिए...
सुमन – (रोते हुए) मा मुझे कुछ नहीं जानना बस मुझे मेरा साहिल वापस चाहिए....
दादी – ये जानते हुए भी कि वो कातिल है तेरे ससुर जी का....
सुमन – नहीं मा वो ऐसा नहीं है मै जान चुकी हूँ मा....
दादी – (मुस्कुरा के) मतलब तो यही हुआ ना सुमन आज तुझे पता चल गया कि साहिल कातिल नहीं है इसीलिए तू उसे रोकना चाहती है तभी आई हो मेरे पास और अगर आज भी तुझे पता ना चलता तो....
सुमन – मा आपको जो सजा देनी है दे दो मुझे लेकिन उसे रोक लो मा मै नहीं चाहती वो दूर हो जाय फिर से मुझसे...
दादी – दूर भी तो तुम सब ने किया था उसे और अब तुम चाहती हो मै उसे जाने से रोक लू....
सुमन – मै जानती हु मा लेकिन ये सच नहीं है , मा मैने कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन साहिल के प्रति सभी घरवालों की कड़वी बात सुन सुन के मै पागल हो गई थी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू क्या ना करू...
दादी – और बाकियों की तरह तुमने भी छोड़ दिया उसे मरने के लिए अकेला ये तक नहीं सोचा एक छोटा बच्चा कहा जाएगा कैसे रहेगा....
सुमन – मानती हूँ मा गलती मुझसे भी हुई वो भी बहुत बड़ी लेकिन अब नहीं मा अब मै ऐसा नहीं होने दे सकती मा बस उसे रोक लो मा बदले में आप जो कहो मै करने को तैयार हूँ...
दादी – चल तेरी बात मान भी लू एक बार लेकिन बाकी लोगों का क्या और क्या पता वो क्या क्या तैयारी करके आए हो साहिल के लिए....
सुमन – छोड़ दूंगी मै सबको साहिल के लिए....
दादी – अच्छा और यही फैसला तुमने पहले लिया होता तो आज तुम्हे मेरे सामने इस तरह से नहीं आना पड़ता सुमन और ना ही साहिल की ऐसी हालत होती....
सुमन – मा एक बार बस एक मौका दीजिए मा मै कविता की कसम खाती हूँ साहिल को बहुत प्यार दूंगी भले लड़ना पड़े मुझे सभी से अपनी आखिरी सास तक उसका साथ दूंगी मै...
कविता – दादी , मा सही बोल रही है कसम खाती हूँ मै भी साथ दूंगी अपने भाई का...
दादी – (दोनों की बात सुन गौर से देखती है दोनों को तब) सोच लो तुम दोनों क्या सहन कर पाओगी साहिल की नफरत को...
सुमन – सब कुछ सहन करूगी मै पलट के जवाब तक नहीं दूंगी हस्ते हस्ते उसकी नफरत सहन कर लूंगी बस आप साहिल को रोक लो मै चाहती हूं साहिल घर में रहे हमारे साथ हमेशा के लिए बस....
दादी – ठीक है तुम चिंता मत करो साहिल कही नहीं जाएगा...
सुमन – (हल्का मुस्कुर के) ठीक है मा...
बोल के सुमन और कविता गले लग गई दादी के...
दादी – (मुस्कुरा के) चलो अब आराम करो तुम लोग...
जिसके बाद सुमन और कविता जाने लगी तभी...
दादी – (दोनों को बीच में टोक के) और कुछ नहीं जानना है तुम्हे सुमन...
सुमन – (रुक के) और क्या जानना है मां....
दादी – यहीं की अगर साहिल ने नहीं मारा अपने दादा को तो किसने मारा है...
सुमन – (चौक के) क्या मतलब है मां (कुछ सोच के) इसका मतलब आप जानते हो किसने मारा था बाबू जी को और अगर आप जानती थी तो बोला क्यों नहीं आपने उस वक्त मां और कौन है वो जिसने ये घिनौना काम किया है...
दादी – (सुमन और कविता को देख के) सुन पाओगी उसका नाम तुम दोनों...
कविता –(गुस्से में) जान से मार दूंगी मै उस कुत्ते को जिसकी वजह से मेरे भाई ने इतने साल पूरे परिवार की जिल्लत झेली है....
सुमन – मा कौन है वो क्या नाम है उसका....
दादी – (सुमन और कविता को देख के) तेरा पति रनवीर सिंह (कविता से) तेरा पिता रनवीर सिंह है वो कातिल जिसने मेरी मांग का सिंदूर उजाड़ दिया जिसने अपने ही बच्चे को अपने बाप का कातिल बना दिया पूरे परिवार की नजरों में....
सुमन – (दादी की बात सुन के) ये नहीं हो सकता मा कह दो आप झूठ बोल रही हो ये नहीं हो सकता मा...
कविता – हा दादी मेरे पापा ऐसा नहीं कर सकते वो तो बहुत प्यार करते थे दादा जी को वो कैसे....
दादी – क्यों यकीन नहीं हो रहा है ना सुमन क्योंकि वो तेरा पति है (कविता से) क्यों कविता वो तेरा पिता है इसीलिए फिर साहिल क्या है तुम दोनों के लिए वो कातिल है इस बात पे यकीन कैसे कर लिया तुम दोनों ने बोलो है जवाब इसका। नहीं ना लेकिन यही सच है रनवीर ने मारा है अपने पिता को मेरी आंखों के सामने...
दादी की बात सुन के सुमन और कविता मू में हाथ रख के रोने लगे जमीन में बैठ के...
सुमन – (रोते हुए) कह दो मा ये झूठ है वो ऐसा नहीं कर सकते है मा भला अपने पिता को क्यों मारेगे वो और अगर उन्होंने मारा तो साहिल के हाथ में बंदूक कैसे आ गई...
दादी – अच्छा तो जरा ये बता साहिल ने अपने दादा को मारा किसने कही थी ये बात याद है तुझे....
सुमन – इन्होंने (रनवीर) ने कही थी बात हम सभी को....
दादी – और बंदूक कहा से आई साहिल के पास...
सुमन – साहिल ने वो बंदूक को अपने पिता रनवीर के कमरे से उठाई थी....
दादी – (मुस्कुरा के) और ये बात किसने बताई पूरे परिवार को....
सुमन – रनवीर ने बताई थी मा लेकिन...
दादी – (बीच में टोक के) रनवीर ने बताया और मान लिया तुम सब ने उस बात को ये भी नहीं सोचा कि बंदूक उठाना और उसे चलाने में कितना अंतर है क्या एक बच्चा बंदूक का ट्रिगर दबा सकता है क्या ये बात सोची उस वक्त किसी ने भी नहीं ना और साहिल क्यों लेके आया था बंदूक तेरे कमरे से....
सुमन – रनवीर को मारने के लिए...
दादी – (मुस्कुरा के) और ये बात भी रनवीर ने बोली होगी सबको...
सुमन – हा मां क्योंकि साहिल बहुत गुस्से में था रनवीर से उस दिन और जब ये सब हुआ तब हाल में कोई नहीं था हम सब कमरे में थे अपने , गोली की आवाज सुनते ही हम सब दौड़े चले आए हाल में और जब बाबू जी को जमीन में पड़ा देख उनके कपड़ों में खून देख डर गए हम सब तब रनवीर और बड़े भइया ने तुरंत बाबू जी को अपनी गाड़ी में अस्पताल लेके निकल गए साथ में हम सब भी...
दादी – जब तुझे इतना सब याद है तब तो सुमन तुझे ये भी याद होगा उस वक्त दिन में क्या हुआ था...
दादी की बात सुन सुमन उस दिन के बारे में सोचने लगी थी तभी...
कविता – दादी उस दिन ऐसा क्या हुआ था बताओ....
दादी – बताती हु आज तुम दोनों को वो सच (सुमन से) तुझे याद है सुमन जिस दिन ये सब हुआ उस दिन दोपहर के वक्त जब साहिल स्कूल से घर आ रहा था साइकिल से तब उसकी साइकिल का ब्रेक टूट गया था लेकिन जैसे ही साहिल घर के बाहर आया साइकिल से तभी रीना सामने आ गई और साहिल की साइकिल रीना को सिर्फ छू गई थी जिस बात का रीना ने कितना बवाल किया ये दिखाने के लिए की साहिल ने जान भुज के रीना को टक्कर मारी है और रीना को पैर में दर्द हो रहा था जिस वजह से रनवीर ने गुस्से में साहिल को बहुत मारा था उस वक्त और घर से निकल जाने को बोला लेकिन तब साहिल के दादा ने आके रोका रनवीर को तब रनवीर ने अपने पिता से कहा था कि वो
(साहिल को घर से निकाल देगे क्योंकि साहिल घर में रह के दिन भर परेशान करता है सबको जाने कितनी बार रीना को चोट पहुंचाई)...
दादी – ऐसी बातों का फायदा रीना हर बार उठाती थी दर्द का बहाना करके जिस वजह से रनवीर ने उस दिन यहां तक बोल दिया अपने पिता से की साहिल की पढ़ाई बंद करवा देगा लेकिन तब साहिल के दादा ने भी बोल दिया था वो पढ़ाएंगे साहिल को आगे उसके लिए रनवीर को परेशान होने की जरूरत नहीं है और सुमन अगर तुम्हे याद हो तो उस दिन से लेके शाम तक साहिल अपने दादा और मेरे साथ था पूरा वक्त तभी शाम को मै रसोई में जा रही थी चाय लेने इनके (अपने पति) के लिए उस वक्त साहिल मेरे साथ था तभी किसी का फोन आया साहिल के दादा को वो फोन पर बात करने लगे उसी बीच रनवीर अपने कमरे से निकल के हाल में आया और अपने पिता से बात करने लगा था जाने क्या बात हो रही थी दोनों में तभी मैंने साहिल को चाय दी अपने दादा को देने के लिए जैसे ही साहिल निकला रसोई से तभी मुझे ध्यान आया कि मैने आज इनको (अपने पति) को दवा नहीं दी शाम की उसके लिए जैसे ही मै रसोई से बाहर निकली तभी मैंने देखा रनवीर ने अपने पिता को गोली मार दी गोली लगते ही वो (पति) जमीन पर गिर गए और मै बस देखती रही अपने सोचने की हालत खो बैठी थी मै बस देखती रही अपनी आंखों से सब कुछ तभी रनवीर गया साहिल के पास उस वक्त मैने देखा रनवीर को जो अपनी बंदूक को साहिल के हाथ में थमा रहा था बेचारा साहिल उसके चेहरे पर अपने दादा के खून के छीटे पड़े हुए थे और वो अपने दादा को इस हालत में देख जैसे पत्थर बन गया था तभी सारे घर वाले नीचे आ गए हॉल में और जल्दी से इनको (पति) को हॉस्पिटल लेके जाने लगे उस वक्त मेरी हालत ऐसी थी सब कुछ देख रही थी अपनी आंखों से लेकिन कुछ बोल नहीं पा रही थी और ना कुछ कर पा रही थी बस एक पुतले की तरह चलती हुई सबके साथ कब अस्पताल आई पता नहीं चला मुझे , जब अस्पताल में उनकी (पति) आखिरी सांसे चल रही थी तब उन्होंने मुझे हिला के यही कहा कि साहिल का ख्याल रखने को उसके बाद उन्होंने अपना दम तोड़ दिया...
इतना बोल के दादी रोने लगी तभी कविता दादी के पास आ गले लग जाती है तब....
दादी – उनके दम तोड़ने के काफी देर बार अचानक मुझे साहिल का ध्यान आया जो उस वक्त अस्पताल में नहीं था तब मैने रामू (ड्राइवर) को बोल के साहिल के पास भिजवा दिया ख्याल रखने को। घर आने के कुछ समय बाद रामू ने मुझे बताया कि साहिल तब से गुम सूम है बिना कुछ बात किए...
कविता – (रोते हुए अलग होके) दादी इतने सालों से आप अकेले इतना दर्द झेल रहे थे आपने बताया क्यों नहीं किसी को इस बारे में...
दादी – (रोते हुए) मै क्या करती बेटा जिस दिन तेरे दादा के साथ ये सब हुआ था उस नजारे को मै भूल नहीं पा रही थी मैने देखा था रनवीर को उसने साहिल के साथ क्या किया लेकिन मैं हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी कैसे अपने पति से किए वादे को निभाऊं लेकिन दूसरे दिन मै सम्भल चुकी थी तब साहिल मेरे साथ गुम सूम बैठा था तभी रनवीर जाने कहा से आया और आते ही साहिल पर हाथ उठाया जिससे साहिल जमीन में गिर गया बस उस दिन जाने कहा से मुझमें हिम्मत आगई और मैने रनवीर को बहुत खरी खोटी सुनादी मै तो सारा सच बोलने वाली थी उस दिन सबको लेकिन जब मैने देखा कि बड़ों के साथ उन्होंने अपने बच्चों के दिल में साहिल के खिलाफ जहर भर दिया है तब मुझे साहिल को उस घर से दूर रखना सही लगा और जब साहिल को दूर किया तभी मुझे पता चला साहिल पे आने वाले अटैक के बारे में तब मैने साहिल को कई बड़े से बड़े डॉक्टरों को दिखाया पानी की तरह पैसे बहाते चली गई लेकिन कही पर भी राहत नहीं मिली मेरे बच्चे को मेरे सामने दिक्कत ये थी कि मै हर वक्त साहिल के साथ नहीं रह सकती थी इस समस्या का हल ढूंढ रही थी मै तभी एक दिन सुनीता ने बताया NGO के बारे में जहा मैं गई थी वहां मैने एक लड़के को देखा जो बिल्कुल साहिल की उम्र का था लेकिन उस वक्त साहिल बहुत भोला भला था जबकि वो लड़का उससे भी तेज था मैने उससे बात की उसे साहिल के बारे में बताया वो मेरी पूरी बात गौर से सुनता रहा तब मैने उसे साहिल के साथ रहने को कहा वो मेरी बात मान गया उसके बाद से मैने उसे साहिल से मिलाया 2 दिन में दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई उसके बाद से वो साहिल के साथ रहने लगा मै जब भी नहीं होती तो वो साहिल का ख्याल रखता जब भी अटैक आता साहिल को वो संभालता था साहिल को , साथ ही मेरे से हर रोज बात करता सारे दिन की बात बताता था मुझे , जानती हो वो लड़का कोई और नहीं कमल है साहिल का सबसे खास दोस्त वो भी यही है उसके साथ , (सुमन से) अब तू खुद सोच साहिल बंदूक लेने तेरे कमरे में कैसे आता जबकि तेरा कमरा ऊपर फ्लोर पे है लेकिन साहिल तो नीचे था पूरा वक्त मेरे साथ....
सुमन – (रोते हुए दादी से) आखिर रनवीर ने क्यों किया ऐसा...
दादी – सुमन वो क्या बात थी ये मुझे नहीं पता लेकिन ये बात पक्की थी कि घर में इस बात का कोई यकीन नहीं करता कि रनवीर ने मारा अपने पिता को क्योंकि सब जानते थे कि रनवीर अपने पिता से कितना प्यार करता था उनके मरने के बाद उनके नाम से रनवीर ने वो काम किए जिसे पूरे परिवार की नजरों में रनवीर से काबिल बेटा कोई नहीं है जैसे और उस हादसे के बाद से तुम जानती हो कि रनवीर कितना रहता था घर में ज्यादा तर वक्त सिर्फ बाहर रहता है कभी कभी तो मुझे पता नहीं चलता रनवीर कब घर आया और चला गया एक तरह से मैने तो उससे बात करना छोड़ दिया था क्योंकि मुझे डर था कि अपने पिता की तरह रनवीर मार ना दे साहिल को इसीलिए किसी को पता नहीं चलने दिया कि साहिल कहा रहता है और मै खुद साहिल से मिलने तभी जाती थी जब घर में किसी का भी ध्यान ना हो मुझपे...
बोल के दादी चुप हो गई कुछ देर उसके बाद...
दादी – सुमन तुझे ये सब बाते बताने का कारण ये है कि मै साहिल को घर में लाना चाहती हूँ ताकि मेरे मरने से पहले मै अपने बच्चे को खुश देख सकू पूरे परिवार के साथ...
कविता – दादी ऐसी बाते मत बोलो आप...
दादी – बेटा मेरी जिंदगी में अब बचे कितने साल है ज्यादा से ज्यादा 2 , 4 या 5 साल बस (सुमन से) सुमन अब मै साहिल को तुझे सौंप रही हूँ कैसे भी करके तुझे ही उसे संभालना होगा तभी मरने के बाद मेरी आत्म को शांति मिलेगी...
सुमन – ऐसा मत बोलिए मा साहिल को हम सब मिलके संभालेगे रही रनवीर की बात वो कुछ नहीं कर पाएगा साहिल का...
दादी – हम्ममम ठीक है चलो अब जाओ आराम करो तुम लोग कल से काफी काम करने को होगे घर में और ध्यान रहे ये बात इस कमरे से बाहर ना जाएं किसी को पता नहीं चलना चाहिए साहिल के दादा के बारे में...
सुमन – जी मां...
बोल के सुमन और कविता जाने लगे तभी सुमन वापस आके दादी से...
सुमन – (माथे से सिंदूर मिटा अपना मंगल सूत्र निकाल के दादी को देते हुए) मां शादी के वक्त ये आपने दिया था मुझे पहनाने के लिए रनवीर को और अब ये मेरे किसी काम का नहीं है आज से मेरा और रनवीर का रिश्ता खत्म होगया हमेशा के लिए अब इसे आप रख लीजिए...
दादी को देके सुमन चली गई कविता के साथ कमरे में आ गई निधि के कमरे में तब सुमन ने निधि को देखा जो दूसरी तरफ मू करके जाग रही थी....
सुमन – (निधि के कंधे पर हाथ रख के) मै जानती हु तू जाग रही है अभी भी निधि....
