मस्तदोस्तो योगेश की मम्मी का नाम लक्ष्मी है।
तो जेसे ही लक्ष्मी पेशाब करके आती है योगेश निचे वाले कमरे मे बैड पर लेटा रहता हे।
लक्ष्मी - योगेश बेटा क्या देख रहे थे उपर कमरे मे
योगेश-मम्मी कुछ नही आपको बुलाने गया था और आपको आवाज भी दी।
लक्ष्मी -तुने कुछ नही देखा ऊपर क्या हो रहा था। झुट मत बोलो सच बताओ क्या देखा तुमने
योगेश-मम्मी वह कौन था ये बताओ पहले तब बताऊगा
लक्ष्मी -वह राहुल के पापा थे रामपाल ।उन्हे मै प्यार से राम बुलाती हु। अब तुम बताओ तुमने क्या देखा।
योगेश-मम्मी मैने देखा आप आपना दुध रामपाल चाचू को पिला रही थी और आपकी आखे बन्द थी जैसे आपको बहुत अच्छा लग रहा हो। आप आवाज भी कर रही थी। और चाचु भी नंगे थे। आप लोग क्या कर रहे थे मम्मी।
लक्ष्मी -हम लोग प्यार कर रहे थे बेटा
योगेश-ये कैसा प्यार है मम्मी जिसमे आप चाचु का सुसु भी चुस रही थी उसमे से पेशाब निकलता है मम्मी क्या आप पेशाब भी पिती हो
लक्ष्मी -नही बैटा उसमे से उस समय पेशाब नही निकल रहा था ।और उसको सुसु नही लन्ड बोलते है। और जब ज्यादा प्यासी हो जाती हु तो पेशाब की जगह से विर्य निकलता है उसे पि लेती हु,
(ये बात करते करते दोनो माँ और बेटे को मजा आने लगता है)
योगेश अपने लंड पर हाथ फेरते हुऐ मम्मी ये विर्य क्या होता है और ये कहा से आता है।
लक्ष्मी -बैटा ये लंड से निकलता है जब तुम कीसी लडकी या औरत को चोदते हो या वह तुमहारा लंड चुसती है और
योगेश बिच मे ही बोलता है -जैसे आप चाचु का चुस रही थी।
लक्ष्मी -हा बेटा ऐसे ही और या तुम कभी अपने लंड को पकड कर हिलाते या मुठ मारते हो तो भी विर्य निकलता है।
योगेश -मम्मी क्या मेरे लंड से भी विर्य निकलेगा अगर मै हिलाऊगां तो (योगेश की मम्मी भी बात करते हूऐ पुरी गर्म हो गयी और योगेश से नजर बचा कर कभी कभी अपनी चुत पर हाथ भी फैर लेती है)
लक्ष्मी -हा बेटा तुम्हारा भी निकलेगा पर तुम अभी छोटे हो ईसलिऐ हाथ से नही निकालना वर्ना तुमहारा लंड छोटा ही रह जाऐगा और(लक्ष्मी ने देखा योगेश का लंड कच्छे मे तम्बु बनाने लगा और वह नार्मल लंड से बडा लग रहा है। लक्ष्मी को लंड देखने की इच्छा होने लगी। क्योकी उसकी रामपाल के साथ चुदाइ नही हो पायी थी। इसलिऐ उसने सोचा की योगेश को ही मजा लेने के लिऐ तैयार कीया जाऐ जिससे उसके दो फायदे थे। एक तो योगेश रामपाल वाली बात किसी को नही बताऐगा। दुसरा उसे रोज योगेश से मजा मिलेगा किसी और को नही बुलाना पडेगा। उसने योगेश के लंड पर नजर डाली तो देखा उसका कच्छा लंड की टोपी पर गिला हो गया।)
योगेश-मम्मी क्या सोचने लगी हो आप। आपने बताया नही।
लक्ष्मी-क्या नही बताया सब कुछ तो बता रही हु।
योगेश-मम्मी यही की मै तो अपना लंड हिलाता भी नही हु फिर भी मेरा लंड राहुल से छोटा है। (जब लक्ष्मी योगेश के लंड के बारे मै सोच रही थी तब योगेश ने यह सवाल पुछा था पर लक्षमी सुन नही पायी)
