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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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SultanTipu40

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अध्याय 20

जैसे जैसे माहोल की गर्मी बढ़ रही थी वैसे वैसे ही मेरा दिल ठंडा पड़ने लगा था , ये डॉ चुतिया ने मेरे साथ क्या खेल शुरू कर दिया था , मुझे अभी तक यही लग रहा था की मेरे अन्डकोशो में दर्द इतने दिनों तक नहीं झरने के कारण हो रहा है, मैं जानता था की ऐसा होता है इसे ब्लू बाल कहा जाता है , लेकिन यंहा तो मामला और भी खतरनाक था ... मैंने ये याद करने की कोशिस की की आखिर ये हुआ कब ??

मुझे याद आया की मैंने कमरे में रखी एक सिंगल माल्ट विस्की पि थी उसके बाद ही मैं गहरी नींद में सो गया था , शायद उसी दौरान मेरा छोटा सा ओपरेशन कर मुझे अंदर कोई डिवाइस फिट करा दी गई हो , जो मेरे तन्तिका तंत्र को कंट्रोल कर रहा था , शयद pudendal nerve के छेड़छाड़ की गयी थी जो की लिंग के उत्तेजित होने के लिए उतरदायी होता है ...

मैं डॉ की ओर भागा और उसके हाथो से वो रिमोट छीन लिया , डॉ हँसने लगा था

“तुम्हे क्या लगता है की ये इकलौता रिमोट मेरे पास है ...”

“ये सब तुम क्यों कर रहे हो ..”

डॉ की आँखों में अचानक से मानो खून उतर आया हो ...

“क्यों....??? जानना चाहते हो क्यों ...तो आओ मेरे साथ “

डॉ इतना कहकर वंहा से निकल गया था

वही मैंने एक बार काजल की ओर देखा वो अब भी मुस्कुराते हुए मुझे देख रही थी , गेम शुरू हो गया था लेकिन काजल के साथ खड़ा आदमी रंजित अभी भी कुछ कर ही नहीं रहा था , दोनों बस बांहों में बान्हे डाले झूम रहे थे जैसे कोई प्यार में डूबे कपल हो , काजल मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी , मुझे उसके चहरे में कही भी कोई शर्म नहीं दिख रही थी ...

मैं काजल को ऐसे नहीं देखना चाहता था , मैं डॉ के पीछे हो लिया , ये मेरे लिए बहुत ही मुशिकल होने वाला था क्योकि मेरा मन का एक कोना अभी भी काजल के साथ होना चाहता था ,ये उत्तेजना थी जलन थी या क्या था जो भी था मेरे अंदर मचल रहा था ...

डॉ के साथ मैं वंहा से निकल गया था , पास ही बने एक केबिन में जाकर डॉ अपने कुर्सी में बैठ गए , उन्होंने एक लिफाफा मेरी ओर फेक दिया ..

“तुमने मुझसे ये छिना है “

मैंने वो लिफाफा उठा लिया , मैंने जब उसे खोला तो मैं देख कर दंग ही रह गया ...

उसमे एक लड़की की तस्वीर थी जो की कोई 18 -19 साल की लग रही थी , गांव की एक लड़की शायद कालेज गोइंग रही हो लेकिन कपडे उसने गाँव के ही पहने थे , मैं उस लडकी अच्छे से पहचानता था ., कैसे नहीं पहचानता अभी अभी तो मैंने उसे बाहर छोड़ा था ..

“काजल “ मेरे लफ्ज जैसे लड़खड़ाने लगे , मैंने डॉ से काजल को छिना है ???

लेकिन कैसे ???

“वो मेरी थी , वो मेरी होने वाली थी , तुम्हारे कारन मैंने उसे खो दिया .. तुम्हारी गद्दारी के कारन ..”

मैं सन्न था आखिर कैसे ???

मैं कुछ पूछ पता उससे पहले ही वंहा रखा एक रेड अलार्म बजने लगा था ..

उसकी आवाज चारो ओर फैलने लगी ..

