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Adultery उस रात पापा ने मुझे चोद दिया, एक कामुक तंत्र कथा (अनीता )

Ankushmehta

New Member
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My real face
Mai janti huun etni raat ko koi jga nhi hoga, esiliye risk le rhi huu

It will auto delete after 10minutes
Yar tm hamesha delete kr deti hu 4 year se follow kr raha hu tumhe Anita or tm ho k hamesha delete krdeti hu
Yah aashik taras raha Teri jawani dekhne ko

Aaj I'd b bna li tumhare lie
Apna hal e dil bayan krne k lie
 
Last edited:

Ashu4u131

Ignorant 😏
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UPDATE-15
उसने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे दोनों हाथ खोल दिए....

मैं नंगी खड़ी थी उसके सामने....
मन ने आवाज़ दी.. अब भी कुछ नहीं बिगड़है.. भाग बचा खुद को... अनीता भाग...

तभी मुझे याद याद कि पापा की almirah मे पापा की revolver रखी है, किसी तरह अगर मैंने वो उठा ली तो खेल बदल जायगा..

मगर उसने मेरे सिर पर हाथ रखा और नीचे की तरफ दवाब दिया.. मैं ज़मीन पर बैठती चली गई....

वो मेरे मन की आवाज़... अंतर्मन की चीखे.. सब चुप.... शान्त....
मेरे मुँह के सामने उसका भारी काला लण्ड फूफकार रहा था..


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pic upload

उसने हाथ से लण्ड पकड़ा और मेरे होंठ पर रख दिया... उफ्फफ्फ्फ़
पता नहीं क्यों... कैसे मैंने अपने होठों को खोल दिया उस विशाल बदसूरत लण्ड के स्वागत मे.....
वो मुस्कुरा उठा...


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चूस लें.. यही अब तेरी तकदीर हैँ साली..
मैंने पता नहीं कब लण्ड का मुंड अपने मुँह मे लें लिया .. उफ़ इतना बड़ा लण्ड...

ओह्ह्ह
उसने मेरे सिर पर हाथ रखा और लण्ड को मेरे पूरी तरह खुले. होठों के बीच पेलना शुरू किया..


Gu gu gu गाग gag gag gaged ग ग ग घह gu gag gaged...
मगर सवाल ये था कि ये लण्ड मुँह मे जायगा कैसे?
उफ्फफ्फ्फ़
Gu gu gag gaged aaaakkk उह्ह्ह no no gu


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जैसे मुँह पर कोई लम्बा मोटा ढक्क्न लगा कर मुँह बंद कर दिया गया हो..

उफ़ उसने धक्का दिया कि लण्ड और अंदर हो जाये... बदले मे.. Saliva मेरे मुँह से बाहर बहने लगा...

Vomit का guuuu gag gaged अहसास उफ्फ्फ्फ़
वो मेरा सिर पकड़ ओकड़ कर धक्के देने लगा

उसका वो परिणाम निकला कि मेरी throat तक मोटा सा घुटा घुटा अहसास घुसता चला गया...
I was Fully chocked......

Gag gaged gu guuuuhhhhhh uffff no नऊऊ
दे धक्के दे धक्के.. मेरे हलक तक मेरी आंखे बड़ी हो बाहर निकले लगी...

मैंने दोनों हाथों से उसे पीछे धकेलना चाहा मगर उसकी ताकत के आगे मैं सिर्फ एक खिलौना गुड़िया थी...
लें साली पूरा लेगी...इसे कहते हैँ लण्ड.... ये हैँ लण्ड..
चूस.. खा जा हरामजादी कुतिया बहन कि लौड़ी...



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साँस लेना मुश्किल. था अब....
उफ्फ्फ मां gu gu कि आवाज़ मेरे मुँह से लगातार निकल. रही थी....
वो पीछे हुआ..


और मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया.. और कूद कर मेरी बगल मे लेट गया...

उसके होंठ मेरे होंठ पर जम. गये
मममममम अह्ह्ह मममम
फिर वो धीरे से बोला..


इसी बेड ओर तेरे बेड पर... आज तुझे चोदूँगा हरामजादी.. इसी लण्ड से...
आज से तु भी मेरी रखेल हैँ.. कुतिया हैँ...
बोल हाँ
बोल मेरी सेक्सी चूत वाली बोल हाँ...

और मेरे मुँह से ना जाने क्यों...
जी....... शब्द निकल पडा.
जी.... जी.... शब्द मे शायद समर्पण था...

उसकी supreme होना का स्वीकार था...

वो मुस्कुरा उठा... उसने टेबल पर पडा मेरा मोबाइल उठया.. और मेरी तरफ बढ़ा दिया..

पासवर्ड खोल साली...

ना जाने क्यूँ
मैंने चुपचाप पासवर्ड खोल दिया...
अब उसने मेरा मोबाइल लिया और कॉन्टैक्ट लिस्ट मे से papa का नंबर मिलाया...

सुन कुछ भी बात कर... ज़ब तक. मैं ना बोलो करती रह...

उसके call. पर पापा ने call उठाया तो उसने मुझे मोबाइल दे दिया...
हेलो मैंने बोला.. बेटी ठीक हो ना...
उफ्फफ्फ्फ़ तभी रिज़वान ने मेरी गाण्ड खोल उसके छेद को चाटना शुरू कर दिया..

