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Incest एक अनोखा बंधन - पुन: प्रारंभ (Completed)

Rockstar_Rocky

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Maanu bhai aaj site open hui he mere pc par, oichle kaafi dino se pareshan tha site hi nahi khul rahi thi.

Aaj sabhi updates padhe, aapne jis tarah maryadit words ko use kiya he wo b ehatareen h, bhabhi ji fantasy ka bhi pata chala, isme koi galat nahi he, har kisi ki apni alag fantasy hoti he,

Neha ki matureness ke to kya kehne.....

Waiting for next update

अज्जू भाई,

मुझे लगा ही था की आपने अभी तक अपना review नहीं दिया तो अवश्य ही आपको site access करने में कोई समस्या हो रही होगी| ये समस्या हम सबहि ने भोगी है, ख़ास कर jio के network पर! Airtel या Vi के network पर कोई दिक्कत नहीं आ रही थी|

संगीता की fantasy लिखने का कारण बस यही था की मैं आप सभी को ये बताना चाहता था की ांगीता कितनी नटखट थी! हमेशा बच्चों को शैतान कहने वाली, खुद कितनी बड़ी शैतान है, ये आपने पढ़ ही लिया होगा!

नेहा समय के अनुसार जल्दी ही वयस्क हो गई थी, हालांकि मैं नहीं चाहता था की वो इतना जल्दी वयस्क हो जाए! मेरे लिए तो वो हमेशा 4 साल की प्यारी सी बच्ची ही रहनी चाहिए थी! लेकिन बच्चे कभी न कभी तो बड़े हो ही जाते हैं! आयुष भी बड़ा हो चूका है और काफी समझदार भी है| नटखटपना अब सिर्फ स्तुति में बचा है क्योंकि वो ही सबसे छोटी है अभी!

अगले update की जानकारी आज रात मिलेगी|
 

Lib am

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अगले update की जानकारी आज रात मिलेगी|
हमे अगले अपडेट की जानकारी नहीं अपडेट चाहिए अपडेट, समझे लेखक महोदय। ये जानकारी का चूर्ण नहीं चाहिए, संपूर्ण अपडेट चाहिए अभी के अभी।

Lets Go Kg GIF by SHOWTIME Sports
 

Suku31

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ठीक है मित्रों और आदरणीय सर जी ( @कामदेव
आज से अपडेट डेली आएगा, लेकिन ध्यान रहे की कोई बाद में ये न कहे की उड़पते छोटा दिए, अपडेट 2000+ शब्दों का रहेगा वरना;




:lol:
*बहुत से रिश्ते इसलिए ख़त्म हो जाते है |*



*क्यूँकि "एक" सही बोल नहीं पाता,*



*"दूसरा" सही समझ नहीं पाता ||

🥃😜😜
 

Suku31

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तूने मोहब्बत, मोहब्बत से ज्यादा की थी,

मैंने मोहब्बत तुझसे भी ज्यादा की थी,

अब किसे कहोगे मोहब्बत की इन्तेहाँ,

हमने शुरुआत ही इन्तेहाँ से ज्यादा की थी।
 

Sangeeta Maurya

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Sangeeta Maurya ji or Rockstar_Rocky manu bhaiya... Main aap dono se pyar krta hu toh ye jatana pdta hai kya... Pyar toh buavnao se vyakt hota hai na... Aise toh shand khatam ho jayenge aap dono ke liye... Phir toh apni bhavnao se hi aapke liye pyar vyakt krna pdega na... :love3::love3::love3::love3::love3::love3::love3::love3::love3:
प्यार करो तो व्यक्त करते रहो वरना इतना दूर बैठे हुए मुझे कैसे पता चलेगा की तू अपनी भाभी जी को कितना प्यार करता है......................... और ये शांद कौन सा शब्द होता है????????????? आराम से और शुद्ध हैंडराइटिंग में लिखा कर वरना स्तुति की तरह तेरी भी हैंडराइटिंग मैं सुधार दूँगी :girlmad:
Sangeeta Maurya जी, आपने इतने बड़े बड़े श्राप दे दिए है की अब मैंने चाय की जगह काफी पीना शुरू कर दिया है। बिना नमक के खाने के साथ अचार खाना शुरू कर दिया है, ज्यादा नमक के खाने के साथ दही खाना शुरू कर दिया है। अब मैं बीवी को मैसेज में बात कर लेता हूं या फिर वो ही मुझे कॉल कर लेती है। Thanks for upgrading my lifestyle.
:lol::roflol::lol1::lotpot::loser2:
अच्छा ......................
giphy.gif
.......................लाइफस्टाइल अपग्रेड नहीं हो रहा आपका.....................स्वादिष्ट और सेहत के लिए फायदेमंद रहने वाली चाय छोड़ कर कड़वी ब्लैक कॉफ़ी पी रहे हो................ :yuck: ..................अचार ज्यादा खाओगे तो जोड़ों में दर्द होगा..................दही अधिक खाने से जोड़ों में दर्द बढ़ता है और खांसी की शिकायत होती है ...................बीवी को मैसेज कर के बात करते हो न..........देखना एक दिन ताना सुन्ना पड़ेगा की आपके पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है....................और बीवी हर बार फ़ोन करेगी तो भी ताना सुन्ना पड़ेगा.................आप से तो एक फ़ोन भी नहीं होता..............जर्रूर वहाँ दूसरी फंसा ली होगी...................मेरे श्राप धीरे धीरे असर करते हैं..........................गृह युद्ध की तैयारी कर लो.....................और तो और आप अभपुबसं...........अखिल भारतीय पुरुष बचाव संगठन के सदस्य भी नहीं जो आप तक मदद भेजी जा सके...................आप पर तो बस बीवी प्रतिबंध लगाएगी.................देखते जाओ आप...............आपकी सरकार पलटने वाली है.................मेरे कारण आपका तख्ता पलट होने वाला है :evillaugh:
Sangeeta Maurya जी आपका प्लान फुस्स हो गया यहाँ तो :lol::lol::lotpot::lotpot::laugh::laugh::D:D:lol::lol::lol::laughing::laughing::laughing::lotpot::lotpot::lotpot::lotpot:
बहुत हंसी आ रही है तुझे.......ये ले
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...... :silly: ..............मेरा प्लान स्लो पाइजन जैसा होता है...............धीरे धीरे असर दिखाता है :evillaugh:
हमे अगले अपडेट की जानकारी नहीं अपडेट चाहिए अपडेट, समझे लेखक महोदय। ये जानकारी का चूर्ण नहीं चाहिए, संपूर्ण अपडेट चाहिए अभी के अभी।