निधि – तो आपको क्या फर्क पड़ता है उल्टा आपको खुश होना चाहिए कल साहिल चला जाएगा यहां से फिर कभी वापस नहीं आएगा किसी के पास....
सुमन – हा साहिल जरूर जाएगा लेकिन अपने घर में हमेशा के लिए अपने परिवार के साथ रहने के लिए...
निधि – (पलट के सुमन को देखते हुए) मतलब जो यहां हुआ वो कम था जो अब आप साहिल को अपने घर ले जाके उसके साथ....
कविता – (बीच में) नहीं बुआ ऐसा कुछ नहीं होगा भईया के साथ वो भी हमारे साथ रहेगा परिवार की तरह खुश रहेगा मेरा भाई और कुछ नहीं....
निधि – सच बोल रही हो तुम....
सुमन – हा निधि मै कविता की कसम खा के बोलती हूँ जैसा तू सोच रही है वैसा कुछ नहीं होगा बहुत बड़ी गलती की है मैने लेकिन अब मै उस गलती को सुधारूगी इसके लिए भले मुझे साहिल की नफरत झेलनी पड़े मै पलट के जवाब तक नहीं दूंगी सब हस के सह लुंगी लेकिन साहिल को अब कही जाने नहीं दूंगी...
इसके बाद निधि गले लग गई सुमन के तब...
कविता – (निधि से) बुआ आपने बोला था कि 5 साल तक आपने पढ़ाया है साहिल को तब तो आप उनके बारे में बहुत कुछ जानती होगी बताओ न उनके बारे में कुछ...
सुमन – हा जानना तो बहुत कुछ है निधि तेरे से हमे साहिल के बारे में लेकिन अभी वक्त बहुत ज्यादा हो रहा है और कल सुबह काफी काम है तू कल बताना हमें साहिल के बारे में...
निधि – जी भाभी मै आपको सब कुछ बताऊंगी साहिल के बारे में....
इधर दादी के कमरे से सुमन और कविता के जाने के बाद दादी के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आगई...
दादी – (मुस्कुराते हुए) यही तो मै चाहती थी सुमन सबसे मुश्किल काम आज पूरा हुआ मेरा अब आगे का काम साहिल के लिए और आसान हो जाएगा....
इन सब के बीच में एक शख्स ऐसा भी था जो वहां हवेली में मौजूद नहीं था वो कोई और नहीं वो थी सेमेंथा जो तब से गायब है जब साहिल को अटैक के बाद होश आया था तब सेमेंथा ने साहिल के सिर में हाथ रख के देखा था क्या हुआ था साहिल के साथ बचपन में ये सब देखने के बाद सेमेंथा वहां से तुरंत गायब हो गई और आ गई हाइवे की रोड में जहां बहुत सी गाड़िया तेजी से आ जा रही थी तभी सेमेंथा की नजर एक गाड़ी पर पड़ी उसे देखते ही सेमेंथा ने अपने हाथ की एक उंगली से हवा में एक झटका दिया जिसके बाद वो गाड़ी अचानक से रोड में तेजी से पलटते हुए चली जा रही थी और जाके बिजली की ट्रांसफार्मर से टकरा गई जिसके बाद उस गाड़ी में एक ब्लास्ट हो गया ये नजारा सेमेंथा एक कोने में खड़ी होके देख रही थी लेकिन उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था अगली सुबह साढ़े चार बजे कमल और साहिल अपना बैग लेके चुप चाप कमरे से निकल के हॉल से होते हुए हवेली के बाहर जा रहे थे तभी...
धीरेन्द्र – (दोनों को पीछे से आवाज देके) जा रहे हो तुम दोनों यहां से....
धीरेन्द्र की आवाज सुन साहिल और कमल पलट के देखते है तब...
साहिल – दादा जी आप इतनी जल्दी जाग गए...
धीरेन्द्र – (मुस्कुरा के) बेटा ये गांव है और हम गांव वालो की शुरू से आदत रही है सुबह 4 बजे उठने की लेकिन मेरा सवाल तो कुछ और था तुमसे साहिल...
साहिल – दादा जी आपके घर में शादी है मै नहीं चाहता कि मेरी वजह से खुशी भरा माहोल में सबका मन खराब हो इसीलिए मेरा यहां से चले जाना ही बेहतर रहेगा...
धीरेन्द्र – पहली बात तो बेटा ये घर मेरा नहीं तुम्हारा भी है और दूसरी बात दुनिया में किसी की वजह से कुछ नहीं होता है बेटा ये कुदरत का खेल है जो होना होता है वो हो कर ही रहता है इसमें तुम मै कोई कुछ नहीं कर सकता है अगर तुम मुझे सच में अपना दादा मानते हो तो तुम मत जाओ यहां से...
धीरेन्द्र की बात सुन साहिल सोचने लगा तभी कमल ने साहिल के कंधे पे हाथ रखा तब साहिल ने कमल की तरफ देख तो कमल ने हा में सिर हिलाया तब...
साहिल – ठीक है दादा जी मै नहीं जाऊंगा बस शादी निपट जाय फिर चला जाऊंगा....
धीरेन्द्र – (मुस्कुरा के) शाबाश बेटा चलो कमरे में जाके आराम करो और मुझे ठीक 7 बजे मिलना आज बहुत काम करना है तुम दोनों के...
जिसके बाद दोनों अपने कमरे में आके सो गए रात भर नींद ना आने के कारण दोनों को कब नींद आ गई पता नहीं चला सुबह उनकी नींद खुली दादी के जगाने से...
दादी –(साहिल और कमल को उठाते हुए) उठ जाओ बेटा और कितनी देर तक सोओगे देखो घड़ी में 12 बज रहे है...
वक्त का सुन के दोनों एक दम से उठ गए...
साहिल – (चौक के) क्या 12 बज गए दादा जी ने सुबह 7 बजे बुलाया था जाने इतनी गहरी नींद कैसे आ गई...
दादी – (मुस्कुरा के) कोई बात नहीं बेटा मैने बोल दिया था उनको पहले से ही चलो तुम दोनों तैयार होके नीचे आ जाओ नाश्ता करने...
बोल के दादी चली गई कुछ देर में दोनों तैयार होके नीचे आ गए नाश्ता करने जहां सभी बैठे थे टेबल पर दोनों के आने के इंतजार में दोनों के आते ही सबने नाश्ता करना शुरू कर दिया नाश्ते के वक्त दादी बोली साहिल और कमल से....
दादी – साहिल बेटा तुझसे एक बात बोलनी है...
साहिल – क्या दादी...
दादी – मैने तेरे लिए एक फैसला लिया है अगर तुझे एतराज ना हो तो...
साहिल – (मुस्कुरा के) दादी सालों से आप ही मेरे लिए हर फैसला लेते आए हो तब मुझे एतराज नहीं हुआ तो भला अब क्यों एतराज होगा , मुझे आपका हर फैसला मंजूर है दादी...
साहिल की कही बात से दादी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई साथ ही नाश्ते की टेबल पर बैठे साहिल के परिवार के चेहरे पर भी तब...
दादी – बेटा मै चाहती हूँ कि यहां से तू हमारे साथ चल अपने घर में वही पर तू रह हम सबके साथ और आगे की पढ़ाई करेगा...
दादी की कही इस बात से अब सभी घरवालों का सारा ध्यान सिर्फ साहिल के जवाब पर था क्या वो राजी होता है इस बात के लिए कि नहीं जबकि बगल में बैठा कमल दादी की कही बात पर मुस्कुरा रहा था तब...
साहिल – ठीक है दादी आपने जो सोचा होगा अच्छा ही सोचा होगा मेरे लिए...
साहिल के जवाब से अब सबके चेहरे पे मुस्कुराहट वापस आ गई तब...
कमल – दादी...
दादी – हा कमल....
कमल – दादी आप तो जानती है कि साहिल और आपके इलावा मेरा...
दादी – (मुस्कुरा के कमल को बीच में टोक के) मै जानती हु तेरे दिमाग में क्या चल रहा है लेकिन तू ये क्यों भूल रहा है कि मेरे लिए तू और साहिल एक है जहां साहिल होगा वहा तू भी होगा समझा अपने आप को अलग समझने की सोचना भी मत सपने में भी तू भी मेरा पोता समझा...
ये बात सुन के कमल अपनी कुर्सी से खड़ा होके दादी के गले लग गया तब...
दादी – (गले से अलग किया कमल के आंख में आंसू देख उसे पोछ के) पगले रोता क्यों है , तू अकेला नहीं है तू तो मेरे परिवार का हिस्सा सालों पहले बन गया था इसीलिए रोया मत कर अब...
दादी की बात कमल मुस्कुरा के वापस अपनी जगह आके नाश्ता करने लगा सबके साथ जबकि दादी के इस फैसले से सुमन और कविता बहुत खुश थी साथ में बाकी के घर वाले भी खेर नाश्ते के बाद साहिल और कमल निकल गए शादी के काम करने जो धीरेन्द्र ने आते ही दोनों को दे दिया था काम , साहिल को राघव के साथ बाहर का काम के लिए भेजा गया जबकि कमल को हवेली में रोक के काम दिया गया...
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जारी रहेगा![]()
SuperbUPDATE 14
एक गाड़ी तेजी से शहर की तरफ जा रही थी उसमें बैठा आदमी...
लाला – (अपने मुनीम से) मुनीम ये रनवीर का बेटा तो बिल्कुल अपने बाप पर गया है हूँ बहु उसकी तरह दिखता है और वैसी ही अकड़ है उसमें भी...
मुनीम – हा मालिक उसे देख के मुझे रनवीर की याद आ गई आज....
लाला – (अपने बेटे विजय से) विजय जरा ध्यान रखना धीरेन्द्र की बेटी की शादी है कुछ भी उल्टा सीधा ना होने पाय क्योंकि वहां रनवीर भी मौजूद होगा बस शांत रहना सब और आनंद को भी समझा देना...
विजय – पिता जी शादी में तो राधिका और सिम्मी भी जाएगी ना हम तो नहीं जाएंगे...
लाला – नहीं विजय हमें भी जाना होगा धीरेन्द्र ने न्योता दिया है खुद हमारी हवेली में आके भूलो मत गांव में हमसे ज्यादा उसकी चलती है पूरे गांव वालो का वो मसीहा है...
विजय – ठीक है पिता जी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा आप शांत रहने को क्यों बोल रहे है हमें आप जानते हो ना क्या किया था रनवीर ने उस रात को...
लाला – (गुस्से में) कुछ नहीं भूला हूँ मै विजय सब याद है मुझे और किसने कहा हम शांत रहेंगे बल्कि हम कुछ भी नहीं करेंगे बल्कि करवाएंगे दूसरों से और इस बार जो मेरे पिता और मेरे भाई नहीं कर पाए वो हम करेंगे लेकिन तरीका अलग होगा हमारा इस बार जिससे गांव वालो की नजर में ना आए हम...
विजय – (मुस्कुरा के) ठीक है पिता जी जैसा आप कहे....
इस तरफ साहिल जब कमरे में आया तब अपने सामने सुमन को देखा जिसके साथ सुनैना और उसकी दोनों बेटी खुशी और अवनी थी अपने सामने साहिल को देख चारों बेड से उठ गए तभी...
साहिल – (कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ा के उसे समझ आ गया कि वो गलत कमरे में आ गया है तब) sorry मै गलती से गलत कमरे में आ गया...
बोल के साहिल वापस निकल गया कमरे से जबकि सुमन कुछ बोलने को हुईं थी लेकिन कुछ बोल ना पाई सुमन तब...
सुनैना – शायद गलती से इस कमरे में आ गया होगा साहिल एक जैसे है सारे कमरे यहां पर...
अवनी – (सुनैना से) मा क्या साहिल भाई माफ करेगा हमें...
सुनैना – (अवनी और खुशी से) याद है तुम दोनों को जब तुम दोनों मिल के साहिल को परेशान करती थी और तुम दोनों की वजह से साहिल एक बार कितनी मार खाया था तब मैने तुम दोनों को डाटा था और बोला भी था ना जो तुम दोनों कर रहे हो उसकी माफी नहीं मिलेगी कभी लेकिन तुम दोनों मेरी बात नहीं मानी अब नतीजा तुम दोनों के सामने है उसके बाद भी इस उम्मीद में हो की साहिल तुम्हे माफ करेगा...
खुशी – लेकिन मा उस वक्त बड़ी मां बोलती थी सबको की साहिल गन्दा है उसकी वजह से दादा जी मर गए और उसकी वजह से ही बड़ी मां (सुमन) के घर वाले भी मारे गए थे इसीलिए सब घर वाले नफरत करते है साहिल से...
सुमन –(खुशी की बात सुन के सुनैना से) मा(सरला देवी) सही कह रही थी उस दिन बड़ों ने नफरत की आग में जलते हुए अपने बच्चों को भी झोंक दिया उस आग में जलने के लिए और जिसके बारे में मू खोलते वक्त कोई सोचता नहीं था आज उसी के सामने बोलने से भी डर लग रहा है हर किसी को...
सुनैना – जाने कैसे मना पाएंगे साहिल को हम सब मुझे तो आज की हुई बात से डर लग रहा था जब मा ने साहिल को घर आने के लिए बोल रही थी मुझे लगा कही साहिल मना ना कर दे लेकिन शुक्र है इस बात का की साहिल मा की हर बात मानता है इसीलिए हा कर दिया घर आने के लिए...
ये सब यहां आपस में बाते कर रहे थे वहीं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी कविता बस चुप चाप सबकी बाते सुन रही थी जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था जबकि इस तरफ साहिल अपने कमरे में आते ही उसे सामने सेमेंथा दिखी तब….
साहिल – तो तुम यहां हो रस्ते से कहा चली गई थी....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बताया तो था मैने और वैसे भी मै कहा जाऊंगी भला तुम्हारे सिवा...
साहिल – हम्ममम बड़ी चालक हो तुम तो....
सेमेंथा – इसमें चालाकी कैसी अब मै तो साथ हूँ तुम्हारे और तुम ही ने तो कहा था कि मै तुम्हारे साथ रह सकती हूँ...
साहिल – हा कहा तो था लेकिन अब मै नहाने जा रहा हूँ (आंख मार के) इसमें साथ दोगी मेरा....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जैसे निधि साथ थी वैसे क्या...
साहिल – (चौक के) तुम्हे कैसे पता उसके बारे में...
सेमेंथा – देखा नहीं बाते सुनी मैने सारी तुम्हारी...
साहिल – (मुस्कुरा के) वो तो बस होगया था हमारे बीच में लेकिन तुम्हारे साथ मजाक कर रहा था मै...
सेमेंथा – कोई बात नहीं मै तो तुम्हारे साथ हूँ हर कदम पर मुझे कोई एतराज नहीं इसमें भी...
साहिल – (सेमेंथा के करीब आके) सच में इतना भरोसा है मुझपे...
सेमेंथा – (साहिल के और करीब होके) खुद से भी ज्यादा साहिल चाहो तो आजमा लो तुम....
साहिल – कही इस भरोसे का मैने फायदा उठा के तुम्हे छोड़ दिया तो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अपने प्यार पर यकीन है मुझे पूरा....
साहिल – 2 दिन में प्यार हो गया तुम्हे मुझसे....
सेमेंथा – प्यार तो सालों पहले हो गया था तुमसे आज मौका मिला कहने का....
साहिल – (थोड़ी मायूसी से) और कही तुम मुझे छोड़ के चली गई तो....
सेमेंथा – ऐसा कभी नहीं होगा साहिल सपने में भी नहीं में हमेशा साथ रहूंगी तुम्हारे....
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) प्यार किसी से हुआ नहीं कभी लेकिन डर लगता है फिर से कोई अपना दूर ना हो जाएं मुझसे...
सेमेंथा – (साहिल के गले लग के) क्या अभी भी डर लगता है तुम्हे...
साहिल – (मुस्कुरा के गले लगे हुए सेमेंथा से) नहीं लगता अब डर किसी का भी , I LOVE YOU सेमेंथा...
सेमेंथा – ME TO...
एक तरफ साहिल और सेमेंथा प्यार का इजहार कर रहे है दूसरी तरफ कमल हवेली में काम करने में लगा हुआ था शादी का जो धीरेन्द्र ने उसे दिया था जिस वजह से कमल के कई बार नैन मटका हो रहे थे अवनी से जिसमें अवनी को भी बहुत मजा आ रहा था कमल के साथ ये दोनों हवेली के बाहर थे जहां पंडाल की तैयारी हो रही थी वही कमल लगा था तैयार करने में पंडाल को जबकि अवनी पंडाल की सजावट को देख रही थी तभी मौका पाके...
कमल – (अवनी से) हाय कैसी हो तुम...
अवनी – अच्छी हूँ और तुम...
कमल – मै भी अच्छा हूँ...
अवनी – तुम साहिल भाई के साथ कब से हो...
कमल – 8 सालों से हूँ साहिल के साथ...
अवनी – क्या वो ऐसे ही सबसे बात करते है गुस्से में...
कमल – अरे नहीं साहिल ऐसा बिल्कुल नहीं है वो बहुत अच्छा लड़का है हस के बाते करता है सबसे...
अवनी – हम्ममम लेकिन हमसे गुस्से में...
कमल – हम्ममम जनता हूँ मै इसके पीछे की वजह भी....
अवनी – तुम जानते हो फिर भी मुझसे बाते कर रहे हो...
कमल – (मुस्कुरा के) तुम जब से यहां आई हो तब से मैं देख रहा हूँ तुम्हे लेकिन कल के बाद से तुम्हारा नजरिया बदल गया साहिल के लिए जान सकता हूँ क्यों और किस लिए हुआ ऐसा अचानक से वो भी इतने सालों बाद....
अवनी – पहले तो हम सब सुनी हुई बात मानते आ रहे थे लेकिन कल जो देखा उसके बाद मुझे भाई का दर्द समझ आ गया कैसे वो इतने सालों तक अकेले ही दादा जी की मौत के दर्द को झेलते आ रहे है बिना परिवार के कैसे रह रहे थे इसका अंदाजा शायद ही लगा पाए हम कमल मै उनसे माफी मांगना चाहती हूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही उनके सामने तक जाने की आखिर किस मू से माफी मांगू उनसे...
