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एक भाई की वासना
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Dekhte hein kahin bhai ke pahele bhabhi na chak le thanks for the reading and stay tuned for next updateBdiya update Odin bhai....Lagta hai Kajal rashmi ko suraj ke jaldi niche layegi....umda update..
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updatesgarma garm update hai bhai .
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updatesNice update Odin bhai
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updates
Superb update........
Awesome updateअपडेट 27
आपने अभी तक पढ़ा..
मैंने रश्मि की ब्रेजियर की हुक को पकड़ा और उसकी ब्रेजियर को खोल दिया।
इससे पहले कि वो मुझे रोकती.. मैंने उसकी ब्रा की स्ट्रेप्स उसके कन्धों से नीचे खींच दिए और उसके साथ ही उसकी शर्ट की डोरियाँ भी नीचे उतार दीं।
एकदम से रश्मि की दोनों चूचियों मेरी नज़रों की सामने बिल्कुल से नंगी हो गईं।
रश्मि ने फ़ौरन से ही अपनी चूचियों पर अपने दोनों हाथ रख दिए और बोली- भाभिइ..भाभीई.. यह क्या कर रही हो आप..? मुझे क्यों नंगी कर दिया?
अब आगे..
मैं हँसते हुए उसके हाथों को पीछे खींचने के लिए जोर लगाने लगी और वो भी मस्ती के साथ मेरे साथ जोर आज़माईश करने लगी। लेकिन मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर पहुँचा ही दिए और अपनी ननद की दोनों नंगी चूचियों को अपनी मुठ्ठी में ले लिया और बोली- उउफफफफ.. क्या मजे की हैं तेरी चूचियाँ.. रश्मि.. मेरा दिल करता है कि इनको कच्चा ही खा जाऊँ।
रश्मि- सोच लो भाभी.. फिर मैं भी इन दोनों को खा जाऊँगी।
मैं- हाँ हाँ.. पहले ही भाई नहीं छोड़ता इन सबको खाना और चूसना.. अब उसकी बहन भी इनके पीछे पड़ने लगी है।
अब मैंने रश्मि की ब्रेजियर को उसकी बाज़ू में से बाहर निकाल दी और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी दोनों चूचियों को हाथों से निकाल कर दोबारा से उसकी शर्ट की डोरियों को उसके कन्धों पर चढ़ा दिया.. लेकिन उसकी ड्रेस की डोरियाँ ठीक करने के बावजूद भी मैंने उसकी चूचियों को उसकी शर्ट के बाहर ही रखा.. तो वो हँसने लगी।
‘भाभी इनको तो अन्दर कर दो..’
अब वो मुझसे अपनी चूचियों को नहीं छुपा रही थी।
मैं- चल ठीक.. आज तू अगर ऐसे ही अपने भैया के सामने रह जाती है ना.. तो जो मर्ज़ी मुझसे माँग लेना.. मैं दे दूँगी..
रश्मि मेरी बात सुन कर हँसने लगी और बोली- लगता है कि आप मुझे भैया से मरवा कर ही रहोगी।
मैं मुस्कुराई और धीमी आवाज़ में बोली- तुमको नहीं.. तुम्हारी मरवाऊँगी.. तुम्हारे भैया से..
रश्मि बोली- भाभी क्या बोला आपने.. फिर से बोलना जरा..
मैं हँसने लगी.. उसकी बात पर मुझे पता चल गया था कि मेरी बात रश्मि ने सुन तो ली ही है।
मैंने जान बूझ कर उसकी ब्रा वहीं अपने बिस्तर पर फेंक दी और दोबारा से रश्मि के मेकअप को सैट करने लगी।
थोड़ी ही देर में मेरे मेकअप ने रश्मि के हसीन चेहरे को और भी हसीन कर दिया।
उसके होंठों पर लगी हुई चमकदार सुर्ख लिपिस्टिक बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मैंने उसे तैयार करने के बाद उसके गोरे-गोरे गालों पर एक चुटकी ली और बोली- आज तो मेरी ननद पूरी छम्मक-छल्लो सी लग रही है।
मेरी बात सुन कर रश्मि शर्मा गई और बोली।
रश्मि- भाभी घर पर दिन के वक़्त यह ड्रेस कुछ ज्यादा ही ओपन नहीं हो जाएगा।
मैं- अरे नहीं यार.. कुछ भी ज्यादा या कम नहीं है.. देख मैं भी तो इसी ड्रेस में ही हूँ ना.. मैंने कौन सा इसे चेंज कर लिया हुआ है और एक बात तुमको बताऊँ कि तेरे आने से पहले तो मैं घर पर तुम्हारे भैया के होते हुए सिर्फ़ ब्रेजियर ही पहन कर फिरती रहती थी। अब तो सिर्फ़ तुम्हारी वजह से इतनी फॉरमैलिटी करनी पड़ती है।
रश्मि- क्या सच भाभी??
