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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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होली स्पेशल अपडेट
IMG-20250613-WA0011
UPDATE 017 पेज नं0 56 पर पोस्ट कर दिया गया है
पढ़ कर लाइक कमेंट जरूर करें
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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excellent ..boss

mind blowing ..................

:adore:

aap ka DIWALI Gift kafi achha tha ....................... update ke jariye .......... :happy:
Dhanywaad
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DREAMBOY40

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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It is very nice story. Please continue as we don't get such good stories often. We will be grateful.
Shurkiya bhai
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 012


निशा ? निशा ? निशा ?
N..I....S...A..?
नहीं यार
NIS..H..A , ENTER !!!!

अरे यार इतने सारे USER ??

मैने एक के बाद एक करीब बीसियों इंस्टाग्राम यूजर आईडी को ओपन किया
या तो किसी के प्रोफाइल प्राइवेट थे या फिर वो मेरी सोना नहीं थी ।
तभी मेरी नजर अलग ही username पर गई
__its_nishu
जिसके प्रोफाइल पर एक नियॉन एनिमेटेड तस्वीर थी शायद लार्ड कृष्णा की ।
सोचने वाली बात थी ये मेरे इंस्टा की फोलोवर लिस्ट में पहले से ही थी । लेकिन मैने इसपर कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि इनकी आईडी प्राइवेट थी और मैने फॉलो बैक नहीं किया था । मैने जब मेरे पब्लिक अकाउंट वाली आईडी की प्रोफाइल में अपने पोस्ट चेक करने शूरू किए थे पाया इसने मेरे सारे फोटो लाइक किए है और स्टोरी हाइलाइट भी !!

माथा घूमने लगा , कन्फर्म करने का एक ही तरीका था CONTACT SYNC ऑप्शन ऑन करके उन्हें इंस्टा पर खोजू जो मेरे contact list में सेव है
सर्च किया मैने नतीजा , वही , __its_nishu


मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई
मेरी सोना मेरे इतने करीब थी और मै उसे खोज तक नहीं पाया , पहचान नहीं पाया
लेकिन सवाल ये था कि अगर वो मुझे जान रही थी , मेरी आईडी तो उसने मुझे बताया क्यों नहीं । कही ऐसा तो नहीं उसकी आईडी उसके घर वाले चलाते हो या फिर वो घर में ही किसी के मोबाइल में अपना आईडी खोल कर रखी हो चलाने के लिए

लेकिन ? सुबह तो उसकी सहेली के साथ में दो मोबाइल थे न , एक को वो पकड़े हुए थी और दूसरे से मेरी सोना की तस्वीरें निकाल रही थी ।

पता नहीं यार ....कुछ समझ नहीं आ रहा था
मै मेरे रूम में टहलते हुए गहरी सांस ले रहा था , क्योंकि बात जो भी ये तो पक्का था कि ये अकाउंट उसका ही है और वो बराबर मुझे स्टॉक कर रही थी लेकिन कभी बात नहीं किया ,क्यों ? क्यों ?
क्या मै उसको फॉलो बैक करु ?
नहीं , उसे पता चल जाएगा कि मै उसकी आईडी सर्च किया था ।
लेकिन फिर वो आज मुझे मिली ही क्यों ? हे भगवान क्या चाहते है आप ?

कभी कभी आप खुद समझ नहीं पाते हैं कि आप क्या रिएक्ट करें उस परिस्थिति पर जब आप अपने इष्ट से कुछ बहुत गहरे हृदय से मांगे और वो तत्काल उसे पूरी कर दें
शायद आप आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं होते है , शायद आप ये तय नहीं कर पाते है कि आगे जो कुछ होगा वो क्या नए हंगामे आपके लिए लेकर आने वाला है ।
लेकिन फिर आप गहरे भावनाओं से भर जाते हो और शायद यही सब मेरे साथ घट रहा था

देर रात तक मैने अपनी सोना के साथ बिताए हर एक पल याद किए और मुस्कुराता रोता रहा , उसको तस्वीरों में निहारता रहा । वो पल जब मैने उसकी आंखों में उम्मीद देखी थी और वो छलकी हुई आंखों में मेरे लिए तड़प देखी थी।
क्यों नहीं रुक गया मै वहा ?
चाहता तो रुक जाता , कर लेता कुछ फाइनल ?
द्वंद में सारी रात गुजर गई और अगली सुबह


01 मार्च 2022

09 बजकर 12 मिनट पर
एक अंजान नंबर से मेरा मोबाइल रिंग होने लगा
मै नहाने की तैयारी में था

