अपडेट 16
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कपड़े उतारकर में चादर में घुस गया, बाजी दूसरी तरफ करवट लेकर लेटी हुई थी जिससे उसकी उठी हुई गांण्ड मेरे लोडे की तरफ थी। मैं भी बाजी की तरफ करवट लेकर लेट गया लेकिन अभी तक मेने अपना नीचे का हिस्सा बाजी से टच नही किया था
मैं:- बाजी बताओ अब क्या इरादा है सहला दु आपकी टाइट गर्म चुत को
बाजी :- भाईईई क्यों शर्म से मार रहे हो, ऐसे गन्दे अल्फ़ाज़ क्यों इस्तेमाल करते हो तुम, मुझसे भी बुलवाते हो।
मैं:- बाजी दो गर्म लोग जब इस तरह मिलते हैं तो गर्म बातें ही होंगी ना, बाजी गर्म बातों का जो मजा है वो आपको भी पता है कितना मजा आता है, कितनी आग बढ़ जाती है दोनों में अहह
बाजी:- फिर भी भाई थोड़ी बहुत तो शर्म बाकी रहनी चाहिए ना हमारे बीच, एक तो हम कितना गुनहगार हो रहे हैं ऊपर से ये गन्दी बातें बुलवाना अहहहहहहह ठीक नही है।
मेने पीछे से बाजी की पीठ पर किस कर लिया जिससे बाजी की कामुक सिसकी निकल गयी।
मैं:- बाजी मेरी तरफ करवट लो ना, मैं आपके मीठे होठ पीना चाहता हूं।
बाजी:- मुझे शर्म आ रही है भाईइईईई जान
मैं:- मुझसे केसी शर्म बाजी, अच्छा चलो होठ मत पिलाना पर मेरी तरफ तो लेट जाओ यार
मेरी बात सुनकर बाजी शर्माती हुई घूमी ओर मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी। उसकी आंखें बंद थी उसे शर्म थी के उसको अपने शौहर के साथ नंगा सोना था लेकिन इस वक़्त उसका छोटा सगा भाई ही वो जिम्मेदारी निभा रहा था जो एक शौहर की होनी चाहिए थी।
मेने बाजी को अपने से चिपका लिया और उसकी एक टांग को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया जिससे मेरा लोडा उसकी टांगो में घुस गया और चुत पर रगड़ मार दी।
बाजी:- अहहहह सीईईईई यहहहहहहह
मैं:- बाजी आंखे खोलो ना देखो तुम अपने छोटे भाई की बाहों में नंगी लेटी हो मेरीईई जान
मेने लोडे को पकड़ कर अच्छी तरह चुत गांण्ड से चिपका दिया जिससे बाजी ने भी गर्म सिसकी के साथ पैरों से भींच लिया
मेरा लोडा बाजी की टांगो के बीच झुलस गया अहहहहहह क्या गर्म गर्म चुत गांण्ड थी मेरी बड़ी बाजी की।
मेने एक हाथ गांण्ड पर लेकर गया और चूतड़ खोलकर एक उंगली बाजी के कसे हुए छेद पर रख दी
बाजी:- अहहहहहह भाईईई जाननननन
मेने उसी उंगली को बाजी की आंखों के सामने किया और उसके मुँह के पास लाकर
मैं:- बाजीईईई उंगली पर अपना थूक गिराओ थोड़ा सा
बाजी इस बात से शर्मा गईई और आंखे बंद कर ली
मैं:- बाजीईईई गिराओ ना अपना थूक उंगली पर, मुझे आपकी गोरी मोटी गांण्ड पर रगड़ना है।
बाजी पहले तो कसमसाई फिर मेरी बड़ी उंगली को होंठो के पास किया और थूक डाल दिया जो उंगली की टिप पर लगा हुआ था
