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आप सभी को मेरा नमस्कार, आदाब, सत श्री अकाल और हेलो...
एक परिवार की आत्मकथा
आइये आपको लेकर चलते हैं एक परिवार के बड़े विचित्र से जीवन के सफर मैं ।
सुबह का समय था, घड़ी के कांटे 6 बजा रहे थे । बाहर बदलों की घड़घड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश हो रही थी ।
स्वीटू अब जाग चुकी थी । यूँ तो रात भर वो ठीक से सो भी नही पायी थी, रात भर से हो रही बारिश और ठंडी हवाओं ने उसे सोने नही दिया । उसे बारिश का मौसम बहुत पसंद था ।
फिर आज तो उसके लिए सबसे ज्यादा ख़ुशी का दिन था । आज उसका जन्मदिन था । बस एक ही बात उसे नही पता थी की उम्र के इस नये पड़ाव में कदम रखने के बाद बहुत जल्द उसकी ज़िन्दगी बदलने वाली थी । वो तो सबसे बेखबर खिड़की के पास खड़ी होकर बाहर हो रही बारिश और चल रही ठंडी हवाओं का आनंद ले रही थी । तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और वो भागती हुई किसी के गले जा लगी । ये कोई और नही उसका भाई कबीर था ।
स्वीटी - उम्र 18 साल
अपने माँ बाप की इकलौती बेटी । सबकी लाड़ली और सबसे खूब प्यार पाने वाली ।
सब इसे प्यार से स्वीटू बुलाते हैं ।
इसकी लम्बाई - 5 फुट 7 इंच है ।
इसका नाप - 38/30/36 है ।
कुमार - स्वीटू के पिताजी ।
इनका निधन आज से 2 साल पहले हो गया था ।
फ़ौजी थे । थल सेना में एक ऊँचे ओहदे पर ।
इनकी तैनाती कश्मीर में थी । और वहीं पर सीमा पार से आये दुश्मनों से लोहा लेते हुए ये शहीद हो गए थे ।
कामीनी - स्वीटू की माँ है ।
उम्र - 37 साल
एक गृहलक्ष्मी हैं और बड़े अच्छे से घर का और सभी का ध्यान रखने वाली ।
इनका नाप - 36/34/40 है ।
कबीर - स्वीटू का जुड़वा भाई है ।
उम्र - 18 साल
कद काठी से ठीक ठाक हैं ।
लम्बाई इसकी 5 फुट 8 इंच है ।
लंड इनका - 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है ।
समय और आगे की कहानी के आधार पर और सहायक किरदार भी जुड़ेंगे ।
क्योंकि कुमार के पास खानदानी संपत्ति और पैसा बहुत था इसलिए इनका परिवार इंदौर शहर के एक आलिशान आवासीय परिसर में रहता था ।
वैसे कुमार की पत्नी कामीनी का परिवार भी पैसे से संपन्न था । इसलिए इन्हे किसी भी तरह की कोई समस्या नही थी ।
स्वीटू और कबीर का स्कूल ------ कान्वेंट स्कूल है ।
Disclaimer - ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति विशेष, धर्म, जाती, समुदाय से कोई सम्बन्ध नही है । लेखक का उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को आहत करने का नही है ।
पाठक इसे केवल मनोरंजन की दृष्टि से पढें ।
कहानी के सभी पात्र 18 साल और उससे ऊपर के हैं ।
एक परिवार की आत्मकथा
आइये आपको लेकर चलते हैं एक परिवार के बड़े विचित्र से जीवन के सफर मैं ।
सुबह का समय था, घड़ी के कांटे 6 बजा रहे थे । बाहर बदलों की घड़घड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश हो रही थी ।
स्वीटू अब जाग चुकी थी । यूँ तो रात भर वो ठीक से सो भी नही पायी थी, रात भर से हो रही बारिश और ठंडी हवाओं ने उसे सोने नही दिया । उसे बारिश का मौसम बहुत पसंद था ।
फिर आज तो उसके लिए सबसे ज्यादा ख़ुशी का दिन था । आज उसका जन्मदिन था । बस एक ही बात उसे नही पता थी की उम्र के इस नये पड़ाव में कदम रखने के बाद बहुत जल्द उसकी ज़िन्दगी बदलने वाली थी । वो तो सबसे बेखबर खिड़की के पास खड़ी होकर बाहर हो रही बारिश और चल रही ठंडी हवाओं का आनंद ले रही थी । तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और वो भागती हुई किसी के गले जा लगी । ये कोई और नही उसका भाई कबीर था ।
स्वीटी - उम्र 18 साल
अपने माँ बाप की इकलौती बेटी । सबकी लाड़ली और सबसे खूब प्यार पाने वाली ।
सब इसे प्यार से स्वीटू बुलाते हैं ।
इसकी लम्बाई - 5 फुट 7 इंच है ।
इसका नाप - 38/30/36 है ।
कुमार - स्वीटू के पिताजी ।
इनका निधन आज से 2 साल पहले हो गया था ।
फ़ौजी थे । थल सेना में एक ऊँचे ओहदे पर ।
इनकी तैनाती कश्मीर में थी । और वहीं पर सीमा पार से आये दुश्मनों से लोहा लेते हुए ये शहीद हो गए थे ।
कामीनी - स्वीटू की माँ है ।
उम्र - 37 साल
एक गृहलक्ष्मी हैं और बड़े अच्छे से घर का और सभी का ध्यान रखने वाली ।
इनका नाप - 36/34/40 है ।
कबीर - स्वीटू का जुड़वा भाई है ।
उम्र - 18 साल
कद काठी से ठीक ठाक हैं ।
लम्बाई इसकी 5 फुट 8 इंच है ।
लंड इनका - 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है ।
समय और आगे की कहानी के आधार पर और सहायक किरदार भी जुड़ेंगे ।
क्योंकि कुमार के पास खानदानी संपत्ति और पैसा बहुत था इसलिए इनका परिवार इंदौर शहर के एक आलिशान आवासीय परिसर में रहता था ।
वैसे कुमार की पत्नी कामीनी का परिवार भी पैसे से संपन्न था । इसलिए इन्हे किसी भी तरह की कोई समस्या नही थी ।
स्वीटू और कबीर का स्कूल ------ कान्वेंट स्कूल है ।
Disclaimer - ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति विशेष, धर्म, जाती, समुदाय से कोई सम्बन्ध नही है । लेखक का उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को आहत करने का नही है ।
पाठक इसे केवल मनोरंजन की दृष्टि से पढें ।
कहानी के सभी पात्र 18 साल और उससे ऊपर के हैं ।