उसके बाद मैं भी अपने कमरे में चला गया और तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गया । स्कूल से आने के बाद मैं शाम होते ही छत पर उन दोनों हसीनाओं का बेसब्री से इंतजार करने लगा। मैंने एक स्लीवलैस टीशर्ट और शॉर्ट्स पहन रखा था दोनों ही बिल्कुल स्किन टाइट थे जिसमें से मेरा कसरती बदन साफ नुमाया हो रहा था मेरी बेकरारी बढ़ती जा रही थी और साथ ही साथ मेरे ब्लैक कोबरा की बेकरारी भी ।मेरे लंड का सुपाड़ा चमड़ी को चीर कर बाहर आ चुका था और शार्ट से बाहर निकलने की फिराक में था मेरे दिमाग में बस अमरीन और समरीन ही चल रही थी।
6:00 बजे से इंतजार करती करती रात के 10:00 बज गए तब जाकर मुझे उनके आने की आहट का एहसास हुआ उनको यह एहसास दिलाने के लिए मैं उनका इंतजार कर रहा हूं मैं छत की पट्टी पे जाकर कर खड़ा हो गया। जैसी ही वो छत पर आई मुझे देखकर दोनों एकदम से चुप हो गई और उनके होठों पर मुस्कान खिल गई उनकी उस मुस्कुराहट को देखकर मुझे यह समझते देर न लगी कि इन कच्ची कलियों को भी मेरा इंतजार था ।मैंने बड़ी ही नजाकत के साथ उन्हें आदाब कहा।
उन्होंने भी जवाब में तस्लीम कहा ।
मैंने का काफी देर हो गई आप लोगों को मैं कब से आपका इंतजार कर रहा था दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा दी।
तो समरीन ने जवाब दिया जी हमे कुछ काम था इसलिए अम्मी के साथ थे। वैसे आप हमारे क्यों इंतजार कर रहे थे।
मैंने बड़ा शौख होकर कहा यह तो मुझे खुद भी नहीं मालूम कि मैं आप लोगों का क्यों इंतजार कर रहा था। बस ना जाने क्यों आप लोगों का इंतजार मुझे अच्छा लग रहा है और यह दीवार जितना लंबा हो रहा था आप लोगों की दीदार की तड़प उतनी ही बढ़ रही थी
दोनों शर्मा जाती हैं।
दरअसल नीचे हमें कुछ काम था इसलिए हम लोग वहां पर थे और अगर में पहले से मालूम होता कि कोई हमारा इंतजार में हैं तो शायद हम पहले ही आ जाते हैं यह बात उसने अपनी बहन की तरफ देखती हुई कही थी
तभी समरीन बोलती है। नरेंद्र जी वैसे आप हमारा इंतजार क्यों कर रही थे।
मैने भी की आंखों में आंखें डालते हुए कहा ताकि दो जन्नती हूरों के दीदार कर सकूं। मेरा यह कहना था कि दोनों का शर्म से पानी पानी हो जाती है। दोनों शर्म से लाल हो चुकी थी और उन्हें कोई अलफ़ाज़ नहीं मिल रहे थे।
मैं भी समझ गया था कि लोहा गरम है मार दो हथोड़ा मैंने समरीन और अमरीन दरअसल आप दोनों के अलावा मेरे यहां पर कोई दोस्त नहीं है तो सोचा क्यों ना कुछ वक्त आप लोगों के साथ ही गुजारा जाए और मैंने दोस्ती का हाथ उनकी तरफ बढ़ा दिया यह जानकर कि इसी बहाने मुझे उनके नरम मखमली हाथ छूने को मिलेंगे। बारी बारी से अमरीन और समरीन दोनों ने अपने हाथ बढ़ाएं और मुझसे मिलाया मैंने बड़ी ही नजाकत के साथ उनके हाथों को ना सिर्फ मिलाया बल्कि शहला भी लिया। दोनों के होठों में एक कातिलाना मुस्कान बिखर गई और आंखें नशीली हो गई थी।
