अपडेट 15
शाम को आँखे खुली तो हाथ मुँह धोकर अम्मी के साथ किचन में काम करवाने लगी अम्मी मोबाइल के बारे में पूछने लगी तो मैने बता दिया कि ले आये हैं अच्छा सा मोबाइल
शाम को डिनर के वक़्त सभी इकट्ठा बैठ कर खाना खाने लगे
अब्बू:- बेटी मोबाइल पसन्द का दिलाया है ना वक़ार ने
मैं:- हॉं अब्बू बहुत अच्छा मोबाइल है मुझे पसंद भी आया है
अब्बू:- अब तो खुश हो ना बेटी और कोई ख्वाईश हो तो बताओ
मैं:- नही अब्बू कुछ नही
अम्मी:- हाँ खुश तो होगी ही अब मोबाइल में घुसा रहे करेगी काम करने में चोरी करेगी, दिन भर बस मोबाइल मोबाइल और कुछ नही।
अब्बू:- क्यों मेरी बेटी को तंग करती हो तुम, एक ही तो बच्ची है जिससे मेरी सारी टेंशन दूर हो जाती है।
अम्मी:- हाँ आपने ही सर चढ़ा रखा है इसे देखना अब काम करेगी घर का या इसमें ही लगी रहेगी।
इन्ही बातों के बीच हम सबने खाना खाया और बर्तन वगेरह समेट कर मैं अपने कमरे में आ गयी।
कमरे में आकर में फ़ोन चलाने लगी और यूट्यूब पर बयान सुनने लगी, बयान करने वाला तमाम गुनाहों के बारे में बता रहे थे। और मैं बड़ी गोर से उसकी बातें सुन रही थी। मुझे अफसोस भी हो रहा था कि मैं गुनाहों की दुनियां में बहुत आगे निकल चुकी थी।
मेरा जिस्म इन गुनाहों का आदि हो गया था, अफसोस तो बहुत था पर अब कुछ किया जाता वो समय निकल गया था।
तभी किसी का व्हाट्सअप मेसेज आया, मैं चोंक गईई की किसका हो सकता है मेरा तो नंबर भी नया है मेने व्हाट्सएप्प चेक किया तो भाई का मैसेज आया हुआ था।
【चैट में कुछ इमोजी भी होंगी तो रिलेट कर लेना】
भाई:- क्या कर रही हो बाजी ?
मैं:- कुछ नही मोबाइल चला रही हूं बताओ क्या काम है ?
भाई:- बाजी काम तो कुछ नही है बस आपकी याद आ रही हैं।
मैं:- मैं खूब समझती हूं क्यों याद आ रही है दिन में चैन नही मिला क्या, जो अभी भी बेचैन हो।
भाई:- बेचैनी भी तो आपकी वजह से है, जब इतनी गर्म गर्म हरकते करोगी तो बेचैन तो होना ही है
मैं:- मेने क्या कर दिया ऐसा भाई जान
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भाई;- बाजी तुम्हारे मीठे थूक ओर नाक में जीभ डालने वाली हरकत अभी भी याद आ रही है। अहहहहहह बाजी
मैं:- छीईईई....गंदे इंसान वो तो जोश में पता ही नही चला कैसे हो गया मुझसे
भाई:- जो भी हो मुझे तो बहुत अच्छा लगा बाजी
मैं:- तुम्हे गंदा नही लगा जब मैने तुम्हे थूक पिलाया ओर तुम्हारी नाक में जीभ डाली
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भाई;- अहह बाजी मुझे तुम्हारी कोई भी चीज गन्दी नही लग सकती, क्या नशा है आपके जिस्म में, जैसे कोई पुरानी शराब
मैं:- भाई मुझे गलत मत समझना मेने जोश जोश में कर दिया ताकि तुम्हारा पानी निकल जाए, बाकी कोई इरादा नही था
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भाई;- नही बाजी आप मेरी गर्म बाजी हो मैं बुरा नही समझूंगा
मैं:- कमीने मैं गर्म नही हूँ वो तो सब बेख्याली में बोल दिया था
भाई:- बाजी बोलने की बात नही है आपकी गांण्ड के छेद पर जब मेरा लन्ड टच हुआ तो मुझे ऐसे लगा जैसे आपकी गांण्ड से आग निकल रही हो अहहहद
मैं:- गन्दे इंसान ऐसे वर्ड्स मत बोलो, कुछ भी हो मैं गर्म नही हूँ बस, तुम अपनी बकवास बन्द करो।
भाई:- मैं तो बोलूंगा की मेरी बाजी गर्म है उसकी गांण्ड में भट्टी जल रही है जिसे बुझाना पड़ेगा बहुत सारे पानी से
मैं:- कुत्ते मुझे नही बुझवाना कुछ भी, ओर तुम मुझसे ऐसे बात मत करो समझे। में तुम्हारी तालीम याफ्ता बाजी हूँ
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भाई:- बाजी अपनी कोई सेक्सी पिक्चर भेजो ना, मुझे हिलाना है अपना औजार
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मैं:- चुप खबीस इंसान, क्या हिलाना है तुम्हे ?