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इस बात पर मैं भी आपके साथ हूँ............. :protest:
_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
Rockstar_Rocky लेखक जी.................... आज अपडेट दो.............वरना कल से मैं अमित जी.................शिवम्............... Akki ❸❸❸ .................. Abhi32 .............. Ajju Landwalia ...................... Sanju@ आपके खिलाफ आंदोलन कर देंगे :protest2:
 
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Abhi32

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प्यार करो तो व्यक्त करते रहो वरना इतना दूर बैठे हुए मुझे कैसे पता चलेगा की तू अपनी भाभी जी को कितना प्यार करता है......................... और ये शांद कौन सा शब्द होता है????????????? आराम से और शुद्ध हैंडराइटिंग में लिखा कर वरना स्तुति की तरह तेरी भी हैंडराइटिंग मैं सुधार दूँगी :girlmad:

अच्छा ......................
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.......................लाइफस्टाइल अपग्रेड नहीं हो रहा आपका.....................स्वादिष्ट और सेहत के लिए फायदेमंद रहने वाली चाय छोड़ कर कड़वी ब्लैक कॉफ़ी पी रहे हो................ :yuck: ..................अचार ज्यादा खाओगे तो जोड़ों में दर्द होगा..................दही अधिक खाने से जोड़ों में दर्द बढ़ता है और खांसी की शिकायत होती है ...................बीवी को मैसेज कर के बात करते हो न..........देखना एक दिन ताना सुन्ना पड़ेगा की आपके पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है....................और बीवी हर बार फ़ोन करेगी तो भी ताना सुन्ना पड़ेगा.................आप से तो एक फ़ोन भी नहीं होता..............जर्रूर वहाँ दूसरी फंसा ली होगी...................मेरे श्राप धीरे धीरे असर करते हैं..........................गृह युद्ध की तैयारी कर लो.....................और तो और आप अभपुबसं...........अखिल भारतीय पुरुष बचाव संगठन के सदस्य भी नहीं जो आप तक मदद भेजी जा सके...................आप पर तो बस बीवी प्रतिबंध लगाएगी.................देखते जाओ आप...............आपकी सरकार पलटने वाली है.................मेरे कारण आपका तख्ता पलट होने वाला है :evillaugh:

बहुत हंसी आ रही है तुझे.......ये ले
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...... :silly: ..............मेरा प्लान स्लो पाइजन जैसा होता है...............धीरे धीरे असर दिखाता है :evillaugh:

इस बात पर मैं भी आपके साथ हूँ............. :protest:
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Hanji bhabhiji andolan to banta hai bhaiya ke khilaf aur yadi bhaiya jaldi se update na diye to.
 

Suku31

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आपकी हथोटी लेखनी से कहानी बहूत बंढीया जा रही है । अब भौजी मनु के घर की ओफीशीयल बहू बन जाने तो मज़ा ही मज़ा
 

Sanju@

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इकत्तीसवाँ अध्याय: घर संसार
भाग - 18



अब तक अपने पढ़ा:


सोने के समय संगीता का मन मुझे आज पूरे दिन की गई मेहनत का मेहनताना देने का था| फिर कल रात मैंने केवल संगीता की इच्छा पूरी की थी इसलिए आज रात संगीता का मन मेरी इच्छा पूरी करने का भी था| लेकिन मैं इतना स्वार्थी नहीं था, मुझे पता था की संगीता का दर्द अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए मैंने संगीता को समझाते हुए कहा; "जान, पहले अपनी बिगड़ी हुई चाल दुरुस्त करो वरना तुम माँ से खुद भी डाँट खाओगी और मुझे भी डाँट खिलवाओगी!" मेरी बात पर संगीता अपना निचला होंठ दबा कर मुस्कुराने लगी| अंततः आज की रात कोई हँगामा नहीं हुआ, हम दोनों प्रेमी बस एक दूसरे से लिपट कर आराम से सोये|



