मेरा विचार-
सुगना और सोनी की बातचीत
सुगना अपने कमरे में अपने साथ हुई घटना के बारे में सोचते हुए उदास बैठी थी। उसका चेहरा उतरा हुआ था। सोच रही थी कि यह क्या से क्या हो गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था । हालांकि यह सच है कि अपने रात में ख्वाबों में वह इस चीज का कई बार आनंद ले चुकी थी लेकिन अपने सपनों को असली जामा पहनाने में उसका दिल हिचक रहा था। ऐसा सोच भी नहीं सकती थी कि उसके साथ इस प्रकार से जबरदस्ती हो सकती हैं । उसी समय लाली उसके कमरे में आई और उसने सुगना से उदास मन से और बड़े ही डरते हुए उसने सुगना से बोली- सुगना हमने के माफ कर देना। सुगना ने आश्चर्य से उसकी तरफ देखा और पूछा तुम किस चीज की माफी मांग रही हो । लाली ने अपने द्वारा किए गए इस पाप को मन ही मन सोचते हुए सुगना के सवाल का जवाब सोचने लगी। वह समझ नहीं पा रही थी कि किस प्रकार से सुगना को इस बात को बताए। लेकिन वह उसकी सहेली थी और वह सुगना के सुख दुख की साथी भी थी। उसे पता था कि सोनू और सुगना के बीच में जो भी हुआ है उसे सुगना हजम नहीं कर पाएगी और उसे अपने जीवन में उतार नहीं पाएगी । इसलिए वह हिचक रही थी और मन में डर भी लग रहा था कि अपनी बात को बताने के बाद सुगना का रिएक्शन क्या होगा लेकिन अपनी सहेली को जिस आनंद से अनुभूति कराना चाहती थी उसके बाद भी सुगना की ऐसी हालत देख कर उसे बहुत बुरा लग रहा था। लेकिन फिर भी उसने सोचा कि सुगना को पहले की तरह हंसमुख और खेलते हुए देखना है तो उसे ही उससे बात करनी ही पड़ेगी । लाली ने सुगना की तरफ देखते हुए अपने मन को मजबूत करते हुए और सुगना की आंखों में देखते हुए कहा कि जो बात मैं तुम्हें बताने जा रही हूं उसे ध्यान से सुनना और समझने की कोशिश करना। सुगना हैरानी से उसकी ओर देखने लगी आखिर ऐसी कौन सी बात है जो उसे बताने वाली है ।अब लाली ने उससे नजरें चुराते हुए अपनी बात आगे बढ़ाई ;देखो सुगना रात जो भी तुम्हारे और सोनू के बीच हुआ वह मैं जानती हूं ।यह सुनते ही सुगना आंखें फैल गयी वह तो समझ रही थी इस बात का हम दोनों के सिवा किसी को नहीं पता। उसने पूछा यह तुम क्या कर रही हो। लाली ने जवाब दिया हां सुगना मैं इस बात को और ज्यादा अपने तक नहीं रख सकती और तुम्हें इस प्रकार से दुखी नहीं देख सकती। आखिर तुम मेरी प्यारी सहेली हो ।सुगना सोचने लगी कि यह क्या कह रही है। लाली ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा जो भी उस रात तुम्हारे और सोनू के बीच हुआ वह मुझे पता है ।मैंने ही सोनू को तुम्हारे पास भेजा था ।उस रात सोनू मेरे पास आया लेकिन मेरी तबीयत उस समय सही नहीं थी। 3 दिन वाली जो बीमारी है हमें होती है वह मुझे शुरू हो गई थी ।लेकिन सोनू इतने दिन बाद आया था और उसे दिवाली का तोहफा भी चाहिए था। इसलिए मैंने उसे अपने से टालते हुए तुम्हारे पास भेज दिया। इतना सुनते ही सुगना का मन गुस्से से भर गया वह एक झटके से खड़ी हुई और एक जोर का तमाचा लाली के गाल पर मार दिया। और चीखते हुए बोली यह तूने क्या किया। तुम मेरी सबसे प्यारी सहेली हो और तुमने मेरे साथ ऐसा धोखा किया। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। तुमने मुझसे ऐसा पाप करवाया और साथ ही मेरे भाई को भी इसमें घसीट लिया। क्यों किया लाली तूने ऐसा क्यों किया। सुगना लाली को झंझोड़ते हुए चीखते हुए बोली। लाली की आंखों से आंसू बह रहे थे। वह सुगना से बोली मुझे माफ कर दो पता नहीं मुझे क्या हो गया था। लेकिन अब जो भी हो गया वह तो हो गया है ।सुगना बोली नहीं यह सब कुछ ठीक नहीं हुआ तुम मेरी प्यारी सहेली थी मैंने तुम पर कितना भरोसा किया था और तुमने मुझे धोखा दिया। चली जाओ मेरी नजरों से दूर हो जाओ तुम। फिर कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना- गुस्से में चीखते हुए लाली से कहा ।सुगना की बात सुनकर लाली हैरानी से उसका चेहरा देखने लगी ।उसने हैरान होते हुए सुगना से कहा यह तुम क्या कह रही हो क्या तुम मेरा चेहरा नहीं देखना चाहती। सुगना ने कहा हां नहीं देखना चाहती मैं तुम्हारा चेहरा ।जो कुछ तुमने किया है उसके बाद मैं तुम्हारा चेहरा नहीं देखना चाहती हूं ।और मैं मर जाना ही पसंद करूंगी। सुगना के मुंह से मरने की बात सुनकर लाली ने कहा खबरदार अगर तुमने मरने की बात की तो। तुम जानती हो तुम मेरी बहन से भी प्यारी मेरी सहेली हो और सोनू भी मुझे अपने भाई के ही तरह प्यारा है। तुम इस प्रकार से मरने की बात करोगी तो फिर मुझे भी तुम्हारे ही साथ मरना पड़ेगा। लाली के मरने की बात सुनकर सुगना थोड़ी शांत हुई। लेकिन उसका गुस्सा कम नहीं हुआ उसने पूछा तुम क्यों मरोगी तुम तो सोनू के साथ मजे ले ही रही हो ।लाली ने कहा और वही मजे में तुम्हें भी देना चाहती थी ।सुगना ने कहा लेकिन मुझे उसकी जरूरत नहीं है ।यह तुमने मेरे साथ जबरदस्ती किया है। लाली ने सुगना से कहा तुम झूठ बोल रही हो तुम्हे मुझसे भी ज्यादा इसकी जरूरत है और तुम जानती हो कि तुम भी सोनू से कितना प्यार करती हो और मैं भी सोनू से बहुत प्यार करती हूं ।सुगना ने कहा मैं जानती हूं कि तुम सोनू से किस प्रकार का प्यार करती हो। लाली ने उसकी बात समझते हुए कहा हां मुझे पता है कि तुम जानती हो और तुमने देखा भी है। लेकिन तुम मेरे दिल की भावनाओं को नहीं जानती कि मैं सोनू से ऐसा प्यार क्यों करती हूं। वह भी मुझे अपने भाई की तरह ही प्यारा है। सुगना ने लाली से कहा तुम बकवास कर रही हो अगर तुम्हें सोनू भाई की तरह ही प्यारा होता तो तुम इस प्रकार की हरकत उसके साथ नहीं करती। जिसे तुम प्यार का नाम दे रही हो। यह बात सुनकर लाली भड़क गई और उसने अपनी बात पर जोर देते हुए सुगना को कहा तुम्हें लगता है कि मैं सोनू से प्यार नहीं करती। तुम नहीं जानती कि यह सब जब शुरू हुआ तो कैसे शुरू हुआ। तुमने सिर्फ एक ही चीज देखी है जो हमारा मिलन था ।लेकिन यह सब कैसे शुरू हुआ क्यों हुआ यह तुम नहीं जानते। मानो आज लाली सब कुछ अपने दिल की बात सुनना को बता देना चाहती थी। सुगना ने हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए कहा तुम कहना क्या चाहती हो ।