अह्ह्हसी सिसकी उठी मैं...
हाँ मैं ठीक हूँ....
अह्ह्ह मैं फिर सिसकी उठी...
क्या हुआ.. उन्होंने मेरी सिसकी सुन कर पुछा...

कुछ नहीं.. पैर मुड़ गया था.. हल्की. मोच हैँ.. वो सिकाई कर रही हूँ... ना
आअह्ह्ह

रिज़वान कि जुबान गाण्ड के छेद मे घुसी...

अरे क्या करती हो तुम? कैसे लगी तुम्हारे?

पापा के इस सवाल पर मैं साफ झूठ बोल गई...
गई थी... मोच आ गई है पापा सीढ़ी पर

रिज़वान ने ऊँगली पेल दी मेरी मासूम निगोड़ी चूत मे..
उफ्फ्फ आअह्ह्हह्ह्ह्ह
मैं सिसकी उठी..
.......
लगता हैँ ज्यादा दर्द हो रहा हैँ बेटा आपको...
डॉक्टर से मिलो.. जल्दी..
.....
हाँ हाँ... मिलती हूँ....
अब रिज़वान क़ी हरकते उफ्फ्फ..
मैंने जल्दी से मोबाइल बंद किया...
और रिज़वान ने मुझे उलट कर सीधा कर दिया..

अब सुन तेरी चूत का उद्घाटन होगा अब...
टाँगे खोल....
ना जाने क्यूँ मैंने उसकी बात मानते हुए टाँगे खोल दी....

उसने मेरी टांगो के बीच आकर लण्ड को चूत पर थपथपाना शुरू किया..
मैंने अब पहली बार उससे बोला..

Please आपका बहुत बड़ा हैँ... नहीं जायगा please अंदर....
Please...

हा ह हा हा हा वो हसा...
जायगा नहीं... अरे ठोक दूंगा पूरा लण्ड तेरी चूत मे..
लें देख अपनी चूत को... देख ना.. बहन क़ी लौड़ी..

और मैंने उठ कर अपनी चूत देखी...
उसने मोबाइल उठा कर पासवर्ड खोला और... मेरी चूत क़ी पिक्स लें ली...

साली कुतिया ये चूत क़ी pics अब रख अपने पास कियुँकि अब आज के बाद तेरे पास चूत नहीं... भोसड़ा होगा....
फाड़ दूंगा तेरी चूत आज.........
मैं डर गई उसने लण्ड मेरी चूत पर टिकाया....
...............
..............
...............
मेरा मुँह खुलता चला गया... आँखें फट कर जैसे बहार आने को हो...
आआआ आआआ
क़ी चीख निकली.........
साले मदरचोद ने मेरी कमर पकड़ कर अपना लण्ड धक्के के साथ ठोक दिया तह चूत मे मेरी...

मर गईंईई उफ्फ्फ माँ...
प्लीज् निकालो... अहह बाहर निकालो... मर जाउंगी..... भू बू हहहहहह हूँ हू ईईए

मेरी आँखों से कोरों से आँसू ना जाने कब निकल. पड़ें....
हाथ जोड़ती हूँ please प्लीज.. निकल. लो...
Aaaaeeeee..

....
उसने अपना लण्ड बाहर खिंचा और.... पूरी ताकत से मेरी चूत के अंदर ठोकर मार दी...
माआआआआआ अअअअअअअ ईईईईईई

मैं चीख उठी...
यु लगा कोई. मुसल चूत मे घुसेड़ दिया गया हो..


1

साले ने अपना बदन मेरे जिस्म पर गिर दिया.. मेरे कोमल बूब्स उसके सीने के नीचे दब से गये
और उसने मेरे होठों पर अपने मोटे भद्दे होठों को पूरी तरह रख उन्हें जकड़ लिया....
मेरी चीखे और सिसकियां मेरे हलक मे ही दब गई

अं अं अं ममम गुह gu गु गु घह गुहहहहहह.

जैसी कुछ दर्दभरी आवाज़े बस मेरे हलक और नाक से निकल रही थी..
उसकी भारी कमर मेरी टांगो को बुरी तरह अलग अलग विपरीत दिशा मे खोल रही थी..

उसकी जुबान जैसे मेरे मुँह के भीतर जाने का रास्ता खोज रही हो..
सख्त जुबान का अहसास.....

एक बार और जो ठोंकर पड़ी तो मेरे दाँत जो उसकी जुबान को रुके हुये थे.. आअह्ह्ह के रूप मे अलग हो गये...

और साले की जुबान घुसती चली गई मेरी जुबान के ऊपर से फिसलती हुई..... अंदर तक..

नीचे ठोकरों का दौर शुरू हो चूका था... उसका सीना मेरे बूब्स निपल्स को बुरी तरह पीस कुचल रहा हैँ....
और जुबान मेरी जुबान को कभी पकड़ती कभी छोड़ती उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ...

लण्ड का ये अहसास अनोखा हैँ..

इतना मोटा पहली बार....

