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Incest एक फौजी और उसका गाँव (छोटी सी कहानी)

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दोस्तो कहानी मे क्या क्या हो सकता है आप सभी बताओगे तो कहानी लिखने मे बहुत मजा आयेगा।

1 Rahul ki maa ko kitna hot likhu
2 yogesh ki maa ko kitni randi bnau


comments please


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Last edited:

A.A.G.

Well-Known Member
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उसके बाद नम्बर 2 मेरी मम्मी अनुराधा चौधरी (ये बिलकुल माधुरी जैसी लगती है)इनकी लम्बाई 5 फुट 4 इन्च है। रगं साफ और होट ऐसे जिसको देखते ही चुसने और चुसाने का मन करने लगे ।..........अब आगे
मेरी मम्मी एक शुद्ध ग्रहणी है ।यह करती तो खेत के काम है मगर जब नहा धो लेती हैं तो एक हीरोइन के जैसी लगती हैं । इनको काली और लाल ब्रा और साड़ी बहुत ही अच्छी लगती है और मुझे भी इनके ऊपर काली और लाल साड़ी बहुत ही सुंदर लगती है। मांग में सिंदूर होठो पर लाली मत पूछो झक्कास है साली। इनकी चुची और उनके चुत्तड बहुत ही मस्त है ना ज्यादा बडे और ना ज्यादा छोटे । इनकी चुची और चुत्तड इतनी अच्छी सेप मे है अगर कोइ भी नगां देख ले तो मुठ्ठी मारे बिना नही रह पायेगा।ये साड़ी के साथ शुट सलवार भी पहरती है।साड़ी के साथ तो यह ब्रा पेंटी पहर लेती है मगर सूट सलवार के साथ कभी नहीं पहरती बोलती है की हवा नही लगती और घुटन सी महसुस होती है।रात को नाइटी या लोवर टीशर्ट पहनकर सोती है।

उसके बाद नंबर 3 मेरी बड़ी सिस्टर जो मुझसे 1/2 या 2 साल बड़ी है जिसका नाम उपमा है ।वह भी सेम मेरे मम्मी के जैसी ही लगती है बहुत सुंदर । इसकी भी चूची और गांड बहुत ही बड़ी बड़ी है जिनको दबाने से जन्नत का मज़ा आता है इनका चेहरा काजोल के जैसा लगता है इन्होंने अपने बालों को थोड़ा छोटा ही रखा है यह बाइक और कार दोनों चला लेते हैं और हां कार मेरी मम्मी भी चला लेती है जो मैं ने ही चलाना सिखाया था। इनके बूब्स का साइज लगभग 36 और गांड का साइज 38 है ।ये बहुत बोलती है । यह केवल दसवीं क्लास तक की पढी़ है। इनको दूध निकालना और भैंसों को घास करना बहुत अच्छा लगता है और लन्ड चूसना इनका फेवरेट काम है



इसके बाद चौथे नंबर का मैं

मेरे बाद पांचवें नंबर का मेरा छोटा भाई रोहित है जिसकी उम्र अभी 21 साल है ।ये अभी BSC कर रहा है और शहर मे रहता है।यह बहुत ही ठरकी किस्म का लडका है ।ये किसी भी औरत ,लडकी की चुत और गांण्ड मारे बिना नही छोडता जो इसके सम्पर्क मे आ जाती है वो औरत या लडकी कैसी भी हो और कोई भी हो जैसै मामी, बुआ, मौसी,नौकरानी,भिखारन,पडोसन या उन सभी की लडकीया ।इसका लन्ड 6 इन्च है मगर मोटा बहुत है और ये गाण्ड मारना बहुत पसन्द करता है़.....


और अंत में मेरी पत्नी जिसका नाम दीपा है



(तो दोस्तो और मेरी महबुबाओ अब इसके बारे मै तुम सभी बताओगे की इसको केसा देखना पसनद करोगे
चालाक और होशीयार
अनपढ और पागल
गंवार और गंदी
मोडर्न और पढीलिखी
या आपकी कोइ नयी पसन्द ....
Commant fast
Love you all
Nice update..!!
Deepa sirf apne pati aur kahani ke hero ki hi rahegi..Deepa ka Rahul ko chhodkar kisi aur ke sath mat dikhana..Deepa aur rahul me bahot pyaar dikhana..aur Deepa hi Rahul ko bole maa aur behen ki pyaas buzane ko..aur iss Rohit ko chutiya hi rakhna..isko koi chut na mile..!!
 
