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Adultery उस रात पापा ने मुझे चोद दिया, एक कामुक तंत्र कथा (अनीता )

jeet69

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UPDATE-14
फ्लैट का दरवाजा खोलते वक़्त मेरा प्लान तैयार था.. और सारे हथियार भी मेरे पास पुरे थे...


बैडरूम मे पहुँच.. मैंने अलमीरा से वो didlo निकला...
उसे देख मैं मुस्कुरा गई...

आज तु देगा सज़ा उस भैंसे को.. कहते हुये मैंने उसे चूम लिया .....
अपनी जुबान निकाल उसे head को चाट लिया...
मैं बहुत खुश थी... उसकी ड्रिंक मे Rohypnol मिला कर उसे senseless करके यहीं बाँध दूंगी और फिर इतना चोदुँगी.... कि साला रोयेगा मुँह फाड़कर.. हा हा हा हा
मैं हसने लगी...


मैंने वो didlo वापस रख दिया.. पुरी रात रिज़वान को चोदुँगी.. इतना कि वो कभी यहाँ नहीं आएगा... फिर कभी... उसकी रिकॉर्डिंग बना कर viral कर दूंगी . चुदाई की..
फिर साला कुछ नहीं कर पाएगा...जीवन भर बस रोता रहेगा

मैंने दोबारा नहा कर deo की महक अपने जिस्म पर स्प्रे की और short टॉप एंड short का सेट पहन लिया..


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आज रिज़वान का बचना ना मुमकिन हैँ...
घड़ी मे देखा 9 बजने वाले हैँ..


तभी doorbell बज उठी... मैं समझ गई वो ही होगा... साला 5 minutes पहले ही आ गया..
मैंने आगे बढ़कर दरवाजा खोला...
साला भैंसा सामने ही खड़ा था.. वो मुझे इस तरह घूर रहा था जैसे खा जायगा..
अनीता जी..9 बजे और लो हम आ गये..


मेरे बिना कुछ बोले ही वो अंदर आ गया..
मुझे खुद एक तरफ हटना पढ़ा वरना वो मुझसे ही टकरा जाता..
ओह्ह साला पूरा 6 फुट से भी लम्बा इंसान हैँ ये... बाप रे बाँध भी पाऊँगी इसे, अगर ये रोहाइपनौल के सरूर जमीन पर गिर गया..

बड़ी खूबसूरत लालनटोप लग रही हो.. आप तो आज...
वो अपने खींसे (दाँत ) निकलता हुआ बोला.. उसके हाथ मे एक बैग था..

मैंने दरवाजा बंद कर दिया... अब फ्लैट मे बस वो और मैं थे.. दिल ना जाने क्यों धडकने लगा...
वो लगातार मेरे बूब्स को घूर रहा था...
अनीता जी.. वाह क्या फिगर हैँ आपका...

मैं चुप रही.. अब जाने क्यों हाथ पैर फूल रहे थे...


अनीता जी .. आओ पास जरा.. यहाँ बैठो.. एक peg हो जाये....
आओ...
उसने बैग से एक wine की बोतल निकाल ली... ठक की आवाज़ के साथ बोतल टेबल पर थी...

मैं बात संभालती हुयी बोली गिलास तो लें आउ मैं..


ना जी ना... गिलास भी मेरे होंगे आज तो...
घर के गिलास मे मजा ना आता हमें..
बोलते हुये उसने 2 कांच के वाइन गिलास टेबल पर बैग से निकाल रख दिए....
देखो जी..
हैँ ना?


साले ने इस तरह बोला जैसे मैं उसकी प्रॉपर्टी हूँ...
कुत्ता साला... मेरे मुँह से गंदी गालियां निकलते निकलते बची...
उसकी निगाह मुझे लगातार घूर रही थी...


मुझे लग रहा था जैसे उसकी नज़र मुझे छू रही हैँ... हल्की घबराहट और सुस्सूरी पुरे बदन मे दौड़ उठी...
अब वो मेरी जांघो को घूर रहा था..
मैं धीरे धीरे चलते हुये उसके पास आ कर बैठ गई...medicine किचन मे थी..
मैंने प्लान किया एक peg के बाद उसे और पीने को बोलूंगी फिर tablet किसी भी तरह मिला ही दूंगी..


Fail और pass मे बस कुछ minutes का फासला था अब..
लो जी पीओ...
एक लार्ज peg मेरे सामने था... और उसकी निगाह मेरी गर्दन.. तो कभी मेरी बूब्स पर लगातार घूम रही थी..
मैंने एक घूंट लिया...


आप भी पीओ ना... मैं खुद को संभालती हुई बोली..

ऐसे नहीं पीते हम अनीता जी...
पीने का मजा हमें एक कपड़ो मे. नहीं आता..
बोलते हुये उसने अपनी शर्ट उतार दी..
ओह्ह्ह no ये क्या... इतनी बेशर्मी....


हा हँहा वो हसा...
अरे अब तो हम भी दोस्त हैँ.. अब क्या पर्दा.. कोई पर्दा नहीं हैँ जी... अब ये ठन बन कर पीने से अपने को चढ़ती नहीं..
ऐसे चढ़ती हैँ... ठीक हैँ ना बोलो.. ऐसे ठीक हैँ ना?


उसके पूछने पर... मैं बस हम्म जी जी हाँ ठीक हैँ.. बस इतना बोल पाई..

मुझे किसी भी तरह बस मेडिसिन मिलानी थी इसकी ड्रिंक मे....

अरे अनीता जी यूँ पिओगी... खींच जाओ एक ही साँस मे... खींचो पूरा...
और जाने क्यों मैं पूरा peg पी गई.. सीने मे जलन उफ्फ्फ्फ़

हा हा हा हा अब हुई ना बात.. वाह्ह्ह
आप तो इस शराब से भी बढ़ कर हो...
हा हा हा..


मैं. उठी और बोली अभी आई किचन से soda लें आउ. वाहन फ्रिज मे हैँ..

हाँ सौड़ा लें आओ आप चिल्ड सा.. मजा आ जायगा..
आज टकरायगी बर्फ और आग रखा साथ..
वो मुझे घूरता हुआ बोला...


मैं उसका मतलब समझ रही थी.. वो क्या बोल रहा हैँ..
मगर मुझे अपना काम करना था..
मैं पलटी और किचन की तरफ चल दी...


मुझे साफ महसूस हो रहा था कि वो पीछे से मेरी गाण्ड घूर रहा होगा.. कुत्ता..

किचन मे जाकर मैंने सबसे पहले flunitrazepam (Rohypnol) क़ी tablets का strip निकली...
तभी एक दम से मेरे पीछे आवाज़ आई

ओ anita ... बर्फ भी होंगी फ्रिज मे तो.. ला मैं लेलु..
वो किचन मे घुस आया था..


और flunitrazepam (Rohypnol)क़ी tablets का पत्ता मेरे हाथ से हड़बड़ी मे गिर गई...

इससे पहले मैं झुकती... वो टेबलेट उछल कर दरवाजे क़ी तरफ चली गई... उसके पैरों के पास...

उफ्फ्फ्फ़ मेरा दिल दहल गया...
मैं आगे बढ़ी कि जल्दी से उसे उठा लू मगर.....
रिज़वान मुझसे ज्यादा फुर्तीला निकला.. उसने झट से शीशी उठा ली...


ओह्ह हो अनीता जी ... ये flunitrazepam (Rohypnol)लेकर क्या कर रही हैँ..
वो मुस्कुराने लगा...


मेरी हालत ऐसी हो गई जैसे किसी साँप ने मुझे डस लिया हो....

क्यों ..... मुझे देने जा रही थी तु...?

मैं हकला गई...
न न न नहीं वो वो...
......
वो आगे बड़ा....
चुप साली... चुप...
तुझे क्या लगता हैँ.. मैं नहीं जानता तेरे अंदर क्या चल रहा हैँ...
कहते हुये उसने अपना लण्ड पैंट के ऊपर से ही पकड़ा और सहलाने लगा...


साली तु सोचती है कि तू मुझे फसा रही थी...
ना ना मैं तुझे फसा रहा था कुतिया...


कहते हुये उसने मेरा हाथ पकड़ा और जोरदार झटका दिया मैं उसके साथ खिंचती चली गई....
वो मुझे खिंचता हुआ सीधे बैडरूम मे लें गया.... एक धक्का... और मैं बेड पर गिरी...


साली तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता कि तेरे पति का नाम सूरज है
वो नामर्द डरपोक इंसान
देख रण्डी सुन उसके भाई का एक्सीडेंट मेरी गलती से नहीं हुआ था ....
वो खुद मेरी खड़ी गाड़ी मे पूरी तेज स्पीड से आ टकराया
और बिना हेलमेट के कारण उसका सिर फट गया
मगर तेरे नामर्द पति ने मुझे blackmail करना चाहा .
2 करोड़ मांग रहा था,
रण्डी इसीलिए तेरे पति को सिर्फ दो थप्पड़ लगाए थे मैंने
समझी रांड पूरी बात?

वो एक सांस मे बोलता चला गया
मगर अब साली आज तुझे असली. मर्द क्या होता हैँ मैं बताऊंगा...


मेरा हलक सूखने लगा था... डर के मारे कुछ सूझ नहीं रहा था..

रिज़वान की सूरज के भाई की मौत मे कोई गलती नहीं थी, मगर अब मैं फ़स गई थी।

तभी वो बोला
तु चिल्लाना चाहती हैँ. भगना चाहती हैँ तो जा भाग...
मगर तुझे मर्द का सुख देने के बाद ही जाऊंगा मैं
समझी........ रण्डी...
............
उफ्फ्फ मैंने आँख बंद कर ली... ये ये क्या हो रहा हैँ इतनी जल्दी ये बदलाव.. कैसे...
ये सपना हैँ....