मैं:- अहहहहहह बाजीईईई कितनी गर्म थूक है आपके मुँह की,
बाजी कुछ ना बोली ओर मेरे सीने से चिपक गयी जिससे उससे सुडौल चुचे मेरी छाती में धंस गए अहहह बाजीईईई
मेने उंगली को गांण्ड पर ले जाकर उसके छेद पर रखा और चारो तरफ घुमा कर छेद को गिला किया
क्या मस्त कसा हुआ मादक छेद था जिसमे तिनका भी नही घुस सकता था, नंगी गांण्ड को कुरेदने का अलग ही मजा आ रहा था मेने थोड़ा सा जोर देकर उसके छेद में उंगली घुसा दी, उंगली 1 इंच बाजी के छेद में घुस गई जिससे बाजी कराह उठी
बाजी:- अहहहह अम्मिईईईईई दर्द हो रहा है निकालो उसे
मैं:- बस बस हो गया हो गया, बाजीईईई शांत हो जाओ तुम्हारे छोटे भाई की उंगली घुस गई है बड़ी चौड़ी गांण्ड में
मेने उंगली को थोड़ी देर रोके रखा जब बाजी सम्भल गईई तो उंगली आगे पीछे करने लगा जिससे बाजी सिसकने लगी
बाजी:- अहह...नही..मत करो भाईईई वो गन्दी जगह है उस जगह से में हगती हूँ अहहहह भाईईई जाननननननन
मैं:- बाजीईईई आपकी कोई जगह गन्दी नही है आप तो सब जगह से साफ सुथरी हो
मेने कुछ देर उंगली को गांण्ड में घुसा कर बाहर निकाला और बाजी की आंखों के सामने करते हुए उसे दिखाने लगा
बाजी:- छीईईई..गन्दे..इंसान..मुझे.क्यों दिखा रहे हो साफ करो इसे गन्दी हो गयी होगी तुम्हारी उंगली।
मेने शरारती तौर पर उंगली बाजी के होंठो के पास कर दी और बाजी को चुसाने के इरादे से बाजी को देखने लगा।
बाजी मेरी गर्म हरकत को नोट कर रही थी।
बाजी:- क्या करने का इरादा है, हटाओ अपनी उंगली मेरे मुँह से
मैं:- बाजीईईई चाट लो ना मेरी उंगली को देखो कैसा टेस्ट आता है आपको
बाजी:- छीईईई..ये भी कोई चाटने वाली चीज है तुम खुद ही चाट लो ना जो मुझे क्यों दिखा रहे हो।
में तो पहले से ही बाजी की गांण्ड पर गर्म था मेने बाजी की आंखों में देखा जो एकटक मुझे ही देख रहीं थी, उंगली को नाक से लगाया और जोर से साँस खींच कर उंगली को सुंघा जो बाजी की कुँवारी पढ़ी लिखी गांण्ड में घुसकर आई थी
अहहह क्या जोशीली महक थी तन बदन में आग लग गयी और बाजी की तरफ मुस्कुरा कर उंगली को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा अहहहह बाजी क्या गर्म खुसबू है आपकी गाँड़ की
बाजी मेरी इस हरकत पर हैरान रह गयी और देखती रही
मैं उंगली को अच्छी तरह चाट गया और चटकारे लेकर बाजी को आंख मार दी।
बाजी:- छीईईई गन्दे इंसान। क्या जायका मिला तुझे जो ऐसी गन्दी हरकत कर गए तुम।
मैं:- आह्दहह मेरी गर्म गांण्ड वाली बाजी, आपकी गर्म गांण्ड को तो खा जाऊं वो भो कम है। क्या नशीली खुसबू है आपकी
बाजी:- चुप कमीने तुम्हे गन्दा नही लगा उंगली कहाँ डाली और चाट गये
