• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy कमीना चाहे नगीना

Rockstar_Rocky

Well-Known Member
8,942
36,809
219
Review कल दूँगा!

एक request कर रहा हूँ आप से मित्र, ये "ठोको ताली" मत लिखा करो! ये शब्द सुन कर बहुत गुस्सा आता है, इन शब्दों की वजह से मैंने कपिल शर्मा शो देखना बंद कर दिया था, cricket match में हिंदी commentary सुनने के बजाए अंग्रेजी में commentary सुनता था| वो होता है न कुछ इंसान जिन्हें आप देखना या सुनना पसंद नहीं करते, ये आदमी उन में से एक है और ये मैं उसके background के आधार पर नहीं कह रहा| वो जो बेमतलब के बकवास शेर मारता है और इतने गंदे तरीके से हँसता है उसी के कारण मुझे इस शक़्स से नफरत हो गई!
 

Rockstar_Rocky

Well-Known Member
8,942
36,809
219
प्रिय मित्र,

सबसे पहले तो ये बताएं की आपकी तबियत कैसी है? तथा आपके मित्र जिन्हें कैंसर हुआ था वो कैसे हैं?

अब आते हैं अभी तक की आपकी सभी updates के review पर;
1. ये जो अमोल पालेकर डाक्टर (doctor) साहब हैं, इनके मन में पाक रही खिचड़ी को जानने की उत्सुकता बनी हुई है| क्या ये केशु को भोग पाएंगे या फिर अज्जू भैया से इनकी दोस्ती इन्हें रोक लेगी?!
2. ये जो काका जी हैं, इनके कहानी में आने से लगा था की बुढऊ की ठरक देखने को मिलेगी| जब आपने बिंदिया को कहानी में जोड़ा तो लगा था की update में खूब पटाखे-शटाख़े फूटेंगे मगर आपने उस update को अधिक कामुक बनाया ही नहीं! जबकि मेरी तरह आपके कुछ पाठक आस लगाए बैठे थे की आज तो काका जी 'हरे' हो ही जायेंगे| खैर, कोई बात नहीं हो सकता है उनको हरा करने के लिए आपने special हरा रंग मँगवाया हो!
3. बंसी, विपु और राजा भैया की दोस्ती वाली अपडेट को आपने एक रोचक मोड़ पर लाकर छोड़ दिया था| श्मशान में किसको गुल्लक खुली और किसने अमृत पीया इसे जानने को बहुत उत्सुक हूँ| अगली update अगर इसी से जुडी हो और अतिकामुक हो इसकी आशा करता हूँ|

Tips:
1. यदि आप स्वस्थ हैं तो कृपया आने वाली updates को regular रखें अन्यथा आपके पाठकगण आपका साथ छोड़ देंगे| चाहें तो कुछ दिनों का विराम ले लें और सभी काम निपटा कर लिखना शुरू करें, लेकिन एक बार update देना शुरू कर दें तो बीच में रुकें न|

2. मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा है की आपकी कहानी में sex होगा या नहीं, यदि इसमें sex आप नहीं लिखना चाहते तो इस कहानी को "EROTIC" category में डालें|

3. Updates में चित्र या gifs डालने की कोशिश करें, इससे पाठकों की रूचि बढ़ती है|

4. यदि आप अपनी कहानी को sex से भरपूर लिखना चाहते हैं तो कृपया खुल कर sex scenes लिखा करें|

5. Updates का size बड़ा रखें, थोड़ा बहुत suspense बनाना सही है परन्तु उसके लिए अगली अपडेट शीग्र दिया करें, अत्यधिक इंतज़ार करने से पाठकगण कहीं और भटक जाते हैं|
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,481
13,661
159
Review कल दूँगा!

एक request कर रहा हूँ आप से मित्र, ये "ठोको ताली" मत लिखा करो! ये शब्द सुन कर बहुत गुस्सा आता है, इन शब्दों की वजह से मैंने कपिल शर्मा शो देखना बंद कर दिया था, cricket match में हिंदी commentary सुनने के बजाए अंग्रेजी में commentary सुनता था| वो होता है न कुछ इंसान जिन्हें आप देखना या सुनना पसंद नहीं करते, ये आदमी उन में से एक है और ये मैं उसके background के आधार पर नहीं कह रहा| वो जो बेमतलब के बकवास शेर मारता है और इतने गंदे तरीके से हँसता है उसी के कारण मुझे इस शक़्स से नफरत हो गई!


