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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

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Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
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sunoanuj

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Waiting for next update mitr …
 

karthik90

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साथियों इस पोस्ट के पहले जिन साथियों के कमेंट आ चुके थे उन्हें मैंने १०१ वा अपडेट भेज दिया है...इस अपडेट पर .आपकी प्रतिक्रिया आने पर १०२ वा अपडेट भेज दिया जाएगा ....

जिन साथियों को अभी के बाद से पुराने 90 या 91 या 101 वा अपडेट चाहिए तो कृपया उस अपडेट का नाम जरूर लिखें...

मेरे लिए याद रखना कठिन होगा कि किसे कौन सा अपडेट नहीं मिला है..

आपके सहयोग के लिए अग्रिम धन्यवाद...
हां एक बात और कृपया मुझे डायरेक्ट मैसेज पर रिप्लाई करने की बजाय इस कहानी के पटल पर आकर ही अपडेट की मांग करें या विचार रखें...

साथ बनाए रखें....
Please send update 101 to me
 
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