मैं:- मुझे तो बहुत अच्छा लगा मेरिईइईईई गर्म जवान बाजी, तुम भी चेक करो तो बताओ
बाजी:- नहिईई मुझे नही करना ये नेक काम, तुम्हारी तरह नही हूँ मैं जो उंगली चाट जाऊं
मेने बाजी को जोश में आकर किश कर लिया और उसके होंठो को चुसाने लगा पहले तो बाजी ने छुटने की कोशिश की लेकिन मेने उसके होठों को कसके भीच लिया और दोबारा से उंगली उसकी गांण्ड के गर्म छेद पर रख कर गुमाई तो बाजी गर्म होकर मेरे साथ देने लगी।
में बाजी को होठों को बुरी तरह से चूस रहा था कभी काट रहा था मेने अपनी जबान भी बाजी के मुँह में दाखिल कर दी और लोडे को चुत पर रगड़ते हुए गांण्ड में उंगली घुसाते हुए अपना थूक बाजी के मुँह में ट्रांसफर कर दिया। मेरा असल मकसद बाजी को उसकी गांण्ड का जायका चखाना था। मेने उसके होंठो को छोड़ा और बाजी की तरफ देखने लगा तो उसने बेख्याली में मेरा थूक निगल लिया और लम्बी सांसे लेने लगी।
मैने गांण्ड वाली उंगली निकाला और दोबारा अपने मुँह से चूस लिया, बाजी मेरी हरकतों पर ओर ज्यादा गर्म हो गयी और बाजी ने वो किया जो मैं सोच भी नही सकता था।
बाजी ने मेरी टांग को अपनी कमर पर बेंड किया और मेरी गांण्ड का छेद कुरेदने लगी अहहहह मेरी तो सिसकी निकल गयी।
मैं:- बाजीईईई क्या कर रही हो
बाजी:- जो तुम कर रहे थे मेरे साथ अब क्या हुआ मजा नही आ रहा क्या भाईईईई जाननननन।
मैं:- अहहह मेरी बेशर्म बाजी कौन बाजी होगी जो अपने भाइयों की गांण्ड में उंगली घुसाती होगी। ओर मेने लोडे को चुत पर बुरी तरह घिस दिया और इसका असर बाजी पर हुआ और उसने सुखी उंगली 2 इंच मेरी गांण्ड में घुसा दी।
अहहहह बाजीईईई दर्द हो रहा है, ओर बाजी ने उंगली निकाल ली और मेरी आँखों मे देखती हुई मुँह में डाल ली और चूसने लगी। क्या मदहोश शमां था एक उर्दू पढ़ी लिखी हुई आला तालीम याफ्ता कुँवारी बाजी अपने छोटे भाई की गांण्ड में घुसी हुई उंगली को चाट रही थी। मुझसे बर्दास्त नही हुआ और बाजी के दोनों चूतड़ों को पकड़कर अपने लोडे पर आगे पीछे करने लगा।
मेरा लोडा चुत की फांको के बीच घिसता हुआ गांण्ड के छेद पर दस्तक दे रहा था
मैं:- बाजीईईई कितनी गर्म चुत है आपकी, मेरा लोला भी जल रहा है इससे रगड़कर अहहहहहह
बाजी:- अहहहहहह भाईईई ऐसे ही रगड़ो इसे बहुत मजा आ रहा है भाईईई जान
मैं:- बाजी मेरे ऊपर आ जाओ और अपनी दहकती हुई चुत को मेरे लोले से रगड़ो।।
इतना सुनते ही बाजी मेरे ऊपर आ गयी और लोडे को पकड़कर अपनी चुत की फांको के बीच रख दिया और आगे पीछे होने लगी
मैं:- अहहहह बाजी कितना मजा मिल रहा है और तेज़ रगड़ो इस चुत को अपने भाई के बड़े लोले से अहहहहहहह