नहीं... ये सच नहीं हो सकता...

आह्हः अअअ मेरी हल्की चीख निकल गई..

रिज़वान ने मुझे बाल पकड़ कर उठया और बेड पर उल्टा पटक दिया...

मैं समझ पाती कुछ तब तक वो अपनी शर्ट जो उसके कंधो पर लटकी थी.. उससे मेरे हाथ खींच कर बाँध दिए...

उफ्फ्फ्फ़ मेरे समझने से पहले ये हो चूका था...

तुम जो भी कर रहे हो ठीक नहीं... मुझे कुछ किया तो बर्बाद कर दूंगी तुम्हे मैं..

मैंने साहस कर एक धमकी दे डाली..

मगर वो हसने लगा हा हा हा हा साली तु मुझे बर्बाद करेगी.. तु मुझे बर्बाद करेगी...
देख मैं कैसे करता हूँ तुझे बर्बाद... देख तु..
उसने मेरी गाण्ड पर एक जोरदार थप्पड़ मारा..


अह्ह्ह माँ... मैं सिसक उठी...
और वो मेरी गाँड़ अपने पंजो मे लेकर मसलने लगा...


क्या गाण्ड हैँ तेरी मदरचोद रण्डी.. बहनकीलोड़ी... आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊगा..
आज लण्ड क्या होता हैँ मैं दिखाऊंगा .


उफ्फ्फ्फ़ मैं तड़फ उठी उसके मेरी गाण्ड के मीट को इस तरह मसलने से.. बुरी तरह अह्ह्ह
दोनों गाण्ड के हिस्से उसके पंजो मे फसे थे, उसके पंजे पूरी ताकत से बस मसले जा रहे थे...


उसने मेरे बाल फिर पकड़े और खींच कर मुझे जमीन पर बैठा दिया.

रण्डी घुटनों पर बैठ.. चुप चाप बैठ...
मेरी आँख से आँसू की एक बूँद निकल आई.... उफ्फ्फ ज़ालिम...
........
अब इस वक़्त....उसने मेरे दोनों तरफ के गालों को अपने अंगूठे और उंगलियों से कस कर दबाया,
तो मेरे गालों का मेरे जबड़ों पर अत्यधिक दवाब के कारण मेरे दाँत की उपरी पंक्ति और ऊपर उठती हुई खुलती चली गई..


•और फलस्वरूप मेरा मुँह लगभग पूरी तरह “O” के आकर मे पूरी तरह खुल गया.....

मैं उसके बलशाली हाथों कि तरफ देखती हुई उस कोशिश करने लगी कि अपने शरीर को उस बंधन से आज़ाद करा सकूँ
जो उसने मेरे दोनों हाथों को मेरी पीठ के पीछे करके अपनी शर्ट से कस कर बाँधा हुआ था.....

इस वक़्त मैं उसके सामने अपने घुटनों के बल बैठी हुई उसकी दया पर जिन्दा थी...

पूरी ताकत लगा कर उसने मेरा मुँह और खोल दिया..
मादरचोदी.. हरामजादी.. इधर देख मेरी आँखों मे...... देख कुतिया रंडी.. इधर देख...


वो पूरी ताकत से मुझ पर गुस्से से चिल्लाया...

मेरे पुरे शरीर मे डर के मारे झुरझुरी दौड़ गई... और ना चाहतें हुए भी मैंने तुरंत उसकी आँखों मे देखा, जहाँ मुझे हवस और दरिंदगी दिखाई दीं..
.
बहनचोद कुतिया... मेरी गाण्ड मरेगी?


क्यों रांड... तेरी चूत मे हैँ इतनी दम कि रिज़वान खान की गाण्ड मार सके?
उसकी बात पर मैं कुछ ना बोल सकी.. बस उसकी आँखों मे देखती रही..

NOTE : दोस्तों मेरे मन मे सवाल दौड़ रहा था, रिज़वान khan को कैसे पता कि मैं उसकी गाँड़ मारने वाली थी

मगर जायदा सोच पाती तभी..
रिज़वान खान ने दूसरे हाथ की एक ऊँगली मेरे पूरी तरह खुले खुले होठों पर रखी..


वाह्ह्ह एक बात तो हैँ साली कुतिया तेरे होंठ बड़े मस्त हैँ.. गुलाबी शहद भरे.. कोमल गुदगुदे..
वाह हाहाहा
वो जोर से हसा....

रंडी तेरे होंठ पर तो मूतने का दिल कर रहा हैँ....
हा हा हा हा हा....
साली उफ्फ्फ तेरे ये रसभरे होंठ... अहह

कहते हुए रिज़वान अपनी उंगलियाँ मेरे ऊपरी होंठ पर घूमाने लगा

गोल गोल.. कभी ऊपर वाले होंठ पर तो कभी नीचे वाले होंठ पर...


उसकी छुअन से मेरे होठों मे हल्की गुदगुदी हो रही थी और मैं घुटनों पर बैठी..
ऊपर चेहरा किये उसकी आँखों मे अपनी अपमानजनक शिकस्त (हार ) देख रही थी...

और सच तो ये हैँ मैंने अपनी हार दिल से स्वीकार भी कर ली हैँ...

रिज़वान की इस हरकत पर मैं मन ही मन बुरी तरह डर गई..
उसका हाथ उसकी जीन्स की बेल्ट को खोल रहा था... उफ्फ्फ्फ़

उसने बेल्ट का हुक खोल, जीन्स का बटन भी खोल दिया....
रंडी... प्यास लगी हैँ तुझे?
बोल साली...

ये कहते हुए उसने और जोर से मेरे गालो पर दवाब बढ़ाया

उफ्फ्फ्फ़ मुँह और ज्यादा खुल गया.. मेरे दांतो मे मेरे गालों के अंदर का भाग बुरी तरह से दवाब दे रहा था...

दर्द की लकीर ने मुझे सिस्कारने पर विवश कर दिया...

अजीब सी आवाज़ मेरे मुँह से निकली...
आं अं... आँ अहह ईई.. ननन

वो बस मुस्कराता हुआ अपनी पैंट उतरने लगा...
पैंट के नीचे उसका लाल रंग की फ्रैंची.. उसके नीचे नाग के समान उभरापन....


अगले ही पल उसकी पैंट जमीन पर पड़ी थी... और जैसे ही उसके अपने अंडरवियर की इलास्टिक नीचे खींची..

मर गई.... उफ्फ्फ्फ़ उसका वही विशाल काला लण्ड मेरे सामने फूफकारके एकदम सामने आया कि उसका अगला मशरूम जैसा गहरा लाल गोल भाग कस कर मेरी नाक से टकराया...

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ उसके 11इंच के विशाल नाग जैसे लण्ड की अजीब मरदाना महक मेरी नाक से होती हुयी मेरे दिमाग मे घुसती चली गई.......

इस तरह लण्ड के दर्शन मुझे पहली बार हो रहे हैँ ..
और आज मेरे चेहरे के बिलकुल करीब होने पर.. मैं उसकी विशालता और भयानकता देख सच मे डर गई हूँ..

मैंने डर के मारे उसकी तरफ देखा..
रांड देख लें... अपने यार को...
कैसा लगा बता.. बोल सेक्सी कुतिया..


देख लें ठीक से... पूजा करेगी आज के बाद तु इस हरामी लण्ड की..

कहते हुए रिज़वान ने लण्ड को बिना छुए अपनी कमर हिलाते हुए दाएं बाएँ घुमाया....

उफ्फ्फ्फ़ सच मे बहुत बड़ा हैँ ये.....
और तभी लण्ड का चाँटा कस कर मेरे गाल के उपरी भाग पर पड़ा
,
जो रिज़वान के उंगलियों के ऊपर हैँ.
धाड़... उफ़ क्या चाँटा हैँ..
अह्ह्ह निकल गई मेरे खुले हुए होठों से..


ओओओ अ अ नं नं न न जैसी आवाज़ निकली थी मेरे मुँह से..
धाड़ दूसरा थप्पड़ मेरे नाक के बगल पर

ओ ओ अ अ अहह ननन

और उसका लण्ड मेरे होठों के ऊपर आकर रुका...
हा हा हा हा हा हा

रिज़वान की हसीं और मेरी हालत पर हसना
मेरे गरूर का अपमान हैँ..


लण्ड को पकड़ रिज़वान ने मेरे होठों पर गोल गोल घूमना शुरू किया..

उफ्फ्फ्फ़ लण्ड जैसे लिपस्टिक लगा रहा हो मेरे खूबसूरत होठों पर...

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मैंने होंठ बंद करना चाहा मगर रिज़वान के अंगूठे ने ऐसा नहीं होने दिया...
लण्ड की महक... उफ्फ्फ्फ़ उसने लण्ड सरका कर मेरे माथे पर रख दिया.... और हसने लगा...
हा ह हा हा .. साली देखा मेरा लण्ड... बोल टाइट चूत की मस्त सेक्सी कुतिया...
बोल...


मैंने धीरे से ना के इशारे मे अपना सिर हिला दिया...

मेरे पुरे चेहरे पर उसका लण्ड घूम रहा था..

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कभी आँखों के ऊपर... कभी नाक पर.. गालो ओर.. माथे पर... ठोड़ी पर.. होठों पर.....
उफ्फ्फ्फ़ ये क्या पागल हैँ.... हवसी.... हैँ....
मैं चुप क्यों हूँ..?
मैं नहीं जानती.... बस चुप सी ये सब महसूस कर रही थी
गरम.... सख्त.... महक से भरा... उसका विशाल. लण्ड....
उफ्फफ्फ्फ़...
तु कौन हैँ? रिज़वान ने मुझसे पुछा... बता कौन हैँ तु?
उसने अपना हाथ मेरे गलो से हटा लिया...
मैं बोल सकती थी... गाल दर्द कर रहे थे अंदर से.