लक्ष्मी -क्या कहा बेटा राहुल का लंड तुमसे बडा है। तुमने कहा देखा उसका लंड।
योगेश-क्या मम्मी तुम भी, हम एक साथ रहते है खेलते है तो पेशाब और टट्टी करते हुऐ दिख ही जाता है।
लक्ष्मी -हा बेटा किसी किसी का लंड बचपन ही बडा होता है और शायद तेरा लंड तेरे बाप पर गया हो और राहुल का राहुल के बाप पर। (लक्ष्मी सोचने लगी की क्या राहुल का लंड सच मे बडा है)
योगेश बोला मम्मी एक बात बताओ ना क्या दुध पिलाने मै मजा आता है। आज मैने और राहुल ने खेत मै घास काटने वाली को देखा। वह भी किसी बुढ्ढे को बार बार अपना दुध पिला रही थी।
लक्ष्मी -कौन थी क्या तु उसे जानता है और बुढ्ढा कौन था क्या राहुल भी तेरे साथ था क्या बोला उसने
योगेश-नही मम्मी मै उन लोगो को नही जानता पर वे है हमारे गावं के ही और राहुल ने भी ये सब देखा और वह बोल रहा था कि मै भी आज अपनी मम्मी का दुध पिऊगा। मम्मी मम्मी मुझे भी दुध पिलाओ ना मै भी पिना चहाता हु
(लक्ष्मी तो कब से गर्म हो रखी थी जैसे ही योगेश ने दूध पिलाने के लिऐ बोला उसकी चुत से पानी बहने लगा और पुरे शरीर मे थुरथुरी आ गयी, रोगंटे खडे हो गये।
,योगेश-मम्मी पिलाओ ना दूध मुझे दुध पिना है
(यह बोलकर योगेश ने अपनी मम्मी की चुची पकड लिया। लक्ष्मी चुची पर हाथ लगते ही सुन हो गयी और योगेश के हाथ को अपनी चुची पर दबाने लगी़़़़़़़
Hotयोगेश का हाथ लक्ष्मी को बहुत मजा दे रहा था। उस मजे मे लक्ष्मी ने योगेश का कच्छा निकाल कर लंड पकड लिया। लंड को देखकर लक्ष्मी की चुत बुरी तरह से पानी छोडने लगी। मम्मी से रहा नही गया लंड चुसने का दिल करने लगा क्योकी योगेश का लंड बिलकुल अपने बाप पर गया था। योगेश ने अपनी मम्मी को खडा करके सुटं निकाल दिया और अपने कपडे भी निकाल दिये। लक्ष्मी दोबारा निचे बैठकर अपने बेटे का लंड चुसने लगी। योगेश भी मजा लेने लगा।
लक्ष्मी अपने बेटे के लौडे को चूस्ते हुए बहुत सुन्दर लग रही थी।
अपनी सग़ी मम्मी द्वारा अपना लंड चूसे जाने पर योगेश कराहने लगता है. उसकी माँ! उसकी अपनी सग़ी माँ! उसने आज तक किसी सपने में भी नही सोचा था कि एसा मुमकिन हो सकता है मगर यह हो रहा था. उसकी अति सुंदर अति मोहक माँ जिसके बदन के अंग अंग से मादकता टपकती है आज उसके लंड को चूस रही थी. वहाँ हो रहे उस अनुचित कार्य ने उसकी काम पिपासा को कयि गुना बढ़ा दिया और उसका लंड अपनी माँ के मुँह में झटके मारने लगा. उसके हाथ लक्ष्मी की पीठ पर पहुँचते है और उसकी ब्रा की हुक खोल कर उसके उन संदर मम्मों को क़ैद से आज़ाद कर देती हैं.
योगेश अपनी मम्मी के मम्मो को हाथों में भरते हुए कस कर मसलता है और हल्के से उसके निप्प्लो को मरोडता है तो लक्षमी के मुँह से सिसकियाँ फूटने लगती हैं. उसके निप्प्लो से कामुकता की तरंगे निकल कर उसकी चूत तक फैल जाती हैं और वो अपनी टाँगे कस कर बंद करते हुए अपनी चूत के होंठो को आपस में रगड़ती है.
