मोहसिन – बाजी अब मुझे चुदाई शुरू कर देनी चाहिए!! ऐसा न हो की लंड जनाब आपके मुँह में ही उलटी कर डालें!! मेरा लंड तो बस आपकी चूत की गहरायी में उतर जाना चाहता है!! ज़ैनब भी अब चुदासी हो चुकी थी और लंड का इंतज़ार नहीं कर सकती थी। मोहसिन ने उसे पीठ के बल लिटा दिया और उसकी टांगों को फैला दिया। ज़ैनब की उभरी हुई चूचीयां ऊपर नीचे हो रही थी। मोहसिन अपनी बाजी के ऊपर झुका और अपने खड़े लंड का सुपाड़ा ज़ैनब की चूत के मुहाने पर टिकाते हुए बोला..
मोहसिन – बाजी क्या धकेल दूँ? अपनी बाजी की चूत को देख कर रहा नहीं जा रहा!!
ज़ैनब बोली – बहनचोद देर क्यों कर रहे हो? मेरी चूत जल रही है और तुझे मज़ाक सूझ रहा है? क्या मैं तुझ से चुदाई के लिए भीख मांगू ? अगर ऐसा है तो प्लीज चोद डालो मुझे मेरे भाई पेल डालो अपना लंड अपनी बाजी की चूत में। अब और मत तड़पाओ मोहसिन मेरे भाई।
ज़ैनब की इस मस्ती भरी आवाज़ को सुन कर मोहसिन ने अपना सुपाड़ा बाजी की गरम चूत में धकेल दिया। ज़ैनब की चूत किसी आग की भट्टी की तरह दहक रही थी। भाई का लंड बहन की चूत में उतरता चला गया। ज़ैनब के मुख से एक कामुक सिसकारी निकल गयी…