मैं- हाँ तो और क्या.. अगर तू कहे.. तो मैं ऐसी दोबारा से भी हो सकती हूँ।
मेरी बात सुन कर वो खामोश हो गई।
फिर हम दोनों बाहर लाउंज में आ गए और टीवी देखने लगे।
इतनी में घंटी बजी.. सूरज के आने की सोच कर मैंने जानबूझ कर रश्मि से कहा- जाओ.. गेट खोलो.. तुम्हारे भैया आए हैं।
वो शर्मा कर बोली- नहीं भाभी आप ही जाओ..
मैंने इन्कार कर दिया और उसे दरवाजे की तरफ ढकेला और वो चुप करके गेट की तरफ बढ़ गई।
मुझे पता था कि इतनी खूबसूरत हालत में अपनी बहन को देख कर सूरज को ज़रूर शॉक लगेगा.. इसलिए मैं भी उनकी तरफ ही गेट को देख रही थी।
वो ही हुआ कि जैसे ही रश्मि ने गेट खोला.. तो उसे देख कर सूरज का मुँह खुला का खुला रह गया।
अपनी बहन के खिलते हुए गोरे रंग और उस पर किए हुए इस क़दर खुबसूरत मेकअप की वजह से रश्मि पर तो नज़र ही नहीं टिक पा रही थी।
गेट खोल कर रश्मि ने मुस्करा कर अपने भाई को देखा और फिर वापिस मुड़ते हुए सूरज ने जल्दी से गेट बंद किया और रश्मि के पीछे-पीछे चलने लगा।
रश्मि की कमर पर नज़र पड़ी तो उसे एक और शॉक लगा कि उसकी बहन ने अब रात वाली काली ब्रेजियर भी नहीं पहनी हुई थी.. और वो भी उतार चुकी हुई थी।
अब बैक पर रश्मि की गोरी-गोरी चिकनी कमर बिल्कुल नंगी हो रही थी।
मैंने महसूस किया कि रश्मि भी बहुत ही धीरे-धीरे चलते हुए आ रही थी।
अन्दर आकर रश्मि नाश्ते का सामान लेकर रसोई में चली गई और सूरज मेरे पास आ गया।
मैंने मुस्करा कर उसकी तरफ देखा और बोली- आज हमारी रश्मि प्यारी लग रही है ना?
सूरज ने मेरी तरफ देखा और बोला- हाँ हाँ, बहुत अच्छी लग रही है।
मैं उठी और रसोई की तरफ जाते हुए सूरज से बोली- यार वो बेडरूम से चाय की सुबह वाला कप तो उठा लाना.. उसको भी साथ ही धो लेती हूँ।
यह कह कर मैं रसोई में चली गई.. मुझे पता था कि अन्दर का क्या हसीन मंज़र सूरज का इंतज़ार में होगा।
मैं रसोई में रश्मि के पास आ गई और उसे नाश्ता लगाने मैं मदद करने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने रश्मि से कहा- रश्मि जाकर देखना कि तुम्हारे भैया क्या कर रहे हैं.. उन्हें बेडरूम से कप उठा कर लाने के लिए कहा था.. मुझे लगता है कि दोबारा से वहाँ जाकर सो गए हैं।
रश्मि मुस्कराई और बेडरूम की तरफ बढ़ी और मैं उसको रसोई के दरवाजे के पीछे से देखने लगी।
रश्मि ने जैसे ही अन्दर झाँका तो एकदम पीछे हट गई। उसने रसोई की तरफ मुड़ कर देखा.. लेकिन जब मुझ पर नज़र नहीं पड़ी.. तो दोबारा छुप कर अन्दर देखने लगी।