कमल – अवनी उसे वक्त दो थोड़ा और अब तो वो तुम सब के साथ घर जा रहा है हमेशा के लिए तब तुम्हे कई मौके मिलेगे साहिल के साथ लेकिन ध्यान रखना साहिल से ऐसी कोई बात मत करना जिससे उसे अटैक आए उसके बाद बहुत मुश्किल से संभालता है वो...
अवनी – तुम भी तो रहोगे ना साथ में...
कमल – हा रहूंगा लेकिन मुझे जाना पड़ेगा अपने स्कूल में कुछ सर्टिफिकेट का इश्यू हुआ है उसके लिए जाना पड़ेगा मुझे कुछ दिन में आ जाऊंगा वापस वैसे अब तो तुम भी कॉलेज ज्वाइन करने वाली हो साहिल के साथ और कौन कौन आ रहा है घर से तुम्हारे...
अवनी – मै , खुशी , कविता , साहिल भाई और तुम...
कमल – एक बात पूछूं तुमसे बुरा तो नहीं मानोगी...
अवनी – क्यों ऐसी क्या बात है....
कमल – वो असल में क्या तुम्हारा BF है क्या...
अवनी – (हल्का मुस्कुरा के) क्यों क्या कम है तुम्हे उससे...
कमल – मतलब सच में तुम्हारा बॉयफ्रेंड है....
अवनी – अरे तभी तो बोली तुम्हे उससे क्या काम है....
कमल – (उदास होके) नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया मैने अच्छा ठीक है मै चलता हूँ और भी काम है मुझे...
बोल के कमल जाने लगा तब...
अवनि – कमल का उदास चेहरा देख मुस्कराते हुए मन में – बुद्धू है ये एक नंबर का....
अवनी – (कमल को बुला के) अच्छा सुनो जरा...
कमल – हा बोलो....
अवनी – BF के लिए क्यों पूछ रहे थे सच बताना...
कमल – ऐसे ही वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो...
अवनी – फ्लर्ट कर रहे हो...
कमल – नहीं कसम से तुम सच में बहुत सुंदर हो...
अवनी – (मुस्कुरा के) शुक्रिया और तुम भी बहुत स्मार्ट लुकिंग हो....
कमल – (धीरे से) क्या फायदा इस बात का अब...
अवनी – (मुस्कुरा के कमल की बात सुन कर अंजान बन के) कुछ कहा तुमने....
कमल – नहीं तो कुछ सुना तुमने...
अवनी – नहीं तो वैसे मेरा कोई BF नहीं है....
कमल – अच्छा क्यों कोई पसंद नहीं आया तुम्हे कभी...
अवनी – घर और पढ़ाई के इलावा कभी सोचा नहीं इस बारे में....
कमल – (हाथ आगे बढ़ा के) तो दोस्ती करोगी मुझसे...
अवनी – (हाथ मिला के) ठीक है लेकिन दोस्ती की तो निभानी पड़ेगी...
कमल – मंजूर है...
बोल के दोनों मुस्कुराने लगे तब...
कमल – चलो अच्छा पहले काम को निपटा लेते है शाम को हलवाई वाले आने वाले है साथ में बाकी के मेहमान भी आज तो हवेली भी भरने वाली है मेहमानों से...
बोल के दोनों एक साथ बातो के साथ काम करने लगे...
तो इस तरह से साहिल के साथ कमल को भी GF मिल गई अपनी जबकि इस तरफ जब से कल रात को सभी लड़कियों ने जो कुछ हुआ उसके साथ साहिल की हालत देखी थी तब से उनका भी मन में साहिल को लेके एक अलग ही जगह बन गई थी सुबह के बाद जब साहिल बाहर से दिन में काम निपटा के वापिस आया था तब अमृता की दोनों बेटी और सुनीता की दोनों बेटी कमरे की खिड़की में बैठी साहिल को आता देख हवेली में बाते कर रही थी आपस में...
शिवानी – (सुरभि , पायल और शबनम से) इतने साल से ना जाने हम लोग क्या समझते आ रहे थे साहिल के बारे में लेकिन सच तो ये है कि वो कितना अच्छा है ये कभी सोचा नहीं हमने...
पायल – शायद मां जानती थी इसलिए इतने सालों में मां कभी मिलने नहीं गई नानी के घर पर...
सुरभि – तू सही बोल रही है पायल जब भी हम साहिल के लिए कुछ भी गलत बोलते थे तभी मां डाटती हमें लेकिन यार हम भी क्या करते हमने जो सुना और बताया गया बस उसे सच मान के ऐसा किया था सच का तो पता नहीं था यार.....
शबनम – ये सब बड़ी मामी का किया धारा है उन्होंने ही कई बार बोला साहिल के लिए हम सब से कि साहिल ने नाना को मारा था...
शिवानी – लेकिन यार एक बात समझ नहीं आई अगर साहिल ने नहीं मारा नाना जी को तो किसने मारा था और वो कौन है जो नाना जी को मारने के बाद साहिल को मारने वाला था....
सुरभि – हा यार जब साहिल होश में आया तब कितना डरा हुआ था वो मुझे तो लगता है जरूर नानी जानती होगी इस बारे में वर्ना इतने सालों तक पूरा परिवार साहिल का साथ नहीं दे रहा था सिर्फ नानी थी साहिल के साथ तो वो क्यों साथ देती अगर साहिल ने ऐसा कुछ किया होता तो...
पायल – लेकिन नानी से भी पूछने की हिम्मत कौन करेगा यार कल आते ही कितनी बुराई कर रहे थे हम सब साहिल के लिए सारी बाते सुन ली नानी ने हमारी...
शिवानी – एक काम करते है क्यों ना हम मयंक भईया को बताए सारी बात शायद वो मा से बात का पता कर सके....
तभी उनके कमरे में रचना आती है...
रचना – क्या पता करने की बात कर रहे हो तुम सब...
शिवानी – साहिल के बारे में बात कर रहे है हम मौसी...
साहिल के बारे में सुन रचना के चेहरे की हसी गायब हो गई तब...
रचना – लेकिन कौन सी बात का पता करना है अब...
सुरभि – यही की आखिर नाना जी को किसने मारा होगा...
रचना – मेरे ख्याल से इस वक्त सबसे पहले सभी को साहिल से माफी मांगने के बारे में सोचना होगा कैसे माफी मांगे साहिल से हम लोग...
शिवानी – क्या वो माफ कर पाएंगे हमें...
पायल – कोशिश तो करनी पड़ेगी हमें आखिर वो हमारा भाई है....
रचना – सच बोलूं तो कल के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही साहिल के सामने जाने की मैने जो गाली दी...
बोल के रचना चुप हो गई...
सुरभि – (रचना से) मौसी गलती तो हमसे भी हुई है जो इतने सालों से साहिल को बुरा भला बोले जा रहे थे लेकिन इतना कुछ उनके साथ होने के बाद भी उन्होंने फिर भी राघव मामा और राजेश मामा को अपने फैसले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया सच में रचना मौसी साहिल बहुत अच्छा भाई है हमारा उनके साथ जो हुआ उसके बाद भी उन्होंने राघव मामा की बेटी और राजेश मामा के बच्चों के बारे में पहले सोचा ताकि जो साहिल ने सहा वो उन्हें ना सहना पड़े...
रचना – हा सुरभि सच में साहिल ने ये करके साबित कर दिया वो कितना अच्छा और हम कितने गलत है शायद इसीलिए निधि भी साहिल का साथ दे रही थी उस वक्त जब सब साहिल पर गुस्सा थे जो बड़ी मामी बॉथरूम में जाने पर हुआ...
शिवानी – लेकिन साहिल भी सही बोल रहा था आखिर बड़ी मामी किस लिए गई थी साहिल के कमरे में वो भी दरवाजा खुला छोड़ के इसका मतलब साफ था बड़ी मामी ने सब जान बुझ के किया ताकि साहिल को यहां से जलील करके निकाला जा सके...
रचना – छोड़ ना सुरभि उस बारे में बात करके अब क्या फायदा अभी सिर्फ ये सोचना चाहिए साहिल से माफी कैसे मांगे हम...
शबनम – मै क्या बोलती हूँ क्यों ना हम लोग साहिल भाई के दोस्त है ना कमल उससे बात करे वो हमारी मदद कर सकते है इसमें उनको पता है साहिल भाई के बारे में सब कुछ...
रचना – हा ये सही रहेगा कल रात में कैसे साहिल के पिता (रनवीर) के सामने आके बिना डरे बोल रहा था वो पक्का वो हमारी मदद जरूर करेगा लेकिन उससे बात कौन करेगा...
शिवानी – (शबनम और पायल से) क्यों न तुम दोनों बात करो कमल से इस बारे में कुछ भी करके उसे मना लो तुम दोनों प्लीज....
शबनम और पायल एक साथ – हा हम तैयार है...
ये दोनों अभी तक इस बात से अंजान है के जिससे ये मदद लेने जाने वाले है वो असल में इनका ही भाई है और ये बात इन दोनों को नहीं पता है क्योंकि इनकी मां सुनीता अपनी दोनों बेटियों को सरप्राइस देना चाहती है भाई के रूप में कमल को...
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जारी रहेगा![]()
Nice updateUPDATE 14
एक गाड़ी तेजी से शहर की तरफ जा रही थी उसमें बैठा आदमी...
लाला – (अपने मुनीम से) मुनीम ये रनवीर का बेटा तो बिल्कुल अपने बाप पर गया है हूँ बहु उसकी तरह दिखता है और वैसी ही अकड़ है उसमें भी...
मुनीम – हा मालिक उसे देख के मुझे रनवीर की याद आ गई आज....
लाला – (अपने बेटे विजय से) विजय जरा ध्यान रखना धीरेन्द्र की बेटी की शादी है कुछ भी उल्टा सीधा ना होने पाय क्योंकि वहां रनवीर भी मौजूद होगा बस शांत रहना सब और आनंद को भी समझा देना...
विजय – पिता जी शादी में तो राधिका और सिम्मी भी जाएगी ना हम तो नहीं जाएंगे...
लाला – नहीं विजय हमें भी जाना होगा धीरेन्द्र ने न्योता दिया है खुद हमारी हवेली में आके भूलो मत गांव में हमसे ज्यादा उसकी चलती है पूरे गांव वालो का वो मसीहा है...
विजय – ठीक है पिता जी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा आप शांत रहने को क्यों बोल रहे है हमें आप जानते हो ना क्या किया था रनवीर ने उस रात को...
लाला – (गुस्से में) कुछ नहीं भूला हूँ मै विजय सब याद है मुझे और किसने कहा हम शांत रहेंगे बल्कि हम कुछ भी नहीं करेंगे बल्कि करवाएंगे दूसरों से और इस बार जो मेरे पिता और मेरे भाई नहीं कर पाए वो हम करेंगे लेकिन तरीका अलग होगा हमारा इस बार जिससे गांव वालो की नजर में ना आए हम...
विजय – (मुस्कुरा के) ठीक है पिता जी जैसा आप कहे....
इस तरफ साहिल जब कमरे में आया तब अपने सामने सुमन को देखा जिसके साथ सुनैना और उसकी दोनों बेटी खुशी और अवनी थी अपने सामने साहिल को देख चारों बेड से उठ गए तभी...
साहिल – (कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ा के उसे समझ आ गया कि वो गलत कमरे में आ गया है तब) sorry मै गलती से गलत कमरे में आ गया...
बोल के साहिल वापस निकल गया कमरे से जबकि सुमन कुछ बोलने को हुईं थी लेकिन कुछ बोल ना पाई सुमन तब...
सुनैना – शायद गलती से इस कमरे में आ गया होगा साहिल एक जैसे है सारे कमरे यहां पर...
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सुनैना – (अवनी और खुशी से) याद है तुम दोनों को जब तुम दोनों मिल के साहिल को परेशान करती थी और तुम दोनों की वजह से साहिल एक बार कितनी मार खाया था तब मैने तुम दोनों को डाटा था और बोला भी था ना जो तुम दोनों कर रहे हो उसकी माफी नहीं मिलेगी कभी लेकिन तुम दोनों मेरी बात नहीं मानी अब नतीजा तुम दोनों के सामने है उसके बाद भी इस उम्मीद में हो की साहिल तुम्हे माफ करेगा...
खुशी – लेकिन मा उस वक्त बड़ी मां बोलती थी सबको की साहिल गन्दा है उसकी वजह से दादा जी मर गए और उसकी वजह से ही बड़ी मां (सुमन) के घर वाले भी मारे गए थे इसीलिए सब घर वाले नफरत करते है साहिल से...
सुमन –(खुशी की बात सुन के सुनैना से) मा(सरला देवी) सही कह रही थी उस दिन बड़ों ने नफरत की आग में जलते हुए अपने बच्चों को भी झोंक दिया उस आग में जलने के लिए और जिसके बारे में मू खोलते वक्त कोई सोचता नहीं था आज उसी के सामने बोलने से भी डर लग रहा है हर किसी को...
सुनैना – जाने कैसे मना पाएंगे साहिल को हम सब मुझे तो आज की हुई बात से डर लग रहा था जब मा ने साहिल को घर आने के लिए बोल रही थी मुझे लगा कही साहिल मना ना कर दे लेकिन शुक्र है इस बात का की साहिल मा की हर बात मानता है इसीलिए हा कर दिया घर आने के लिए...
ये सब यहां आपस में बाते कर रहे थे वहीं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी कविता बस चुप चाप सबकी बाते सुन रही थी जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था जबकि इस तरफ साहिल अपने कमरे में आते ही उसे सामने सेमेंथा दिखी तब….
साहिल – तो तुम यहां हो रस्ते से कहा चली गई थी....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बताया तो था मैने और वैसे भी मै कहा जाऊंगी भला तुम्हारे सिवा...
साहिल – हम्ममम बड़ी चालक हो तुम तो....
सेमेंथा – इसमें चालाकी कैसी अब मै तो साथ हूँ तुम्हारे और तुम ही ने तो कहा था कि मै तुम्हारे साथ रह सकती हूँ...
साहिल – हा कहा तो था लेकिन अब मै नहाने जा रहा हूँ (आंख मार के) इसमें साथ दोगी मेरा....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जैसे निधि साथ थी वैसे क्या...
साहिल – (चौक के) तुम्हे कैसे पता उसके बारे में...
सेमेंथा – देखा नहीं बाते सुनी मैने सारी तुम्हारी...
साहिल – (मुस्कुरा के) वो तो बस होगया था हमारे बीच में लेकिन तुम्हारे साथ मजाक कर रहा था मै...
सेमेंथा – कोई बात नहीं मै तो तुम्हारे साथ हूँ हर कदम पर मुझे कोई एतराज नहीं इसमें भी...
साहिल – (सेमेंथा के करीब आके) सच में इतना भरोसा है मुझपे...
सेमेंथा – (साहिल के और करीब होके) खुद से भी ज्यादा साहिल चाहो तो आजमा लो तुम....
साहिल – कही इस भरोसे का मैने फायदा उठा के तुम्हे छोड़ दिया तो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अपने प्यार पर यकीन है मुझे पूरा....
साहिल – 2 दिन में प्यार हो गया तुम्हे मुझसे....
सेमेंथा – प्यार तो सालों पहले हो गया था तुमसे आज मौका मिला कहने का....
साहिल – (थोड़ी मायूसी से) और कही तुम मुझे छोड़ के चली गई तो....
सेमेंथा – ऐसा कभी नहीं होगा साहिल सपने में भी नहीं में हमेशा साथ रहूंगी तुम्हारे....
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) प्यार किसी से हुआ नहीं कभी लेकिन डर लगता है फिर से कोई अपना दूर ना हो जाएं मुझसे...
सेमेंथा – (साहिल के गले लग के) क्या अभी भी डर लगता है तुम्हे...
साहिल – (मुस्कुरा के गले लगे हुए सेमेंथा से) नहीं लगता अब डर किसी का भी , I LOVE YOU सेमेंथा...
सेमेंथा – ME TO...
एक तरफ साहिल और सेमेंथा प्यार का इजहार कर रहे है दूसरी तरफ कमल हवेली में काम करने में लगा हुआ था शादी का जो धीरेन्द्र ने उसे दिया था जिस वजह से कमल के कई बार नैन मटका हो रहे थे अवनी से जिसमें अवनी को भी बहुत मजा आ रहा था कमल के साथ ये दोनों हवेली के बाहर थे जहां पंडाल की तैयारी हो रही थी वही कमल लगा था तैयार करने में पंडाल को जबकि अवनी पंडाल की सजावट को देख रही थी तभी मौका पाके...
कमल – (अवनी से) हाय कैसी हो तुम...
अवनी – अच्छी हूँ और तुम...
कमल – मै भी अच्छा हूँ...
अवनी – तुम साहिल भाई के साथ कब से हो...
कमल – 8 सालों से हूँ साहिल के साथ...
अवनी – क्या वो ऐसे ही सबसे बात करते है गुस्से में...
कमल – अरे नहीं साहिल ऐसा बिल्कुल नहीं है वो बहुत अच्छा लड़का है हस के बाते करता है सबसे...
अवनी – हम्ममम लेकिन हमसे गुस्से में...
कमल – हम्ममम जनता हूँ मै इसके पीछे की वजह भी....
अवनी – तुम जानते हो फिर भी मुझसे बाते कर रहे हो...
कमल – (मुस्कुरा के) तुम जब से यहां आई हो तब से मैं देख रहा हूँ तुम्हे लेकिन कल के बाद से तुम्हारा नजरिया बदल गया साहिल के लिए जान सकता हूँ क्यों और किस लिए हुआ ऐसा अचानक से वो भी इतने सालों बाद....