मेरे अंदर... उत्पात के रूप मे... उफ्फ्फ्फ़ जब वो लण्ड बाहर खिंचाता तो मेरी चूत की खाल उसके लण्ड के साथ बाहर खींची आती और दूसरे पल ही वापस ठोंकर के साथ अंदर चली जाती....
...
उसने मेरे होंठ छोड़े और कमर की ठोकरों के बीच बोला.. रण्डी बना डालूंगा तुझे साली...

मुझे सज़ा देगी हरामजादी कुतिया
मैं चीख उठी......


अहह हट्ट hattttt ja.... Please उफ्फ्फफ्फ्फ़ मर गई..

सूरज बचाओ मुझे आहहहह माँ...
मुझे लगा जैसे सूरज की आत्मा बचा लेगी मुझे

मगर ऐसा नहीं हुआ
वो मेरी गर्दन को चूमने लगा... पुच muhaa puchh...

ऐसा लग रहा था... मेरी बच्चेदानी घायल कर देगा ये सांड.....

अचानक उसने मेरा एक पैर पकड़ कर अपने कांधे पर रख लिया... और दूसरे पैर पर चढ़ कर मेरी चूत का भूरता बनाने लगा.. धाड़ धाड़ थाप थाप

आह मर गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ जाने दो... उह ओह मां मर जाउंगी.. उफ्फ्फ अह्ह्ह ईईवीव्व्ववीईईई..
बस यही आवाज़े मेरे पुरे फ्लैट मे गूँज़ रही थी....

हाथ जोड़ रही हूँ प्लीससस निकालो... रुक जाओ... आअह्ह्ह धीरे

और मैंने अपने हाथों सच मच जोड़ लिऐ...

मगर मेरी
इस position मे वो और हिंसक हो गया.. उसका लण्ड गहराई तक मार कर रहा था...

वो कुत्ते की तरह मेरी चूत पर लण्ड की ठोकरें लगातार मारा जा रहा था.
. उसका ballsack आहे आह आह मेरी गाण्ड के छेद के ऊपर लगातार हर धक्के पर टकरा कर वहाँ कंपन पैदा कर रहे थे...

.... अह्ह्ह बचाओ ओ ओ ओ आइईई
मेरी इन शब्दों पर वो. जोर से हसा...

मेरी रानी... चिकनी... रण्डी.... तेरा पति जिंदा होता तो उससे अपने लण्ड को गीला करवा कर तेरी चूत पर टिका देता....
हा हा हा हा
साली तु मेरी रण्डी हैँ, और वो साला नामर्द था ..

बोल बोल... अनीता मेरी जान...
बोल अब.. हा हा अहा आह हा

उसका जान कहना मुझे..
मेरे दिल पर आघात सा था...

उफ्फ्फ मैं तो सूरज की जान थी ... और अब ये भी.....

इससे आगे मैं आगे कुछ और सोच पाती ..
आआउउच माँ मर गई.. आईईईई अह्ह्ह

साले हरामी ने पूरी तरह कूद कर लण्ड की ठोंकर मेरी थी.... लण्ड बच्चेदानी को जैसे दवाब से पीस देगा...

मेरा मुँह पूरा खुल गया..

उसको जैसे मौका मिल गया हो...
थू....... की आवाज़ के साथ मेरे खुले मुँह मे rizwaan का थूक उतरता चला गया..

छी गाड़ा और चिपचिपा अहसास..
उफ्फ्फ्फ़ तुरंत उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख उसे बंद कर दिया..
मममममममममममम मममममममममममम

लण्ड की ठोकरें उड़ड़ड़ड़ड़फ्फ्फ्फफ्फ्फ़

मुझे वो थूक ना चाहतें हुये भी निगलना ही पडा....

कसकसाता सा मोटा लण्ड घिस्सा मारता हुआ मेरी छोटी सी निगोड़ी चूत की दीवारों को फैलता जा रहा था......

पता नहीं कब मेरी साँस और तेज चलने लगी और आँखें मुंदने लगी....
लण्ड का मोटापन अब जैसे चूत का हिस्सा बनता जा रहा था..


दर्द मे मीठापन और कामुकता घुलती जा रही थी.. उफ़ ये मीठा, कामुकता भरा अहसास........

अब दिमाग सुन और सारी सोचें मेरे जहन से दूर होती जा रही थी...
अब बस मेरा जिस्म और rizwaan के भारी जिस्म के बीच मुझे ठोकता उसके मस्त लण्ड का अहसास था.....


जाने कब मेरी बाहों ने उसके मजबूत बांहों को थाम लिया और आअह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह yes ओह्ह no.. धीरे.. अह्ह्ह मर गई...

अह्ह्ह उगफ्फफ्फ्फ़ yes yes yes
.. अह्ह्ह जैसी सिसकियां और कराह मेरे होठों पर अपना वजूद जमा चुकी थी...

वो समझ गया कि मैं घुल रही हूँ अब.... उसके नीचे... उसकी अटूट मर्दानगी के साये मे.......

उसने झुक कर मेरे माथे को प्यार से चूमा.....
और गाण्ड घुमा घुमा कर मेरी चूत के रास्ते मेरे दिमाग और दिल मे जगह बनाने लगा....

लगातार मेरे माथे को 4-5 बार चूमने के बाद उसने मेरी आँखों को चूमा...... मेरी नाक को चूमा....
ये चुम्बन अब मुझे अपनेपन का अहसास दिला रही थी.....