अब आगे:


किसी
ने सही कहा है की शेर के मुँह में एक बार खून लग जाए तो उसे फिर माँस चाहिए ही चाहिए| यही हाल संगीता का था, अपने जन्मदिन पर संगीता ने जो नया स्वाद चखा था उसे संगीता ने हमारे प्रेम-मिलाप में शामिल कर लिया था| बच्चे स्कूल गए नहीं, माँ घर से मंदिर के लिए निकली नहीं की संगीता की आँखों में लाल डोरे तैरने लगते थे| एक बार तो हद्द हो गई, संगीता ने मुझे फ़ोन कर घर झूठे बहाने से घर बुलाया और मेरे घर आते ही प्रेम-मिलाव तथा अपनी ये दूसरी वाली माँग रखी| पहले तो मुझे गुस्सा आया लेकिन फिर मैंने सोचा की स्वार्थ तो मेरा भी पूरा हो रहा है इसलिए काहे को गुस्सा करना, मौके का भरपूर फायदा उठाया जाए! तो कुछ इस तरह से हम दोनों मियाँ-बीवी का छुपते-छुपाते प्रेम-मिलाप जारी था|



समय का पहिया धीरे-धीरे आगे की ओर घूम रहा था और मेरे बच्चे धीरे-धीरे बड़े होते जा रहे थे| मैंने और संगीता ने जो अपनी छोटी सी प्यारी सी दुनिया बसाई थी वो फल-फूल रही थी| हम दोनों मियाँ-बीवी के प्यार का मीठा सा फल...हमारी लाड़ली बिटिया स्तुति बड़ी होती जा रही थी| हलाँकि मैं कभी नहीं चाहता था की मेरी बिटिया इतनी जल्दी बड़ी हो क्योंकि मेरा मन स्तुति की मस्तियों को देखने से भरता ही नहीं था| प्रतिदिन अपनी लाड़ली बिटिया को देख मेरा दिल यही कहता की काश समय यहीं थम जाए और मेरी बिटिया कभी बड़ी हो ही न| मैं सारा दिन उसे यूँ गोदी में ले कर खिलाऊँ और रात होने पर अपने सीने से लिपटाये सो जाऊँ| लेकिन समय कभी नहीं ठहरता, धीरे-धीरे वो आगे बढ़ता ही रहता है|



जैसे-जैसे स्तुति बड़ी हो रही थी, वैसे-वैसे स्तुति अपने आस-पास मौजूद लोगों के साथ अधिक से अधिक समय गुजारते हुए कुछ न कुछ नया सीखती जा रही थी| मेरी गैरहाजरी में जब स्तुति माँ की गोदी में होती तो माँ स्तुति को जीभ चिढ़ा कर उसके साथ खेल रही होती| अपनी दादी जी को जीभ चिढ़ाते हुए देख स्तुति ने भी अपनी नन्ही सी जीभ बाहर निकालनी सीख ली थी| एक दिन मैं स्तुति को गोदी में लिए हुए उससे बात कर रहा था, बात क्या कर रहा था मैं तो स्तुति को जल्दी-जली बड़ा होने से मना कर रहा था| तभी स्तुति ने एकदम से अपनी नन्ही सी जीभ बाहर निकलते हुए मुझे दिखाई|

ये दृश्य देख मेरा दिल एकदम से पिघल गया और मेरे मुख से; "awwwww मेला प्याला बच्चा" निकला| स्तुति की नन्ही सी जीभ इतनी प्यारी थी की मेरा दिल जैसे मेरे बस में ही नहीं था, मन करता था की स्तुति ऐसे ही मुझे अपनी जीभ दिखा कर खिलखिलाती रहे| मोह में बहते हुए मैंने स्तुति की ठुड्डी सहलाई तो स्तुति को बड़ा मज़ा आया और उसकी हँसी घर में गूँजने लगी|

इतने में संगीता कमरे में आई और बाप-बेटी का ये मोह देख समझ गई की मुझे स्तुति की नन्ही सी जीभ देख कर बहुत प्यार आ रहा है| संगीता को देख मैंने फिर से स्तुति की ठुड्डी सहलाई तो स्तुति ने फिर से अपनी जीभ बाहर निकाली; "मेरी प्यारी बिटिया को तो देखो, कैसे वो मुझे अपनी नन्ही सी जीभ दिखा कर चिढ़ा रही है?!" मैंने संगीता का ध्यान स्तुति की तरफ खींचा तो संगीता मुस्कुराते हुए बोली; "ये इस शैतान ने माँ से सीखा है| माँ स्तुति को गोदी में खिलाते हुए जीभ चिढ़ाती हैं और माँ को जीभ चिढ़ाते हुए देख स्तुति बहुत खिलखिलाती है|" उस दिन मुझे पता चला की मेरी नन्ही सी बिटिया इतनी सयानी हो गई है की वो धीरे-धीरे हम सभी से कुछ न कुछ सीखती जा रही है|