Maanu Bhai, meri tabiyat filhal pehale se better hain, recovery process chal raha hain,
 
  • Like
Reactions: Naik

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,481
13,661
159
प्रिय मित्र,

सबसे पहले तो ये बताएं की आपकी तबियत कैसी है? तथा आपके मित्र जिन्हें कैंसर हुआ था वो कैसे हैं?

अब आते हैं अभी तक की आपकी सभी updates के review पर;
1. ये जो अमोल पालेकर डाक्टर (doctor) साहब हैं, इनके मन में पाक रही खिचड़ी को जानने की उत्सुकता बनी हुई है| क्या ये केशु को भोग पाएंगे या फिर अज्जू भैया से इनकी दोस्ती इन्हें रोक लेगी?!
2. ये जो काका जी हैं, इनके कहानी में आने से लगा था की बुढऊ की ठरक देखने को मिलेगी| जब आपने बिंदिया को कहानी में जोड़ा तो लगा था की update में खूब पटाखे-शटाख़े फूटेंगे मगर आपने उस update को अधिक कामुक बनाया ही नहीं! जबकि मेरी तरह आपके कुछ पाठक आस लगाए बैठे थे की आज तो काका जी 'हरे' हो ही जायेंगे| खैर, कोई बात नहीं हो सकता है उनको हरा करने के लिए आपने special हरा रंग मँगवाया हो!
3. बंसी, विपु और राजा भैया की दोस्ती वाली अपडेट को आपने एक रोचक मोड़ पर लाकर छोड़ दिया था| श्मशान में किसको गुल्लक खुली और किसने अमृत पीया इसे जानने को बहुत उत्सुक हूँ| अगली update अगर इसी से जुडी हो और अतिकामुक हो इसकी आशा करता हूँ|

Tips:
1. यदि आप स्वस्थ हैं तो कृपया आने वाली updates को regular रखें अन्यथा आपके पाठकगण आपका साथ छोड़ देंगे| चाहें तो कुछ दिनों का विराम ले लें और सभी काम निपटा कर लिखना शुरू करें, लेकिन एक बार update देना शुरू कर दें तो बीच में रुकें न|

2. मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा है की आपकी कहानी में sex होगा या नहीं, यदि इसमें sex आप नहीं लिखना चाहते तो इस कहानी को "EROTIC" category में डालें|

3. Updates में चित्र या gifs डालने की कोशिश करें, इससे पाठकों की रूचि बढ़ती है|

4. यदि आप अपनी कहानी को sex से भरपूर लिखना चाहते हैं तो कृपया खुल कर sex scenes लिखा करें|

5. Updates का size बड़ा रखें, थोड़ा बहुत suspense बनाना सही है परन्तु उसके लिए अगली अपडेट शीग्र दिया करें, अत्यधिक इंतज़ार करने से पाठकगण कहीं और भटक जाते हैं|

Jisko cancer hua tha uska operation ho gaya hain, lekin abhi kuch bol nahi pata hain

Doctor sahab ka update bhi jaldi aayega aur unka haal pata chal jayega sabko

Kaka ko "Hara" karane ki puri koshish hain ho sakta h jald ho jaye

Vipu Bansi aur Raja gullak to tino ki hi futegi jald hi



1. Updates regular karne ki koshish puri hain, lekin paaapi pet ka bhi swal hain, job bhi dekhni hai bhai

2. Sex hoga lekin khul kar nahi Kaka ki special request hain

3. Pics aur Gifs upload nahi aate upload karne

4. Jitna possible hoga utna sex jarur hoga

5. koshish puri hai update badi karne ki


Thanks for your valuable reveiws and advice

Love you Bhai
 

Naik

Well-Known Member
21,345
77,144
258
तभी काका चौंक उठा और झेप के धीरे से बोला- “बिंदिया जी आप भी तो पीजिये ....…”

बिंदिया उसकी आँखों में आँख डाल के एक कातिल मुश्कान के साथ धीरे से बोली- “आप पीजिये हुज़ूर , हम तो आप ही को पी लेंगे.......…”

अब आगे......................................





काका एकदम हड़बड़ा गया और बोला- “जी जी ये आप क्या कह रही हैं?”

बिंदिया निचला होंठ दबा के धीमे से बोली- “आप बहुत भोले-भाले हैं काकाजी, हम तो मजाक कर रहे थे…” बिंदिया ने अपने लिए भी एक जाम बना के काका की तरफ बढ़ाया और बोला- “लीजिये हुज़ूर , और अपना जाम हमें दे दीजिये…”

काका आश्चर्य से- “जी ये तो मेरा झूठा जाम है, मैं आपको कैसे दे सकता हूँ ?”

