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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Studxyz

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डॉ साब कहानी का भंग भोसडा कर के कहां गायब हो जब नयी कहानी चालू करते हो काजल हीरोइन के नाम की ऊँगली कर के सब को बुलावा भिजवा देते हो और बाद में फिर वही काजल के कारनामे यहाँ भी साली पति को दिखा दिखा के चुदाई करवा रही थी

और अब ये कबीले का भंग भोसडा ले आये हो ऊपर से साली वो बुड्ढे ने किताब और दे दी पढने को जिसे पढ़ने में गांडु इंस्पेक्टर ना जाने कितने अपडेट खा जायेगा ?
 

Darkk Soul

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अध्याय 21

ऐसा लगा जैसे कोई भयानक सपना देखा हो , मैं डरकर उठ कर बैठ चूका था , सांसे तेज थी , दिल भी जोरो से धडक रहा था , मैंने अपने आसपास देखा , मैं एक झोपड़े में था बाहर से हलकी धुप छनकर एक छोटी सी खिड़की के जरिये आ रही थी , मौसम में थोड़ी ठंडक सी महसूस हो रही थी ..

मेरा पूरा बदन दर्द दे रहा था, जगह जगह पर घाव थे , मुझे कुछ भी याद नहीं की मैं यंहा कैसे आ गया ...

ये कौन सी जगह थी ...??

मैंने उठने की कोशिस की लेकिन मेरे पैरो में जैसे ताकत ही नही हो ...

तभी उस कमरे में एक लड़की आई ...

कोई 16-17 साल की लड़की थी ..

किसी यूरोपियन जैसी गोरी और पतली दुबली उस लड़की को देख कर मैं चौक गया , आखिर मैं हु कहा , उसने कपडे के नाम पर कुछ चिथड़े पहन रखे थे , आँखे नीली और एक धनुष बाण लटका रखा था , साथ ही उसके पास एक छोटी सी तलवार भी थी ..

“तुम... तुम कौन हो ??”

मैंने लडखडाते हुए स्वर में कहा

“नो बॉडी ...”

“मतलब ... “

“मतलब मैं कोई नहीं “

मैं आश्चर्य से उसे देखने लगा की ये आखिर है कौन ..

तभी वंहा एक और बुढा आदमी आया , हाथ में एक बड़ी सी लकड़ी थी ये भी यूरोपियन ही लग रहा था ..

“आखिर तुम्हे होश आ ही गया “

वो अजीब सी मुस्कान के साथ मुस्कुराया , उसके पुरे दांत ही सड़े हुए थे ..

“मैं .. मैं कहा हु , और कितने दिनों से बेहोस हु “

“शांत हो जाओ बच्चे इतनी गोलिया खाने के बाद भी तुम जिन्दा हो यही सबसे बड़ा चमत्कार है ...”

उसकी भाषा सुनकर लग रहा था की मैं अपने क्षेत्र में ही कही हु , उसकी जुबान बिलकुल साफ़ थी , भारतीय लोगो की तरह वो साफ़ हिंदी बोल पा रहा था ..

“मुझे बचाने के लिए धन्यवाद् “

मैंने बहुत ही कृतज्ञता से उससे कहा

“हम्म आर्या जाओ इसके लिए पानी लाओ “

उस बुजुर्ग ने उस लड़की को कहा जो की अभी भी मुझे खा जाने वाली निगाह से घुर रही थी ..

“इससे डरो नहीं ये आर्या है , आर्या स्टार्क .. थोड़ी अजीब है लेकिन प्यारी है, क्या करे बिन माँ बाप की बच्ची जो है “

बुढा वही बैठ गया, और अपने साथ लाये झोले में कुछ् ढूढने लगा ..

“मैंने तो बस एक प्रयोग किया था तुम्हारे उपर वो सफल हो गया, मुझे नहीं पता था की ये दवा इतनी कारगर होगी , लिख लेता हु इसके बारे में “

बोलते हुए उसने कुछ पोथी जैसा निकला और उसमे कुछ लिखने लगा ..

“मैं कहा हु और आप लोग कौन है “

“मैं हु गैरी , यंहा का वैद्य ... तुम अभी नागालैंड के जंगलो में हो , यंहा के बम्चिंग काबिले में ...”