अवनी – पहले तो हम सब सुनी हुई बात मानते आ रहे थे लेकिन कल जो देखा उसके बाद मुझे भाई का दर्द समझ आ गया कैसे वो इतने सालों तक अकेले ही दादा जी की मौत के दर्द को झेलते आ रहे है बिना परिवार के कैसे रह रहे थे इसका अंदाजा शायद ही लगा पाए हम कमल मै उनसे माफी मांगना चाहती हूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही उनके सामने तक जाने की आखिर किस मू से माफी मांगू उनसे...
कमल – अवनी उसे वक्त दो थोड़ा और अब तो वो तुम सब के साथ घर जा रहा है हमेशा के लिए तब तुम्हे कई मौके मिलेगे साहिल के साथ लेकिन ध्यान रखना साहिल से ऐसी कोई बात मत करना जिससे उसे अटैक आए उसके बाद बहुत मुश्किल से संभालता है वो...
अवनी – तुम भी तो रहोगे ना साथ में...
कमल – हा रहूंगा लेकिन मुझे जाना पड़ेगा अपने स्कूल में कुछ सर्टिफिकेट का इश्यू हुआ है उसके लिए जाना पड़ेगा मुझे कुछ दिन में आ जाऊंगा वापस वैसे अब तो तुम भी कॉलेज ज्वाइन करने वाली हो साहिल के साथ और कौन कौन आ रहा है घर से तुम्हारे...
अवनी – मै , खुशी , कविता , साहिल भाई और तुम...
कमल – एक बात पूछूं तुमसे बुरा तो नहीं मानोगी...
अवनी – क्यों ऐसी क्या बात है....
कमल – वो असल में क्या तुम्हारा BF है क्या...
अवनी – (हल्का मुस्कुरा के) क्यों क्या कम है तुम्हे उससे...
कमल – मतलब सच में तुम्हारा बॉयफ्रेंड है....
अवनी – अरे तभी तो बोली तुम्हे उससे क्या काम है....
कमल – (उदास होके) नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया मैने अच्छा ठीक है मै चलता हूँ और भी काम है मुझे...
बोल के कमल जाने लगा तब...
अवनि – कमल का उदास चेहरा देख मुस्कराते हुए मन में – बुद्धू है ये एक नंबर का....
अवनी – (कमल को बुला के) अच्छा सुनो जरा...
कमल – हा बोलो....
अवनी – BF के लिए क्यों पूछ रहे थे सच बताना...
कमल – ऐसे ही वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो...
अवनी – फ्लर्ट कर रहे हो...
कमल – नहीं कसम से तुम सच में बहुत सुंदर हो...
अवनी – (मुस्कुरा के) शुक्रिया और तुम भी बहुत स्मार्ट लुकिंग हो....
कमल – (धीरे से) क्या फायदा इस बात का अब...
अवनी – (मुस्कुरा के कमल की बात सुन कर अंजान बन के) कुछ कहा तुमने....
कमल – नहीं तो कुछ सुना तुमने...
अवनी – नहीं तो वैसे मेरा कोई BF नहीं है....
कमल – अच्छा क्यों कोई पसंद नहीं आया तुम्हे कभी...
अवनी – घर और पढ़ाई के इलावा कभी सोचा नहीं इस बारे में....
कमल – (हाथ आगे बढ़ा के) तो दोस्ती करोगी मुझसे...
अवनी – (हाथ मिला के) ठीक है लेकिन दोस्ती की तो निभानी पड़ेगी...
कमल – मंजूर है...
बोल के दोनों मुस्कुराने लगे तब...
कमल – चलो अच्छा पहले काम को निपटा लेते है शाम को हलवाई वाले आने वाले है साथ में बाकी के मेहमान भी आज तो हवेली भी भरने वाली है मेहमानों से...
बोल के दोनों एक साथ बातो के साथ काम करने लगे...
तो इस तरह से साहिल के साथ कमल को भी GF मिल गई अपनी जबकि इस तरफ जब से कल रात को सभी लड़कियों ने जो कुछ हुआ उसके साथ साहिल की हालत देखी थी तब से उनका भी मन में साहिल को लेके एक अलग ही जगह बन गई थी सुबह के बाद जब साहिल बाहर से दिन में काम निपटा के वापिस आया था तब अमृता की दोनों बेटी और सुनीता की दोनों बेटी कमरे की खिड़की में बैठी साहिल को आता देख हवेली में बाते कर रही थी आपस में...
शिवानी – (सुरभि , पायल और शबनम से) इतने साल से ना जाने हम लोग क्या समझते आ रहे थे साहिल के बारे में लेकिन सच तो ये है कि वो कितना अच्छा है ये कभी सोचा नहीं हमने...
पायल – शायद मां जानती थी इसलिए इतने सालों में मां कभी मिलने नहीं गई नानी के घर पर...
सुरभि – तू सही बोल रही है पायल जब भी हम साहिल के लिए कुछ भी गलत बोलते थे तभी मां डाटती हमें लेकिन यार हम भी क्या करते हमने जो सुना और बताया गया बस उसे सच मान के ऐसा किया था सच का तो पता नहीं था यार.....
शबनम – ये सब बड़ी मामी का किया धारा है उन्होंने ही कई बार बोला साहिल के लिए हम सब से कि साहिल ने नाना को मारा था...
शिवानी – लेकिन यार एक बात समझ नहीं आई अगर साहिल ने नहीं मारा नाना जी को तो किसने मारा था और वो कौन है जो नाना जी को मारने के बाद साहिल को मारने वाला था....
सुरभि – हा यार जब साहिल होश में आया तब कितना डरा हुआ था वो मुझे तो लगता है जरूर नानी जानती होगी इस बारे में वर्ना इतने सालों तक पूरा परिवार साहिल का साथ नहीं दे रहा था सिर्फ नानी थी साहिल के साथ तो वो क्यों साथ देती अगर साहिल ने ऐसा कुछ किया होता तो...
पायल – लेकिन नानी से भी पूछने की हिम्मत कौन करेगा यार कल आते ही कितनी बुराई कर रहे थे हम सब साहिल के लिए सारी बाते सुन ली नानी ने हमारी...
शिवानी – एक काम करते है क्यों ना हम मयंक भईया को बताए सारी बात शायद वो मा से बात का पता कर सके....
तभी उनके कमरे में रचना आती है...
रचना – क्या पता करने की बात कर रहे हो तुम सब...
शिवानी – साहिल के बारे में बात कर रहे है हम मौसी...
साहिल के बारे में सुन रचना के चेहरे की हसी गायब हो गई तब...
रचना – लेकिन कौन सी बात का पता करना है अब...
सुरभि – यही की आखिर नाना जी को किसने मारा होगा...
रचना – मेरे ख्याल से इस वक्त सबसे पहले सभी को साहिल से माफी मांगने के बारे में सोचना होगा कैसे माफी मांगे साहिल से हम लोग...
शिवानी – क्या वो माफ कर पाएंगे हमें...
पायल – कोशिश तो करनी पड़ेगी हमें आखिर वो हमारा भाई है....
रचना – सच बोलूं तो कल के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही साहिल के सामने जाने की मैने जो गाली दी...
बोल के रचना चुप हो गई...
सुरभि – (रचना से) मौसी गलती तो हमसे भी हुई है जो इतने सालों से साहिल को बुरा भला बोले जा रहे थे लेकिन इतना कुछ उनके साथ होने के बाद भी उन्होंने फिर भी राघव मामा और राजेश मामा को अपने फैसले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया सच में रचना मौसी साहिल बहुत अच्छा भाई है हमारा उनके साथ जो हुआ उसके बाद भी उन्होंने राघव मामा की बेटी और राजेश मामा के बच्चों के बारे में पहले सोचा ताकि जो साहिल ने सहा वो उन्हें ना सहना पड़े...
रचना – हा सुरभि सच में साहिल ने ये करके साबित कर दिया वो कितना अच्छा और हम कितने गलत है शायद इसीलिए निधि भी साहिल का साथ दे रही थी उस वक्त जब सब साहिल पर गुस्सा थे जो बड़ी मामी बॉथरूम में जाने पर हुआ...
शिवानी – लेकिन साहिल भी सही बोल रहा था आखिर बड़ी मामी किस लिए गई थी साहिल के कमरे में वो भी दरवाजा खुला छोड़ के इसका मतलब साफ था बड़ी मामी ने सब जान बुझ के किया ताकि साहिल को यहां से जलील करके निकाला जा सके...
रचना – छोड़ ना सुरभि उस बारे में बात करके अब क्या फायदा अभी सिर्फ ये सोचना चाहिए साहिल से माफी कैसे मांगे हम...
शबनम – मै क्या बोलती हूँ क्यों ना हम लोग साहिल भाई के दोस्त है ना कमल उससे बात करे वो हमारी मदद कर सकते है इसमें उनको पता है साहिल भाई के बारे में सब कुछ...
रचना – हा ये सही रहेगा कल रात में कैसे साहिल के पिता (रनवीर) के सामने आके बिना डरे बोल रहा था वो पक्का वो हमारी मदद जरूर करेगा लेकिन उससे बात कौन करेगा...
शिवानी – (शबनम और पायल से) क्यों न तुम दोनों बात करो कमल से इस बारे में कुछ भी करके उसे मना लो तुम दोनों प्लीज....
शबनम और पायल एक साथ – हा हम तैयार है...
ये दोनों अभी तक इस बात से अंजान है के जिससे ये मदद लेने जाने वाले है वो असल में इनका ही भाई है और ये बात इन दोनों को नहीं पता है क्योंकि इनकी मां सुनीता अपनी दोनों बेटियों को सरप्राइस देना चाहती है भाई के रूप में कमल को...
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जारी रहेगा![]()
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गयाUPDATE 14
एक गाड़ी तेजी से शहर की तरफ जा रही थी उसमें बैठा आदमी...
लाला – (अपने मुनीम से) मुनीम ये रनवीर का बेटा तो बिल्कुल अपने बाप पर गया है हूँ बहु उसकी तरह दिखता है और वैसी ही अकड़ है उसमें भी...
मुनीम – हा मालिक उसे देख के मुझे रनवीर की याद आ गई आज....
लाला – (अपने बेटे विजय से) विजय जरा ध्यान रखना धीरेन्द्र की बेटी की शादी है कुछ भी उल्टा सीधा ना होने पाय क्योंकि वहां रनवीर भी मौजूद होगा बस शांत रहना सब और आनंद को भी समझा देना...
विजय – पिता जी शादी में तो राधिका और सिम्मी भी जाएगी ना हम तो नहीं जाएंगे...
लाला – नहीं विजय हमें भी जाना होगा धीरेन्द्र ने न्योता दिया है खुद हमारी हवेली में आके भूलो मत गांव में हमसे ज्यादा उसकी चलती है पूरे गांव वालो का वो मसीहा है...
विजय – ठीक है पिता जी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा आप शांत रहने को क्यों बोल रहे है हमें आप जानते हो ना क्या किया था रनवीर ने उस रात को...
लाला – (गुस्से में) कुछ नहीं भूला हूँ मै विजय सब याद है मुझे और किसने कहा हम शांत रहेंगे बल्कि हम कुछ भी नहीं करेंगे बल्कि करवाएंगे दूसरों से और इस बार जो मेरे पिता और मेरे भाई नहीं कर पाए वो हम करेंगे लेकिन तरीका अलग होगा हमारा इस बार जिससे गांव वालो की नजर में ना आए हम...
विजय – (मुस्कुरा के) ठीक है पिता जी जैसा आप कहे....
इस तरफ साहिल जब कमरे में आया तब अपने सामने सुमन को देखा जिसके साथ सुनैना और उसकी दोनों बेटी खुशी और अवनी थी अपने सामने साहिल को देख चारों बेड से उठ गए तभी...
साहिल – (कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ा के उसे समझ आ गया कि वो गलत कमरे में आ गया है तब) sorry मै गलती से गलत कमरे में आ गया...
बोल के साहिल वापस निकल गया कमरे से जबकि सुमन कुछ बोलने को हुईं थी लेकिन कुछ बोल ना पाई सुमन तब...
सुनैना – शायद गलती से इस कमरे में आ गया होगा साहिल एक जैसे है सारे कमरे यहां पर...
अवनी – (सुनैना से) मा क्या साहिल भाई माफ करेगा हमें...
सुनैना – (अवनी और खुशी से) याद है तुम दोनों को जब तुम दोनों मिल के साहिल को परेशान करती थी और तुम दोनों की वजह से साहिल एक बार कितनी मार खाया था तब मैने तुम दोनों को डाटा था और बोला भी था ना जो तुम दोनों कर रहे हो उसकी माफी नहीं मिलेगी कभी लेकिन तुम दोनों मेरी बात नहीं मानी अब नतीजा तुम दोनों के सामने है उसके बाद भी इस उम्मीद में हो की साहिल तुम्हे माफ करेगा...
खुशी – लेकिन मा उस वक्त बड़ी मां बोलती थी सबको की साहिल गन्दा है उसकी वजह से दादा जी मर गए और उसकी वजह से ही बड़ी मां (सुमन) के घर वाले भी मारे गए थे इसीलिए सब घर वाले नफरत करते है साहिल से...
सुमन –(खुशी की बात सुन के सुनैना से) मा(सरला देवी) सही कह रही थी उस दिन बड़ों ने नफरत की आग में जलते हुए अपने बच्चों को भी झोंक दिया उस आग में जलने के लिए और जिसके बारे में मू खोलते वक्त कोई सोचता नहीं था आज उसी के सामने बोलने से भी डर लग रहा है हर किसी को...
सुनैना – जाने कैसे मना पाएंगे साहिल को हम सब मुझे तो आज की हुई बात से डर लग रहा था जब मा ने साहिल को घर आने के लिए बोल रही थी मुझे लगा कही साहिल मना ना कर दे लेकिन शुक्र है इस बात का की साहिल मा की हर बात मानता है इसीलिए हा कर दिया घर आने के लिए...
ये सब यहां आपस में बाते कर रहे थे वहीं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी कविता बस चुप चाप सबकी बाते सुन रही थी जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था जबकि इस तरफ साहिल अपने कमरे में आते ही उसे सामने सेमेंथा दिखी तब….
साहिल – तो तुम यहां हो रस्ते से कहा चली गई थी....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बताया तो था मैने और वैसे भी मै कहा जाऊंगी भला तुम्हारे सिवा...
साहिल – हम्ममम बड़ी चालक हो तुम तो....
सेमेंथा – इसमें चालाकी कैसी अब मै तो साथ हूँ तुम्हारे और तुम ही ने तो कहा था कि मै तुम्हारे साथ रह सकती हूँ...
साहिल – हा कहा तो था लेकिन अब मै नहाने जा रहा हूँ (आंख मार के) इसमें साथ दोगी मेरा....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जैसे निधि साथ थी वैसे क्या...
साहिल – (चौक के) तुम्हे कैसे पता उसके बारे में...
सेमेंथा – देखा नहीं बाते सुनी मैने सारी तुम्हारी...
साहिल – (मुस्कुरा के) वो तो बस होगया था हमारे बीच में लेकिन तुम्हारे साथ मजाक कर रहा था मै...
सेमेंथा – कोई बात नहीं मै तो तुम्हारे साथ हूँ हर कदम पर मुझे कोई एतराज नहीं इसमें भी...
साहिल – (सेमेंथा के करीब आके) सच में इतना भरोसा है मुझपे...
सेमेंथा – (साहिल के और करीब होके) खुद से भी ज्यादा साहिल चाहो तो आजमा लो तुम....
साहिल – कही इस भरोसे का मैने फायदा उठा के तुम्हे छोड़ दिया तो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अपने प्यार पर यकीन है मुझे पूरा....
साहिल – 2 दिन में प्यार हो गया तुम्हे मुझसे....
सेमेंथा – प्यार तो सालों पहले हो गया था तुमसे आज मौका मिला कहने का....
साहिल – (थोड़ी मायूसी से) और कही तुम मुझे छोड़ के चली गई तो....
सेमेंथा – ऐसा कभी नहीं होगा साहिल सपने में भी नहीं में हमेशा साथ रहूंगी तुम्हारे....
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) प्यार किसी से हुआ नहीं कभी लेकिन डर लगता है फिर से कोई अपना दूर ना हो जाएं मुझसे...
सेमेंथा – (साहिल के गले लग के) क्या अभी भी डर लगता है तुम्हे...
साहिल – (मुस्कुरा के गले लगे हुए सेमेंथा से) नहीं लगता अब डर किसी का भी , I LOVE YOU सेमेंथा...
सेमेंथा – ME TO...
एक तरफ साहिल और सेमेंथा प्यार का इजहार कर रहे है दूसरी तरफ कमल हवेली में काम करने में लगा हुआ था शादी का जो धीरेन्द्र ने उसे दिया था जिस वजह से कमल के कई बार नैन मटका हो रहे थे अवनी से जिसमें अवनी को भी बहुत मजा आ रहा था कमल के साथ ये दोनों हवेली के बाहर थे जहां पंडाल की तैयारी हो रही थी वही कमल लगा था तैयार करने में पंडाल को जबकि अवनी पंडाल की सजावट को देख रही थी तभी मौका पाके...
कमल – (अवनी से) हाय कैसी हो तुम...
अवनी – अच्छी हूँ और तुम...
कमल – मै भी अच्छा हूँ...
अवनी – तुम साहिल भाई के साथ कब से हो...
कमल – 8 सालों से हूँ साहिल के साथ...
अवनी – क्या वो ऐसे ही सबसे बात करते है गुस्से में...
कमल – अरे नहीं साहिल ऐसा बिल्कुल नहीं है वो बहुत अच्छा लड़का है हस के बाते करता है सबसे...
अवनी – हम्ममम लेकिन हमसे गुस्से में...
कमल – हम्ममम जनता हूँ मै इसके पीछे की वजह भी....
अवनी – तुम जानते हो फिर भी मुझसे बाते कर रहे हो...
