• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Shayari कविता - शायरी - बढ़िया बातें यही हैं। आओ

Carry0

Active Member
573
977
94
खुदगर्ज़ दुनिया में आखिर क्या करें
क्या इन्हीं लोगों से समझौता करें

शहर के कुछ बुत ख़फ़ा हैं इस लिये
चाहते हैं हम उन्हें सजदा करें

चन्द बगुले खा रहे हैं मछलियाँ
झील के बेचारे मालिक क्या करें

तजरूबा एटम का हम ने कर लिया

अहलें दुनिया अब हमें देखा करें
 

Carry0

Active Member
573
977
94
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ

कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ

थक गया मैं करते-करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ

छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा
रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ

आख़री हिचकी तेरे ज़ानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ
 

Carry0

Active Member
573
977
94
न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है
दिया जल रहा है हवा चल रही है

सुकू ही सुकू है खुशी ही खुशी है

तेरा गम सलामत मुझे क्या कमी है
 

Carry0

Active Member
573
977
94
आप की याद आती रही रात भर
चश्मे नम मुस्कुराती रही रात भर

रात भर दर्द की शम्मा जलती रही
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर

बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रात भर

याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी जगमगाती रही रात भर

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर
 

Carry0

Active Member
573
977
94
क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता

तू छोड़ रहा है, तो ख़ता इसमें तेरी क्या
हर शख़्स मेरा साथ, निभा भी नहीं सकता

प्यासे रहे जाते हैं जमाने के सवालात
किसके लिए ज़िन्दा हूँ, बता भी नहीं सकता

वैसे तो एक आँसू ही बहा के मुझे ले जाए
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता
 
Top