“लेकिन आप सभी यूरोपियन जैसे क्यों लग रहे हो “

मैंने अपना एक शक दूर करने के लिए कहा जिसपर वो हँस पड़ा

“मैं एक रिसर्चर था , आयुर्वेद में रिसर्च करते हुए मैं इंग्लेंड से भारत आया था , कोई 40 साल पहले की बात है , कुछ ढूढ़ते हुए मैं नागालैंड पहुच गया , इस बम्चिंग काबिले में , यंहा मुखिया की बेटी से मुझे प्यार हो गया और मैं यही बस गया ... उसके बाद से यही हु , मेरे बच्चे भी यही बड़े हुए आर्या की माँ मेरी बेटी थी , बिलकुल ऐसे ही दिखती थी , लेकिन आर्या के जन्म के समय उसका देहांत हो गया ... तब आर्या के पिता बम्बादु को इस काबिले का सरदार बनाया गया और उसने अपनी बहन बम्बादा से दूसरी शादी कर ली “

“ऐसे आपकी हिंदी बड़ी अच्छी है “

वो हँस पड़ा

“हां मैं यंहा बहुत सी पुस्तके पढता रहता हु ... मैं और आर्या ही इस काबिले में दो पढ़े लिखे लोग है , मैंने उसे एक पुस्तक गेम ऑफ़ थ्रोन पढने को दी थी उसे जब से ये पढ़ी तब से पगला गयी है , खुद का नाम आर्य से आर्या स्टार्क कर लिया है , खुद को नो बॉडी बोलती है “

मुझे मेरे पसंदीदा वेब सीरिज गेम ऑफ़ थ्रोन की याद आ गई जो की उसी पुस्तक पर बेस थी ..

“हां ये आर्य स्टार्क की तरह दिखती भी है “

“दिखती ही नहीं वैसे ही थोड़ी सरकी हुई भी है , तलवार बाजी और धनुष बाण चलाने में पारंगत , यंहा की भाषा के साथ साथ इटालियन ,इंग्लिस और हिंदी भी बोल लेटी है , यंहा इसके कोई दोस्त नहीं बने इसलिए इसने अपना पूरा समय मेरे साथ किताब पढ़ते बिताया या फिर अपने पिता के साथ युद्ध कला और शिकार करना सीखने में , अब वही उसके और मेरे गले की फांस बन गया है “

“कैसे ??”

मेरी उत्सुकता इस केरेक्टर्स को जानने की बढ़ रही थी

“इस काबिले के नियमो के अनुसार सम्भोग के लिए या तो लड़का लड़की खुद एक दुसरे को पसंद कर सकते है या फिर लड़का , लड़की को और उसके उपर दावा करने वालो को युद्ध में हरा कर उसे जीत सकता है , दिक्कत ये है की आर्या पर दावा करने वाले भी इसे नहीं हरा पाते , इसलिए बेचारी अभी तक कुवारी ही है , और ना ही ये किसी को पसंद ही करती है ..”

गैरी का मुह थोडा छोटा हो गया था जैसे बहुत ही दुखी हो गया हो ...

“ओह लेकिन इसमें दुःख की क्या बात है अभी तो ये बहुत छोटी है “

गैरी ने मुझे घूरते हुए देखा

“ये तुम्हारा समाज नहीं है जन्हा शादिया लेट से होती है , यंहा पर शादिया नहीं होती पहले जी भर कर सम्भोग किया जाता है जिस्म की वासना दूर होने पर भी अगर किसी को किसी के साथ जीवन भर रहना है तो शादी कर लेते है , ऐसे भी लडकियों का जिस्म पुरुषो के मुकाबले पहले ही परिपक्व हो जाता है , और आर्या के उम्र की लडकिया तो माँ तक बन गयी है , लकिन मेरी आर्य बेचारी अभी भी कुवारी ही है “

“हम्म”

“मुझे यंहा एक लड़का पसंद आया है आर्या के लिए , आगे चल कर वो सरदार भी बन सकता है,समझदार है और ताकतवर भी , क्यों ना तुम उसे लड़ना सिखाओ , ताकि वो आर्या को जीत सके “

“मैं ???”

मैं थोडा चौक गया

“हां तुम तो ब्लैक कोबरा के सदस्य हो तुम्हे तो अच्छे से लड़ना आता होगा , “

इस जगल में रहने वाले बूढ़े व्यक्ति के मुह से ब्लैक कोबरा का नाम सुनकर मैं थोडा चोका भी और थोडा घबरा भी गया

मुझे शांत देख कर वो फिर से बोला

“देखो मैं जंगल में जरुर रहा हु लेकिन इंग्लॅण्ड और यंहा भी मेरे कई दोस्त थे जो इस समूह के सदस्य थे ,और मैं तुम्हारे सीने में बने इस निशान को अच्छे से पहचानता हु , तुम्हारे समूह के प्रतिष्ठित डॉ चुतिया तो मेरे दोस्त ही थे , मैं उनसे मिलने जाया करता और अपने कई कामो के लिए वो यंहा भी आते थे “

डॉ चुतिया का नाम सुनकर मेरे माथे में पसीना आने लगा था , साला ये आदमी हर जगह पहुच जाता है ...