ना जाने क्यों एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी
धड़कने तेज थी एकदम से और मैने अपने फिंगरक्रोस कर मन ही मन अपनी सोना को याद कर आखिरी रिंग से पहले फोन उठाया

: हैलो ??
एकदम से चुप्पी सी थी दूसरी तरफ से , बैकग्राउंड में कुछ बाजार की चहल पहल थी
: हैलो ? ( मैने दुबारा से आवाज दी )
: हाय ( एक महीन सी आवाज , मानो कितने डर में बोली )
: बाबू ? ( पूरी रफ्तार से मेरा कलेजा धड़क रहा था )
: हम्ममम , कैसे हो आप ?
उसके ये शब्द ने मेरे दिल के जख्मों को जैसे सिलना शुरू कर दिया होगा , पूरा जिस्म मेरा पिघलने लगा था और धड़कने थोड़ी थोड़ी सी रुकने लगी थी ।
: जिसका सुकून चला गया हो उसकी लाइफ से वो कैसे रहेगा ( अपनी पूरी तकलीफ पूरा दर्द शायद ही किसी और तरीके से मै बयां कर सकता था )
एकदम से वो फफक पड़ी फोन पर
: अरे बाबू !! रो मत प्लीज आई लव यू न मेरा सोना ( नहीं रोक पाया मै भी खुद को रोने से और न ही अपने प्यार का इजहार करने से )
: सॉरी ( उसने सुबकते हुए कहा , लेकिन बैकग्राउंड में कुछ ज्यादा ही चहल पहल थी और गाड़ियों की आवाज आ जा रही थी )
: इसमें आपकी कोई गलती नहीं सोना , वो बस हमारी किस्मत थी जिसमें हम दोनो को जलना था ( मैने मेरे ओर हर संभव प्रयास किया कि मै उसे फोन पर ही सम्भाल लूं )
: हम्म्म, लेकिन आपको कैसे पता कि मै कल वहां आऊंगी ? ( सहज सा सवाल था उसका )
: नहीं पता सोना , मै तो बस वहां अपनी टीम के साथ मॉर्निंग रेड पर गया था और मंदिर में तुम्हारे जन्मदिन के लिए बस थोड़ी सी प्रार्थना करने गया था । .... ओह सॉरी ...हैप्पी बर्थडे मेरी सोना मेरा सुकून
: हम्ममम थैंक्यू ... क्या मांगा था आपने वहां ?
: मेरा सुकून लौटा दें वो हर कीमत पर उसे अपना बना कर रखूंगा , चाहे दुनिया खिलाफ हो जाए ।
एकदम से वो चुप सी हो गई और
: ठीक है मेरा ऑफिस आ गया , शाम को बात करूंगी बाय
: आप जॉब करते हो ? ( मैने अचरज से पूछा )
: हम्ममम
: कहा ?
: शाम को बात करें ! मै अंदर जा रही हूं बाय
: बाय सोना , आई लव यू सो सो मच , उम्माह
: हम्म्म बाय

काल कट गया
" बस बाय "
दिल उतर गया कि उसने एक बार भी मुझे वापस आई लव यू नहीं बोला ,, शायद ऑफिस में आ गई थी और लोग रहे होंगे इसीलिए । शाम को बात करेगी ही

मै खुश हो गया और एक नई उम्मीद सी भरने लगी मुझमें
मैने मन ही मन अपने इष्ट को धन्यवाद दिया और नहा धो कर ड्यूटी पर निकल गया ।
शायद ही इतनी बेचैनी में दिन कटा हो कभी , शाम को 05 बजे तक मै फ्री हो गया लेकिन वो नहीं
ठीक शाम 06 बजकर 32 मिनट पर उसका मैसेज आया

: Hiii
: hyy jaana ( मैने झट से उसको रिप्लाई किया , बाजार में था उस वक्त मै सब्जियां ले रहा था )
: sorry late ho gaya
: koi nahi , aur btao ,call kru
: hmmm

