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Incest उफ्फ अम्मी (चोरी चोरी चुपके चुपके)

Vikashkumar

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Update Dete rahna , pichle kahani ke tarah mat chodddd denaa bich m.
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Thunderstorm

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"अम्मी.....अम्मी कहाँ हो आप"
(खुशी से चहकता आसिम घर में इधर उधर अपनी अम्मी को ढूंढते हुए आवाज़ लगाता है।अभी वो स्कूल के कपड़ो में ही है और हाथ में कुछ थामे हुए है।)

"इधर किचन में हूँ आशु" (किचन के काम में मशगूल नमरा वहीं से आवाज़ देती है)

(आसिम भागता हुआ किचन में पहुँचता है और अपनी अम्मी से लिपट जाता है और अम्मी के हाथों में एक कागज का टुकड़ा पकड़ाता है)

पन्ना देखते ही नमरा का चेहरा खुशियों से खिल जाता है।वो और कुछ नही आसिम का रिजल्ट है।97% मार्क्स लाया है कहानी का नायक।

"आशु....ये...तूने टो...."
(खुशी के मारे गला भर सा जाता है नगमा का)

"जी अम्मी,आपके आशु ने फिर से टॉप किया है और अबकी बार केवल अपना स्कूल नही बल्कि पूरे टाउन में"

"पूरे टाउन में?"

"जी अम्मी,पूरे जिले में,पता है प्रिंसिपल सर् कह रहे थे कि अब मुझे बड़े शहर जाकर आगे पढ़ने,यहां तक कि किताबों और बाकी खर्चों के लिए भी वजीफा मिलेगा"

"सच?"(नमरा के हसीन चेहरे पर खुशियों के मोती छलक पड़े थे,उसे पोछती है)

"बिल्कुल सच,अम्मी"

(अभी भी आसिम अपनी अम्मी से पीछे से इस तरह लिपटा हुआ था कि उसका लण्ड सीधा नमरा की कसी हुई गदरायी गांड की दरार के बीच में था और अब धीरे धीरे खड़ा भी होने लगा था।नमरा के पेट पर बंधे आसिम के हाथ का दबाव भी बढ़ने लगा था।नमरा को भी इसका एहसास हो गया लेकिन उसने आसिम को रोका या हटाया नही ना ही इस चीज़ को दर्शाया बल्कि आम स्वभाव से ही उससे बातें करती रही।हटाती भी कैसे और क्या बोलकर,ये चीज़ उसने पहली बार तो महसूस की नही थी।38 साल की नमरा एक हसीन और मादक जिस्म की मालकिन थी।गोरा रंग,सीने पे कसे हुए स्तन जो गुरुत्वाकर्षण की भी अवहेलना करते थे,गांड ऐसी कसी हुई और गोल गोल थी कि सूट में से जब वो मटकती तो उसे देख कर जाने कितने ही जवान और बूढो तक का हाल बुरा हो जाता था ,ऐसे में उसका खुद का जवान होता बेटा इन सब से कैसे बच सकता था।किशोरावस्था में यदि लड़को का ध्यान किसी एक काम में सबसे ज्यादा लगा रहता है तो वो है स्त्री शरीर को जानने,छूने, महसूस करने की इच्छा।छोटे शहर में रहने के कारण लड़कियों से बात करना इतना आसान नही था,यहां पढ़ने वाली लड़कियां भी शहर की लड़कियों की तरह बेबाक और आज़ाद खयालों की तो होती नही इसलिए बाकी लड़को की ही तरह आसिम भी इसके लिए इंटरनेट का सहारा लेता था और पोर्न देखते हुए मुठ मारता था लेकिन उस समय तक उसके मन में अपनी अम्मी को लेकर ऐसे ख्याल न थे।एक दिन इंटरनेट सर्फ करते हुए आसिम को एक फोरम मिला जिसमे ढेर सारी "इन्सेस्ट" कहानियां थी।फोरम पर लोगो ने अपने इन्सेस्ट के अनुभव भी साँझा किये थे।लेकिन जिस वर्ग ने आसिम को सबसे ज्यादा उत्सुक किया वो थी माँ बेटे की कहानियां।आसिम ने एक कहानी पढ़ी,फिर दूसरी तीसरी और फिर न जाने कितनी ही मा बेटे वाली कहानियां पढ़ डाली।कहानियां पढ़ते पढ़ते ही आसिम खुद को बेटे और नमरा को मा के किरदार में डाल कर कल्पना करने लगा।उस दिन उसने कई बार मुठ मारी और इस बात से आश्चर्यचकित था कि हर बार ही वीर्यपात पहले की तुलना में अधिक हुआ।आसिम की नज़रों में उसकी अम्मी अब बस उसकी अम्मी न थी बल्कि एक बेहद हसीन और कामुक जिस्म वाली औरत भी थी लेकिन आसिम को ये भी पता था कि वो चाह कर भी कुछ कर नही सकता।उसका रिश्ता ही कुछ ऐसा है इसलिए वो कभी अम्मी की ब्रा चुरा कर तो कभी पैंटी चुरा कर बाथरूम मैं अम्मी की कल्पना करते हुए मुठ मारता।