“डॉ चुतिया .... लेकिन वो आपके दोस्त कैसे हो सकते है , वो तो अभी जवान ही है , मेरे ही उम्र के आसपास “

गैरी हँसने लगा

“लगता है तुम्हे ब्लैक कोबरा का इतिहास नहीं मालूम , इसका मतलब है की तुम इस समूह के नए सदस्य हो , जब सदस्य समूह के कामो में 5 साल का वक्त पूरा कर ले तब ही उसे पूरा इतिहास बताया जाता है ... “

मैंने उसे ध्यान से देखा इस आदमी ने मेरी जान बचाई थी और अब मैं और झूठ के साथ जीवन नहीं बिता सकता था , मेरे झूठ के कारण आज मेरी ये दशा हो चुकी थी

“मैं एक गद्दार हु ,मैंने ब्लैक कोबरा बहुत पहले ही छोड़ दिया है , और मुझे डॉ चुतिया ने ही गोली मारी “

मैंने स्वाभाविक भाव से कह दिया लेकिन मेरी बात सुनकर गैरी घबरा गया था , उसमे चहरे में डर और आश्चर्य साफ़ दिखाई दे रहे थे ...

“एक गद्दार इतने दिन जिन्दा कैसे रह सकता है ...तुम्हे मारा क्यों नहीं गया ??”

“मुझे नहीं पता शायद उन्हें मुझे मारने से ज्यादा तडफाने में मजा आया हो “

“नहीं जरुर कोई दूसरी बात रही होगी ... खैर यंहा अगर तुमसे कोई पूछे की तुम कौन हो वो बोल देना की तुम डॉ साहब के दोस्त हो , वरना यंहा बाहर से किसी के आने पर पाबन्दी है , मैंने तुम्हे ये निशान देखने के कारन ही बचाने की कोशिस की थी , डॉ चुतिया ने एक बार सरदार बम्बादु की माँ को चीनी आतंकियों से बचाया था, मैंने उसे यही कहा है तुम भी कह देना , अब तुम मेरे साथ रहो और उस लड़के वांगु को लड़ना सिखाओ ताकि वो आर्य को जीत सके ...”

मेरे पास कोई चारा भी तो नहीं था ऐसे भी मेरी हालत अभी ऐसी नहीं थी की मैं फिर से जाकर उन लोगो से भीड़ जाऊ , शायद ये जगह और गैरी का अनुभव मेरी कुछ मदद कर पाए

“गैरी मुझे ब्लैक कोबरा का इतिहास जानना है , क्या तुम इस बारे में कुछ जानते हो “

उसने अपना सर हिलाया

“मेरे पास एक पुरानी किताब है जिसमे ब्लैक कोबरा के बनने की कहानी है , कोई 1000 साल पहले इसे लिखा गया था , ब्राम्ही लिपि में इसे लिखा गया है , पाली भाषा का उपयोग किया गया है , इसके कारण इसे पढने और समझने वाले कम ही लोग इस दुनिया में है , इसके बाद इसका अनुवाद किया गया संस्कृत में देवनागरी लिपि के साथ , लेकिन वो बस सदस्यों को ही दी गई , उसके बाद अनेक भाषाओ में और कई लिपियों में इसका अनुवाद किया गया “

“पाली भाषा , ब्राम्ही लिपि .. ये तो भगवन बुद्ध के समय बोली जाने वाली भाषा है , सम्राट अशोक के समय ये सबसे प्रचलन में थी , उत्तर भारत की भाषा, तो क्या ब्लैक कोबरा इतना पुराना है ?? “

“हां पहले इसे श्याम सर्प कहा जाता था , सर्प की पूजा हर समाज में सदियों से की जाती रही है , उनका निवास पाताल बताया जाता था , और पताला शैतानो या राक्षसों का भी निवास बताया जाता था , बहुत पहले एक छोटे से समूह के रूप में इसका गठन हुआ था , बाद में ये बढ़ते बढ़ते एक विश्व भर में फैले समूह का रूप ले चूका है , इन्हें लगता है की ये दुनिया की भलाई करते है , लेकिन काम गुप्त रूप से करते है , अंग्रेजो के भारत आने के बाद सन 1885 के करीब इसका नाम ब्लैक कोबरा रखा गया ,ताकि विदेशो में भी इसे आसानी से फैलाया जा सके , अब से यही नाम प्रचलित है ... रुको मैं वो पुस्तक लाता हु “

गैरी उठने लगा था

“आपको वो पुस्तक किसने दी ??”

