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family add ki jaaye ya nhi???
jese abbu ki behan
nana, mama etc
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Congratulations for your new thread Bhai title just awesome and nice Introduction bhai start badiya hai par ek hero rakhna Waqar ko aur usse hi sab ladies aur girls ko chudawana ok and dheere dheere seduction ke sath sex dikhana ok and dheere dheere aur female characters badha denaसलाम दोस्तो। मैंने बहुत सी कहानियां पड़ी अलग अलग फोरम पर, मेने सोचा क्यों ना एक कहानी मैं भी आपसे शेयर करू। कहानी ऐसी होगी कि आपको मजा मिलना तय है।
अपना प्यार बनाये रखना। पहली कहानी है तो कुछ गलतियां भी होंगी तो आप इग्नोर करना। मैं अपनी तरफ से आपका लन्ड ओर चुत गर्म करने की पूरी कोशिश करूंगा
हम पाकिस्तान में लाहौर के अजीज भट्टी तहसील में रहते हैं
बाकी फैमिली का जिक्र आगे स्टोरी में किया जाएगा।
फैमिली :- अब्बू हुसैन खान , जो एक बड़ी दुकान चलाते हैं जिससे महीने में 30-35 हजार रुपये बच जाते हैं जिससे हमारा गुजर काफी अच्छा हो जाता है। उनकी दुकान घर से 10 km दूर है। अभी अब्बू हट्टे कट्टे हैं और शरीर मजबूत बनाया हुआ है, सुबह जाते है और शाम को आते है
अम्मी सुमैय्या खान, एक गदराए हुस्न की मालकिन, अम्मी की हाइट 5.6इंच है जो काफी अच्छी है। जिस्म ऐसा की बुड्ढे भी लन्ड लेकर लाइन में लग जाये। जिस्म का सबसे खूबसूरत और आकर्षित हिस्सा उसकी गाँड़ ओर चुचे है जो उसे ओर भी सेक्सी बनाते है। अम्मी साफ ओर नेक औरत है। ओर मोहल्ले में होने वाली औरतों की दुनियावी प्रोग्राम में जाती है और खुद भी अपनी बात रखती है कभी कभी
फिर आती है हमारी प्यारी बाजी अंजुम खान
इस कहानी की हीरोइन। बाजी की अभी 25 साल की है और नई नई जवानी में दाखिल हुए है। बाजी के चेहरे का नूर ऐसा की चांद भी शर्मा जाए। बाजी के होंठ गुलाब की तरह है, बाजी का जिस्म उम्र के हिसाब से ज्यादा लगता है क्योंकि बाजी की गाँड़ काफी मोटी-चौड़ी है। जो सूट सलवार में दिखाई देती है। बाजी घर पे ही रहती है और सुबह शाम मदरसे जाती है जो सिर्फ लड़कियों के लिए बना है । बाजी काफी पर्दा पसंद लड़की है और घर पर भी हिजाब में सलीके से रहती है और घर से बाहर बुर्के में जाती हूं। किसी गैर मर्द ने उसका चेहरा नही देखा है
हीरो:- वक़ार खान (ये मैं हूँ) मेरा कद 5.11 इंच है। उम्र 23 साल रंग मेरा बाजी की तरह है जो हमे अम्मी से मिला है। मुझे देखकर हमारे मोहल्ले की लड़कियां आह भरती है। मैं ग्रेजुएशन कर चुका हूं और घर पर बैठ कर सरकारी एग्जाम की तैयारी कर रहा हूँ। लन्ड का साइज 8 इंच है जो फूल अकड़ कर 9 इंच तक पहुंच जाता है।