केवल माँ ही नहीं स्तुति अपने भैया और दीदी से भी एक नई चीज़ सीख चुकी थी| स्तुति के सुसु-पॉटी कर देने के डर से आयुष और नेहा उसे गोदी में नहीं उठाते थे, वे स्तुति के साथ तभी खेलते थे जब स्तुति किसी की गोदी में होती या फिर पलंग पर पीठ के बल लेटी होती| धीरे-धीरे दोनों भाई-बहन का ये डर खत्म होने लगा और एक दिन आयुष ने अपनी छोटी बहन से वादा माँगा; "स्तुति, मैं और दीदी आपके साथ एक शर्त पर खेलेंगे, आप हम दोनों पर सुसु-पॉटी नहीं करोगे तब!" आयुष इतने आत्मविश्वास से स्तुति से बता कर रहा था मानो स्तुति सब समझती हो| आयुष की बात सुन स्तुति क्या जवाब देती, वो तो चेहरे पर मुस्कान लिए अपने भैया को देख रही थी| तभी नेहा भी आयुष की तरह छोटी बच्ची बन गई और आयुष की कही बात को दुहराते हुए तुतला कर स्तुति से पूछने लगी; "बोलो स्तुति, आप हमारे ऊपर सुसु-पॉटी नहीं करोगे न?" नेहा ने अपनी गर्दन में हिलाते हुए स्तुति से सवाल पुछा| अब स्तुति को कहाँ कुछ समझ आता, उसने तो बस अपनी दीदी को गर्दन में हिलाते हुए देखा और उसे ये देख कर बड़ा मज़ा आया| नतीजन, स्तुति ने अपनी गर्दन अपनी दीदी की देखा देखि एक बार 'न' में हिलाई|

एक छोटी सी बच्ची के गर्दन न में हिलाने से आयुष और नेहा को बड़ा मज़ा आया और दोनों बच्चों को ये विश्वास हो गया की स्तुति उन पर सुसु-पॉटी नहीं करेगी| बस उस दिन से दोनों भाई-बहन ने स्तुति को गोदी में ले कर खेलना शुरू कर दिया और खेल-खेल में ही स्तुति को गर्दन 'न' और 'हाँ' में हिलाना सीखा दिया| फिर तो जब भी हम स्तुति से गर्दन हाँ या न में हिला कर बात करते तो स्तुति हमारी नक़ल करते हुए अपनी गर्दन हाँ या न में हिलाने लगती|



बाप के गुण बच्चों में आते ही हैं, जिस तरह मुझे अपनी माँ का दूध पीना कुछ ज्यादा ही पसंद था उसी तरह स्तुति को भी अपनी मम्मी का दूध पीना कुछ ज्यादा ही पसंद था| समस्या ये थी की दूध ज्यादा बनता था और स्तुति का छोटा सा पेट जल्दी भर जाता था, अब इस अत्यधिक दूध का क्या किया जाए?

एक दिन शाम के समय मैं घर पहुँचा तो संगीता स्तुति को दूध पीला रही थी| मुझे देख स्तुति का पेट जैसे एकदम से भर गया और वो दूध पीना छोड़ कर मेरी गोदी में आ गई| मेरी गोदी में आ स्तुति ने सबसे पहले मेरी कमीज को अपनी मुठ्ठी में भींच लिया और खिलखिलाने लगी| संगीता ने जब ये दृश्य देखा तो वो मुझसे स्तुति की शिकायत करते हुए बोली; "देख लो अपनी लाड़ली को, दूध पूरा पिए बिना ही आपके पास चली गई|" मेरा मन स्तुति को अपनी गोदी में ले कर प्रसन्न था, फिर भी मैंने स्तुति को दूध पीने के लिए समझाया; "बेटा, दूधधु पूरा नहीं पियोगे तो आपका ये छोटा सा पेटू भरेगा नहीं फिर आपको मेरे साथ खेलने की ताक़त कैसे मिलेगी?!" स्तुति ने बात बड़े ध्यान से सुनी मगर उसका पेट दूध पीने से भर गया था, अब तो उसका मन मेरे साथ खेलने का था| हम बाप-बेटी ने संगीता की शिकायत सुन कर भी अनसुनी कर दी थी इसलिए संगीता को प्यारभरा गुस्सा आने लगा था|

इतने में माँ कमरे में आ गईं और संगीता ने उनसे हम दोनों बाप-बेटी की शिकायत कर दी; "देखो न माँ इन दोनों को, ये बाहर से आते ही बिना कुछ खाये-पीये अपनी बेटी के साथ खेलने लग गए और ये शैतान भी आधा दूध पी कर इनकी गोदी में खेलने चली गई!” अपनी बहु की शिकायत सुन माँ मुस्कुराईं और बोलीं; "बेटा, मेरी शूगी (स्तुति) का पेट भर गया होगा, तभी ये मानु की गोदी में गई| खाली पेट बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और बिना दूध पिए वो किसी के पास नहीं जाते|" माँ की कही बात बिलकुल सही थी, स्तुति का पेट भरा गया था तभी तो उसकी किलकारियाँ गूँज रही थीं|