कमल – (मुस्कुरा के) तुम जब से यहां आई हो तब से मैं देख रहा हूँ तुम्हे लेकिन कल के बाद से तुम्हारा नजरिया बदल गया साहिल के लिए जान सकता हूँ क्यों और किस लिए हुआ ऐसा अचानक से वो भी इतने सालों बाद....
अवनी – पहले तो हम सब सुनी हुई बात मानते आ रहे थे लेकिन कल जो देखा उसके बाद मुझे भाई का दर्द समझ आ गया कैसे वो इतने सालों तक अकेले ही दादा जी की मौत के दर्द को झेलते आ रहे है बिना परिवार के कैसे रह रहे थे इसका अंदाजा शायद ही लगा पाए हम कमल मै उनसे माफी मांगना चाहती हूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही उनके सामने तक जाने की आखिर किस मू से माफी मांगू उनसे...
कमल – अवनी उसे वक्त दो थोड़ा और अब तो वो तुम सब के साथ घर जा रहा है हमेशा के लिए तब तुम्हे कई मौके मिलेगे साहिल के साथ लेकिन ध्यान रखना साहिल से ऐसी कोई बात मत करना जिससे उसे अटैक आए उसके बाद बहुत मुश्किल से संभालता है वो...
अवनी – तुम भी तो रहोगे ना साथ में...
कमल – हा रहूंगा लेकिन मुझे जाना पड़ेगा अपने स्कूल में कुछ सर्टिफिकेट का इश्यू हुआ है उसके लिए जाना पड़ेगा मुझे कुछ दिन में आ जाऊंगा वापस वैसे अब तो तुम भी कॉलेज ज्वाइन करने वाली हो साहिल के साथ और कौन कौन आ रहा है घर से तुम्हारे...
अवनी – मै , खुशी , कविता , साहिल भाई और तुम...
कमल – एक बात पूछूं तुमसे बुरा तो नहीं मानोगी...
अवनी – क्यों ऐसी क्या बात है....
कमल – वो असल में क्या तुम्हारा BF है क्या...
अवनी – (हल्का मुस्कुरा के) क्यों क्या कम है तुम्हे उससे...
कमल – मतलब सच में तुम्हारा बॉयफ्रेंड है....
अवनी – अरे तभी तो बोली तुम्हे उससे क्या काम है....
कमल – (उदास होके) नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया मैने अच्छा ठीक है मै चलता हूँ और भी काम है मुझे...
बोल के कमल जाने लगा तब...
अवनि – कमल का उदास चेहरा देख मुस्कराते हुए मन में – बुद्धू है ये एक नंबर का....
अवनी – (कमल को बुला के) अच्छा सुनो जरा...
कमल – हा बोलो....
अवनी – BF के लिए क्यों पूछ रहे थे सच बताना...
कमल – ऐसे ही वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो...
अवनी – फ्लर्ट कर रहे हो...
कमल – नहीं कसम से तुम सच में बहुत सुंदर हो...
अवनी – (मुस्कुरा के) शुक्रिया और तुम भी बहुत स्मार्ट लुकिंग हो....
कमल – (धीरे से) क्या फायदा इस बात का अब...
अवनी – (मुस्कुरा के कमल की बात सुन कर अंजान बन के) कुछ कहा तुमने....
कमल – नहीं तो कुछ सुना तुमने...
अवनी – नहीं तो वैसे मेरा कोई BF नहीं है....
कमल – अच्छा क्यों कोई पसंद नहीं आया तुम्हे कभी...
अवनी – घर और पढ़ाई के इलावा कभी सोचा नहीं इस बारे में....
कमल – (हाथ आगे बढ़ा के) तो दोस्ती करोगी मुझसे...
अवनी – (हाथ मिला के) ठीक है लेकिन दोस्ती की तो निभानी पड़ेगी...
कमल – मंजूर है...
बोल के दोनों मुस्कुराने लगे तब...
कमल – चलो अच्छा पहले काम को निपटा लेते है शाम को हलवाई वाले आने वाले है साथ में बाकी के मेहमान भी आज तो हवेली भी भरने वाली है मेहमानों से...
बोल के दोनों एक साथ बातो के साथ काम करने लगे...
तो इस तरह से साहिल के साथ कमल को भी GF मिल गई अपनी जबकि इस तरफ जब से कल रात को सभी लड़कियों ने जो कुछ हुआ उसके साथ साहिल की हालत देखी थी तब से उनका भी मन में साहिल को लेके एक अलग ही जगह बन गई थी सुबह के बाद जब साहिल बाहर से दिन में काम निपटा के वापिस आया था तब अमृता की दोनों बेटी और सुनीता की दोनों बेटी कमरे की खिड़की में बैठी साहिल को आता देख हवेली में बाते कर रही थी आपस में...
शिवानी – (सुरभि , पायल और शबनम से) इतने साल से ना जाने हम लोग क्या समझते आ रहे थे साहिल के बारे में लेकिन सच तो ये है कि वो कितना अच्छा है ये कभी सोचा नहीं हमने...
पायल – शायद मां जानती थी इसलिए इतने सालों में मां कभी मिलने नहीं गई नानी के घर पर...
सुरभि – तू सही बोल रही है पायल जब भी हम साहिल के लिए कुछ भी गलत बोलते थे तभी मां डाटती हमें लेकिन यार हम भी क्या करते हमने जो सुना और बताया गया बस उसे सच मान के ऐसा किया था सच का तो पता नहीं था यार.....
शबनम – ये सब बड़ी मामी का किया धारा है उन्होंने ही कई बार बोला साहिल के लिए हम सब से कि साहिल ने नाना को मारा था...
शिवानी – लेकिन यार एक बात समझ नहीं आई अगर साहिल ने नहीं मारा नाना जी को तो किसने मारा था और वो कौन है जो नाना जी को मारने के बाद साहिल को मारने वाला था....
सुरभि – हा यार जब साहिल होश में आया तब कितना डरा हुआ था वो मुझे तो लगता है जरूर नानी जानती होगी इस बारे में वर्ना इतने सालों तक पूरा परिवार साहिल का साथ नहीं दे रहा था सिर्फ नानी थी साहिल के साथ तो वो क्यों साथ देती अगर साहिल ने ऐसा कुछ किया होता तो...
पायल – लेकिन नानी से भी पूछने की हिम्मत कौन करेगा यार कल आते ही कितनी बुराई कर रहे थे हम सब साहिल के लिए सारी बाते सुन ली नानी ने हमारी...
शिवानी – एक काम करते है क्यों ना हम मयंक भईया को बताए सारी बात शायद वो मा से बात का पता कर सके....
तभी उनके कमरे में रचना आती है...
रचना – क्या पता करने की बात कर रहे हो तुम सब...
शिवानी – साहिल के बारे में बात कर रहे है हम मौसी...
साहिल के बारे में सुन रचना के चेहरे की हसी गायब हो गई तब...
रचना – लेकिन कौन सी बात का पता करना है अब...
सुरभि – यही की आखिर नाना जी को किसने मारा होगा...
रचना – मेरे ख्याल से इस वक्त सबसे पहले सभी को साहिल से माफी मांगने के बारे में सोचना होगा कैसे माफी मांगे साहिल से हम लोग...
शिवानी – क्या वो माफ कर पाएंगे हमें...
पायल – कोशिश तो करनी पड़ेगी हमें आखिर वो हमारा भाई है....
रचना – सच बोलूं तो कल के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही साहिल के सामने जाने की मैने जो गाली दी...
बोल के रचना चुप हो गई...
सुरभि – (रचना से) मौसी गलती तो हमसे भी हुई है जो इतने सालों से साहिल को बुरा भला बोले जा रहे थे लेकिन इतना कुछ उनके साथ होने के बाद भी उन्होंने फिर भी राघव मामा और राजेश मामा को अपने फैसले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया सच में रचना मौसी साहिल बहुत अच्छा भाई है हमारा उनके साथ जो हुआ उसके बाद भी उन्होंने राघव मामा की बेटी और राजेश मामा के बच्चों के बारे में पहले सोचा ताकि जो साहिल ने सहा वो उन्हें ना सहना पड़े...
रचना – हा सुरभि सच में साहिल ने ये करके साबित कर दिया वो कितना अच्छा और हम कितने गलत है शायद इसीलिए निधि भी साहिल का साथ दे रही थी उस वक्त जब सब साहिल पर गुस्सा थे जो बड़ी मामी बॉथरूम में जाने पर हुआ...
शिवानी – लेकिन साहिल भी सही बोल रहा था आखिर बड़ी मामी किस लिए गई थी साहिल के कमरे में वो भी दरवाजा खुला छोड़ के इसका मतलब साफ था बड़ी मामी ने सब जान बुझ के किया ताकि साहिल को यहां से जलील करके निकाला जा सके...
रचना – छोड़ ना सुरभि उस बारे में बात करके अब क्या फायदा अभी सिर्फ ये सोचना चाहिए साहिल से माफी कैसे मांगे हम...
शबनम – मै क्या बोलती हूँ क्यों ना हम लोग साहिल भाई के दोस्त है ना कमल उससे बात करे वो हमारी मदद कर सकते है इसमें उनको पता है साहिल भाई के बारे में सब कुछ...
रचना – हा ये सही रहेगा कल रात में कैसे साहिल के पिता (रनवीर) के सामने आके बिना डरे बोल रहा था वो पक्का वो हमारी मदद जरूर करेगा लेकिन उससे बात कौन करेगा...
शिवानी – (शबनम और पायल से) क्यों न तुम दोनों बात करो कमल से इस बारे में कुछ भी करके उसे मना लो तुम दोनों प्लीज....
शबनम और पायल एक साथ – हा हम तैयार है...
ये दोनों अभी तक इस बात से अंजान है के जिससे ये मदद लेने जाने वाले है वो असल में इनका ही भाई है और ये बात इन दोनों को नहीं पता है क्योंकि इनकी मां सुनीता अपनी दोनों बेटियों को सरप्राइस देना चाहती है भाई के रूप में कमल को...
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जारी रहेगा![]()
Very good updateUPDATE 14
एक गाड़ी तेजी से शहर की तरफ जा रही थी उसमें बैठा आदमी...
लाला – (अपने मुनीम से) मुनीम ये रनवीर का बेटा तो बिल्कुल अपने बाप पर गया है हूँ बहु उसकी तरह दिखता है और वैसी ही अकड़ है उसमें भी...
मुनीम – हा मालिक उसे देख के मुझे रनवीर की याद आ गई आज....
लाला – (अपने बेटे विजय से) विजय जरा ध्यान रखना धीरेन्द्र की बेटी की शादी है कुछ भी उल्टा सीधा ना होने पाय क्योंकि वहां रनवीर भी मौजूद होगा बस शांत रहना सब और आनंद को भी समझा देना...
विजय – पिता जी शादी में तो राधिका और सिम्मी भी जाएगी ना हम तो नहीं जाएंगे...
लाला – नहीं विजय हमें भी जाना होगा धीरेन्द्र ने न्योता दिया है खुद हमारी हवेली में आके भूलो मत गांव में हमसे ज्यादा उसकी चलती है पूरे गांव वालो का वो मसीहा है...
विजय – ठीक है पिता जी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा आप शांत रहने को क्यों बोल रहे है हमें आप जानते हो ना क्या किया था रनवीर ने उस रात को...
लाला – (गुस्से में) कुछ नहीं भूला हूँ मै विजय सब याद है मुझे और किसने कहा हम शांत रहेंगे बल्कि हम कुछ भी नहीं करेंगे बल्कि करवाएंगे दूसरों से और इस बार जो मेरे पिता और मेरे भाई नहीं कर पाए वो हम करेंगे लेकिन तरीका अलग होगा हमारा इस बार जिससे गांव वालो की नजर में ना आए हम...
विजय – (मुस्कुरा के) ठीक है पिता जी जैसा आप कहे....
इस तरफ साहिल जब कमरे में आया तब अपने सामने सुमन को देखा जिसके साथ सुनैना और उसकी दोनों बेटी खुशी और अवनी थी अपने सामने साहिल को देख चारों बेड से उठ गए तभी...
साहिल – (कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ा के उसे समझ आ गया कि वो गलत कमरे में आ गया है तब) sorry मै गलती से गलत कमरे में आ गया...
बोल के साहिल वापस निकल गया कमरे से जबकि सुमन कुछ बोलने को हुईं थी लेकिन कुछ बोल ना पाई सुमन तब...
सुनैना – शायद गलती से इस कमरे में आ गया होगा साहिल एक जैसे है सारे कमरे यहां पर...
अवनी – (सुनैना से) मा क्या साहिल भाई माफ करेगा हमें...
सुनैना – (अवनी और खुशी से) याद है तुम दोनों को जब तुम दोनों मिल के साहिल को परेशान करती थी और तुम दोनों की वजह से साहिल एक बार कितनी मार खाया था तब मैने तुम दोनों को डाटा था और बोला भी था ना जो तुम दोनों कर रहे हो उसकी माफी नहीं मिलेगी कभी लेकिन तुम दोनों मेरी बात नहीं मानी अब नतीजा तुम दोनों के सामने है उसके बाद भी इस उम्मीद में हो की साहिल तुम्हे माफ करेगा...
खुशी – लेकिन मा उस वक्त बड़ी मां बोलती थी सबको की साहिल गन्दा है उसकी वजह से दादा जी मर गए और उसकी वजह से ही बड़ी मां (सुमन) के घर वाले भी मारे गए थे इसीलिए सब घर वाले नफरत करते है साहिल से...
सुमन –(खुशी की बात सुन के सुनैना से) मा(सरला देवी) सही कह रही थी उस दिन बड़ों ने नफरत की आग में जलते हुए अपने बच्चों को भी झोंक दिया उस आग में जलने के लिए और जिसके बारे में मू खोलते वक्त कोई सोचता नहीं था आज उसी के सामने बोलने से भी डर लग रहा है हर किसी को...
सुनैना – जाने कैसे मना पाएंगे साहिल को हम सब मुझे तो आज की हुई बात से डर लग रहा था जब मा ने साहिल को घर आने के लिए बोल रही थी मुझे लगा कही साहिल मना ना कर दे लेकिन शुक्र है इस बात का की साहिल मा की हर बात मानता है इसीलिए हा कर दिया घर आने के लिए...
ये सब यहां आपस में बाते कर रहे थे वहीं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी कविता बस चुप चाप सबकी बाते सुन रही थी जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था जबकि इस तरफ साहिल अपने कमरे में आते ही उसे सामने सेमेंथा दिखी तब….
साहिल – तो तुम यहां हो रस्ते से कहा चली गई थी....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बताया तो था मैने और वैसे भी मै कहा जाऊंगी भला तुम्हारे सिवा...
साहिल – हम्ममम बड़ी चालक हो तुम तो....
सेमेंथा – इसमें चालाकी कैसी अब मै तो साथ हूँ तुम्हारे और तुम ही ने तो कहा था कि मै तुम्हारे साथ रह सकती हूँ...
साहिल – हा कहा तो था लेकिन अब मै नहाने जा रहा हूँ (आंख मार के) इसमें साथ दोगी मेरा....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जैसे निधि साथ थी वैसे क्या...
साहिल – (चौक के) तुम्हे कैसे पता उसके बारे में...
सेमेंथा – देखा नहीं बाते सुनी मैने सारी तुम्हारी...
साहिल – (मुस्कुरा के) वो तो बस होगया था हमारे बीच में लेकिन तुम्हारे साथ मजाक कर रहा था मै...
सेमेंथा – कोई बात नहीं मै तो तुम्हारे साथ हूँ हर कदम पर मुझे कोई एतराज नहीं इसमें भी...
साहिल – (सेमेंथा के करीब आके) सच में इतना भरोसा है मुझपे...
सेमेंथा – (साहिल के और करीब होके) खुद से भी ज्यादा साहिल चाहो तो आजमा लो तुम....
साहिल – कही इस भरोसे का मैने फायदा उठा के तुम्हे छोड़ दिया तो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अपने प्यार पर यकीन है मुझे पूरा....
साहिल – 2 दिन में प्यार हो गया तुम्हे मुझसे....
सेमेंथा – प्यार तो सालों पहले हो गया था तुमसे आज मौका मिला कहने का....
साहिल – (थोड़ी मायूसी से) और कही तुम मुझे छोड़ के चली गई तो....
सेमेंथा – ऐसा कभी नहीं होगा साहिल सपने में भी नहीं में हमेशा साथ रहूंगी तुम्हारे....
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) प्यार किसी से हुआ नहीं कभी लेकिन डर लगता है फिर से कोई अपना दूर ना हो जाएं मुझसे...
सेमेंथा – (साहिल के गले लग के) क्या अभी भी डर लगता है तुम्हे...
साहिल – (मुस्कुरा के गले लगे हुए सेमेंथा से) नहीं लगता अब डर किसी का भी , I LOVE YOU सेमेंथा...
सेमेंथा – ME TO...
एक तरफ साहिल और सेमेंथा प्यार का इजहार कर रहे है दूसरी तरफ कमल हवेली में काम करने में लगा हुआ था शादी का जो धीरेन्द्र ने उसे दिया था जिस वजह से कमल के कई बार नैन मटका हो रहे थे अवनी से जिसमें अवनी को भी बहुत मजा आ रहा था कमल के साथ ये दोनों हवेली के बाहर थे जहां पंडाल की तैयारी हो रही थी वही कमल लगा था तैयार करने में पंडाल को जबकि अवनी पंडाल की सजावट को देख रही थी तभी मौका पाके...
कमल – (अवनी से) हाय कैसी हो तुम...
अवनी – अच्छी हूँ और तुम...
कमल – मै भी अच्छा हूँ...
अवनी – तुम साहिल भाई के साथ कब से हो...
कमल – 8 सालों से हूँ साहिल के साथ...
अवनी – क्या वो ऐसे ही सबसे बात करते है गुस्से में...