मुझे भी अब मजा आ रहा था ऐसी बातों से, जिस्म में मीठा मीठा मजा तैर रहा था की सगे भाई बहन ऐसी बातें कर रहे हैं
भाई:- अपनी बाजी की सेक्सी पिक्चर देख के अपना 9 इंच का लौड़ा हिलाना है मेरी मासूम सी गर्म बाजी अहहहहहहह
मैं:- अपने आप ही हिला लो, मेरे पास कोई पिक्चर नही है।
ओर इन फालतू के कामों के लिए तो बिल्कुल भी नही
भाई:- पिक्चर नही है तो खींच कर दे दो, अपनी कुँवारी गांण्ड की, उससे देख देख कर ही पानी गिराऊंगा।
मैं:- कमीने दिन में भी तूने मेरी उसमे बहुत पानी छोड़ दिया था, तब भी मन नही भरा तेरा
भाई:- किसमे भर दिया था खुल के बोलो ना गर्म बाजी प्लीज
मैं:- मैं नही बता रही चल गन्दे इंसान, मुझे भी गन्दा बंनाने पे तुले हुए हो।
भाई:- प्लीज बताओ ने बाजी किसमे भर दिया था।
भाई इतना जोर दे रहे थे तो मैने भी बताना ठीक समझा
मैं:- हरामजादे नही मानेगा तो सुन, तूने अपनी बड़ी बहन अंजुम की कुँवारी गर्म गांण्ड में अपना लुल्ला भिड़ा कर उसमें अपना बहुत सारा गर्म गर्म माल छोड़ दिया था जिससे मेरी गांण्ड फूल भर गई थी। ओर जब हगने बैठी तो बड़ी मुश्किल से निकाला था
तुम्हारा गर्म गर्म माल, तुम निकलता देखते तो पागल हो जाते
अब खुश या ओर कुछ भी सुनना है बेगैरत इंसान।
भाई:- आहहहहहहहहह बाजी जब गर्म गांण्ड लेके घूमोगी तो भाई का लोडा तो पानी गिरायेगा ही ना
मैं:- बाजी की गर्म गांण्ड की गलती नही है, अपना हलब्बी लुल्ला दिखा दिखा कर गर्म कर देते हो, अब कोई जवान लड़की बहकेगी नही तो क्या होगा, वही मेरे साथ हुआ।
भाई:- मेरा लुल्ला कैसा लगा लगता है आपको बाजी, है ना मोटा ताजा कहीं कम तो नही पड़ेगा
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मैं:- चुप बेगैरत, अब सोजा रात बहुत हो गयी है।
भाई:- गुड़ नाईट मेरी गर्म चुत की वाली बाजी हाहहहहहहहह
मैं:- गुड़ नाईट गन्दे, बेगैरत, बेशर्म इंसान
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भाई से चैट करके मेने फ़ोन रखा और लेटकर आज की मजेदार घटनाओं के बारे में सोचती हुई कब सो गई नही पता
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वाकर भाई की जुबानी:-
सुबह मेरी आँखें टाइम से पहले खुली लेकिन में बिस्तरों में पड़ा रहा मैं चाहता था के बाजी आये और ओर उससे कुछ मस्ती करने को मिले, कल बाथरूम में जो घटना हुई उससे मुझे बाजी के लिये पागलपन बढ़ गया था। मैं बाजी को अब जल्द से जल्द अपना बनाना चाहता था। उसे लन्ड का मजा देना चाहता था
उसके लिए मेने अपने लोडे को ओर मजबूत और बड़ा करने के लिए ऑनलाइन दवाई सर्च करने लगा। मैं चाहता था कि जब भी ऊपर वाला मुझपे मेहरबान हो और बाजी की चुदाई करने का मौका मिले तो मैं बाजी को पूरी सन्तुष्टि देना चाहता था जिससे उसे मलाल ना रहे कि उसने मुझसे चुदकर कोई गलती नही की है और वैसे भी उसके गदराए हुए जिस्म को ठंडा करने के लिए बड़े लोडे की जरूरत पड़ने वाली थी। वैसे तो मेरा लन्ड काफी बड़ा था पर मुझे इसे ओर बड़ा करना था।
मेने स्टैमिना ओर लिंग बढ़ाने वाली दवाई बुक की ओर डिलीवरी डेट कल दिखा रहे थे। आर्डर करके मेने अपने कच्छे में हाथ डालकर लोडे को बाहर निकाला और मुठियाते हुए उससे बात करने लगा।
मेरे दोस्त बहुत जल्द तुम्हे एक बिल मिलने वाला है तैयारी करलो उस बिल को अच्छे से ठोकने के लिए, तुझे ऐसी कच्ची हरि भरी गदराई हुई चुत मिलने वाली है कि तुम दुवाएँ दोगे मुझे।
बस मेरी बेइज़्ज़ती मत करा देना उसकी चुत की सारी गर्मी निकालकर ही बाहर आना है। मेरी बाजी की चुत की दीवारों पर ऐसी रगड़ देना की उसकी चुत तुम्हारे लिए बेचैन रहने लगे समझे
तभी मेरे लोडे ने एक झटका मारा जैसे कहना चाहता हो कि मालिक ये काम तुम मुझपर छोड़ दो, ये मसला मेरा ओर आपकी बाजी का है तुम्हे रत्ती भर शिकायत का मौका नही मिलेगा।
तभी मुझे सीढ़ियों से किसी के आने की आहट आने लगी मैं समझ गया कि बाजी ही होगी क्योंकि अम्मी कम ही आती थी ऊपर, तो मैने चादर फेंक दी और कच्छा भी निकाल दिया और सीधा पीठ के बल लेट गया। मेने रुमाल अपने मुँह पर रख लिया जिससे मुझे बाजी का रिएक्शन पता चल सके, बाजी ने दरवाजा खोला और अंदर आ गयी।
मेरी आँखें बंद थी तभी बाजी मेरे सिरहाने बैठ गयी और मेरे मुँह की तरफ देखने लगी, उसने मुझे सोता देख कुछ देर बैठी रही ना बात कि ना मुझे जगाया ओर मेरे लोडे को निहारने लगी।
लोडे को निहारती हुई उसकी आँखों मे नशा उतर रहा था तभी वो अपना मुँह मेरे लोडे की टिप के पास ले आई और मेरी तरफ देखते हुए जोर जोर से सांसे लेने लगी।
बाजी समझ रही थी के मैं सो रहा हूँ तो उसने मुझे आवाज भी दी पर मैं जगा नही। 2-3 आवाज देने पर जब मैने आंखे नही खोली तो उसने मेरे लोडे के टोपे पर अपनी साफ सुथरी जीभ से चाट लिया और लगातार चाटती रही, मैं अपनी सिसकियों को कंट्रोल करने लगा जो समय बड़ा मुश्किल काम था