मै समझ गया और मैने उसको काल किया
: हाय सोना , क्या कर रहे हो ?
: बस घर पर जा रही हूं ( थोड़ी उदास सी बोली )
: अच्छा हा ! आप जॉब कहा करते हो ?
: लखनऊ में
: और रहते कहा हो ?
: घर अपने , डेली अपडाउन होता है ।
: ओह्ह्ह अच्छा ( थोड़ा थोड़ा मै उसकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा था )
: और आप ? आपकी जॉब लग गई ?
: हम्मम , लास्ट ईयर ही और पहली ज्वाइनिंग भी यही है LESA में
: लेसा में मतलब ?
फिर मैने उसे अपने डिपार्टमेंट के बारे में बताया और अपनी पोस्ट और पोस्टिंग की जगह जो मोहनलालगंज से सीधे उल्टे दिशा में थी सीतापुर रूट से लग कर ।
: अच्छा है फिर तो , और घर में मम्मी पापा सब कैसे है ? ( फीकी सी खुशी से वो बोली )
: पापा की जॉब चली गई लास्ट ईयर कोरोना में तो वो घर पर है और मम्मी भी ठीक ही है अब और आपके यहां? आपके दीदी की शादी हो गई ?
: हा नवंबर लास्ट में
: और पापा मम्मी ठीक है ? ( मैने भी कैजुअल होकर सवाल किया )
: हा मम्मी ठीक है
: और पापा ? ( कुछ धड़कने मेरी कमजोर सी महसूस हुई )
: वो अब नहीं है , कोरोना में उनकी डेथ हो गई ( सुबक कर उसने कहा )

कलेजा कांप उठा मेरा ये खबर सुनकर और क्या बीती होगी मेरी सोना पर उस वक्त पर
: सॉरी बाबू , आप ठीक हो न ? अगर मुझे पता होता तो आ जाता आपके पास
: कोई बात नहीं , मै ठीक हूं ( उसकी सुरकती नाक की आवाज साफ साफ सुनाई दी मुझे , उनकी आंखे बह रही होगी ये सोच कर दिल रोने सा लगा मेरा )
: बाबू !!!
: हम्ममम
: ...... आई लव यू सोना ( बड़ी उम्मीद से मैने कहा उसे कि वो जवाब दे दे लेकिन इस बार भी वो चुप थी )
: मै बस पकड़ कर कॉल करती हूं ( एकदम से उसने ये बोलकर कॉल काट दिए )

और भी बेचैन कर गई
हर वो कोशिश जिससे मै मेरे दिल को ये यकीन दिला रहा था कि वो मुझे आज भी प्यार करती है , वो सब तसल्लिया मै मेरे दिल को दे रहा था ।
लेकिन शायद बीते साल में जो कुछ उसने सहा हो और वो सब बाते उसने मुझसे कही नहीं है अब तक , शायद उसकी हिम्मत टूट गई हो ।
काश मुझे ही पहल करके चले जाना चाहिए था उसके पास
कितनी अकेली पड़ गई होगी वो जब उसके पापा नहीं रूस इस दुनिया में
उसके घर की क्या मजबूरी रही होगी कि उसे नौकरी के लिए इतनी दूर आना पड़ा होगा शहर !!!


सवाल कई थे और जवाब सब मेरी सोना ही दे सकती थी
आया भी जवाब के रूप में एक मैसेज

: Ghar pahuch kar bat krungi , Bus me mere pahchan ke log hai
: okay sona 😘

मैने रिप्लाई किया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया
कुछ देर बाद वापस मैने हिम्मत करके एक text मैसेज भेज दिया : I love you mera sukoon 😘

लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं किया
और मै अपने काम में लग गया । वही शाम की सब्जी राशन की खरीदारी और वापस रूम पर ।
मन थोड़ा खुश था कि मेरी सोना लौट आई थी और कुछ उसके लिए परेशान भी , लेकिन मुझे सब्र ही रखना था शायद ही धीरे धीरे चीजें सुधरने लग जाए

देर रात में उसका मैसेज आया

: khana khaye aap ?
: Ha babu aur ap ? ( मैने उसको रिप्लाई किया )
: Hmm, kya ho rhaa hai ..
: kuch nhi , soya hu, apki foto dekh rhaa hu ( मैने खुश होकर रिप्लाई किया ) Miss you, call kru
: Nahi , Rat me nhi bat kar sakti hu call par

उसकी बातों से थोड़ा डर गया कही पिछले बार की तरह फिर से पकड़ी गई तो ,
: Ek foto bhejo n , plzzz ( मैने उससे दरखास्त की )
: ok ( उसका मैसेज आया और एक सेल्फी खींच कर बिस्तर में सोई हुई उसने भेजी )


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लेकिन उस सेल्फी में कोई चमक नहीं थी बहुत उदास सी थी वो , कोई खुशी नहीं
: kya hua , sad kyo ho
: Nahi to
: Ap khush nhi ho hum fir se bat kar rahe hai ?
: aisi bat nhi hai
: achcha ek baat puchhu ? ( मैने मेरे भीतर चल रही बेचैनी को साझा करना चाहा )
: hmm kaho
: Ap itne din mujhse bat kyo nhi kiye ek bhi baar ? Apko meri yaad nhi aa rahi thi ?
: Sorry 😔 bahut muskil se ab fir se mummy ne mujh par bharosa kiya hai ... Mai use nhi todna chahati thi

उसकी बातों ने मुझे अंदर से झकझोर दिया , कि किन मुश्किल हालातों में उसने मुझे छोड़ देने का फैसला लिया होगा । ना जाने कौन सी कसमें वादे उसे ये फैसला लेने पर मजबूर की होंगी । कितने महीनों तक उसने अपनी मां से नजर नहीं मिलाई होगी ।
दिल पूरी तरह से निराश हो गया था उसका जवाब सुन कर , और कही न कही मन में एक सवाल उठ रहा था कि फिर उसने मुझे फोन क्यों किया ?