बिंदिया एक कातिल मुस्कान के साथ- “दीजिये न अपना…” और फिर उसने अपनी बायीं भौंह उठाई और काका की तरफ देखा।

काका तो एकदम सन्न रह गया और एक आज्ञाकारी रोबोट की तरह अपना जाम बिंदिया के जाम से बदल लिया ।

बिंदिया मुश्कुरा के बोली- “ऐसे जाम बदल के पीने से प्रेम बढ़ता है काकाजी, हमरी जौनपुर की मौसी कहती थी। चलिए पीजिये न जल्दी से…”
काका ने धीमे से अपना सर हिला के एक ही सांस में ही वो मोहनी शर्बत अपने कंठ में उतार लिया , उदर में उस रूहानी शरबत के पहुूँचते ही काका को एक अजीब से उन्माद की अनुभीनत हुई और उसने कनखियों से बिंदिया के मोहक लबों की तरफ देखा।

शरबत के कंठ से उतरते ही एक भीनी मादक सुगंध ने नासिका से आत्मा तक काका का सब कुछ महका दिया।

काका की आँखे स्वयं ही बंद होती चली गई, अंग-अंग में एक दिव्य ऊर्जा का आभास होने लगा, काका के निर्मल चित में काम रूपी ज्वाला धधक उठी, उसकी सांसें भारी हो चली, और काका का चेहरा कामरूपी ज्वाला से रक्तिम होकर धधक उठा। काका ने धीरे से आँखे खोल के बिंदिया की तरफ देखा और हल्का सा मुश्कुराया।

बिंदिया ने अपना सुर्ख निचला होंठ अपने मोती रूपी दांतों तले दबा के धीरे से मादक स्वर में पूछा - “क्या हुआ जी?”
“क्या हुआ जी?” इतना सुनते ही काका के हृदय में एक अनबुझी सी प्यास और एक असीम तृप्ति का भाव एक साथ जागने लगा। काका बिंदिया की नशीली आँखों में देखता हुआ बोला- “बिंदिया जी बड़ा अच्छा सा लग रहा, हल्का सा नशा महसूस हो रहा है…”

बिंदिया ने अपनी नशीली आँखों को झपकाते हुये अपनी एक भौंह हल्की सी उठाई, और बड़ी अदा से पूछा - “किस तरह का नशा महसूस कर रहे हैं आप?” और धीरे से काका की पुष्ट जांघ पे अपना एक हाथ रख दिया ।

बिंदिया का कोमल हाथ अपनी जांघ पे महसूस होते ही काका के जिस्म में आतिशबाजी होने लगी, और उसकी सांसें तीव्र गति से चलने लगी। काका की चेतना पर बस बिंदिया का ही अधिकार हो गया और अनायास ही काका ने अपना कंपकंपाता हाथ बिंदिया के हाथ के ऊपर रखकर धीरे से बुदबुदाया- “जी आपका…”

काका के मन में मानव जीवन का असली रहस्य, कामुकता और डर का एक विचित्र मिश्रण हिंडोले ले रहा था। भीतर धोती में काका का लिंग अपनी एकलौती आँख खोल के ताव में आ गया था और उसके तैश के सामने बेचारी धोती का कपड़ा कमजोर पड़ रहा था। काका का लिंग अब मुस्तैदी से उठता हुआ आसमान को सलामी दे रहा था।

काका के हाथ को अपने हाथ पर देखकर बिंदिया के अधरों पर एक रहस्यमय नशीली मुश्कान फैल गई और उसने आगे बढ़ते हुए अपना सर काका के कंधे पर रखकर अपनी आँखे मुंद ली। यह देख एक मीठी सी गजल काका के अंतर्मन में घुलने लगी थी।

बिंदिया का सर अपने काँधे पे देखकर काकाजी के तो टट्टे ही शॉर्ट हो गए, उसकी सांस फूलने लगी और बड़ी मुश्किल से अपनी सांसों पर नियंत्रण पाने की कोशिश करने लगा।