बोल कौन हैँ तु...?
उसके सवाल पर मैंने कहा...
मैं अनीता हूँ....


... लण्ड हिला कर उसने मेरे मुँह पर मार दिया अह्ह्ह्ह गाल पर लण्ड की ठोंकर पडी...

833-1000
साली तु अनीता थी... अब रण्डी हैँ मेरी...
रण्डी हैँ तु.. मेरी.. समझी?
बोल कौन हैँ तु.....?


इस बार उसने पुछा तो मैं कुछ ना बोली...
उसकी आँखों मे देखती चुपचाप रही...
उसने हाथ बड़ा कर मेरे निप्पल्स पकड़े.. और धीरे धीरे मरोड़ने लगा.. अह्ह्ह्हह


शरीर कांप गया मेरा...
एक तरंग सी निप्पल्स से उठती हुई सीधा नाभि से होती हुई मेरी चूत तक टकराई...

उफ्फ्फफ्फ्फ़....

ब्रा नहीं पहने हुई थी मैं... आअह्ह्ह माँ
ऐसा लगा जैसे ये कंपन मेरी चूत गीली कर देगी...


उसने निप्पल्स को छोड़ दिया और फिर.. किचन से कैंची उठा लाया...

अगले ही पल मेरा टॉप सामने से काट दिया गया था..

अह्ह्ह्हह मेरे बूब्स गर्व के साथ अकड़ कर सामने आगये...
उफ्फ्फफ्फ्फ़ नहीई...


हा ह हा हा... साली क्या मस्त चूचियाँ हैँ तेरी...
गोल गोल गोरी गोरी उफ्फ्फ मस्त...


भूरे निप्पल्स उफ्फ्फ साली तुझ पर उस गांडू सूरज का अधिकार नहीं था .. तेरे पर सिर्फ मेरे इस लण्ड का अधिकार हैँ...

कहते हुये उसने अपना लण्ड मेरे दाएं निपल पर रख दिया..

उफ़ क्या अहसास था मैं तड़फ उठी..
वो धीरे धीरे अपना लण्ड मेरे निपल पर रगड़ने लगा....
गोल गोल घूमता.. कभी लण्ड के दवाब से निपल को मुँह दबा देता..


अह्ह्ह्ह माँ उफ्फ्फ्फ़ please stop.. मैं इतना ही बोल पाई कि उसने..
लण्ड से एक जोरदार थप्पड़ मेरे निपल पर दे मारा ..

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मैं तड़फ उठी..
दर्द और मस्ती कि मिलिजुली लहर का वो अहसास..
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़.
उसने फिर मेरे दोनों निप्पल को पकड़ा और मरोड़ता हुआ उन दोनों निप्पलस को खींच कर पास लें आया....

अह्ह्ह्हह मैं उस खिचाव से कराह उठी....


अगले ही पल उसने अपना लण्ड मेरे बूब्स के बीच मे नीचे कि तरफ से ठेल दिया.....

अह्ह्ह्ह क्या अहसास था वो... मोटा गरम लण्ड ...... उफ्फ्फ मेरे बूब्स के बीच मे सरकता हुआ....
अह्ह्ह्ह....


उस ज़ालिम ने लण्ड खिंचा बाहर और लण्ड के गोल head पर..
. ढेर सारा थूक उगल दिया... थू थू....


उफ़ वोही गीला लण्ड फिर दोबारा मेरे बूब्स के बीच घुसेड़ दिआ...

अह्ह्ह इस बार का अहसास अलग था..
फिसलता हुआ लण्ड बूब्स के clevage से बाहर आ गया....

लम्बा उफ्फ्फ मेरे गले तक.....
और फिर ज़ालिम कमीने ने हिलना शुरू किया..
उसके हिलने पर लण्ड आगे पीछे हो रहा था...


उफ्फ्फ्फ़ उस घर्षण से मेरी साँस तेज होने लगी....
उफ़ क्या अहसास था वो...
Uffffffff ufff उफ्फ्फ

उसके लण्ड की अकड़ जैसे मेरे जिस्म से मेरी सारी अकड़, गरूर जलन और मेरे attitude को सोखती जा रही हो...


ना चाहतें हुए भी मेरी सांसे भारी होने लगी थी...

अजीब सा अहसास जब वो लण्ड आगे करता तो उसका लण्ड घिसता हुआ मेरे बूब्स के बीच से मेरी गर्दन तक चला आता और.......

उफ्फ्फ वो चिकना गोल सख्त लण्ड का मशरुम head उभर कर skin से बाहर आना और उसकी महक जैसे मेरे गुस्से पर पानी डाल रहे थे...


दिल मे एक guilty का अहसास भी था कहीं भीतर मेरे...... की इसके इतने करीब और इस तरह.... उफ़ no

चिल्लाना चाहती थी.. अंदर से एक आवाज़ आ रही थी मेरे.. की लात मार कस कर और भाग बाहर की तरफ.. जोर से चिल्ला.. कोई तो सुनेगा..


मगर जैसेही वो निपल्स को हल्के से मरोड़ता उफ्फ्फ अपने नाखुनो से उन्हें कुरेदता....
अह्ह्ह्हह अपना लण्ड मेरे गोरे बूब्स के बीच धक्के से आगे करता.... ओह्ह मां

ना जाने क्यों मेरी आवाज़ अंदर ही पिघल जाती... और बस सिसकी निकलती...


मेरी guilt और वो लात मारने का ख्याल थोड़ा और दूर चला जाता..
जैसे मुझे मेरा जहन, मेरा अस्तित्व और मेरा प्रतिरोध मुझे छोड़ रहा हो... धीरे धीरे....

और मैं गिर रही थी.. नीचे और नीचे. अपनी सिसकियों की गहरी मांद मे..

जहान मुझे कोई पुकारने वाला नहीं था.. जहाँ मुझे कोई बचाने वाला नहीं था...
जहाँ मेरी प्रतिरोधक शक्तियाँ भी मेरे ऊपर मुस्कुरा रही थी.......
. हाँ मैं गिर रही थी उसकी बड़ी गहरी विभस्त आँखों मे.........

साँसो का हकला तूफ़ान मेरे सीने मे पंपने लगा था उसकी आँखों मे झाँकते हुये.....

वो मुझे देख कुटिलता से मुस्कुरा रहा था...
लण्ड पसन्द आया?
उसने बड़ी बेशर्मी से मुझसे पुछा...


मैंने कोई जवाब नहीं दिया...

उसके इस सवाल से बस मेरे अंदर एक झुरझुरी सी दौड़ गई और मैंने साफ महसूस किया कि मेरे माथे पर पसीने कि कुछ बूँदे उभर आई हैँ..

बोल ना लण्ड पसन्द आया तुझे मेरी रण्डी करिश्मा ... बोल..

और इस बार ना जाने कैसे मेरे मुँह से.....

हम्म्म्म जी......
ये शब्द खुद ब खुद निकल. आये...
उसकी आँखों मे एक चमक दौड़ गई...


वो पीछे हटा और मेरे बूब्स को सख्ती से पकड़ ऊपर खींचने लगा.. अह्ह्ह्ह मैं उठती चली गई...

दर्द से बचने के लिऐ मैं खड़ी होती चली गई....

अब मैं उसके सामने ख़डी थी... उसने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों मे भरा और झुकते हुए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए .......

उफ्फ्फ्फ़ उसके भद्दे कुरूप मोटे होठों ने मेरे कोमल. सर्फ़ गुलाबी होठों पर पूरी तरह क़बजा कर लिया...

मममम सी आवाज़ उसके गले से निकली और मुँह खोलते हुये मेरे होतो को चूसते हुये अपने दांतो के बीच उसने भर लिया....
अह्हह्ह्ह्ह

उसकी मोटी जुबान मेरे होठों पर बुरी तरह लिबलिबा रही थी..
चाट रही थी.. कुचल रही थी..


उफ्फ्फ उसके दांतो होठों को दबाते... कुरेदते तो कभी काटते..
उफ़ दोहरे हमले से मेरी ममम मममम न्नन्न जैसी आवाज़ ही निकल पर रही थी

तभी उस कुत्ते ने तीसरा हमला कर दिया.. उसका एक हाथ मेरे बाएं बूब्स पर आया और....

उफ्फफ्फ्फ़ पूरी ताकत से मरोड़ दिया

मैंने पीछे हटने कि कोशिश कि मगर उसका दूसरे हाथ ने मेरी कमर पर से होते हुये मेरी पसलियों से मुझे समेट मुझे कब्जे मे भर लिया...


आअह्ह्ह ममममम
बूब्स को जैसे वो कुचल देना चाहता हो.. उफ्फ्फ्फ़


मेरे होठों को वो कुत्ता भभोड़ कर चाट खा -चाट और चूस रहा था...

कभी मुट्ठी मे बूब्स दबाता तो कभी उसकी उंगलियाँ मेरे निपल को खिंचती हुई कुरेद और मरोड़ देती.... अहह माँ

इतना व्हशिपन उफ्फ्फ्फ़ ये इसकी हवस... उफ्फफ्फ्फ़.


मैं तड़फ रही थी उसकी मजबूत बाहों मे...
इस तरह जकडे जाने का अहसास बिलकुल नया था मेरे लिऐ...
ये पगलपन और दरिंदगी नई थी मेरे लिऐ...

अह्हह्ह्ह्ह ये ये मुझे अब.. अह्ह्ह्ह
उसने अब पागलपन और हवस का दूसरा पत्ता फेका....


उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह उसकी जुबान अब मेरे पुरे चेहरा को चटनी लगी... गाड़ा saliva मेरे चेहरे पर फिसलता.... मुझे गीला कर रहा था...