मेरी कानो मे धीरे से फुसफुसाया...
You are sexy....

इस बार मुझे उसका इस तरह पुकारना अच्छा लगा....

मैं नहीं जानती.. ये कैसी प्यास थी.... क्या था ये... क्यों किया खुद मैंने...

ना जाने क्यूँ मैंने चेहरा उठाया अपना.... और उसका चेहरा होने हाथों मे भरकर.. उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए

वो धीरे धीरे लण्ड का घर्षण घुमा घुमा के अपनी कमर को दे रहा था....

मैंने होंठ खोले और उसके निचले होंठ को दांतो के बीच लें चूमने काटने लगी...

Puchhh पुच और मेरी साँसो कि आवाज़ उसके होठों के पास गुंज रही थी......

मैं ने अब अपनी आँखें खोली और मुस्कुरा कर उसको आँख मार दी...
ये अक्सर मैं सूरज के साथ करती थी जब sex मे चरम सुख कि प्राप्ति होती....

ये मैंने यहाँ किया....
क्या ये मेरे सुख को प्राप्त करने का सन्देश था...

उसने उसके बदले मे मूझे पटल कर bellydown position मे लिटा दिया....

कुछ समझती... उससे पहलें वो मेरे कामुक जिस्म पर आसमान की तरह छाता चला गया....



मेरे दोनों मेरे सिर के ऊपर उसने सीधे कर पकड़ लिऐ और ना जाने कैसे उसके लण्ड ने मेरी चूत का. मुहाना ढूंढ ही लिया...

उफ्फफ्फ्फ़ मां.. चिकना सा कसकसा मोटा अहसास......
जैसे मेरे जिस्म. का कोई हिस्सा वापस मेरे जिस्म. मे धड़धाड़ाते हुये गुस्ताखी चला आया हो...


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बच्चेदानी पर लण्ड की ठोकर का दर्दभरा अहसास बहुत था मगर कमबख्त चूत की दीवारों ने बगावत कर उसके दर्द को सुख मे बदल दिया था.....

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मैंने अपनी soch और जिस्म को उसके सहारे छोड़ दिया.... मेरा समर्पण....... Rizwaan को......
बोल मेरी कुतिया हैँ तु.....
बोल जान...

उसके ये बोलने पर....
हाँ सच हैँ मैं नहीं जानती क्यों किया ये मैंने...

मगर हाँ कर दिया...
धीरे से ही सही मगर साफ साफ मैंने कहा...
मैं मैं...... मैं आपकी कुतिया हूं....

मुझे पता हैँ.. Rizwaan जरूर मुस्कुराया होगा.....
उसके दोनों पैरों ने मेरी टांगो को खोल कर धाड़ धाड़ मेरी चूत की चुदाई शुरू कर दी....


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और इस बार मैंने कहा
अहह yes yes.... Please fuck मे... उफ्फ्फ harder please याह्ह्ह

Rizwaan मेरे कंधो... गर्दन... को चूमता जा रहा था... अब साँसों का ऐसा तूफ़ान था हमारे बीच...
कि उसकी आवाज़ मेरे फ्लैट से बाहर भी शायद जा रही होंगी... मुझे अब कोई परवाह नहीं थी

कि कौन सुन रहा हैँ... कौन क्या कह रहा हैँ....

मैं तो बस चिल्ला रही थी....
जोर से rizwaan please जोर से मारो मेरी... आअह्ह्ह माँ धीरे.. उईईई माँ


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उफ्फ्फ आह ओह्ह ओह्ह अहह yes yes... Yes.....
और फिर मैं बोल उठी....

या love you yes अह्ह्ह fuck मे... My जान. Fuck me.. Rizwaan pls

बदले me rizwaan ने मुझे हिला दिया मेरी. कमर पकड़ घोड़ी बना कर मेरी गाण्ड के मीट को अपनी ठोकरों से लाल कर दिए....


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उसने मेरे बालों को अपने पंजे मे भरा...
उफ्फ्फ्फ़ ताकत से पीछे खिंचा.... अह्ह्ह्ह मेरा चेहरा ऊपर की तरफ उठता हुआ पीछे की तरफ सिर तनता चला गया.....

हैं रण्डी बोल जोर से i love you काले लण्ड.... बोल... कुतिया madarchod... साली

और मैं चिल्ला उठी...... Yes अह्ह्ह अहह I LOVE YOU KALE LUND.....

I love you...

भावनाओं का तूफान मेरे अंदर से यूँ उम्दा me चीखती हुयी बेड पर औंधे मुँह गिर पड़ी.. जिस्म. अकड़ गया... आँखें फिर चढ़ गई...

लावा सुख का मेरी चूत कि गहराईयों से लबालब बेहटा चला आया... Rizwaan कहाँ रुकने वाला था....

मैं चीख मार अकड़ गई.. उसने मेरी कमर पकड़ दबा दिया नीचे कि तरफ जोरो से मुझे...

फच फच उच फुचाक कि आवाज़ चूत से लण्ड के अंदरबाहर होने पर अब साफ हो रही थी...

मैं मर गई थी सुख के सागर me.... बह गई थी.... मदहोशी me.....
हाँ मैं हार गई थी .. जिस्म. कि प्यास me....

