Office and Stressful life
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आपकी बातो का में भी समर्थन करता हूँ सच में कहानी में सेक्स या प्यार दोनों ही जरूरी हें बिना प्यार के सेक्स ऐसे ही हे जेसे मशीन के साथ सेक्स की क्रिया करना जिसमे न तो भावनाएं हें न ही उत्तेजनापूर्ण माहोल और गाली गलोज की भाषा अगर आप अपने से बड़े के साथ करते हें तो बड़ा ही भद्दा लगता हे अगर वो आपकी माँ हो या बहन हो खुद सोच लो क्या गली गलोज उचित हे क्या ओकी ये बात सही हे सेक्स की क्रिया से ज्यादा उत्तेजना तो सिर्फ उस बारे में और जिसके साथ करने जा रहे हों सोचने से बातें करने से ही सबसे ज्यादा उत्तेजना हो जाती हे धन्यवादकहानी लिखने के लिए शानदार मार्गदर्शन
nice startअपडेट १
मुझे अपनी ताईजी के गांव आए कुछ दिन ही हुए थे, मैं पास के शहर में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था, सुबह १० बजे से दोपहर २ बजे तक मेरी कोचिंग होती थी, एक दिन मैं साइकिल से कोचिंग पहुंचा तो मैने देखा कि कोचिंग में रिन्यूवेशन का काम चल रहा है इसलिए कोचिंग अगले २ दिन के लिए बंद रहेगी। मैं साइकिल आगे बढ़ा देता हूं और ताईजी के घर की तरफ चल देता हूं, घर पहुंचकर साइकिल रोकता हूं और अपने कमरे में चला आता हूं फिर धोती पहनकर आंगन में आता हूं और खटिए पर बैठते हुए ताईजी को आवाज लगाकर कहता हूं कि ताईजी जल्दी से खाना लगाओ बहुत भूख लगी है। २ मिनट तक ताईजी के कमरे से कोई आवाज नहीं आती इसलिए मैं खटिए से उठकर ताईजी के कमरे की तरफ आता हूं, कमरे का दरवाजा खुला हुआ था पर अंदर कोई नही था फिर मैं रसोईघर की तरफ़ जाता हूं पर वहां भी कोई नही था।
फिर मैं बहुत आवाज लगाता हूं पर कोई जवाब नही देता, मुझे पता था कि इस समय भीमा भईया शीला भाभी के साथ अपने कपड़े एवं कॉस्मेटिक्स की दुकान पर होंगे और पीहू दीदी अपनी सहेलियों के साथ नदी किनारे घूमने गई होगी। मैं ताईजी को घर के आस पास बहुत खोजता हूं लेकिन ताईजी का कुछ अता पता नहीं था, फिर मैने सोचा कि कल्लू से पूछता हूं, कल्लू मेरी ताईजी के खेत में अपनी विधवा मां सभ्या के साथ काम करता है। मैं अपनी ताईजी के खेत में आ जाता हूं पर वहां मुझे कोई दिखाई नहीं देता लेकिन जैसे ही मैं वहां से आने लगता हूं तो मुझे कुछ आवाज सुनाई देती है जो ताईजी के गन्ने के खेत में बनी एक झोपड़ी में से आ रही थी।
मुझे झोपड़ी के अंदर से अजीब तरीके की आवाज आ रही थी, मैं आगे बढ़ता हूं और आवाज को सुनने को कोशिश करता हूं पर मुझे कुछ भी साफ सुनाई नही देता, झोपड़ी के अंदर कोई बहुत धीरे धीरे बातें कर रहा था, मैंने सोचा कि झोपड़ी के अंदर जाकर देखता हूं पर उसका फाटक अंदर से बंद था लेकिन मैं जानना चाहता था की आवाज के पीछे कौन है, मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी और डर भी लग रहा था कि कहीं खेत में कोई चोर तो नही घुस गया, यहां पर मैं अकेला था इसलिए डर भी रहा था अगर कल्लू या सभ्या चाची होती तो भले ही नहीं डरता, डर से ज्यादा बेचैनी हो रही थी क्योंकि वह आवाज मुझे जानी–पहचानी लग रही थी।