बाकी किरदार अगर आएंगे तो आगे बता दूंगा। जो अभी बताना सही नही होगा क्योंकि आपको याद रखने में दिक्कत होगी।
हमारे घर में तीन कमरें है जिसमे 2 कमरे नीचे है और एक कमरा ऊपर बनाया हुआ है मेरे लिए क्योंकि मुझे पढ़ाई करनी होती है इसलिए अब्बू से कहकर मेने उसे अपना पर्सनल रूम बना लिया है। नीचे 2 कमरों में एक कमरा बाजी का ओर दूसरा कमरा अम्मी अब्बू का है। बाथरूम टॉयलेट ऊपर है जो मेरे कमरे के बराबर है।
हमारी सबकी दिनचर्या कुछ ऐसी है कि बाजी सुबह मदरसे जाती है जो दोपहर को आती है। बाजी को स्कोलर बनना है। अम्मी सुबह उठकर नास्ता बनाना क्योंकि बाजी ओर अब्बू को जाना होता है तो अम्मी जल्दी उठकर उनके लिए नास्ता तैयार करती है कभी कभी बाजी भी उनकी मदद कर देती है।
ऐसे ही मजे से जिंदगी गुजर रही थी सब अपनी अपनी दुनियां में मस्त थे। फिर एक दिन ऐसा तूफान आया कि सब खाक हो गया ओर मैं क्या से क्या बन गया। कहानी अलग अलग लोगो के जुबानी पेश की जाएगी
बाजी की जुबानी:-
हुआ ऐसा की मैं सुबह मदरसे जा रही थी जो घर के पास ही था। रास्ते मे दो बच्चे आपस मे झगड़ रहे थे और एक दूसरे को गालियां दे रहे थे।" तेरी बहन की पुद्दी में मेरा लन्ड" तेरी माँ की पुद्दी मार दूंगा"
मेने जब सुना तो हैरान रह गयी कि कितने बत्तमीजी बच्चे है जो माँ बहन के बारे में ऐसा बोलते हैं।
मैंने उन बच्चों को डरा धमका कर चुप कर दिया और आगे बढ़ गयी। मदरसे पहुंच कर मैंने देखा कि लगभग सभी लड़कियां आ गयी है और टीचर को सबक सुना रही है। टीचर ओर लड़कियों के बीच एक कपड़े जैसा पर्दा होता था जो बीच मे लगा होता था।
लड़कियां ना तो टीचर को देख सकती थी, ओर ना ही टीचर लड़कियों को।
पर्दे का काफी एहतराम था इसलिए मेने अब्बू अम्मी से कहकर इसमें दाखिल ले लिया। मेने अपना सबक याद किया और अपनी बारी आने पर टीचर को सबक सुना दिया और सबक सुना कर वापस घर आ गयी। लेकिन एक नई बात जो मेरे साथ हुई के मेरे जेहन में उन बच्चों की कही गालियां जेहन में आने लगी।
मेने अपनी किताबे रखी और फ्रेश होंने बाथरूम में गयी।
मेने अपनी सलवार नीचे की ओर फिर कच्छी को नीचे किया और बेथ गयी पेशाब करने।
मेरे दिमाग मे उन बच्चों की गलियां फिर से आने लगी और सोचने लगी कि क्या वे बच्चे एक दूसरे की माँ बहन चोद सकते हैं वो तो कितने छोटे बच्चे थे फिर भी ऐसे सोच रखते थे। सोचते सोचते मेरे ध्यान अपनी गुलाबी पुद्दी ओर गया तो देखा कि एक कतरा जो कुछ सफेद सा था पुद्दी के आखिरी हिस्से पर आ गया था ओर नीचे निकलने वाला था मेने उसे हैरत से देखा और हाथ नीचे ले जाकर उसे उंगली पर लिया और देखने लगी। ये क्या है और पहली बार ऐसी चीज मेरी हसीन पुद्दी से निकली जो कभी नही देखी।
मैंने उसे नाक के पास लेकर आई और उसे सुंघा तो कोई खास स्मेल नही आई। फिर मेने पेशाब किया और अपनी पुद्दी को धोया ओर बाथरूम से निकल कर अपने कमरे में आ गयी।