ओह्ह्ह ये सुख सुख सुख.......... Yesssss....

Rizwaan कि ठीकरे कुछ और समय तक मेरे ऊपर छायी रही... मगर आखिर me वो भी मदहोश सा मेरे ऊपर ही पसर गया...

मैंने साफ अहसास किया
बहुत सारा... मेरा मतलब बहुत सारा गाड़ा गरम गरम सा तर्क मेरे भीतर समय रहा हैँ... यही हैँ. परमसुःख....
मैंने आँख बंद कर ली....

एक मुस्कुराहट मेरे होठों पर आकर.... फिर शान्त हो सो गई...
.............. 🔀🔀🔀🔀🔀🔀.............


लगभग 10 minutes के बाद rizwaan उठा और किचन कि तरफ यूँ ही नँगा चला गया...
शायद वो किचन मे कुछ बना रहा था..

ठथोड़ी देर बाद ज़ब वो लौटा टूसके हाथों मे कॉफ़ी के 2 प्याले थे..
उसने मुझे बड़े प्यार से kiss किया... उसके होंठ मेरे आँखों पर उतरे और बारी बारी दोनों आँखों को चूमकर वापस चले गये...

उठ जाओ जान.... कॉफ़ी पी लो...
उसने मुझे हल्के से हिलाया... मैंने ना चाहतें हुये आँखें खोली.. पूरा बदन जैसे टूटन जैसा थका महसूस हो रहा था..


मगर अभी भी उस सुख कि सरूर जहन मे चढ़ा हुआ हैँ... मैंने आँख खोली तो उसका लण्ड मेरे सामने नज़र आया वो मेरे सामने ही कॉफ़ी का एक प्याला लिऐ खड़ा था....

मैंने मुसकुराते हुये उसके लण्ड को हाथों लगाया....

हल्के तनाव मे आधा लटका लण्ड मे जैसे करंट सा दौड़ा हो... मैंने साफ उसको ऊपर उठते और फूलते हुये महसूस किया....

मैंने उसको उंगलियों के बीच भर लिया..... उफ्फ्फ्फ़ ठक ठक ठक ठक हल्के झटको के साथ वो उठ रहा था....

मैंने आगे सरक कर उसके head पर अपने होंठ रख दिए......
उसको प्यार से चूमा.. यही हैँ वो शहजादा... जिसने मुझे अपूर्व सुख का असीमित अहसास दिया...

जिसने मुझे स्त्री होने का असली सुख मे नेहलाया....

जिसने मेरे गरूर को अपने पौरुष से समर्पण तक पहुंचाया.....

मैं rizwaan के लण्ड की बात कर रही हूँ सिर्फ..... Rizwaan की नहीं...

क्यों लण्ड अच्छा लगा?
Rizwaan के इस सवाल पर मैंने धीरे से कहा...


I love you.... मेरे शहजादे....
.....
लण्ड एक हाथों मे पकड़े पकड़े मैंने कॉफ़ी का प्याला उसके हाथों से लिया...

और मुस्कुराते हुये.. एक हल्की सिप ली...
वो मेरे बगल मे बैठ मुझे देखता कॉफ़ी पीने लगा...

अब शर्म का अहसास नहीं था....
कोई पर्दा.... नहीं.....
कोई अनजानापन नहीं......
...............................
....................................
एक बात बता... वो drug क्यों लाई थी क्या करती मेरे साथ अगर मैं लें लेता तो..

उसके इस सवाल पर मैं मुस्कुरा उठी...
बता ना... क्या इरादा था तेरा...
.........
मैंने मुस्कुराते हुये कहा
आपके लण्ड के जैसा मैं didlo लाई थी वो strap on करके आपकी गाण्ड....
कहती हुई मैं जोर से मुस्करा गई ..
मुझे पता था.. तु लाई हैँ वो..

मगर देख... जानेमन... अब तो तेरी बज गई....
(कैसे पता है उसे? कैसे? हर बात किस तरह उसे पता है, मैं समझ नहीं पर रही थी )
मैं धीरे से हम्म्म ही बोल पाई..
...
फिर मैं बोली...
तुम ने सूरज को नहीं मारा,
उसके भाई को नहीं मारा
मैं जान गई हूँ .
मगर प्लीज मुझे बक्श दो, मुझे इतनी चुदाई से ना मारो
मेरी बात पर वो हसा.... अरे पगली.. ये तेरी की ख़ुशी हैँ... तुझे चुदना पसन्द हैँ..
...
देख हर इंसान कि अपना जनून और चाहत होती हैँ...
तेरी पिक्चर 3 महीने पहले देखी थी तब से तुझे चोदना चाहता था
और लें तू खुद आकर फ़स गई
रण्डी बन गई मेरी हा हा हा

उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दिता मैंने.... बस समझ गई... उसका लण्ड मुझे कुतिया बना कर आगे भी चोदेगा

किसी को मत बताना इस सब के बारे मे..
मेरी इसबात पर वो ‘ठीक हैँ जैसा तु बोले “ बोलकर चुप हो गया...
हमने कॉफ़ी खत्म कि.. इस बीच उसके हाथों मेरे निप्पल्स और चूत को लगातार छेड़ते रहे थे...