मैं समझ सकती थी कि अन्दर क्या हो रहा होगा।
जाहिर सी बात थी कि अपने बिस्तर पर जो मैंने रश्मि की ब्रेजियर फैंकी थी.. वो सूरज के आने तक वहीं पड़ी हुई थी.. तो अब सूरज ने उसे देख लिया होगा और उसे उठा कर उसका जायज़ा ले रहा होगा। उसे अच्छे से अंदाज़ा था कि यह मेरी ब्रेजियर नहीं है और अब तो उसे साइज़ का भी पता हो गया था। उसे यह भी पता था कि मैंने तो कल से ब्रा पहनी ही नहीं हुई है।
अन्दर सूरज अपनी बहन की ब्रेजियर के साथ खेल कर मजे ले रहा था और बाहर खड़ी हुई रश्मि अपने भाई को अपनी ही ब्रेजियर से खेलते हुए देख रही थी।
यह नहीं पता था कि सूरज अपनी बहन की ब्रा के साथ कर क्या रहा है.. लेकिन फिलहाल उसके लिए कुछ करने का था तो नहीं वहाँ.. पर तब भी कुछ देर तक मैंने दोनों को एंजाय करने दिया।
फिर थोड़ा दरवाजे से पीछे हट कर मैंने सूरज को और फिर रश्मि को आवाज़ दी और जल्दी आने को कहा। मेरी आवाज़ सुन कर रश्मि रसोई में आ गई।
मैंने रश्मि का चेहरा देखा तो वो सुर्ख हो रहा था.. मैंने पूछा- आए नहीं तुम्हारे भैया.. क्या कर रहे हैं?
रश्मि बोली- आ रहे हैं वो बस अभी आते हैं।
वो मेरे सवाल का जवाब देने में घबरा रही थी। फिर वो आहिस्ता से बोली- भाभी आपने मेरी ब्रा वहीं बिस्तर पर ही फेंक दी थी क्या?
मैं- ओह हाँ.. बस यूँ ही ख्याल ही नहीं रहा बस.. क्यों क्या हुआ है उसे?
Superb update broअपडेट 28
आपने अभी तक पढ़ा..
फिर थोड़ा दरवाजे से पीछे हट कर मैंने सूरज को और फिर रश्मि को आवाज़ दी और जल्दी आने को कहा। मेरी आवाज़ सुन कर रश्मि रसोई में आ गई।
मैंने रश्मि का चेहरा देखा तो वो सुर्ख हो रहा था.. मैंने पूछा- आए नहीं तुम्हारे भैया.. क्या कर रहे हैं?
रश्मि बोली- आ रहे हैं वो बस अभी आते हैं।
वो मेरे सवाल का जवाब देने में घबरा रही थी। फिर वो आहिस्ता से बोली- भाभी आपने मेरी ब्रा वहीं बिस्तर पर ही डाल दी थी क्या?
मैं- ओह हाँ.. बस यूँ ही ख्याल ही नहीं रहा बस.. क्यों क्या हुआ है उसे?
अब आगे..
रश्मि बोली- नहीं.. कुछ नहीं भाभी.. कुछ नहीं हुआ..
फिर वो जल्दी से खाना उठा कर बाहर आ गई। मैंने उसे ब्रेकफास्ट टेबल के बजाए आज छोटी सेंटर टेबल पर लगाने के लिए कहा।
ज़ाहिर है कि इसमें भी मेरे दिमाग की कोई शैतानी ही शामिल थी ना.. थोड़ी ही देर में सूरज भी बेडरूम से कप की ट्रे लेकर आ गया।
मैंने पूछा- कहाँ रह गए थे?