अपनी जुबान सख्त करके कभी मेरी आँखों मे घुमा देता तो उफ्फफ्फ्फ़ कभी मेरी नाक के छेदो मे जुबान का नोक घुसेड़ता..

उसकी गीले मोटी जुबान मेरा माथा... मेरे गाल.. नाक. आँखों पर सख्ती से फिसल रहे थे...


अह्ह्ह्ह मेरे माथे का पसीना...
उफ़ उसकी saliva से मिलकर एक नई महक पैदा करने लगा था.....

उसने मुँह खोला और गालो को भर लिया..
आआईई अह्ह्ह तीर्व जलन.. अहह दांतो का निशान गहरा छप चूका होगा

Ahhhhh
मेरे होंठ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्हही ईई अआइ...


दांतो मे दबा कर अपनी तरफ यूँ खीचा उस ज़ालिम ने कि मेरा चेहरा मे उस ओर खिंचता चला गया.....

उईई मरोड़ दिया ज़ालिम ने इस बार ओह्ह बूब्स को.....

मैं गुड़िया बनी उसके हाथों का खिलौना थी शयद अब.......
A Sex डॉल


माँ अह्ह्ह्ह कंपन सी उठ पड़ी... उफ्फफ्फ्फ़

जुबान गर्दन को गीली करती हुए मेरी बूब्स पर आ गई.... उफ्फ्फ अह्ह्ह मममम

मुँह खुला और अह्हह्ह्ह्ह yess
जब उसकी मुँह ने पुरे निप्पल के area को मुँह मे भर लिया...
जुबान कि गीली रगड.....
अह्ह्ह निप्पल के point tip पर यूँ महसूस हुई जैसे कोई सिरहन चटक कर आई हो वहाँ...
गुदगुदी का तीर्व अहसास..


मममममम
मुँह मे बूब्स को इस प्रकार चूसते हुये खिंचा की...


बूब्स फिसलता हुआ उसके मुँह मे समाता चला गया..
आहहहह
मेरा शरीर कमान की तरह अकड़ गया और मैंने ना जाने कब अपने बूब्स उसकी मुँह की तरफ और अधिक धकेल दिए...


दांतो से nipple दबा अंदर से उसकी जुबान निप्पल के tip point को कुरेद रही थी सहला रही थी..

जैसे मेरे दिल के अंदर जाने का वो रास्ता हो...

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ्फ्फ्फफ्फ्फ़....

दोनों हाथों से दोनों बूब्स को पकड़ कर मिला दिया उसने और अब बारी बारी दोनों निपल्स को चूमने और चाटने लगा...


दाँत निपोर कर आगे लता और दांतो से निपल्स को कुरेदता...

मेरे बुब्स पर लाल लाल दांतो की निशान..... पुरे गीले ....
उफ़ हवा का ठंडापन उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़...


वो थोड़ा और झुका..... मेरी short साइड के पकड़ी और मेरी जांघो... Calf... Anklets से होती हुई मेरी short जमीन पर पड़ी मुझे मुँह चिड़ा रही थी कि बड़ी आई थी बदला लेना.. अब पछता....

उफ्फफ्फ्फ़
मैं मन की हालत विचित्र थी... बदला लेने की तमन्ना अब भी थी मगर दिमाग़ और प्रतिरोध शक्ति दूर ख़डी मुझे पर हस रही थी.....


अगर ऐसा ना होता तो क्यों मैं खुद अपने पैरों को उठती जब वो मेरी शॉर्ट्स anklet से उतार जमीन पर डाल रहा था..

सच हैँ शायद मैं उसकी orders के नीचे आ चुकी थी...

अह्ह्ह वाह क्या गोरी चूत हैँ तेरी साली रांड... एक दम. चिकनी.....
हा हा हा...


तेरी गाण्ड भी चिकनी है और तेरी चूत भी चिकनी.....
सूरज की नहीं तू, राण्ड मेरी है

सूरज का नाम सुनते ही मन उछल पढ़ा.. मैं वर्तमान मे लौटने लगी.. कि ये क्या कर रही हूँ मैं.. क्यों क्यों मुझे रोकना होगा इसे...
.
मगर उसकी साँसे के मेरी चूत की दरार पर टकराने का अहसास होते ही..... अह्ह्ह मेरी आँखें बंद होती चली गई....


उसकी सख्त उँगलियों ने मेरी कमर को. पकड़ा......
एक धक्का..... उफ्फ्फ्फ़ और मैं पीछे बेड पर पीठ के बल गिर पड़ी.....


अह्ह्ह

मैंने महसूस किया उफ्फ्फ्फ़ मेरे घुटने कस कर पकड़े गये हैँ उसके पंजो के द्वारा.....

और खोल दिया उसने मेरी दोनों टांगे.... अहह अलग -अलग दिशा मे....


मेरी गुलाबी गोरी चूत जिसपर हल्का गहरा रंग की लालिमा भी छाई थी... उफ़ उसका चुम्बन.. मेरी जांघो पर...
कुत्ता अह्ह्ह

मेरे मुँह से सिसकी फूट पड़ी... अह्ह्ह ममम

चुम्बन उफ्फ्फ उसकी जुबान का वही अंदाज़ अह्ह्ह... मेरी जांघो के आंतरिक भाग को चाटता गीला करता हुआ वो ऊपर की तरफ बढ़ रहा था....


अह्हह्ह्ह्ह माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़
अब उसकी जुबान मेरी चूत के दाने से टकराई.....


आह कमीना अह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फ आँखें बंद.....

हल्का चुम्बन उफ़ चूत के दाने पर....
उफ्फ्फ्फ़
और मुँह खुलने का अहसास हुआ उसके....
आहहहहहह पूरी चूत का देना और आधी चूत गई भर ली उसने अपने मुँह मे.....
मेरी आँखें ऊपर चढ़ गई.... होंठ पुरे खुल गये आआआ आइएह्ह्ह माँ
उफ्फ्फ आहहहह
दांतो ने दरिंदगी दिखाई.. आअई इ
और जुबान ने मलहम लगाया
उफ्फ्फफ्फ्फ़
जुबान दाने को कुरेदने लगी.... मईया मेरी.... उफ्फ्फ्फ़ god ओह्ह्हमा..
Yes yes... Yessssssss मेरे होठों ने साफ कहा... एस्स्स्स yesssss eat me please
वो समझ गया कि अनीता फस गई हैँ अब उसके हाथ मे...


मेरी yes.... उसके लिऐ ग्रीन signal था....
उसने जोश मे भरकर मेरी चूत को भभोड़ दिया.....
आअह्ह्हई

जुबान सख्त हुई और मोटी लम्बी गीली गन्दी जुबान...

मेरी मखमली चूत के अंदर घुसती चली गई..
मेरी जांघो को जबरजस्ती पूरा खोल दिया उसने.. और जुबान का प्रहार मेरी भीतर तक...
आआआआआइईई उफ्फ्फ्फ़ YESSSS...
गोल गोल घूमता अपनी जुबान से जैसे वो मेरे जिस्म के भीतर जाने का रास्ता ढूंढ रहा हो...
अह्ह्ह्ह उसके हाथ अब फिसलकर मेरी गाण्ड पर कस गये... मेरी गइल गाण्ड को उसने हाथों मे भर लिया... कियुँकि मैंने ना जाने कब मस्ती की तरंग मे अपनी कमर उठा दी थी.. ऊपर ऊपर हाँ ऊपर...


मेरी गाँड़ मे माँस को बुरी तरह मसलते हुये वो मेरी चूत को जैसे पी रहा था... चाट और खा रहा था....
मैं मछली की तरफ मचल रही थी उसके सामने..... उसके नीचे..... उसके हाथों मे... एक गुड़िया बन.....
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़


इस बार उसकी जुबान फिसली और मेरी गाण्ड के छेद मे रगड गई..
अह्ह्ह्ह गुदगुदी का अहसास..... तरंग..... कंपकपी...... उफ्फ्फ्फ़


जुबान और होठों ने अपना काम. किया..... मार डाला उफ्फ्फ

गाण्ड को चबाता और छेद को जुबान सा चाटता उफ्फ्फ्फ़ माँ सख्त जुबान मेरी गाण्ड के छेद को धक्का दे अंदर घुसी..


उफ्फ्फफ्फ्फ़ मस्ती सी छा गई....
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ अहसास स्वर्ग का यही हैँ......


दूसरी तरफ मेरी चूत मे उसकी दो मोटी उंगलियां अंदर तक घुसती चली गई

अहहहहहहहहहह ओह्ह्ह्ह
गाण्ड मे जुबान...... चूत मे दो उँगलियाँ
एक साथ..... साथ साथ.....
अपना काम. कर रही थी
... Please Kill Me.... Please...
मेरे मुँह से ये शब्द निकले तो वो और बुरी तरह मेरी गाण्ड को भभोड़ने लगा...
आहहहहह
वो पीछे हुआ... और मेरे सामने पैंट पूरी उतार नंगा खड़ा हो गया...
मैं उसे देख डर गई...
उफ्फ्फ ये लण्ड... ये भारी शरीर....
मार डालेगा ये मुझे....
उसने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे दोनों हाथ खोल दिए....
मैं नंगी खड़ी थी उसके सामने....
मन ने आवाज़ दी.. अब भी कुछ नहीं बिगड़है.. भाग बचा खुद को... करिश्मा भाग...
तभी मुझे याद आया पापा की revolver उनकी अलमारी मे रखी है


अगला update क्या Revolver तक मुझे पहुँचा देगा?

पता नहीं
यें तो कल ही पता पड़ेगा, जब कहानी खुद आगे बढ़ेगी


(आपकी अनीता 🙏)
masstttttt story
 

macssm

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UPDATE-14
फ्लैट का दरवाजा खोलते वक़्त मेरा प्लान तैयार था.. और सारे हथियार भी मेरे पास पुरे थे...