मैं झोपड़ी के पीछे बनी खिड़की की तरफ गया तो देखा कि खिड़की भी अंदर से बंद थी पर खिड़की पुरानी थी इसलिए उसमें एक जगह छोटा सा छेद बना हुआ था, मैं छेद से झोपड़ी के अंदर देखने में कामयाब हो गया पर जैसे ही मैंने अंदर का नजारा देखा तो मेरे दिल ने धड़कना ही बंद कर दिया मैं गुमसुम सा हो गया क्योंकि मैं कुछ ऐसा देख रहा था जिसके बारे में मैं कभी सोच भी नही सकता था, झोपड़ी के अंदर ताईजी एक पुराने से खटिए पर आगे की ओर झुकी हुई थी उनके ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और साड़ी के साथ साथ पेटीकोट उनकी पीठ तक चढ़ा हुआ था और पैंटी उनके घुटनों तक गिरी हुई थी।
झोपड़ी के अंदर बहुत अंधेरा था , मुझे ताईजी तो नजर आ रही थी पर ताईजी के साथ जो कोई भी थी उसको देखने में मुझे मुश्किल हो रही थी पर ताईजी की हालत देखकर मैं इतना तो समझ गया था कि ताईजी अंदर चुद रही है, वह इंसान ताईजी के पीछे खड़ा था और अपने लन्ड को ताईजी के गांड में डालकर अंदर बाहर कर रहा था, मैंने देखा की उसका लन्ड बहुत लंबा था लेकिन पतला था फिर भी उसके लन्ड ने मेरी ताईजी की गांड को फाड़कर रखा हुआ था, और ताईजी उस इंसान को और तेज झटके मारने को बोल रही थी, आआआह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह उम्मम्म हां मेरे राजा ऐसे ही चोदो डाल दो अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में,,,, मैं देखकर बहुत हैरान था कि इतना बड़ा लन्ड ताईजी की गांड में घुसा हुआ है फिर भी ताईजी और तेज झटके मारने को बोल रही है।
कुछ देर बाद उसने अपना लन्ड गांड से बाहर निकाला और ताईजी के मुंह के पास लेकर आ गया और ताईजी उसके लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, मैं तो बहुत हैरान था कि इतना बड़ा लन्ड ताईजी ने बड़ी आसानी से अपने मुंह में भर लिया और बड़े आराम से चूसे जा रही थी, फिर २ मिनट चूसने के बाद ताईजी ने लन्ड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया और तभी उस इंसान ने दुबारा से अपना लन्ड ताईजी की गांड में घुसेड़ दिया, उसने एक झटके में अपना लन्ड ताईजी की गांड में उतार दिया जिससे ताईजी की चिल्ला पड़ी आआआह्ह्ह्ह लेकिन ताईजी इतने धीरे से चिल्लाई थी कि उनकी आवाज ज्यादा दूर तक नही गई बस मुझे ही सुनाई पड़ी, वह बहुत तेज झटकों के साथ ताईजी की गांड में अपना लन्ड सूत रहा था और ताईजी आह उह करते हुए मजा ले रही थी फिर उसने अपने हाथ आगे बढ़ाकर ताईजी की बड़ी बड़ी चूचियों पर रखे और उन्हें दबाना और मसलना शुरू किया और पकड़ मजबूत करके लन्ड को गांड में बहुत जोर जोर से पेलने लगा।
आह्ह्ह्ह उह्ह्ह ऐसी ही आह्ह्ह्ह्ह मेरे राजा ऐसी ही चोदो अपनी रानी को आह्ह्ह्ह्ह फाड़कर रख दो मेरी गांड को आआआह्ह्ह्हह हां ऐसी ही दम लगाकर चोदो,,,, मैं पहली बार अपनी ताईजी के मुंह से ऐसी बातें सुन रहा था, मैं हैरान था कि जो औरत इतनी भोली भाली दिखती है चूदाई के दौरान ऐसी गंदी बातें भी बोल सकती है, आज पहली बार मैंने अपनी ताईजी को नंगी देखा था, ताईजी पूरे तरह से नंगी तो नही थी पर लगभग नंगी ही थी, ताईजी का गोरा