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आभार भाई, आपके जैसे लेखक द्वारा इतनी प्रशंसा मिलना अत्यधिक ही उत्साह बढ़ाने वाला है, आशा है आगे से इतने दिनों का विलंब नहीं होगा।मित्र.
काफी दिनों पश्चात सारे अपडेट्स पढ़ने का अवसर मिला.. मज़ा आ गया.. पात्र आलेखन और द्रश्य विवरण इतना सटीक और वास्तविक है.. की पढ़ने वाला आँख बंद कर लें तो एक पल के लिए खुद को ही लल्लू, छोटू और भूरा के बीच महसूस करेगा.. !! बहुत ही उमदा.. यूं ही लिखते रहिए..
सस्नेह
वखारिया
बहुत बहुत आभार भाई, मैंने पहले भी कहा है कि आपकी और ठरकी पो भाई की कहानियों को पढ़कर ही मैंने भी लिखने की हिम्मत जुटाई है, आपकी प्रतिक्रिया कहानी पर पाकर बहुत अधिक हर्ष हुआ, आशा है आगे भी आप इसी तरह से जुड़े रहेगें ।बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति मित्र
गजब की कहानी है , सब कुछ सचित्र और संजीव सा मालूम पड़ता है
चाहे वो गाव के घूमककड़ो की यारी हो या फिर पिछड़े हुए समाज मे महिलाओ पर थोपे गये संस्कार और मर्यादाओ की बेड़ीया हो या फिर भूत प्रेत बाधा वाली किस्से कहानिया सब कुछ आस पास घट रहा हो और अपने ही गाव घर की बात हो ऐसा मह्सूस हो रहा है ।
लता ताई के झुल्ते चुचे और पुष्पा की फैली गाड़ सब किरदार आन्खो मे बस से गये हो ।
किसी पुराने और अनुभवी एक पाठक मित्र द्वारा कभी मेरे लिए ये बात कही गई थी वो आज आपको समर्पित है
Brilliant updates with awasome writting skills. Keep it up
आभारFantastic update Bhai... waiting more