डॉ ने चौकते हुए वंहा लगे हुए बड़े बड़े टीवी स्क्रीन की ओर देखा , वंहा क्लब के अंदर आते हुए पुलिस दिखाई दी , करीब 40-50 पुलिस वाले अंदर आते दिखे और साथ ही दिखा CBI SP महेश कालेकर , महेश को देखकर इतनी खुसी मुझे अभी तक कभी नहीं मिली थी ..

वंहा रखे स्पीकर से आवाजे आने लगी , पुलिस का रेट पड़ा है ..

डॉ ने मुझे एक बार गुस्से से घुरा तभी वंहा पर जूही आ गयी ..

“महेश पुरे लश्कर के साथ आया है , और यंहा का चप्पा चप्पा ढूंढने के मुड में है , मुझे तो इसमें कबीर का हाथ लग रहा है “

डॉ ने फोन उठाया ,

“सभी को यंहा से निकालो सब बंद करवाओ “

वो इतना बोलकर ही वंहा से निकल गया , जूही ने मुझे अजीब निगाहों से देखा , उसके आँखों में मुझे वो प्यार नहीं दिख रहा था जो मेरे लिए हमेशा दिखाई देता था , वो कुछ गुस्से में लग रही थी ..

वो मुझसे बिना कोई बात किये ही निकल गयी , मैं भी उसके साथ बाहर आ चूका था , बाहर का माहोल अब और भी गर्म होने लगा था , स्टेज में खड़े लोग एक दुसरे के कपडे उतार चुके थे और एक दुसरे के जिस्म में घुलने लगे थे लेकिन अभी तक काजल और रंजित बस एक दुसरे की बांहों में समाये हुए हल्का हल्का डांस कर रहे थे , काजल की नजरे किसी को ढूढ़ रही थी , जैसे ही उसकी नज़रे मुझसे मिली उसके आँखों में चमक आ गयी , और होठो में मुस्कान , लेकिन तभी वंहा अफरा तफरी सी मच गयी थी ..

“सभी लोग अपने कपडे पहने और बाहर जाए , इस तरफ से “

एक आदमी जोरो से चिल्लाने लगा था , उससे पहले की मैं कुछ कर पाता जूही काजल के पास पहुच चुकी थी उसने काजल और उसके साथ खड़े शख्स जिसका नाम रंजित था उससे कुछ कहा दोनों के चहरे का भाव तेजी से बदलने लगा , उनके चहरे में चिंता की लकीरे आने लगी ..

वही जूही मेरे पास आ पहुची थी ..

“काजल को अभी सेफ करना होगा, ये रेट उसे ही पकड़ने के लिए मारी गई है “

जूही ने थोड़े चिंतित स्वर में कहा

“लेकिन क्यों , महेश को उससे क्या काम ??”

“महेश को नहीं बल्कि कबीर को , काजल के पास कुछ ऐसा है जो कबीर को चाहिए “

जूही की बात मेरे सर के उपर से जा रही थी ,

“आखिर काजल के पास ऐसा क्या है ??”

जूही ने मुझे गुस्से से घुर कर देखा

“तुम सवाल बहुत करते हो ये सब तुम्हारे कारण ही हो रहा है , अब सम्हालो महेश को ... जाओ डॉ उससे से बात कर रहे होंगे, जब तक उसे उलझा कर रख सको उलझाओ उसे ताकि काजल को यंहा से निकलने का समय मिल जाए “

मैं और जूही उसी ओर चले गए , वंहा डॉ और महेश के बीच अच्छी खासी बहस चल रही थी , महेश उन्हें समझा रहा था की उसके हाथ बंधे है वो कुछ नहीं कर सकता, उपर से ऑर्डर्स है ...

आखिर 15 मिनट की बहस के बाद डॉ ने महेश को तलाशी की इजाजत दे दी , काजल अब तक कही दूर निकल चुकी होगी , लेकिन मेरे दिमाग में कई सवाल घुमने लगे थे ,

आखिर डॉ काजल को पहले से कैसे जानता था , आखिर मेरे वजह से काजल उससे दूर कैसे हो गई, काजल ने तो कभी उसका जिक्र भी नहीं किया था ...

और ये जूही को क्या हो गया है जो वो मुझे इस तरह से देख रही है ??

महेश लगभग २ घंटे तक तलाशी लेता रहा , लेकिन उसके काम का यंहा उसे कुछ भी नहीं मिलने वाला था ये हम सभी जानते थे ...