बैडरूम मे पहुँच.. मैंने अलमीरा से वो didlo निकला...
उसे देख मैं मुस्कुरा गई...

आज तु देगा सज़ा उस भैंसे को.. कहते हुये मैंने उसे चूम लिया .....
अपनी जुबान निकाल उसे head को चाट लिया...
मैं बहुत खुश थी... उसकी ड्रिंक मे Rohypnol मिला कर उसे senseless करके यहीं बाँध दूंगी और फिर इतना चोदुँगी.... कि साला रोयेगा मुँह फाड़कर.. हा हा हा हा
मैं हसने लगी...


मैंने वो didlo वापस रख दिया.. पुरी रात रिज़वान को चोदुँगी.. इतना कि वो कभी यहाँ नहीं आएगा... फिर कभी... उसकी रिकॉर्डिंग बना कर viral कर दूंगी . चुदाई की..
फिर साला कुछ नहीं कर पाएगा...जीवन भर बस रोता रहेगा

मैंने दोबारा नहा कर deo की महक अपने जिस्म पर स्प्रे की और short टॉप एंड short का सेट पहन लिया..


IMG-20240512-103752
आज रिज़वान का बचना ना मुमकिन हैँ...
घड़ी मे देखा 9 बजने वाले हैँ..


तभी doorbell बज उठी... मैं समझ गई वो ही होगा... साला 5 minutes पहले ही आ गया..
मैंने आगे बढ़कर दरवाजा खोला...
साला भैंसा सामने ही खड़ा था.. वो मुझे इस तरह घूर रहा था जैसे खा जायगा..
अनीता जी..9 बजे और लो हम आ गये..


मेरे बिना कुछ बोले ही वो अंदर आ गया..
मुझे खुद एक तरफ हटना पढ़ा वरना वो मुझसे ही टकरा जाता..
ओह्ह साला पूरा 6 फुट से भी लम्बा इंसान हैँ ये... बाप रे बाँध भी पाऊँगी इसे, अगर ये रोहाइपनौल के सरूर जमीन पर गिर गया..

बड़ी खूबसूरत लालनटोप लग रही हो.. आप तो आज...
वो अपने खींसे (दाँत ) निकलता हुआ बोला.. उसके हाथ मे एक बैग था..

मैंने दरवाजा बंद कर दिया... अब फ्लैट मे बस वो और मैं थे.. दिल ना जाने क्यों धडकने लगा...
वो लगातार मेरे बूब्स को घूर रहा था...
अनीता जी.. वाह क्या फिगर हैँ आपका...

मैं चुप रही.. अब जाने क्यों हाथ पैर फूल रहे थे...


अनीता जी .. आओ पास जरा.. यहाँ बैठो.. एक peg हो जाये....
आओ...
उसने बैग से एक wine की बोतल निकाल ली... ठक की आवाज़ के साथ बोतल टेबल पर थी...

मैं बात संभालती हुयी बोली गिलास तो लें आउ मैं..


ना जी ना... गिलास भी मेरे होंगे आज तो...
घर के गिलास मे मजा ना आता हमें..
बोलते हुये उसने 2 कांच के वाइन गिलास टेबल पर बैग से निकाल रख दिए....
देखो जी..
हैँ ना?


साले ने इस तरह बोला जैसे मैं उसकी प्रॉपर्टी हूँ...
कुत्ता साला... मेरे मुँह से गंदी गालियां निकलते निकलते बची...
उसकी निगाह मुझे लगातार घूर रही थी...


मुझे लग रहा था जैसे उसकी नज़र मुझे छू रही हैँ... हल्की घबराहट और सुस्सूरी पुरे बदन मे दौड़ उठी...
अब वो मेरी जांघो को घूर रहा था..
मैं धीरे धीरे चलते हुये उसके पास आ कर बैठ गई...medicine किचन मे थी..
मैंने प्लान किया एक peg के बाद उसे और पीने को बोलूंगी फिर tablet किसी भी तरह मिला ही दूंगी..


Fail और pass मे बस कुछ minutes का फासला था अब..
लो जी पीओ...
एक लार्ज peg मेरे सामने था... और उसकी निगाह मेरी गर्दन.. तो कभी मेरी बूब्स पर लगातार घूम रही थी..
मैंने एक घूंट लिया...


आप भी पीओ ना... मैं खुद को संभालती हुई बोली..

ऐसे नहीं पीते हम अनीता जी...
पीने का मजा हमें एक कपड़ो मे. नहीं आता..
बोलते हुये उसने अपनी शर्ट उतार दी..
ओह्ह्ह no ये क्या... इतनी बेशर्मी....


हा हँहा वो हसा...
अरे अब तो हम भी दोस्त हैँ.. अब क्या पर्दा.. कोई पर्दा नहीं हैँ जी... अब ये ठन बन कर पीने से अपने को चढ़ती नहीं..
ऐसे चढ़ती हैँ... ठीक हैँ ना बोलो.. ऐसे ठीक हैँ ना?


उसके पूछने पर... मैं बस हम्म जी जी हाँ ठीक हैँ.. बस इतना बोल पाई..

मुझे किसी भी तरह बस मेडिसिन मिलानी थी इसकी ड्रिंक मे....

अरे अनीता जी यूँ पिओगी... खींच जाओ एक ही साँस मे... खींचो पूरा...
और जाने क्यों मैं पूरा peg पी गई.. सीने मे जलन उफ्फ्फ्फ़

हा हा हा हा अब हुई ना बात.. वाह्ह्ह
आप तो इस शराब से भी बढ़ कर हो...
हा हा हा..


मैं. उठी और बोली अभी आई किचन से soda लें आउ. वाहन फ्रिज मे हैँ..

हाँ सौड़ा लें आओ आप चिल्ड सा.. मजा आ जायगा..
आज टकरायगी बर्फ और आग रखा साथ..
वो मुझे घूरता हुआ बोला...


मैं उसका मतलब समझ रही थी.. वो क्या बोल रहा हैँ..
मगर मुझे अपना काम करना था..
मैं पलटी और किचन की तरफ चल दी...


मुझे साफ महसूस हो रहा था कि वो पीछे से मेरी गाण्ड घूर रहा होगा.. कुत्ता..

किचन मे जाकर मैंने सबसे पहले flunitrazepam (Rohypnol) क़ी tablets का strip निकली...
तभी एक दम से मेरे पीछे आवाज़ आई

ओ anita ... बर्फ भी होंगी फ्रिज मे तो.. ला मैं लेलु..
वो किचन मे घुस आया था..


और flunitrazepam (Rohypnol)क़ी tablets का पत्ता मेरे हाथ से हड़बड़ी मे गिर गई...

इससे पहले मैं झुकती... वो टेबलेट उछल कर दरवाजे क़ी तरफ चली गई... उसके पैरों के पास...

उफ्फ्फ्फ़ मेरा दिल दहल गया...
मैं आगे बढ़ी कि जल्दी से उसे उठा लू मगर.....
रिज़वान मुझसे ज्यादा फुर्तीला निकला.. उसने झट से शीशी उठा ली...


ओह्ह हो अनीता जी ... ये flunitrazepam (Rohypnol)लेकर क्या कर रही हैँ..
वो मुस्कुराने लगा...


मेरी हालत ऐसी हो गई जैसे किसी साँप ने मुझे डस लिया हो....

क्यों ..... मुझे देने जा रही थी तु...?

मैं हकला गई...
न न न नहीं वो वो...
......
वो आगे बड़ा....
चुप साली... चुप...
तुझे क्या लगता हैँ.. मैं नहीं जानता तेरे अंदर क्या चल रहा हैँ...
कहते हुये उसने अपना लण्ड पैंट के ऊपर से ही पकड़ा और सहलाने लगा...


साली तु सोचती है कि तू मुझे फसा रही थी...
ना ना मैं तुझे फसा रहा था कुतिया...


कहते हुये उसने मेरा हाथ पकड़ा और जोरदार झटका दिया मैं उसके साथ खिंचती चली गई....
वो मुझे खिंचता हुआ सीधे बैडरूम मे लें गया.... एक धक्का... और मैं बेड पर गिरी...


साली तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता कि तेरे पति का नाम सूरज है
वो नामर्द डरपोक इंसान
देख रण्डी सुन उसके भाई का एक्सीडेंट मेरी गलती से नहीं हुआ था ....
वो खुद मेरी खड़ी गाड़ी मे पूरी तेज स्पीड से आ टकराया
और बिना हेलमेट के कारण उसका सिर फट गया
मगर तेरे नामर्द पति ने मुझे blackmail करना चाहा .
2 करोड़ मांग रहा था,
रण्डी इसीलिए तेरे पति को सिर्फ दो थप्पड़ लगाए थे मैंने
समझी रांड पूरी बात?

वो एक सांस मे बोलता चला गया
मगर अब साली आज तुझे असली. मर्द क्या होता हैँ मैं बताऊंगा...


मेरा हलक सूखने लगा था... डर के मारे कुछ सूझ नहीं रहा था..

रिज़वान की सूरज के भाई की मौत मे कोई गलती नहीं थी, मगर अब मैं फ़स गई थी।

तभी वो बोला
तु चिल्लाना चाहती हैँ. भगना चाहती हैँ तो जा भाग...
मगर तुझे मर्द का सुख देने के बाद ही जाऊंगा मैं
समझी........ रण्डी...
............
उफ्फ्फ मैंने आँख बंद कर ली... ये ये क्या हो रहा हैँ इतनी जल्दी ये बदलाव.. कैसे...
ये सपना हैँ....


नहीं... ये सच नहीं हो सकता...

आह्हः अअअ मेरी हल्की चीख निकल गई..

रिज़वान ने मुझे बाल पकड़ कर उठया और बेड पर उल्टा पटक दिया...