नंगा जिस्म देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगा, मेरी ताईजी के खरबूजे के आकार के बूब्स हवा में लटक रहे थे और हर एक झटके के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे, पीछे से वह मेरी ताईजी की चूचियों की जानवरों की तरह मसल भी रहा था और कभी चूचियों को छोड़कर ताईजी की मोटी गांड पर पकड़ बनाकर तेज तेज झटके भी लगा रहा था, ताईजी की हालत बहुत खराब हो चुकी है पर उनके चेहरे से ऐसा लग रहा था कि उन्हें बहुत मजा आ रहा है, मेरी हालत भी ताईजी को देखकर बिगड़ने लगी थी मेरा हाथ अचानक अपने लन्ड पर चला गया , मैंने धोती में से अपना लन्ड बाहर निकाला जो पहले से ही अपनी औकात में सर उठाकर खड़ा हुआ था।
पता नही क्यों मैं अपने लन्ड की तुलना उस इंसान के लन्ड से करने लगा जो मेरी ताईजी जो चोद रहा था, मेरे लन्ड की लंबाई उसके लन्ड से थोड़ी बड़ी थी पर मेरा लन्ड उसके लन्ड से मोटा बहुत था, मैने अपने लन्ड को हाथ में लेकर मुठियाने लगा, उधर ताईजी उसके लन्ड से चूद रही थी और इधर मैं अपनी ताईजी की बड़ी बड़ी चूचियों को देखकर मुठ्ठी मारने लगा , मुठ मारते वक्त मुझे ताईजी कुछ ज्यादा ही कामुक लग रही थी, मैं सोचने लगा कि काश उस इंसान की जगह मैं ताईजी की गांड अपने लन्ड से मार रहा होता, उधर उस इंसान ने बहुत तेज तेज ताईजी की गांड मारना शुरू कर दिया और इधर मेरा हाथ मेरे लन्ड पर तेज रफ्तार से दौड़ने लगा।
ताईजी की सिसकियां भी तेज होने लगी पर ताईजी अपनी आवाज ज्यादा ऊंची नही कर रही थी , वह इस बात का ख्याल रख रही थी कि झोपड़ी से बाहर आवाज नहीं जाए, करीब 10–12 मिनट बाद उस इंसान की सांस उखड़ने लगी और ताईजी की सासें भी उखड़ रही थी और मेरी भी दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी और मेरा हाथ बहुत रफ्तार में मेरे लन्ड पर चल रहा था। कुछ ही देर में उस इंसान में एक तेज आवाज के साथ वीर्य छोड़ दिया, ताईजी की गांड को अपने वीर्य से भर दिया और उसके साथ साथ ताईजी भी झड़ गई और मैंने भी झोपड़ी के ऊपर अपने लन्ड की पिचकारी छोड़ दी, वह इंसान अपना लन्ड बिना गांड से बाहर निकाले ही ताईजी की पीठ पर आहें भरता रहा और करीब 2 मिनट बाद अपना लन्ड गांड से बाहर निकाला तो ताईजी की गांड से बहुत सारा कामरस टपकने लगा, वह अपने लन्ड को ताईजी के मुंह के पास ले गया और ताईजी ने उसके लन्ड को चाटकर साफ़ कर दिया, और मैंने अपना लन्ड धोती के अंदर कर लिया। कुछ देर बाद ताईजी अपनी साड़ी ठीक करने लगी और वह इंसान भी अपनी धोती पहन लिया।
मुझे पता था अब दोनो किसी भी वक्त बाहर आने वाले हैं, इसलिए मैं झोपड़ी से हटकर थोड़ा दूर गन्ने के खेत में चुप गया और झोपड़ी के फाटक की तरफ देखने लगा, 2 मिनट बाद झोपड़ी का फाटक खुला और ताईजी बाहर निकालकर इधर उधर देखने लगी कि कोई है तो नही, फिर धीरे से घर की तरफ चली गई पर वह इंसान अभी भी झोपड़ी से बाहर नहीं निकला, मैं 5–10 मिनट इंतजार किया फिर भी वह इंसान बाहर नहीं आया इसलिए हिम्मत करके मैंने सोचा कि देखता हूं झोपड़ी में आखिर कौन है? मैं चुपचाप झोपड़ी के फाटक के पास पहुंचकर अंदर देखने लगा, झोपड़ी के अंदर देखकर मैं दंग रह गया, अंदर मेरी ताईजी के खेत में काम करने वाला मजदूर कल्लू था, मैं दंग रह गया कि मेरी ताईजी के खेत में काम करने वाला नौकर कल्लू अपनी मालकिन को चोद रहा था।