बाजी के इस तरह चाटने से मेरी घुटी हुई सिसकी निकल गयी अहहहहहह क्या सीन था एक पढी लिखी नेक परहेजगार लड़की अपने भाई का टोपा चाट रही थी, बाजी की आंखे नशे में लाल हो गयी थी। बाजी पूरी ईमानदारी के साथ मेरे लोडे की टिप पर अपनी साफ आलिमा जीभ से चाट रही थी, कभी लोडे की चारो तरफ जीभ घुमाती कभी नुकीली जीभ करके लोडे के छेद में घुसा देती कुछ देर चाटने के बाद बाजी ने मेरी आँखों से रुमाल हटाया तो मैने उसे तुंरत अपनी बाहों में जकड़ लिया और बेड पर लेटा दिया। बाजी इस हमले से घबरा गई और
बाजी:- अहहहहहहह भाई क्या कर रहे हो तुम
मैं:- कुछ नही बाजी बस थोड़ी देर आपके साथ लेटना चाहता हूं मेरीईई बाजी। ओर बाजी को अपने से चिपका लिया, बाजी के बूब्स मेरे सीने में धंसे हुए थे और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी।
बाजी:- भाई क्या बत्तमीजी है ये, छोड़ो मुझे बेगैरत इंसान
मैं:- अहहहहहहह बाजी प्लीज 2-4 मिनट के लिए मुझसे चिपकी रहो मैं अहसास करना चाहता हूं आपकी खुसबू को, आपकी मदहोश बदन को अहहहहहह बाजी आप लाजवाब हो, आप के हर एक अंग में मादकता का रस भरा हुआ है बाजीईईई
बाजी:- अहह भाई छोड़ दो मैं तो नाश्ते के लिए बुलाने आई थी मुझे क्या पता तुम पहले ही गर्म हुए पड़े हो अहहहहहहह मेरी चूची में दर्द हो रहा है
मेने बाजी को कसके चिपका रखा था जिससे उसकी मोटी मोटी चुचिया मेरे सीने से रगड़ कर उसे दर्द दे रही थी।
मैं;- अहहहह बाजी गर्म तो आपने कर रखा है मुझे अपने सेक्सी गर्म जिस्म से, बाजी आपने मेरे अंदर आग लगाई हुई है इस गदराए हुए जिस्म से
मैंने बाजी के मोटे मोटे गालों को चूमने चाटने लगा, गालों में भरे रस को चाटने लगा और बाजी के एक पैर को अपने ऊपर रख दिया और उसकी गांण्ड पर हाथ फेरने लगा।
बाजी:- क्या कर रहे हो वक़ार नीचे चलो अम्मी अब्बा वैट कर रहे होंगे, तुम्हे मस्ती सूझी हुई है हाथ हटाओ अपना वहां से अहहहह
मैं:- बाजी किस से हाथ हटाऊँ बताओ पहले मुझे
बाजी:- जहां रखा हुआ है तुमने कमीने ओर कहाँ से
मैं:- बाजी उसका नाम बताओ फिर जल्दी ही फ्री होकर नीचे चल देंगे मेरीईई गर्म बाजी
बाजी:- मेरी कमर से यहहहहहह ऊपर वाले रहम
मैं:- कमर नही उसका असली देसी नाम बताओ मेरी बाजीईईई
बाजी:- यहहहहहहह कमीने मेरी गांण्ड से अपना हाथ हटाओ
मैंने फिर सलवार के ऊपर से बाजी के मोटे चूतड़ों को फैलाया ओर उसके छेद पर उंगली फेरने लगा यहहहहहह कितना उत्तेजित लम्हा था मेरे लिए, बाजी की गांण्ड का छेद तप रहा था जैसे आग फेंक रहा हो, मेने उंगली को थोड़ा पुश किया तो उंगली आगे नही बढ़ पाई पर उसके गर्म छेद पर दस्तक जरूर दे दी
बाजी:- अहहहहहह भाई क्या करोगे आज हटाओ ना अपना हाथ
मैं:- बाजी इसे क्या बोलते है, जो मैं पुछु जल्दी जल्दी बताओ तभी हम नीचे जा सकते है वर्ना ऐसे ही पकड़े रहूँगा आपको
बाजी:- उसे छेद बोलते है भाईईई
मैं:-किसका छेद ओर कैसा छेद जल्दी बताओ बाजीईईई
बाजी:- मेरी गांण्ड का छेद है
मैं:- ये इतना भभक क्यो रहा है क्या आपकी गांण्ड में भट्टी जल रही है बाजीईईई ?
बाजी:- मुझे नही पता कुत्ते सबकी ऐसी ही होती होगी
मैं:- सबका का तो पता नही पर मेरी गर्म बाजीईईई की गांण्ड में आग लगी हुई है देखो कैसे गर्म भाँप फेंक रही है अहहहहहह
बाजी:- कमीने उंगली निकालो वहां से, उंगली मत डाल देना अंदर मेरी सलवार गन्दी हो जाएगी यहहहहह अम्मी मेरी गांण्ड
मैं:- किससे गन्दी हो जाएगी आपकी सलवार बताओ मुझे बाजीईईई आपका छेद यहहहहहह
बाजी:- मेने टट्टी भी नही की है अगर तुमने उंगली घुसाई तो सलवार गन्दी हो जाएगी अहहहहहहहह ऊपर वाले कहाँ फंस गई
मैं:- अहहहहहहह बाजी गर्म कर दिया ये बात बोल कर मेरी जान ओर मेने बाजी के गालों को जोर जोर से मुँह में भरकर चूसने लगा, ओर उसकी गांण्ड में अधूरी कोशिस से उंगली घुसाने लगा
बाजी जल्दी अपनी चूची निकालो बाहर मुझे पीनी है
बाजी:- अहहहह कमीने अम्मी अब्बू का ख्याल कर वो नीचे इंतजार कर रहे होंगे, कहीं अम्मी आ गयी तो ढंग से इलाज हो जाएगा तेरा गन्दे इंसान
मैं:- जल्दी करो ना फिर आपकी भलाई के लिए कह रहा हूँ मुझे अपनी चूची पिलाओ
तभी बाजी ने मजबूरी में नाक चढ़ाते हुए अपने सूट को ऊपर किया और फिर ब्रा को भी ऊपर करके आंखे बंद कर ली।
बाजी की गोल मटोल मोटी मोटी चुचियाँ उसके भाई के सामने आ गयी।
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मैं:- बाजी अपने हाथों से पकड़कर पिलाओ जैसे माँ अपने बच्चों को दुध पिलाती है। नीचे मेरी उंगली गांण्ड के छेद को मुसलसल कुरेद रही थी।
बाजी:- अहहहद कमीने अब पी ले जल्दी अब क्या सब काम मुझसे ही कराएगा, इतने में भी सब्र नही क्या आह्हहहहहह
मैं:- नही अपने हाथों से अपनी चूची मेरे मुँह में डालो ओर बोलो की वक़ार भाई जान अपनी बाजी की गर्म गर्म चुचियों से नास्ता करो, इनका रस चुसो इनको काटो इनको मसल दो।
बाजी:- अहह तू मरवायगा आज, लो मुँह खोलो अपना ओर मेरी चूची का रस पीलो बहुत टेस्टी चुचियाँ है मेरी मजा आ जायेगा तुम्हे ओर बाजी शर्म से आंखे बंद करके मुस्कुरा पड़ी।