मैं समझ पाती कुछ तब तक वो अपनी शर्ट जो उसके कंधो पर लटकी थी.. उससे मेरे हाथ खींच कर बाँध दिए...

उफ्फ्फ्फ़ मेरे समझने से पहले ये हो चूका था...

तुम जो भी कर रहे हो ठीक नहीं... मुझे कुछ किया तो बर्बाद कर दूंगी तुम्हे मैं..

मैंने साहस कर एक धमकी दे डाली..

मगर वो हसने लगा हा हा हा हा साली तु मुझे बर्बाद करेगी.. तु मुझे बर्बाद करेगी...
देख मैं कैसे करता हूँ तुझे बर्बाद... देख तु..
उसने मेरी गाण्ड पर एक जोरदार थप्पड़ मारा..


अह्ह्ह माँ... मैं सिसक उठी...
और वो मेरी गाँड़ अपने पंजो मे लेकर मसलने लगा...


क्या गाण्ड हैँ तेरी मदरचोद रण्डी.. बहनकीलोड़ी... आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊगा..
आज लण्ड क्या होता हैँ मैं दिखाऊंगा .


उफ्फ्फ्फ़ मैं तड़फ उठी उसके मेरी गाण्ड के मीट को इस तरह मसलने से.. बुरी तरह अह्ह्ह
दोनों गाण्ड के हिस्से उसके पंजो मे फसे थे, उसके पंजे पूरी ताकत से बस मसले जा रहे थे...


उसने मेरे बाल फिर पकड़े और खींच कर मुझे जमीन पर बैठा दिया.

रण्डी घुटनों पर बैठ.. चुप चाप बैठ...
मेरी आँख से आँसू की एक बूँद निकल आई.... उफ्फ्फ ज़ालिम...
........
अब इस वक़्त....उसने मेरे दोनों तरफ के गालों को अपने अंगूठे और उंगलियों से कस कर दबाया,
तो मेरे गालों का मेरे जबड़ों पर अत्यधिक दवाब के कारण मेरे दाँत की उपरी पंक्ति और ऊपर उठती हुई खुलती चली गई..


•और फलस्वरूप मेरा मुँह लगभग पूरी तरह “O” के आकर मे पूरी तरह खुल गया.....

मैं उसके बलशाली हाथों कि तरफ देखती हुई उस कोशिश करने लगी कि अपने शरीर को उस बंधन से आज़ाद करा सकूँ
जो उसने मेरे दोनों हाथों को मेरी पीठ के पीछे करके अपनी शर्ट से कस कर बाँधा हुआ था.....

इस वक़्त मैं उसके सामने अपने घुटनों के बल बैठी हुई उसकी दया पर जिन्दा थी...

पूरी ताकत लगा कर उसने मेरा मुँह और खोल दिया..
मादरचोदी.. हरामजादी.. इधर देख मेरी आँखों मे...... देख कुतिया रंडी.. इधर देख...


वो पूरी ताकत से मुझ पर गुस्से से चिल्लाया...

मेरे पुरे शरीर मे डर के मारे झुरझुरी दौड़ गई... और ना चाहतें हुए भी मैंने तुरंत उसकी आँखों मे देखा, जहाँ मुझे हवस और दरिंदगी दिखाई दीं..
.
बहनचोद कुतिया... मेरी गाण्ड मरेगी?


क्यों रांड... तेरी चूत मे हैँ इतनी दम कि रिज़वान खान की गाण्ड मार सके?
उसकी बात पर मैं कुछ ना बोल सकी.. बस उसकी आँखों मे देखती रही..

NOTE : दोस्तों मेरे मन मे सवाल दौड़ रहा था, रिज़वान khan को कैसे पता कि मैं उसकी गाँड़ मारने वाली थी

मगर जायदा सोच पाती तभी..
रिज़वान खान ने दूसरे हाथ की एक ऊँगली मेरे पूरी तरह खुले खुले होठों पर रखी..


वाह्ह्ह एक बात तो हैँ साली कुतिया तेरे होंठ बड़े मस्त हैँ.. गुलाबी शहद भरे.. कोमल गुदगुदे..
वाह हाहाहा
वो जोर से हसा....

रंडी तेरे होंठ पर तो मूतने का दिल कर रहा हैँ....
हा हा हा हा हा....
साली उफ्फ्फ तेरे ये रसभरे होंठ... अहह

कहते हुए रिज़वान अपनी उंगलियाँ मेरे ऊपरी होंठ पर घूमाने लगा

गोल गोल.. कभी ऊपर वाले होंठ पर तो कभी नीचे वाले होंठ पर...


उसकी छुअन से मेरे होठों मे हल्की गुदगुदी हो रही थी और मैं घुटनों पर बैठी..
ऊपर चेहरा किये उसकी आँखों मे अपनी अपमानजनक शिकस्त (हार ) देख रही थी...

और सच तो ये हैँ मैंने अपनी हार दिल से स्वीकार भी कर ली हैँ...

रिज़वान की इस हरकत पर मैं मन ही मन बुरी तरह डर गई..
उसका हाथ उसकी जीन्स की बेल्ट को खोल रहा था... उफ्फ्फ्फ़

उसने बेल्ट का हुक खोल, जीन्स का बटन भी खोल दिया....
रंडी... प्यास लगी हैँ तुझे?
बोल साली...

ये कहते हुए उसने और जोर से मेरे गालो पर दवाब बढ़ाया

उफ्फ्फ्फ़ मुँह और ज्यादा खुल गया.. मेरे दांतो मे मेरे गालों के अंदर का भाग बुरी तरह से दवाब दे रहा था...

दर्द की लकीर ने मुझे सिस्कारने पर विवश कर दिया...

अजीब सी आवाज़ मेरे मुँह से निकली...
आं अं... आँ अहह ईई.. ननन

वो बस मुस्कराता हुआ अपनी पैंट उतरने लगा...
पैंट के नीचे उसका लाल रंग की फ्रैंची.. उसके नीचे नाग के समान उभरापन....


अगले ही पल उसकी पैंट जमीन पर पड़ी थी... और जैसे ही उसके अपने अंडरवियर की इलास्टिक नीचे खींची..

मर गई.... उफ्फ्फ्फ़ उसका वही विशाल काला लण्ड मेरे सामने फूफकारके एकदम सामने आया कि उसका अगला मशरूम जैसा गहरा लाल गोल भाग कस कर मेरी नाक से टकराया...

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ उसके 11इंच के विशाल नाग जैसे लण्ड की अजीब मरदाना महक मेरी नाक से होती हुयी मेरे दिमाग मे घुसती चली गई.......

इस तरह लण्ड के दर्शन मुझे पहली बार हो रहे हैँ ..
और आज मेरे चेहरे के बिलकुल करीब होने पर.. मैं उसकी विशालता और भयानकता देख सच मे डर गई हूँ..

मैंने डर के मारे उसकी तरफ देखा..
रांड देख लें... अपने यार को...
कैसा लगा बता.. बोल सेक्सी कुतिया..


देख लें ठीक से... पूजा करेगी आज के बाद तु इस हरामी लण्ड की..

कहते हुए रिज़वान ने लण्ड को बिना छुए अपनी कमर हिलाते हुए दाएं बाएँ घुमाया....

उफ्फ्फ्फ़ सच मे बहुत बड़ा हैँ ये.....
और तभी लण्ड का चाँटा कस कर मेरे गाल के उपरी भाग पर पड़ा
,
जो रिज़वान के उंगलियों के ऊपर हैँ.
धाड़... उफ़ क्या चाँटा हैँ..
अह्ह्ह निकल गई मेरे खुले हुए होठों से..


ओओओ अ अ नं नं न न जैसी आवाज़ निकली थी मेरे मुँह से..
धाड़ दूसरा थप्पड़ मेरे नाक के बगल पर

ओ ओ अ अ अहह ननन

और उसका लण्ड मेरे होठों के ऊपर आकर रुका...
हा हा हा हा हा हा

रिज़वान की हसीं और मेरी हालत पर हसना
मेरे गरूर का अपमान हैँ..


लण्ड को पकड़ रिज़वान ने मेरे होठों पर गोल गोल घूमना शुरू किया..

उफ्फ्फ्फ़ लण्ड जैसे लिपस्टिक लगा रहा हो मेरे खूबसूरत होठों पर...

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मैंने होंठ बंद करना चाहा मगर रिज़वान के अंगूठे ने ऐसा नहीं होने दिया...
लण्ड की महक... उफ्फ्फ्फ़ उसने लण्ड सरका कर मेरे माथे पर रख दिया.... और हसने लगा...
हा ह हा हा .. साली देखा मेरा लण्ड... बोल टाइट चूत की मस्त सेक्सी कुतिया...
बोल...


मैंने धीरे से ना के इशारे मे अपना सिर हिला दिया...

मेरे पुरे चेहरे पर उसका लण्ड घूम रहा था..

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कभी आँखों के ऊपर... कभी नाक पर.. गालो ओर.. माथे पर... ठोड़ी पर.. होठों पर.....
उफ्फ्फ्फ़ ये क्या पागल हैँ.... हवसी.... हैँ....
मैं चुप क्यों हूँ..?
मैं नहीं जानती.... बस चुप सी ये सब महसूस कर रही थी
गरम.... सख्त.... महक से भरा... उसका विशाल. लण्ड....
उफ्फफ्फ्फ़...
तु कौन हैँ? रिज़वान ने मुझसे पुछा... बता कौन हैँ तु?
उसने अपना हाथ मेरे गलो से हटा लिया...
मैं बोल सकती थी... गाल दर्द कर रहे थे अंदर से.


बोल कौन हैँ तु...?
उसके सवाल पर मैंने कहा...
मैं अनीता हूँ....