ओर बाजी को अपने सीने से चिपका लिया और उसके होठों को चूसने लगा। बाजी तेज़ तेज़ आगे पीछे होकर अपनी चुत रगड़ने में लगी हुई थी। इस समय दो जवान सगे बदन आपस मे लज्जत का लुफ्त उठा रहे थे।
थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने बाजी की आंखों में देखा जो नशे में लाल सुर्ख हुई पड़ी थी।
बाजी ने मेरे गालों को चूसने लगी कभी गाल काटती कभी मेरे होठो को चुस्ती।
फिर अचानक बाजी ने अपनी जीभ मेरी नाक में घुसा दी और तेज़ तेज़ चुत रगड़ती हुई मेरीईई नाक के अंदर जीभ चलाने लगी
मैं:- अहहहहहह बाजीईईई मार ही डालोगी क्या, इतना मजा दे रही हो आप ओर मेने बाजी की चुचियाँ मसलनि शुरू कर दी
बाजी की चुचियाँ भी दहक रही थी जिन्हें में मसलकर ठंडा करने की कोशिश कर रहा था। बाजी ने अब दूसरे नथुने में जीभ घुसा दी और अंदर तक डालकर घुमाने लगी जिससे मेरे लन्ड फटने की कगार पे था और कुछ देर जीभ से चाटकर बाजी ने वही जीभ मेरे खुले मुँह में डाल दी।
मेने नशे में कोई ध्यान नही दिया और बाजी की जीभ को चूसने लगा, जीभ का स्वाद कुछ चटपटा सा लगा और पागलो की तरह बाजी की जीभ चाटने लगा और फिर बाजी ने अपनी जीभ निकाली और मेरे खुले हुए मुँह में एक थूक की लार फेंक दी और दोबारा से मुझे किश करने लगी।
इस नशीले हमले को में बर्दास्त नही कर सका और भर-भरा कर झड़ने लगा और मेरा वीर्या मेरे ही पेट पर जमा होने लगा।
कोई एक मिनट तक मे झड़ता रहा और सुस्त पड़ गया। बाजी ने मेरे होंटो को छोड़ा और सरक कर मेरे बराबर में लेट गयी।
बाजी:- अहह मजा आया कि नही भाईईई
मैं:- बाजीईईई बहुत मजा आया, क्या नशीली हरकतें है आपकी
कहाँ से सीखा है ये नाक चूसना आह्दहहहहह कितना मजा आता है जब आप मेरी नाक में जीभ घुसाती हो
बाजी:- अहहहहहह भाई बस अपने आप हो जाती है ये हरकतें, चले भाई अब मुझे कपड़े पहनने दो मुझे चलना चाहिए बहुत लेट हो गया है।
बाजी ने मुझे चादर से बाहर निकाल कर बेड से उठने को बोला और अपनी सलवार उठाई
बाजी:- भाईई नजरे घुमा लो मुझे कपड़े पहनने दो, पीछे मुड़कर मत देखना
मैं:- देख भी लूंगा तो क्या हो जाएगा बाजी, सब कुछ तो उजागर हो चुका है,
बाजी:- कमीने जो भी हुआ हो हमारे बीच इतनी शर्म तो होनी चाहिए, चलो घूम जाओ और मुड़कर मत देखना।
मैं घूम गया और पता नही बाजी ने किस तरह कपड़े पहने, मेने देखने की कोशिश नही की, जो मिल रहा था उसी से खुश था मैं
थोड़ी देर बाद बाजी मेरे पास आई और मेरे करीब से निकलने लगी तो मैने बाजी को पकड़ कर अपनी बाहों में लपेट लिया ओर किस करने की कोशिश करने लगा लेकिन बाजी ने मेरा साथ नही दिया और मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
