Naina
Nain11ster creation... a monter in me
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Bas is election ke chalte participate karne walo ke bich karwahat na aa jaaye.. Baaki kajal agar participate karti to aag lag jaatitop pe kamdev99008 sahab hi rahenge ant tak...
Bas is election ke chalte participate karne walo ke bich karwahat na aa jaaye.. Baaki kajal agar participate karti to aag lag jaatitop pe kamdev99008 sahab hi rahenge ant tak...
Kar diya vote firefox brokaajal ki masti ke saath saath .. bhaiyo aur unki behno kirpya karke apne judge sahab urf kamdev99008 bhaiya ko vote dekar vijayi banaye ...
ये क्या लोचा हो गया डॉक्टर साहब।अध्याय 34‘कितना सोचती थी मैं की वो कैसा होगा , फोटो में तो बहुत ही हैण्डसम दिखाई देता है , वर्दी में तो कातिल ही लगता है , लेकिन मुझे क्या पता था की किस्मत मेरे साथ कुछ ऐसा भी मजाक करेगी …
पूर्वी नाम है उसका , फिर भी देव ने मुझसे शादी के लिए हां कर दिया , ये कैसे लड़के होते है जिन्हें प्यार तो करना है लेकिन उसे निभाने की हिम्मत उनमे नहीं होती , देव कहता है की वो पूर्वी से प्यार करता है लेकिन फिर भी उसे इतनी हिम्मत नही हुई की वो अपने घर वालो को शादी से मना कर पाए , आखिर मेरा कसूर क्या है ???
क्यों मुझे एक प्रेमी जोड़े के बीच यु नफरत की नजरो से देखा जा रहा है , क्यों पूर्वी मुझसे नफरत करती है , क्या उसे नहीं पता की गलती मेरी नहीं बल्कि उसके आशिक की है जो उसके प्यार का निर्वहन नहीं कर सकता , शायद पूर्वी उसे जिस्मानी सुख भी देती होगी , हा क्यों नहीं ??
ये सोचकर ही मेरे आँख गिले हो जाते ही की माँ बाप और समाज के प्रेशर में आकर मुझे ऐसे इंसान से शादी करनी पड़ेगी जो की मुझसे नहीं बल्कि किसी और से प्यार करता है …..’
पढ़ते हुए मेरे मेरा दिल बैठा जा रहा था , मैं अपनी डायरी पढ़ रही थी जिसे रॉकी ने मुझे पढने को कहा था
उसमे मुझे सबा के बारे में पता चला जो की मेरी सबसे अच्छी सहेली थी , उसमे मुझे पता चला की वो किसी रशीद नाम के लड़के से मोहोब्बत करती है और जल्द ही उसकी शादी भी होने वाली है , मुझे पता चला की रॉकी तब से मेरा दोस्त है जबसे मैं पहली बार शहर आई थी , अपने भाई के पास , हम दोनों ही बचपन के दोस्त थे , शायद वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था क्योकि जगह जगह पर उसी की बाते लिखी हुई थी , उसकी कुछ बाते पढ़कर मेरे चहरे में एक मुस्कान आ जाती , लेकिन वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं था क्योकि देव से शादी की बात मैंने सबसे पहले उसे ही बताई थी और वो भी खुश हुआ था , लेकिन अपने ही लेखनी से मुझे लग रहा था की शायद वो मुझसे प्यार करता है …
मैं आगे पढ़ते गई , उसमे रॉकी के दो दोस्तों का भी जिक्र था जो अधिकतर उसके साथ ही रहते थे ,
“आज मुझे वो दो लड़के फिर दिखे , रॉकी उनसे कुछ बाते कर रहा था , उसने उनका नाम मुझे आकृत और रंजित बताया था , ये दोनों उसके साथ काम करते है , लेकिन कौन सा काम ये वो मुझे कभी नहीं बताता .. एक चीज तो थी रॉकी और उसके दोस्तों की शारीरिक बनावट बहुत ही जबरदस्त थी , ऐसा लगता था जैसे कोई सोल्जर हो , बिलकुल ही कसा हुआ और तुस्त शरीर, रॉकी और रंजित जन्हा थोड़े बॉडी बिल्डर जैसे थे वही आकृत एक चोकलेटी बॉय जैसा था , वो मुझे देखकर मुस्कुराया क्या मुस्कान थी उसकी मैं तो फ़िदा ही हो गई , बहुत ही हेंडसम लड़का है आकृत, कास वो मेरा बॉयफ्रेंड होता …”
ये तब की बात थी जब मेरे घर वालो ने देव से मेरा रिश्ता नहीं किया था, आकृत का चहरा मुझे याद नहीं आ रहा था , लेकिन शायद वो बहुत सुन्दर होगा , मैंने मन में सोचा ..