... लण्ड हिला कर उसने मेरे मुँह पर मार दिया अह्ह्ह्ह गाल पर लण्ड की ठोंकर पडी...

833-1000
साली तु अनीता थी... अब रण्डी हैँ मेरी...
रण्डी हैँ तु.. मेरी.. समझी?
बोल कौन हैँ तु.....?


इस बार उसने पुछा तो मैं कुछ ना बोली...
उसकी आँखों मे देखती चुपचाप रही...
उसने हाथ बड़ा कर मेरे निप्पल्स पकड़े.. और धीरे धीरे मरोड़ने लगा.. अह्ह्ह्हह


शरीर कांप गया मेरा...
एक तरंग सी निप्पल्स से उठती हुई सीधा नाभि से होती हुई मेरी चूत तक टकराई...

उफ्फ्फफ्फ्फ़....

ब्रा नहीं पहने हुई थी मैं... आअह्ह्ह माँ
ऐसा लगा जैसे ये कंपन मेरी चूत गीली कर देगी...


उसने निप्पल्स को छोड़ दिया और फिर.. किचन से कैंची उठा लाया...

अगले ही पल मेरा टॉप सामने से काट दिया गया था..

अह्ह्ह्हह मेरे बूब्स गर्व के साथ अकड़ कर सामने आगये...
उफ्फ्फफ्फ्फ़ नहीई...


हा ह हा हा... साली क्या मस्त चूचियाँ हैँ तेरी...
गोल गोल गोरी गोरी उफ्फ्फ मस्त...


भूरे निप्पल्स उफ्फ्फ साली तुझ पर उस गांडू सूरज का अधिकार नहीं था .. तेरे पर सिर्फ मेरे इस लण्ड का अधिकार हैँ...

कहते हुये उसने अपना लण्ड मेरे दाएं निपल पर रख दिया..

उफ़ क्या अहसास था मैं तड़फ उठी..
वो धीरे धीरे अपना लण्ड मेरे निपल पर रगड़ने लगा....
गोल गोल घूमता.. कभी लण्ड के दवाब से निपल को मुँह दबा देता..


अह्ह्ह्ह माँ उफ्फ्फ्फ़ please stop.. मैं इतना ही बोल पाई कि उसने..
लण्ड से एक जोरदार थप्पड़ मेरे निपल पर दे मारा ..

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मैं तड़फ उठी..
दर्द और मस्ती कि मिलिजुली लहर का वो अहसास..
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़.
उसने फिर मेरे दोनों निप्पल को पकड़ा और मरोड़ता हुआ उन दोनों निप्पलस को खींच कर पास लें आया....

अह्ह्ह्हह मैं उस खिचाव से कराह उठी....


अगले ही पल उसने अपना लण्ड मेरे बूब्स के बीच मे नीचे कि तरफ से ठेल दिया.....

अह्ह्ह्ह क्या अहसास था वो... मोटा गरम लण्ड ...... उफ्फ्फ मेरे बूब्स के बीच मे सरकता हुआ....
अह्ह्ह्ह....


उस ज़ालिम ने लण्ड खिंचा बाहर और लण्ड के गोल head पर..
. ढेर सारा थूक उगल दिया... थू थू....


उफ़ वोही गीला लण्ड फिर दोबारा मेरे बूब्स के बीच घुसेड़ दिआ...

अह्ह्ह इस बार का अहसास अलग था..
फिसलता हुआ लण्ड बूब्स के clevage से बाहर आ गया....

लम्बा उफ्फ्फ मेरे गले तक.....
और फिर ज़ालिम कमीने ने हिलना शुरू किया..
उसके हिलने पर लण्ड आगे पीछे हो रहा था...


उफ्फ्फ्फ़ उस घर्षण से मेरी साँस तेज होने लगी....
उफ़ क्या अहसास था वो...
Uffffffff ufff उफ्फ्फ

उसके लण्ड की अकड़ जैसे मेरे जिस्म से मेरी सारी अकड़, गरूर जलन और मेरे attitude को सोखती जा रही हो...


ना चाहतें हुए भी मेरी सांसे भारी होने लगी थी...

अजीब सा अहसास जब वो लण्ड आगे करता तो उसका लण्ड घिसता हुआ मेरे बूब्स के बीच से मेरी गर्दन तक चला आता और.......

उफ्फ्फ वो चिकना गोल सख्त लण्ड का मशरुम head उभर कर skin से बाहर आना और उसकी महक जैसे मेरे गुस्से पर पानी डाल रहे थे...


दिल मे एक guilty का अहसास भी था कहीं भीतर मेरे...... की इसके इतने करीब और इस तरह.... उफ़ no

चिल्लाना चाहती थी.. अंदर से एक आवाज़ आ रही थी मेरे.. की लात मार कस कर और भाग बाहर की तरफ.. जोर से चिल्ला.. कोई तो सुनेगा..


मगर जैसेही वो निपल्स को हल्के से मरोड़ता उफ्फ्फ अपने नाखुनो से उन्हें कुरेदता....
अह्ह्ह्हह अपना लण्ड मेरे गोरे बूब्स के बीच धक्के से आगे करता.... ओह्ह मां

ना जाने क्यों मेरी आवाज़ अंदर ही पिघल जाती... और बस सिसकी निकलती...


मेरी guilt और वो लात मारने का ख्याल थोड़ा और दूर चला जाता..
जैसे मुझे मेरा जहन, मेरा अस्तित्व और मेरा प्रतिरोध मुझे छोड़ रहा हो... धीरे धीरे....

और मैं गिर रही थी.. नीचे और नीचे. अपनी सिसकियों की गहरी मांद मे..

जहान मुझे कोई पुकारने वाला नहीं था.. जहाँ मुझे कोई बचाने वाला नहीं था...
जहाँ मेरी प्रतिरोधक शक्तियाँ भी मेरे ऊपर मुस्कुरा रही थी.......
. हाँ मैं गिर रही थी उसकी बड़ी गहरी विभस्त आँखों मे.........

साँसो का हकला तूफ़ान मेरे सीने मे पंपने लगा था उसकी आँखों मे झाँकते हुये.....

वो मुझे देख कुटिलता से मुस्कुरा रहा था...
लण्ड पसन्द आया?
उसने बड़ी बेशर्मी से मुझसे पुछा...


मैंने कोई जवाब नहीं दिया...

उसके इस सवाल से बस मेरे अंदर एक झुरझुरी सी दौड़ गई और मैंने साफ महसूस किया कि मेरे माथे पर पसीने कि कुछ बूँदे उभर आई हैँ..

बोल ना लण्ड पसन्द आया तुझे मेरी रण्डी करिश्मा ... बोल..

और इस बार ना जाने कैसे मेरे मुँह से.....

हम्म्म्म जी......
ये शब्द खुद ब खुद निकल. आये...
उसकी आँखों मे एक चमक दौड़ गई...


वो पीछे हटा और मेरे बूब्स को सख्ती से पकड़ ऊपर खींचने लगा.. अह्ह्ह्ह मैं उठती चली गई...

दर्द से बचने के लिऐ मैं खड़ी होती चली गई....

अब मैं उसके सामने ख़डी थी... उसने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों मे भरा और झुकते हुए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए .......

उफ्फ्फ्फ़ उसके भद्दे कुरूप मोटे होठों ने मेरे कोमल. सर्फ़ गुलाबी होठों पर पूरी तरह क़बजा कर लिया...

मममम सी आवाज़ उसके गले से निकली और मुँह खोलते हुये मेरे होतो को चूसते हुये अपने दांतो के बीच उसने भर लिया....
अह्हह्ह्ह्ह

उसकी मोटी जुबान मेरे होठों पर बुरी तरह लिबलिबा रही थी..
चाट रही थी.. कुचल रही थी..


उफ्फ्फ उसके दांतो होठों को दबाते... कुरेदते तो कभी काटते..
उफ़ दोहरे हमले से मेरी ममम मममम न्नन्न जैसी आवाज़ ही निकल पर रही थी

तभी उस कुत्ते ने तीसरा हमला कर दिया.. उसका एक हाथ मेरे बाएं बूब्स पर आया और....

उफ्फफ्फ्फ़ पूरी ताकत से मरोड़ दिया

मैंने पीछे हटने कि कोशिश कि मगर उसका दूसरे हाथ ने मेरी कमर पर से होते हुये मेरी पसलियों से मुझे समेट मुझे कब्जे मे भर लिया...


आअह्ह्ह ममममम
बूब्स को जैसे वो कुचल देना चाहता हो.. उफ्फ्फ्फ़


मेरे होठों को वो कुत्ता भभोड़ कर चाट खा -चाट और चूस रहा था...

कभी मुट्ठी मे बूब्स दबाता तो कभी उसकी उंगलियाँ मेरे निपल को खिंचती हुई कुरेद और मरोड़ देती.... अहह माँ

इतना व्हशिपन उफ्फ्फ्फ़ ये इसकी हवस... उफ्फफ्फ्फ़.


मैं तड़फ रही थी उसकी मजबूत बाहों मे...
इस तरह जकडे जाने का अहसास बिलकुल नया था मेरे लिऐ...
ये पगलपन और दरिंदगी नई थी मेरे लिऐ...

अह्हह्ह्ह्ह ये ये मुझे अब.. अह्ह्ह्ह
उसने अब पागलपन और हवस का दूसरा पत्ता फेका....


उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह उसकी जुबान अब मेरे पुरे चेहरा को चटनी लगी... गाड़ा saliva मेरे चेहरे पर फिसलता.... मुझे गीला कर रहा था...

अपनी जुबान सख्त करके कभी मेरी आँखों मे घुमा देता तो उफ्फफ्फ्फ़ कभी मेरी नाक के छेदो मे जुबान का नोक घुसेड़ता..