“डॉ चुतिया ने , ऐसे भी अब उस पुस्तक का कोई महत्व ही नहीं है क्योकि उसे समझने वाले ही कोई नहीं है और उसका कई अनुवाद दूसरी भाषाओ में भी उपलब्ध है , मैं पाली भाषा और ब्राम्ही लिपि को सिख रहा था तब उन्होंने मुझे इसे पढने के लिए दिया था , कहा था की कहानी की किताब है , मुझे भी पहले ये कहानिया ही लगती थी लेकिन धीरे धिरे समझ आने लगा की ये कहानी नहीं इतिहास है , उस गुप्त समूह का इतिहास ..

मुझे नहीं लगा था की जीवन में ये किताब कभी मेरे काम भी आएगी , चलो मरने से पहले इसका कुछ तो उपयोग होगा “

गैरी के चहरे में एक मुस्कान थी

“लेकिन गैरी मुझे अभी तक समझ नहीं आया की डॉ चुतिया से तुम्हारा इतना लगाव कैसे हो गया , जबकि तुम्हारी जवानी में तो वो पैदा भी नहीं हुआ होगा “

गैरी हँसा

“डॉ चुतिया कोई आदमी नहीं एक पद है , जैसे राजा कोई व्यक्ति नहीं होता , मंत्री या कलेक्टर कोई व्यक्ति नहीं पद होते है वैसे ही इस समूह में राजा के सबसे करीबी सलाहकार को डॉ चुतिया कहा जाता है , शायद हमारे मित्र की मौत के बाद कोई दूसरा व्यक्ति डॉ चुतिया बन चूका है “

मैं जितना चीजो को समझने की कोशिस कर रहा था उतना ही मुझे और जानने की इक्छा हो रही थी ...

“तो कोई राजा भी है ???”

मेरी बात सुनकर गैरी मुस्कुराया

“वो पुस्तक तुम्हे सब बताएगी ...”

इतना बोलकर वो वंहा से निकल गया ..

मैंने फिर उठने की कोशिस की लेकिन शरीर में अभी भी बहुत दर्द था ..

तभी एक लगभग 22 साल का लड़का वंहा आया , आते ही उसने मेरे पैर पकड लिए

“गुरूजी मुझे सिखाओ लड़ना, मैं आर्या को चोद चाहता “

उसने टूटी फूटी इंग्लिस में कहा , भोसड़ीवाला सिर्फ लड़की चोदने के लिए लड़ना सीखना चाहता था

“तुम वांग हो ??”

उसने अपना सर हां में हिलाया , मैंने उससे ध्यान से देखा , जवान और गठा हुआ मांसल शरीर , चहरे में अजीब सी काली रेखाए खिंच रखा था , और पत्ते की एक लंगोट पहने घूम रहा था , उसके शरीर की बनावट और चाल ढाल से तो वो पक्का जंगली शिकारी लग रहा था , उसकी भुजाओ और मांसल शरीर को देखकर ही उसके बल का अंदाजा लग जाता , आखिर मैं इस आदमी को कैसे लड़ना सिखाता , ये तो खुद ही बहुत ताकतवर लग रहा था ..

मुझे आश्चर्य हुआ की वो छोटी सी दिखने वाली आर्या ने इस गबरू को कैसे हरा दिया ??

जो भी मुझे अभी कुछ महीने यही रहना था तो इन लोगो को अपना बना कर रखना ही मेरे लिए उचित था .........

“ठीक है सिखाऊंगा पहले मुझे थोडा ठीक तो होने दो “

“जी गुरूजी “

वांग ने अपना सर मेरे पैरो में रख दिया और वंहा से निकल गया , उसकी हरकते देखकर मेरे होठो में अनायास ही मुस्कान आ गई थी ......


“गुरूजी मुझे सिखाओ लड़ना, मैं आर्या को चोद चाहता “

उसने टूटी फूटी इंग्लिस में कहा , भोसड़ीवाला सिर्फ लड़की चोदने के लिए लड़ना सीखना चाहता था



🤣🤣😂😂😂😂
 

Tiger 786

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अध्याय १
रात का अँधेरा छा गया था , सन्नाटे में केवल गाडियों की आवाजे ही आ रही थी , एक अँधेरी गली में कुछ कुत्ते अपसगुन का संकेत देते हुए रो रहे थे , ये बदनाम गलिया थी जो शाम होते ही रोशन हो जाती थी लेकिन इनकी रोशनी में भी एक अँधेरा था , रात का एक पहर बीत चूका था और अब इन गलियों में या तो कुत्ते घुमा करते थे या इन्सान के भेष में कुत्तो की जिंदगी जीने वाले , कुछ शराबी लड्खाते दिख जाया करते तो कही जिस्म की हवस मिटाते कुछ तथाकथित अमीर लोग ..