अपनी डायरी पढ़ते हुए मैं आगे बढ़ रही थी लेकिन फिर मैं चौक गई ,क्योकि आगे के पन्ने गायब थे , किसी ने उन्हें फाड़ दिया था ….
आखिर मेरे डायरी के पन्ने किसने फाडे ???
मैंने इस बारे में सबा से बात की लेकिन उसे भी कुछ पता नहीं था , कई पेज फटे हुए थे …
यु मेरी याददास्त का चले जाना , मेरा इतना नशे में मिलना ,और देव का मेरे लिए ऐसा बर्ताव ये सब कुछ बड़ा ही अजीब था …
कभी कभी मुझे लगता की ये सब कही कोई साजिश तो नहीं ???
लेकिन मेरे जैसी एक आम सी लड़की के लिए कोई ऐसी साजिस क्यों करेगा ???
मैं अपने जीवन में बीजी होने लगी और बीती हुई चीजो पर ज्यादा दिमाग ना लगाते हुए मैं आगे की सोचने लगी , मैं देव से रिश्ता तोडना चाहती थी जिस तरह से वो मुझसे पेश आया था उसके बाद उसके साथ शादी करना मुर्खता ही होगी …
वो शाम का समय था मैं अपने कमरे में अकेले थी , मैं अपने ही घर में अनजानी सी हो गई थी , मैं अभी आराम करने गांव आ गई थी , यंहा मेरे घर वाले मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे , मेरी नजर अपने लेपटॉप पर पड़ी जिसे मैंने अभी तक नहीं खोला था , खोलते ही सामने पासवर्ड मांगने लगा ..
अब मेरे लिए मुस्किल ये थी की मुझे तो कोई पासवर्ड पता ही नहीं था , मैंने आंखे बंद की और की बोर्ड में अपनी उंगलिया चलाई …
मैं देख कर हैरान थी की वो पासवर्ड सही था , मैंने क्या दबाया है ये भी मुझे याद नहीं था , लेकिन शायद ये मेरी मसल मेमोरी थी ..
शायद बीते जीवन के कुछ सबुत मुझे मेरे लेपटॉप में मिल जाए इसी उम्मीद से मैं उसे देखने लगी , मैंने अपना ब्राउसर खोला तो मुझे उसमे अपना ईमेल पहले से लॉग इन मिला ,
कई फालतू के मेल आये हुए थे , लेकिन एक मेल ने मेरा ध्यान खिंचा ..
किसी विकाश सेठ का मेल था ,
“बधाई हो तुमने अपना चैलेंज पूरा किया , अब वादे के मुताबिक तुम्हे क्लू दिए जायेगे और तुम्हारे प्रतिद्वंदी ने भी चेलंज पूरा किया है इसलिए उसे उसके कहे मुताबिक क्लू दिए जायेंगे .. तुम्हारा पहला क्लू ये मेल ही है , कोई सवाल हो तो पूछ सकती हो मेरे मेसेज बॉक्स में तुम मुझसे चैट भी कर सकती हो …”
उसका मेल पढ़कर मेरे दिमाग का फ्यूज ही उड़ गया था आखिर ये क्या है , कैसा चैलेंज , और कौन प्रतिद्वंदी ???