“आअहह…उफ़फ्फ़…बहुत मज़ा आ रहा है मम्मी. चूसो मेरा लंड…..ज़ोर से चूसो मम्मी!” योगेश कराहते हुए बोलता है.
लक्ष्मी को जो मजा अपने बेटे का लौडा चुसनै मै आ रहा था वो उसे कभी नही आया था। बेटे का लंड चुसते चुसते उसे याद आया की राहुल का लौडा योगेश से भी बडा हे। राहुल का लंड चुसते हूऐ तो और मजा आयेगा।
यही सोचकर लक्षमी अपने हाथ पीछे ले जाकर योगेश के चुतड़ों को कस कर पकड़ती है और फिर उसे आगे अपनी ओर खींचती है और अपना मुँह तेज़ी से उसके लौडे पर चलती है. बेटे के लौडे का स्वाद लक्षमी को इतना टेस्टी लगा था कि वो लगभग तीन चौथाई लंड मुँह में लेकर चूस रही थी, शायद वो पूरा लंड मूँह में ले लेती अगर यह मुमकिन होता, मगर इतना लंबा मोटा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसना उसके बस के बाहर की बात थी. वो लंड चूस रही थी वो भी आने बेटे का. लंड की रब्बर जैसी त्वचा और उसके मुख से निकलने वाले हल्के हल्के नमकीन रस का वो भरपूर मज़ा ले रही थी.
अपनी माँ द्वारा अपना लंड पूरी कठोरता से चूसे जाने पर योगेश संतुष्टि भरी गहरी साँसे लेता है. वो उसके बाल पकड़ कर अपना लंड धीरे धीरे उसके मुँह में आगे पीछे करते हुए अपनी माँ का मुँह चोदने लगता है.
लक्ष्मी अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत को कच्छि के उपर से सहलाती है जिससे उसकी कामुकता और उत्तेजना और भी बढ़ जाती है. कच्छि के अंदर हाथ डालकर वो एक उंगली चूत के होंठो पर फेरती है और फिर अंदर डालकर दाने को मसलती है. योगेश अपनी मम्मी को अपनी चूत में उंगली करते हुए देख कर आनंदित होता है और वह याद करता है की मुठठी मारने मे इतना मजा नही आता है जितना लंड चुसवाने मे आता है (दोस्तो राहुल और योगेश स्कुल जाते हुऐ गंदी बाते करते थे और उन दोनो को ही आंटीया पसंद थी वह लडकीयो की तरफ बहुत कम ध्यान देते थे और खज जब उसकी मम्मी लौडा चुस रही है तो योगेश को सभी बाते याद आ जाती है। मुठठी मारना और राहुल के साथ आंटीयो के बारे मे गंदी सोच रखना) वह अपनी मम्मी का चहरा और भी जोरों से चोदने लग जाता है, उसे अपने टट्टों में अपना वीर्य उबलता हुआ महसूस होता है.योगेश लक्ष्मी के सिर को पकड़े हुए तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगता है. उसका लॉडा उसकी मम्मी के मुँह में झटके मारते हुए ऐंठने लगा था. लक्षमी भी बेटे के लंड पर तेज़ी से जीभ चलाते हुए ज़ोरों से सुपर्र सुपर्र कर चूस रही थी. योगेश का बदन अकड़ जाता है और फिर एक उँची कराह भरते हुए उसका लंड अपना रस उगलने लगता है.
लक्षमी को अपने बेटे के लंड में ऐंठन महसूस होती है और वो खुद को तैय्यार करती है. अपने गालों को फुलाते हुए वो उसके लौडे को ज़ोर से चूस्ति है जब उसका लंड फूलता है और फिर गर्म और गाढ़े रस की पिचकारियाँ उसके मुँह में छूटने लगती हैं. एक के बाद एक गर्म रस की धारा उसके मुँह में फूटती है और वो हर्षौल्लासित होकर अपने बेटे के नमकीन रस का आनंद उठाती है. जब उसे यकीन हो जाता है कि उसके लंड से पूरा रस निकल चुका है तो वो धीरे से अपना मुँह उसके लंड से हटा लेती है.