अधिकतर ये गलिया पीछे के रास्तो में खुलती थी जन्हा आगे के रास्तो में जगमगाते क्लब हुआ करते , जन्हा शराब और शबाब की भरपूर नुमाइश हुआ करती और जब शराब के नशे में चूर कोई अपने अंदर के शैतान को तृप्त करने की ख्वाहिश करता तो पीछे के दरवाजे से उन अँधेरी गलियों में आ जाता जो शैतान की गली थी ...

शहर के जगमगाहट और कोलाहल से दूर या कहे उसी कोलाहल का दूसरा स्वरुप ..

ऐसे ही एक गली में एक शराबी, नशे में धुत एक लड़की के जिस्म से खेल रहा था , अभी अभी शोर शराबे से भरे क्लब में उस लड़की ने उस अमीर कहे जाने वाले इन्सान को लुभाया था जो रोज ही यंहा नए नए हुस्न की खोज में आ जाता , और वो आज उसके नसीब में वो लड़की आई थी जिसके सपने वो कई दिनों से देख रहा था , वो नशीली थी , भरपूर शरीर के साथ मादकता जैसे उसके अंग अंग से टपकती थी , चेहरे में एक अजब का आकर्षण फैला हुआ था , उस शराबी ने उससे उचे दाम में सोदा किया था लेकिन आज वो भी हैरान था की जिस लकड़ी के लिए वो इतना तरसा है उसने आज उसे सामने से ऑफर दिया, अब वो दोनों पीछे की गली में अपनी ही मस्ती में डूबे हुए थे , वो लड़का कमसिन जवानी के खिलते यौवन को मसलने में बेताब था , और पूरी शिद्दत से यौवन के उभार को मसल रहा था , साथ ही साथ वो उसे दीवार से लगाये हुए उसके गले और होंठों को चूम रहा था ,

लेकिन वो लड़की....?

उसकी नजर दूर लगे एक होल्डिंग पर थी जिसमे एक बड़ी सी तस्वीर लगी थी , तस्वीर देश के सबसे मशहूर अदाकार में से एक की , उस अदाकार के हसते हुए चेहरे को देखकर उस लड़की की आँखों में आग जैसे उतरने लगता , लेकिन आखो का आग चेहरे में आई एक कातिल मुस्कान के आगे फीकी लगने लगती , उस लड़की की मनोदशा को समझ पाना किसी के लिए भी मुश्किल था , होंठों में मुस्कान और आँखों में आग , उसने उस लड़के को जोरो से अपनी ओर खिंच लिया ...

“अब अंदर भी कर दे बहुत प्यासी हु “

लड़की की मादक आवाज सुन लड़का जोश से भर गया और तुरंत ही लड़की के स्कर्ट को उपर उठा कर उसकी योनी को कपड़ो के परदे से आजाद कर दिया , अपने लिंग को सहलाते हुए उसने कोमल योनि की दीवार से रगड़ते हुए प्रवेश करवा दिया ..

“आह कितनी गर्म है तू चांदनी , कितने दिनों से इन्तजार कर रहा था “

धक्के लगाते हुए वो लड़का जैसे स्वर्ग की सैर करने लगा था वही वो लड़की जिसका नाम चांदनी था और काम जिस्म बेचना, वो बस आँखों में आग लिए उस बड़े बेनर को देख रही थी जिसपर उस अदाकार की फोटो थी , साथ ही साथ चांदनी के चेहरे में एक अजीब सी मुस्कान भी फैली हुई थी , वो मुस्कान आम मुस्कान नहीं थी उसमे गुस्सा था , दर्द था, बेचैनी भी, लेकिन एक सुकून भी फैला हुआ था , अचानक वो हँस पड़ी , वो लड़का थोड़े अचरज से उसे देखने लगा

“क्या हुआ ..??”

“कुछ नहीं तुम करते रहो “ चांदनी ने मुस्कुराते हुए कहा ,किसी के लिंग का उसकी योनी में आना जाना बड़ी सामान्य सी बात थी लेकिन आज उसे इसमें बहुत मजा आ रहा था .......