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था , मैंने मेसेज बोक्स खोलकर उससे चैट करना शुरू कर दिया
“आखिर कैसा चेलेंज और कौन प्रतिद्वंदी ???”
मैंने बिना किसी भूमिका के सीधे ही प्रश्न दागे
थोड़ी ही देर में उधर से रिप्लाई भी आ गया
“आकृत मिश्रा , तुम्हारा प्रतिद्वंदी था , तुम दोनों को ही एक चेलेंज दिया गया था ताकि तुम उस पद की दावेदारी पेश कर सको “
आकृत मिश्रा तो रॉकी का दोस्त था , लेकिन वो मेर प्रतिद्वंदी कैसे हो गया ??
“आखिर किस चीज की दावेदारी ???”
मेरे दिल की धड़कने तेज हो चुकी थी
“वादे के मुताबिक तुम्हे हम समय समय पर ही क्लू देंगे एक साथ सभी चीजे नहीं बताई जा सकती “
विकाश के ऐसे बयान से मेरा गुस्सा तेज हो गया , आज मुझे पता चला की मैं इतने गुस्स्से वाली हु , ऐसा लगा जैसे कंप्यूटर में घुसकर उसे मार दू … मेरे दिमाग में कुछ हलचल सी भी होने लगी थी और सर में एक दर्द भी होने लगा था …
“मेरे प्रतिद्वंदी ने आखिर क्या माँगा था ?? अगर मुझे क्लू मिल रहे है तो उसे भी मिल रहे होंगे , और इसका मतलब है की मैंने खुद अपनी याददास्त मिटाई है ???”
गुस्से में आकर मैंने लिखा
उधर से कुछ देर ख़ामोशी ही रही
“हां , सही है , अभी तुम्हारे सर में थोडा दर्द हो सकता है , बाकि के क्लू तुम्हे खुद भी ढूंढने होंगे , क्योकि तुमने यही चुना था , इससे तुम अपने प्रतिद्वंदी से तेज हो सकती हो , क्योकि तुम्हारे प्रतिद्वंदी को कोई क्लू नहीं दिया जायेगा जब वक्त आएगा तो उसे सब कुछ एक साथ ही याद आ जायेगा … उसकी मेमोरी को भी आधी ही मिटाई गई है लेकिन उतनी की वो तुमसे मुकाबला नहीं कर पायेगा , इसलिए अब मुकाबला बराबर का होगा , तुम्हारे उपर है की तुम कितने जल्दी सब कुछ याद कर लो और उसे मात देकर वो पद अपने नाम में कर लो …”
मेरा दिमाग सच में घुमने लगा था , आखिर ये क्या हो रहा है मेरे साथ , आखिर मैं किसी पद के लिए इतनी भूखी कैसे हो गई की मैंने खुद की याददाश्त मिटा ली …कही ये मुझसे कोई मजाक तो नहीं कर रहा है ??
“लेकिन रिपोर्ट के अनुसार तो मेरा रेप भी हुआ था “
“वो रेप नहीं था वो तुमने अपनी मर्जी से ही सेक्स किया था , अपने बॉयफ्रेंड और अपने दोस्त के साथ “
इस बार तो मैं पूरी तरह से चौक गई , मैंने अपनी डायरी में कही किसी बॉयफ्रेंड का जिक्र नहीं किया था , और दोस्त में तो एक ही दोस्त था रॉकी … तो क्या मैं रॉकी के साथ ??? नहीं ऐसा कैसे हो सकता है …
“कौन ??”
उधर से कुछ हँसने वाले इमोजी आये
“मैंने पूछा कौन है मेरा बॉयफ्रेंड ??”
मैं गुस्से से लाल हुई जा रही थी
“आकृत मिश्रा …. तुम दोनों कपल थे और तुम्हारा दोस्त रॉकी , आखरी तुमने उन दोनों के साथ ही सेक्स किया था , लेकिन अफ़सोस अब ये बात ना तो तुम्हे पता है ना ही आकृत को , “
“लेकिन .. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है …???”