आखिर में वो झुंझलाया हुआ डॉ के पास पंहुचा

“काजल कहा है ??”

डॉ के चहरे में एक कामिनी सी मुस्कान आ गयी

“कह देना कबीर से की उसे काजल कभी नहीं मिलने वाली , वो मेरे संरक्षण में है , जो उखाड़ना है उखाड़ ले “

महेश थोडा परेशान दिख रहा था , ऊसने जूही की तरफ देखा और फिर मुझे ..

“तुम दोनों मेरे साथ चलोगे ...”

उसने आदेश देने वाले स्वर में कहा

“ये दोनों कही भी नही जाने वाले “

डॉ थोडा गरजा .. महेश ने जूही की ओर देख कुछ इशारा किया , और जूही डॉ को लेकर थोड़े दूर कुछ बात करने चली गई , डॉ और जूही बात करते हुए बार बार मेरी ओर देखते , मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की अखिर ये हो क्या रहा है ??
महेश मेरे पास ही खड़ा था

“इन दोनों से दूर ही रहा करो , साले अववल दर्जे के कमीने है दोनों “

महेश लगभग फुसफुसाते हुए कहा

“आप कौन से शरीफ है सर , कबीर के लिए काम करते है आप , अंडरवर्ड के लिए , शर्म आनी चाहिए आपको “

महेश मेरी बात सुनकर मुस्कुरा उठा ,

“बेटा मैं किसी के लिए काम नहीं करता, और सबके लिए करता हु , तुम नहीं समझोगे ये पॉलिटिक्स है , यंहा अंडरवर्ड से भी पावरफुल लोग घूम रहे है सबकी बात सुननी पड़ती है , अगर जान ही नहीं रही तो लोगो की सेवा क्या खाक कर पाएंगे “

“तो आप मरने से डरते हो “

मैंने सपाट स्वर में कहा

“अगर मेरे मरने से कोई बदलाव आ जाये तो मर भी जाता, लेकिन मेरे मरने पर भी क्या होना है , हां अगर जिन्दा रहा तो कुछ कर भी सकते है , जैसे आज डॉ के अड्डे में रेट मार लिया , कभी सोचा भी नहीं था की जीवन में ऐसा कभी कर पाउँगा, इतनी पहुच वाला आदमी है ये डॉ , लेकिन कबीर ने ये ऑर्डर लेने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया था , ना जाने कितने लोगो को कितने पैसे खिलाये , कभी मौका मिले तो डॉ के लीये कबीर की ले लेंगे , हम सब महज मोहरे है देव असली खिलाडी हमशे बहुत पावरफुल लोग है , हम उनके खिलाफ नहीं जा सकते ... ये बात जितनी जल्दी समझ लोगे उतना ही बेहतर होगा “

मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा वही जूही और डॉ वापस आ गए थे ,

“ठीक है तुम दोनों को ले जा सकते हो लेकिन कोई पुछ्ताज नहीं “

महेश ने हां में सर हिलाया

महेश ने हम दोनों को अपने साथ एक जिप में बिठाया जबकि बाकि के लोग कई अलग अलग गाडियों से हमशे पहले ही निकल गए ..

हमारी जिप सबसे पीछे चल रही थी , मैं मानसिक और शारीरिक थकान से चूर हो गया था , मैंने अपनी आँखे बंद कर ली थी , जूही ने मुझसे अभी तक कोई भी बात नहीं की थी ना ही महेश और उसका ड्राईवर कुछ बोल रहा था ..

कुछ आधे घंटे हो चुके थे, मैं नींद के आगोश में जा चूका था की गाड़ी के रुकने से मेरी आंखे खुली , मैंने देखा की रात हो चुकी थी और बाहर थोडा अँधेरा भी हो चूका था , सभी लोग बाहर उतरने लगे ..

मैं भी बाहर उतरा

“ये कौन सी जगह है ??”