इन्ही गर्म गर्म बातों से मेरा लोडा फटने की हालत में आ गया था, मैं जब भी बाजी से गन्दी बातें बुलवाता तो वो मसाला लगा कर बताती जिससे मेरा हाल बेहाल हो जाता
क्या नाजरा था पाकिस्तानी नेक परहेजगार घर मे एक उर्दू पढ़ी लिखी बहन जो कुछ दिनों में एक स्कोलर बनने वाली थी वो अपनी गर्म गर्म चुचियों का दूध अपने भूखे भाई का पिला कर नास्ता करा रही थी अहहहह कुर्बान जाऊं इस लम्हे पर यहहह
मैं:- बाजी में जब आपकी चुचियाँ पीऊं तो आप मेरा सर सहलाना ओर बोलती रहना की मेरे भाई पियो इनको, निचोड़ दो अपनी बाजी की मोटि चुचियों को।
बाजी:- आज ही करा लो सब काम, अम्मी अब्बू का बिल्कुल डर नही है ना तुम्हे बेशर्म
मैं:- जिसके पास आप जैसी गदराई हुई गर्म सेक्सी बाजी हो बन्दा दुनियां से लड़ जाए मेरिई गर्म गांण्ड वाली बाजीईईई
मैं अब चूची चुसूंगा आप बोलना ठीक ह, अगर नही बोला तो आपको ही लेट होगा देख लेना
ओर मैं चुचिया पीने लगा कभी निप्पल पर जीभ घुमाता कभी पूरा चुंचा मुँह में भरकर चूसता मेरी उंगली नीचे बाजी को गर्म कर रही थी और ऊपर मेरा मुँह चुचे से भरा था
कुछ देर की चुसाई से बाजी गर्म हो गयी और सिसकते हुए
बेड पर बैठ गयी और मेरे सर पर अपनी चिचियों से लगा दिया जैसे माएँ बच्चों को दूध पिलाती है और बाजी चुचियाँ पिलाते हुए मेरा लोडा हिलाने लगी
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आप ही बताओ इससे अच्छा बन्दे को क्या चाहिए, मैं कितना खुशकिस्मत था जो अपनी बहन की चुचियाँ नास्ते में पी रहा था और लोडा भी मुठिया रहा था वो भी बाजी के हाथों।
बाजी:- अब तो खुश है ना मेरे भाईईई देखो तुम्हारी बाजी क्या क्या कर रही है तेरी खुशी के लिए, पागल में तुम्हे इतना चाहती हूं कि बता नही सकती पर तुम समय देखा करो, किसी दिन मरवा दोगे मुझे भी ओर अपने आपको भी।
अब अच्छे से पियो मेरी चुचियाँ तुम्हे पसन्द है ना मेरी मोटी ताजी चुचियाँ भाईईई जान
मैंने मुँह हटा कर हाँ बाजी बहुत पसंद है, मैं आपकी अब ओर भी ज्यादा इज्जत मोहब्बत करने लगा हूँ और दोबारा से चुचियों को पीने लगा। कभी निप्पल को चूसता कभी चूची के मांस पर काट लेता धीरे से। बाजी मेरा सर सहला कर मुझे दूध पिला रही थी।
बाजी:- भाईई तुम्हारा लोडा इतना जल्दी पानी तो नही छोड़ेगा तो तुम जल्दी से पी कर नीचे चलो।
मैं:- यहहहहहह बाजी i love you
बाजी:- i love you 2 मेरे भाईईई जान
मेने बाजी के एक चूची को पकड़कर बाजी के मुँह की तरह किया और इशारों से पीने को बोला
बाजी:- आह्दहह क्या करवाना चाहते हो बेशर्म अब
मैं:- अहहहहहहह बाजी आप अपनी चूची पी कर देखो केस टेस्ट आता है अहहहहहहह। मैंने चूची को बाजी के मुँह में घुसा दिया
बाजी बस अपने निपल्स को ही जीभ से पी रही थी ऐसा करने से मेरा लोडा फटने की हालत में आ गया।
मैं सपने में भी नही सोच सकता कि बाजी इस तरह से पेश आएगी। मुझे कोई शक नही रहा कि मेरी बड़ी बाजी मुझे निस्वार्थ, निश्छल भाव से मोहब्बत करती है, मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि मैं अपनी बाजी की मोहब्बत पर दाग ना आने दु।
इसलिए मैंने समय की गनीमत को समझते हुए बाजी की चूची को छोड़ा और कहा कि बाजी रहने दो अब नीचे चलते हैं कहीं अम्मी ही ऊपर ना आ जाय, मैं नही चाहता कि आप ओर मैं किसी मुश्किल में फंसे।
बाजी:- ओह्हहहहहह मेरे भाईई इतनी फिक्र करते हो मेरी, मेरा लाडला भाई नही चाहता कि मैं बदनाम हो जाऊं, इतना कहते ही बाजी ने मुझे स्मूच वाला किश किया और अपने कपड़े सही करने लगी। मेने भी अपने कपड़े पहने ओर बाजी के साथ नास्ता करने नीचे चला गया। नास्ता करके अब्बू चले गए और मैं भी अपने कमरे में आ गया।
कमरे में आकर में पढ़ने बैठ गया, बाजी की वजह से मैं पढ़ नही पा रहा था कुछ दिनों से इसलिये आज मन लगाकर पढ़ाई करने बैठ गया। 2-3 घण्टा पढ़ने के बाद मुझे प्यास लगी तो मैं नीचे चला गया पानी पीने, नीचे पहुंच कर देखा तो अम्मी बरामदे में रखे सोफे को साफ कर रही थी, अचानक मेरी निगाहें अम्मी की गांण्ड पर गयी जो झुक कर सोफा साफ कर रही थी।
कितनी मोटी ओर गदराई हुई गांण्ड थी अम्मी की जैसे 2 बड़े बड़े तरबूज लटका रखे हो कुछ इस तरह
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हमारी सोसाइटी की ख्वातीनों की गांण्ड चौड़ी मोटी रहती है पर वो गांण्ड चुदाई को हराम मानती थी जिससे निकाह टूट जाता है जैसा मैंने सुना था।
हमारी ख़्वातीनों की एक ही चीज उन्हें अलग बनाती है कि उनकी गांण्ड बहुत चौड़ी फैली होती है जिससे उन्हें चोदने को बड़ा दिल करता है, पर हमारे अब्बू ठहरे भोले भाले मानस उन्हें क्या पता कि उसके हक़ में क्या चीज है जिसे वो सायद मिस करते होंगे।
मेरी वालिदा अम्मी झुकी हुई इतनी सेक्सी लग रही थी के अभी जाकर उसकी सलवार निकाल दु ओर अपना समूचा लोडा जड़ तक उसकी गांण्ड में गाड़ दु भले ही मेरा लोडा उसकी गांण्ड की हगवास से सन जाए पर अहसास तो हो जाता कि कैसा मजा है हमारी ख़्वातीनों की गदराई गांण्ड का।