मेरा दिल और दिमाग दोनों ही पूरी तरह से झनझना चुके थे …
“बाय काजल , मेरे ख्याल से इतना इन्फोर्मेशन तुम्हारे लिए काफी होगा …. बाकि तुम खुद ही पता कर सकती हो ...तुम्हारे पास टाइम बहुत कम है लग जाओ काम पर “
इसके बाद भी मैं उसे मेसेज करते रही लेकिन उधर से कोई भी रिप्लाई नहीं आ रहा था , मेरा माथा गर्म हो चूका था ,आखिर रॉकी के साथ ???
और वो मुझे अपना दोस्त बोलता है ..??
मैंने तुरंत ही उसका नंबर मिला दिया वो ही एक था जो सच और झूठ को साफ़ कर सकता था ,
“हेल्लो काजल “
मेरा फोन आया देख वो बहुत खुश लग रहा था
“मुझे तुमसे मिलना है अभी …”
“लेकिन तुम तो गांव में हो ना “
“अभी निकलो मुझसे मिलने के लिए , वरना ..”
“वरना क्या ??”
उसने भी अकड में कहा
“साले तुझे वही आके मारूंगी “
पता नहीं कैसे लेकिन मैं गुस्से से काँप रही थी
मेरी बात सुनकर रॉकी हँस पड़ा जैसे वो बहुत खुश हो गया हो …
“आई लव यु मेरी जान , आखिर तुम अपने असली रूप में आ ही गई , मैं अभी निकलता हु “
ये रॉकी ने क्या कहा ??? मैं अपने असली रूप में आ गई ???
क्या मैं ऐसी ही हु , गुस्सेल ?? अभी तक अपनी डायरी पढ़कर मुझे कभी लगा नहीं था की मैं ऐसी हु , ना ही मेरे घर वालो ने मुझसे इस बारे में कोई बात की … खैर शायद मुझे अभी खुद के बारे में बहुत कुछ जानना है … और आकृत अगर वो भी अपनी याददास्त खो चूका है तो वो आखिर अभी कहा है ???
सभी का जवाब एक ही आदमी के पास मिल सकता था उसका मैं बेसब्री से इन्तजार कर रही थी … रॉकी ...
aur kitno ki memory loss hone wali hai ...... Sahi ghuma rahe ho dr. Sahab ..... Aacha update hai.अध्याय 34‘कितना सोचती थी मैं की वो कैसा होगा , फोटो में तो बहुत ही हैण्डसम दिखाई देता है , वर्दी में तो कातिल ही लगता है , लेकिन मुझे क्या पता था की किस्मत मेरे साथ कुछ ऐसा भी मजाक करेगी …
पूर्वी नाम है उसका , फिर भी देव ने मुझसे शादी के लिए हां कर दिया , ये कैसे लड़के होते है जिन्हें प्यार तो करना है लेकिन उसे निभाने की हिम्मत उनमे नहीं होती , देव कहता है की वो पूर्वी से प्यार करता है लेकिन फिर भी उसे इतनी हिम्मत नही हुई की वो अपने घर वालो को शादी से मना कर पाए , आखिर मेरा कसूर क्या है ???
क्यों मुझे एक प्रेमी जोड़े के बीच यु नफरत की नजरो से देखा जा रहा है , क्यों पूर्वी मुझसे नफरत करती है , क्या उसे नहीं पता की गलती मेरी नहीं बल्कि उसके आशिक की है जो उसके प्यार का निर्वहन नहीं कर सकता , शायद पूर्वी उसे जिस्मानी सुख भी देती होगी , हा क्यों नहीं ??
ये सोचकर ही मेरे आँख गिले हो जाते ही की माँ बाप और समाज के प्रेशर में आकर मुझे ऐसे इंसान से शादी करनी पड़ेगी जो की मुझसे नहीं बल्कि किसी और से प्यार करता है …..’