कॉफ़ी का प्याला टेबल पर रख वो बोला..
चल जरा दिखा वो didlo कहाँ हैँ... जल्दी उठ लें कर आ उसे...

मेरा उठने का बिलकुल मन नहीं था.. जिन्दगी मे पहली बार मेरे जिस्म को इस तरह भभोड़ा गया था.. असीम आनंद का नशा अभी उतरा ही कहाँ था.. जो किसी और काम मे मन लगे मेरा....

फिर भी rizwaan के कहने पर.. मैं धीरे से उठी.. अह्ह्हह्ह्ह्ह

अब अहसास हुआ कि कमर मे टूटन जैसा दर्द हैँ, और टांगों के पीछे की मांसपेशीयां मे खिंचाव का दर्द था... शायद मेरी टांगो को कंधे पर रखकर rizwaan मेरी चुदाई की थी तो खिंचाव आया होगा....

मगर मैं उठी तो मेरी चाल लड़खड़ा थी... टाँगे हल्के हल्के कांप रही थी....

इसका कसूर भी उसकी बेरहम चुदाई ही थी...
मगर यही सुख का अहसास भी था... मैं मुस्कुरा गई...
और अलमीरा खोल कर वो डिलडो निकला और वापस आ कर rizwaan के हाथो मे दे दिया...


अब मैंने जाना कि वो didlo को देख भी नहीं रहा था.....
वो तो मेरे कमर को और नाभि को घूर रहा हैँ..

मैं झिझक गई.. उसकी नज़रे मेरी चूत पर भी हैँ.... मैं मुड़ी और किचन की तरफ चल पड़ी. सामने शीशे मे मैंने साफ देखा कि वो मेरी गाण्ड के उभार को नदिदों क़ी तरह घूर रहा हैँ.......

उफ्फफ्फ्फ़ उसकी निगाहेँ मेरे अंदर फिर एक भूख उमड़ने लगी थी.. मैं पलटी और वापस रिज़वान के पास वापस आ बैठ गई...

मैं नीचे देख रही थी.... मैं सिर से पाँव तक नंगी थी और ये बात मुझमे और ज्यादा sex भर रहा था....
अब rizwaan ने didlo पर नज़र डाली और चौंक गया...
हा हा हा हा हा हा
साली तु ये मेरी गाण्ड मे डालना चाहती थी....
हा हा हा हा......
साली अब एक काम कर सूरज कुत्ते की सारी फोटो जो घर मे अभी सब ला

मैं चौंक उठी उसकी इस बात पर

मगर ना जाने क्यूँ मैं उठ गई almirah से album उठाया और rizwan को दे दिया फिर टेबल पर रखी सूरज की फोटो उठाने जैसे ही मुड़ी मैंने देखा वहाँ एक कैमरा रखा हुआ है
उसकी ग्रीन light जल रही थी ओह्ह मतलब रिज़वान ने सब रिकॉर्ड कर लिया उफ्फ्फ्फ़ noo
मैं अंदर तक हिल गई..
तभी वो जोर से बोला

अनीता मेरी कुतिया अब यें सब जला दे
सूरज तेरे लिए मर गया आज से
जला साली यें सब

मैं समझ नहु पर रही थी कि क्यूँ क्यूँ यें सब?
मेरी आँखों मे आंसुओ कि बुँदे आ गई
मगर मैं उठी और माचिस लें आई

एक कढ़ाई उठाई किचन से और ना चाहते हुए भी album को जलाने लगी...
मेरे सूरज कि सारी फोटो...
थोड़ी देर के धुंए के साथ album जल गया
मेरा सूरज जल गया
उफ्फ्फफ्फ्फ़

सुन रण्डी.. कुतिया
हराम की जणी

चल अब वो फोटो की रख उठा और टॉयलेट मे फ़्लैश करके आ जा

मेरे दिल को धक्का लगा
प्लीज नहीं मैं धीरे से बोली
और बदले मे रिज़वान ने मेरे होंठ को चुम लिया
उफ्फफ्फ्फ़ उसकी मर्दानी गर्मी...
उफ्फ्फ्फ़
मै उठी और सारी रख टॉयलेट मे डाल पानी फ़्लैश कर दिया..
सूरज की राख़..
मेरा सूरज.।

चल जल्दी आ उसने मुझे बुलाया..
सुना है सूरज तेरे पापा पर आता है
बहन का लोडा..

यें कहते हुए एक तावीज सा उसने मेरे गले मे डाल दिया
सोने का बना तावीज.. उफ्फ्फ्फ़
यें क्या मैं समझी नहीं

अब राण्ड सुन सूरज को बुलाएगी तू...
और यें दूसरा तावीज जब सूरज तेरे पापा मे आ जाये तब यें बाँध देगी उसके हाथ मे
बोल हरामजादी
हाँ बोल

इस बार कुछ अजीब सा हुआ..
मैं सीधी खड़ी हो गई
पुरे होश मे थी मैंमगर मैंने कहा जी हाँ
बाँध दूंगी

हा हा हा वो हसा
और हसता ही चला गया

जैसे मैं उसकी pet कुतिया हूँ

अब rizwaan ने didlo पर नज़र डाली और ..
हा हा हा हा हा हा
साली तु ये मेरी गाण्ड मे डालना चाहती थी....
हा हा हा हा......
...........
हम्म्म्म मैं धीरे से बोली जी हाँ....