इधर

घने खुले हुए बाल थे लेकिन सर में पुलिस की टोपी पहन रखी थी , माथे में लाल लेकिन छोटी सी बिंदी चमक रही थी , वो पुलिस की ड्रेस वाली शर्ट पहने हुए थी और कंधे में 3 स्टार लगा हुआ था , शर्ट के दो बटन उपर से खुले हुए थे जिससे उसके उन्नत और पुष्ट वक्ष झांकते हुए प्रतीत हो रहे थे , मैं मंत्रमुग्ध हुए बस उसे निहारे जा रहा था उसके होंठों में एक कातिलाना मुस्कान थी और हाथो में पुलिसिया डंडा ....

उसने आखिर अपने चहरे में गुस्सा लाते हुए मुझसे कहा

“इस गुस्ताखी की आपको क्या सजा दी जाये मिस्टर देव “

“मेडम मुझे छोड़ दीजिए मैंने कोई बड़ी गलती नहीं की है “

“अच्छा तो इसे तुम छोटी गलती समझते हो , सजा तो तुम्हे मिलेगी वो भी अभी “

उसने दुसरे हाथ में एक हथकड़ी पकड़ ली

“नहीं प्लीज मुझे हथकड़ी मत लगाइए “

मैंने खुद को सिकोड़ते हुए कहा

“अरे ऐसे कैसे नहीं लगाऊ अगर भाग गए तो “

उसने मेरे हाथो में हथकड़ी लगा दी और मेरे हाथ बिस्तर से बांध दिया ,

जी हाँ सही पढा आपने , बिस्तर से

वो बिस्तर में चढ़ गयी और अपने पैर मेरे सीने में रख दिया

“अब तो सजा मिलेगी देव बाबु “

उसके गोरे पैरो में एक पायल थी और नजर उठाने पर मुझे उसकी लाल पेंटी भी साफ साफ दिखने लगी , उसने केवल एक शर्ट पहन रखी थी , पुलिसिया शर्ट

वो अपने पैरो को मेरे सीने में मसलने लगी थी , उसके कोमल पैर मेरे सीने में उगे घने बालो पर रगड़ खा रहे थे, वो मेरी आँखों में देख मुस्कुराते हुए अपनी पेंटी को धीरे धीरे उतरने लगी ,

शादी को एक साल हो चुके थे लेकिन मैं अब भी इसकी हरकतों से आश्चर्य में भर जाता , इसकी अदाओ का दीवाना हो जाता , ये थी मेरी मस्तीखोर , चुलबुली और मेरे दिल की धड़कन ...

मेरी बीवी काजल

मेरे हाथ बिस्तर से बंधे हुए थे, वो झुककर मेरे होंठों में अपने होंठों को डाल चूसने लगी , मेरे सीने में अपने नर्म होंठों को चलाने लगी , उसके होंठों का स्पंदन पाकर मैं गुदगुदी से मचल जाता था और मेरा यु मचलना उसकी निर्दोष खिलखिलाहट का सबब बनता ,

आज उसका दिन था वो जैसे चाहे वैसे मुझसे खेल रही थी , उसने चूम चूम कर मेरे पुरे चहरे को गिला कर दिया था अब वो धीरे धीरे मेरे कपडे भी निकलने लगी ,

मैं कुछ ही देर में नग्न था ,मेरा लिंग किसी सांप की तरह फुंकार मार रहा था

उसने हलके हाथो से मेरे लिंग को छुवा

“क्यों मिस्टर देव सजा कैसी लगी “

“ओओह डार्लिंग “ उत्तेजना में मेरे मुह से निकल गया

उसने तुरंत ही मेरे मुह को दबा दिया

“डार्लिंग नहीं मेडम “

“सॉरी मेडम जी “

“गुड ‘

वो मुस्कुराते हुए मेरे लिंग तक अपने होंठों को ले गयी और एक ही झटके में उसे अपने मुह में ले लिया

“आआअह्हह्हह्ह “

मैं मजे में सिस्कारिया ले रहा था

उसने शरारत से अपने दांतों को हलके से मेरे लिंग में गडा दिया

“आआअह्हह्हह काजल प्लीज”

मैं मीठे दर्द से उछल गया था

वो खिलखिलाकर कर हँसाने लगी

“जब मेरी बेचारी मुनिया (उसकी योनि जिसे प्यार से वो मुनिया कहती थी और मेरे लिंग को बाबू ) को चाट चाट कर दांतों से खा जाते हो तब तो ये दर्द याद नहीं आता तुम्हे “

वो फिर से मेरे लिंग की उपर की चमड़ी को हटाते हुए अपने हलके दांतों से उस संवेदनशील जगह को कुरेदने लगी , मैं हल्के दर्द और मजे में पागल हुआ जा रहा था उसने अपने गिले होंठों को बड़ी ही खूबी से मेरे लिंग में चलाना शुरू कर दिया , मैं उत्तेजना में बेचैन हो रहा था , मैं उसके बालो को पकड़ना चाहता था लेकिन मैं मजबूर था मेरे हाथ बिस्तर से बंधे हुए थे , अब मेरा खुद में काबू रख सकना भी मुश्किल हो रहा था , मैं झाड़ने के करीब आ चूका था ..