बाजी:- अहहहह कमीने छोड़ दे अब, मुझे जाना है काफी देर हो गयी है।
मैं:- बाजीईईई एक शर्त पर जाने दूंगा आपको, बोलो की मैं गर्म बाजी हूँ तुम्हारी
बाजी:- अहह अब ये कैसी बात कर रहे हो मुझसे, छोड़ो ना भाई
मैं:- बाजी बोलो ना फिर चली जाना आप प्लीज बाजीईईई
बाजी:- हां म मैं...मैं...गर्म..बाजीईईई हूँ..तुम्हारी
मैं:- ऐसे बोलो की, मैं वक़ार भाई जान की बहुत गर्म बाजी हूँ जिसकी चुत में आग लगी हुई है।
बाजी:- अहह हहहह नही, मैं तुम्हारी गर्म बाजी हूँ चुत में आग लगी है। और बाजी छुड़ाकर दरवाजे पर पहुंच गई ओर निगाह पीछे मुड़कर देखा तो
मैं:- बाजी इस हलब्बी लोले से आपको दौड़ दौड़ा कर चोदूगां तो ही ये आग कम होगी मेरी उर्दू पढ़ी बाजीईईई
ओर बाजी ने दरवाजे के पास रखा मेरा जूता फेंक कर मुझे मारा जो मेरे कंधे से आकर लगा।
मैं:- अहहहहहह बाजी मेने क्या गलत कह दिया जो मार रही हो,
ये बात तो आपको भी पता है कि आपको दौड़ा दौड़ा कर चोदा जाए तभी आप ठंडी हो सकती हो मेरीईई बाजीईईई
बाजी:- चल कमीने अपना काम कर।
ओर बाजी नीचे चली गयी, मेने लन्ड की तरफ देखा जो फिर खड़ा हो गया था। क्यों जनाब मेने सही कहा ना कि बाजी को दौड़ा दौड़ा कर चोदा जाए। जिसपर लन्ड ने फुंकारी मारी जिसे मेने हाथ से शान्त किया।
ओर पानी पीकर लेट गया ओर नींद की मीठी आगोश में चला गया।
सुबह मेरी आँखें खुली तो मैं उठ कर बैठ गया और मोबाइल देखने लगा जिसमे व्हाट्सएप्प मेसेज आया हुआ था।
मेने उसे चेक किया तो बाजी का मैसेज था।
बाजी:- भाई मेरी तबियत सही नही है तुम अम्मी की हेल्प करा देना नास्ते में
मैं:- क्या हुआ बाजी आपको, बीमार हो
बाजी:- नही भाई वो..वो..वो..मेरी डेट आ गयी हैं
मैं:- ओकक बाजी कोई नही आप आराम करो में अम्मी की हेल्प करा दूंगा।
【बाजी या अम्मी को जब भी पीरियड आते थे वो किचेन का काम नही करती थी, इसका मुझे भी नही पता क्यो】
मैं खड़ा हुआ और फ्रेश होकर मुँह हाथ धो कर नीचे चला गया
जहां किचन में अम्मी खड़ी होकर कुछ बना रही थी।
अम्मी की पीठ और कमर गीली थी जो ये साबित कर रही थी कि अम्मी नहा कर आई थी। अम्मी की चौड़ी गांण्ड बालों से भीगी हुई थी जो गांण्ड को ओर भी नुमाइश कर रही थी।
अम्मी ने सायद शर्मगाह को रातभर चुदवाया होगा जिससे उसे नहाना पड़ा होगा।
ये बात सोचकर मेंरा लोला खड़ा हो गया कि अम्मी रात में कैसे चुदी होगी, अब्बू ने कैसे कैसे टल्ले मारे होंगे। कितनी देर तक अम्मी की मादक शर्मगाह को भेदा होगा अहहह अम्मिईईईईई
मैं खड़े लोले के साथ किचन में घुस गया और अम्मी के बगल से निकल कर उसके साइड में खड़ा हो गया।
अम्मी:- ओह्ह बेटा तुम! किसलिए आये हो ?