लाली ने गहरी सांस भरते हुए सुगना से कहा सब कुछ तो खैर मैं तुम्हें क्या बता पाऊंगी बस तुम इतना समझ लो कि सोनू उस समय उम्र कैसे पड़ाव पर था जिसमें अक्सर लड़के भटक जाते हैं। तुम्हें क्या लगता है वह मेरे घर आता था और मुझे देखता था तो क्या मुझे पता नहीं चलता था। तुम ही बताओ उस समय मुझे क्या करना चाहिए था ?क्या मैं सोनू को एक थप्पड़ मारकर उसे डांटते हुए हमेशा के लिए अपने घर आने से मना कर देती? उससे कहती कि तुम इस प्रकार से अपनी दीदी की सहेली को ऐसी गंदी नजरों से देखते हो खबरदार कभी मेरे घर मत आना ।तुम समझ सकती हो ऐसा कहने से उस पर क्या असर होता, वह हमेशा के लिए मेरे घर से मुझ से नाता तोड़ लेता। उसके गुस्सा होने से तुम भी मुझसे नाता तोड़ देती और आज जो हम इतने प्यार से सोनू के साथ और तुम्हारे साथ हम सब रहते हैं आज वह दिन कभी भी नहीं आता। सोनू भले ही मुझसे दूर हो जाता है लेकिन अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह जरूर कहीं न कहीं बाहर किसी और के साथ मुंह मारता। और तुम जानती हो कि अगर वह बाहर ही बाहर किसी के साथ इस प्रकार की हरकत करता तो अपनी पढ़ाई से भी दूर हो जाता और कभी भी आज का दिन तुम्हें देखने को नहीं मिलता ।ना वह अपनी पढ़ाई पर इस प्रकार से ध्यान दे पाता और ना ही मैं आज इतनी ऊंची पोस्ट पर होता। यह सब सिर्फ उस प्यार का नतीजा है जो मैंने उसे दिया है ।और रही बात इस चीज की कि मैंने उसके साथ ऐसा क्यों किया तो यह सच है कि मैं सोनू से बहुत प्यार करती हूं। और इसी प्यार को अगर और आगे मैंने बढ़ा दिया तो इसमें क्या गलत किया। आज तुम जानती हो मेरे पति मर चुके हैं लेकिन फिर भी मुझे उनकी कमी सोनू की वजह से महसूस नहीं होती। अगर आज सोनू नहीं होता मेरी जिंदगी में तो मेरी जिंदगी एक विधवा की तरह बीत रही होती। एक विधवा की तरह सफेद साड़ी पहनकर उदास बैठी रहती। तुम्हारे पति यहां पर नहीं है लेकिन फिर भी क्या तुम विधवाओं जैसी ही जिंदगी नहीं जी रही हो। जरूरी यह नहीं है सुगना कि हम किसके साथ क्या रिश्ता बनाया है, जरूरी यह है की हमारा सब का रिश्ता बहुत ही प्यार भरा है। और इसी रिश्ते के कारण हम एक दूसरे के कितने पास है सोनू इसी रिश्ते के कारण मेरे इतने पास है। और तुम भी यह बात जानती हो। तुम भी मेरे इतने पास हो ।मैं तुम्हें बहुत बार देख चुकी हूं इस प्रकार से अकेले जिंदगी बिताते हुए। मैं नहीं चाहती कि मैं अकेली ही सुख भोगती रहू और तुम इस आग में तड़पती रहो। मैं औरत होने के नाते अच्छी तरह समझ सकती हूं कि तुम्हारे जिस्म की जरूरतों को पूरा करने के लिए तुम्हारे पास कोई नहीं है ।और तुम्हें उस की कितनी आवश्यकता है। इसलिए मेरे पास एक ही रास्ता था कि जो सुख मैं ले रही हूं वह सब तुम भी दे सकूं हमारे रिश्ते अगर और ज्यादा प्यार भरे होते हैं तो इसमें दिक्कत ही क्या है ?तुम समझ सकती हो कि जब मैं इस प्यार को पा रही हूं तो फिर मैं यह कैसे सोच सकती हूं कि मेरी सहेली इस चीज के लिए तरसती रहे। माना कि मैंने बिना बताए धोखे से किया है लेकिन मैं बस यही चाहती थी की तुम्हारा और सोनू का प्यार और भी आगे बढ़ जाए। आज सोनू जिस पद पर पहुंचा है उस पद पर पहुंचने के बाद वह तुम्हारे लिए भौतिक चीजों को लाकर पूरा घर भर सकता है ।