Oops...!!! Thoda Jaldi Aa Gaya Update...
New Update... 003
चाय पीते पीते -
कामीनी - तो बताओ स्वीटू आज का क्या प्रोग्राम है ।
स्वीटू - मम्मी वो तो आप भाई से पूछो ।
कबीर - आज सब कुछ सरप्राइज ही रहेगा । लेकिन पहले जाके नहा लो और तैयार हो जाओ, उसके बाद देखते है । और माँ आप पूजा की तैयारी करो फिर इसकी नज़र भी उतारनी है ।
कामीनी - हाँ बेटा अभी करती हूँ । और नाश्ता भी बनाना है । तुम लोग भी तैयार हो जाओ मैं भी जाती हूँ ।
उसके बाद सबने चाय ख़त्म की और अपने अपने कमरे में चले गए ।
इधर कबीर अपने कमरे में पहुंचा तो स्वीटू भी उसके पीछे पीछे आ गयी ।
स्वीटू - भाई आप कुछ कर रहे हो क्या ।
कबीर - नही तो, बस नहाने जा रहा हूँ । बोल क्या बात है ।
स्वीटू - वो मैं बोल रही थी की आज साथ में नहाते हैं और शर्माने लगी ।
कबीर - क्या बात है, आज मेरे साथ नहाने का मन कैसे हो गया ।
स्वीटू - क्या भाई आप भी, बहुत दिन हो गए थे तो मैंने सोचा......
कबीर - ठीक है, तू चल मैं आता हूँ ।
इसके बाद स्वीटू चली गयी और कबीर भी शेविंग करके बाहर आ गया और अपने कपडे उतार के निक्कर में स्वीटू के कमरे में चला गया ।
जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो हैरत से उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गयी । स्वीटू उस समय अपने सारे कपडे उतार के मुस्कुराती हुई आईने के सामने अपने बाल बना रही थी और गाना गा रही थी
जब भी ख्यालों में तू आये
मेरे बदन से खुशबू आये
महके बदन में रहा ना जाए
रहा जाए ना
तेरे बिना जिया जाए ना....
उसे तो कबीर के आने का भी एहसास ना हुआ ।
कबीर भी धीमे से उसके पीछे जाके खड़ा हो गया और अपना हाथ उसके कंधे पे रखा तो वो चौंक गयी और बोली -
स्वीटू - बड़ी देर कर दी आने में ।
कबीर - पागल लड़की क्या सुबह से नंगी घूम रही है । अगर माँ आ जाती तो ।
स्वीटू - भाई आपको पता तो है वो ऊपर नही आती ।
वैसे भी मैं पागल तो आपके लिए ही हूँ और अब तो कुछ भी नही हो सकता है, जैसी भी हूँ आपकी ही हूँ ।
और ये बोलकर अपनी दोनों बाहें उसके गले में डाल दी ।
कबीर भी बात को समझते हुए अपने होठों को उसके होठों के पास लाके बड़े प्यार से चूमने लगता है और दोनों इस मधुर एहसास में कहीं खो से जाते है ।
तभी कबीर अचानक से स्वीटू से दूर हट जाता है ।
कबीर को यूँ अचानक अपने से दूर जाते देख स्वीटू बोली -
स्वीटू - आओ ना भाई, क्या हुआ, सुबह भी भाग गए थे । आज बहुत मन कर रहा है ।
कबीर - अभी नही, अभी समय नही है । नीचे भी जाना है ।
स्वीटू हसरत भारी निगाहों से देखते हुए -
स्वीटू - भाई प्लीज ।
कबीर - बोला ना नही और अपनी ऊँगली और अंगूठे से पकड़ के उसकी एक चूची ज़ोर से मसल देता है ।
स्वीटू - आह भाई धीरे, लगती है ।
कबीर - मान जा फिर ।
स्वीटू का ये सुनके मुँह उतर जाता है । जिसे देखके कबीर बोला -
कबीर - अच्छा रात में पक्का, ठीक है ।
ये सुनके स्वीटू खुश हो जाती है तो कबीर बोलता है -
कबीर - चल अब जल्दी से नहा ले फिर नीचे भी जाना है ।
और दोनों नहाने चले जाते है ।
थोड़ी देर बाद दोनों नहाके आये और तैयार होकर नीचे चले गए । दोनों ने कामीनी के साथ मिलके पूजा की फिर कामीनी ने स्वीटू की नज़र उतारी और सबके लिए नाश्ता लगाया ।
नाश्ते के बाद कबीर ने कामीनी से बोला -
कबीर - माँ मैं स्वीटू को लेके मंदिर जा रहा हूँ ।
कामिनी - ठीक है बेटा । आराम से जाना और समय से आ जाना ।
कबीर - ठीक है माँ ।
तभी उसका फ़ोन बजने लगा ।
कबीर - आ गए क्या लेके ।
आदमी - जी सर, बाहर ही खड़ी है ।
कबीर - ठीक है, मैं आता हूँ ।
इतना बोलके कबीर ने फ़ोन रख दिया और स्वीटू को आवाज़ लगायी ।
कबीर - स्वीटू जल्दी आ मंदिर जाना है ।
स्वीटू - अभी आयी भाई ।
उसके बाद दोनों बाहर चले गए । बाहर आते ही कुछ ऐसा हुआ जिसकी स्वीटू ने कभी सपने में भी कल्पना नही की थी और उसके कदम अपने आप रुक गए ।
Next Update Raat Mein Ya Kal...