कमल – अरे नहीं साहिल ऐसा बिल्कुल नहीं है वो बहुत अच्छा लड़का है हस के बाते करता है सबसे...
अवनी – हम्ममम लेकिन हमसे गुस्से में...
कमल – हम्ममम जनता हूँ मै इसके पीछे की वजह भी....
अवनी – तुम जानते हो फिर भी मुझसे बाते कर रहे हो...
कमल – (मुस्कुरा के) तुम जब से यहां आई हो तब से मैं देख रहा हूँ तुम्हे लेकिन कल के बाद से तुम्हारा नजरिया बदल गया साहिल के लिए जान सकता हूँ क्यों और किस लिए हुआ ऐसा अचानक से वो भी इतने सालों बाद....
अवनी – पहले तो हम सब सुनी हुई बात मानते आ रहे थे लेकिन कल जो देखा उसके बाद मुझे भाई का दर्द समझ आ गया कैसे वो इतने सालों तक अकेले ही दादा जी की मौत के दर्द को झेलते आ रहे है बिना परिवार के कैसे रह रहे थे इसका अंदाजा शायद ही लगा पाए हम कमल मै उनसे माफी मांगना चाहती हूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही उनके सामने तक जाने की आखिर किस मू से माफी मांगू उनसे...
कमल – अवनी उसे वक्त दो थोड़ा और अब तो वो तुम सब के साथ घर जा रहा है हमेशा के लिए तब तुम्हे कई मौके मिलेगे साहिल के साथ लेकिन ध्यान रखना साहिल से ऐसी कोई बात मत करना जिससे उसे अटैक आए उसके बाद बहुत मुश्किल से संभालता है वो...
अवनी – तुम भी तो रहोगे ना साथ में...
कमल – हा रहूंगा लेकिन मुझे जाना पड़ेगा अपने स्कूल में कुछ सर्टिफिकेट का इश्यू हुआ है उसके लिए जाना पड़ेगा मुझे कुछ दिन में आ जाऊंगा वापस वैसे अब तो तुम भी कॉलेज ज्वाइन करने वाली हो साहिल के साथ और कौन कौन आ रहा है घर से तुम्हारे...
अवनी – मै , खुशी , कविता , साहिल भाई और तुम...
कमल – एक बात पूछूं तुमसे बुरा तो नहीं मानोगी...
अवनी – क्यों ऐसी क्या बात है....
कमल – वो असल में क्या तुम्हारा BF है क्या...
अवनी – (हल्का मुस्कुरा के) क्यों क्या कम है तुम्हे उससे...
कमल – मतलब सच में तुम्हारा बॉयफ्रेंड है....
अवनी – अरे तभी तो बोली तुम्हे उससे क्या काम है....
कमल – (उदास होके) नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया मैने अच्छा ठीक है मै चलता हूँ और भी काम है मुझे...
बोल के कमल जाने लगा तब...
अवनि – कमल का उदास चेहरा देख मुस्कराते हुए मन में – बुद्धू है ये एक नंबर का....
अवनी – (कमल को बुला के) अच्छा सुनो जरा...
कमल – हा बोलो....
अवनी – BF के लिए क्यों पूछ रहे थे सच बताना...
कमल – ऐसे ही वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो...
अवनी – फ्लर्ट कर रहे हो...
कमल – नहीं कसम से तुम सच में बहुत सुंदर हो...
अवनी – (मुस्कुरा के) शुक्रिया और तुम भी बहुत स्मार्ट लुकिंग हो....
कमल – (धीरे से) क्या फायदा इस बात का अब...
अवनी – (मुस्कुरा के कमल की बात सुन कर अंजान बन के) कुछ कहा तुमने....
कमल – नहीं तो कुछ सुना तुमने...
अवनी – नहीं तो वैसे मेरा कोई BF नहीं है....
कमल – अच्छा क्यों कोई पसंद नहीं आया तुम्हे कभी...
अवनी – घर और पढ़ाई के इलावा कभी सोचा नहीं इस बारे में....
कमल – (हाथ आगे बढ़ा के) तो दोस्ती करोगी मुझसे...
अवनी – (हाथ मिला के) ठीक है लेकिन दोस्ती की तो निभानी पड़ेगी...
कमल – मंजूर है...
बोल के दोनों मुस्कुराने लगे तब...
कमल – चलो अच्छा पहले काम को निपटा लेते है शाम को हलवाई वाले आने वाले है साथ में बाकी के मेहमान भी आज तो हवेली भी भरने वाली है मेहमानों से...
बोल के दोनों एक साथ बातो के साथ काम करने लगे...
तो इस तरह से साहिल के साथ कमल को भी GF मिल गई अपनी जबकि इस तरफ जब से कल रात को सभी लड़कियों ने जो कुछ हुआ उसके साथ साहिल की हालत देखी थी तब से उनका भी मन में साहिल को लेके एक अलग ही जगह बन गई थी सुबह के बाद जब साहिल बाहर से दिन में काम निपटा के वापिस आया था तब अमृता की दोनों बेटी और सुनीता की दोनों बेटी कमरे की खिड़की में बैठी साहिल को आता देख हवेली में बाते कर रही थी आपस में...
शिवानी – (सुरभि , पायल और शबनम से) इतने साल से ना जाने हम लोग क्या समझते आ रहे थे साहिल के बारे में लेकिन सच तो ये है कि वो कितना अच्छा है ये कभी सोचा नहीं हमने...
पायल – शायद मां जानती थी इसलिए इतने सालों में मां कभी मिलने नहीं गई नानी के घर पर...
सुरभि – तू सही बोल रही है पायल जब भी हम साहिल के लिए कुछ भी गलत बोलते थे तभी मां डाटती हमें लेकिन यार हम भी क्या करते हमने जो सुना और बताया गया बस उसे सच मान के ऐसा किया था सच का तो पता नहीं था यार.....
शबनम – ये सब बड़ी मामी का किया धारा है उन्होंने ही कई बार बोला साहिल के लिए हम सब से कि साहिल ने नाना को मारा था...
शिवानी – लेकिन यार एक बात समझ नहीं आई अगर साहिल ने नहीं मारा नाना जी को तो किसने मारा था और वो कौन है जो नाना जी को मारने के बाद साहिल को मारने वाला था....
सुरभि – हा यार जब साहिल होश में आया तब कितना डरा हुआ था वो मुझे तो लगता है जरूर नानी जानती होगी इस बारे में वर्ना इतने सालों तक पूरा परिवार साहिल का साथ नहीं दे रहा था सिर्फ नानी थी साहिल के साथ तो वो क्यों साथ देती अगर साहिल ने ऐसा कुछ किया होता तो...
पायल – लेकिन नानी से भी पूछने की हिम्मत कौन करेगा यार कल आते ही कितनी बुराई कर रहे थे हम सब साहिल के लिए सारी बाते सुन ली नानी ने हमारी...
शिवानी – एक काम करते है क्यों ना हम मयंक भईया को बताए सारी बात शायद वो मा से बात का पता कर सके....
तभी उनके कमरे में रचना आती है...
रचना – क्या पता करने की बात कर रहे हो तुम सब...
शिवानी – साहिल के बारे में बात कर रहे है हम मौसी...
साहिल के बारे में सुन रचना के चेहरे की हसी गायब हो गई तब...
रचना – लेकिन कौन सी बात का पता करना है अब...
सुरभि – यही की आखिर नाना जी को किसने मारा होगा...
रचना – मेरे ख्याल से इस वक्त सबसे पहले सभी को साहिल से माफी मांगने के बारे में सोचना होगा कैसे माफी मांगे साहिल से हम लोग...
शिवानी – क्या वो माफ कर पाएंगे हमें...
पायल – कोशिश तो करनी पड़ेगी हमें आखिर वो हमारा भाई है....
रचना – सच बोलूं तो कल के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही साहिल के सामने जाने की मैने जो गाली दी...
बोल के रचना चुप हो गई...
सुरभि – (रचना से) मौसी गलती तो हमसे भी हुई है जो इतने सालों से साहिल को बुरा भला बोले जा रहे थे लेकिन इतना कुछ उनके साथ होने के बाद भी उन्होंने फिर भी राघव मामा और राजेश मामा को अपने फैसले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया सच में रचना मौसी साहिल बहुत अच्छा भाई है हमारा उनके साथ जो हुआ उसके बाद भी उन्होंने राघव मामा की बेटी और राजेश मामा के बच्चों के बारे में पहले सोचा ताकि जो साहिल ने सहा वो उन्हें ना सहना पड़े...
रचना – हा सुरभि सच में साहिल ने ये करके साबित कर दिया वो कितना अच्छा और हम कितने गलत है शायद इसीलिए निधि भी साहिल का साथ दे रही थी उस वक्त जब सब साहिल पर गुस्सा थे जो बड़ी मामी बॉथरूम में जाने पर हुआ...
शिवानी – लेकिन साहिल भी सही बोल रहा था आखिर बड़ी मामी किस लिए गई थी साहिल के कमरे में वो भी दरवाजा खुला छोड़ के इसका मतलब साफ था बड़ी मामी ने सब जान बुझ के किया ताकि साहिल को यहां से जलील करके निकाला जा सके...
रचना – छोड़ ना सुरभि उस बारे में बात करके अब क्या फायदा अभी सिर्फ ये सोचना चाहिए साहिल से माफी कैसे मांगे हम...
शबनम – मै क्या बोलती हूँ क्यों ना हम लोग साहिल भाई के दोस्त है ना कमल उससे बात करे वो हमारी मदद कर सकते है इसमें उनको पता है साहिल भाई के बारे में सब कुछ...
रचना – हा ये सही रहेगा कल रात में कैसे साहिल के पिता (रनवीर) के सामने आके बिना डरे बोल रहा था वो पक्का वो हमारी मदद जरूर करेगा लेकिन उससे बात कौन करेगा...
शिवानी – (शबनम और पायल से) क्यों न तुम दोनों बात करो कमल से इस बारे में कुछ भी करके उसे मना लो तुम दोनों प्लीज....
शबनम और पायल एक साथ – हा हम तैयार है...
ये दोनों अभी तक इस बात से अंजान है के जिससे ये मदद लेने जाने वाले है वो असल में इनका ही भाई है और ये बात इन दोनों को नहीं पता है क्योंकि इनकी मां सुनीता अपनी दोनों बेटियों को सरप्राइस देना चाहती है भाई के रूप में कमल को...
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जारी रहेगा![]()
Nice updateUPDATE 14
एक गाड़ी तेजी से शहर की तरफ जा रही थी उसमें बैठा आदमी...
लाला – (अपने मुनीम से) मुनीम ये रनवीर का बेटा तो बिल्कुल अपने बाप पर गया है हूँ बहु उसकी तरह दिखता है और वैसी ही अकड़ है उसमें भी...
मुनीम – हा मालिक उसे देख के मुझे रनवीर की याद आ गई आज....
लाला – (अपने बेटे विजय से) विजय जरा ध्यान रखना धीरेन्द्र की बेटी की शादी है कुछ भी उल्टा सीधा ना होने पाय क्योंकि वहां रनवीर भी मौजूद होगा बस शांत रहना सब और आनंद को भी समझा देना...
विजय – पिता जी शादी में तो राधिका और सिम्मी भी जाएगी ना हम तो नहीं जाएंगे...
लाला – नहीं विजय हमें भी जाना होगा धीरेन्द्र ने न्योता दिया है खुद हमारी हवेली में आके भूलो मत गांव में हमसे ज्यादा उसकी चलती है पूरे गांव वालो का वो मसीहा है...
विजय – ठीक है पिता जी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा आप शांत रहने को क्यों बोल रहे है हमें आप जानते हो ना क्या किया था रनवीर ने उस रात को...
लाला – (गुस्से में) कुछ नहीं भूला हूँ मै विजय सब याद है मुझे और किसने कहा हम शांत रहेंगे बल्कि हम कुछ भी नहीं करेंगे बल्कि करवाएंगे दूसरों से और इस बार जो मेरे पिता और मेरे भाई नहीं कर पाए वो हम करेंगे लेकिन तरीका अलग होगा हमारा इस बार जिससे गांव वालो की नजर में ना आए हम...
विजय – (मुस्कुरा के) ठीक है पिता जी जैसा आप कहे....
इस तरफ साहिल जब कमरे में आया तब अपने सामने सुमन को देखा जिसके साथ सुनैना और उसकी दोनों बेटी खुशी और अवनी थी अपने सामने साहिल को देख चारों बेड से उठ गए तभी...
साहिल – (कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ा के उसे समझ आ गया कि वो गलत कमरे में आ गया है तब) sorry मै गलती से गलत कमरे में आ गया...
बोल के साहिल वापस निकल गया कमरे से जबकि सुमन कुछ बोलने को हुईं थी लेकिन कुछ बोल ना पाई सुमन तब...
सुनैना – शायद गलती से इस कमरे में आ गया होगा साहिल एक जैसे है सारे कमरे यहां पर...
अवनी – (सुनैना से) मा क्या साहिल भाई माफ करेगा हमें...
सुनैना – (अवनी और खुशी से) याद है तुम दोनों को जब तुम दोनों मिल के साहिल को परेशान करती थी और तुम दोनों की वजह से साहिल एक बार कितनी मार खाया था तब मैने तुम दोनों को डाटा था और बोला भी था ना जो तुम दोनों कर रहे हो उसकी माफी नहीं मिलेगी कभी लेकिन तुम दोनों मेरी बात नहीं मानी अब नतीजा तुम दोनों के सामने है उसके बाद भी इस उम्मीद में हो की साहिल तुम्हे माफ करेगा...
खुशी – लेकिन मा उस वक्त बड़ी मां बोलती थी सबको की साहिल गन्दा है उसकी वजह से दादा जी मर गए और उसकी वजह से ही बड़ी मां (सुमन) के घर वाले भी मारे गए थे इसीलिए सब घर वाले नफरत करते है साहिल से...
सुमन –(खुशी की बात सुन के सुनैना से) मा(सरला देवी) सही कह रही थी उस दिन बड़ों ने नफरत की आग में जलते हुए अपने बच्चों को भी झोंक दिया उस आग में जलने के लिए और जिसके बारे में मू खोलते वक्त कोई सोचता नहीं था आज उसी के सामने बोलने से भी डर लग रहा है हर किसी को...
सुनैना – जाने कैसे मना पाएंगे साहिल को हम सब मुझे तो आज की हुई बात से डर लग रहा था जब मा ने साहिल को घर आने के लिए बोल रही थी मुझे लगा कही साहिल मना ना कर दे लेकिन शुक्र है इस बात का की साहिल मा की हर बात मानता है इसीलिए हा कर दिया घर आने के लिए...
ये सब यहां आपस में बाते कर रहे थे वहीं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी कविता बस चुप चाप सबकी बाते सुन रही थी जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था जबकि इस तरफ साहिल अपने कमरे में आते ही उसे सामने सेमेंथा दिखी तब….
साहिल – तो तुम यहां हो रस्ते से कहा चली गई थी....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बताया तो था मैने और वैसे भी मै कहा जाऊंगी भला तुम्हारे सिवा...
साहिल – हम्ममम बड़ी चालक हो तुम तो....
सेमेंथा – इसमें चालाकी कैसी अब मै तो साथ हूँ तुम्हारे और तुम ही ने तो कहा था कि मै तुम्हारे साथ रह सकती हूँ...
साहिल – हा कहा तो था लेकिन अब मै नहाने जा रहा हूँ (आंख मार के) इसमें साथ दोगी मेरा....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जैसे निधि साथ थी वैसे क्या...
साहिल – (चौक के) तुम्हे कैसे पता उसके बारे में...
सेमेंथा – देखा नहीं बाते सुनी मैने सारी तुम्हारी...
साहिल – (मुस्कुरा के) वो तो बस होगया था हमारे बीच में लेकिन तुम्हारे साथ मजाक कर रहा था मै...
सेमेंथा – कोई बात नहीं मै तो तुम्हारे साथ हूँ हर कदम पर मुझे कोई एतराज नहीं इसमें भी...
साहिल – (सेमेंथा के करीब आके) सच में इतना भरोसा है मुझपे...
सेमेंथा – (साहिल के और करीब होके) खुद से भी ज्यादा साहिल चाहो तो आजमा लो तुम....
साहिल – कही इस भरोसे का मैने फायदा उठा के तुम्हे छोड़ दिया तो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अपने प्यार पर यकीन है मुझे पूरा....
साहिल – 2 दिन में प्यार हो गया तुम्हे मुझसे....
सेमेंथा – प्यार तो सालों पहले हो गया था तुमसे आज मौका मिला कहने का....
साहिल – (थोड़ी मायूसी से) और कही तुम मुझे छोड़ के चली गई तो....
सेमेंथा – ऐसा कभी नहीं होगा साहिल सपने में भी नहीं में हमेशा साथ रहूंगी तुम्हारे....
साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) प्यार किसी से हुआ नहीं कभी लेकिन डर लगता है फिर से कोई अपना दूर ना हो जाएं मुझसे...
सेमेंथा – (साहिल के गले लग के) क्या अभी भी डर लगता है तुम्हे...
साहिल – (मुस्कुरा के गले लगे हुए सेमेंथा से) नहीं लगता अब डर किसी का भी , I LOVE YOU सेमेंथा...
सेमेंथा – ME TO...
एक तरफ साहिल और सेमेंथा प्यार का इजहार कर रहे है दूसरी तरफ कमल हवेली में काम करने में लगा हुआ था शादी का जो धीरेन्द्र ने उसे दिया था जिस वजह से कमल के कई बार नैन मटका हो रहे थे अवनी से जिसमें अवनी को भी बहुत मजा आ रहा था कमल के साथ ये दोनों हवेली के बाहर थे जहां पंडाल की तैयारी हो रही थी वही कमल लगा था तैयार करने में पंडाल को जबकि अवनी पंडाल की सजावट को देख रही थी तभी मौका पाके...
कमल – (अवनी से) हाय कैसी हो तुम...
अवनी – अच्छी हूँ और तुम...