पढ़ते हुए मेरे मेरा दिल बैठा जा रहा था , मैं अपनी डायरी पढ़ रही थी जिसे रॉकी ने मुझे पढने को कहा था
उसमे मुझे सबा के बारे में पता चला जो की मेरी सबसे अच्छी सहेली थी , उसमे मुझे पता चला की वो किसी रशीद नाम के लड़के से मोहोब्बत करती है और जल्द ही उसकी शादी भी होने वाली है , मुझे पता चला की रॉकी तब से मेरा दोस्त है जबसे मैं पहली बार शहर आई थी , अपने भाई के पास , हम दोनों ही बचपन के दोस्त थे , शायद वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था क्योकि जगह जगह पर उसी की बाते लिखी हुई थी , उसकी कुछ बाते पढ़कर मेरे चहरे में एक मुस्कान आ जाती , लेकिन वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं था क्योकि देव से शादी की बात मैंने सबसे पहले उसे ही बताई थी और वो भी खुश हुआ था , लेकिन अपने ही लेखनी से मुझे लग रहा था की शायद वो मुझसे प्यार करता है …
मैं आगे पढ़ते गई , उसमे रॉकी के दो दोस्तों का भी जिक्र था जो अधिकतर उसके साथ ही रहते थे ,
“आज मुझे वो दो लड़के फिर दिखे , रॉकी उनसे कुछ बाते कर रहा था , उसने उनका नाम मुझे आकृत और रंजित बताया था , ये दोनों उसके साथ काम करते है , लेकिन कौन सा काम ये वो मुझे कभी नहीं बताता .. एक चीज तो थी रॉकी और उसके दोस्तों की शारीरिक बनावट बहुत ही जबरदस्त थी , ऐसा लगता था जैसे कोई सोल्जर हो , बिलकुल ही कसा हुआ और तुस्त शरीर, रॉकी और रंजित जन्हा थोड़े बॉडी बिल्डर जैसे थे वही आकृत एक चोकलेटी बॉय जैसा था , वो मुझे देखकर मुस्कुराया क्या मुस्कान थी उसकी मैं तो फ़िदा ही हो गई , बहुत ही हेंडसम लड़का है आकृत, कास वो मेरा बॉयफ्रेंड होता …”
ये तब की बात थी जब मेरे घर वालो ने देव से मेरा रिश्ता नहीं किया था, आकृत का चहरा मुझे याद नहीं आ रहा था , लेकिन शायद वो बहुत सुन्दर होगा , मैंने मन में सोचा ..
अपनी डायरी पढ़ते हुए मैं आगे बढ़ रही थी लेकिन फिर मैं चौक गई ,क्योकि आगे के पन्ने गायब थे , किसी ने उन्हें फाड़ दिया था ….
आखिर मेरे डायरी के पन्ने किसने फाडे ???
मैंने इस बारे में सबा से बात की लेकिन उसे भी कुछ पता नहीं था , कई पेज फटे हुए थे …
यु मेरी याददास्त का चले जाना , मेरा इतना नशे में मिलना ,और देव का मेरे लिए ऐसा बर्ताव ये सब कुछ बड़ा ही अजीब था …
कभी कभी मुझे लगता की ये सब कही कोई साजिश तो नहीं ???
लेकिन मेरे जैसी एक आम सी लड़की के लिए कोई ऐसी साजिस क्यों करेगा ???
मैं अपने जीवन में बीजी होने लगी और बीती हुई चीजो पर ज्यादा दिमाग ना लगाते हुए मैं आगे की सोचने लगी , मैं देव से रिश्ता तोडना चाहती थी जिस तरह से वो मुझसे पेश आया था उसके बाद उसके साथ शादी करना मुर्खता ही होगी …
वो शाम का समय था मैं अपने कमरे में अकेले थी , मैं अपने ही घर में अनजानी सी हो गई थी , मैं अभी आराम करने गांव आ गई थी , यंहा मेरे घर वाले मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे , मेरी नजर अपने लेपटॉप पर पड़ी जिसे मैंने अभी तक नहीं खोला था , खोलते ही सामने पासवर्ड मांगने लगा ..