मैंने कहा यहां बोर हो जाता हूं स्कूल के बाद तो जैसे घर में वक्त ही नहीं कटता। तुम बिन बोली आप रात को हमारे यहां सकते हैं सब लोग कोई मूवी देख सकते हैं ,टाइम पास करने के लिए । मैंने कहा आईडिया बेहतर है क्या इस बात की शुरुआत आज से की जा सकती है
दोनों खिलखिला उठती है और अपने बेडरूम की तरफ कदम बढ़ाने लगती है उनकी चाल में एक अजीब सी लचक थी या यूं कहिए कि शायद उन हसीनाओं के पीछे मैं भी उनके पीछे-पीछे चलने लगा उनकी मटकती गांड के पीछे पीछे उनके कमरे में दाखिल हो जाता हूं। एक अच्छी मेजबान की तरह मुझे सोफे में तशरीफ फरमाने के लिए कहती है। मैं भी शातिराना अंदाज़ के साथ सोफे के बीचो बीच बैठ जाता हूं। मेरी इस हरकत पर दोनों एक दूसरे की तरफ देखती है और मुस्कुरा देती है।
अमरीन और समरीन मेरी एक एक तरफ बैठ जाती है एक पल के लिए तो मुझे यह एहसास हुआ है जैसे मैं उन दोनों का शौहर हूं और यह दोनों मेरी दो बीवियां हो।
समरीन टीवी चालू कर देती और हम तीनों वहीं सोफे पर बैठकर कोई मूवी देखते अब यह रोज का रूटीन बन गया था मैं रोज रात को करीब 9:30 10:00 बजे उनके कमरे में जाता और 12- 01 बजे मूवीस वगैरा देखकर लौटता इस दरमियान हमारे बीच काफी बातें होती डबल मीनिंग जोक्स भी होते । समरीन ने हम तीनों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना लिया था । रात की मस्ती तो हम लोग मूवी देखते हुए उस उनके रूम में करते थे, पर दिन की मस्ती को जारी रखने के लिए शायद यह जरूरी था । समरीन इस चीज को बखूबी जानती थी। न जाने क्यों मुझे एहसास होता था कि समरीन कुछ ज्यादा ही करीब आ रही है। मेरे या यूं कहिए कि मुझे यह मालूम था उसके अंदर अभी आग लग चुकी है या फिर यूं कहिए कि हर लड़की को अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार रहता है और समरीन का वो राजकुमार शायद में था। मैं समरीन के लिए एक हंक था, एक असली मर्द लंबा-चौड़ा हट्टा कट्टा जो किसी भी लड़की के सपनों के राजकुमार बनने का क्राइटेरिया पूरा करता हो।
तो दूसरी तरफ समरीन भी जन्नत की हूर थी कमसिन नाजुक सी कली जो सिर्फ छूने से ही मुरझा जाए । केसर घुले हुए दूध जैसा रंग 5 फुट 6 इंच लंबी 30d की छोटी-छोटी चूचियां और 32 की मदमस्त मादक गांड। आखिर अभी उसकी उम्र ही क्या थी 19 वें साल में ही तो चल रही थी। कच्ची कली जिसे किसी दूसरे गैर मर्द ने छूना तो दूर की बात बिना पर्दे की देखा भी ना हो।
रोजाना की तरह उस रात भी हम तीनों बैठकर मूवी देख रहे थे टीवी पर ज़रीन खान की मूवी हेट स्टोरी 3 चल रही थी। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं सोफे में बीचो-बीच बैठा हुआ था मेरी दाईं तरफ अमरीन और बाईं तरफ समरीन बैठी थी और हम तीनों ही जरीन खान की जवानी का लुत्फ ले रहे थी कि किस तरह जरीन खान फिल्म में अपनी जवानी का मजा लेती है मैं महसूस कर रहा था कि समरीन अब गर्म होने लगी है वह मुझे बिल्कुल चिपक कर बैठी हुई थी उसकी गर्मी सांसे मैं अपने जिस्म पर महसूस कर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ अमरीन मेरे दाएं कंधे पर सिर रखकर सो गई थी मैंने यह बात समरीन को बताई तू भी उठी और अमरीन को जगाने के लिए आगे बढी मैंने उसे मना कर दिया। इसके बाद मैंने समरीन से अमरीन को उठाने की इजाजत मांगी वह मुस्कुरा दी और कहने लगी दोस्ती में इजाजत की जरूरत नहीं होती ।