ओके चल ठीक से बैठ बेड पर जान और अपनी दोनों टांगे खोल कर अपनी चूत दिखा.......

मुझे अजीब लगा मगर मैं सरक कर बेड क़ी पुश्त से अपनी पीठ टिका कर बैठ गई और अपनी टांगे खोल दी...
Rizwaan ने मेरी चूत पर नज़र डाली....
वहह्ह्ह्ह मस्त चिकनी चूत.. जरा खोलो अपनी चूत को...


मैं जैसे यांत्रिक सी होने दोनों हाथों क़ी उँगलियों से अपनी चूत को खोल कर खोल दिया...
हम्म्म्म वाह वाह्ह्ह्हह्ह
क्या गुलाबी चूत हैँ अंदर से.... मस्त और उसने अपनी एक ऊँगली उस खुले चूत के चूत के मुहाने पर रखी.. और धीरे से अंदर सरका दी
ससससससससईईईई सिईई
मैं धीरे से सिस्कार उठी..


उसने अपनी ऊँगली अंदर आधी डाली कर गोल गोल घुमानी शरू क़ी....
Ssssssseeeeeeईईईई
आआइईई
अह्ह्ह सससससईईईई
अंदर बाहर.....
गोल गोल हल्के हल्के..... चूत के अंदर ऊपर क़ी तरफ हल्का दवाब... उफ्फ्फ माँ
ससससईईईईईई

चिकनाहट से चूत रिसने लगी.....
तभी उसने didlo उठाया और मेरी चूत के मुँह पर रगड़ना शुरू किया....
मैं चौंक गई.....


जानेमन चूत खोल कर रखो..
और खोलो... मैंने दोने हाथों क़ी एक. एक ऊँगली फसाई और चूत खोल का छेद और खोल दिया आअह्ह्ह टीस सी उठी

उसने didlo का head मेरे चूत के छेद मे धीरे से सरकाया...

आहहहह मेरी आँखें बंद हो गई...
टीस का अहसास मुझे भिगोता चला गया..
चूत मे दिसलो का head फस चूका था...
अह्ह्ह्ह हल्का धक्का और पूरा head अंदर.....
Ufff
थोड़ी देर पहले rizwaan के गधे जैसे लण्ड ने जो मेरी चूत के जो परखच्चे उड़ाए थे...


उसी कारण didlo ने आराम से तो नहीं मगर बिना ज्यादा रुकावट के घुसता चला गया.....

आअह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊ ओ ओ
मेरा मुँह “O’’ के आकर मे खुल गया....
सरसराता सा didlo जैसे मेरी गहराई नाप रहा हो...


आअह्ह्हह्ह्ह्ह मैंने अपना एक हाथों rizwaan के कंधे पर रख दिया और चूत को रखा ही हाथों से एक तरफ खिंचा रखा......

टांगे और खोल...... Rizwaan क़ी आवाज़ पर मैंने टांगे और चौड़ा दी....
धीरेधीरे मेरी आँखों के सामने didlo 8 इंच अंदर चला गया....


Rizwaan ने उसकी बेल्ट उलटी ही मेरी कमर पर कसने शुरू कर दी....
अह्ह्ह्ह didlo 8 इंच अंदर और 2 इंच बाहर था बेल्ट कस दी गई...
अब लण्ड का बाहर निकलना नामुमकिन था...
Rizwaan मेरे से लिपट गया और मुझे उठ कर अपने सीने से लगा लिया.......


Didlo का अनोखा अहसास.... हलका दर्द... खिंचाव... और अंदर तक बच्चेदानी पर बेहिसाब दवाब......
अद्धभुत अहसास..... मेरी सारी एकाग्रता सिर्फ Didlo के कमाल के अहसास पर था.....

Rizwaan ने मेरे दोनों बूब्स के बीच क़ी गहरी घाटी मे होना मुँह डाल वहाँ चूमना शुरू कर चूका था... मैंने भी झुक कर उसके माथे पर चूम लिया....


क्या बात हैँ... साली तु तो मस्त होती जा रही हैँ.... बड़ा चूम रही हैँ मुझे... हाहाहा
वो हस पडा .......


मैं भी हस पड़ी..... हाँ पहली बार अहसास जो हुआ हैँ कि लण्ड क्या होता हैँ......

मेरी बात पर वो जोर से हसा और बोलो मेरी चूत मे घुसे didlo को एक थप्पड़ मारा..
आअह्ह्ह
Didlo झटके से पूरा अंदर घुस गया....


ज़ालिम... अह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या??
मेरी चीख और सवाल का उत्तर ये था....
हाँ मेरी जान.... मैं चाहता हूँ सबसे अच्छी कुतिया बने, sunny leone से भी अच्छी चुदक्कड़ बने... गच्चागाच गच्चागच लण्ड चूत और गाण्ड मे लें... उछल उछल कर अपनी चिकनी चूत और गाण्ड लण्ड पर मारे और सबसे अच्छी चुदक्कड बने..