इतने में मेरे लोडे ने अम्मी पर बगावत कर दी वो तुनक कर खड़ा हो गया,
अभी भी अम्मी अपने काम मे लगी हुई थी उसे नही पता था उसका 23 साल का गबरू जवान बेटा उसकी गांण्ड को घूर रहा है। अम्मी बेचारी को क्या पता कि आजकल के लौंडो को हथियार अपनी अम्मियों की गांण्ड चुत को महसूस करके कितना तड़पता है, अम्मी ठहरी बेचारी पुराने ख्यालो वाली, इन्हें इन चीजों से कभी मतलब भी नही पड़ा होगा। दिन भर उर्दू किताबे पढ़ना ओर ऊपर वाले को राजी करना यही उसकी जिंदगी थी।
बहरहाल मेने अच्छे से गांण्ड को इमेजिन करके किचन में घुस गया और पानी पीने लगा, अम्मी की कामुक गांण्ड से मेरा गला कुछ ज्यादा ही खुश्क हो गया तो मैने एक गिलास ज्यादा पानी पिया ओर किचन से निकलकर अम्मी से हेल्प करवाने के लिए बोला
अम्मी;- नही बेटा में कर लुंगी तुम जाकर आराम से पढ़ाई करो
मैं:- मन मे अहहहहहहह अम्मी पढ़ाई करने दो तब ना कभी तुम्हारी बेटी गर्म कर देती है कभी तुम, भला बन्दा ऐसी सेक्सी चीजों से हटकर ध्यान कैसे लगाय। अम्मी की विशालकाय चुचियाँ कमीज में घुटी हुई थी जैसे कह रही हो सुमैय्या हम पर जुल्म मत करो किसी को मौका दो हमे मसलने का, मरोड़ने का, चूसने का
तुम्हारे शौहर भी पता नही क्यों हाथ नही लगाता हमे, बस आये और 2-3 टल्ले मारे ओर सो गए। तुम जैसी परहेजगार खातून को तो घण्टे घण्टे चोदे जिससे तुम्हारी चुदाई से हमे भी कोई मसले
इन्ही गन्दी सोच के साथ मे चल दिया और बीच सीढ़ियों पर पहुंच एक बार फिर अम्मी पर निगाहे डाली जो कुतिया की तरह सोफे के नीचे से कचरा निकालने लगी। अहहहहहहह अम्मी क्यों अपनी गांण्ड फटवाना चाहती हो मेरे लोले से, इतनी भी समझ नही है क्या की अभी तेरा बेटा देख सकता है। नही तुमने तो बस सारी दुनिया अपनी तरह समझी है कि कोई गन्दी सोच नही रखता होगा अम्मियों पर।
पर अम्मी आपको बता दु ऐसे ही झुक झुक कर तुम हम जैसे सांडों को उकसाती हो और फिर हम अपनी पर आ जाये तो बेड पर रहम की भीख मांगती हुई बेड पर ही मुत देती हो।
मन ही मन मे बात करके में परेशान हाल कमरे में पहुंचा और थोड़ी देर लेट गया जिससे मुझे आराम मिल सके। वरना इन दोनों माँ बेटी ने तो मेरे लोडे लगा रखे हैं।
मैं कमरे में पहुंच गया और बेड पर लेटकर पुरसुकून होने लगा।
थोड़ी देर आराम करके मैं पढ़ने बैठ गया।
शाम को डिनर के टाइम मैं नीचे गया तो सबके साथ खाना खाया और ऊपर आ गया।
कुछ देर पढ़ाई की इतने में 10:20 pm बज गए।
में बोर फील कर रहा था तो मेने बाजी को व्हाट्सएप्प कर दिया,
मैं:- सलाम बाजी
बाजी:- सलाम भाई जान
मैं:- क्या कर रही हो बाजी सोई नही अभी तक ?
बाजी:- भाई बस सोने की तैयारी कर रही हूं तुम बताओ कैसे याद किया इस समय
मैं:- बाजी मुझे भी बेचैनी सी फील हो रही है आ जाओ कुछ देर बातें करेंगे मेरे कमरे में
बाजी:- इस समय नही आ सकती जो बात करनी है मेसेज से कर लो तुम।
मैं:- बाजी सारी बातें मेसेज से नही होती मुझे आपको देखने का मन कर रहा है
बाजी:- अच्छा जी, जनाब को अब मुझे देखकर मन लगाना है, मैं नही आऊंगी तुम बहुत बदमाशी करते हो।
मैं:- नही बाजी कुछ नही करूँगा बस बातें करंगे ओर कुछ नही, आप 10-15 मिनट में वापिस चले जाना।
बाजी:- भाई ये भी कोई टाइम है सो जाओ कल बात करते हैं
मैं:- कोई बात नही भाई परेशान है वो आपको कोई फिक्र नही है गुड़ नाईट सो जाओ आप
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मेने फ़ोन रख दिया और लेटकर सोने की तैयारी करने लगा।
अभी कुछ ही देर हुई थी के बाजी ने आराम से दरवाजा बजाया ओर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो सामने अपनी हूर की परी, मेरी जान, मेरी बाजी खड़ी थी जो इस तरह दिख रही थी
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मेने बाजी को अंदर आने को कहा और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया, बाजी पीछे से उठी हुई सलवार गांण्ड में बहुत सेक्सी लग रही थी मुझसे रहा नही गया और मैने अपनी बाजी को बाहों में उठा लिया
बाजी:- अहहहहहहह क्या कर रहे हो भाई, मैं गिर जाऊंगी उतारो मुझे भाई जान
मैं:- बाजी आपको नही गिरने दूंगा, मैं आपको इसी तरह घण्टो उठा सकता हूँ। मेरा मन कर रहा है कि मैं अपनी बाजी को खुद उठा कर बेड पर बेठाऊ।
बाजी:- आये देर नही हुई और तुम्हारी बदमाशी चालू हो गयी अहहहहहहह उतारो मुझे बेशर्म
मेने बाजी को बेड पर बैठा दिया और एक ग्लास पानी लेकर बाजी को ऑफर किया, ये लो बाजी पानी पियो।
बाजी:- ओहहहहहह हो जनाब की तबियत भी ठीक है, जो इतनी सेवा कर रहे हो।
मैं:- बाजी सेवा करने से ही सेवा का फल मिलता है इसलिए इंसान को सेवा करती रहनी चाहिए। आप पानी पियो फिर बात करेंगे इकट्ठा। बाजी मेरी बात अच्छी तरह समझ गयी थी
बाजी ने पानी पिया ओर मेने गिलास रखा और बेड पर बैठ गया बाजी के एक साइड पर
बाजी:- बताओ कैसे बेचेंन हो तुम, तुम्हारी बेचैनी की वजह से आ गयी वरना कोई टाइम है अपने कमरे में बुलाने का ?