: To aap ab mujhse pyar nhi karte 😕 ( बड़ी हिम्मत कर मेरे भीतर उठ रहे तूफान को सवाल के रूप में सामने लाया )
: Maine Aisa to nhi kaha , Par mai mummy ka bharosa nhi tod sakti hun ... Sorry 😔

उसकी बातों से मै समझने लगा था कि शायद मैने जो उम्मीद का दिया जलाया था वो बहुत दिन तक जलेगा नहीं
: koi baat nhi sona .. Thik hai hum baat nhi krenge . Lekin mai hamesha apki raah dekhunga wapas aane ki . I love you humesha 😘
दर्द ही लिखा था मैने और शायद वो भी समझ रही थी मेरी टूटती उम्मीद को , लेकिन मजबूरी थी ऐसा मै समझ रहा था ।

: kyo nahi karenge baat ?
: aapne apni mummy ko promise Kiya hai to kaise ? Mai apne swarth ke liye apki promise ko nhi tudwa sakta n
: aisa kuch nhi hai .. maine koi promise nhi kiya h .. bus dar lagta hai ab
: kaisa dar ?
: kuch nhi ... Chalo aap so jao . Mummy aa jaa rahi hai . Ok good night bye
: Ok , good night sona , love you 😘 hug kar lo 🥺
कुछ देर बाद उसका रिप्लाई आया

: Hug you babu , I love you so so much 😘

एकदम से जैसे मेरी धड़कन छोड़ती रूह ने लंबी आह सी भरी और मै अंदर से तरोताजा गया

वो मुझे आज भी चाहती है
इस से बढ़ कर मेरे लिए खुशी की बात आखिर क्या हो सकती थी
मैने सैकड़ों चुम्मिया कुर्बान कर दी उसके भेजे हुए तस्वीर पर और अपने सीने से लगा कर सो गया ।
दिन गुजरने लगे
और हमारी बात चीत हर रोज लगभग कुछ तय समय में ही होती थी
जैसे कि
* सुबह उठ कर उसका गुड मॉर्निंग विश मैसेज से
* फिर घर से निकलते हुए मैसेज से
* फिर जब वो लखनऊ आ जाती तो 2 या 1 मिनट बस फोन पर बात करती जबतक कि आपके ऑफिस नहीं पहुंच जाती
* शाम को फिर वही दो एक मिनट की बातचीत और फिर सीधा रात में खाने के बाद उसकी चैटिंग होती
कुछ ही दिनों में मै ये महसूस कर चुका था कि वो कितना सजग होकर बातचीत करती । उसका डर मै समझ रहा था या फिर कहूं सिर्फ मै ही समझ रहा है । धीरे धीरे मैने उससे बीते साल को लेकर बातचीत करनी बंद कर दी क्योंकि जब भी मै ऐसी बात छेड़ता वो एकदम से चुप हो जाती और मुझे ऐसा महसूस होता कि वो कुछ अपराध भाव सा महसूस कर रही हो ।
इनसब से उबरने का एक ही तरीका होता था कि मै उसको थोड़ा सा हंसाऊँ, छेड़ूं , थोड़ी रोमांटिक बातचीत शुरू करूं ।

फिर आया 6 मार्च 2022 का दिन
बीते हफ्ते में ये हमारा पहला रविवार था और मुझे उम्मीद थी कि हम सारा दिन बात करने वाले है , मैने उसको मैसेज किए


: Hyy sona, good morning 😘
करीब 5 मिनट बाद उसका रिप्लाई आया
: hii babu , good morning jaan 😘😘
: kya kar rha h bachcha mera ( मै आज बहुत खुश था और ना जाने क्यों उसपर प्यार भी बहुत आ रहा था )
: baathroom me hun 😁
समझ गया पगली मोबाइल लेकर फ्रेश होने गई है , खैर ये आम सी बात थी और ऐसा कुछ भी नहीं था जो मैने भी पहले नहीं किया था ।
हमारी थोड़ी बातचीत हुई और उसने बम फोड़ा कि आज वो अपने दीदी के यहां जा रही है तो जबतक वो मैसेज न करे मै अपनी तरफ से कोई भी मैसेज या कॉल नहीं करूं।