तभी काका की नजर बिंदिया के मोहक चेहरे पर उन उभरे हुए सुखध रक्तिम अधरों पर पड़ी जो हल्के से थरथरा रहे थे। ऐसा लग रहा था की बस अभी शहद टपक पड़ेगा, काका का गला सूख गया और उसके मन मष्तिष्क ने उसका साथ छोड़ दिया था, उसकी नजर उन सुर्ख अधरों से और नीचे बिंदिया की सुराहीदार गर्दन पर आई, गर्दन की हँसुली पर बना एक नन्हा सा तिल काका को चिढ़ा रहा था। काका की नजर और नीचे गई, जंहा दो मतवाले सुंदर उन्नत गुलाबी उरोजों की गहरी घाटी को देखते ही काका सुन्न पड़ गया, जबान तालु से चिपक गई, पूरा शरीर थर
थर कम्पन करने लगा, और काका के लिंग में रक्त संचार तेज गति से होने लगा, काका को लगा उसके लिंग और आंड में विस्फोट हो जायेगा।

बिंदिया को काका के शरीर की कंपकंपाहट महसूस हुई तो उसने अपनी नशीली आँखे खोलकर काका की तरफ देखा और अपने अधर काका की तरफ बढ़ा के मादक स्वर में पूछा - “क्या हुआ काकाजी?” और बिंदिया के हाथ उठकर काका की पीठ पर बांध दिए......

काका को अपने चेहरे पर बिंदिया की गर्म सांसें महसूस हुई और काका की आँखे आनन्द अतिरेक से मुंद गई, एक भीनी मादक सुगंध काका के भीतर उतरती चली गई, काका को लगा वो अब अपनी सुधबुध खो बैठेगा, मन ही मन काका भगवान को याद करने लगा। लेकिन ऐसी स्थिति में आपका मन आपको भटका के फिर से उलझा देता है बस यही हुआ।

काका के अधर स्वयम ही बिंदिया के अधरों से जा मिले, एक रेशमी एहसास अधरों से घुलता हुआ, एक अजीब सी उत्तेजना के साथ काका के शरीर में उतरता चला गया। तभी बाहर आंगन में बादलों की एक तेज घड़घड़ाहट के साथ रिमझिम बारिश का आगमन हुआ मानो आकाश भी काका के साथ खुशी में झूम उठा हो ।

एक तूफान के आने की तैयारी कहें या एक चैतन्य खजुराहो के दर्शन का भाव, काका के अधरों ने बबंददया के अधरों के साथ उसके उन्नत उरोजों की घाटी के पोर-पोर को चूमना शुरू कर दिया ।

बिंदिया के उन्नत उरोजों का हर हिस्सा, एक अमृत कुण्ड में परिवर्तित हो गया। जिसकी मिठास में डूबकर काका स्वयम् को उस समय जगत में सबसे सौभाग्यशाली मनुष्य मान रहा था। पोर-पोर अमृत पान करते हुए जब अधर अचानक उन उरोजों के मध्य में जाकर ठहर गए। एक भीनी मादक सुगंध ने नासिका से आत्मा तक सब कुछ महका दिया । काका की जीभ ने जैसे ही दिव्य घाटी को सपर्श किया ।

एक मीठी सी सिसकारी बिंदिया के होंठों से छूटी और और उसका सारा बदन थरथराने लगा।

यह काका के लिए बहुत ही खास अनुभव था, एक ऐसा सुख जिस पर जीवन न्योछावर किया जा सकता था। कमरे में दो दिलो की धड़कने आपस में एक होड़ सी ले रही प्रतीत हो रही थीं, आनन्द के सागर में डूबे दो प्रेमी युगल धीमी सी गति से गहरी-गहरी सांसें ले रहे थे।

बिंदिया के दोनों कोमल हाथों ने काका के सर को अपने वक्षों के मध्य कसकर जकड़ लिया, काका की जीभ धीरे धीरे उस दिव्य घाटी की गहराइयों को नाप रही थी, गुदाज उरोजों की घाटी से उठती भीनी सी मादक सुगंध ने काका के शरीर में उतरकर उसे चेतना शून्य कर दिया था।

जीवन में अगर स्वर्ग कहीं है तो यही है यहीं है, काका के हाथों ने स्व्यम ही बिंदिया की कोमल बलखाई कमर को आगे बढ़कर अपने नागपाश में जकड़ मलया और धीमे धीमे से कसने लगा।

बिंदिया के अधरों से मादक सिसकारियां निकलने लगी थी- “उम्म्म आह्म्ह… उफ्फ… ओह्म्ह… काकाजी…” बिंदिया की उंगलिया काका के सर के बालों को धीमे धीमे से सहला रही थी, दोनों ही भावावेश में कामरूपी सागर में बह के दूर निकल चले थे। आगामी कामद्वन्द की शुरुआत का आगाज हो चुका था। हवनकुंड में काम अग्नि प्रज्वलित हो चुकी थी।