मैं:- बाजी तुम्हे देखने को दिल कर रहा था इसलिए बुला लिया
बाजी:- अब देख लिया ना तो में चलू
मैं:- अभी जी भर के भी नही देखा और आप जाने की कह रही हो बाजी, बैठो आराम से रिलेक्स हो जाओ थोड़ा
ओर मैं दुप्पटा के ऊपर से बाजी के मम्मों को ताड़ने लगा जिसे बाजी भी नोट कर रही थी। बाजी का दुप्पटा गले से होकर पीछे पीठ पर था।
बाजी के मम्मे हक़ीक़त में पेरफेस्ट ओर गदराए हुए थे एकदम मोटे ताजे, जिन्हें दिन रात चुसा जा सके। मुझे मम्मे ताड़ते हुए
बाजी ने अपना दुप्पटा सही किया और शर्मीली मुस्कान के साथ
बाजी:- कहाँ निगाहे है आपकी, बाज आ जाओ वरना पिट जाना है मेरे हाथों से
मैं:- बाजी इन्हें देखने से क्या है सुबह जी भरके तो पिया है इन्हें ओर हँसने लगा
बाजी मुझे हंसता देखकर मुझे पीटने के लिए उठी और मेरे मुक्का मारने लगी तो मैने बाजी को पकड़ कर लेटा दिया और खुद भी उससे चिपक कर लेट गया।
बाजी अपने आपको छुड़ाने लगी तो मैने उसे पकड़े रखा
बाजी:- छोड़ो मुझे जाने दो, तुम तो बेशर्मी दिखा रहे हो मैने इमोशनल वार किया और बोला
मैं:- बाजी एक आप ही तो हो जिससे मेरा मन लग जाता है वरना दिन भर पढ़ते पढ़ते में बोर हो जाता हूँ। आप भी मुझे मुँह नही लगाती ओर मेने बाजी को छोड़ दिया और रुआंसा मुँह बना लिया
बाजी:- ओह्ह भाईई तुम गलत हरकत करते हो, इसलिये तुम्हे मुँह नही लगाती। देखो तुम्हारे लिये ही ऊपर आई हूं अब मूड ठीक करो अपना भाई
मैं:- एक शर्त पर अगर आप मेरे साथ थोड़ी देर लेटकर बात करो तो ही मैंरा मूड ठीक होगा।
बाजी:- लेटना जरूरी है क्या वैसे ही बात करो ना भाई
मैं:- नही बाजी मुझे महसूस करना है जिससे हम प्यार करते हैं उसके साथ लेटकर बाते करना कैसा लगता है
बाजी:- अच्छा आशिकी के गुण सिख गए हो तुम
मैं:- सीखने की कोशिश कर रहा हूँ, आप पर ही सीखना है क्योंकि मेरी मोहब्बत तो आप ही हो ना
बाजी:- अच्छा जी, चलो लेट जाती हूँ पर तुम अम्मी अब्बू को देखकर आओ कहीं जाग तो नही रहे या कमरे से बाहर हो
मैं उठ कर नीचे गया और अब्बू के रूम की लाइट बन्द दी और डिम लाइट कस बल्ब जल रहा था तो मैं ऊपर आ गया।
ऊपर बाजी चादर ओढ़ कर लेती हुई थी
मैं:- बाजी रूम भी बंद है और लाइट भी सायद सोने लगे हो
ओर मै भी बराबर में लेट गया और चादर डाल ली।
में:- बाजी मेरी तरफ मुँह करो ना अपना एक करवट लेट जाओ
फिर हम दोनों एक करवट लेट गए अब एक दूसरे की आंखों में देखने लगे। मैंने मोहब्बत भरी नजरों से बाजी को देखा और उसके माथे को चूम लिया
मैं:- बाजी आप बहुत खूबसूरत हो, बहुत प्यारी हो
बाजी ने इतना सुनते ही मुझे चिपका लिया और उसका सीना मेरे सीने से चिपक गया
बाजी:- भाई जान आप भी बहुत प्यारे हो, इस तरह ही रहना कभी बीवी आने पर बदल जाओ। मैं ओर अम्मी की जान बस्ती है तुझमे। मेरा एक ही भाई अगर बीवी के पल्लू बंध जाएगा तो हमे बहुत हर्ट होगा भाई जान
मैं:- मेरा प्यार हमेशा ऐसा ही रहेगा चाहे कुछ भी हो जाय बाजी
ओर मेने बाजी के एक पैर को अपने ऊपर रख दिया
अब हमारा जिस्म पूरा चिपका हुआ था। मुँह चादर से बाहर था बाकी चादर के अंदर
मैं बाजी की आंखों में देख रहा था और बाजी मेरी आँखों में जैसे एक दूसरे के प्यार को समझ रहे हो।
कुछ देर एक दूसरे की आंखों में झांका फिर बाजी शर्मा गईई और आंखे बंद कर ली।
मैंने बाजी के सुर्ख मोटे होठों को चूमा ओर उसकी तरफ देखने लगा।
बाजी ने आंखे खोली ओर मुझे तरसता हुआ देख कर मेरे होंठ पर अपने तपते हुए मुलायम होंठ रख दिये।
अहहहहहह मैं एक जवान हसीन बहन के होंठ चूसता रहा और अपनी जीभ बाजी के खुशबूदार मुँह में घुसा दी। जिसका बाजी ने इस्तकबाल किया और मेरी जीभ चूसने लगी।
बाजी मेरी जीभ को पूरा खींचने की कोशिश कर रही थी। उसे बहुत मजा आ रहा था अपने भाई की जीभ चूसते हुए।
थोड़ी देर मेरी जीभ चूसने के बाद बाजी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी जिसे में तल्लीनता से चूसता रहा। बाजी का थूक ओर लार मेरे मुँह में जमा हो रहा था जो शहद से भी ज्यादा मीठा था