कमल – मै भी अच्छा हूँ...
अवनी – तुम साहिल भाई के साथ कब से हो...
कमल – 8 सालों से हूँ साहिल के साथ...
अवनी – क्या वो ऐसे ही सबसे बात करते है गुस्से में...
कमल – अरे नहीं साहिल ऐसा बिल्कुल नहीं है वो बहुत अच्छा लड़का है हस के बाते करता है सबसे...
अवनी – हम्ममम लेकिन हमसे गुस्से में...
कमल – हम्ममम जनता हूँ मै इसके पीछे की वजह भी....
अवनी – तुम जानते हो फिर भी मुझसे बाते कर रहे हो...
कमल – (मुस्कुरा के) तुम जब से यहां आई हो तब से मैं देख रहा हूँ तुम्हे लेकिन कल के बाद से तुम्हारा नजरिया बदल गया साहिल के लिए जान सकता हूँ क्यों और किस लिए हुआ ऐसा अचानक से वो भी इतने सालों बाद....
अवनी – पहले तो हम सब सुनी हुई बात मानते आ रहे थे लेकिन कल जो देखा उसके बाद मुझे भाई का दर्द समझ आ गया कैसे वो इतने सालों तक अकेले ही दादा जी की मौत के दर्द को झेलते आ रहे है बिना परिवार के कैसे रह रहे थे इसका अंदाजा शायद ही लगा पाए हम कमल मै उनसे माफी मांगना चाहती हूँ लेकिन हिम्मत नहीं हो रही उनके सामने तक जाने की आखिर किस मू से माफी मांगू उनसे...
कमल – अवनी उसे वक्त दो थोड़ा और अब तो वो तुम सब के साथ घर जा रहा है हमेशा के लिए तब तुम्हे कई मौके मिलेगे साहिल के साथ लेकिन ध्यान रखना साहिल से ऐसी कोई बात मत करना जिससे उसे अटैक आए उसके बाद बहुत मुश्किल से संभालता है वो...
अवनी – तुम भी तो रहोगे ना साथ में...
कमल – हा रहूंगा लेकिन मुझे जाना पड़ेगा अपने स्कूल में कुछ सर्टिफिकेट का इश्यू हुआ है उसके लिए जाना पड़ेगा मुझे कुछ दिन में आ जाऊंगा वापस वैसे अब तो तुम भी कॉलेज ज्वाइन करने वाली हो साहिल के साथ और कौन कौन आ रहा है घर से तुम्हारे...
अवनी – मै , खुशी , कविता , साहिल भाई और तुम...
कमल – एक बात पूछूं तुमसे बुरा तो नहीं मानोगी...
अवनी – क्यों ऐसी क्या बात है....
कमल – वो असल में क्या तुम्हारा BF है क्या...
अवनी – (हल्का मुस्कुरा के) क्यों क्या कम है तुम्हे उससे...
कमल – मतलब सच में तुम्हारा बॉयफ्रेंड है....
अवनी – अरे तभी तो बोली तुम्हे उससे क्या काम है....
कमल – (उदास होके) नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया मैने अच्छा ठीक है मै चलता हूँ और भी काम है मुझे...
बोल के कमल जाने लगा तब...
अवनि – कमल का उदास चेहरा देख मुस्कराते हुए मन में – बुद्धू है ये एक नंबर का....
अवनी – (कमल को बुला के) अच्छा सुनो जरा...
कमल – हा बोलो....
अवनी – BF के लिए क्यों पूछ रहे थे सच बताना...
कमल – ऐसे ही वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो...
अवनी – फ्लर्ट कर रहे हो...
कमल – नहीं कसम से तुम सच में बहुत सुंदर हो...
अवनी – (मुस्कुरा के) शुक्रिया और तुम भी बहुत स्मार्ट लुकिंग हो....
कमल – (धीरे से) क्या फायदा इस बात का अब...
अवनी – (मुस्कुरा के कमल की बात सुन कर अंजान बन के) कुछ कहा तुमने....
कमल – नहीं तो कुछ सुना तुमने...
अवनी – नहीं तो वैसे मेरा कोई BF नहीं है....
कमल – अच्छा क्यों कोई पसंद नहीं आया तुम्हे कभी...
अवनी – घर और पढ़ाई के इलावा कभी सोचा नहीं इस बारे में....
कमल – (हाथ आगे बढ़ा के) तो दोस्ती करोगी मुझसे...
अवनी – (हाथ मिला के) ठीक है लेकिन दोस्ती की तो निभानी पड़ेगी...
कमल – मंजूर है...
बोल के दोनों मुस्कुराने लगे तब...
कमल – चलो अच्छा पहले काम को निपटा लेते है शाम को हलवाई वाले आने वाले है साथ में बाकी के मेहमान भी आज तो हवेली भी भरने वाली है मेहमानों से...
बोल के दोनों एक साथ बातो के साथ काम करने लगे...
तो इस तरह से साहिल के साथ कमल को भी GF मिल गई अपनी जबकि इस तरफ जब से कल रात को सभी लड़कियों ने जो कुछ हुआ उसके साथ साहिल की हालत देखी थी तब से उनका भी मन में साहिल को लेके एक अलग ही जगह बन गई थी सुबह के बाद जब साहिल बाहर से दिन में काम निपटा के वापिस आया था तब अमृता की दोनों बेटी और सुनीता की दोनों बेटी कमरे की खिड़की में बैठी साहिल को आता देख हवेली में बाते कर रही थी आपस में...
शिवानी – (सुरभि , पायल और शबनम से) इतने साल से ना जाने हम लोग क्या समझते आ रहे थे साहिल के बारे में लेकिन सच तो ये है कि वो कितना अच्छा है ये कभी सोचा नहीं हमने...
पायल – शायद मां जानती थी इसलिए इतने सालों में मां कभी मिलने नहीं गई नानी के घर पर...
सुरभि – तू सही बोल रही है पायल जब भी हम साहिल के लिए कुछ भी गलत बोलते थे तभी मां डाटती हमें लेकिन यार हम भी क्या करते हमने जो सुना और बताया गया बस उसे सच मान के ऐसा किया था सच का तो पता नहीं था यार.....
शबनम – ये सब बड़ी मामी का किया धारा है उन्होंने ही कई बार बोला साहिल के लिए हम सब से कि साहिल ने नाना को मारा था...
शिवानी – लेकिन यार एक बात समझ नहीं आई अगर साहिल ने नहीं मारा नाना जी को तो किसने मारा था और वो कौन है जो नाना जी को मारने के बाद साहिल को मारने वाला था....
सुरभि – हा यार जब साहिल होश में आया तब कितना डरा हुआ था वो मुझे तो लगता है जरूर नानी जानती होगी इस बारे में वर्ना इतने सालों तक पूरा परिवार साहिल का साथ नहीं दे रहा था सिर्फ नानी थी साहिल के साथ तो वो क्यों साथ देती अगर साहिल ने ऐसा कुछ किया होता तो...
पायल – लेकिन नानी से भी पूछने की हिम्मत कौन करेगा यार कल आते ही कितनी बुराई कर रहे थे हम सब साहिल के लिए सारी बाते सुन ली नानी ने हमारी...
शिवानी – एक काम करते है क्यों ना हम मयंक भईया को बताए सारी बात शायद वो मा से बात का पता कर सके....
तभी उनके कमरे में रचना आती है...
रचना – क्या पता करने की बात कर रहे हो तुम सब...
शिवानी – साहिल के बारे में बात कर रहे है हम मौसी...
साहिल के बारे में सुन रचना के चेहरे की हसी गायब हो गई तब...
रचना – लेकिन कौन सी बात का पता करना है अब...
सुरभि – यही की आखिर नाना जी को किसने मारा होगा...
रचना – मेरे ख्याल से इस वक्त सबसे पहले सभी को साहिल से माफी मांगने के बारे में सोचना होगा कैसे माफी मांगे साहिल से हम लोग...
शिवानी – क्या वो माफ कर पाएंगे हमें...
पायल – कोशिश तो करनी पड़ेगी हमें आखिर वो हमारा भाई है....
रचना – सच बोलूं तो कल के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही साहिल के सामने जाने की मैने जो गाली दी...
बोल के रचना चुप हो गई...
सुरभि – (रचना से) मौसी गलती तो हमसे भी हुई है जो इतने सालों से साहिल को बुरा भला बोले जा रहे थे लेकिन इतना कुछ उनके साथ होने के बाद भी उन्होंने फिर भी राघव मामा और राजेश मामा को अपने फैसले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया सच में रचना मौसी साहिल बहुत अच्छा भाई है हमारा उनके साथ जो हुआ उसके बाद भी उन्होंने राघव मामा की बेटी और राजेश मामा के बच्चों के बारे में पहले सोचा ताकि जो साहिल ने सहा वो उन्हें ना सहना पड़े...
रचना – हा सुरभि सच में साहिल ने ये करके साबित कर दिया वो कितना अच्छा और हम कितने गलत है शायद इसीलिए निधि भी साहिल का साथ दे रही थी उस वक्त जब सब साहिल पर गुस्सा थे जो बड़ी मामी बॉथरूम में जाने पर हुआ...
शिवानी – लेकिन साहिल भी सही बोल रहा था आखिर बड़ी मामी किस लिए गई थी साहिल के कमरे में वो भी दरवाजा खुला छोड़ के इसका मतलब साफ था बड़ी मामी ने सब जान बुझ के किया ताकि साहिल को यहां से जलील करके निकाला जा सके...
रचना – छोड़ ना सुरभि उस बारे में बात करके अब क्या फायदा अभी सिर्फ ये सोचना चाहिए साहिल से माफी कैसे मांगे हम...
शबनम – मै क्या बोलती हूँ क्यों ना हम लोग साहिल भाई के दोस्त है ना कमल उससे बात करे वो हमारी मदद कर सकते है इसमें उनको पता है साहिल भाई के बारे में सब कुछ...
रचना – हा ये सही रहेगा कल रात में कैसे साहिल के पिता (रनवीर) के सामने आके बिना डरे बोल रहा था वो पक्का वो हमारी मदद जरूर करेगा लेकिन उससे बात कौन करेगा...
शिवानी – (शबनम और पायल से) क्यों न तुम दोनों बात करो कमल से इस बारे में कुछ भी करके उसे मना लो तुम दोनों प्लीज....
शबनम और पायल एक साथ – हा हम तैयार है...
ये दोनों अभी तक इस बात से अंजान है के जिससे ये मदद लेने जाने वाले है वो असल में इनका ही भाई है और ये बात इन दोनों को नहीं पता है क्योंकि इनकी मां सुनीता अपनी दोनों बेटियों को सरप्राइस देना चाहती है भाई के रूप में कमल को...
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जारी रहेगा![]()
Mast story hai ekdum mast updateUPDATE 13
उस हादसे के बाद रीना और रागिनी जैसे टूट सी गई थी दोनों बहने उस रात से एक ही कमरे में एक साथ दो गई थी उनके साथ रीना की दोनों बेटी सोनम और पूनम भी साथ थी जबकि रीना और रागिनी को इतनी भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि किसी से बात कर सके आज उनका भी वैसा ही हाल था जैसे उस रात के हादसे से पहले साहिल का हाल था जिसे कोई बात नहीं करता था उस रात साहिल ने गुस्से में भले ही अपनी मां सुमन को देख के बोल रहा था लेकिन साहिल की कही बात से राघव और सुरेश सोचने पर मजबूर हो गए थे कि वो गुस्से में आके क्या करने जा रहे थे अपने बच्चों के बारे में ना सोच के की उनके इस फैसले से बच्चों पर क्या असर पड़ेगा इसीलिए वो भी शांत हो गए और उन्होंने सोच लिया था कि बच्चों की वजह से वो चुप रहेंगे लेकिन अपनी बीवी से किसी प्रकार का कोई मतलब नहीं रखेंगे जबकि इस वक्त एक कमरे में साहिल की दोनों बुआ सुनीता और अमृता और दादी बात कर रहे थे आपस में...
अमृता – (सरला देवी से) मा आखिर बात क्या है इतने सालों से आप क्या छुपा रही हो कौन है वो जिसने पिता जी को मारा है और क्यों साहिल के साथ इतने सालों से ये ज्यादती हुई आखिर क्यों मा...
दादी – ज्यादती करने वाले भी कौन है सब अपने ही तो है जो बिना कुछ सोचे समझे पड़ गए एक बच्चे के पीछे हाथ धो के इतना भी नहीं सोचा किसीने उस वक्त तो अब क्यों सोचना सिर्फ इसीलिए क्योंकि कल रात साहिल को अटैक से होश आने के बाद उसने जो बोला इस बात से साहिल बेगुनाह होगया ये भी हो सकता है साहिल नाटक कर रहा हो सभी को दिखाने के लिए क्यों अमृता...
अमृता – मा अब तुम बात को मत बदलो मेरे मन में साहिल के लिए ऐसा कुछ नहीं था कभी भी...
दादी – अच्छा तो तेरे बच्चों के मन में कहा से आ गया साहिल के लिए इतना कुछ , अब ये मत बोलना कि मै झूठ बोल रही हूँ कल सब कुछ मैने अपनी आंखों से देखा और कानों से सुना है सभी बच्चों के मू से साहिल के लिए किस तरह जहर उगल रहे थे मुझे तो आज साहिल के लिए अपने फैसले पर भी शक हो रहा है कही साहिल को घर में ले जाके मै कही गलती तो नहीं कर रही हूँ...
अमृता – ऐसा क्यों सोच रही हो मा ऐसा कुछ नहीं होगा सब ठीक होगा...
दादी – जानती हु सब ठीक होगा क्योंकि आज साहिल पहले की तरह नहीं है वो पलट के वार और जवाब देना अच्छे से जनता है लेकिन क्या करू दादी के साथ मा हूँ उसकी चिंता रहेगी मुझे अपने बच्चे की...
अमृता – चिंता मत करो मा साहिल खुश रहेगा घर में सबके साथ और कोई कुछ नहीं करेगा साहिल के साथ मैने देखा है कल से सभी बच्चों ने कल रात जो देखा उसके बाद से कोई सोया नहीं सभी के मन में साहिल की बात चल रही है , मै जानती हु मा कि साहिल ने कुछ नहीं किया था ऐसा होता तो आप उसका साथ ना देती कभी और मै अपने पिता से बहुत प्यार करती हु मा आज भी बस एक बार बता दो मा कौन है जिसने पिता जी को मारा था...
दादी – अमृता तू जितनी बार पूछेगी मै जवाब नहीं दूंगी और अगर तुझे जवाब चाहिए तो पहले जा के साहिल के सवालों का जवाब देदे उसके सवालों का जवाब देने के बाद आना मेरे पास तब मै जवाब दूंगी तेरे सवाल का...
तभी इनकी बातों के बीच में कमल कमरे में आता है और सब चुप हो जाते है तब...
कमल – दादी आपने बुलाया मुझे...
दादी – (मुस्कुरा के) कमल तुम जानते हो मैने तुम्हे NGO से एडॉप्ट किस लिए किया था और क्यों पता है तुम्हे...
कमल – हा दादी साहिल के लिए किया था आपने मुझे एडॉप्ट...
दादी – नहीं कमल असल में उस वक्त मेरे दिमाग में ये ख्याल आया ही नहीं था लेकिन किसी और के मन में आया था वो तुझे एडॉप्ट करना चाहती थी उसको बेटा नहीं था उसने अपनी बेटी से वादा किया था कि उसके लिए भाई लाएगी और NGO में एक नजर में तू उसे भा गया लेकिन फिर उसी वक्त उसे साहिल का ख्याल आया तब उसने मुझे सारी बात बताई तब मैने तुझे एडॉप्ट किया था जनता है असल में एडॉप्ट के कागजात में तेरे मा बाप का नाम उनका ही है बस एडॉप्ट के बाद उन्होंने तुझे मुझे दे दिया था...
कमल – कौन है वो दादी...
दादी – (एक तरफ इशारा करके) ये मेरी बेटी सुनीता ये है तेरी मां...
कमल –(सुनीता को देख जिसकी आंख में आंसू थे जो कमल को देख रही थी) कल रात से मै यही सोच रहा था कि अगर आप साहिल की बुआ हो तो एक शहर में रहके आप क्यों नहीं आए कभी साहिल से मिलने जबकि दादी लगातार आती रहती थी सोचा आपसे पूछूं लेकिन कल रात जो हुआ उसके बाद मैने ध्यान नहीं दिया इस बात पे जबकि आपसे मै रोज मिलता था आपके रेस्टोरेंट में साहिल और मै रोज आते थे खाना खाने लेकिन आपने एक बार भी नहीं बताया कि आप कौन है...
सुनीता – कैसे बताती मै कल रात जो हुआ उसके डर से नहीं बताती थी मै जब भी तू अकेला आता था रेस्टोरेंट में बस उसी वक्त तेरा खाना देर से पैक करने को बोल देती थी ताकि बाते करती रहूं तुझसे और जब तुम साहिल के साथ खाना खाने आते थे रेस्टोरेंट में तब डर लगता था तेरे सामने आने में कही साहिल गुस्से की वजह से फिर से उसे अटैक ना आए...
बोल के सुनीता तुरंत कमल के गले लग जाती है रोने लगती है...
कमल – (सुनीता की आंख से आंसू पोछते हुए) इसीलिए आप हर बार कम पैसे लेती थी है ना...
सुनीता – अपने ही बच्चे को खाना खिलाने के पैसे कैसे लेती तुझे शक ना हो इसीलिए पैसे लिया करती थी...
कमल – मा...
सुनीता – (कमल को देख के) फिर से बोल...
कमल – मा...
बोल के गले लग गई कमल के सुनीता थोड़े देर बाद अलग होके...
सुनीता – मैने मा को बोल दिया है अब तू मेरे साथ रहेगा...
कमल – लेकिन मा मै साहिल को नहीं छोड़ सकता...