नमरा के शौहर आसिफ नमरा से उम्र में 6 साल बड़े थे।उनका कपड़ो के एक्सपोर्ट का व्यापार था और कहते है ना घर की मुर्गी दाल बराबर।जिस नमरा को पाने की इच्छा मोहल्ले के हर जवान बूढ़े मर्द को यहां तक कि खुद उसके बेटे को थी उसे आसिफ दाल बराबर ही समझता था।हालांकि नमरा और आसिफ के बीच शारीरिक संबंध कायम थे और आसिफ नमरा को शरीर से संतुष्टि देने में पूरी तरह सक्षम था लेकिन मिया बीवी का रिश्ता केवल यौन संबंध तक तो सीमित नही रहता न,रूह से रूह का रिश्ता होता है,बिस्तर पर दो जिस्म ही नही दो आत्माएं एक हो रही होती है,भावनाओं का सैलाब उमड़ता है,अपने प्रेमी में खो जाना,अपना सब कुछ समर्पित कर देना,एक हो कर आनंद के शिर्ष पर साथ पहुंचना ही यौन क्रिया की पराकाष्ठा होती है लेकिन यहां नमरा और आसिफ का हमबिस्तर होना बस एक औपचारिकता बनकर रह गयी थी, अपनी शरीर की भूख शांत करने का बस एक ज़रिया,न तो पहले की तरह बातें होती थी,न भावनाएं ही बची थी,न ही नमरा को आसिफ में अब वो शिद्दत नज़र आती थी,बस एक भूख थी जो शांत होने पर आसिफ नमरा की तरफ ध्यान भी नही देता था।नमरा से ज्यादा अब आसिफ का ध्यान अपने कारोबार की तरह अधिक था।कभी देर रात से घर आता तो कभी कभी पूरी रात बिना बताए बाहर ही रहता,नमरा को कॉल करके बताने तक कि ज़हमत नही उठाता नतीजतन दोनों के बीच कई बार झगड़े भी होते थे।आसिफ की अम्मी ने कई दफा आसिफ़ को समझाने की कोशिश भी की,कुछ दिन तो आशिफ के बर्ताव में बदलाव आता लेकिन वापस वही सब शुरू हो जाता।नमरा जिस्म से तो अपने शौहर के करीब थी लेकिन दोनों के बीच दूरियां आ चुकी थी, दिलो में दरार पड़ चुकी थी और यही दूरियों के बीच में आसिम ने अपनी जगह तलाश ली थी।नमरा कि दिल की दरार उसने अपने प्यार से भरनी शुरू कर दी थी।पढ़ के आने के बाद वो हर वक़्त अपनी अम्मी के साथ बिताने लगा था,अपनी हर बात चाहे वो छोटी से छोटी हो या बड़ी से बड़ी वो नमरा से साँझा करता,धीरे धीरे नमरा का विश्वास जीतने लगा था आसिम।कभी उसके लिए उसका पसंदीदा फूल लाता तो कभी पसंदीदा मिठाई,अब तो वो नमरा की खूबसूरती की भी तारीफ़ करने लगा था,गुड मोइनिंग और गुड नाईट किस भी देने लगा था अपनी अम्मी को।मौका मिलने पर कभी पीछे से कभी आगे से हग करने करने का मौका भी नही जाने देता था ।नमरा को भी धीरे धीरे आसिम के साथ वक़्त बिताना अच्छा लगने लगा था।आसिम का उसे गले लगाना,उससे लिपटना,अपने गालो पे आसिम के होंठो की छुअन ,साथ ही नमरा अपने जिस्म पे पड़ती आसिम की नज़रों को भी पढ़ पा रही थी,ये नज़र उसके बेटे की नही,उसके प्रसंशक की थी।