उसकी दीदी ....
ट्रेन का वो सफर और जिस तरह से उसकी दीदी मुझे मिली थी बीते साल मैने आज तक उसका जिक्र नहीं किया था अपनी सोना से
उतनी खुश दिल , हड़बड़ाई और चंचल और सबसे बढ़कर दूसरों का परवाह करने वाली लड़की जिसे मैने 4 घंटे के सफर में बहुत करीब से समझ लिया था , वो क्या ऐसी होगी कि अपनी छोटी बहन की मुहब्बत को स्वीकार न करें । लेकिन फिर भी कही न कही ये ख्याल आता है कि एक बड़ी बहन के नाते क्या पता उसे डर हो कि उसकी छोटी बहन किसी गलत संगत या गलत जगह फंस न जाए ।

खैर मैने उसको बड़े उदास मन से कहा कि वो निश्चिंत रहे और मै उसकी राह देखूंगा लेकिन मैसेज या कॉल नहीं करूंगा ।

समय बिताना बहुत कठिन था
आज संडे था तो मैने घर पर थोड़ा हाल चाल लिया
फिर सारा दिन मोबाइल चलाया
रह रह कर व्हाट्सअप खोलता और उसको ऑनलाइन देखता लेकिन फिर हिम्मत नहीं होती कि मैसेज कर दूं ।
उस रोज उससे कोई बात चीत नहीं हुई रात में भी नहीं
मन को मैने यही कह कर भुलवाया कि शायद वो अपने दीदी के यहां रुक गई होगी , लेकिन फिर भी आंखों से नीद गायब थी । देर रात तक मैने उसको ऑनलाइन पाया , कितने सवाल उठ रहे थे और ना जाने क्या ऊंट पटांग चल रहा था दिमाग में ।

बस दिल को यही दिलासा थी कि उसकी मुहब्बत जो मै महसूस करता हूं वो सच्ची है ।
मै सो गया और अगली सुबह हुई

ना moring मैसेज ना कुछ

मै ऑफिस के लिए निकल गया अपना रेडी होकर और ठीक सवा 09 बजे उसका कॉल आया

: हाय सोना , कहा थे आप , पता है कितना मिस किया आपको
: सॉरी बाबू , पता है कल मेरा मोबाइल बिगड़ गया था तो मैसेज नहीं कर पाई और अपने व्हाट्सअप पर मैसेज तो नहीं किया न , क्योंकि कल मैने दीदी के मोबाइल में व्हाट्सअप खोला था ऑफिस काम के लिए

फिर मैने उसे बताया कि वो निश्चिंत रहे मैने कुछ नहीं किया
फिर पता चला कि आज शाम तक उसको मोबाइल मिल जाएगा तो वो बात करेगी ।
उसके बाद देर रात कही उसका मैसेज आया और हमने थोड़ी बात की और सो गए ।
ये हफ्ता बीता और अगले रविवार को पता चला कि इस बार उसकी दीदी घर आई है , उस दिन फिर हमारी कोई बात चित नहीं हुई ।
मंडे से फिर से चीजें नॉर्मल हो गई और उसी हफ्ते होली भी थी ।

घर पर पहले से ही बुलावा आ गया था और मै 16 मार्च को शाम को ही निकल गया था अपने घर के लिए ।
अब दूरी बहुत थी नहीं और विभाग से गाड़ी मिली थी तो मै निकल गया घर ।

घर आया तो पता चला कि मेरी बुआ आई थी , फैजाबाद वाली

यही वो पल था जब मेरी रोमांटिक कहानी या कहूं कि मेरी प्यार भरी जिंदगी को एक नया विजन मिलता है जिसे आम भाषा में एडल्टरी कहते है ।
नया पात्र परिचय



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मेरी बुआ : सुशीला देवी , उम्र का सही आंकड़ा मुझे नहीं पता लेकिन इतना जरूर पता है कि पापा से बड़ी है । शायद ये पहली ऐसी महिला थी मेरी जीवन कि जिनके चौड़े कूल्हे देख कर मेरा मन विचलित हुआ कि उनकी पैंटी का साइज क्या होगा । दरअसल वो थोड़े भारी बदन की औरत थी , देसी गदराई मोटी जांघें , उठे हुए चौड़े कूल्हे , चर्बीदार पेट और खरबूजे जैसे मोटे गोल स्तन । भरा सुंदर गोरा चेहरा और दूधिया गोरा बदन , 6 मीटर की साड़ी में भी उनका बदन अच्छे से छिप नहीं पाता था । लेकिन इतना सब होने के बाद भी उनका स्वभाव बड़ा शर्मिला था , चूंकि मम्मी और वो दोनों इकलौती भाभी ननद थी तो उनकी आपस में खूब बनती थी । शायद ही मैने कभी मम्मी को इतना खुल कर किसी से बात करते या शरारत करते देखा था ।