कुछ देर मैं ऐसे ही बेसुध खड़ा रहा, फिर जैसे ही मैं वहां से जाने को हुआ तो कल्लू में मुझे देख लिया,
"आप कब आए बाबूजी"
कल्लू मेरे उम्र का था लेकिन था तो एक नौकर ही इसलिए मुझे बाबूजी कहकर बोलता था।
"मैं वो, मैं अभी आया हूं, मुझे भूख लगी थी इसलिए ताईजी को ढूंढते हुए आ गया, ताईजी कहां है? और सभ्या चाची भी कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं।"
"मालकिन तो अभी घर के तरफ ही गई हैं और अम्मा तो कपड़े धुलने के लिए नदी किनारे गई हैं।,"
"ठीक है मैं भी अब घर जाता हूं।" ऐसा कहकर मैं घर के तरफ चल दिया।
Nice story bhaiIndex–
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Introduction–
मेरा नाम बलराम है मेरी उम्र 20 साल है, मेरे बारहवीं में 90% अंक आए थे इसलिए मेरे मां बापू ने आगे कॉम्पिटिशन और सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए मुझे मेरी ताइजी के गांव भेज दिया था क्योंकि वहां से शहर पास पड़ता था मैं साइकिल से कोचिंग जाता था, मेरे घर में मेरे मां बापू के अलावा मेरी दो बड़ी बहनें भी हैं लेकिन अभी के लिए इस कहानी में मेरे परिवार को कोई रोल नहीं है इसलिए मैं अपने परिवार का परिचय बाद में दूंगा।
मैं अपने ताईजी के घर में रहता था, मेरी ताईजी का नाम कजरी है उम्र करीब 50 साल है, देखने में थोड़ी मोटी हैं या यूं कहें कि गदराय जिस्म की मालकिन हैं, इनके पति की मौत को काफी साल हो चुके हैं। मेरी ताईजी अपने बेटे, बहू और अपनी बेटी के साथ रहती हैं, ताईजी के बेटे का नाम भीमा है , भीमा भईया की उम्र 30 साल है देखने में हट्ट कट्टे हैं, गांव के बाजार में कपड़े और कॉस्मेटिक्स की दुकान है भीमा भईया की पत्नी का नाम शीला है, उम्र 26 साल है। शीला भाभी गांव की सबसे खूबसूरत औरतों में से एक हैं, जवान से लेकर बूढ़े और बच्चे भी शीला भाभी के दीवाने हैं। ताईजी की बेटी का नाम पीहू है पीहू दीदी की उम्र 26 साल है, इसके आगे पीछे गांव के जवान लड़के अपनी गांड हिलाए घूमते रहते हैं लेकिन ये किसी को भाव नहीं देती तो ये है मेरी ताईजी का छोटा सा परिवार।
इस गांव में मेरा एक दोस्त है जो की मेरे साथ कोचिंग में ही पढ़ता है, मेरे दोस्त का नाम राज है, जिसकी उम्र 20 साल है, राज थोड़ा शर्मिला है लेकिन बड़ा ही चतुर है। राज के बापू का नाम शम्भू है उम्र 48 साल है इनकी गांव में दूध की दुकान है राज की मां का नाम रागिनी है, उम्र 46 साल है, देखने में मदमस्त गदराई गाय लगती है, राज की बहन का नाम रजनी है उम्र 26 साल है, रजनी गांव की सबसे चुदक्कड़ लड़की है और पीहू दीदी की सहेली है।
मेरी ताईजी के खेत में एक नौकर काम करता है अपनी मजदूर विधवा मां के साथ जिसका नाम कल्लू है, कल्लू की उम्र 20 साल है, कल्लू की मां सभ्या की उम्र 43 साल है, सभ्या ताईजी के घर में खाना बनाने से लेकर झाड़ू पोछा और कपड़े धुलना सभी काम करती है। सभ्या की चाल में ही एक चुदक्कड़ रण्डी दिखती है इसके स्तन और गांड बहुत सुडोल हैं।