उस वक़्त तो माँ के सामने संगीता कुछ नहीं बोली लेकिन बाद में संगीता मुझसे फिर से शिकायत करने लगी; "सुनिए जी, आप अपनी लाड़ली बेटी को समझाओ की वो सारा दूध पिया करे! आधा दूध पीती है और फिर मुझे सीने में जलन होती है!" संगीता ने जानती थी की एक छोटी सी बच्ची को ये बात समझाना नामुमकिन है मगर फिर भी उसने ये बात इसलिए की थी ताकि वो मुझे दूध पीने के लिए प्रेरित कर सके| अब मैं क्रूर बुद्धि संगीता की बात समझा नहीं, मुझे लगा वो मज़ाक कर रही है इसलिए मैंने भी स्तुति से मज़ाक करते हुए कहा; "बेटा, मम्मी को तंग करना अच्छी बात नहीं, पूरा दूधधु पीया करो!" स्तुति को मेरी बात समझ आने से रही इसलिए वो बस खिखिलाकर अपने मसूड़े दिखा कर हँसने लगी|

उधर संगीता ने जब देखा की उसका बुद्धू पति उसकी बता समझा नहीं है तो संगीता नाराज़ हो गई| जब मैंने संगीता की ओर देखा तो पाया की वो अपनी भोयें सिकोड़ कर मुझे गुस्से से देख रही है| मैं समझ गया की मुद्दा गंभीर है, यदि मैंने कुछ भी बेवकूफाना बात की तो संगीता नाराज़ हो जाएगी इसलिए मैं डर के मारे खामोश हो गया| संगीता अपना गुस्सा मुझ पर निकालना नहीं चाहती थी इसलिए वो भुनभुनाती हुई कमरे से बाहर चली गई| संगीता के जाने के बाद मैंने फिर एक बार स्तुति को प्यार से समझाया; "बेटा, आपकी मम्मी गुस्सा हो गई हैं! आप प्लीज सारा दूध पिया करो, वरना आपके साथ-साथ मुझे भी डाँट पड़ेगी|" ये मेरा अबोधपना था की मैं एक छोटी सी बच्ची से बात कर उसे समझा रहा था, ऐसी बच्ची जो मेरी कही कोई बात समझती ही नहीं, उसे तो केवल मेरी गोदी में कहकहे लगाना पसंद है|



कुछ समय बाद मैं संगीता को मनाने के लिए अकेला रसोई में पहुँचा| संगीता को पीछे से अपनी बाहों में भर मैंने संगीता के गाल को धीरे से काटा, अब जैसा की होता है संगीता मेरे स्पर्श से ही मचलने लगी थी| संगीता आँखें बंद कर के मेरी बाहों में मचल रही थी, मैंने संगीता के गुस्सा शांत होने का फायदा उठाते हुए उससे बड़े प्यार से बात शुरू की; "जान, तुम कुछ कह रही थी न की स्तुति दूध पूरा नहीं पीती जिससे तुम्हें कष्ट होता है...तो मैं तुम्हारे लिए एक ब्रैस्ट पंप ला दूँ..." मेरी बात अभी पूरी भी नहीं हुई थी की संगीता का गुस्सा फ़ूट पड़ा! उसने गुस्से से मेरे दोनों हाथों को झटका और मेरे ऊपर बरस पड़ी; "ब्रैस्ट पंप से दूध निकाल कर क्या करूँ? उस दूध की खीर बनाऊँ या चाय बनाऊँ?!” संगीता मुझ पर गुस्से से गरजी और भुनभुनाती हुई रसोई से बाहर चली गई| मैं रसोई में खड़ा अपना सर खुजाते हुए सोचने लगा की आखिर मैंने ऐसा क्या कह दिया की संगीता इस तरह भड़क गई?!



रात होने तक संगीता का गुस्सा पूरे शबाब पर था, बस एक माँ थीं जिनके सामने संगीता अपना गुस्सा छुपा लेती थी वरना तो मेरी और दोनों बच्चों को संगीता ने अपना गुस्सा निकालने के लिए बात-बात पर टोकना शुरू कर दिया था| रात को मैंने दोनों बच्चों को कहानी सुना कर जल्दी सुला दिया और स्तुति को ले कर मैं अपने कमरे में आ गया| स्तुति को लगी थी भूख इसलिए संगीता उसे गोदी में ले कर दूध पिलाने लगी| दूध पीते-पीते मेरी गुड़िया रानी सो गई तो संगीता ने स्तुति को बिस्तर के बीचों-बीच लिटा दिया और बाथरूम चली गई| मैंने स्तुति के मस्तक को चूम उसे गुड नाईट कहा तथा मैं संगीता के बाथरूम से बाहर आने का इंतज़ार करने लगा ताकि उसे प्यार से मना सकूँ|

दस मिनट बाद संगीता बाथरूम से निकली मगर बिना कुछ कहे दूसरी तरफ मुँह कर के लेट गई| संगीता का दिमाग रुपी लोहा बहुत ज्यादा गरम है ये सोच कर मैंने चुप रहने में ही भलाई समझी, कहीं कुछ मैंने कहा और संगीता फिर से भड़क गई तो खामखा झगड़ा हो जाता!