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(तो दोस्तो आपके कमेंट पढ कर बहुत अच्छा लगा और मेरी पत्नी मे किसी को भी मजा नही आया । इसलिए इस केरेकटर को एक चुदायी के बाद खत्म कर देगें ।एक बात और इस कहानी मै बहुत से लोग है जिनके बारे मै समय समय पर बताता रहुगां
)
तो मेरे प्यारे लन्ड वाले दोस्तो और चुत वाली रानी सभी अपना सलवार खोल लो कहानी शुरू करते है

ये तब की बात है जब मै 9वी कक्षा मे पढता था। मै उस समय सेक्स के बारे मै कुछ भी नही जानता था ।मे और मेरे सभी दोस्त साईकल से स्कुल जाते थे ।हम सभी को इन सेक्स वाली बातो मै कोइ मजा नही आता था।हम सभी गावँ मे आम ,अमरूद और गन्ना ,खीरा ,ककडी,तरबुज और वहा पर पेदा होने वाली बहुत सी फल और कच्ची सब्जीयो का ही मजा लेते थे।एक दिन मे और मेरा दोस्त योगेश स्कुल की छुट्टी होने के बाद अमरुद खाने का प्रोगराम बनाते है।हमारे स्कुल से गावँ मै आने के तीन रास्ते है एट पक्की सडक वाला और दो कच्ची सडक वाले।उनमे से एक हमारे दुर वाले खेतो से होकर आता है।हम उसी रास्ते से हमारे खेत के पास वाले अमरूद खाने चले गये।हमने अपनी साइकल रास्ते के पास ही गन्ने के खेत मे छुपा दी क्योकी हम चोरी करकर अमरूद खाने वाले थे।मैने योगेश को बोला की अन्दर वाले अमरूद पर चलते है वहा कोइ नही जाता और अमरूद भी अच्छे मिलेगें।हम जब गन्ने के खेत से धिरे धिरे अमरूद के पास जाने लगे तो हमे गन्ने के खेत मे कुछ आवजे आयी जैसे आह आह,ऊह,हाय मर गयी ससहहहह हम दोनो वही रुक गये और आवाज सुनने लगे मगर वो आवखज भी बन्द हो मुझे लगा उनहे भी हमारे आने का अहसास हो गया है।हम दोनो वही बैठ गये और फिर से आवाज आने की प्रतिक्षा करने लगे।पर आवाज नही आयी मेरा दोस्त बोला कोई जानवर होगा चल अमरूद खाते है।हम दोनो अमरूद के पेड पर चढ गये और अमरूद तोडने लगे और खाने लगे।मेरा दोस्त मुझ से उपर चढा था बोला रास्ते पर कोई घास काटने वाली है।मै बोला काटने दे तु अमरूद खा ।थोडी देर बाद बोला कोई बुढ्ढा भी है उसके पास बात कर रहा है मैने बोला अमरूद का मालीक तो नही है बोला नही वो नही है।योगेश बोला यार वो उस घास वाली को बार बार पकड रहा है।इतना सुनते ही मै भी उपर चढ गया तो देखा वो बुढ्ढा उस घास काटने वाली की चुची पकड और दबा रहा और वो औरत भी हसते हुऐ बुढ्ढे से छुटने की कोशीश कर रही थी ।योगेश बोला ये क्या कर रहे है पता नही लग रहा है।तब तक वो बुढ्ढा उस औरत को गन्नै के खेत मे खीच लेता है और खडे खडे ही उस औरत की चुची बहार निकाल कर दुध पिने लगता है।थोडी देर दुध पीने के बाद वो औरत और बुढ्ढा हसते हुऐ चले जाते है। मै और मैरा दोस्त आपस मे बात करते हुऐ और अमरुद खाते हुऐ घर चलने लगते है।योगेश बोला यार ये घास काटने वाली उस बुढ्ढे की माँ थी क्या
मैने बोला नही यार वो खुद बुढ्ढा है उसकी माँ तो और बुढीया होगी ये औरत तो कोई और है।
योगेश बोला इतना बुढ्ढा होकर भी ये बुढ्ढा चुची से दुध पी रहा है और मैरी मम्मी मुझे बोलती है तु बडा हो गया।
मैने कहा मेरी मम्मी भी मुझे नही पिलाती चुची से दुध।
योगेश बोला आज म्ममी को बोलुगां की मुझे भी दुध पिना हे चुची से
मैने कहा मै भी पिऊगां
 
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