इसके बाद मैंने अमरीन को अपनी बाहों में लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया और फिर मैंने समरीन का हाथ पकड़ा और हाथ पकड़ कर हम दोनों फिर से सोफे में बैठ गए और फिल्म का लुत्फ उठाने लगे। मैंने समरीन से कहा क्या तुम दोनों इसी तरह सलवार सूट पहनकर सोती हो तो वह बोली नहीं बिल्कुल नहीं सब नाईट ड्रेस पहन लेते हैं
मैंने जवाब में कहा मैंने तो आज तक नहीं देखा तुम दोनों को नाइट ड्रेस में जबकि मैं आधी आधी रात तक तुम दोनों की कमरे में रहता हूं।
समरीन शर्माती हुई बोली जी आपके जाते ही पहनते हैं आपके रहते हुए हमें शर्म आती है।
मैंने जवाब देते हुए कहा समरीन जैसे दोस्ती में इज़ाज़त की जरूरत नहीं होती ठीक उसी तरह दोस्ती में शर्म भी नहीं होती जाओ अपने कपड़े चेंज कर लो और नाईट ड्रेस पहनकर मेरे सामने आओ।
समरीन उठी और अलमारी से अपना नाइट सूट निकाला। नाइट सूट क्या एक सेक्सी सा गाउन था जो मुश्किल से उसके चूतडो से थोड़ा सा ही नीचे होगा। यहां तक कि मुझे उसकी सेक्सी सी पैंटी भी नजर आ रही थी और ब्रा पहनने की भी जरूरत नहीं थी । और आकर मेरे सामने खड़ी हो गई मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने पास बिठा लिया मुझे बिल्कुल सेट कर बैठी हुई थी मैंने अपना हाथ उसके कंधे में डालो और उसे अपने बिल्कुल करीब कर लिया इतना करीब कि वह बिल्कुल सकुड गई उसके दोनों पैर सोफे पर ही जिसकी वजह से उसकी नाइटी बिल्कुल कमर तक आ गई थी और उसके चूतड़ साफ नजर आने लगे थे उसकी पेंटी उसके चूतड़ों को छुपाने के लिए नाकाफी थी पेंटी तुम उसकी चूतड़ों की दरार के बीच कहीं फस गई थी मैंने अपना सख्त हाथ उसके पर्दा नशी चूतडो पर रख दिया, हाथ रखते ही मुझे एहसास हो गया कि जैसे मैंने ढाका की मलमल पर हाथ रख दिया हो इतना नरम और मखमली जिस्म था मेरी समरीन का। मेरे पहलवानी कठोर हाथ उसकी मखमली चूतड़ों का जायजा ले रहे थे तो वहीं दूसरी ओर समरीन का मुंह मेरी शार्ट के उभार पर था मेरा लंड फुल तनाव में था शायद मेरे चमड़ी वाले अनकट लंड से आती हुई पेशाब की गंद समरीन को मदहोश कर रही थी समरीन के होठों को शार्ट के ऊपर से अपने लंड के उभार पर महसूस कर रहा था उसने मेरे लंड के उभार पर एक किस की, कि जैसे बता रही हो कि मुझे आपकी चमड़ी वाले लंड की गंध बहुत पसंद आई। अब मेरा भी फर्ज था कि समरीन को ज्यादा से ज्यादा मज़ा दिया जाए इसलिए मैंने समरीन को हटाया और खुद खड़ा होकर अपनी शॉर्ट्स और टीशर्ट को उतार दिया मेरा साड़े 9 इंच लंबा और 5.5 इंच मोटा मुसल लंड कुतुब मीनार की तरह खड़ा हो गया।
समरीन की आंखें फटी की फटी रह गई थी वह हैरान थी क्या किसी मर्द का लंड सच में इतना बड़ा हो सकता है।