बाजी दिन में 5 बार बदन साफ करती थी तो पूरा बदन ही खुसबूदार था बाजी का, कहीं भी मेल या कालापन दूर दूर तक नही था, एक हसीन ओर बेदाग जिस्म वाली मेरी बाजी लाखो में एक हसीना थी।
काफी देर एक दूसरे का थूक लार पिया ओर सांसे दुरुस्त करने लगे।
बाजी:- बेशर्म मेरी जीभ को खा जाते, क्या स्वाद मिल रहा है तुझे मेरी जीभ से
मैं:- बाजी आपकी हर चीज नशीली है, कुछ भी गन्दा नही हो सकता आपके जिस्म का।
ओर मेने बाजी के चूतड़ों पर हाथ रख दिया जिससे बाजी चोंक गईई पर कुछ ना कहा। मैंने इसे बाजी की अनुमति मान कर पूरी गांण्ड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। क्या चौड़े चौड़े पट थे बाजी की गांण्ड के, एक दम कसे हुए ना कही ढीलापन ना कहीं से बेडौल। बिल्कुल परफेक्ट मोटी ताजी गांण्ड। मुझे पता है मैं किस मजे की दुनियां में था। ऊपर वाले का शुक्र अदा कर रहा था कि उसने मुझे इस लज्जतदार चीज को छूने रगड़ने का मौका दिया है। हमारी सोसाइटी की ओरातों की खास बात ये हैं कि इनको कोई ढंग से इस्तेमाल करे तो इनका रंग रूप और ज्यादा निखर कर आता है। जिसकी मैं छोटी सी कोशिस कर रहा था बाजी के साथ।
बाजी के चूतड़ों को बारी बारी मसलता, कभी मुट्ठी भरके दबोच लेता तो बाजी की सिसकी निकल जाती। बाजी आंखे बंद करके अपने भाई की गर्म हरकतों का मजा ले रही थी।
मेने बाजी के चूतड़ों को अलग किया जो मुश्किल काम था
तो मैने बाजी की तरफ देखा और बोला
बाजी:- अपने एक हाथ से एक चूतड़ अलग करो ना, एक से में कर दूंगा तो मेरा काम हो जाएगा, देखो कितने भारी चूतड़ है आपके अहहहह जैसे सारा खाना आपकी गांण्ड को ही लग रहा हो, तभी इतनी फैली हुआ गांण्ड है आपकी बाजीईईई
बाजी:- तुझे शर्म नही आती है क्या, क्या करोगे मेरे साथ
मैं:- बाजी प्लीज एक चूतड़ उठा दो फिर आपको पता चल जाएगा कि क्या करूँगा। इस बात से बाजी शर्म से दोहरी हो गयी और मेरे सीने में सर छिपा लिया। मुझे बाजी की नादानियों पर बहुत प्यार आ रहा था फिर बाजी आहिस्ता से अपना लेफ्ट हैंड नीचे ले गयी और एक चूतड़ पकड़ा और उठा दिया
मेने भी दूसरे चूतड़ को फैलाया ओर झट से उंगली को छेद पर टच किया। अहहहहहहह हम दोनों की सिसकी निकल गयी।
बाजी:- अहहहह हहहहह भाई क्या कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है, तुम फिर शुरू हो गए नाहहह..
मैं:- ओह्हहहहहह मेरी बाजी ओर उसके होंठो पर टूट पड़ा
अब मंजर ये था कि मेरे होंठ बाजी की रसीले होठों का जाम पी रहे थे और मेरी उंगली उनके अस्सहोल को कुरेद रही थी।
अहहह क्या लज्जत आ रही थी ऐसा करके, बाजी की गाँड़ से गर्म गर्म तपिस आ रही थी जो मेरी उंगली को भी गर्म कर रही थी। गर्म इतनी की बन्दा कड़क सर्दियों में भी चूतड़ों में मुँह देकर सो जाएं तो उसे फिर भी गर्मी ही लगेगी।
क्या गर्म गर्म लज्जतदार छेद था, ओर ऊपर से सगी बाजी का अहहहह सगे रिस्तो का असर ही ऐसा होता है।
दोनों बेहताशा एक दूसरे को चूम रहे थे चूस रहे थे भोग रहे थे।
मेरी उंगलियां मुसलसल छेद को कुरेदती ही रही मेने मजे को बढाने के लिए बाजी के होंठो को छोड़ा और उसकी आँखों मे देखने लगा। बाजी की आंखों में हवस के आँगरे बरस रहे थे उन्होंने कभी इन मजो को महसूस नही किया, जो मजा आज उसका छोटा भाई दे रहा था।
मैं:- बाजी इतनी गर्म क्यों है तुम्हारा जिस्म मैं जब भी आपको टच करता हूँ मानो किसी सुलगती आग को हाथ लगा रहा हूँ।
बाजी शर्मा कर कुछ नही बोली ओर आंखे बंद करली। बाजी को बहुत शर्म आ रही मेरे साथ
मैं:- बताओ ना मेरी सगी बाजीईईई
बाजी ने बिना आंखे खोले ही जवाब दिया
बाजी:- सिहहहहहहहहह मुझे..नही..पता क्यों है तुम बन्द करो ये बदमाशियां।
मैं:-बताऊ बाजी ऐसा क्यों है क्योंकि आपमे बहुत आग है, इस आग को आप निकालती तो हो नही इसलिए भड़की हुई है बाजी जब लड़कियां जब गर्म होती है तो वो ऊँगली घुसाकर ठंडा कर लेती है कई चुदवा कर (मैं अब नशे में अनाप शनाप बोलने लगा)
तुमने कभी ये चीजें तो की नही इसलिए आप इतनी गर्म हो अहहहहहह मेरी गर्मा गर्म जवान बहन, आज निकाल दो इस आग को ओर ठंडा करो अपने जिस्म को।
