अपडेट 5
थोड़ी देर हम दोनों खामोश बैठे रहे। कमरे का माहौल एक दम शांत था।
आखिर मेने ही बोलना का फैसला किया और बाजी की तरफ देखकर
मैं:- बाजी मुझे माफ़ कर दो मुझसे गलती हो गयी है
बाजी:- किस बात की माफी भाई ?
मैं:- बाजी मैंने आप पर गलत निगाहें डाली जो मुझे नही करना चाहिए था, मुझे क्या किसी को भी नही करना चाहिए था।
बाजी खड़ी हुई और मेरे पास आकर मेरे मुँह पर थप्पड़ जड़ दिया 1.....2...3....4 लगातार थप्पड़ मारती गयी। मैं बाजी के इस बर्ताव पर हैरान था। बाजी ओर मेरे बीच आजतक कोई गुस्से वाली लड़ाई नही हुई थी। हम दोनों आपस मे एक दूसरे से मिल झूल कर रहते थे और एक दूसरे की इज्जत करते थे। लेकिन आज सब बदल गया था ओर बाजी मेरे मुँह ओर पीठ और थप्पड़ मारती रही और फिर खुद ही रोने लगी।
बाजी:- तूने ऐसा कैसे कर दिया, क्या तुझे शर्म नही आई कि मैं तेरी बड़ी बहन हूँ। तुझसे बड़ी हूँ।
तेरी शर्म ओ हया कहाँ चली गयी जो तू इतनी गंदी हरकत छी.ई.ईई... बोलने में भी शर्म आ रही है।
लेकिन तुझे शर्म ना आई, क्या यही तरबियत दी ही अम्मी अब्बू ने तुम्हे। क्या यही सीख रहे हो तुम
मैं:- बाजी मैं माफी चाहता हूं इस गुनाह के लिए, मुझे नही पता मैंने ऐसा क्यों किया।
बाजी:- हरामजादे तुझे ये भी नही पता था कि सामने तेरी बाजी है। कुत्ते क्या सोच कर तुमने ये काम किया बता मुझे ओर जोर जोर से रोने लगी।
मैं बेचैन हो गया और उठकर खड़ा हुआ और बाजी के पैरों में जाकर उसके पैर पकड़ लिए प्लीज बाजी मुझे माफ़ करदो, अम्मी अब्बू को पता चलेगा तो वो मेरी जान ले लेंगे। बाजी प्लीज रहम करो मुझपर आइंदा ऐसी गलती नही होगी
ओर मेरी आँख से भी आंसू आने लगे.मैं रोता रहा और बाजी से माफी मांगता रहा, मेरी आँखों से आंसू टपक कर बाजी के पैरों पर गिरने लगे
तो बाजी ने मेरे कंधों से पकड़कर उठाया और मेरी तरफ देखने लगी।
बाजी भी रो रही थी और मेरी आँखों से भी आंसू लगातार जारी थे।
बाजी ने मुझे रोता देख अपने सीने से लगा लिया और चुप कराने लगी।
बाजी:- चुप होजा भाई, तुमने माफी मांग ली यही बहुत है मेरे लिए। लेकिन भाई तुम्हे ऐसा नही करना चाहिए था
मैं:- बाजी में शर्मिंदा हूँ अपनी हरकत पर.
बाजी:- चल अपने आँसू साफ कर ओर बैठ इधर

मैंने अपने आंसू पोंछे ओर बाजी के पास बैठ गया
बाजी:- भाई मैं तुमसे ओर लड़ना नही चाहती पर इतना पूछना चाहूंगी कि तुम्हारा मन मे ये बात कैसे आई कि तुम अपनी बाजी की तरफ गंदी नजरों से देखो।
मैं:- मैं क्या जवाब देता की बाजी आपकी गाँड़ में मुझे पागल कर दिया था ओर आपकी गाँड़ में फंसी हुई कमीज ने मुझसे ये गुनाह कराया है,
बाजी मुझे माफ़ करना, मुझे ऐसा नही करना था, आप मेरी बड़ी बाजी हो
बाजी:- भाई कोई तो वजह होगी जिससे तुम ये हरकत कर गए, मैं बुरा नही मानूँगी बस तुम वजह बता दो क्या वजह थी इसके पीछे।
मैं:- बाजी आपको सुनकर बुरा लगेगा, इसलिये आप ना ही पूछे तो बेहतर रहेगा।
बाजी:- भाई जो होना था हो गया, ओर तुमने माफी भी मांग और मैंने माफ भी कर दिया। मैं बुरा नही मानूँगी
मैं:- बाजी वो...वो...वो आप जब किचन में काम कर रही थी तो आपकी कमीज फंस गई थी
बाजी:- कहाँ फंस गई थी
मैं:- बाजी रहने दो ना जो हो गया वो हो गया अब जाने दो इस बात को।
बाजी:- भाई बताओ मैं कुछ नही बोलूंगी तुमसे जो बात सच है वो बताओ अगर अपनी बाजी से थोड़ी बहुत मोहब्बत करते हो तो
मैं:- बाजी मैं भी आपसे मोहब्बत करता हूँ, एक आप ही तो मेरे साथ हो जिंदगी के हर मोड़ पर
बाजी:- हाँ तो बताओ
मैं:- बाजी आपकी कमीज आपके पीछे कमर में फंस गई थी।
बाजी:- ओह्ह ऊपर वाले ये कैसे हुआ। मुझे ध्यान ही नही रहा अपने कपड़ों का।
मैं:- बाजी इसमें आपकी कोई गलती नही है वो गलती से हो गया होगा। मेरी ही गलती है जो मैं देखकर नजर नही हटा पाया।
बाजी:- भाई तुम्हे क्या हो गया जो तुमने ऐसी कंडीशन देख कर अपनी निगाहों ओर काबू नही किया
मैं:- पता नही बाजी मुझे देखना अच्छा लग रहा था या कुछ और बात थी ,पर मैं नजर नही हटा पाया आपसे
बाजी:- चलो छोड़ो इस बात को अब आगे से ध्यान रखना ठीक है
इतना बोलकर बाजी रूम से जाने लगी और मैंने कहा बाजी एक बार फिर शुक्रिया मुझे माफ़ करने के लिए
इतना सुनकर बाजी बाहर चली गयी और फाइनली मेने राहत की सांस ली। मुसीबत तो टल गई लेकिन मेरी हवस जो मेरा साथ नही दे रही देखना है वो कहाँ ले जाएगी।