कुछ देर शान्ति से सोने के बाद संगीता के मुख से कराह निकलने लगी| संगीता की कराह सुन मैं फौरन उठ बैठा और कमरे की लाइट जलाई| मैंने देखा की संगीता अपने सीने पर हाथ रख कर कराह रही है, मैं समझ गया की छाती में दूध भरा होने के कारण ही संगीता को जलन हो रही होगी| अब मुझे क्या पता की ये सब संगीता की सोची-समझी चाल है! "जान, डॉक्टर के पास चलें?" मैंने घबराते हुए पुछा तो संगीता मुझे फिर से घूर कर देखने लगी| वो बेचारी आस लगाए बैठी थी की उसका बुद्धू पति सब समझ जाएगा और स्वयं दूध पीने का आग्रह कर अपनी पत्नी को इस जलन से छुटकारा दिलाएगा, लेकिन मैं ठहरा जड़बुद्धि!

संगीता तिलमिला कर उठ कर बैठी और गुस्से से दाँत पीसते हुए मुझसे बोली; "अस्पताल ले जा कर हज़ारों रुपये फूँक सकते हो, लेकिन खुद दूध पी कर मुझे इस दर्द से आराम नहीं दे सकते?!" संगीता की झाड़ सुन मैं किसी मासूम बच्चे की तरह घबरा गया और अपनी पत्नी के हुक्म की तामील करने के लिए सज्य हो गया| संगीता ने जब मुझे नरम पड़ते देखा तो उसके मन में ख़ुशी की फुलझड़ी जलने लगी| वो फौरन उठ कर बैठी और स्तुति को गोदी मे ले कर बिस्तर के दूसरे छोर पर लिटा दिया| फिर वो बिस्तर के बीचों बीच लेट गई और मुझे अपने बगल में लेटने का इशारा किया| मैं थोड़ा नीचे खिसक कर लेटा ताकि मेरे होंठ सीधा संगीता के पयोधर (स्तन) के सामने हो| इस समय मेरी मंशा केवल और केवल अपनी पत्नी को दर्द से आजादी दिलाने की थी, वहीं संगीता का दिल इस वक़्त अपनी जीत की ख़ुशी में कुलाचें भर रहा था| मेरी सीधी-साधी दिखने वाली पत्नी ने ऐसा जाल फैलाया था की मैं बावला बुद्धू पोपट संगीता के फैलाये जाल में बड़ी आसानी से फंस गया था|



संगीता, जिसने की पहले ही सारी तैयारी कर रखी थी, उसने फौरन अपना दायाँ पयोधर मेरे होठों के आगे परोस दिया| मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे स्तन्याशय (उरोज) के मुख के ऊपर लगे कुच (चुचुक) को अपने होठों के भीतर भर लिया और लगा दूध पीने| धीरे-धीर मैंने अपनी जीभ और मुँह के ऊपर वाले तालु के बीच संगीता के कुच को दबा कर चुभलाना शुरू किया, नतीजन मधुर-मधुर दूध मेरे मुख में आने लगा तथा उस मधुर दुग्ध का स्वाद मेरी जुबान पर आहिस्ते-आहिस्ते घुलने लगा| मिनट भर पहले जो अपनी पत्नी को दर्द से मुक्त कराने की इच्छा थी वो इच्छा अब कहीं खो गई थी, रह गई थी तो बस इस मधुर रस को पूरा पीने की इच्छा!

उधर संगीता के मुख से भी आनंद की मधुर सीत्कारें निकलने लगीं थीं; "हम्म...स..हनन!!!" संगीता के दोनों हाथों ने मेरे सर पर पकड़ बना ली थी और संगीता अपने हाथों के दबाव से मेरा सर अपने स्तन्याशय पर दबा रही थी| वो चाह रही थी की मैं मुँह जितना बड़ा खोल सकूँ उतना खोल कर उसके पूरे स्तन्याशय को अपने मुख में भर लूँ, परन्तु मुझे तो जेवल दुग्धपान करना था इसलिए मैं धीरे-धीरे लगा हुआ था| अंततः मुझे उत्तेजित करने के लिए संगीता मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ चलाने लगी| एक बार फिर संगीता की युक्ति काम कर गई और मेरे जिस्म में वासना की एक चिंगारी फूटी! मैंने अपने बाएँ हाथ को संगीता की कमर पर से ले जाते हुए, उसकी पीठ पर फिराना शुरू कर दिया| "ससस" संगीता के मुख से एक मादक सिसकारी फूटी जिसे सुन मैं होश में आया! मुझे याद आया की मैं यहाँ अपनी पत्नी का दर्द कम करने आया था न की वासना की आग में जलने!