उसकी गीले मोटी जुबान मेरा माथा... मेरे गाल.. नाक. आँखों पर सख्ती से फिसल रहे थे...


अह्ह्ह्ह मेरे माथे का पसीना...
उफ़ उसकी saliva से मिलकर एक नई महक पैदा करने लगा था.....

उसने मुँह खोला और गालो को भर लिया..
आआईई अह्ह्ह तीर्व जलन.. अहह दांतो का निशान गहरा छप चूका होगा

Ahhhhh
मेरे होंठ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्हही ईई अआइ...


दांतो मे दबा कर अपनी तरफ यूँ खीचा उस ज़ालिम ने कि मेरा चेहरा मे उस ओर खिंचता चला गया.....

उईई मरोड़ दिया ज़ालिम ने इस बार ओह्ह बूब्स को.....

मैं गुड़िया बनी उसके हाथों का खिलौना थी शयद अब.......
A Sex डॉल


माँ अह्ह्ह्ह कंपन सी उठ पड़ी... उफ्फफ्फ्फ़

जुबान गर्दन को गीली करती हुए मेरी बूब्स पर आ गई.... उफ्फ्फ अह्ह्ह मममम

मुँह खुला और अह्हह्ह्ह्ह yess
जब उसकी मुँह ने पुरे निप्पल के area को मुँह मे भर लिया...
जुबान कि गीली रगड.....
अह्ह्ह निप्पल के point tip पर यूँ महसूस हुई जैसे कोई सिरहन चटक कर आई हो वहाँ...
गुदगुदी का तीर्व अहसास..


मममममम
मुँह मे बूब्स को इस प्रकार चूसते हुये खिंचा की...


बूब्स फिसलता हुआ उसके मुँह मे समाता चला गया..
आहहहह
मेरा शरीर कमान की तरह अकड़ गया और मैंने ना जाने कब अपने बूब्स उसकी मुँह की तरफ और अधिक धकेल दिए...


दांतो से nipple दबा अंदर से उसकी जुबान निप्पल के tip point को कुरेद रही थी सहला रही थी..

जैसे मेरे दिल के अंदर जाने का वो रास्ता हो...

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ्फ्फ्फफ्फ्फ़....

दोनों हाथों से दोनों बूब्स को पकड़ कर मिला दिया उसने और अब बारी बारी दोनों निपल्स को चूमने और चाटने लगा...


दाँत निपोर कर आगे लता और दांतो से निपल्स को कुरेदता...

मेरे बुब्स पर लाल लाल दांतो की निशान..... पुरे गीले ....
उफ़ हवा का ठंडापन उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़...


वो थोड़ा और झुका..... मेरी short साइड के पकड़ी और मेरी जांघो... Calf... Anklets से होती हुई मेरी short जमीन पर पड़ी मुझे मुँह चिड़ा रही थी कि बड़ी आई थी बदला लेना.. अब पछता....

उफ्फफ्फ्फ़
मैं मन की हालत विचित्र थी... बदला लेने की तमन्ना अब भी थी मगर दिमाग़ और प्रतिरोध शक्ति दूर ख़डी मुझे पर हस रही थी.....


अगर ऐसा ना होता तो क्यों मैं खुद अपने पैरों को उठती जब वो मेरी शॉर्ट्स anklet से उतार जमीन पर डाल रहा था..

सच हैँ शायद मैं उसकी orders के नीचे आ चुकी थी...

अह्ह्ह वाह क्या गोरी चूत हैँ तेरी साली रांड... एक दम. चिकनी.....
हा हा हा...


तेरी गाण्ड भी चिकनी है और तेरी चूत भी चिकनी.....
सूरज की नहीं तू, राण्ड मेरी है

सूरज का नाम सुनते ही मन उछल पढ़ा.. मैं वर्तमान मे लौटने लगी.. कि ये क्या कर रही हूँ मैं.. क्यों क्यों मुझे रोकना होगा इसे...
.
मगर उसकी साँसे के मेरी चूत की दरार पर टकराने का अहसास होते ही..... अह्ह्ह मेरी आँखें बंद होती चली गई....


उसकी सख्त उँगलियों ने मेरी कमर को. पकड़ा......
एक धक्का..... उफ्फ्फ्फ़ और मैं पीछे बेड पर पीठ के बल गिर पड़ी.....


अह्ह्ह

मैंने महसूस किया उफ्फ्फ्फ़ मेरे घुटने कस कर पकड़े गये हैँ उसके पंजो के द्वारा.....

और खोल दिया उसने मेरी दोनों टांगे.... अहह अलग -अलग दिशा मे....


मेरी गुलाबी गोरी चूत जिसपर हल्का गहरा रंग की लालिमा भी छाई थी... उफ़ उसका चुम्बन.. मेरी जांघो पर...
कुत्ता अह्ह्ह

मेरे मुँह से सिसकी फूट पड़ी... अह्ह्ह ममम

चुम्बन उफ्फ्फ उसकी जुबान का वही अंदाज़ अह्ह्ह... मेरी जांघो के आंतरिक भाग को चाटता गीला करता हुआ वो ऊपर की तरफ बढ़ रहा था....


अह्हह्ह्ह्ह माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़
अब उसकी जुबान मेरी चूत के दाने से टकराई.....


आह कमीना अह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फ आँखें बंद.....

हल्का चुम्बन उफ़ चूत के दाने पर....
उफ्फ्फ्फ़
और मुँह खुलने का अहसास हुआ उसके....
आहहहहहह पूरी चूत का देना और आधी चूत गई भर ली उसने अपने मुँह मे.....
मेरी आँखें ऊपर चढ़ गई.... होंठ पुरे खुल गये आआआ आइएह्ह्ह माँ
उफ्फ्फ आहहहह
दांतो ने दरिंदगी दिखाई.. आअई इ
और जुबान ने मलहम लगाया
उफ्फ्फफ्फ्फ़
जुबान दाने को कुरेदने लगी.... मईया मेरी.... उफ्फ्फ्फ़ god ओह्ह्हमा..
Yes yes... Yessssssss मेरे होठों ने साफ कहा... एस्स्स्स yesssss eat me please
वो समझ गया कि अनीता फस गई हैँ अब उसके हाथ मे...


मेरी yes.... उसके लिऐ ग्रीन signal था....
उसने जोश मे भरकर मेरी चूत को भभोड़ दिया.....
आअह्ह्हई

जुबान सख्त हुई और मोटी लम्बी गीली गन्दी जुबान...

मेरी मखमली चूत के अंदर घुसती चली गई..
मेरी जांघो को जबरजस्ती पूरा खोल दिया उसने.. और जुबान का प्रहार मेरी भीतर तक...
आआआआआइईई उफ्फ्फ्फ़ YESSSS...
गोल गोल घूमता अपनी जुबान से जैसे वो मेरे जिस्म के भीतर जाने का रास्ता ढूंढ रहा हो...
अह्ह्ह्ह उसके हाथ अब फिसलकर मेरी गाण्ड पर कस गये... मेरी गइल गाण्ड को उसने हाथों मे भर लिया... कियुँकि मैंने ना जाने कब मस्ती की तरंग मे अपनी कमर उठा दी थी.. ऊपर ऊपर हाँ ऊपर...


मेरी गाँड़ मे माँस को बुरी तरह मसलते हुये वो मेरी चूत को जैसे पी रहा था... चाट और खा रहा था....
मैं मछली की तरफ मचल रही थी उसके सामने..... उसके नीचे..... उसके हाथों मे... एक गुड़िया बन.....
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़


इस बार उसकी जुबान फिसली और मेरी गाण्ड के छेद मे रगड गई..
अह्ह्ह्ह गुदगुदी का अहसास..... तरंग..... कंपकपी...... उफ्फ्फ्फ़


जुबान और होठों ने अपना काम. किया..... मार डाला उफ्फ्फ

गाण्ड को चबाता और छेद को जुबान सा चाटता उफ्फ्फ्फ़ माँ सख्त जुबान मेरी गाण्ड के छेद को धक्का दे अंदर घुसी..


उफ्फ्फफ्फ्फ़ मस्ती सी छा गई....
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ अहसास स्वर्ग का यही हैँ......


दूसरी तरफ मेरी चूत मे उसकी दो मोटी उंगलियां अंदर तक घुसती चली गई

अहहहहहहहहहह ओह्ह्ह्ह
गाण्ड मे जुबान...... चूत मे दो उँगलियाँ
एक साथ..... साथ साथ.....
अपना काम. कर रही थी
... Please Kill Me.... Please...
मेरे मुँह से ये शब्द निकले तो वो और बुरी तरह मेरी गाण्ड को भभोड़ने लगा...
आहहहहह
वो पीछे हुआ... और मेरे सामने पैंट पूरी उतार नंगा खड़ा हो गया...
मैं उसे देख डर गई...
उफ्फ्फ ये लण्ड... ये भारी शरीर....
मार डालेगा ये मुझे....
उसने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे दोनों हाथ खोल दिए....
मैं नंगी खड़ी थी उसके सामने....
मन ने आवाज़ दी.. अब भी कुछ नहीं बिगड़है.. भाग बचा खुद को... करिश्मा भाग...
तभी मुझे याद आया पापा की revolver उनकी अलमारी मे रखी है


अगला update क्या Revolver तक मुझे पहुँचा देगा?

पता नहीं
यें तो कल ही पता पड़ेगा, जब कहानी खुद आगे बढ़ेगी


(आपकी अनीता 🙏)
Wow dear ye dav to tum pr ulta pad gaya ab maje se chud lo bade lund se chut ki aag thandi karlo isi tarah se badla lelo
Use barbad karke konsa tumhara pati vapis aane wala hai..
Papa or rizwan ke maje lelo 💦💦💦💦💦💦💦👙👙👙💋💋🥵🥵🥵🥵🥵🥵👙👙👙👙💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦
 
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