काका का लिंग एक बिगुल की भांति अपना सर उठाये धोती के अंदर ही गर्जना कर रहा था और मस्ताए घोड़े की तरह यहाँ वहां ऐड़े मारने लगा था। तभी काका ने बिंदिया को अपने हाथों में उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया । काका की आँखे वासना से लाल हो चुकी थीं, और उसने बिंदिया की सुराहीदार गरदन पर अपने जलते अधर पैबस्त कर दिए ।

काका के अधरों का सपर्श पाते ही बिंदिया की गर्दन पीछे की ओर झुक गई और शरीर एक कमान की तरह तनता चला गया, अपने हाथों में मजबूती से थामे हुए काका के हाथ बिंदिया के सुगठित शरीर का जायजा लेने लगे थे,। बिंदिया को अपने कोमल नितम्बो पर काका के घोड़े की ठोंकरों का अहसास हुआ, और वो सिसक उठी- “उफ छोड़ो न काकाजी आपने तो मेरी जान ही निकाल दी…”

पर अब उत्तेजित काका अपने बस में नहीं रहा था और तभी उसने बिंदिया के मुख को अपनी तरफ करके उसके सुर्ख अधरों को अपने अधरों के बीच दबोचकर उनका रसपान करने लगा। कुछ ही पलों में काका का यह बदला हुआ बेबाक रूप देखकर बिंदिया को अपने उन्मुक्त यौवन पे गर्व हुआ और उसकी जीभ लपलपाती हुई काका के मुख में प्रवेश कर गई। काका की आँखे तो आनन्द से पहले ही बन्द थीं, और अब अपने मुख में एक मिश्री सी घुलती महसूस हुई और वो और जोश से बिंदिया की जीभ को चूसने लगा जैसे कोई मिश्री की डली हो।

इधर बिंदिया ने अब कमान अपने हाथ में लेने की सोची और उसने काका के चेहरे को पकड़ते हुए अपनी जीभ से काका की जीभ को छेड़ना शुरू कर दिया, जीवन में इतना सुख पहली बार मिलने पर काका का क्या हाल होगा, आप सोच सकते हैं।

काका के लिंगराज के लिए यह एक कठिन समय था। उसकी गोद में एक अत्यंत कामुक और आकर्षक सुंदरी, आज उसकी गिरफ्त में जो थी। मन पर तो काका ने काबू पा लिया, पर तन का क्या करें? उसका तीखा भाला रूपी लिंग अब ताव में आ गया और उसके तैश के सामने बेचारी बिंदिया के सुडौल मादक ननतंब आगे आ रहे थे। वह उसके बढ़ाव और उफान को अपने से दूर रखने में नाकामयाब हो रही थी।

अतः काका का लिंग उसके नितम्बो को उठाता हुआ आसमान को सलामी दे रहा था। काका के हाथ बिंदिया के नितम्बो की गोलाइयों पर सरपट दौड़ रहे थे, और बिंदिया की जीभ काका के मुख में एक नागिन की भांति लहरा रही थी, काका का तीखा भाला अपनी कैद से मुक्त होना चाह रहा था। इतनी देर से वह अपने आपको संभाले हुए था। काका को डर था कहीं ज्वालामुखी धोती में में ही न बह जाए।

यहाँ पर कविराज मुक्की छैला रसिया गाजियाबादी की एक गजल की एक लाइन पेश कर रहा हूँ -

“बदन-बदन से और लबों से लब मिलते हैं,
बदन बदन से और लबों से लब मिलते हैं,
लोग प्यार में इससे ज्यादा कब मिलते हैं।

ठोंको ताली



क्रमश: .........................................
Bahot behtareen zaberdast shaandaar update bhai
 

Anuj.Sharma

New Member
75
214
33
Bahut hee behtarin… update 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 
  • Like
Reactions: sunoanuj

Anuj.Sharma

New Member
75
214
33
Gajab Ajju bhai ! Kaka ko hara kar dena agle update me ke Keshu ke jalwe bhi thode girao

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷🌷
 
  • Like
Reactions: sunoanuj

sunoanuj

Well-Known Member
3,355
8,948
159
Wah aa gaya naya updates chaa gaye bhai …

👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷🌷
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,355
8,948
159
Mitr waiting for next update…
 
Top