मैंने चारो ओर देखते हुए कहा , हम शहर के बीच से जंगल में कैसे पहुच गए ,

पास से ही पानी के गिरने की आवाज मुझे साफ साफ सुनाई दे रही थी , शायद पास ही कोई झरना होगा

मेरी बात का किसी ने कोई जवाब नहीं दिया , तभी वंहा एक और गाड़ी आ कर रुकी उसमे से डॉ बाहर आये .. और महेश के हाथो में नोटों की एक गड्डी थमा दिया ..

वो मेरी ओर देखने लगे ,

“तुम्हे क्या लगा की मैं तुम्हे कबीर के हवाले कर दूंगा “

मैं बस उन्हें देख रहा था , ये खेल देख रहा था , महेश ने गड्डी को हाथो से ऐसे तोला जैसे की वो वजन नाप रहा हो

“अच्छा है , चलिए अब मैं चलता हु “

देखते ही देखते महेश और उसका ड्राईवर वंहा से निकल चुके थे , डॉ मेरे पास आया और मेरे कंधे में हाथ रखकर चलने लगा

“आओ तुम्हे एक चीज दिखाता हु “

जूही अब भी शांत थी , वो हम दोनों के पीछे आने लगी , मेरे मन में कुछ अनहोनी की आशंका ने जन्म ले लिया था लेकिन जूही के रहते डॉ मेरे साथ कुछ गलत नहीं कर सकता था , इस बात का मुझे यकीं था ..

हम थोड़े दूर ही चले थे की सामने बहती एक नदी दिखी जो की एक बड़े झरने का रूप ले रही थी , डॉ नदी के किनारे खड़ा होकर निचे की खाई को देख रहा था जन्हा वो नदी गिर रही थी ..

उसने मैं उसके बिलकुल पास ही खड़ा था , वो मुझे वही छोड़ पीछे मुड़ा , जब मैं पीछे मुड़ा तो सामने का द्रृश्य देख कर मैं दंग रह गया ..

जूही मेरे सामने बंदूख ताने खड़ी हुई थी उसकी आँखे लाल थी और चहरा गुस्से से भरा हुआ ...

“क्या हुआ आकृत मिश्रा ऐसे आँखे फाडे क्यों देख रहे हो “

जूही की आवाज का गुस्सा भयानक रूप ले चूका था , उसके मुह से ये नाम सुनकर मेरी रूह ही काँप उठी ..

“जूही ये ..”

मैं कुछ बोलने ही वाला था उससे पहले डॉ बोल उठा

“इसने सब सुन लिया , तुम्हारी हर करतूत अब इसे पता है ...तुम्हे क्या लगा था की तुम इसके दोस्त देव की जान लेकर बच जाओगे “

डॉ ने एक सिगरेट सुलगाते हुए कहा

“मैंने देव को नहीं मारा है , वो महज एक एक्सीडेंट था “

जूही हँसने लगी , उसकी हँसी से भी उसका गुस्सा और दर्द साफ़ साफ़ पता चलता था

“ये भी एक एक्सीडेंट ही होगा , पुलिस द्वारा किया गया एक मुठभेड़ “

जूही ने सर्द स्वर में कहा , वही डॉ बोलने लगा

“ऐसे भी तुम्हे मरना ही था कबीर के लिए महेश तुम्हे मारने वाला था , लेकिन जूही की इक्छा था की वो खुद अपने हाथो से तुम्हे मारे .. तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता की तुम्हे कौन मारता है .. पुलिस के रिकार्ड में काजल अब फरार घोषित हो जाएगी वही तुम्हे भागते हुए मारा गया ये लिख दिया जायेगा, कबीर और महेश मिलकर इस बात को दबा देंगे , किसी को भी तुम्हारी लाश तक नहीं मिलने वाली “

“इतने दिन तक मैं एक बहरूपिये को अपना दोस्त मानती रही , मुझे तो पहले ही समझ जाना था जब से तुमने मुझसे दुरी बनाना शुरू किया , मुझे तभी समझ जाना था लेकिन लगा की एक्सीडेंट के कारन तुम्हे कोई मानसिक आघात पंहुचा होगा, वरना मेरा देव मुझसे दूर नहीं रह सकता था ..”

जूही की आँखों में आंसू आने लगे थे ..