अब मेरे लिए मुस्किल ये थी की मुझे तो कोई पासवर्ड पता ही नहीं था , मैंने आंखे बंद की और की बोर्ड में अपनी उंगलिया चलाई …
मैं देख कर हैरान थी की वो पासवर्ड सही था , मैंने क्या दबाया है ये भी मुझे याद नहीं था , लेकिन शायद ये मेरी मसल मेमोरी थी ..
शायद बीते जीवन के कुछ सबुत मुझे मेरे लेपटॉप में मिल जाए इसी उम्मीद से मैं उसे देखने लगी , मैंने अपना ब्राउसर खोला तो मुझे उसमे अपना ईमेल पहले से लॉग इन मिला ,
कई फालतू के मेल आये हुए थे , लेकिन एक मेल ने मेरा ध्यान खिंचा ..
किसी विकाश सेठ का मेल था ,
“बधाई हो तुमने अपना चैलेंज पूरा किया , अब वादे के मुताबिक तुम्हे क्लू दिए जायेगे और तुम्हारे प्रतिद्वंदी ने भी चेलंज पूरा किया है इसलिए उसे उसके कहे मुताबिक क्लू दिए जायेंगे .. तुम्हारा पहला क्लू ये मेल ही है , कोई सवाल हो तो पूछ सकती हो मेरे मेसेज बॉक्स में तुम मुझसे चैट भी कर सकती हो …”
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मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था , मैंने मेसेज बोक्स खोलकर उससे चैट करना शुरू कर दिया
“आखिर कैसा चेलेंज और कौन प्रतिद्वंदी ???”
मैंने बिना किसी भूमिका के सीधे ही प्रश्न दागे
थोड़ी ही देर में उधर से रिप्लाई भी आ गया
“आकृत मिश्रा , तुम्हारा प्रतिद्वंदी था , तुम दोनों को ही एक चेलेंज दिया गया था ताकि तुम उस पद की दावेदारी पेश कर सको “
आकृत मिश्रा तो रॉकी का दोस्त था , लेकिन वो मेर प्रतिद्वंदी कैसे हो गया ??
“आखिर किस चीज की दावेदारी ???”
मेरे दिल की धड़कने तेज हो चुकी थी
“वादे के मुताबिक तुम्हे हम समय समय पर ही क्लू देंगे एक साथ सभी चीजे नहीं बताई जा सकती “
विकाश के ऐसे बयान से मेरा गुस्सा तेज हो गया , आज मुझे पता चला की मैं इतने गुस्स्से वाली हु , ऐसा लगा जैसे कंप्यूटर में घुसकर उसे मार दू … मेरे दिमाग में कुछ हलचल सी भी होने लगी थी और सर में एक दर्द भी होने लगा था …
“मेरे प्रतिद्वंदी ने आखिर क्या माँगा था ?? अगर मुझे क्लू मिल रहे है तो उसे भी मिल रहे होंगे , और इसका मतलब है की मैंने खुद अपनी याददास्त मिटाई है ???”
गुस्से में आकर मैंने लिखा
उधर से कुछ देर ख़ामोशी ही रही
“हां , सही है , अभी तुम्हारे सर में थोडा दर्द हो सकता है , बाकि के क्लू तुम्हे खुद भी ढूंढने होंगे , क्योकि तुमने यही चुना था , इससे तुम अपने प्रतिद्वंदी से तेज हो सकती हो , क्योकि तुम्हारे प्रतिद्वंदी को कोई क्लू नहीं दिया जायेगा जब वक्त आएगा तो उसे सब कुछ एक साथ ही याद आ जायेगा … उसकी मेमोरी को भी आधी ही मिटाई गई है लेकिन उतनी की वो तुमसे मुकाबला नहीं कर पायेगा , इसलिए अब मुकाबला बराबर का होगा , तुम्हारे उपर है की तुम कितने जल्दी सब कुछ याद कर लो और उसे मात देकर वो पद अपने नाम में कर लो …”
मेरा दिमाग सच में घुमने लगा था , आखिर ये क्या हो रहा है मेरे साथ , आखिर मैं किसी पद के लिए इतनी भूखी कैसे हो गई की मैंने खुद की याददाश्त मिटा ली …कही ये मुझसे कोई मजाक तो नहीं कर रहा है ??