मैं:- अम्मी में तो बस आपकी हेल्प कराने आया हूं, आप इतनी मेहनत करती हो मेने सोचा क्यों ना मैं भी आपकी हेल्प करा दु अम्मी जान।
अम्मी:- ओहह मेरे बच्चे तुम्हारा कोई काम नही है मैं खुद कर लुंगी।
मैं:- अम्मी आप हमारे लिए इतनी मेहनत करती हो, आप दुनिया की सबसे प्यारी अम्मी हो और मैने डरते डरते अम्मी का माथा चुम लिया।
चूमने से अम्मी थोड़ा अनकम्फ़र्टेबल हुई पर कुछ नही कहा और मैं चुम कर बराबर में ही खड़ा रहा।
अम्मी:- वक़ार बेटे ये तो हर मां का फर्ज होता है कि वो अपने बच्चों की अच्छी तरह परवरिश करे उनका ख्याल रखे, ओर तुम दोनों तो मेरे लाडले हो।
मैं:- अम्मी शुक्रिया हमे इतनी मोहब्बत देने के लिए।
मेरे पास बात आगे बढ़ाने को कुछ नही था तो मैं बाहर आ गया और अखबार पढ़ने लगा। अब्बू कमरे में थे जो दुकान जाने की तैयारी कर रहे होंगे।
अभी में अखबार पढ़ ही रहा था कि अम्मी बाहर आई और सब्जी के छिलकों को बाहर गेट के पास फेंकने के लिए गयी।
अम्मी ने कूड़े वाले बकेट में झुककर कूड़ा डालने लगी जिससे उसकी गांण्ड मेरी नजरों के सामने थी।
अम्मी को कोई ध्यान नही था वो तो बस अपने काम मे मगन थी तभी एक हवा का झोंका आया और अम्मी की कमीज को उड़ा कर गांण्ड से ऊपर कर दिया। अहहहह कुदरत की बनाई हुई नायाब चीजों में से एक अम्मी जान की बड़ी गदराई गांण्ड के पट मेरे सामने थे और सलवार उन पटो(चूतड़ों) के बीच फंसी हुई थी।
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अम्मी के इल्म में ये नही रहा कि उसकी कमीज ऊपर हो गयी है और उसकी सोच में ये भी नही था कि मैं उसे ही देख रहा हूं।
दोस्तो एक गदराई हुई जिस्म की तंदरुस्त औरत जो निहायत ही सरीफ ओर खानदानी थी, वो आज गलती से अपने लाडले बेटे वक़ार के सामने कुतिया बनी हुई कूड़ा डाल रही थी।
अम्मी की चूतड़ों की मोटाई अहहहहहह बिल्कुल गोल गोल ओर उनके बीच मे फसी हुई सलवार कयामत ढा रही थी।
अम्मी को खुद भी नही पता होगा कि उसके पास कैसा जिस्म है जिसे देखकर ही लोडा पानी छोड़ दे।
कोई 1 मिनट बाद अम्मी कूड़ा डालकर सीधी हुई और मैने जल्दी से निगाहें अखबार पर डाली और पढ़ने लगा।
अम्मी चलकर किचेन में आ गयी और नास्ता बना कर बाहर टेबल पर रखने लगी।
नास्ता रखकर हमने नास्ता किया ओर अब्बू दुकान के लिए निकल गए।
मैं अपने कमरे में आ गया और अम्मी के बारे में सोचने लगा।
अम्मी के लिए भी मेरी हवस चढ़ने लगी थी, कितनी गदराई ओर मोटी मोटी गांण्ड थी अम्मी की अहहहद कितने खुशकिस्मत है अब्बू हमारे जो उन्हें भोगने को मिल रही होगी।
मैं अम्मी की गांण्ड के बारे में सोचता सोचता हुआ लन्ड हिलाने लगा।
मेरे दिलो दिमाग मे वो मंजर छाया हुआ था जब अम्मी की सख्त मोटी गांण्ड की शेप दिख रही थी. क्या मोटे मोटे चूतड़ क्या गहरी लाइन जो चूतड़ों के बीच मे थी।
अहहहह अम्मिईईईईई क्या सारा खाना आपके चूतड़ों को ही लगा जो इतने बड़े हो गए हैं। मेरा लन्ड पूरा खड़ा हुआ ऊपर की तरफ हो गया था। में जोर जोर से लन्ड मुठियाने लगा और सिसकते हुए अम्मी को इमेजिन करने लगा, जब वो अब्बू के सामने नंगी होती होगी, अपनी मोटी चुचियाँ अब्बू के सामने बेपर्दा करती होगी। अपनी शर्मगाह को अब्बू के हवाले करती होगी के आओ मेरे शौहर ओर भोग लो इस मादक गदराए जिस्म को, निकाल दो मेरी चुत के पानी को अहहहहहहह अम्मी आपकी चुत कितना पानी निकालती होगी काश में देख पाता उस जगह को जहां अब्बू अपने लन्ड को बोरते होंगे। अहहहह अम्मिईईईईई देखो आपके झुकने से मेरा लोला बगावत कर बैठा है ये आपकी तंग चुत में घुसने के सपने देख रहा है। क्या अम्मिईईईईई आप मेरे लोले का सपना पूरा करोगी, क्या इस लोले को अपनी मादक चुत का पानी चखाओगी, अम्मी क्या तुम अपने इकलौते बेटे के लोडे को निगल जाओगी अपनी लम्बी चुत में, अम्मी ये लोला ही आपको असली जन्नत के मजे दिखाना चाहता है।