उसने घबरा कर एक नज़र रश्मि पर डाली और बोला- वो बस बाथरूम में चला गया था।
रश्मि अपने भाई की तरफ नहीं देख रही थी.. बस सोफे पर बैठे अपने भाई के आने का इन्तजार कर रही थी।
क्योंकि रात को उसे सोई हुई समझ कर उसका भाई जो जो उसके साथ करता रहा था और जो कुछ अब वो उसकी ब्रेजियर के साथ कर रहा था.. तो वो उसके लिए बहुत ही उत्तेजित हो उठी थी.. लेकिन उसे शर्मा देने वाला महसूस भी हो रहा था।
सूरज आया तो मेरे साथ ही सोफे पर बैठ गया और हम तीनों ने नाश्ता शुरू कर दिया। रश्मि हम दोनों के बिल्कुल सामने बैठे थी। अब खाना इस टेबल पर रखने में मेरा ट्रिक यह था कि यह जो टेबल थी.. वो काफ़ी नीची थी और इस पर खाना खाते हुए आगे को काफ़ी झुकना पड़ता था।
इस तरह आगे को नीचे झुकने का पूरा-पूरा फ़ायदा मैं सूरज को दे रही थी.. क्योंकि रश्मि भी नीचे झुक कर खाना खा रही थी और उसके नीचे झुकने की वजह से उसकी नेट शर्ट और भी नीचे को लटक रही थी। इस वजह से उसकी चूचियाँ और भी ज्यादा एक्सपोज़ हो रही थीं।
सूरज की नज़र भी सीधी-सीधी अपनी बहन की खुली ओपन क्लीवेज और चूचियों पर ही जा रही थी।
मैंने महसूस किया कि सूरज नाश्ता कम कर रहा था और अपनी बहन की चूचियों को ज्यादा देख रहा था।
एक और बात जो मैंने नोट की.. वो यह थी कि रश्मि को पता था कि उसकी चूचियाँ काफ़ी ज्यादा खुली नज़र आ रही हैं और उसका भाई इनका पूरी तरह से मज़ा ले रहा है.. लेकिन इसके बावजूद भी रश्मि ने अपनी पोजीशन को चेंज करने की और अपनी चूचियों को छुपाने की कोई कोशिश नहीं की।
वैसे भी उसकी और मेरी शर्ट इतनी ज्यादा ओपन थी कि हमारे पास अपनी खुली चूचियों को छुपाने के लिए कुछ नहीं था।
हमारी ध्यान हटाने के लिए सूरज बोला- यार आज तो बाहर मौसम काफ़ी खराब हो रहा है.. काले बादल भी छाए हुए हैं.. लगता है कि आज बारिश हो जाएगी।
रश्मि- जी भैया.. अच्छा है ना बारिश हो जाए.. तो कुछ गर्मी से राहत मिलेगी।
बारिश का जिक्र आते ही मैं दिल ही दिल मैं बारिश कि लिए दुआ माँगने लगी ताकि कुछ और भी मस्ती करने का मौका मिल सके।
नाश्ता करने के बाद मैंने और रश्मि ने बर्तन उठाए और रसोई में ले जाकर रखे।
फिर मैं रश्मि को चाय बना कर लाने का कह कर रसोई से बाहर टीवी लाउंज में आ गई और सूरज के बिल्कुल साथ लग कर बैठ गई। सूरज ने भी टीवी देखते हुए मेरी गर्दन के पीछे से अपना बाज़ू डाला और मेरी दूसरे कन्धों पर ले आया और ऊपर से ही मेरी चूचियों को सहलाने लगा।
फिर उसका हाथ आहिस्ता आहिस्ता मेरी ओपन शर्ट में नीचे चला गया और उसने मेरी शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी एक चूची को पकड़ लिया और आहिस्ता आहिस्ता उससे खेलने लगा।
मैंने भी उसे मना नहीं किया और ना ही उसकी बहन के पास होने का इशारा दिया बल्कि उसे खुल कर एंजाय करने दे रही थी और खुद भी उससे चिपकती जा रही थी.. ताकि उसका हाथ बहुत ही आसानी के साथ और भी मेरी शर्ट के अन्दर तक चला जाए।
हम दोनों ही इसी हालत में बैठे हुए टीवी देख रहे थे.. मैं थोड़ी तिरछी नज़र से रसोई की तरफ भी देख रही थी.. इतने में रश्मि टीवी लाउंज में दाखिल हुई तो मैंने अपनी नज़र उस पर नहीं डाली और भी ज्यादा में सूरज से चिपक गई।