बाजी:- अहहहहहहहह मेरी क़मररररररर
मैं:-बाजी कमर नही गांण्ड बोलो गांण्ड, मोटी ताजी गांण्ड
बोलो अपने मुँह से देखना कितना मजा आएगा
बाजी:- अहहहहहहह मुझे..नही...बोलना.उंगली..हटाओ यहहह
मैं:- प्लीज बाजी बोलो ना प्लीज
बाजी:- अहहहह गांण्ड ..मेरी..मोटी..ताजा..गांण्ड ओह्हहह
मैं:- बोलो की भाई मेरी गांण्ड को मसलों, रगड़ो, ठंडा कर दो
बाजी जो कि फूल गर्म हो गयी थी वो भी रंग में आ रही थी।
बाजी:- आह्दह वक़ार भाई..रगड़ो..अपनी सगी बाजी की कुँवारी गांण्ड को, हाथों से मसलों इसे, ठंडा कर दो इसकी आग को
मैं:- अभी कर देता हूँ मेरी सगी बाजी, आपका भाई इसका इलाज कर देगा, इस अनचुदी गांण्ड को ठंडा करेगा
ओर मेने उंगली को जोर लगाकर अंदर किया जो सलवार होने की वजह से अंदर नही गईई।
बाजी:- अहहहहहहह नही सलवार अंदर घुसकर गन्दी हो जाएगी मुझे सुबह ऊपर वाले के आगे सजदा भी करना है मान जाओ भाईईईइईईई
बाजी से अब बर्दास्त नही हो रहा था तो उसने अपना हाथ नीचे ले जाकर चुत को मसलने की कोशिश की मेने तुरत बाजी का हाथ पकड़ा और हटा दिया। मैं बाजी ओर तड़पाना चाहता था जो गर्म होकर मेरे इशारों पर नाचे। हाथ हटाने से बाजी मेरी तरह सवाल भरी निगाहों से देखने लगी, जैसे कहना चाहती हो कि my pussy my rules.
मैं:- बाजीईईई उसे टच भी मत करना मैं हूँ ना मुझे बताई क्या क्या सहलाना है
बाजी को अपनी चोरी पकड़ी जाने पर शर्मिंदगी हुई और मेरे पीठ पर मुक्का मारा कमीनेहहहहह
मैं:- बाजी अगर चुत मसलवाना हो तो सलवार उतार दो, फिर देखना तुम्हे कैसे ठंडा करता हूँ मेरीईई जवान सरीफ बहन
बाजी:- कभीईईई नहिईई अहहहह, नंगा करके फायदा उठाने की सोचना भी मत अहहहहह
मैं:- नही बाजी मैं बस आपका पानी निकलूंगा जिससे आप ठंडा हो सको,नही तो रहने दो मैं तो ऐसे भी ठीक हूँ हहहहहह
बाजी:- बाजी ने दोबारा अपना हाथ नीचे ले जाने की कोशिश तो मैने इस बार भी उसका हाथ पकड़ लिया
मैं:- नही करने दूंगा आपको उंगली, मैं किसलिए हूँ मुझे बोलो बाजीईईई आपका सगा भाईईई आपकी चुत को ठंडा करेगा
बाजी की चुत में चीटियाँ रेंग रही जो उसे सुकून नही दे रही थी तो बाजी ने इशारों से मुझे मनाया तो मैने मना कर दिया।
बाजी तड़प कर रह गयी और मेरा हाथ जो गांण्ड कुरेद रहा था उसे अपनी सलवार के नाड़े पर रख दिया
मैंने भी मौके की गनीमत को समझते हुए जल्दी से नाड़ा ढीला किया और बाजी को ऊपर किया जिससे सलवार निकल सके, इस काम मे बाजी ने मेरा साथ दिया और अपनी हैवी गांण्ड ऊपर की तो मैने सलवार निकाल दी और अलग रख दिया।
मैं:- बाजी कमीज भी निकाल दो ना आसानी हो जाएगी
बाजी:- बिल्कुल भी नही तुमने नीचे का बोला था वो कर दिया, मुझे नंगा मत करो भाईईई
मैं:- बाजी अपने ऊपर चादर तो है फिर क्यों डर रही हो आप
बाजी:- तुम तो चादर भी हटा दोगे इसी तरह
मैं:- नही आपकी इजाजत के बेगेर कोई काम नही होगा।
बाजी:- पहले बल्ब बन्द करो और फिर अपनी आंखें भी बंद करना तब निकालूंगी, मुझे शर्म आएगी तुम्हारे सामने भाई जान
मेने बल्ब बंद किया और वहीं खड़े रहकर आंखे बंद कर ली।
रूम में अभी भी जीरो वाट का बल्ब जल रहा था जिसकी रोशनी कम थी। कुछ देर के बाद मेने पूछा आ जाऊं बाजी
बाजी:- कुछ नही बोली क्योंकि वो अब नंगी चादर के अंदर थी और मुझे बुलाने में शर्मा रही थी। ये जायज भी था क्योंकि मेरी बाजी कोई बेशर्म या रंडी नही थी। एक इज्जतदार पढ़ी लिखी तालीम याफ्ता लड़की थी।
मेने कोई जवाब ना पाकर उसके पास चला गया तो बाजी चादर के अंदर सिमटी हुई थी। जैसे कोई बच्चा सिमट कर लेता हो
मेने अपने कपड़े निकाले क्योंकि में भी अब आगे बढ़ना चाहता था। कपड़े निकालने के बाद मेरा लोडा खुशी में बढ़कर 10 इंच का हो गया था।
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मुझसे ज्यादा खुशी मेरे लोडे में दिखाई दे रही थी, उसे सायद तंग गुफा में घुसने का मौका मिलता दिख रहा था लेकिन ये तो वक़्त ही बताएगा कि क्या होगा अब बाजी के साथ।