मेरे फूफा : किशनलाल , पेशे से बिजनेस मैन , शराब के ठेके से लेकर पेट्रोल पंप तक का अच्छा खासा कारोबार चलता था । बचपन में लगता था कि फूफा बहुत अच्छे आदमी होंगे लेकिन बढ़ते उम्र की समझ ने मुझे उनके मजाकिया मिजाज और रंगीन मिजाज का फर्क बखूबी समझा दिया था । अक्सर एक चीज मैने देखी थी कि जब भी वो हमारे घर आते तो बहुत सारा समान कपड़े मिठाई के साथ आते । चूंकि वो घर के दामाद थे तो मम्मी उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ती , बचपन में उन्हें घंटों मम्मी से बात करते हंसते देखता लेकिन फिर समझ आने लगा कि उनके और मम्मी के बीच मजाक का स्तर कुछ अलग ही था ।


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मेरी इकलौती बहन : बबली दीदी , वैसे तो दूर के रिश्ते में कई सारे कजन भाई बहन मिल जायेंगे लेकिन इनसे मेरा बचपन से ही रिश्ता काफी दोस्ताना था , हालांकि हम बहुत कम मिले है एकदूसरे से यहां तक कि कभी वो मुझे राखी नहीं बांधने आई क्योंकि शुरू से ही वो पढ़ाई के लिए बाहर रही थी और जब कभी मै किसी फंशन पर मम्मी पापा के साथ उनके यहां गया हूं तभी मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। एक गजब का आकर्षण था उनमें , एक हसमुख सा चेहरा और शरारती आंखे । किसी को भी मोह लें । ये पहली बार था कि वो मेरे घर आई थी ।



मेरी गाड़ी रुकी और ड्राइवर ने मुझे ड्रॉप किया और वापस निकल गया , क्योंकि उसका घर लखनऊ में ही था और मुझे वापस भी अब होली बाद ही था ।
मैने एक मैसेज डाल दिया अपनी सोना को कि घर पहुंच गया हूं और गाड़ी से उतरते ही दो मंजिला मकान मेरा सामने थे और वही ढलती शाम में टैरिस पर कान में इयरबड्स लगाए एक टहलती हुई लड़की मैने देखी और शायद उसने भी मुझे देखा लेकिन शायद उसके मन में उतनी जिज्ञासा नहीं थी जितना मुझे हुई थी ।
मै उलझा हुआ घर में दाखिल हुआ

एक चैनलनुआ गेट दाखिल होते ही एक खुला बरामदा , जिसकी दाहिनी तरफ से एक जीना जो सीधे ऊपर के दोनों फ्लोर को जाता है । कहने का मतलब है ऊपर जाने के लिए बाहर से ही व्यवस्था है । एक गेट जिसमें घुसते ही हाल , जिसमें एक तरफ किचन तो दूसरी तरफ बाथरूम बीच रखा हुआ पुराना सोफा और सोफे के ठीक सामने दिवाल से चिपकी हुई 32 इंच की LED TV . सोफे के दोनों दो कमरे के गेट खुलते थे, किचन से लगा हुआ कमरा मम्मी पापा का था और बगल वाला मेरा , लेकिन शायद वो कमरा आज किसी और को अलॉट था ।
जिसके ट्राली बैग बेड के किनारे रखे हुए थे ।
अभी तक कोई मुझे दिखा नहीं

" मम्मीईईईई , कहा हो "

एकदम से मम्मी अपने रूम से खिलखिलाती हुई आई और मुझे देख कर उनके चेहरे की रौनक और बढ़ गई

: अरे रोहन ( मम्मी ने मुझे चेहरे को थाम कर देखा और मैने झुक कर पैर छुए और बगल से हग कर लिया )

मम्मी मेरी कमर में हाथ डाले हुए हंसी हुई अपने कमरे की ओर देखने लगी कि इतने में मेरी सुशीला बुआ अपने साड़ी का पल्लू सही करती हुई आई
उनका खिला चेहरा देख कर मै खुश हो गया
: अरे बुआ आप ...( झुक कर मैने उनके पैर छुए ) नमस्ते
बदले में वो मुझे पकड़ कर खड़ी हो गई , उनके दिल की खुशी साफ झलक रही थी ।
: कितना दिन बाद देखा तुझे ,कितना बड़ा हो गया है ( बुआ ने मेरे बाल सही करते हुए कहा ) इसके लिए कोई लड़की देखी या नहीं