“लेकिन रिपोर्ट के अनुसार तो मेरा रेप भी हुआ था “
“वो रेप नहीं था वो तुमने अपनी मर्जी से ही सेक्स किया था , अपने बॉयफ्रेंड और अपने दोस्त के साथ “
इस बार तो मैं पूरी तरह से चौक गई , मैंने अपनी डायरी में कही किसी बॉयफ्रेंड का जिक्र नहीं किया था , और दोस्त में तो एक ही दोस्त था रॉकी … तो क्या मैं रॉकी के साथ ??? नहीं ऐसा कैसे हो सकता है …
“कौन ??”
उधर से कुछ हँसने वाले इमोजी आये
“मैंने पूछा कौन है मेरा बॉयफ्रेंड ??”
मैं गुस्से से लाल हुई जा रही थी
“आकृत मिश्रा …. तुम दोनों कपल थे और तुम्हारा दोस्त रॉकी , आखरी तुमने उन दोनों के साथ ही सेक्स किया था , लेकिन अफ़सोस अब ये बात ना तो तुम्हे पता है ना ही आकृत को , “
“लेकिन .. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है …???”
मेरा दिल और दिमाग दोनों ही पूरी तरह से झनझना चुके थे …
“बाय काजल , मेरे ख्याल से इतना इन्फोर्मेशन तुम्हारे लिए काफी होगा …. बाकि तुम खुद ही पता कर सकती हो ...तुम्हारे पास टाइम बहुत कम है लग जाओ काम पर “
इसके बाद भी मैं उसे मेसेज करते रही लेकिन उधर से कोई भी रिप्लाई नहीं आ रहा था , मेरा माथा गर्म हो चूका था ,आखिर रॉकी के साथ ???
और वो मुझे अपना दोस्त बोलता है ..??
मैंने तुरंत ही उसका नंबर मिला दिया वो ही एक था जो सच और झूठ को साफ़ कर सकता था ,
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मेरा फोन आया देख वो बहुत खुश लग रहा था
“मुझे तुमसे मिलना है अभी …”
“लेकिन तुम तो गांव में हो ना “
“अभी निकलो मुझसे मिलने के लिए , वरना ..”
“वरना क्या ??”
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पता नहीं कैसे लेकिन मैं गुस्से से काँप रही थी
मेरी बात सुनकर रॉकी हँस पड़ा जैसे वो बहुत खुश हो गया हो …
“आई लव यु मेरी जान , आखिर तुम अपने असली रूप में आ ही गई , मैं अभी निकलता हु “
ये रॉकी ने क्या कहा ??? मैं अपने असली रूप में आ गई ???
क्या मैं ऐसी ही हु , गुस्सेल ?? अभी तक अपनी डायरी पढ़कर मुझे कभी लगा नहीं था की मैं ऐसी हु , ना ही मेरे घर वालो ने मुझसे इस बारे में कोई बात की … खैर शायद मुझे अभी खुद के बारे में बहुत कुछ जानना है … और आकृत अगर वो भी अपनी याददास्त खो चूका है तो वो आखिर अभी कहा है ???
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Take care and have a productive and healthy life.....Dosto samay ki kami ke karan main aage likh pane me abhi asmarth hu ...
Ja kabhi samy milega to story aage badhaunga..
Kripiya abhi updates ka intjaar na kare...
Sabhi dosto ko hui asuvidha ke liye mafi chahunga....
Koi na dr.sir intezaar bi karlenge.par jab tak storie puri na ho jaye apka picha thori na chodengeDosto samay ki kami ke karan main aage likh pane me abhi asmarth hu ...
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