दुनिया की हर औरत अपने ऊपर पड़ती नज़रों में फर्क बता सकती है।नमरा भी समझ गयी थी कि उसके जिस्म पे पड़ती इस नज़र में प्यार है साथ ही साथ उसके जिस्म के प्रति आकर्षण भी है।ये एहसास नमरा के शरीर में एक उमंग एक गुदगुदी पैदा करता था।ये बात तब और भी पूरी तरह से साबित हो गयी जब एक दिन नमरा आसिम की अलमारी से कपड़े निकल रही थी और उसमें उसे उसकी पैंटी मिली जिसपे शायद कुछ दाग जैसा लगा हुआ था।नमरा को समझते वक़्त न लगा कि उसका बेटा उसके जिस्म के प्रति आकर्षित है लेकिन नमरा को बता था आसिम जिस उम्र में है उस पड़ाव पे ये सब होता ही है,दिमाग से ज्यादा इस वक़्त शरीर हॉर्मोन्स के प्रभाव में काम करता है।अब नमरा भी इस इंतज़ार में रहती की कब आसिम पढ़ कर आएगा और उसके साथ वक़्त बिताएगा।उसके जीवन का खालीपन आसिम के प्यार से भरने लगा था लेकिन नमरा को अपनी सीमाओं,अपनी मर्यादाओं, अपने रिश्ते की सच्चाई का भी एहसास था और इसलिए जब आसिम उससे ज्यादा करीब होने का प्रयास करता तो उसे बिना दर्शाते हुए,हंसी मजाक में ही नमरा उससे दूरी बनाते हुए उसे सीमाओं का एहसास करा देती थी।आसिम बेचारा तरस कर रह जाता था।उसकी तरस उसकी तड़प का फल बहुत जल्द ही मिलने वाला था।
Bhai :congrats: for new story. Aapki pichali story bhi bahut badhiya hai, lekin aapne use adhuri chod rakhi hai. Halanki mai ispe kuch nahi bolunga kyuki mai samajh sakta hu ki aapko koi problem ho sakti hai. Ummeed hai firse ek dhamakedar session ki. Last me bs itna kahunga ki pls is bar :dontgo:
 

Sexy launda

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Bhai bht dino se likh nhi paa rha tha,kai saare reasons thay lekin ab jab likhna shuru kra to isko bhi finish karunga.Ajj sunday hai to dobara se padh k tempo bna k kahani ko aagey badhaunga.ek adhuri kahani se pathak kitne kunthit ho jaate hai iska bhi aabhas hai mujhe.maafii chahunga aur is baar kahani puri karne ka pura prayas karunga.
Copy paste story hai to kaise complete kroge,
Dusro ki story copy krte ho
 

Incest--boy

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Plz read this story
 

Siraj Patel

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 
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