तुम्हें अच्छे से अच्छे कपड़े लाकर दे सकता है, गहने जेवर से तुम्हें लाद सकता है। लेकिन फिर भी तुम्हारे चेहरे पर जो तुम्हारे जिस्म की प्यास है वह हमेशा ही दिखाई देती रहेगी और तुम हमेशा ही उस चीज के लिए तड़पते रहोगी ।क्या यह सब होती चीजें पाकर तुम पूरी तरीके से खुश हो पाओगी ,नहीं ,तुम पूरी तरीके से खुश नहीं हो सकती। और अगर तुम पूरी तरीके से खुश नहीं होगी तो फिर सोनू चाहे तुम्हारे लिए कितना भी कर ले, तुम्हारे इस दर्द को जानते हुए वह भी हमेशा ही दुखी रहेगा। क्या तुम चाहती हो सोनू जो तुम्हें हमेशा ही खुश देखना चाहता है, वह तुमसे इतना प्यार भी करता है, वह हमेशा ही इस प्रकार से तुम्हें दुखी देखता रहे। वह कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन तुम्हारे इस दुख को वह दूर नहीं कर सकता था ।उसे दूर करने का सिर्फ यही रास्ता था कि तुम और सोनू अपने प्यार में और आगे बढ़ जाओ मेरी तरह। तुम्हारे ख्याल से यह गलत हो सकता है लेकिन मैंने तुम्हारी तड़प देखी है ,तुम्हारी प्यास देखी है। यह तुम्हारे लिए बहुत जरूरी था सुगना। तुम भले ही मुझे इसके लिए कुछ भी कहो लेकिन जो असली खुशी है वह तो सोनू ही दे सकता है ।नहीं तो तुम इसके लिए कहां जाओगी ।तुम्हारे पति इस समय तुम्हारे पास नहीं है और तुम भी जानती हो कि वह कभी तुम्हारे पास होंगे भी नहीं। बेहतर यही है तुम सोनू को अपना लो। इससे सोनू भी खुश रहेगा वह अपने जीवन में और तरक्की करेगा। और तुम भी खुश रहोगीऔर तुम्हें खुश देखकर सोनू और ज्यादा खुश हो जाएगा ।नहीं तो अगर तुम इस आग में जलती रही तो सोनू भी समझ सकता है कि उसने तुम्हारे साथ जो किया वो सही नहीं किया और इस हीन भावना से ग्रस्त होकर, तुम मानो या ना मानो अगर वह कोई गलत कदम भी उठा ले तो भी कुछ कहा नहीं जा सकता है। अब तुम्हारे हाथ में है। जो हो चुका है वह तो बदला नहीं जा सकता लेकिन अगर तुम हमारे सोनू को खुश देखना चाहती और बचाना चाहती हो उसकी जिंदगी, तो मेरी बातों को ठंडे दिमाग से सोचना । हम दोनों को सोनू को अपनाने में ही भलाई है ।इससे हमारे रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे और हम सबके बीच में प्यार बढ़ेगा और तभी तुम्हें भी अपने जीवन की असली खुशी मिल पाएगी। तुम जानती हो सुगना जब एक लड़की की शादी हो जाती है तो उसके भाई के सर से उसकी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। तुम्हारी शादी तो हो गई है लेकिन सोनू के सर से तुम्हारी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है और ना ही सारी उम्र कभी खत्म होगी ।और जब सोनू को यह जिम्मेदारी निभानी ही है तो फिर क्यों ना वह पूरी तरीके से ही इस जिम्मेदारी को निभाए । सोनू ने जो भी कुछ किया है वह तुम्हारे प्यार में पड़ कर ही किया है। इसलिए उसके प्यार को स्वीकार करो और उसके जीवन को आगे बढ़ाने में उसकी मदद करो। इसी में हम सब की भलाई है वरना अगर तुम उसे माफ नहीं करोगी और उसे अपनाओगी नहीं तो वह इस पाप से दब कर मर जाएगा। तुम्हें उसे एहसास दिलाना ही होगा कि उसने कोई पाप नहीं किया ।तभी तुम पहले वाले सोनू को पा सकती हो।