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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

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Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
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चूत की आग जब चरम पे होती है तो औरत की सारी इंद्रियां उसे संभोग की तरफ आकर्षित करती हैं और फिर वो सब लाज शर्म हया छोड़ कर मदमस्त घोड़ी की तरह पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी गर्मी को शांत करती है
बिल्कुल सही agree with you
 

Kumarshiva

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सोनू सुगना के थन से दूध पीकर ऊर्जा प्राप्त करे और सारी ऊर्जा सम्भोग में खर्च कर
 
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