दादी – तू चिंता मत कर कमल बस एक काम करना मैने तेरे स्कूल में बात कर ली है बस तुझे अपने सर्टिफिकेट का बहाना बनाना होगा साहिल के सामने जब हम यहां से निकलेंगे घर के लिए तब तू अपनी मां सुनीता के साथ चले जाना घर पर कुछ दिन के लिए क्योंकि सुनीता का पति काम के सिलसिले से 2 साल के लिए अमेरिका जा रहा है उसके बाद सुनीता तेरे और बेटियों के साथ हमारे घर आ जाएगी रहने तब तक के लिए मै चाहती हूँ साहिल हमारे साथ अकेले रहे शायद कुछ हद तक उसकी कड़वाहट कम हो परिवार के लिए...
कमल – लेकिन दादी इस बीच साहिल को फिर से अटैक आया तब...
दादी – हम उसके साथ रहेंगे कमल उसकी मां सुमन और बहन कविता भी साथ है उसके...
कमल – क्या साहिल इनके साथ...
दादी – (बीच में) कोशिश करनी होगी बेटा सबको ताकि साहिल परिवार का हिस्सा बन जाय फिर से हमारे...
कमल – ठीक है दादी...
दादी – (सुनीता से) लो सुनीता मैने तुझे तेरा बेटा वापस दे दिया अब तू सम्भाल इस शैतान को बहुत तंग करता रहता है ये मुझे...
बोल के सभी मुस्कुराने लगे तब सुमन कमरे में आती जो बाहर से इनकी बाते सुन रही थी तब...
सुमन – (कमल के पास आके) शुक्रिया कमल तुमने इतने साल साहिल को संभाला उसके लिए (हाथ जोड़ के) मै...
कमल – (सुमन का हाथ पकड़ के) ये क्या कर रही है आप साहिल मेरा भाई है मैने उसे कभी गैर समझा ही नहीं बस थोड़ा सब्र रखिएगा आप बहुत नफरत है उसके दिल में परिवार के लिए जाने कैसे ये सब होगा मुझे समझ नहीं आ रहा है...
सुमन – वो जितनी नफरत कर ले मै सब सहन करूगी लेकिन अब दूर नहीं रहने दूंगी चाहे उसके लिए मुझे लड़ना क्यों न पड़े किसी से भी...
अमृता – (जो इतनी देर से चुप बैठी थी वो बोली सुनीता से) सारा क्रेडिट तूने और मा ने ले लिया मेरे बारे में कुछ नहीं बोला कितनी गलत बात है सुनीता भूल गई मैने ही कमल को ढूंढा था तेरे लिए...
सुनीता – नहीं दीदी आपको भला कैसे भूल सकती हूँ (कमल से) कमल जनता है अमृता दीदी ने बताया था तेरे बारे में मुझे तभी मै तुझे आई थी देखने अमृता दीदी के साथ...
कमल – (अमृता को ध्यान से देखते हुए) ओह तेरी की इसीलिए मै सोच रहा था कि आपको कहा देखा है मैने आप ही हमारे घर के सामने वाले फ्लैट में रहती हो ना...
अमृता – (मुस्कुरा के) हा बेटा मै ही रहती हु वहा पर और मैने ही मा को बोल के वो फ्लैट तुझे और साहिल को दिलवाया था रहने के लिए रेंट का बहाना बना के जिसे तुम समझते थे कि दादी देती रहती है रेंट मुझे...
कमल – (अमृता के गले लगते हुए) मानना पड़ेगा आप सबको पूरा फूलप्रूफ प्लान बनाया आप सब ने मेरे और साहिल के लिए किसी को पता तक चलने ना दिया...
अमृता – (मुस्कुरा के) अब तो पता चल गया ना तुझे बस साहिल को मत बताना अभी...
सुनीता – (अमृता से) लेकिन क्यों दीदी...
अमृता – (मुस्कुरा के) सुनीता ये कमल कुछ नहीं छुपाता है साहिल से इसीलिए मना कर रही थी साहिल को बताने के लिए वक्त आने पर सब बता देगे साहिल को सच....
दादी – (कमल से) चलो अच्छा अब काम पे लग जाओ तुम (सुनीता , अमृता और सुमन से) तुम लोग भी जाके तैयारी में लग जाओ शादी है 2 दिन बाद बहुत काम है अभी...
बोल के सब चले गए कमरे से जबकि इस तरफ साहिल हवेली के बाहर गया हुआ था राघव के साथ शादी के काम निपटाने में जैसे टेंट और डेकोरेशन वाले से बात करना शादी में क्या क्या और कैसे डेकोरेट करना है जबकि इस तरफ सही में लगने वाले बाकी जरूरी समानों को लेने में लगा हुआ था राघव जबकि साहिल की तरफ जब साहिल इन कामों को निपटा के खाली होके पेड़ की छांव में बैठा तब कोई आया साहिल के पास आते ही...
लड़की – कैसे हो साहिल...
साहिल – (पलट के सामने सेमेंथा को देख) अरे कहा थी तुम कल रात से दिखी नहीं...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) वही हॉल में थी साहिल सबके साथ जब तुम्हे अटैक आया...
साहिल – ओह शायद मेरा ध्यान नहीं गया होगा तुम पर खेर आओ बैठो तुम...
सेमेंथा – देख रही हूँ शादी के काम में लगे हुए हो तुम और तुम्हारे कपड़े तक खराब हो गए देखो कितनी मिट्टी लगी हुई है तुम्हारे कपड़ो में...
साहिल – (मुस्कुरा के) काम की भागा दौड़ी में ये सब चलता रहता है सेमेंथा...
तभी सेमेंथा एक चुटकी बजाती है जिससे साहिल के कपड़े पहले जैसे सफ़ा हो जाते है तब...
सेमेंथा – (साहिल को देख मुस्कुरा के) अब ठीक लग रहे है कपड़े तुम्हारे...
साहिल – (अपने कपड़ो को देख जो सफा हो गए थे ये देख चौक के) ये कैसे हुआ...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) मैने किया ये क्यों अच्छा नहीं लगा...
साहिल – (मुस्कुरा के) अरे मै तो भूल गया था तुम्हारे बारे में अच्छा और क्या क्या कर सकती हो तुम...
सेमेंथा – जो तुम चाहो वो कर सकती हूँ...
साहिल – अच्छा तो मुझे पानी पीना है मिलेगा...
तभी सेमेंथा चुटकी बजा के साहिल के सामने पानी की बोतल ले आती है तब...
साहिल – (पानी पी के) अरे वाह तुम तो सच में कमाल की हो सेमेंथा अच्छा तब तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होती होगी ना जब प्यास लगे तो चुटकी बजा के पानी पी लिया जब भूख लगे तो चुटकी बजा के खाना खा लिया क्यों...
सेमेंथा – नहीं साहिल मै ये सब इस्तमाल नहीं करती हु...
साहिल – क्या मतलब इस बात का...
समेंथा – साहिल मै इन सबका इस्तमाल नहीं करती हु क्योंकि जब मुझे परी लोक से निकाला गया था तब मेरी मां ने मुझे (अपने हाथ में अंगूठी दिखाते हुए साहिल को) ये अंगूठी दी थी ताकि मुझे इन सब चीजों का इस्तमाल करने को जरूरत न पड़े लेकिन...
साहिल – लेकिन क्या सेमेंथा...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जिस दिन मै अपने राजकुमार की हो जाऊंगी उस दिन से ये अंगूठी किसी काम की नहीं रहेगी तब मै भी इन सब चीजों का इस्तमाल करने लगूंगी...
साहिल – (मुस्कुरा के) ओह हो राजकुमार वाह क्या बात है...
सेमेंथा – चीड़ाओ मत साहिल....
साहिल – (मुस्कुरा के) अच्छा ठीक है वैसे बहुत प्यार करती है तुम्हारी मां तुमसे सच में बहुत नसीब वाली हो तुम इतना सब तुम्हारे साथ होने के बाद भी तुम्हारी मां को तुम्हारी कितनी फिक्र थी इसीलिए उन्होंने तुम्हे तुम्हारी शक्ति नहीं ली साथ में ये अंगूठी दे दी...
समेंथा – (साहिल की बात सुन उसका मतलब समझ गई थी इसीलिए बात बदल के) अच्छा साहिल तुम्हारा काम हो गया यहां पे...
साहिल – हा हो गया मै हवेली जा रहा था...
सेमेंथा – ठीक है तुम चलो मै भी आती हूँ...
साहिल – क्यों साथ में नहीं चलोगी...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) चलोगी साथ में लेकिन अभी मुझे जंगल जाना है किसी से मिलने....
साहिल – किसी से मिलने लेकिन तुमने तो कहा था तुम्हे कोई नहीं देख सुन सकता है...
सेमेंथा – तुम्हे सब बताऊंगी साहिल लेकिन अभी नहीं बस भरोसा रखो मुझपे जल्द ही तुम्हे बताऊंगी सब कुछ....
बोल के सेमेंथा वहां से गायब हो गई तब...
साहिल – (मुस्कुरा के) कमाल की लड़की है ये चलो इंतजार करूंगा इसकी भी बात जानने का...
बोल के हवेली की तरफ जाने वाले रस्ते में पैदल चलते रहे बाते करते हुए तभी साहिल के बगल से तेजी से 2 गाड़ी निकली जिस वजह से सड़क पर पड़ी मिट्टी उड़ते हुए साहिल पर आ गई तब...
साहिल – (गुस्से में चिल्ला के गाड़ी वाले को) सूरदास की औलाद अंधा है क्या...
तभी दोनों गाड़िया अचानक से रुक गई तब उसमें में एक बुद्धा आदमी निकला साथ ही 4 पहलवान और आखिर में एक आदमी जिसने काफी महंगे कपड़े पहने थे जैसे कोई बहुत बड़ा बिजनेसमैंन हो इसके साथ एक और आदमी निकला उसके जैसे कपड़े पहने हुए था...
New introduction villian...
लाला – उम्र 65 धीरेन्द्र के गांव का एक रसूखदार और घमंडी इंसान कहने को तो शहर में इसका काफी बड़ा कारोबार है लेकिन असल में इसके सारे काम गैर कानूनी है जैसे ड्रग्स , किडनैपिंग अपने ट्रांसपोर्ट के जरिए स्मगलिंग करना , नकली दवाई बनाना सभी गैर कानूनी काम है इसके लेकिन कोई नहीं जानता इस बारे में अगर कोई भी ऐसी बात होती है तो ये पुलिस और नेताओं की जेब भर देता है जिस वजह से शहर हो या गांव इसकी एक अच्छी छवि बनी हुई है हर जगह पर....
मुनीम – उम्र 60 साल ये है लाला का मुनीम जो उसके सारे गैर कानूनी कामों का लेखा जोखा रखता है ये हर वक्त लाला के साथ रहता है....
लाल का परिवार...
विजय (बड़ा बेटा) – उम्र 55 अपने बाप के साथ सारे गैर कानूनी काम करता है इसने अपने बाप के सारे गैर कानूनी काम को अपने दिमाग से खड़ा किया हुआ है लेकिन कहते है ना कमीने इंसानों को ही संस्कारी स्त्री लिखी होती है वैसा ही हाल कुछ इसका है तभी इसके जैसे कमीने इंसान को राधिका जैसे सुंदर और सुशील लड़की मिली थी....
राधिका (विजय की बीवी) – उम्र 40 सुंदर सुशील और शांत किस्म की औरत इसे सिर्फ अपने दोनों बच्चों से मतलब है और अपने पति से बेहद नफरत करती है....
आनंद (विजय और राधिका का एक लौटा बेटा) – उम्र 26 पहले ये बहुत ही अच्छा और सीधा साधा था लेकिन फिर इसके बाप ने इसे एक आवारा इंसान बना दिया जिसे औरतों और लड़कियों का बहुत शौक है अपनी राते रंगीन करने के लिए शहर में रह के इसने औरतों को लड़कियों को बिस्तर में ले आया बिल्कुल अपने बाप की तरह...
सिमी – उम्र 20 एक सीधी सादी अच्छी लड़की बिल्कुल अपनी मां की तरह...
बाकी लाला के कई पहलवान है जो इनकी रक्षा के लिए है इनके साथ...
लाला – (अपनी गाड़ी उतर साहिल को देख के मुनीम से) कौन है ये मुनीम शकल बड़ी जानी पहचानी लग रही है इसकी...
तभी गाड़ियों की आवाज सुन के खेत में काम कर रहे कुछ गांव वाले आते है देखने...(ये वही गांव वाले थे जिन्होंने कमल को रोक था जंगल में जाने से तब ये साहिल से मिले थे जहां राघव भी था उस वक्त उनके साथ तब राघव ने बताया था गांव वालो को साहिल के बारे में)...
तब...
मुनीम – (साहिल से) ए लौंडे कौन है तू जनता नहीं इनको कौन है ये...
गांव वाला – (बीच में आके लाला के सामने हाथ जोड़ के) माफ करिएगा लाला जी ये लड़का नया है गांव में ये आपके बारे में नहीं जानता है...
लाला – अच्छा वैसे है कौन ये लड़का इसकी शकल बड़ी जानी पहचानी सी लग रही है...
गांव वाला – लाला जी ये स्वर्गीय प्रताप जी का पोता है इसका नाम साहिल है ये धीरेन्द्र जी की बेटी की शादी में आया है यहां पर...
गांव वाले के मू से प्रताप का नाम सुन साथ ये जान के की ये उसका पोता है तभी लाला की गुस्से में आंखे लाल होने लगी लेकिन गांव वालो के सामने कुछ बोलना सही नहीं समझा लाला ने तब...
लाला – (साहिल से) तो तुम प्रताप के पोते और रनवीर के बेटे हो तभी तुम्हारी शकल जानी पहचानी सी लग रही है बिल्कुल अपने बाप रनवीर पे गए हो तुम , उसी की तरह घमंड और गुस्सा दिख रहा है तुम्हारे अंदर लेकिन शायद बड़ों से बात करने का सलीका नहीं है तुममें...
साहिल – (मुस्कुरा के) जब बड़ों का सलीका ही ऐसा हो अपने से छोटो के साथ तो छोटो का क्या कसूर इसमें...
लाला – (साहिल के उलटे जवाब से गुस्से को काबू में रखते हुए मुनीम से) चलो मुनीम यहां से...
गुस्से में साहिल को घूरते हुए लाला निकल गया अपनी गाड़ी से तब...
गांव वाला – (साहिल से) साहिल बेटा आपको इनके मू नहीं लगाना चाहिए था क्या आपको नहीं पता इनके बारे में...
साहिल – नहीं काका कौन है ये और ये इस तरह से बात क्यों कर रहे थे मेरे साथ...
गांव वाला – (साहिल की बात सुन समझ गया कि इसे कुछ नहीं पता इसीलिए बात बदल के) कुछ नहीं बेटा छोड़ो उसे और बताओ तुम कहा जा रहे हो अभी...
साहिल – काका मै हवेली जा रहा हूँ...
गांव वाला – अच्छा मै भी हवेली जा रहा हूँ धीरेन्द्र जी से काम है मुझे चलो साथ में चलते है...
गांव वाले की इस तरह से बात को टालता देख साहिल कुछ नहीं बोला उससे लेकिन उसे समझ आ गई थी ये बात की उससे कुछ तो छुपाया जा रहा है लेकिन अभी साहिल ने ये बात करना जरूरी नहीं समझा , गांव वाले के साथ हवेली निकल आया साहिल और हवेली के अन्दर चला गया तभी गांव वाले को धीरेन्द्र जी दिखे हाल में बैठे हुए जहां साहिल सीडीओ से अपने कमरे में जा रहा था वही हाल में धीरेन्द्र के साथ दादी , राजेश और धीरज बैठे बाते कर रहे थे तभी...
गांव वाला – (धीरेन्द्र के पास आके) प्रणाम मालिक...
धीरेन्द्र – अरे भाई क्या बात है आज यहां का रास्ता कैसे भूल गए तुम...
गांव वाला – बात ही कुछ ऐसी है मालिक इसीलिए आना पड़ा मुझे...
धीरेन्द्र – ऐसी क्या बात है घर में सब कुशल मंगल है ना...
गांव वाला – घर में सब ठीक है मालिक वो अभी रस्ते में (फिर जो हुआ सब बता के) बस इसीलिए साहिल के साथ यहां तक आया उसे छोड़ने के लिए...
धीरेन्द्र – (गांव वाले की सारी बात सुन के) तुमने ये बहुत अच्छा किया जो तुम आ गए साहिल के साथ गलती मेरी है मुझे ध्यान रखना चाहिए था इस बात का खेर मेरा एक काम कर दो तुम 2 दिन बाद शादी है यहां और उसके बाद सब चले जाएंगे यहां से तब तक के लिए तुम अपने लोगों को बोल देना वो नजर रखे हर किसी पर और कोई ऐसी वैसी बात लगे तो फ़ौरन बता देना मुझे या राघव को...
गांव वाला – जी मालिक अच्छा इजाजत दीजिए मुझे फिर मिलते है...
बोल के चला गया गांव वाला उसके जाते ही...
राजेश – क्या बात है मामा जी...
धीरेन्द्र – शादी के काम काज के चक्कर में मै भूल गया था लाला के बारे में राजेश...
धीरज – (लाला का नाम सुन) ये अभी तक इसी गांव में है...
धीरेन्द्र – हा बेटा और कहा होगा लाला आज तो अनजाने में सही लाला की मुलाकात साहिल से हुई है...
राजेश – मामा जी मुझे नहीं लगता लाला कुछ भी ऐसी वैसी हरकत करेगा...
धीरेन्द्र – हम्ममम बात सही है तुम्हारी राजेश लेकिन कुत्ते की पूछ का कोई भरोसा नहीं होता है उम्मीद करता हु तुम्हारी बात सही हो राजेश...
जबकि इस तरफ साहिल जैसे ही कमरे में आया अपने सामने किसी को देख...
साहिल –(हैरानी से) तुम यहां पर...
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