मैंने खुद को सँभाला और धीरे-धीरे संगीता के दाएँ पयोधर का सारा दूध खत्म कर मैं हटने लगा तो संगीता ने प्यारभरे गुस्से से मुझे देखा तथा अपना बाएँ पयोधर की तरफ इशारा करते हुए बोली; "इसका दूध कौन पियेगा?" संगीता मुझे इस वक़्त बिलकुल किसी स्कूल की मास्टरनी जैसी लग रही थी और मैं उसका एक उदंड छात्र था जिससे वो ब्लैकबोर्ड पर सवाल हल करने को कह रही थी!

अब मास्टरनी जी का आदेश था इसलिए मैंने बाएँ पयोधर पर अपने मुँह लगा दिया और धीरे-धीरे दूध पीना जारी रखा| मुझे लग रहा था की दूध पीने से केवल मुझे ही आनंद प्राप्त हो रहा होगा मगर मुझसे ज्यादा आनंद तो संगीता को प्राप्त हो रहा था क्योंकि संगीता के दोनों हाथों का दबाव मेरे सर पर अब भी बना हुआ था और उसकी उँगलियाँ अब भी मेरे बालों में विचरण करते हुए अपना जादू चला रहीं थीं, संगीता की ये प्रतिक्रिया साफ़ दर्शाती थीं की मुझे स्तनपान करवा कर उसके दिल में कैसी हिलोरें उठ रहीं हैं|



जब मैंने दोनों पयोधरों का दूध निचोड़ कर खत्म कर दिया तो संगीता ने मेरा चेहरा अपने दोनों स्तन्याशय के बीच दबा दिया| मुझे भी अपने चेहरे पर संगीता के ठंडे-ठंडे उरोजों का स्पर्श अच्छा लग रहा था, मन शांत था इसलिए मैं भी बिना कुछ बोले संगीता से लिपटा रहा|



अब देखा जाए तो इस समय हम दोनों को सो जाना चाहिए था मगर संगीता का मन बातें करने का था| कुछ पल आराम करने के बाद संगीता ने बात शुरू की;

संगीता: जानू...आपको याद है, एक बार गाँव में आपने मेरा दूध पीने की इच्छा जाहिर की थी?

संगीता का सवाल सुन मुझे उस प्यारे दिन की याद आ गई जब संगीता गौने के बाद घर आई थी और हमारे बीच मेरे माँ का दूध पीने को ले कर बात शुरु हुई थी|

मैं: हम्म!

मैंने आँखें मूंदें हुए उन दिनों को याद करते हुए जवाब दिया|

संगीता: तब मैंने आपको खाना बनाते समय गोदी में ले कर दूध पिलाया था मगर तब मुझे दूध नहीं आता था| आपकी इतनी सी इच्छा पूरी न कर पाने पर मुझे बहुत बुरा लगा था| फिर जब नेहा पैदा हुई तो मेरा मन आपकी इस अधूरी इच्छा को पूरा करने का था, परन्तु क़िस्मत ने हमें मिलने नहीं दिया और जब मिलाया भी तो मुझे दूध आना बंद हो चूका था इसलिए आपकी ये इच्छा एकबार फिर अधूरी रह गई| तब आप भले ही अपनी ये इच्छा भूल गए थे मगर मुझे अच्छे से याद थी|

फिर जब पिछलीबार हम गाँव में मिले और हमने एक दूसरे को अपना सर्वस्व सौंप दिया, तब आप ने अपत्यक्ष रूप से अपनी ये इच्छा जाहिर की थी और मैंने आपको कहा था की जब आयुष पैदा होगा और मुझे दूध आएगा तब मैं आपको जर्रूर दूध पिलाऊँगी, लेकिन मेरी बेवकूफी भरे फैसले ने आपको एक बार फिर इस सुख को भोगने से वंचित कर दिया! फिर जब स्तुति पेट में आई तो मैंने सोच लिया की चाहे जो हो इस बार तो मैं आपकी ये इच्छा पूरी कर के रहूँगी| आपके जन्मदिन वाली रात जब आप मेरा दूध पी रहे थे तो मैं आपको बता नहीं सकती की मुझे कितना चैन, कितना सुकून मिल रहा था की मैं आपकी इच्छा पूरी कर रही हूँ, परन्तु उस दिन आपने बस थोड़ा ही दूध पीया जिससे मुझे लगा की आप अपनी इच्छा दबा रहे हो| तब से मैं मौके ढूँढ रही थी की आप से इस बारे में बात कर सकूँ पर क्या करूँ, अपनी शर्म के आगे मुझसे कुछ कहा ही नहीं जाता था| लेकिन आप भी मेरे मन की व्यथा नहीं समझ रहे थे? वैसे तो मेरे दिल में उठी हर इच्छा को आप भांप लेते हो, फिर इस बार कैसे चूक गए? अरे यहाँ तक की मैंने आपसे साफ़-साफ़ भी कहा की स्तुति पूरा दूध नहीं पीती है, इसका मतलब था की बचा हुआ दूध आप पी लो लेकिन जनाब तो ब्रैस्ट पंप लाने को तैयार हो गए! एक साथ तीन-तीन साइट सँभालने वाला इतना समझदार व्यक्ति अपनी पत्नी के साफ़ इशारे को कैसे नहीं समझ पाया?