बोलते हुये उसने मुझे पलट दिया.... और मेरी गाँड़ खोल अह्हह्ह्ह्ह माँ.. उसने अपनी जीभ मेरी गाण्ड के छेद पर रख दी...
उफ्फ्फ ज़ालिम..... क्या करोगे please रुक जाओ ना...
उसने हाँफ्ते हुये जवाब दिया...
चिंता मत कर जान, तेरी प्रतिष्ठा बड़ा रहा हूँ... अब किसी पोर्नस्टार से किसी बात मे तु कम नहीं हो सकती...

मैंने पलट कर देखा तोह कैमरा on था
उफ्फफ्फ्फ़
मगर मैं कुछ बोल ना सकी, जैसे मैं रिज़वान के बस मे हूँ
जैसे मे वाशीकरण के जादू मे हूँ


पोर्नस्टार की गाँड़ मजेदार होती हैँ...
तेरी गाण्ड को भी मजेदार बनाऊंगा....
लण्ड सर सर करकर खाएगी तेरी ये प्यार चिकनी गाण्ड..

चल तैयार हो जा....
अब मैं समझ गई थी... वो अपना तूफ़ानी लण्ड अब मेरी virgin गाण्ड मे ठोक देगा...
मैंने उठने कि कोशिश कि मगर उसने मेरी कमर पर दवाब देकर वहीं लेटा दिया...


चुपचाप लेती रहो.... जानती नहीं तु क्या.. दर्द से ही असीम सुख की नई शुरुआत होती हैँ....

चल अब इस बार दोनों हाथो से गाण्ड खोल अपनी....
मेरा लण्ड और ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकता.....


मैं जानती थी.. उस कुत्ते का बिगड़ैल सांड जैसा लण्ड क्या कर सकता हैँ.. मेरी मासूम सी गाण्ड के साथ...
मेरी जो हालत होने वाली थी उसका अंदाजा हैँ मुझे.....


मगर मुझे खुद नहीं पता कि क्यों मैंने अपने दोनों हाथो से अपनी गाण्ड पूरी तरह खोल उसके सामने अपना छेद परोस दिया.....
मगर वो उठ गया...
और बोला
ये तरह खुली रख अपनी गाण्ड की किताब.. उसमे एक पन्ना लिखूंगा मैं... Kutiya
साली...... मेरी बहनचोद सेक्सी रांड..
और वो मेरी ड्रेसिंग टेबल की तरफ गया... ओह्ह्ह्हह मैंने साफ देखा उसने वैसेलीन की डिब्बी उठा..
उसे खोल अपने लण्ड पर पोतना शुरआत कर दिया था...

हा हा हा वो हसा
सुन राण्ड कल बुला सूरज को अपने पापा मे
हा हा हा वो और जोर से हसा
और और वो तावीज बाँध उसके हाथ मे फिर हा हा हा
फिर इस didlo strapon से उसकी... उसकी हँहा हा हा
उसकी गाँड़ मार
वो जोर से हस रहा था

उफ्फ्फ मैं सिहर उठी
अपने सूरज की गाँड़.. उफ्फ्फ

रण्डी मेरी गाँड़ मारनी थी ना तुझे अब अपने पति की मार हा हा
बोल हाँ बोल राण्ड

Aur ना जाने कैसे क्यूँ
मैं बोल उठी
जी हाँ.....

मैंने देखा वो अपने लण्ड को चिकना कर चूका


मैं बस डरी हुई सी.. Didlo चूत मे लिए उलटी पड़ी.. अपनी गाण्ड उसके लिऐ खोल इंतज़ार मे थी.. कि जी मेरी पतिदेव की गाण्ड मारता हैँ वो आज मेरी गाण्ड का भी उपभोग करें....

वो पास आया और क्रीम का अहसास उफ्फ्फ मेरी गाण्ड के छेद मे ओह्ह्ह्हह्ह....
धीरे से उफ्फ्फ आआइईई. मेरी गाँड़ मे उसने एक ऊँगली थोड़ी सी उतार दी....


और वैसेलीन दबा दबा कर भरने लगा... हल्का जलन जैसा दर्द... और ठंडा अहसास गाण्ड मे वैसेलीन के भरे जाने का ओह्ह्ह्ह.......
रण्डी छिनाल भोसड़ीवाली..... मैंने तेरी गाण्ड मेरी.. पसीना निकला.... और तूने फ़टी चूत की कुतिया अपने लण्ड चूसने वाले मुँह से धन्यवाद भी नहीं बोला....
बता कौन बोलेगा मुझे thankyou.. बोल चूत की मलिका.... हरामजादी...


ओह मैं दिल ही दिल सिहर उठी....
मैंने धीरे से कहा..
धन्यवाद जी.


मगर वो तो किसी और मूड मे था...
रण्डी पूरा बोल दिल से......


मेरे मुँह से खुद निकल पडा....
Iam obliged..... Thankyou..... आपने मेरी चूत मे अपना लण्ड डाला...

वो धीरे से हसा..... हा हा हा हा.. चिंता क्यों करती हैँ हराम की चोदी.. अब गाण्ड मे भी डालूंगा....
चल अपनी दोनों टांगे खोल और.......पूरी खोल दोनों हाथ से अपनी गाँड़ के दोनों साइड को

बहन की लौड़ी गाँड़ की दरार खोल पूरी...

इतना सुनते ही मैंने आँखें बंद कर ली और.....................
काले लंड की बहुत प्यास है न तुझे
 
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