सूरज का हाथ अभी भी मेरी शर्ट के अन्दर मेरी चूची से खेल रहा था। उसकी बहन ने आते ही सब कुछ देख लिया था।
मैंने देखा कि कुछ देर तो वो वहीं रसोई के दरवाजे पर खड़ी हुई यह नज़ारा देखती रही.. फिर आहिस्ता आहिस्ता क़दमों से चलते हुए हमारी टेबल के क़रीब आई और झुक कर टेबल पर चाय की ट्रे रख दी।
उसके चेहरे पर हल्की-हल्की मुस्कराहट थी।
उसे देखते ही सूरज ने अपना हाथ मेरी शर्ट से बाहर निकाल लिया.. लेकिन इससे पहले तो रश्मि सब कुछ देख ही चुकी थी कि कैसे उसका भाई मेरी शर्ट की अन्दर अपना हाथ डाल कर मेरी चूचियों से खेल रहा है।
सूरज ने अपना हाथ तो मेरी शर्ट से निकाल लिया था.. लेकिन अभी तक मेरे कन्धों पर ही रखा हुआ था। मैं भी बिना कोई शरम किए हुए सूरज के साथ चिपक कर बैठी हुई थी।
रश्मि ने मुस्कराते हुए वहीं पर ही हम दोनों को चाय के कप पकड़ा दिए और फिर वो भी चाय लेकर मेरे पास बैठ गई।
अब मैं बीच में थी और दोनों बहन-भाई मेरी दोनों तरफ बैठे थे।
रश्मि के नंगे कंधे भी मेरे कंधों से टकरा रहे थे और सूरज के हाथ भी मेरे कन्धों से होते हुए अपनी बहन के कन्धों को छू जाते थे।
लेकिन वो बिना किसी मुस्किल के आराम से बैठी हुई थी।
मैंने चाय का एक सिप लिया और उन दोनों के बीच में से उठते हुए बोली- यार चीनी कुछ कम है.. मैं अभी डाल कर लाई।
फिर मैं उन दोनों बहन-भाई के बीच में से उठ गई और फिर रसोई में आ गई।
वहाँ से मैंने देखा कि सूरज ने थोड़ा सा सरकते हुए रश्मि के कन्धों पर गर्दन से पीछे बाज़ू डाल कर अपना हाथ रखा और फिर उसके कन्धों को सहलाते हुए बोला- और सुनाओ रश्मि.. तुम्हारी पढ़ाई कैसे चल रही है?
रश्मि भी सटते हुए बोली- जी भैया.. पढ़ाई भी और कॉलेज भी.. ठीक चल रहे हैं।
मैंने देखा कि रश्मि ने अपने जिस्म को अपने भाई के हाथ की पकड़ से छुड़ाने की कोई कोशिश नहीं की.. बल्कि उसी तरह बैठी रही।
कुछ देर तक मैंने उन दोनों को बिना कोई और बातचीत किए हुए मज़ा लेने दिया और फिर रसोई से बाहर आ गई।
मेरे आते ही दोनों सम्भल कर बैठ गए। मैं महसूस कर रही थी कि दोनों बहन-भाई के बीच बिना कोई बातचीत शुरू हुए ही एक लगाव सा बनता जा रहा था।
रश्मि को अपने भाई के टच से लुत्फ़ आने लगा था और शायद सूरज को भी पता चलता जा रहा था कि उसकी बहन भी कुछ-कुछ एंजाय करने लगी है।
मैं अब जाकर सूरज की दूसरी तरफ बैठ गई और उसे बीच में ही बैठा रहने दिया। ऐसे ही चाय पीते और गप-शप लगाते हुए हम लोग टीवी देखते रहे।
हम दोनों ननद-भाभी ने इसे ड्रेस में पूरा दिन घर में अपने जिस्म के नंगेपन की बिजलियाँ गिराते हुए गुजारा। पूरे दिन हम दोनों के नंगे जिस्मों को देख कर सूरज पागल होता रहा। कई बार जब भी उसने मुझे अकेले पाया.. तो अपनी बाँहों में मुझे दबोच लिया और चूमते हुए अपनी प्यास बुझाने लगा।
मैंने भी उसके लण्ड को सहलाते हुए उसे खड़ा किया.. लेकिन हर बार की तरह उसकी बाँहों से फिसल कर उसे klpd का अहसास कराते हुए भाग आई.. ताकि उसकी प्यास और उसकी अन्दर जलती हुई आग इसी तरह ही भड़कती रहे और ठंडी ना होने पाए।
(काजल सूरज का klpd करने के बाद)
Awesome update
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updatesSuperb update bro
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updatesAwesome update