- 1,415
- 3,453
- 143
एक भाई की वासना
INDEX
Last edited:
Kajal ka toh mission ban chuka hai bahan ko uske bhai se chudane ki aur rashmi ko toh khair jawani ki garmi chad chuki hai ab use bhai kaise thanda karega ye dekhne wali baat hogi,thanks for the complimentteeno kai teeno chalak hai yea toh odin chacha bhai .... khas kar bibi aur bahen suraj ka poora maze lena chahate hai ............... badhia update
Thanks for the compliment bhaiNice update bhai
Thanks for the compliment bhaiNice one bro
सूपर
Thanks for the compliment bhaiसूपर
Thanks for the compliment bhaiSuperb update
Superb updateअपडेट 21
आपने अभी तक पढ़ा..
हम सब नाश्ते की टेबल पर आए.. तो सूरज की नजरें आज तो रश्मि की जिस्म पर कुछ ज्यादा ही गहरी थीं और उसके नशीले जिस्म से उसका नजर हट ही नहीं रही थीं।
मैं इस सबको देख कर मजे ले रही थी, लेकिन अभी भी वो दोनों यही समझ रहे थे कि मुझे दोनों को इनकी हरकतों का मालूम नहीं है।
अब आगे..
नाश्ते के बाद वो दोनों बहन-भाई चले गए और मैं रसोई का सामान समेटने के बाद नहाने के लिए चली गई। फुव्वारे से ठंडी-ठंडी पानी की गिरती बूंदों के नीचे नहाते हुए मैं यही सोच रही थी कि अब आगे क्या किया जाए.. जिससे सूरज को अपनी बहन के क़रीब आने का और भी मौका मिले और अपनी बहन का जिस्म को देखने और भोगने का भरपूर मौका मिल सके।
हालांकि मैं दोनों को बिस्तर पर तो एक-दूसरे के क़रीब ला ही चुकी थी। अब मैं उनके दरम्यान की शरम और परदे की दीवार को भी गिरा देना चाहती थी।
दोपहर को दोनों एक साथ ही वापिस आ गए।
खाने की टेबल पर ही मैंने सूरज को कह दिया कि आज हम दोनों को शाम को शॉपिंग के लिए लेकर चलो.. मुझे कुछ रेडीमेड कपड़े ख़रीदने हैं।
सूरज मान गया कि शाम को खरीददारी के लिए निकलते हैं।
तक़रीबन अँधेरा ही हो चुका था जब हम लोग शॉपिंग की लिए निकले। चूंकि अगले दिन रविवार था.. इसलिए कोई फिकर नहीं थी कि रात को देर हो जाएगी या सुबह कॉलेज और ऑफिस जल्दी जाना है।
मैंने एक पोलका डॉट वाली फ्राक पहनी थी और मेरी फ्राक का गला हमेशा की तरह ही डीप था.. जिसकी वजह से मेरा क्लीवेज आसानी से नज़र आ रहा था।
रश्मि ने जीन्स ही पहनी थीं । जो कि ज्यादा वल्गर या सेक्सी नहीं लग रही थीं।
रश्मि भी आज खूब बन-संवर कर तैयार हुई थी। उसने बहुत ही अच्छा सा परफ्यूम भी लगाया हुआ था और हल्का सा मेकअप भी कर रखा था।
उसके पतले-पतले प्यारे-प्यारे होंठों पर रेड लिप ग्लो लगी हुई थी.. जिसकी वजह से उसके लिप्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। दिल करता था कि उनको चूम ही लें।
मैंने आज भी रश्मि को हम दोनों के बीच में बिल्कुल सूरज के पीछे बैठाया और खुद उसको सूरज की कमर के साथ दबाते हुए उसके पीछे बैठ गई।
रश्मि की दोनों खुबसूरत चूचियाँ अपने भाई की कमर के साथ दब रही थीं और आज मुझे पक्का यक़ीन था कि सूरज भी खुद उनको अपनी पीठ से महसूस करना चाह रहा होगा।
यही वजह थी कि वो थोड़ा-थोड़ा अपनी कमर को आगे-पीछे भी कर रहा था।
मैंने अचानक ही हाथ एक साइड से आगे ले जाकर सूरज की जांघ पर रखा और फिर जैसे ही उसकी पैन्ट के ऊपर से उसके लण्ड को छुआ.. तो पता चला कि वो तो पहले से ही खड़ा हो चुका है।
सूरज के लंड के ऊपर हाथ फेरते हुए मैं थोड़ा सा ऊँची आवाज़ में रश्मि से बोली- रश्मि डार्लिंग.. आज तो तुम बहुत प्यारी लग रही हो और तुम्हारे लिप्स तो बहुत ही सेक्सी लग रही हैं। मेरा तो दिल करता है कि इनको चूम ही लूँ।
मैंने अपनी आवाज़ इतनी तेज रखी थी कि सूरज भी सुन सके और उसके सुनने का अहसास मुझे उसके लण्ड से हुआ.. जिसने मेरे हाथ में एक साथ दो-तीन झटके लिए।
मैं मुस्करा दी और आहिस्ता से अपने होंठ रश्मि की गर्दन से थोड़ा नीचे पीठ के ऊपरी हिस्से को चूम लिया।
रश्मि कसमसाई- भाभी.. क्या करती हो यार..