“जूही मैंने तुम्हे हमेशा अपना दोस्त माना है , मैं तुम्हारे लिए वही फिल करता हु जो देव करता होगा , तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो “

“चुप रहो कमीने , तुमने देव के नाम का इस्तमाल किया है महज अपनी असलियत छिपाने के लिए , मेरे देव की लाश तक नहीं मिल पाई उसके घर वालो को वो बेचारे तो तुम्हे ही अपना बेटा समझते रहे ...”

“जूही ये सच है की मैंने अपने फायदे के लिए उस जगह का इस्तमाल किया जो मेरा नहीं था लेकिन सच मानो , जैसे जैसे मैं तुम्हारे और देव के रिश्ते को समझता गया मेरे दिल में तुम्हारे लिए वो स्नेह जागता गया , मैंने तुम्हे और काजल को हमेशा से दिल से प्यार किया है जूही , क्या तुम्हे कभी मेरा प्यार महसूस नहीं हुआ , मैं तो पूरी तरह से देव ही बन चूका हु , अब मैं वो आकृत नहीं रहा जो अपने फायदे के लिए कुछ भी कर जाता था जो ब्लैक कोबरा का मेंबर था , मैं उस असलियत को बहुत पीछे छोड़ आया हु , जूही प्लीज मेरी आँखों में देखो तुम्हे सच्चाई दिख जायेगी ..“

मेरी बात सुनकर डॉ हँसने लगा

“चहरा और नाम बदल लेने से नियत नहीं बदल जाती , तुमने हमराही बनकर देव से दोस्ती की, फिर उसके बारे में अच्छे से जानकार उसका एक्सीडेंट करवा कर उसे जान से मार दिया ताकि तुम उसकी जगह ले सको , यही तुम्हारी नियत रही है कमीने ... तुम्हारे कारण मेरी काजल भी मुझसे दूर हो गयी , सब सहकर बैठा रहा ताकि एक दिन तुम्हे तुम्हारे किये की सजा दे सकू गद्दार “

“मैंने देव को नहीं मारा , हां मैंने उससे दोस्ती की लेकिन उस एक्सीडेंट के बाद मैंने उसे बचाने की बहुत कोशिस की थी , लेकिन वो नहीं बच पाया था , उसकी शक्ल मुझसे बहुत मिलती थी इसलिए मैंने इस मौके का फायदा उठाने की सोची, उस समय मुझे भबी ब्लैक कोबरा से छिप कर रहने की जरुरत थी ,”

मेरी बात सुनकर जूही के हाथ कापने लगे थे ,

‘जूही मेरी बात सुनो ..”

मैं जूही के करीब जाने ही वाला था की ...

धाय धाय ..

दो गोलिया मेरे सीने में जा लगी ..

डॉ ने बहुत तेजी से बंदूख निकाल कर चला दिया था ..

“गद्दार ... जूही इसकी बातो में मत आओ मारो इसे “

जूही ने अपनी आँखे बंद कर ली थी , वो जोरो से रो पड़ी ...

“मेरे प्यारे देव को तुमने बेदर्दी से मार दिया कमीने “

जूही रोते हुए बोली और उसके बंदूख ने गोलियों की बौछार कर दी , मेरा पैर लडखडा गया, उसकी गोलियों से मैं कुछ दूर पीछे हट चूका था, माहोल में बस जूही के दर्दनाक चीखे और बंदूख की गोलियों की आवाज गूंज रही थी ..

मेरा पैर फिसला और मैं लडखडाते हुए उस खाई में गिरने लगा , मेरा शरीर हवा में था जिस्म गोलियों से छलनी था , और आँखों के आगे एक खाली आसमान .............
Superb update sir jee

Ye dev asli ho ya nakali magar mar jayega to maja nahi aayega mujhe lagta hai kajal ko bhi pata hai ye dev nahi hai
 
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Chutiyadr

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Chutiyadr

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romanchak update ..kajal se pyar karta tha doctor ,aur isliye chidh hai dr. ko dev se ..
mahesh ne raid maar di dr. ke adde par wo bhi kabir ke kehne par ,,aur kabir ne bhi upar tak paise khilaye the ye raid complete karne ke liye ..

juhi ko bhi bata diya dev ka sach ki wo aakrut mishra hai ..