लो शुरू हो गई शादी पुराण
मुझे एक चीज से खासा दिक्कत होती थी कि दो रिश्तेदार जब भी जवां खून देखते है उनको शादी की चूल हो जाती थी

मम्मी ने मुझे हाल में बिठाया और बुआ भी मेरे पास आ गई । फिर मम्मी मेरे लिए पानी लेकर आई और शुरू कर दी कि कहा कहा से मेरे लिए रिश्ते आ रहे है
: दीदी , मै तो अभी रोहन की कम से कम 2 बरस बाद ही शादी करूंगी , अरे उम्र ही क्या है मेरे लाडले की
: हा लेकिन भाभी , अरे अभी से देखना शुरू करोगी तब न कही अच्छी लड़की मिलेगी , कही ऐसा तो नहीं रोहन ने वही शहर में ही कोई पसंद कर ली ,क्यों बबुआ

ये जो हंसी मजाक में बच्चों को शामिल कर उनकी बाते उगलवा लेने की ट्रिक से मै काफी वाकिफ था तो बुआ के झांसे में मै आने से रहा

: मम्मी , आपको लगता है मै बुआ को छोड़ कर किसी और शादी करूंगा
बुआ एकदम से चौक गई मेरे मजाक से : धत्त बदमाश, मसखरी कर रहा है मुझसे
: अच्छा मम्मी , सच सच बताओ आपको बुआ जैसी अच्छी , प्यारी , इतनी गोरी बहु मिलेगी हीही बोलो बोलो ( मैने बुआ के गाल छू कर उन्हें छेड़ा )
: अरे मै तो कबसे राह देख रही हूं कि कब तेरी बुआ इस घर की बहु बने , लेकिन इनको तेरे पापा पसंद ही नहीं आ रहे है हाहाहा

मम्मी का मजाक थोड़ा डार्क हो गया और बुआ पूरी शर्म से गुलाबी , असहज थोड़ा मै भी हो गया , लेकिन यही तो एक कामन चीज थी मम्मी बुआ में इनकी मस्तियां फुल टू डार्क और गंदी होती थी । बचपन में मुझे चीजें समझ नहीं आती थी लेकिन धीरे धीरे उनके मतलब मै समझने लगा था ।
असहज होकर मैने बुआ को छोड़ दिया और बात घुमा दी : मम्मी पापा कहा है ?
: वो बाजार गए है सब्जी लेने ( मम्मी के गाल अभी भी खिले हुए थे और बुआ की गाल अभी तक गुलाबी थे )

मैने पानी पिया और एकदम से मुझे छत पर टहल रही ये शख्स की याद आई और फिर अपने प्राइवेट जोन की , कैसे मै रात में अपनी सोना से बातें कर पाऊंगा ।

: बुआ !!
: हा बबुआ बोल
: मेरे कमरे में आपका समान है ?
: हा क्यों ?
: फिर आप मेरे साथ सोओगे न?
: धत्त कहा रे, वहा हम दोनो सोएंगे तेरी बुआ और पापा साथ में सोएंगे

इतने डार्क मजाक से मै एकदम सन्न हो गया , हालांकि मम्मी बुआ के लिए ये सब कामन था लेकिन मम्मी ने कभी इसके लिए मेरे सामने परहेज नहीं किया ।

बुआ उन्हें आंखे दिखा रही थी और मै चुपचाप उठ कर ऊपर जाने के लिए सरक गया ।
जीने से ऊपर आते ही ऊपर एक खुला बालकनी नुमा खाली जगह है और जीने के ऊपर से ही जीना टैरिस की ओर जाता है । ऊपर भी नीचे की तरह ही दो कमरे हाल और वही नीचे वाला बरामदा ।
पहले ये घर एक मंजिला था , लेकिन नौकरी लगने के बाद नीचे वाला ही डिजाइन ऊपर उठा दिया , बस नीचे किचन की जगह पर एक स्टोर रूम बना दिया गया और हाल का बाथरूम टॉयलेट टैरिस पर सेट कर दिया गया पीछे की तरफ

मै ऊपर आया और मेरे कानो में कुछ बाते गुनगुनाई , न लपक कर जीने से ऊपर आया

छत की दूसरी ओर चारदीवारी के पास एक लड़की टीशर्ट और लोवर में फोन पर बात कर रही थी


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जैसे ही उसने मेरी आहट पाई वो फोन काट कर मेरी ओर आई
उसका गोरा रंग और वो चंचल आंखे देखते ही मेरे मन में एक नाम उठा और मैने उसकी ओर उंगली करते हुए : बबली दीदी ??