मेरी वालिदा आपका लाडला आपकी चुत में समूचा लोला डालकर तेज़ तेज़ चोदना चाहता है, आपको घण्टे घण्टे भर लोले पर उछालना चाहता है, आपकी बच्चेदानी में बीज डालना चाहता है, अहह अम्मिईईईईई आपकी चुत गाँड़ को बजाने का निर्णय मैंने ले लिया है मैं आ रहा हूँ आपकी चुत में घुसने अपने लोले के साथ ओर मेरे लन्ड ने पानी छोड़ दिया जो फर्श पर गिरता रहा। आजतक इतना पानी नही निकला जो अम्मी के लिए निकाला था मेरे लोडे ने। मेरा लोडा रह रह कर झटके मार रहा था और पानी निकाल रहा था। मैं एकदम खाली हो गया, जितना वीर्या मेरे लन्ड से निकला उससे 2-3 चुत आराम से भर सकती थी।
मेने कपड़े से फर्श पर पड़ा अपना माल साफ किया और बाथरूम में मुँह हाथ धोकर कमरे में आ गया।
थोड़ी देर आराम किया और पढ़ने बैठ गया, कोई एक घण्टे के बाद मुझे अनजान नम्बर से कॉल आता है जिसे पिक करने के पर पार्सल वाला मुझे बताता है कि वो आर्डर लेकर आ गया है।
मेने उसे आने को बोला और कॉल कट कर दी।
में नीचे मैं दरवाजे पर गया और पार्सल लिया और जरूरी फॉर्मेलिटी पूरी करके आने लगा। तभी बरामदे में बैठी अम्मी ने टोक लिया
अम्मी:- बेटा क्या चीज है तुम्हारे हाथों में
मैं:- कुछ नही अम्मी बालों का तेल है जो आर्डर करके मंगाया है
अम्मी:- अच्छा बेटा तेल तो तुम्हारे पास कई तरह के रखे हुए हैं फिर इसकी क्या जरूरत पड़ गयी।
मैं:- अम्मी ये अच्छा तेल है जो बालों को मजबूत और लम्बा बनाएगा।
मैं अपनी सोच में चला गया अम्मी ये स्पेशल तेल है जिसका असर आप बहुत जल्दी देखोगी जब आपका बेटा आप दोनों माँ बेटी को घण्टे भर बड़े लोडे से उठा उठा कर चोदेगा ओर आप मुझसे रहम की भीख मांगोगी। इतना सोचते ही मेरा लोडा उठने लगा तो मैंने जल्दी से वहां से निकलना बेहतर समझा और ऊपर आ गया।
ऊपर आकर मेने वो पार्सल खोला जिसमे एक शीशी तेल की थी और कुछ टेबलेट थी।
उसमे एक पर्ची थी जिसपर इंस्ट्रक्शन लिखी थी।
की तेल को रात में सोते समय लगाना जिससे हफ्ते भर में लन्ड का आकार बढ़ जाएगा और टेबलेट स्टैमिना के लिए थी।
मेने उन्हें छिपा कर रख दिया और दोबारा पढ़ने बैठ गया।
शाम को मैने खाना खाया जहां कोई खास बात नही हुई।
बाजी से मेरी कोई बात नही हुई थी मैं भी उसे परेशान नही करना चाहता था। मैंने उस तेल से लोडे की अच्छे से मालिश की ओर इसी तरह वो रात भी गुजर गई।
अगली सुबह में खड़ा हुआ और किचन में जाने की तैयारी करने लगा, आज में अम्मी के साथ कुछ आगे बढ़ना चाहता था। उसे अपने लोडे का अहसास कराना चाहता था जो बडा रिस्की काम लग रहा था पर मुझे अब हर रिस्क के लिए तैयार रहना था।
मेने अपना पेंट उतारा और कच्छा भी ओर एक ढीला पजामा पहन लिए जिसमे मेरा लन्ड आजाद रह सकता था।
मैं नीचे चल दिया और किचन में निगाहे डाली तो अम्मी काम मे लगी हुई थी।
मेने इधर उधर देखा और किसी को ना पाकर में धीमी धीमी चाल से अम्मी के पीछे खड़ा हो गया। अम्मी की गांण्ड हमेशा की तरह सलवार में कसी हुई थी जो बाहर को निकली हुई थी।
मैं आगे बढ़ा और अम्मी के कंधों के ऊपर से दोनों हाथ ले जाकर
उसकी आँखों पर रख दिये। मेरा निचला जिस्म अभी भी अम्मी की गांण्ड से दूर था। मेरे हाथ आंखों पर लगते ही अम्मी थोड़ा चोंक गई
अम्मी:- कोंन है.....