“काजल नहीं बेबी “ मैं उसे रोकना तो नहीं चाहता था लेकिन फिर भी मेरे मुह से ये निकल रहा था , काजल मेरे हालत को बखूबी समझती थी और वो उसका मजा भी ले रही थी ..

उसने तेजी से मुह चलाना शुरू कर दिया , उसके दांत भी कभी कभी मेरे संवेदनशील जगह पर लग जाते तो मेरे मुह से सिसकियाँ ही निकल जाती ..

मैं खुद को सम्हाल नहीं पाया और अपना गर्म लावा उसके मुह में ही छोड़ने लगा , उसने भी खुद को रोका नहीं और मेरे लिंग से मेरा पूरा वीर्य निचोड़ कर अपने गले से नीचे उतारने लगी ...

मैं वही ढेर हो चूका था और गहरी सांसे लेता हुआ लेटा था ..

“मजा आया “

उसने मेरे गालो को सहलाते हुए कहा

“बहुत ज्यादा “ मैंने अपना मुह उसकी तरफ कर दिया वो मेरे होंठों में अपने होंठों को डालकर चूसने लगी थी ........

उसकी गर्म सांसे मेरे सांसो से टकरा रही थी उसके कोमल होंठों को चूसने से मेरा लिंग भी धीरे धीरे अपना आकार बढ़ाने लगा था जिसे देखकर वो हँस पड़ी

‘बाबु फिर से जाग रहा है “ उसने खिलखिलाते हुए कहा

“हाँ लेकिन इस बार अपनी मुनिया से मिलना चाहता है “ मैंने हलके से उसके कानो में कह दिया

वो मुस्कुराते हुए खड़ी हुई और अपना शर्ट उतार कर रख दिया , वो मेरी वर्दी थी जिसे वो अभी तक पहने हुए थी , वो फिर से मेरे सीने में पैर रखकर अपनी कमर मटकाने लगी , वो पूर्ण नग्न थी और उसका संगमरमर सा जिस्म मेरे आँखों के आगे खेलने लगा था , उसके जिस्म का हर कटाव शानदार था , वो तो खुद ही शानदार थी ..उसका नर्म मलाईदार , गद्देदार पिछवाडा मेरे सामने था , मैं उसकी नरमी और गर्मी के अहसास को प्राप्त करने के लिए मचल उठा था ,

उसके उभरे हुए वक्ष किसी पहाड़ से अपना सर उठाये हुए मुझे उन्हें मुह में भरने को लालायित कर रहे थे ,वही उसके जन्घो के बीच की मांस की दरार बार बार मेरा ध्यान खिंच रही थी , वो अपनी कमर मटकाने लगी जिससे उसके शानदार उठे हुए नितंभ मेरे सामने बलखाने लगे थे ..

“अब मत तड़फाओ अपने बाबु को ,बाबु मुनिया से मिलने को बेचैन हुआ जा रहा है “

मैं मचलने लगा था मेरा लिंग भी फुंकार मार कर बार बार उपर निचे हो रहा था , वो मादकता से मुस्कुराते हुए बिना कुछ बोले ही मेरे लिंग को अपने हाथो में लेकर उसे अपनी मंजिल तक पहुचने लगी , मेरा लिंग उसके योनी से मिलकर ही जान गया की योनी पूर्ण रूप से गर्म हो चुकी है और आसानी से उस गर्म और चिपचिपे द्रव्य से भरी हुई योनी में मेरा अकड़ा हुआ लिंग सरकने लगा ..

हम दोनों ही उस अहसास में खो रहे थे जो चमड़ीयो के इस मिलन से हमें मिल रहा था , कहने को मात्र ये चमड़ी का मिलन ही था लेकिन इस मिलन में हमारे दिल भी मिल रहे थे , हमारी भावनाए जाग रही थी और हम एक दुसरे के प्रति खुद को समर्पित करते जा रहे थे , काजल ने अपने समर्पण का भाव मेरे होंठों में खुद के होंठों को डालकर दे दिया वो मुझसे लिपट कर सिसकियाँ लेने लगी थी , उसकी मादकता मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी मैंने उसे पकड़ना चाहा लेकिन मेरे हाथ बंधे हुए थे ,मेरा उतावलापन देख वो हलके हलके हँसाने लगी और खुद ही अपनी कमर हलके हलके हिलाने लगी , जैसे जैसे समय बीत रहा था उसकी भी सांसे तेज हो रही थी और वो अपने कमर को तेजी से चलाने लगी , उसकी सांसे बहत्त ही तेज हो गयी थी वही हाल मेरा भी था , वो बहुत ही तेजी से मेरे उपर उछल रही थी , हम दोनों ही उत्तेजना में मचलने लगे थे और हम दोनों एक ही साथ झरने लगे , मैं उसकी योनी को अपने वीर्य से भिगोने लगा था वो भी मेरा साथ देते हुए अपने रस को मेरे लिंग में छोड़ रही थी ..