फ्रेश होकर मेने खाना खाया और अम्मी की तबियत वगेरह पूछने उसके कमरे में गयी। कमरे में झांक कर देखा तो अम्मी सो रही थी
अम्मी की कमीज उसकी कमर से ऊपर हो गयी थी जो कुछ इस तरह हो गयी थी। अम्मी की गाँड़ पर नजर पड़ते ही मेरे दिमाग मे वो बच्चों की कही बात " तेरी माँ की पुद्दी मार लूंगा" याद आ गयी। बे ख्याली में मेरा ध्यान अम्मी की पूरी कमर पर गया और सोचने लगी कि अम्मी की गाँड़ कितनी मोटी है, अम्मी क्योंकि भरे हुए जिस्म की थी तो अम्मी की गाँड़ भारी थी। मेने अपनी नजरे हटाई ओर अम्मी को सोता देख वापस कमरे में आ गयी।
शाम को अब्बू भी आ गए थे अम्मी ने खाना टेबल ओर लगाया और मुझे भाई को बुलाने ऊपर भेजा
अम्मी:- अंजुम बेटी अपने भाई को बुला ला खाने के लिए
जा रही हूं अम्मी "ये भाई भी ना पता नही क्या करता है जो खाने का होश नही।
मेने भाई का रूम खटखटाया लेकिन जवाब नही मिला।
मैंने दरवाजा आराम से खोला ओर अंदर घुस गई और देखा कि भाई सो रहे हैं।
में उसके करीब जाकर उठाने के लिए आगे बढ़ी तो अचानक भाई के लोअर पर निगाहें गयी जो तंबू बना हुआ था।
मेरी सांस हलक में रह गयी क्योंकि भाई का लन्ड खड़ा हुआ था और लोअर फाड़ने की कमजोर कोशिस कर रहा था। देखने से लग रहा था कि उसकी मोटाई मेरी कलाई जितनी थी, ये क्या है, ओर ऐसे कैसे फूला हुआ है।
मेने आज पहली बार भाई का लन्ड देखा था लेकिन लोअर में था। भाई हमेशा दरवाजा बंद करके सोता था। कोई आये तो पहले आवाज लगा दे या दरवाजा पीट दे।
लेकिन आज मेने जो देखा उसपर यकीन नही आया
मेने अपने ख्यालो को पलटा ओर रूम से बाहर आकर भाई को जोर जोर से आवाज लगाई, भाई ने कोई 2 मिनट जवाब दिया "आया बाजी"
भाई दरवाजे पर आया और बोला क्या है बाजी?
भाई खाना तैयार है अम्मी बुला रही है जल्दी आ जाओ।
कुछ देर बाद भाई आये और सबने मिलकर खाना खाया और अब्बू ने पढ़ाई के बारे में पूछा वो हम भाई बहन ने बता दिया कि अब्बू अच्छी चल रही है।
खाना खा कर अब्बू ओर भाई अपने कमरे में चले गए और अम्मी बर्तन धोने लगी और मैने भी उसकी हेल्प की।
बर्तन धो कर में भी अपने कमरे में आ गयी और लेट कर आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगी
उन बच्चों की गलियां ओर भाई का लन्ड दिमाग मे बार बार आ रहा था। मुझे इतना तो पता था कि लन्ड चुत की प्रजाति इस दुनियां में है लेकिन ये नही पता था कि लन्ड इतने लंबे लम्बे ओर मोटे होते होंगे। भाई का लन्ड सोचकर में गर्म होने लगी जो पहली बार हो रहा था। लन्ड को दिमाग मे सोच सोचकर मेरा हाथ कब चुत ओर पहुंच गया पता ही नही चला। और जिस्म की गर्मी में परेशान होकर मेने अपनी चुत ओर उंगली फिराई तो एक अनोखा सा मजा ओर लज्जत पाई, मेने उंगली फिराना जारी रखा और आनंद के सागर में नहाने लगी।