संगीता की बातों में प्यारा सा गुस्सा झलकने लगा था| वहीं मुझे अपने इस कदर बुद्धू होने पर हँसी आ रही थी पर मैं अपनी हँसी दबाये हुए था!

संगीता: चलो मेरे मन की बात नहीं समझ पाए, कोई बात नहीं! लेकिन अपनी इच्छा क्यों मार रहे थे आप? मैं जानती हूँ की आपका कितना मन था दूध पीने का, फिर क्यों आपने मुझसे नहीं कहा? अपनी पत्नी से कैसी शर्म?

जब संगीता ने ये बात कही तो मुझे बड़ी शर्म आई की संगीता ने कितनी आसानी से मेरे मन में छिपी दूध पीने की इच्छा को पकड़ लिया था! खैर, शर्म के मारे मैंने चुप रहना ठीक समझा और संगीता के सवाल से बचना चाहा|

उधर संगीता को अपने इस सवाल का जवाब तो चाहिए ही था इसलिए उसने करवट ले कर मुझे अपने नीचे दबाया तथा मेरी आँखों में देखते हुए बोली;

संगीता: जवाब दो?

संगीता की आवाज में प्यार और जिज्ञासा का मिला-जुला रूप दिख रहा था इसलिए मैंने शर्माते हुए जवाब दिया;

मैं: वो...न...मेरा मन कह रहा था की मैं अपनी बिटिया के हिस्सा का दूध पी कर उसका हक़ मार रहा हूँ!

ये कहते हुए मेरी नजरें झुक गईं| मेरी कही इस बात ने मुझे अपनी बेटी के हिस्सा का दूध पीना का दोषी बना कर ग्लानि का बोध करा दिया था|

जैसे ही संगीता को मेरे मन में पनपी ग्लानि का पता चला उसने मेरी ठुड्डी पकड़ ऊपर की ओर उठाई और मेरी नजरों स नजरें मिलाते हुए बोली;

संगीता: क्यों ऐसी फज़ूल की बातें सोचते हो? अगर आपके दूध पीने से स्तुति भूखी रहती तब मैं आपकी ये बात मान भी लेती, लेकिन यहाँ तो स्तुति के दूध पीने के बाद दूध बच जाता है जिसे मैं आपको पिलाना चाह रही हूँ| तो इसमें क्या बुराई है?

संगीता ने तर्क के साथ मुझे बात समझाई थी और ये बात मेरे पल्ले भी पड़ गई थी|

मैं: ठीक है जान, लेकिन मेरी भी एक शर्त है| पहले स्तुति दूध पीयेगी और फिर जो दूध बचेगा वो मैं पीयूँगा!

मेरी भोलेपन से भरी बात सुन संगीता मुस्कुराने लगी और बोली;

संगीता: ठीक है जानू!


ये कहते हुए संगीता ने मेरे होठों से अपने होंठ मिला दिए| फिर शुरू हुआ रसपान का दौर जो की प्रेम-मिलाप पर जा कर खत्म हुआ| मेरा पेट भरा था और संगीता की आत्मा संतुष्ट थी इसलिए हम दोनों को चैन की नींद आई|

जारी रहेगा भाग - 19 में...
:reading:
 

Rockstar_Rocky

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Rockstar_Rocky manu bhaiya... Aapne jo sawal Pucha tha na uska jawab diya tha... Uske baad aapne kha tha ki Maine abhi tak review nhi diya hai...so main jawab deta hu...or aage se sawal bhi puche jayenge....

मेरे सवाल पूछने पर आपने ये जवाब दिया था:
Manu bhaiya... Jaldi se kro bss aap...

ये कैसा हाँ या न है भाई? :hmm2: खैर छोडो, रात गई बात गई! :dost:

हमे अगले अपडेट की जानकारी नहीं अपडेट चाहिए अपडेट, समझे लेखक महोदय। ये जानकारी का चूर्ण नहीं चाहिए, संपूर्ण अपडेट चाहिए अभी के अभी।

Lets Go Kg GIF by SHOWTIME Sports


Rockstar_Rocky लेखक जी.................... आज अपडेट दो.............वरना कल से मैं अमित जी.................शिवम्............... Akki ❸❸❸ .................. Abhi32 .............. Ajju Landwalia ...................... Sanju@ आपके खिलाफ आंदोलन कर देंगे :protest2:


मेरी बिल्ली, मुझिसे म्याऊ! मेरी कहानी में, मेरे थ्रेड में मेरे ही पाठकों को भड़का रही हो?! :shocked:

Hanji bhabhiji andolan to banta hai bhaiya ke khilaf aur yadi bhaiya jaldi se update na diye to.

हमारे thread में आंदोलन! यानी खून की नदियाँ!





आज रात
:approve:
 
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