ऐसा लगा जैसे उसके योनी के रस में भीगकर मेरा लिंग और भी पुष्ट हो गया हो , हम दोनों ही एक दूसरे के बांहों में सो गए थे ..



सुबह मेरी नीन्द फोन के घनघनाने से खुली

मैंने देखा की काजल मेरे बाजु में सोई हुई है और फोन की आवाज से उसकी नींद ही खुल चुकी थी , मेरे हाथो की हथकडिया निकाल दी गयी थी मैं उसे अपने बांहों में समेटे सो रहा था ,

“इतनी सुबह कौन मर गया , ढ़ंग से सोने भी नहीं देते “

वो हल्के स्वर में बुदबुदाई ,मैंने मुस्कुराते हुए फोन फोन उठा लिया

“क्या ??? कब ??? ओह , ओके मैं आता हु “

मेरी बात सुनकर काजल समझ चुकी थी की कुछ बड़ा हो गया है ,

“नीलम देवी ..”

मेरी बात सुनकर काजल उछल कर बैठ गई

“क्या हुआ नीलम देवी को “

“नीलम देवी ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली “

“क्या ???”

काजल के चहरे पर ऐसे भाव थे जैसे उसे अब भी मेरे बात पर भरोसा नहीं आ रहा हो

“ऐसा नहीं हो सकता ऐसा नहीं हो सकता “

काजल झुन्झुलाई मैंने काजल को सम्हाला वो रोते हुए मेरे बांहों में आ गई

“ऐसा नहीं हो सकता देव वो ऐसा कैसे कर सकती है “

मैं बिना कुछ बोले बस उसे सहला रहा था

नीलम देवी फिल्म इंडस्ट्री जानी मानी कलाकार थी , अपने ज़माने में उनकी अदाओ पर मरने वालो की लाइन लगी होती , काजल भी उनकी बहुत पड़ी फेन थी, नीलम देवी आजकल काम न मिलने के कारन परेशान थी और शहर से दूर अपने फॉर्म हाउस में रहती थी , मैं और काजल उन्हें पर्सनली भी जानते थे , काजल उनके लिए दीवानी थी, एक बार सिक्योरिटी के सिलसिले में हम मिले थे और तब से काजल और मैं उनसे अक्सर मिलते , हम उनसे मिलने उनके फॉर्म हाउस भी जाया करते , वो काजल को बहुत पसंद करती थी और अपनी बेटी की तरह प्यार देती ..

मुझे पता था की काजल के लिए उनकी कितनी अहमियत है ..

लेकिन मुझे वंहा जल्दी ही जाना था ये केस हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था और मेरी पूरी टीम वंहा पहुचने वाली थी

“मूझे जाना होगा काजल ..”

“मैं भी चलू ..??”

“तुम्हें वंहा कैसे ले जा सकता हु बेबी “

“प्लीज् जान , मैं उन्हें अंतिम बार देखना चाहती हु “

मैं सोच में पड़ गया था,

“ठीक है तुम मानिकलाल के साथ रहना शायद वो भी वही होगा “

मानिकलाल नीलम जी का भतीजा था और हमारा परिचित भी , हम दोनों ही वंहा से तेजी से निकले
Har bar ki tarha lazwab shuruat.Dr.saheb aap ki sari stories padi hai maine or ek bar nai do bar padi hai.main aapka die hard fan hu.is storie ko late padna shuru kia.aage dekhťe hai kajal or dev ke karname
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Lagta hai Dr sahab kahani mein itna kuch add kar diya hai ki ab khud sochne lage ki kahi galti to nahi ho gayi....
Maybe isiliye update dene mein deri kar rahe hai....
Shayad agle saal tak aa jaaye update
 
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Shikari_golu

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to kaha hai update.. :waiting: udhar Dr sahab bhi gayab

Lagta hai gaayab honr ka mousam hi chal raha hai...main bhi kal hi aaya...aur yaha dr gayab....:waiting1::wink:
 
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