: रोहन ??
: हा , हीहीही , नमस्ते दीदी
: नमस्ते के बच्चे कहा था तू , नौकरी लग गई और बताया भी नहीं न फोन न कोई खबर
: हा लेकिन कहा मेरे पास आपका नंबर था और आप भी तो नहीं थे अपने घर ?
: उम्मम सॉरी बाबू वो , मै दिल्ली में थी और अभी पिछले महीने ही लखनऊ शिफ्ट हुई हूं
: क्या लखनऊ में ? कहा ? मै भी तो लखनऊ में हूं ( मै एकदम से उत्साही हो गया )
: जानकीपुरम में मैने मेरा नया इंस्टीट्यूट खोला है ?
: किस चीज का ? ( मैने पूछा क्योंकि जानकीपुरम मेरे ऑफिस एरिया में ही आता था )
: अरे पागल , ब्यूटीशियन कोर्स का और किस चीज का ( वो बड़े कैजुअल होकर बोली जैसे मुझे पहले से पता होना ही चाहिए था ये सब ) मैने अपना यहां न्यू सेंटर खोला है और तू भी तो लखनऊ में ही है न ?
: हा , लेकिन थोड़ा दूर पड़ेगा आपके यहां से , वैसे ऑफिस मेरा वही पास ही है लेकिन ड्यूटी एरिया रूलर साइड में है ।
: ओह , हम्मम और बता मुझे मेरी भाभी से कब मिलवाएगा

एकदम से मै चौक गया
: क्या कह रहे हो आप ( मैने अपनी चोरी छिपानी चाही )
: क्या मतलब तेरी कोई gf नहीं है , इतना स्मार्ट है फिर भी ?
: सबको लगता है कि स्मार्ट हूं तो पहले से होगी हाहाहाहाहा
: हाहाहाहा पागल
: तो मेरे कोई जीजू है या नहीं ( छत पर खड़े हुए रेलिंग की पाइप को हथेली में ऐंठने की कोशिश करता हुआ मैंने नजरे चुरा कर पूछा )
: बदमाश कही का , हीहीहीही तेरे जीजू से ही बात कर रही थी
: सच्ची ( एकदम से अनजानी सी खुशी हुई सुनकर ) फोटो दिखाओ
: भक्क अभी नहीं , ये बता रात में कहा सोएगा तू , यार मुझे मम्मी के पास नहीं सोना , यहां ऊपर सोना है अकेले, तू भी यही आजा न

मै समझ रहा था कि बबली दीदी को प्राइवेसी चाहिए और शायद मुझे भी इसकी जरूरत थी क्योंकि नीचे कमरे में मुझे किसी न किसी के साथ तो सोना पड़ता और उनसे कही ज्यादा कंफर्टेबल मै अब बबली दीदी के साथ हो गया था । क्योंकि मुझे भी तो अपनी सोना से बातें करनी थी ।

फिर हम लोग प्लानिंग करके नीचे चले जाते है ।

जारी रहेगी



( कहानी पर इस वीक में दो से तीन अपडेट आएंगे अगर , मिनियम 10+ लाइक और रेवो मिलते है । )
 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Is 1 update ne dil hi
इस update ने दिल तोड़ दिया..... अकेला छोड़ दिया प्रिया को.... निशा को.....और अपने हीरो को....



बहुत अजीब होता है वो lamha जब कहीं आप समय बिताना के बाद वहां से विदा होना pade....

Vary good update ☺️

interesting

interesting

Nice update brother

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Ye din jab bhi aata h dil tor ke rakh deta h
Jab hame lagta h ab thora time ho gya vo dikh jati h "pose dete hue"
Ati sundar update h 👍

Nice update

Esa mat kar yrr, site issues chal rhe hai isliye log kam aa rhe hai... Bahut achi story hai, continue karo yrr

Top haj kahani

Shaandar update

NO problem dear ....

aap aapne hisab se aage badhiye ....

Happy Diwali :love:

excellent ..boss

mind blowing ..................

:adore:

aap ka DIWALI Gift kafi achha tha ....................... update ke jariye .......... :happy:

Aap aage likho please
Hum sab aapke sath hain❤️

It is very nice story. Please continue as we don't get such good stories often. We will be grateful.

Bhut achi story hai .ruko mat
कहानी की अगली पोस्ट कर दी गई है
पढ़ कर रेवो जरूर करें ।
 
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