मैं उसकी गर्दन के नीचे अपने होंठ आहिस्ता-आहिस्ता चलाते हुए बोली- डार्लिंग तू प्यारी ही इतनी लग रही है आज.. तो मैं क्या करूँ..
वो चुप रही।
मैंने फिर पूछा- तू बता.. तूने क्या क्या लेना है?
वो बोली- कुछ नहीं भाभी..
मैंने आहिस्ता से उसकी चूची को एक साइड से छुआ और बोली- नई ब्रेजियर ही ले लो.. आज तो तेरे भैया भी साथ ही हैं।
रश्मि ने पीछे को हौले से अपनी कोहनी मेरी पेट में मारी और बोली- भाभी कुछ तो शरम करो.. भैया भी साथ हैं।
मैं जोर-जोर से हँसने लगी और फिर उसके कान में बोली- उस दिन से भी तो अपने भैया की ही लाई हुई ब्रा पहन रही है ना.. तो उनके साथ आकर लेने में क्या शरम है तुझे?
रश्मि चुप रही लेकिन मैंने देखा कि वो मुस्करा रही थी। मुझे यक़ीन था कि मेरी यह नोक-झोंक सूरज ने भी सुन ली होगी और यही मैं चाहती थी कि वो भी मेरी यह बातें सुन कर एन्जॉय करे।
सूरज ने एक बड़े शॉपिंग माल के बाहर बाइक रोकी और हम नीचे उतर आए।
सूरज बाइक पार्क करने गया तो रश्मि बोली- भाभी.. यार कुछ तो शरम किया करो न.. भैया अगर सुन लें तो.. क्या सोचेंगे?
मैंने दिल ही दिल में सोचा कि उस वक़्त तो तुझे शरम नहीं आती.. जब तेरे भैया तेरी चूचियों और जिस्म पर हाथ फेर रहे होते हैं। उस वक़्त तो बड़े मजे ले रही होती हो।
लेकिन मैं चुप रही और बोली- अरे कुछ नहीं होता.. उसे हमारी बातों का क्या पता..
इतने मैं सूरज भी आ गया और हम तीनों मॉल में दाखिल हो गए।
ये काफ़ी मॉडर्न किस्म का मॉल था.. जहाँ पर अनेक किस्म की दुकानें थीं और आजकल कुछ दुकानों पर सेल भी चल रही थी.. इसलिए मैं यहाँ आई थी वरना सूरज की इनकम में ज्यादा महँगी शॉपिंग अफोर्ड नहीं हो सकती थी ना..
हम लोग एक दुकान में गए.. तो वहाँ पर कई किस्म की ड्रेसेज को मॉडल्स के ऊपर पहनाया गया था.. कुछ मॉडल्स के ऊपर ब्रा और पैन्टी पहना कर रखी हुई थीं।
कुछ पुतलों पर ड्रेस भी थी.. तो कुछ में काफ़ी सेक्सी किस्म की जालीदार कपड़ें सजाए गए थे।
इस दुकान पर आकर रश्मि का चेहरा तो शरम से सुर्ख ही हो गया था। वो इधर-उधर देखते हुए बहुत शर्मा और घबरा रही थी।
अपने भाई की मौजूदगी की वजह से उसे ज्यादा शर्म महसूस हो रही थी।
वहाँ पर कपड़े देखते हुए मुझ एक मॉडल पर पहनी हुई एक बहुत ही कामुक किस्म की ड्रेस नज़र आई, इसके कन्धों पर सिर्फ़ पतली सी डोरियाँ थीं और छाती का ऊपरी हिस्सा बिल्कुल नंगा था।
आप यूँ समझ लें कि इसमें से चूचियों का भी ऊपरी हिस्सा नंगा हो रहा था..
लेकिन बाक़ी चूचे नीचे तक का हिस्सा सिल्की टाइप के बिल्कुल झीने से कपड़े से कवर था और उस ड्रेस की लम्बाई भी सिर्फ़ कमर तक ही थी जिससे सिर्फ पेट कवर हो सके, नीचे उस मॉडल पर उस ड्रेस के साथ सिर्फ़ एक छोटी सी पैन्टी बंधी हुई थी।
दरअसल यह एक जालीदार ड्रेस पति और बीवी के लिए तन्हाई में पहनने के लिए था।
मुझे वो ड्रेस पसंद आ गया.. मैंने सूरज से कहा- मुझे यह ड्रेस पसंद आया है।
पास ही रश्मि भी खड़ी थी.. वो थोड़ा और घबरा गई।