इस गांव के प्रधान का नाम है मुरारीलाल, उम्र करीब 52 साल है और देखने में थोड़ा गट्टा और मोटा सांड जैसा है। मुरारीलाल की पत्नी का नाम कमला है, उम्र 46 साल है गांव की सबसे चुदासी औरत है चूंकि मुरारीलाल तो बाहर के कुएं का पानी पी रहा होता है तो घर के कुएं का पानी कहां से पिएगा और इस चक्कर में कमला हिस्टीरिया की मरीज बन कर रह गई है , दिन रात अपनी चूत में उंगली डालकर बैठी रहती है। मुरारीलाल की एक बहन है मेनका उम्र 36 साल, इसकी शादी नहीं हुई है क्योंकि यह मांगलिक है। मुरारीलाल और कमला के दो बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी, मुरारीलाल के बेटे का नाम सूरज है, उम्र 26 साल है, पीहू दीदी का सबसे बड़ा दीवाना है मुरारीलाल की बेटी का नाम डॉली है उम्र 22 साल है, डॉली बहुत ज़िद्दी और गुस्सैल प्रवृत्ति की है लेकिन उतनी ही खूबसूरत भी है, प्रधान की बेटी है इसलिए कोई इसके ऊपर नजर नहीं डालता। ।
मुरारीलाल अवैध धंधे भी करता है जैसे नशीले पदार्थ की स्मगलिंग इत्यादि, मुरारीलाल का नौकर हरिया इसके अवैध धंधे चलाता है, हरिया की उम्र 42 साल है अपनी पत्नी, बहन और बेटी के साथ गांव में ही रहता है। हरिया बहुत बड़ा नशेड़ी और चोदू किस्म का इंसान है, हरिया की पत्नी का नाम रेखा है उम्र 40 साल है, रेखा थोड़ी काली है लेकिन गदराया हुआ मस्त भारी भरकम जिस्म है, रेखा अपनी मालकिन कमला के सभी नाजायज काम करती है। हरिया और रेखा की बेटी मालती की उम्र 20 साल है, मेरा दोस्त राज मालती को बहुत पसंद करता है, मालती की चूचियां और गांड बेहद सुडोल हैं। हरिया की बहन का नाम कामिनी है उम्र 30 साल है, इसकी साड़ी को तीन साल हो चुके हैं लेकिन इसका पति गायब है और ये अपने बच्चे के साथ मायके आ गई है, देखने में कामिनी मस्त गदराई घोड़ी लगती है।
गांव में मेरी ताईजी के पड़ोस में शहनाज़ नाम की एक विधवा औरत रहती है शहनाज़ की उम्र 46 साल है, यह अपने घर में ही एक लेडीज टेलर की दुकान चलाती है, देखने में शहनाज़ बहुत गोरी चिट्ठी है और भरे हुए गदराए जिस्म की मालकिन है। शहनाज़ के परिवार में उसका बेटा , बहू और उसकी बेटी साथ में ही रहते हैं, शहनाज़ के बेटे का नाम शादाब है उम्र 30 साल है, देखने में अपनी मां के जैसे गोरा चिट्ठा है लेकिन हरकतें लड़की वाली हैं। शादाब की बीवी का नाम रुबीना है उम्र 26 साल है रुबीना और शादाब की शादी हुए छह साल हो चुके हैं, रुबीना बेहद खूबसूरत बदन की मालकिन है, देखने में बड़ी कमसिन लगती है लेकिन थोड़ी गुस्सैल स्वभाव की है रुबीना की अपनी सास बहुत लड़ाई झगड़े होते हैं। शहनाज़ की बेटी का नाम नुसरत है, उम्र 20 साल है नुसरत गांव की सबसे खूबसूरत जवान लड़कियों में से एक है, यह अपने घर में ही रहती है लेकिन कभी अगर अपनी अम्मी के साथ घर से बाहर निकलती है तो इसे देखने के लिए गांव के जवान लड़कों की कतार लग जाती है।
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