aur juhi apne haatho se aakrut ko maarna chahti thi isliye mahesh ko paise khilaye dr. ne aur sumsan jungle me le aaye aakrut ko ..

aisa laga nahi ki aakrut jhooth bol raha hai par dr. ne juhi ko uski baate sunni nahi di aur khud goli maari pehle ..

abhi ye pata nahi chala ki kajal ke paas aisa kya hai jo kabir ko chahiye aur uske liye itne papad bel raha hai kabir 🤔🤔..

waise mahesh ki baat bhi sahi hai ki powerful logo se ulajhke kya fayda ,,jab jaan hi nahi rahi to kya kar payenge ...
mahesh ki baato se sehmat puri tarah 😍😍😍..
dhanywad leon bhai :)
 

Chutiyadr

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कुछ परतें खुलती दिख रही है ।
डॉ और जुही दोनों की नाराज़गी समझ में आई । दोनों अकृत मिश्रा से अपने अपने कारण से खफा हैं ।
जहां डॉ उससे इसलिए खफा है कि सबसे पहले तो उसने उसके नाम का गलत इस्तेमाल किया । उसके नाम से गंदी गंदी कहानियां लिखी । समाज में बदनाम किया । फिर उसकी चाहत काजल को उससे हमेशा के लिए दुर कर दिया ।
जुही उससे इसलिए खफा है कि वो उसके प्रेमी देव का कातिल है ।
पर दोनों ही गलतफहमी के शिकार लगते हैं । और इसी गलतफहमी के कारण जुही ने उस पर गोली चला दी ।

इसके पहले यह भी समझ में आया कि गैंगस्टर कबीर और सी बी आई आफिसर महेश कालेकर दोनों एक-दूसरे से मिले हुए हैं । दोनों की आपस में सांठ गांठ है ।

डॉ ने अपने पैसे के बल पर खुद को महेश से बचा लिया और साथ में ही काजल को एक बार फिर से अंडर ग्राउंड कर दिया ।

बहुत कुछ क्लियर हुआ । अब देखना है अकृत मिश्रा कैसे खुद को गैंगस्टर कबीर और भ्रष्ट पुलिस आफिसर महेश कालेकर से बचा पाता है । इसके अलावा उसके दो और दुश्मन डॉ और जुही भी है । फिलहाल तो वो खाई में मौत और जिन्दगी के बीच जंग लड़ रहा है । बहुत ही विकट और कठिन परिस्थितियां है उसके लिए ।

आउटस्टैंडिंग और अमेजिंग अपडेट डॉ साहब ।
dhanywad sanju bhai :)
 

Chutiyadr

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lo ji kar lo baat.... matlab dev ka kissa khatam.... :roflol: matlab story bhi khatam
itani jaldi kaise :hint:
Ek vikas ne pyar kiya Kajal se usse shaadi ki to cuckold bana, beaulad raha jindagi bhar, beijjat hua, chutiya bana baar baar lagatar so alag :D
Ek dev ne pyar kiya Kajal se, phir shaadi ki usse to, cuckold banne ke sath sath kutta bhi bana Kajal, sabnam aur thakur ka talwa chaatne wala.... insects lober bana so alag...

ab ye dev 2.0 :roflol: chutiya bana, phir dhokha hua,adha adhura cuckold bhi bana... aur ant jaan hi chali gayi us haaraman Kajal ki chakkar mein...
Isse pata lage ki Kajal kis level ki hai :roflol:
:lol1:
is mamle har baari us Kajal ka barabar sath diya wo Dr chunnilal :lol:
Waise ek sawal hai... Ye dev Kajal se tabhi taalak kyun nahi de diya jab ushe pata chala ki Kajal kayi logo ke sath hawas ka khel, khel chuki hai.. :D
agar pehle hi Kajal se taalak le leta to ye din dekhne ko nahi milta :D
ab us bechare ko thodi na pta tha ki itna kand ho jayega warna shadi hi nahi karta :lol1:
dhanywad naina ji
 

Chutiyadr

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lol another curious turn in story

abhi kahni aage chal kar dev asli dev na nikal jaye ?
:lol1: ho bhi sakta hai sar hi :D
lekin nahi hoga kyoki story bigad jayegi usse
 
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