मेने कोई जवाब नही दिया मैं ऐसे बिहेव करने लगा जैसे में उसको पहचानने के लिए कह रहा हूँ।
अम्मी:- बोलो ना कोंन है अंजुम तुम हो ना बेटी
मैं फिर भी चुप रहा अम्मी को सायद अंदाजा नही था की मैं ऐसा कर सकता हूँ।
अम्मी:- अहह वक़ार बेटे तुम हो ना
मैं:- हहहहह अम्मी में ही हूँ और मैने अपने हाथ हटा लिए।
अम्मी थोड़ा पलटी ओर मुझे देखकर दोबारा काम करने लगी
मैं अभी भी पीछे खड़ा हुआ था
अम्मी:- तुमने तो डरा ही दिया था मुझे बेटे, बड़ी मस्ती सूझ रही है तुमको
में अब अम्मी के कंधों पर हाथ रख दिया और धीरे से अम्मी का सूट गांण्ड से साइड में कर दिया और खड़े लोडे के साथ अम्मी से पूरा चिपक गया। ओर बतियाने लगा....
इतना होते ही अम्मी की दबी हुई सिसकी निकल गयी सिहहह...अहह
मैं:- अम्मी आपने पहले क्या समझा कि कोंन कर सकता है ऐसा
ओर मेने अम्मी की सुडौल गांण्ड पर लोडा रगड़ दिया।
अहहह क्या अहसास था अपनी सगी अम्मी के मादक चूतड़ों का
जैसे कोई रुई के गुब्बारे हो।
लोडा रगड़ने से उन पर थिरकन आ रही थी।
अम्मी:- अहह बेटे में तो कोई और समझ रही थी, अम्मी असहज महसूस कर रही थी मेरे पास वक़्त बहुत कम था इसलिए मैंने एक बार फिर से लोडा चूतड़ों पर रगड़ दिया जिससे थोड़ा सा लोडा अम्मी के मांसल चूतड़ों की दरार में घुस गया।
मैं:- मेरा मन किया क्यों ना अम्मी से मस्ती की जाए इसलिए मैंने ऐसा किया अम्मी
अम्मी जो अब मेरे लोडे को खूब सही से महसूस कर चुकी थी बोलने लगी
अम्मी:- अहह सिहहह बेटे हटो अब बहुत हो गयी मस्ती चलो काम करने दो, तुम जाकर बाहर बैठो में लाती हूँ नास्ता
इतना सुनकर में बाहर आने लगा और बरामदे में बैठ गया।
मेरा लोडा बैठने का नाम नही ले रहा इसने आज उस जगह पर रगड़ा मारा था जहां मादकता की बहार बह रही थी, जहां रोमांच की गंगा बह रही थी, रह रह कर मुझे अम्मी जान के भरे हुए चूतड़ों की गर्मी अपने लन्ड पर महसूस हो रही थी।
मेरी उर्दू पढ़ी लिखी पर्दा पसन्द अम्मी आग का वो शोला थी जिसे बुझाना इतना आसान कतई नही था।